कांग्रेस ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह आरोप कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2013 में इंडोनेशिया के बाली में आयोजित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में किसानों के हितों का समर्पण कर दिया था, आश्चर्यजनक, गैरजिम्मेदाराना और दुष्प्रचार है।
कांग्रेस संसदीय दल के उपनेता आनंद शर्मा ने एक बयान में कहा, "शनिवार को भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान मोदी का डब्ल्यूटीओ में भारत की स्थिति पर बयान और यह दावा कि भाजपा सरकार ने ही देश के किसानों के हितों और भोजन के अधिकार की रक्षा की, हास्यास्पद, भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से अशुद्ध है।"
उन्होंने कहा कि संप्रग शासन के दौरान भारत ने सार्वजनिक भंडारण के लिए खाद्यान्न की खरीद एवं आजीविका के मुद्दे पर अमेरिका, यूरोपीय संघ एवं अन्य विकसित देशों के तीव्र विरोध के बावजूद न झुकने वाला रुख अपनाया था।
शर्मा ने कहा, "भारत इस मुद्दे पर एशिया, अफ्रीका, लातिन अमेरिका एवं कैरेबियाई देशों का वैश्विक गठबंधन बनाने में कामयाब रहा था। इससे विकसित देशों को पीछे हटना पड़ा और डब्ल्यूटीओ नियम को भारत ने बाली में विसंगतिपूर्ण और अन्यायी कहकर खारिज किया था उसके स्थायी समाधान तलाशने पर सहमत होना पड़ा था।"
उन्होंने कहा कि एक सहमति वाले स्थायी समाधान सामने आने तक डब्ल्यूटीओ में किसी भी चुनौती से खुद को और अन्य विकासशील देशों के लिए बचाव हासिल करने में भारत सफल रहा था।