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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (12 अगस्त)

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आखिर बौखला क्यों रहे हैं बहुगुणा, निजी स्वार्थों की खातिर राज्य हितों से कर रहे बहुगुणा खिलवाड़

vijay bahuguna
देहरादून,12 अगस्त (राजेंद्र जोशी)।सवा दो साल तक उत्तराखंड राज्य को एक घुन की तरह खोखला करने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। सत्ता से बेदखल होने के बाद से बहुगुणा बौखलाए से हैं और सूबे में अपने ही दल की सरकार को परेशान करने की जुगत में लगे हैं। हरिद्वार के तीन विधायकों को और वहां से जिलाध्यक्ष की ओर से सरकार को दी जा रही धमकी के मूल में भी बहुगुणा की सियायत मानी जा रही है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि निजी स्वार्थों की खातिर बहुगुणा आखिर कब तक उत्तराखंड के हितों से खिलवाड़ करते रहेंगे। 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद बहुगुणा ने अपनी बहन रीता बहुगुणा के 10 जनपथ से ताल्लुकातों का फायदा उठाया और दिल्ली के अन्य नेताओं से सैटिंग करके सीएम की कुर्सी पर काबिज हो गए। इसके बाद सवा दो साल तक सत्ता का सुख भोगते रहे। उस दौरान बहुगुणा सरकार पर तमाम गंभीर घोटालों के आरोप लगे। लेकिन बहुगुणा सत्ता की चमक के सहारे दिल्ली के नेताओं को मैनेज करते रहे। इतना ही नहीं प्रदेश प्रभारी चैधरी बीरेन्द्र सिंह के एक रिश्तेदार को राज्य में खनन का काम देकर वे उनसे जो चाहे करवाते रहे और राज्य में हो रही गड़बडियों की गतिविधियों की जानकारी आलाकमान तक से छिपायी जाती रही।  इस दौरान उनके पुत्र साकेत बहुगुणा सुपर सीएम के रुप में काम करते रहे। वहीं बेहद चर्चित एक अफसर ने पिता-पुत्र को सोने के सिक्कों की चमक दिखाई तो दोनों इस चमक में ही खोए रहे। आलम यह रहा कि केदारधाम में भारी तबाही भी तीन दिनों तक पिता-पुत्र को नहीं दिखाई दी।क्योंकि उन दिनों ये दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जन्म दिवस समारोह में थे। आपदा के बाद पानी सिर से ऊपर जाता देख कांग्रेस हाईकमान ने बहुगुणा को सत्ता से बेदखल कर दिया और हरीश रावत को सूबे की कमान सौंप दी। इसके बाद से ही बहुगुणा बौखलाए हुए हैं। बहुगुणा के कार्यकाल में तय हुए तमाम सौदों को हरीश ने अंजाम तक नहीं पहुंचने दिया। इससे बहुगुणा प्रतिशोध पर आमादा हो गए हैं। उनकी तरफ से सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। कभी कैबिनेट में अपने सिपहसालार को शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं तो कभी पीडीएफ के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। इतना ही नहीं अपने कारनामों को भूलकर हरीश सरकार के खिलाफ हाईकमान के पास चक्कर लगा रहे हैं। ताजा मामला हरिद्वार के तीन विधायकों और कांग्रेस जिलाध्यक्ष का है। इन सभी ने सीएम को एक चेतावनी भरा खत भेजा है। इस खत की भाषा बेहद आपत्तिजनक है। इसमें कहा गया कि उनके क्षेत्र में अफसरों की तैनाती उनकी मर्जी के बिना न की जाए। सवाल यह है कि ऐसे में सरकार कैसे चलेगी। अगर विधायकों की मर्जी से ही अफसरों की तैनाती की जाएगी तब तो हरीश रावत चला चुके सरकार। अगर बात पत्र लिखने तक ही सीमित रहती तब भी माना जा सकता था कि विधायकों ने गुस्से में लिख दिया होगा। लेकिन पत्र भेजने से पहले ही इसे मीडिया में बकायदा प्रेस कांफ्रेस करके जारी किया जाना साफ इशारा करता है कि इसका मकसद केवल और केवल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश ही है। सियासी गलियारों चर्चा है कि यह काम भी बहुगुणा की शह पर किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बहुगुणा की कोशिश है कि हरीश पर दबाव बनाकर राज्यसभा की खाली सीट पर कब्जा जमा लिया जाए। जाहिर है कि बहुगुणा को केवल अपने स्वार्थ ही दिखाई दे रहे हैं, उन्हें न तो राज्य की चिंता है और न ही इस देवभूमि की जनता की।

सीएम ने केन्द्र से मांगे 400 करोड़ 

देहरादून,12 अगस्त(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चीनी मिलों के नए पेराई सत्र 2014-15 से पहले गन्ना किसानों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए भारत सरकार से विशेष पैकेज घोषित करते हुए उŸाराखण्ड को 400 करोड़ रूपए की विŸाीय सहायता दिए जाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने पत्र में कहा कि एक ओर बड़ी मात्रा में पेराई सत्र 2013-14 के सापेक्ष गन्ना मूल्य राशि किसानों को भुगतान करने के लिए बकाया है, तो दूसरी ओर चीनी मिलों की चीनी विक्रय न हो पाने की विषम परिस्थितियां लगातार बनी हुई हैं। राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर कई रियायतें व सुविधायें दी हैं तथा पूर्व में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज का लाभ भी चीनी मिलों द्वारा उठाया गया है, तथापि ये प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कृषकों का देय बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने एवं चीनी मिलों की वर्तमान विषम वित्तीय/आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत अतिरिक्त पैकेज घोषित किये जाने की महती एवं तत्काल आवश्यकता बताते हुए दो माह बाद प्रारम्भ होने वाले नये पेराई सत्र 2014-15 से पूर्व भारत सरकार की ओर से एक विशेष आर्थिक/वित्तीय पैकेज तत्काल घोषित व क्रियान्वयन करने के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य को 400 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता दिये जाने का अनुरोध किया है।

संस्कृत आत्मा से निकली भाषा: रावत

देहरादून,12 अगस्त(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि संस्कृत आत्मा से निकली भाषा है। इसे शक्ति प्रदान की करने की आवश्यकता है। नगर निगम, देहरादून के परिसर में संस्कृत शोभयात्रा का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि इससे संस्कृत के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने शोभा यात्रा को संस्कृत विकास यात्रा में परिवर्तीत करने का आह्वान किया। राज्य सरकार भी इसके लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि संस्कृत को प्रोत्साहित करने के लिए उनके द्वारा संस्कृत शिक्षा विभाग अलग से बनाया गया है। कर्मकांडी पुरोहितों को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्राप्त करने के पात्रों में शामिल किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित संस्कृत शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी से उन्होंने संस्कृत की उन्नति के लिए 10 वर्षीय कार्ययोजना बनाने को कहा। संस्कृत शिक्षा विभाग को भी सुदृढ़ किया जाए। इसमें राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के बदलते दौर में भावनाओं को आर्थिकी से जोड़े बिना सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है। इसलिए संस्कृत को आजीविका से जोड़ना होगा। सीएम ने कहा कि संस्कृत हमारी परम्परा है, इसका पूरी तरह सरकारीकरण किया जाना भी उचित नहंी है। संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों की दशा सुधारने के लिए योजना बनाकर काम करना होगा। संस्कृत शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में विश्वस्तरीय विशाल सम्मेलन आहूत किया जाएगा। संस्कृत शिक्षा पढ़ने वालों  के भविष्य को सुरक्षित किए जाने पर बल देना होगा। इस अवसर पर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, शोभायात्रा के संयोजक डा.वाचस्पति मैठाणी, श्रीकृष्ण सेमवाल, महावीर अग्रवाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

कागज से निर्मित राष्ट्रीय ध्वज का हो प्रयोग

देहरादून,12 अगस्त(निस)। महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर प्लास्टिक से निर्मित राष्ट्रीय ध्वजों के प्रयोग पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाते हुए उत्तराखण्ड शासन द्वारा ऐसे प्रत्येक अवसरों पर भारतीय झंडा संहिता के प्राविधानों के अनुरुप, शासकीय कार्मिकों एवं जनता द्वारा केवल कागज से निर्मित राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग करने के निर्देश दिये गये हैं। सचिव सामान्य प्रशासन सी.एम.एस.बिष्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार झण्डारोहण समारोह के बाद कागज निर्मित राष्ट्रीय ध्वज को न तो विकृत किया जाय और न ही इधर-उधर जमीन पर फेंका जाय, बल्कि ऐसे राष्ट्रीय ध्वजों का निर्दान एकांत में पूर्ण मर्यादा के साथ किये जाने का आह्वान किया गया है। महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर प्लास्टिक से निर्मित राष्ट्रीय ध्वजों का प्रयोग किया जाता रहा है और समारोह की समाप्ति के पश्चात इधर-उधर फेंक दिया जाता है, जिससे भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा तो प्रभावित होती ही है साथ ही प्लास्टिक से निर्मित राष्ट्रीय ध्वज सरलता से अपघटित न होने से पर्यावरण के लिए भी नुकसान दायक होते हैं। इससे भारतीय झंडा संहिता, 2002 एवं राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के प्राविधानों का भी उल्लंघन होता है। भारत सरकार द्वारा भी इस संबंध में ऐसी स्थिति से बचने के लिए आवश्यक कदम सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा की गयी है। इन निर्देशों का उल्लंघन किये जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों, संस्थाओं, संगठनों एवं व्यक्ति विशेष के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्राविधान है। श्री बिष्ट द्वारा अपील की गई है कि इसके लिए व्यापक स्तर पर व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान भी संचालित किये जाय।

बंसत विहार क्षेत्र में हैंड ग्रिनेड मिलने से हड़कंप

देहरादून,12 अगस्त(निस)। बंसत विहार थाना क्षेत्र में एक डमी हैंड ग्रिनेड मिलने से हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस, बम निरोधक दस्तें के साथ मौके पर पहंुची और जांच पड़ताल के बाद बम को कब्जें ले लिया। जानकारी के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली कि बंसत विहार क्षेत्र के गोरखपुर चैक क्षेत्र में एक बम पड़ा हुआ है। बम मिलने की सूचना से पुलिस प्रशासन में हड़कपं मच गया आनन-फानन में पुलिस के कई अधिकारी और कई थाना क्षेत्रों की पुलिस मौके पर पहुंची। इसकी सूचना पुलिस को क्षेत्र के कुछ लोगों द्वारा दी गयी थी। क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान सड़क खोद रहे मजदूरों ने यहंा एक बमनुमा चीज देखी थी तो उनके होश उड़ गए। उन्होने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस द्वारा जब जांच शुरू की गयी तो पता चला कि यह आर्मी की टेªनिग के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाला एक डमी हैंड ग्रिनेड है। मौक पर पंहुचे पुलिस अधिकारियों और बम निरोधक दस्ते के अनुसार यह ग्रिनेड काफी पुराना और बेकार बताया गया है। जिसमें पिन तो लगी हुई है लेकिन उसमे जंग लगी हुई है और यह चलने की स्थिति में नहीं है। हैंड ग्रिनेड के खराब होने पर पुलिस प्रशासन ने चैन की सांस जरूर ली है लेकिन 15 अगस्त से दो दिन पहले राजधानी में हुई इस घटना ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन के कान खड़े कर दिये है बल्कि क्षेत्र के लोगों में भी दहशत फैला दी है। इन दिनों पुलिस प्रशासन भी 15 अगस्त की सुरक्षा की तैयारियो में जुटा हुआ है। दून सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किये गये है।

फ्लाई ओवर निर्माण में हो रही देरी से भाजपाई भड़के

देहरादून,12 अगस्त(निस)। आईएसबीटी, भण्डारी बाग फ्लाई ओवर निर्माण में हो रही देरी के विरोध में भाजपा कार्यकताओं मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अधीक्षण अभियंता का घेराव किया। उन्होने कहा कि यदि शीघ्र कार्य शुरू नही हुआ तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा। भाजपा महानगर धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने आईएसबीटी व भण्डारी बाग फ्लाई ओवर के निर्माण में हो रही देरी के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी करतंे हुए अधीक्षण अभियंता का घेराव किया।उनका कहना था कि केन्द्र सरकार की योजना के तहत धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में आईएसबीटी के पास तथा भण्डारी बाग पटेलनगर से रेस्ट कैंप तक फ्लाई ओवर निमार्ण के लिये नगर निगम के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने स्वीकृति दी थी।जिस पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व निर्माण कार्य प्रारम्भ हुए थे,जिससे शहर के लोगों को उम्मीद थी कि आये दिन लगने वाले टेªफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। किन्तु काफी समय बीत जाने के बाद भी दोनो फ्लाई पर एक भी पिलर खड़ा नही हो पाया हैं, निर्माण कार्य में हो रही देरी से आईएसबीटी के पास सड़क को बीच में खोदने से दिन भर जाम लगा रहता है। उन्होने कहा कि रेस्ट कैंप वार्ड में फ्लाई ओवर निर्माण को लेकर स्ट्रीट लाईटें तक हटा दी गयी लेकिन निर्माण कार्य प्रांरम्भ नही हो पाया, इसलिये वे मांग करते हैं कि दोनो फ्लाई ओवर के निर्माण में तेजी लायी जाये। अन्यथा भाजपा सड़को पर उतरने को विवश होगी। इस अवसर पर अनन्त सागर, सतीश कश्यप, लोकेश सकलानी, उमेश वालिया, महेश पाण्डे, सुशील गुप्ता, राजकुमार कक्कड़, कपिल चैधरी, चन्द्रमोहन पोखरियाल, मुकेश सिघंल आदि शामिल थे।

प्रदेश में शिक्षा का स्तर दयनीय: एसएफआई

देहरादून,12 अगस्त(निस)। स्टूडेन्ट फैडरेशन आॅफ इण्डिया की जिला इकाई ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर निरंतर दयनीय स्थिति में है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा प्रर्याप्त संसाधन मुहैया न कराने की इच्छा शक्ति के कारण आज प्रदेश के लाखांे युवा उच्च शिक्षा पाने से वंचित हो रहे हैं।
मंगलवार को यहां अपने कार्यालय मे पत्रकारो से वार्ता करतें हुए एसएफआई की जिला इकाई के पदाधिकारियों ने कहा कि मानव विकास में शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्थान होता हैं।शिक्षा का सामाजिक जीवन पर बहुआयामी प्रभाव होता है,गुणवत्तापरक शिक्षा की कमी और अप्रर्याप्त संसाधनों के कारण आज राज्य के विकास की गति अवरूद्ध हुई है। उन्होने कहा कि शिक्षा ही ऐसा निवेश है जो समता और ज्ञान को बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है जिससे लोगों को अपना जीवन स्तर सुधारने का अवसर प्राप्त होता हैं। आज राज्य  में सकल घरेलु उत्पाद में वृद्धि हुई है परन्तु इसके बावजूद भी राज्य में शिक्षा का स्तर निरंतर दयनीय स्थिति में है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा प्रर्याप्त संसाधन मुहैया न कराने की इच्छा शक्ति के कारण आज प्रदेश के लाखांे युवा उच्च शिक्षा पाने से वंचित हो रहे हैं। उन्होने कहा कि शिक्षा पर कोठारी आयोग व सरकारी समितियों की सिफारिशों के तहत शिक्षा पर सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) का छह प्रतिशत बजट आवंटन होना चाहिए और यह सिफारिशें राज्यों के लिये भी लागू होती हैं। परन्तु उत्तराखण्ड में कोठारी कमीशन की सिफारिशें राज्य गठन के बाद से आज तक भी पूरी नही की गयी हैं। उन्होने कहा कि शिक्षा जो आज की मूलभूत आवश्यकता है उसको राज्य सरकार ने अपने बीस सूत्रीय कार्यक्रम में जगह तो दी है और कहा है कि सबको शिक्षा मिलनी चाहिए परन्तु यह कोठारी कमीशन की सिफारिशों को पूरा नही कर पा रही है तो फिर सबकों शिक्षा कैसेे मिल सकती हैं।

डीजीपी से मिला उक्रांद प्रतिनिधिमण्डल

देहरादून,12 अगस्त(निस)। प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अकुंश लगाने व शांति व्यवस्था कायम करने की मांग को लेकर उत्तराखण्ड क्रांति दल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की। जिस पर डीजीपी ने उन्हे उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया। उक्रांद का प्रतिनिधिमण्डल मंगलवार को डीजीपी बीएस सिद्धू से पुलिस मुख्यालय में मिला। उन्होने कहा कि राज्य में जघन्य एवं गम्भीर अपराधों का ग्राफ दिनोदिन बढ़ता जा रहा हैं। देवभूमि मंे अपराधों का बढ़ना चिंता का विषय हैं। प्रदेश में कईं आपराधिक गिरोह सक्रिय हो रखें हैं जो सुपारी लेकर हत्या करना,डकैती ,चोरी व अपहरण जैसी संगीन वारदातों को अंजाम देकर राज्य का शांत वातावरण खराब कर रहे हैं। उन्होने कहा कि प्र्रदेश में अपराधी अपना वर्चस्व कायम करने के लिये गैंगवार कर रहे हैं। जो जनता के लिये जहां दहशत का कारण बनता जा रहा है वहीं पुलिस के लिये शर्मनाक है। राज्य बनने के बाद यहां अपराधों का ग्राफ बढा हैं। राज्य के मैदानी जिलों में हो रहे अपराधों ने आज पहाड़ी जिलों को भी अपनी चपेट में ले लिया हैं। उन्होंने मांग की कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये ठोस कदम उठाने के साथ ही रूड़की गैंगवार की उच्च स्तरीय जांच करायी जाए। साथ ही सूचना तंत्र को भी मजबूत करने की जरूरत हैं। प्रतिनिधिमण्डल में केन्द्रीय महामंत्री जयप्रकाश उपाध्याय, ओमी उनियाल, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, मनमोहन नेगी, देवेन्द्र कण्डवाल, योगेन्दर राणा, राजेन्द्र प्रधान आदि शामिल थंे।

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