एक तरफ दुनिया इबोला वायरस के बढ़ते प्रकोप को थामने के लिए प्रयासरत है वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक सम्मेलन का आयोजन किया है जिसमें इसकी रोकथाम के लिए प्रायोगिक दवाओं के इस्तेमाल की रूपरेखा पर चर्चा होगी।
बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब पश्चिम अफ्रीका में इस समस्या से पीड़ित देश दहशत में हैं। फिलहाल इबोला के लिए कोई उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है और डब्ल्यूएचओ ने इस घातक वायरस के प्रसार को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपात स्थिति घोषित किया है। इस बिषाणु से संक्रमण के कारण मृतकसंख्या तेजी से बढ़ रही है और 1,000 पहुंच गयी है।
दुनियाभर के चिकित्सा विशेषज्ञ आज जमा हुए हैं और इबोला के प्रकोप जैसे आपातकाल में अनधिकृत दवाओं के इस्तेमाल के लिए रूपरेखा तय करने पर चर्चा करेंगे। अफ्रीका में इबोला पीड़ित व्यक्ति के साथ काम करते हुए संक्रमित हुए दो अमेरिकियों और एक स्पेनिश पादरी का इलाज जेडमैप नाम की दवा के साथ किया जा रहा है जिसका परीक्षण नहीं हुआ है लेकिन खबरों के मुताबिक इसके नतीजे अच्छे आये हैं।