पटना । टीईटी-एसटीईटी के आंदोलन का छात्र संगठन एआईएसएफ ने समर्थन किया है। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने आज बिहार राज्य टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ द्वारा कारगिल चैक पर आयोजित तीन दिवसीय धरना में जाकर अपनी एकजुटता पेश की। विश्वजीत ने आंदोलन का समर्थन करते हुए का कि एआईएसएफ इसकी लड़ाई शुरू से ही लड़ती आयी है। आंदोलन के दौरान जनवरी 2014 में संगठन के 36 नेताओं को जेल जाना पड़ा था। टीईटी-एसटीईटी का आंदोलन जायज है। उन्होंने ने सभी छात्र व युवा संगठनों से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की। कहा कि यह मुद्दा सिर्फ उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का नहीं है बल्कि सभी बेरोजगारो को है। इस मुद्द पर सभी छात्र-युवओं को एकजुट होकर संधर्ष में शामिल होना चाहिए। सरकार पर हमला करते हुए राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि सूबे की सरकार इनकी मांगों को जल्द पूरा करे नहीं तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा ।
ए॰आई॰एस॰एफ॰ के 79वीं स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित, मूसलाधार बारिश में भी शहीद भगत सिंह चैक से पटना वि॰वि॰ तक निकला जुलूस, ए॰आई॰एस॰एफ॰ राज्य कार्यालय ‘‘सात शहीद भवन’’ का शिलान्यास, पटना काॅलेज में सेमिनार आयोजित
पटना-देश के प्रथम छात्र संगठन आॅल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ;।प्ैथ्द्ध के 79वीं स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किया गया। संगठन के स्थापना दिवस तथा 1942 एवं 1955 की छात्र शहीदों को समर्पित जुलूस में शामिल छात्रों के हौसले के सामने मूसलाधार बारिश का तेवर भी कम पड़ गया। लगभग 12.30 बजे दिन में शहीद भगत सिंह चैक से छात्रों का जुलूस निकला। ‘समान स्कूल प्रणाली लागू करो’, ‘राष्ट्रपति हो या चपरासी की संतान-सबको शिक्षा एक समान’, ‘शिक्षा पर जो खर्चा हो-बजट का 10वां हिस्सा हो’, ‘छात्र संघ चुनाव की तिथि तय करो‘, ‘सभी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक-कर्मियों के रिक्त पदों पर बहाली करनी होगी’ आदि नारे लगाते हुए आगे बढ़े। छात्र जुलूस के शक्ल में लगभग 1 बजे पटना काॅलेज के सामने एनी बेसेंट रोड पहुँचे, जहाँ ए॰आई॰एस॰एफ॰ राज्य कार्यालय ‘सात शहीद भवन’ का शिलान्यास हुआ। ‘‘सात शहीद भवन’’ का शिलान्यास करते हुए भाकपा के राज्य सचिव एवं पूर्व विधायक राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि ए॰आई॰एस॰एफ॰ अपने जन्मकाल से ही समाज के अंदर गैरबराबरी खत्म करने के लिए संकल्पित रहा है। उन्होंने ए॰आई॰एस॰एफ॰ को छात्र आंदोलन का सजग प्रहरी बताते हुए छात्र अधिकारों को लेकर निर्णायक संघर्ष छेड़ने का आह्वान किया तथा ‘‘सात शहीद भवन’’ के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता जतायी। ‘‘भारत में छात्र आंदोलन, मौजूदा चुनौतियाँ एवं ए॰आई॰एस॰एफ॰ की भूमिका’’ विषयक सेमिनार ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य अध्यक्ष परवेज आलम की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सेमिनार का उद्घाटन करते हुए ए॰आई॰एस॰एफ॰ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विजेन्द्र केसरी ने ए॰आई॰एस॰एफ॰ के इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए देश के अंदर फासीवादी ताकतों की कारगुजारियों से सावधान रहने को कहा। उन्होंने कहा कि ए॰आई॰एस॰एफ॰ की स्थापना से आजादी के आंदोलन संगठित तौर पर आगे बढ़ा। वैज्ञानिक समाजवाद को उन्होंने ए॰आई॰एस॰एफ॰ का लक्ष्य बताते हुए छात्रों के बीच क्रांतिकारी चेतना विकसित करने को लेकर तत्पर रहने को कहा। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने कहा के भारत का छात्र आंदोलन व मौजूदा चुनौतियों पर विमर्श बिना ए॰आई॰एस॰एफ॰ की भूमिका पूरा नहीं हो सकता। विगत दिनों निरंतर संगठन द्वारा चलाए गए संघर्ष की चर्चा पूरे देश में होने की बात कहते हुए आगामी 25 से 27 अगस्त को चंडीगढ़ मंे शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर आयोजित कार्यशाला मंे बिहार के छात्र नेताओं को शामिल होने का आमंत्रण दिया। राज्य सचिव सुशील कुमार ने आगामी 12-13 सितंबर को पूरे राज्य में ‘‘चलो क्लेकटेरियट’’ कार्यक्रम को सफल बनाने एवं संगठन के राज्य कार्यालय के शीघ्र निर्माण को लेकर हर जगह जुट जाने का आह्वान किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए आइसा के राज्य सहसचिव मोख्तार ने ए॰आई॰एस॰एफ॰ की 79वीं वर्षगांठ पर बधाई दी तथा राज्य मंे वामपंथी छात्र संगठनों को छात्रों के सवालों पर संयुक्त आंदोलन चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। ए॰आई॰डी॰एस॰ओ॰ के जिला सचिव सरोज कुमार सुमन ने भी मौजूदा वक्त में छात्र संगठनों के संयुक्त आंदोलन की जरूरत बताया। सेमिनार को राज्य सचिवमंडल सदस्य हरेन्द्र कुमार पंडित, राज्य कार्यकारिणी सदस्य आकाश गौरव, शंकर कुमार, अविनाश कुमार, मणि कुमार, मेराज अली, राकेश कुमार, संदीप शर्मा, चंदन, कुंदन, राहुल, पुष्पेन्द्र, पवन, महेश, अभिषेक दुबे, अनुराग, साजन, राजेश, इन्द्र भूषण, अंकित आदि ने संबोधित किया।