राज्यसभा में सोमवार को मनोनीत सदस्य सचिन तेंदुलकर के अवकाश का अनुरोध करने वाले आवेदन पर जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में जैसे ही सचिन का आवेदन पेश किया गया, सदस्यों ने सदन से उनकी अनुपस्थिति का मुद्दा उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि सचिन ने 'व्यक्तिगत एवं पेशेवर व्यस्तताओं'तथा 'पारिवारिक अनिवार्यता'का जिक्र करते हुए सदन की बैठकों से अनुपस्थित रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
यह सदन की बैठकों में शामिल होने से छूट पाने के लिए आवेदन की सामान्य प्रक्रिया है और यह आम तौर पर सदस्यों को बिना किसी आपत्ति के दे दी जाती है। हालांकि, उपसभापति पी. जे. कुरियन ने जब सदन में सचिन का आवेदन पढ़कर सुनाया तो कुछ सदस्यों ने इस पर आपत्ति उठाई और हंगामा किया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, "वह (सचिन) दिल्ली आए, विज्ञान भवन गए, लेकिन सदन में नहीं आए। यदि कोई दिल्ली आता है और सदन की बैठकों में भाग नहीं लेता है तो इसका अर्थ है कि वह सदन का सम्मान नहीं करता।"उन्होंने कहा, "सचिन को यह बताने आवश्यकता है कि जब वह दिल्ली में थे तो वह सदन में क्यों नहीं पहुंचे।"
कुरियन ने हालांकि कहा कि सदस्यों से अवकाश मांगने वाले आवेदन पर चर्चा की उम्मीद नहीं की जाती। उन्होंने कहा, "विभिन्न कारणों से कई सदस्य सदन की बैठक से अनुपस्थित हैं। यह सभापति की जिम्मेदारी है कि उनकी अनुपस्थिति का कारण जाने। यह सदस्यों का काम नहीं है कि वह पूछें कि कोई सदस्य क्यों नहीं आ रहा?"सदन ने सचिन को अवकाश की अनुमति दे दी।