चंपावत में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की घटना पर राज्यपाल ने आख्या मांगी
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। उत्तराखंड के राज्यपाल डा0 अज़ीज़ कुरैशी ने, चंपावत में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान जिला पंचायत सदस्य (महिला) के साथ की गई अभद्रता के संदर्भ में उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट द्वारा दूरभाष पर की गई शिकायत का गंभीर संज्ञान लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को तत्काल आदेशित किया है कि इस सम्पूर्ण घटनाक्रम को आपातकाल मानते हुए प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट (कल) गुरूवार सायं तक मांगी है। दिल्ली प्रवास पर होने के कारण राज्यपाल द्वारा ये आदेश दिल्ली कैम्प कार्यालय से कल देर रात में जारी किए गए। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष श्री अजय भट्ट द्वारा बताये गए घटनाक्रम को इंसानियत के लिए घृणित, शर्मनाक और दुखद् बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जायंे। राज्यपाल डा0 अज़ीज़ कुरैशी को श्री अजय भट्ट द्वारा विगत सायं दूरभाष पर अवगत कराया था कि चंपावत में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने के उद्देश्य से एक महिला जिला पंचायत सदस्य के साथ मारपीट एवं जोर-जबरदस्ती की गई जिसे मौके पर मौजूद प्रशासन, जनसामान्य, कतिपय समाचार चैनल्स व प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी देखा, जिसे कुछ चैनल्स ने प्रसारित भी किया।
टिहरी व चमोली में पंचायत अध्यक्ष चुनाव पर जांच के निर्देश
देहरादून 6 अगस्त,(निस)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी सफलता मिली है। ग्राम प्रधानों से लेकर, ब्लाक प्रमुख तथा जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर कांग्रेस पार्टी से जुडे हुए तथा कांग्रेस विचारधारा के अधिकांष लोगों को विजय प्राप्त हुई है। मात्र दो जिला पंचायतों टिहरी गढ़वाल एवं चमोली को छोडकर बाकी सभी 10 जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर कांग्रेस पार्टी के लोग निर्वाचित हुए है। कांगे्रस पार्टी ने इन दो जिलो में अपेक्षित सफलता न मिलने को गम्भीरता से लते हुए प्रदेष अध्यक्ष श्री किषोर उपाध्याय द्वारा जनपद टिहरी गढ़वाल एवं चमोली में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर कांग्रेस विचारधारा में विष्वास रखने वाले उम्मीदवारों की हार के कारणों का पता लगाने के लिए तीन-तीन सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया गया है। यह जानकारी देते हुए प्रदेष कांग्रेस मीडिया समन्वयक सुरेन्द्र सिंह आर्य ने बताया कि इस कमेटी में वरिश्ठ कांग्रेसजनों को षामिल किया गया है, इस हेतु जनपद चमोली में पूर्व सांसद श्री महेन्द्र सिंह पाल, श्री योगेन्द्र खण्डूरी एवं श्री राजपाल बिश्ट तथा टिहरी गढ़वाल में पूर्व सांसद श्री प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन एवं श्री अर्ये्रन्द्र षर्मा को दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने बतया कि कमेटी हार के कारणों की छानबीन कर 15 दिन के अन्दर अपनी रिपेार्ट प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष को देगी। कमेटी की रिपेार्ट के आधार पर यदि कहीं पर पार्टी के किसी वरिश्ठ नेता की संलिप्तता पाई गई तो उनके विरूद्ध पार्टी अनुषासनात्मक कार्रवाई करेगी।
विजय तिलक यात्रा का मुख्यमंत्री ने किया समापन
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। बुद्धवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर अतिथि गृह में जिला कांग्रेस सेवा दल, हरिद्वार द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री विजय तिलक यात्रा का विधिवत समापन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सेवा दल के कार्यकर्ताओं को मिठाई भी खिलाई। मुख्यमंत्री ने सेवा दल के कार्यकर्ताओं से इस विजय यात्रा को सेवा यात्रा में बदलने व राज्य सरकार की विकासपरक योजनाओं व जनहित में लिये गये निर्णर्यों की जानकारी जन-जन तक पहुॅचाने का आग्रह किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार व सेवा दल के कार्यकर्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
उत्तराखण्ड की पौराणिक, आध्यात्मिक संस्कृति के विकास पर भी ध्यान देंः मुख्यमंत्री
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत से उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष डा. श्री कृष्ण सेमवाल ने भेंट की। उन्होंने संस्कृत अकादमी द्वारा किये जा रहे कार्याें की जानकारी मुख्यमंत्री श्री रावत को दी। मुख्यमंत्री ने संस्कृत अकादमी से संस्कृत भाषा के साथ ही उत्तराखण्ड की पौराणिक, आध्यात्मिक संस्कृति के विकास पर भी ध्यान देने की अपेक्षा की। इस अवसर पर अकादमी के सचिव डा. सुरेश चरण बहुगुणा, संस्कृत शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक डा. वाचस्पति मैठाणी आदि उपस्थित थे।
निशंक ने गंगा के कटाव से संकट में आये गांवों का मुद्दा उठाया
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। डा0 निशंक द्वारा लोकसभा में नियम 377 के तहत किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि ंउत्तराखण्ड राज्य में किसान परेशान है, कुछ गन्ना किसानों को दो-दो वर्ष से गन्ने का भुगतान न मिलने से वह भूखमरी के कगार पर है। अपने ही पैसे के लिए उसे ंउत्तराखण्ड सरकार के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। परिवार में बेटी की शादी-ब्याह इत्यादि के लिए ऊॅंची दरों पर उसे कर्ज लेना पड़ रहा है। इधर हरिद्वार के दर्जनों गाॅंवों सहित उत्तराखण्ड के अनेक किसानों के खेत-खलिहान अतिवृष्टि और गंगा के तटबंध टूटने के कारण बर्बाद हो गये हैं, फसलें नष्ट हो गयी। अभी तक दो-तीन वर्षों में वहां पर इन तटबंधों को न बनाया गया है और न बुरी तरह प्रभावित इन किसानों को जो बेघर हो गये उन्हें सहायता ही दी गयी है। फसल का मुआवजा न दिया जाना राज्य सरकार की नितांत संवेदनहीनता और भारी लापरवाही को दर्शाती है। उन्होने कहा इधर राज्य में किसानों को समय पर यूरिया और खादों का न मिलना, उन्नत किस्म के बीजों का न मिलना तथा धान व गेहूॅं की फसल का समर्थित मूल्य के क्रय केन्द्रों की स्थापना न होना व कम ब्याज वाले ऋण किसान को न मिल पाने से स्थिति की गंभीरता और भी बढ़ गयी है। किसान चैराहे पर खड़ा है। अतः तत्काल प्रभाव से गंगा के कटाव से खेत और गांवों को बचाने, किसान का लंबित भुगतान ब्याज सहित तुरंत कराने एवं केन्द्र सरकार द्वारा मिलने वाली हर सुविधा को किसानों को सुनिश्चित कराने की मैं सरकार से मांग करता हूॅं।
पंचायत चुनाव में भी भाजपा को जबर्दस्त झटका, गुटबाजी के कारण खिसक रहा है पार्टी का जनाधार
देहरादून,6 अगस्त (राजेन्द्र जोशी)।ब्लाॅक प्रमुखों के चुनाव के बाद भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में भी मुंह की खानी पड़ी है। लोकसभा चुनाव के बाद लगातार भाजपा को मिल रही पटकनी से पार्टी के जनाधार पर भी असर पड़ने लगा है। पार्टी के पास हार को लेकर मंथन के सिवाय कुछ चारा नहीं बचा है। पार्टी की हार के पीछे एकता का न होना और गुटबाजी को मुख्य कारण माना जा रहा है। प्रदेश संगठन से लेकर जिला संगठन पंचायत चुनावों में सक्रियता दिखाता तो आज भाजपा को मुंह छुपाना नहीं पड़ता। जिले की तीनों ब्लाॅकों से पत्ता साफ होने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद भी कांग्रेस की झोली में चले जाने से भाजपा संगठन कोमा जैसी स्थिति में चला गया है। पार्टी की हार के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। ब्लाॅक प्रमुखों के चुनाव में जिस तरह से गुटबाजी देखी गई, उससे पार्टी की हार तय मानी जा रही थी। पार्टी पूरी तरह प्रमुख के चुनाव में बंटी नजर आई। जिला पंचायत के चुनाव में भी भाजपा सबक नहीं ले पाई। रुद्रप्रयाग में जिला पंचायत की 18 सीटें हैं। जिसमें से 17 सदस्यों ने मतदान किया। सौंरा-जवाड़ी क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य आशा डिमरी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए अपने मत का प्रयोग न करने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। पार्टी में उनकी उपेक्षा को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। दरअसल, पूरे जिले में भाजपा से अधिकृत प्रत्याशी आशा डिमरी ही चुनाव जीतकर आई थी। बाकी सभी 17 प्रत्याशी चुनाव हार गए थे। ऐसे में अध्यक्ष पद के लिए सबसे पहले उनकी ही दावेदारी बनती थी। आम जनता और कार्यकर्ता मानकर चल रहे थे कि भाजपा से अध्यक्ष का टिकट श्रीमती डिमरी को मिलना तय है। लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर कालीमठ सीट से निर्दलीय चुनाव जीती संगीता नेगी को अध्यक्ष का टिकट थमा दिया। जबकि संगीता ने पार्टी अधिकृत प्रत्याशी अंजना रावत को चुनाव हराया था। संगीता का भाजपा से दूर-दूर से ताल्लुक न होने के बावजूद उन्हें टिकट दिया जाना किसी के भी गले नहीं उतरा। उपाध्यक्ष पद भी भाजपा ने बागी होकर चुनाव जीते महावीर पंवार को टिकट दिया। भाजपा से ताल्लुक रखने वाले सात सदस्य चुनाव जीतकर आए थे। इसके बावजूद तीन सदस्य कांग्रेस के खेमे में चले गए। पार्टी चाहती तो इन्हें अपने पाले में कर सकती थी, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। ये सभी सदस्य एक छतरी के नीचे आकर एकजुटता से काम करते तो जिला पंचायत में भाजपा का दबदबा हो सकता था। कुल मिलाकर पार्टी अपने ही घर के सदस्यों को एक नहीं कर पाई। यहीं से पूरी गणित खराब हो गई। जिसका परिणाम आज सभी के सामने है। माना जा रहा है कि भाजपा से आशा डिमरी को अध्यक्ष पद के लिए अधिकृत किया जाता तो कम से कम पांच सदस्य कांग्रेस के पाले में नहीं जाते। खास बात यह है कि पिछले माह गढ़वाल सांसद मेजर जनरल (अप्रा) बीसी खंडूड़ी के सम्मुख एक पूर्व मंत्री ने साफ कहा था कि उनकी बदौलत पार्टी के ही तीन बागी सदस्य चुनाव जीतकर आए हैं। लेकिन इसमें से भी एक सदस्य कांग्रेस की झोली में चला गया। प्रदेश संगठन ने भी पंचायत चुनाव को हल्के में लिया। मंडल और जिला संगठन में भी तालमेल न होने के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। सदस्यों के टिकट बंटवारे के बाद से ही मंडल और जिला संगठन बिखर सी गई थी। यही नहीं पार्टी ने चुनाव में ऐसे व्यक्ति को पर्यवेक्षक बनाया, जिसकी छवि विवादित नेता के रुप में रही। प्रदेश के किसी साफ छवि के वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक बनाया जाता तो तस्वीर कुछ और भी हो सकती थी। ऐसे कई कारण रहे, जिस वजह से भाजपा को मंुह की खानी पड़ी। आगे भी सबक नहीं लिया तो पार्टी को और नुकसान झेलना पड़ सकता है। बहरहाल, भाजपा को अब अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए नए सिरे से मंथन शुरु करना होगा। पार्टी में गुटबाजी को हवा देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के साथ दूर पंक्ति में खड़े कार्यकर्ता को पार्टी में विशेष स्थान देना होगा। चूंकि 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। कार्यकर्ता एक नहीं हुए और धड़ेबाजी को दूर नहीं किया गया तो विधानसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ सकता है।
मुआवजे में हुई धांधली को लेकर प्रदर्शन
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। विगत वर्ष 16-17 जून को मंदाकिनी नदी में आई बाढ़ से अपना कारोबार खो देने वाले व्यापारियों को बांटे गये मुआवजे में हुई धांधली की जांच की मांग को लेकर बुधवार को अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र के व्यापारियों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखते हुए जुलूस-प्रदर्शन किया। व्यापारियों का कहना था कि ऐसे लोगों को आपदा पीडि़त व्यापारियों की सूची में रखा गया है, जिनका किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे व्यापारियों को मुआवजा देकर वास्तविक आपदा पीडि़त व्यापारियों के साथ अन्याय किया गया है। इस दौरान भारी संख्या में एकत्रित होकर व्यापारियों ने रामलीला मैदान अगस्त्यमुनि से पुरानादेवल तक जुलूस निकालकर भ्रष्टाचारी नेताओं का पुतला दहन किया। व्यापरियों ने खण्ड विकास अधिकारी डी एस मेहरा के माध्यम से राज्यपाल को भी ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में आपदा राहत के नाम पर हुए फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच कराने सहित व्यापारियों की पांच सूत्रीय मांगों पर अमल करने की मांग की गई। केदारघाटी संयुक्त व्यापार संषर्ष समिति के तत्वावधान में नगर क्षेत्र के व्यापरियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखें। इसके बाद रामलीला मैदान में एकत्रित होकर आपदा राहत के नाम पर चुंनिदा लोगों को दिए गए फर्जी मुआवजों को लेकर रोष जताया। वक्ताओं का कहना था कि दुकाने सही सलामत होने के बाद भी दुकानों को बहा दिखाकर भी मुआवजा हड़प लिया गया है। इस फर्जीवाड़े में गैर व्यापारी और सरकारी कर्मचारी तक शामिल हैं। जबकि कई ऐसे पीडि़त सूची से गायब है जो मुआवजे के हकदार थे। इस पूरी पक्रिया में कुछ बड़े नेताओं और अधिकारियों की शह पर काम किया गया है। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष डाॅ लक्ष्मण सिंह नेगी के अलावा राजेश बगवाड़ी, सचिव गिरीश करासी, उपाध्यक्ष अनूप सेमवाल, विजयकुमार, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल, पूर्व सयुक्त शिक्षा निदेशक रमेश चमोला, मेहरबान सिंह रौथाण आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।
डाप्लर रडार उत्तराखंड के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद डा रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड को डाप्लर रडार दिये जाने पर गृह मंत्री राजनाथ ंिसह का आभार जताते हुए कहा कि रडार के सर्वे में तेजी लायी जाए जिससे उत्तराखंड को आपदा से बचाया जा सके। लोक सभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि 1991 के भूकंप में उत्तरकाशी, चमोली तथा रूद्रप्रयाग में हजारो लोग मरे थे। 1998 में मालपा प्रकरण में 14 राज्यों के दर्जनों लोग मारे गए थे। केदारनाथ त्रासदी में चैबीस राज्यों के हजारों लोग मारे गए व हजारों अब तक लापता हैं। सैकड़ों परिवार खाक में मिल गए, लाखों अभी चैराहे पर हैं। सदन को जानकारी देते हुए डा. निशंक ने कहा कि यहां 65 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं। उत्तराखंड पूरे देश के पर्यावरण की पहली पाठशाला है जो गांव बर्बाद हो गए हैं आज तक उनका पुनर्वास नही हुआ है। वे भुखमारी के कगार पर हैं। डा. निशंक ने कहा कि हम शुरू से मांग करते आ रहे हैं कि डाप्लर रडार यदि होता तो कम से कम पांच घंटे पहले यह पता चल जाता है कि अमुक स्थान पर कितनी क्षमता वाला बादल फटेगा और वह कितनी क्षति कर सकता है। डा.निशंक ने कहा कि हरिद्वार गंगा के किनारे है जब नदियां उफनती हुई निकलती हैं तो हरिद्वार, लक्सर के दर्जनों गांव डूब जाते हैं। पिछले तीन वर्षों से गन्ना किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए जहां हमें डाप्लर रडार चाहिए वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन फोर्स की कंपनियां भी चाहिए। ताकि आपदा के समय प्रदेशवासियों की मदद कर सके। डा. निशंक ग्रीन बोनस की मांग करते हुए कहा कि वनों की संरक्षण के कारण जो असंतुलन हो रहा है। उसका संतुलन जरूरी है, गंगा का कटाव तटबंध तोड़ रहा है और कई गांव बर्बाद हो रहे हैं, गांव में रेत घुस जाता है, उसका समय-समय पर चुगान जरूरी है। सांसद हरिद्वार में किसानों के ऋण और वसूली का मामला उठाते हुए कहा कि किसानों को बैंकों से आर.सी. जा रही है। किसान जेल जा रहे हैं इसलिए इस पूरे क्षेत्र के लिए विशेष योजना बनाए जाने की जरूरत है ताकि पलायन कर रहे किसान और नौजवान को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विशेषकर हरिद्वार के लिए महत्वाकांक्षी योजना बनाई जाए ताकि अतिवृष्टि से लोगों को बचाया जा सके। उनका पुनर्वास किया जा सके और बेरोजगारी दूर की जा सके ताकि खेत खलिहान मकानों की रक्षा की जा सके।
बहनों को मिलेगी निशुल्क यात्रा सुविधा
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। प्रमुख निजी सचिव समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री के0के0मदान ने कहा कि आगामी 10 अगस्त, 2014 को भाई-बहनों के पवित्र पर्व रक्षाबन्धन के दिन प्रदेश की महिला बहनों के लिए राज्य की सीमा के अन्दर उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने पर किराये में शत-प्रतिशत की छूट प्रदान कर निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान कराये जाने की स्वीकृति का शासनादेश सुरेन्द्र राकेश परिवहन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार की संस्तुति के उपरान्त मुख्यमंत्री की स्वीकृति प्रदान होने पर जारी किया जा चुका है। उपरोक्त सुविधा विगत वर्ष भी प्रदान की गयी थी इससे राज्य की हजार महिलाओं को सुविधा प्राप्त होती है, इस सुविधा प्रदान किये जाने से परिवहन निगम को होने वाले अतिरिक्त व्ययभार की प्रतिपूर्ति परिवहन निगम को शासन द्वारा की जायेगी इसी के साथ मंत्री जी ने राज्य के सभी बहन-भाईयों को रक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें प्रदान की हैं।
स्वतंत्रता दिवस से राज्य में लागू होगी किसान पेंशन योजना
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। राज्य सरकार 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) से किसान पंेशन योजना लागू करेगी। इसके तहत किसानों को 800 रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी। इसका मकसद किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बुधवार को सचिवालय मे ंसभी जिलााधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत दिशा निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में खेती के प्रति घटते रूझान को दूर करने के लिए किसान पेंशन योजना लागू की जा रही है। इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जो खुद खेती करते हैं। प्रमख सचिव समाज कल्याण एस. राजू ने बताया कि जिन किसानों की आयु 60 वर्ष हो गई है और जिन्हें किसी तरह की पंेशन नहीं मिलती है, उन्हें प्रति माह पेंशन दिया जायेगा। उन्हांेने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जनपदों में 100-100 पात्र किसानों का चयन कर लें। 15 अगस्त को इन किसानों को किसान पेंशन देकर सभी जनपदों में योजना का शुभारम्भ करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पात्र लाभार्थियों के एकाउंट नम्बर और मोबाइल नम्बर भी फार्म पर भरवा लें। यदि उसके पास मोबाइल नहीं है तो परिवार के किसी सदस्य या ग्राम प्रधान का मोबाइल नम्बर लिया जा सकता है। ऐसा करने से हर महीने पेंशन की धनराशि लाभार्थी के खाते में चली जायेगी। मोबाइल पर एसएमएस एलर्ट भी जायेगा कि धनराशि खाते में जमा हो गई है। इसके अलावा मुख्य सचिव ने अल्मोड़ा, बागेश्वर और चमोली जनपद के जिलाधिकारियों से नंदा राजजात यात्रा के तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, निदेशक कृषि सीएस मेहरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कांगे्रस ने प्रत्याशी को जिताने के लिए सभी मर्यादायें तार-तार की: अजय भट्ट
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिस प्रकार अलोकतांत्रिक तरीके से जनपद चम्पावत में कांगे्रस पार्टी द्वारा अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए सभी मर्यादायें तार-तार कर दी गयीं तथा एक महिला जिला पंचायत सदस्य को घसीट कर अपने पक्ष में मतदान करने हेतु जबरदस्ती ले जाया गया और कई लोगों की कनपटी पर पिस्टल रख कर अपने पक्ष में मतदान कराया गया वह अति निन्दनीय है। इस घटना को समस्त राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक इलैक्ट्रिक चैनलों द्वारा अपने-अपने चैनलों में लगातार दिखाया गया जिससे प्रदेश की छवि धूमिल हुई है तथा यह घटना लोकतंत्र को शर्मशार करने वाली है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया उन्होने इस सम्बन्ध में प्रदेश के महामहिम श्री राज्यपाल से दूरभाष पर वार्ता कर अनुरोध किया कि स्वयं इस घटना का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्चस्तरीय जाॅच करायी जाय। यह सम्पूर्ण चुनाव सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग से प्रभावित किया गया है। यदि इस घटना की उच्चस्तरीय जाॅच नहीं करायी जाती है तो भारतीय जनता पार्टी प्रदेश व्यापी आन्दोलन करेगी। अजय भट्ट ने कहा कि जिस तरह से कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा एक सदस्य को हैलीकाप्टर में बिठाकर देहरादून से टिहरी मतदान करने के लिए ले जाया गया उसे स्पष्ट होता है कि सत्ता पक्ष द्वारा सभी नियम कानूनों को ताक पर रख तथा सत्ता एवं सरकारी धन का दुरूपयोग कर पंचायत चुनावों में अपने चहेतों को जिताने के लिए सभी प्रकार के हथकण्डे अपनाये गये। उन्होंने कहा कि यह हैलीकाप्टर किसके द्वारा मुहैया कराया गया और एक सदस्य के पास इतने धन की व्यवस्था कहाॅ से हुई कि वह एक मत पाने के लिए देहरादून से टिहरी तक हैलीकाप्टर की बुकिंग कर सके तथा सत्ता पक्ष के प्रदेश अध्यक्ष का साथ में जाना अपने-आप में प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है, इसी से स्पष्ट होता है कि सत्ता पक्ष द्वारा सरकारी धन का खुलेआम दुरूपयोग किया गया है, अतः इसकी उच्चस्तरीय जाॅच करायी जानी आवश्यक है। उन्होंने कहा यदि इसमंे किसी प्रकार का सरकारी धन का दुरूपयोग नहीं हुआ है तो कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष हैलीकाप्टर के भुगतान सम्बन्धित धन का विवरण सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि कांगे्रस के सत्ता में आने के बाद भू-माफियाओं, शराबमाफियाओं एवं खनन माफियाओं की पौ-बारह तो हो ही गयी थी अब प्रदेश में गैंगवार की घटनायें भी पुलिस की नाक की नीचे जेल के बाहर सरेआम हो रही हैं। यदि जेल जैसी अति संवेदनशील जगह जहाॅं कि जगह-जगह पर पुलिस की पैनी नजर होनी चाहिए थी, इस प्रकार की घटनायें होंगी तो प्रदेश के अन्य स्थानों में जनता की सुरक्षा के क्या हालात होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से आशंकित हैं। उन्होंने कहा जिस प्रकार प्रदेश में आये दिन चोरियाॅं, हत्यायें, डकैती एवं चैन स्नेचिंग की घटनायें हो रही हैं उससे उत्तराखण्ड जैसे शान्त प्रदेश की तुलना पश्चिमी उत्तर प्रदेश से की जाने लगी है। इन घटनाओं से स्पष्ट हो गया है कि कांगे्रस को प्रदेश की जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। सकारी धन का अपनेे ऐशो-आराम में उड़ाना ही कांगे्रस के नेताओं का काम रह गया है तथा आज प्रदेश का कोई रखवाला नहीं है, यह सिर्फ राम-भरोसे चल रहा है। भट्ट ने कहा कि प्रदेश में हो रहे अवैध खनन एवं खनन माफियाओं द्वारा प्रदेश में की जा रही अराजकता पर माननीय मुख्यमंत्री जी का खामोश रहना अपने-आप में बहुत कुछ बयां करता है क्योकि पूर्व में खनन माफियाओं द्वारा ग्रामीणों के ऊपर ताबड़तोड़ हमले किये गये और पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के ही खिलाफ एफ0आई0आर दर्ज करने के बावजूद भी मुख्यमंत्री द्वारा इस सम्बन्ध में किसी प्रकार की न तो कार्यवाही की गयी और न ही उन ग्रामीणों की सुध ही ली गयी। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की शह पर ही खनन माफियाओं द्वारा प्रदेश में अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है और प्रदेश की करोड़ों रूपये की सम्पदा को पानी की तरह बहाया जा रहा है।
एक जुलाई से राज्य में लागू हो गयी है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना: रविनाथ रामन
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को सम्पूर्ण राज्य में एक जुलाई से से लागू कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत विधिक प्राविधान के अनुसार सभी पात्र व्यक्तियों का चिन्हीकरण कर परिवार की वरिष्ठतम महिला सदस्य के नाम राशन कार्ड भी वितरित कर दिये गये हैं और खाद्यान्न भी वितरण किया जा रहा है। अपर सचिव खाद्य रविनाथ रामन ने बताया है कि भारत सरकार से प्राप्त पत्र दिनांक 04 अगस्त 2014 द्वारा यह सूचित किया गया है कि योजना का सम्पूर्ण कम्प्यूटरीकरण किये बगैर भारत सरकार राज्य सरकार को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं करायेगा। जबकि इस तरह की कोई बाध्यता राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अधिनियम में भी नहीं है। श्री रामन ने बताया कि भारत सरकार द्वारा माह जनवरी में इसी अधिनियम के अन्तर्गत जून माह तक का खाद्यान्न उपलब्ध भी करा दिया गया था, किन्तु राज्य के अनुरोध पर कि आगामी 03 माह तक पात्र परिवारों का चिन्हिकरण कर लिया जायेगा, और अधिनियमानुसार कार्ड वितरित कर दिये जायेगें। जून माह तक योजना को स्थगित रखने का अनुरोध किया गया था। इसी अधिनियम के अनुसार 01 जुलाई से इस शर्त को पूर्ण कर योजना लागू कर दी गई थी। किन्तु अब भारत सरकार की एक नई शर्त कि सम्पूर्ण राज्य में कम्प्यूटराईजेशन भी पूर्ण करें, तब तक भारत सरकार से इस अधिनियम के अन्तर्गत खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होगा। यह कहना सर्वथा अनुचित है, और अधिनियम की भावना के भी विपरीत है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार इस योजना को जारी रखने के लिये कटिबद्ध है। भारत सरकार का सहयोग प्राप्त न हो तो भी राज्य सरकार अपने स्तर से योजना लागू रखेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कम्पयूटराईजेशन में काफी कार्य कर लिया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार सम्पूर्ण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की कम्प्यूटरीकरण कर रही है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा अनुचित मांग कर इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ गरीब जनता तक पहुंचने में अनावश्यक बाधा उत्पन्न करायी जा रही है। अपर सचिव रामन ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं भी केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकर्षित करेंगे। विभाग को भी यह निर्देश दिये है कि अपने स्तर से भी भारत सरकार को पत्र लिखकर अधिनियम के भावना के अनुसार राज्य की जनता को उसका हक देने के लिये अनुरोध करें।
स्वतंत्रता दिवस से राज्य में लागू होगी किसान पेंशन योजना
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। राज्य सरकार 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) से किसान पंेशन योजना लागू करेगी। इसके तहत किसानों को 800 रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी। इसका मकसद किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इस सम्बंध में मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बुधवार को सचिवालय मे ंसभी जिलााधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत दिशा निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में खेती के प्रति घटते रूझान को दूर करने के लिए किसान पेंशन योजना लागू की जा रही है। इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जो खुद खेती करते हैं। प्रमख सचिव समाज कल्याण एस. राजू ने बताया कि जिन किसानों की आयु 60 वर्ष हो गई है और जिन्हें किसी तरह की पंेशन नहीं मिलती है, उन्हें प्रति माह पेंशन दिया जायेगा। उन्हांेने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जनपदों में 100-100 पात्र किसानों का चयन कर लें। 15 अगस्त को इन किसानों को किसान पेंशन देकर सभी जनपदों में योजना का शुभारम्भ करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पात्र लाभार्थियों के एकाउंट नम्बर और मोबाइल नम्बर भी फार्म पर भरवा लें। यदि उसके पास मोबाइल नहीं है तो परिवार के किसी सदस्य या ग्राम प्रधान का मोबाइल नम्बर लिया जा सकता है। ऐसा करने से हर महीने पेंशन की धनराशि लाभार्थी के खाते में चली जायेगी। मोबाइल पर एसएमएस एलर्ट भी जायेगा कि धनराशि खाते में जमा हो गई है। इसके अलावा मुख्य सचिव ने अल्मोड़ा, बागेश्वर और चमोली जनपद के जिलाधिकारियों से नंदा राजजात यात्रा के तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, निदेशक कृषि सीएस मेहरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कांगे्रस ने प्रत्याशी को जिताने के लिए सभी मर्यादायें तार-तार की: अजय भट्ट
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिस प्रकार अलोकतांत्रिक तरीके से जनपद चम्पावत में कांगे्रस पार्टी द्वारा अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए सभी मर्यादायें तार-तार कर दी गयीं तथा एक महिला जिला पंचायत सदस्य को घसीट कर अपने पक्ष में मतदान करने हेतु जबरदस्ती ले जाया गया और कई लोगों की कनपटी पर पिस्टल रख कर अपने पक्ष में मतदान कराया गया वह अति निन्दनीय है। इस घटना को समस्त राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक इलैक्ट्रिक चैनलों द्वारा अपने-अपने चैनलों में लगातार दिखाया गया जिससे प्रदेश की छवि धूमिल हुई है तथा यह घटना लोकतंत्र को शर्मशार करने वाली है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया उन्होने इस सम्बन्ध में प्रदेश के महामहिम श्री राज्यपाल से दूरभाष पर वार्ता कर अनुरोध किया कि स्वयं इस घटना का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्चस्तरीय जाॅच करायी जाय। यह सम्पूर्ण चुनाव सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग से प्रभावित किया गया है। यदि इस घटना की उच्चस्तरीय जाॅच नहीं करायी जाती है तो भारतीय जनता पार्टी प्रदेश व्यापी आन्दोलन करेगी। अजय भट्ट ने कहा कि जिस तरह से कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा एक सदस्य को हैलीकाप्टर में बिठाकर देहरादून से टिहरी मतदान करने के लिए ले जाया गया उसे स्पष्ट होता है कि सत्ता पक्ष द्वारा सभी नियम कानूनों को ताक पर रख तथा सत्ता एवं सरकारी धन का दुरूपयोग कर पंचायत चुनावों में अपने चहेतों को जिताने के लिए सभी प्रकार के हथकण्डे अपनाये गये। उन्होंने कहा कि यह हैलीकाप्टर किसके द्वारा मुहैया कराया गया और एक सदस्य के पास इतने धन की व्यवस्था कहाॅ से हुई कि वह एक मत पाने के लिए देहरादून से टिहरी तक हैलीकाप्टर की बुकिंग कर सके तथा सत्ता पक्ष के प्रदेश अध्यक्ष का साथ में जाना अपने-आप में प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है, इसी से स्पष्ट होता है कि सत्ता पक्ष द्वारा सरकारी धन का खुलेआम दुरूपयोग किया गया है, अतः इसकी उच्चस्तरीय जाॅच करायी जानी आवश्यक है। उन्होंने कहा यदि इसमंे किसी प्रकार का सरकारी धन का दुरूपयोग नहीं हुआ है तो कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष हैलीकाप्टर के भुगतान सम्बन्धित धन का विवरण सार्वजनिक करे। उन्होंने कहा कि कांगे्रस के सत्ता में आने के बाद भू-माफियाओं, शराबमाफियाओं एवं खनन माफियाओं की पौ-बारह तो हो ही गयी थी अब प्रदेश में गैंगवार की घटनायें भी पुलिस की नाक की नीचे जेल के बाहर सरेआम हो रही हैं। यदि जेल जैसी अति संवेदनशील जगह जहाॅं कि जगह-जगह पर पुलिस की पैनी नजर होनी चाहिए थी, इस प्रकार की घटनायें होंगी तो प्रदेश के अन्य स्थानों में जनता की सुरक्षा के क्या हालात होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से आशंकित हैं। उन्होंने कहा जिस प्रकार प्रदेश में आये दिन चोरियाॅं, हत्यायें, डकैती एवं चैन स्नेचिंग की घटनायें हो रही हैं उससे उत्तराखण्ड जैसे शान्त प्रदेश की तुलना पश्चिमी उत्तर प्रदेश से की जाने लगी है। इन घटनाओं से स्पष्ट हो गया है कि कांगे्रस को प्रदेश की जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। सकारी धन का अपनेे ऐशो-आराम में उड़ाना ही कांगे्रस के नेताओं का काम रह गया है तथा आज प्रदेश का कोई रखवाला नहीं है, यह सिर्फ राम-भरोसे चल रहा है। भट्ट ने कहा कि प्रदेश में हो रहे अवैध खनन एवं खनन माफियाओं द्वारा प्रदेश में की जा रही अराजकता पर माननीय मुख्यमंत्री जी का खामोश रहना अपने-आप में बहुत कुछ बयां करता है क्योकि पूर्व में खनन माफियाओं द्वारा ग्रामीणों के ऊपर ताबड़तोड़ हमले किये गये और पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के ही खिलाफ एफ0आई0आर दर्ज करने के बावजूद भी मुख्यमंत्री द्वारा इस सम्बन्ध में किसी प्रकार की न तो कार्यवाही की गयी और न ही उन ग्रामीणों की सुध ही ली गयी। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की शह पर ही खनन माफियाओं द्वारा प्रदेश में अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है और प्रदेश की करोड़ों रूपये की सम्पदा को पानी की तरह बहाया जा रहा है।
एक जुलाई से राज्य में लागू हो गयी है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना: रविनाथ रामन
देहरादून, 6 अगस्त,(निस)। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को सम्पूर्ण राज्य में एक जुलाई से से लागू कर दिया गया है। इसके अन्तर्गत विधिक प्राविधान के अनुसार सभी पात्र व्यक्तियों का चिन्हीकरण कर परिवार की वरिष्ठतम महिला सदस्य के नाम राशन कार्ड भी वितरित कर दिये गये हैं और खाद्यान्न भी वितरण किया जा रहा है। अपर सचिव खाद्य रविनाथ रामन ने बताया है कि भारत सरकार से प्राप्त पत्र दिनांक 04 अगस्त 2014 द्वारा यह सूचित किया गया है कि योजना का सम्पूर्ण कम्प्यूटरीकरण किये बगैर भारत सरकार राज्य सरकार को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं करायेगा। जबकि इस तरह की कोई बाध्यता राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अधिनियम में भी नहीं है। श्री रामन ने बताया कि भारत सरकार द्वारा माह जनवरी में इसी अधिनियम के अन्तर्गत जून माह तक का खाद्यान्न उपलब्ध भी करा दिया गया था, किन्तु राज्य के अनुरोध पर कि आगामी 03 माह तक पात्र परिवारों का चिन्हिकरण कर लिया जायेगा, और अधिनियमानुसार कार्ड वितरित कर दिये जायेगें। जून माह तक योजना को स्थगित रखने का अनुरोध किया गया था। इसी अधिनियम के अनुसार 01 जुलाई से इस शर्त को पूर्ण कर योजना लागू कर दी गई थी। किन्तु अब भारत सरकार की एक नई शर्त कि सम्पूर्ण राज्य में कम्प्यूटराईजेशन भी पूर्ण करें, तब तक भारत सरकार से इस अधिनियम के अन्तर्गत खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होगा। यह कहना सर्वथा अनुचित है, और अधिनियम की भावना के भी विपरीत है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार इस योजना को जारी रखने के लिये कटिबद्ध है। भारत सरकार का सहयोग प्राप्त न हो तो भी राज्य सरकार अपने स्तर से योजना लागू रखेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कम्पयूटराईजेशन में काफी कार्य कर लिया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार सम्पूर्ण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की कम्प्यूटरीकरण कर रही है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा अनुचित मांग कर इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ गरीब जनता तक पहुंचने में अनावश्यक बाधा उत्पन्न करायी जा रही है। अपर सचिव रामन ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं भी केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकर्षित करेंगे। विभाग को भी यह निर्देश दिये है कि अपने स्तर से भी भारत सरकार को पत्र लिखकर अधिनियम के भावना के अनुसार राज्य की जनता को उसका हक देने के लिये अनुरोध करें।