- 11-रविन्द्रपुरी स्थित श्रीराम भवन में अमित शाह पहनाएं अमली जामा, हाउस होगा 4000 स्क्वायर फुट का, 4 बड़े कमरे व एक हाल है, हाउस संचालन के लिए तेनात होंगे दो सीनियर आईएस
- बिहार व उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की रुपरेखा भी तैयार होगी मिनी पीएमओं हाउस से
- वल्र्ड सीटी हेरिटेज बनाने की घोषणा पहले ही किया जा चुका है
- अब ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले की तर्ज पर बनारस में भी झूला लगाने की हे योजना, कैंट रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण शुरु, हल्दिया से वाराणसी तक का गंगा वाटर ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट 2017 तक होगा तैयार
किसी के अच्छे दिन आएं या ना आएं, लेकिन तीनों लोकों में न्यारी धर्म एवं आध्यात्म की नगरी काशी के तो आ ही गए हैं। आएं भी क्यों न, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इलाका जो ठहरा। रायसीना रोड, नयी दिल्ली की तर्ज पर अब बनने वाले मीनी पीएमओं हाउस स्थापित किए जाने की तैयारियां अंतिम चरण में है। 20 अगस्त 2014 को इस मीनी पीएमओं हाउस को 11-रविन्द्रपुरी स्थित श्रीराम भवन में पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह स्वयं अमली जामा पहनाएंगे। यह हाउस 4000 स्क्वायर फुट में बनकर तैयार है। इसके अंतर्गत 4 बड़े कमरे व एक हाल है। इस मीनी पीएमओं हाउस को संचालित करेंगे सीनियर आईएस बीपी शर्मा व तन्मय मेहता। माना जा रहा है कि इसी हाउस से आगामी 2017 में होने वाले चुनाव की रुपरेखा भी तैयार होगी।
वाराणसी को वल्र्ड सीटी हेरिटेज बनाने की घोषणा पहले ही किया जा चुका है। अब ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले की तर्ज पर बनारस में भी झूला लगाने की तैयारी है। इसके रेलवे स्टेशन, सड़कों, बिजली, पानी, सीवर आदि की दशा सुधारने के लिए 300 करोड की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। यहां के रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद भी शुरु हो गयी है। इसके अंतर्गत कैंट स्टेशन के सकरुलेटिंग एरिया की चहारदीवारी भी ऊंची की जा रही है। प्रवेशद्वार से लेकर निकासी द्वार तक की दीवार दो-तीन दिनों में ऊंची कर दी जाएगी। हल्दिया से वाराणसी तक का गंगा वाटर ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट 2017 तक तैयार हो जाएगा। विश्व बैंक की टेक्निकल टीम के वाराणसी से कोलकाता का सर्वे भी कर चुकी है। प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम आगामी नवम्बर माह से शुरु किए जाने की योजना है। प्रथम चरण में करीब 1981 करोड़ तथा दूसरे चरण में 2782 करोड़ खर्च संभावित है। दोनों ही प्रोजेक्ट की 50-50 फीसदी राशि वहन करेंगे।
वल्र्ड हेरिटेज सीटी के लिए यूनेस्कों टीम ने बनारस की हर-गली मुहल्ले व हालात का जायजा लेने के बाद सर्वे रिर्पोट प्रधानमंत्री को सौंप दी गयी। गंगा के अविरल बहने व निर्मलीकरण के लिए दो हजार करोड़ रुपये का आवंटन हो चुका है। शहर की गड़बड़ हो चुकी सीवर व पेयजलापूर्ति को बेहतर बनाने की भी तैयारी है। योजना के अंतर्गत व्यावसायिक दृष्टि से गाजीपुर रोडद्व जौनपुर रोड, एनएच-2 बाईपास धनपालपुर व चुनार रोड पर 4 केप्द्र बनाएं जायेंगे। जबकि वाराणसी-गाजीपुर मार्ग से बलुआ घाट जानेे वाले मार्ग व पचकोशी मार्ग पर दो-दो, नरोत्तमपुर कला, कसौली, आशापुर -मुनासी मार्ग, वाराणसी-आजमगढ़ रोड के हरिबल्लमपुर गांव, वाराणसी-भदोही मार्ग के लखनपुरगांव,वाराणसी-इलाहाबाद मार्ग पर एक-एक उपकेन्द्र सहित कुल 11 उपकेन्द्र बनाएं जायेंगे। इसके अलावा कैंट से लंका तक 8 किमी,, कैंट से सारनाथ 9 किमी, डीएलडब्ल्यू से मुगलसराय तक 22 किमी व कचहरी से बाबतपुर तक 18 किमी भूमिगत यानी मेटो रेल चलाए जाने की योजना है।
सारनाथ कैंट रेलवे स्टेशन गोदौलिया पुराना तांगा स्टैंड, बेनियाबाग, डीएलडब्ल्यू व कचहरीकेपास पार्किंग स्थल तथा इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग, चुनार मार्ग, वाराणसी-सिंधौरा मार्ग, बनियापुर व ब्राहृमनपुर गांव में बस स्टैंडबनाएं जाने की योजना है। जलनिकासी व्यवस्था बेहतर करने के लिए सीवर व नाला निर्माण को मंजूरी दी गयी है। बुद्धिष्ट परिपथ वाराणसी-गोरखपुर 208 किमी, वाराणसी वाया जौनपुर-सुल्तानपुर 146 किमी व वाराणसी-गाजीपुर 110 किमी मार्ग को फोरलेन बनाने की भी मंजूरी हो गई है। पर्यटकों के लिए सुवेनेयर शाॅप यानी जहां यादगार सामान बिकते हो, और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टेड फैसिलिटेशन सेंटर भी स्थापित करने की योजना है। शिल्प म्यूजियम के लिए सारनाथ व राजातालाब में जमीन खोज ली गयी है। इसमें बुनकरों के कल्याण व हथकरघा क्षेत्र प्रोत्साहन के लिए व्यापार सुविधा केन्द्र व हैंडीक्रैफट म्यूजियम निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का प्राविधान है।
---सुरेश गांधी---