आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर और संस्थापक सदस्यों में से एक शांति भूषण ने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया है और कहा है कि पार्टी में कोई आंंतरिक लोकतंत्र नहीं है। उधर, पार्टी के एक अन्य नेता और शांति भूषण के बेटे प्रशांत भूषण ने कहा कि यह उनकी निजी राय है और वह इस बात से सहमत नहीं हैं।
अरविंद केजरीवाल की लीडरशिप पर पहले भी कई बार सवाल उठ चुका है। पार्टी छोड़ने वाले कुछ नेताओं ने केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि उनकी वजह से पार्टी में लोकतांत्रिक माहौल नहीं है। कुछ वक्त पहले आप नेता योगेंद्र यादव की ओर से लिखी गई कथित चिट्ठी में भी अरविंद की लीडरशिप पर सवाल उठाए गए थे। लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद भी आप द्वारा टिकट बंटवारे की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए थे।
शांति भूषण ने कहा, ''वह (केजरीवाल) एक बड़े नेता हैं, लेकिन मेरी राय में उनमें पार्टी के मामलों को मैनेज करने की क्षमता की कमी है। पार्टी उनकी अगुआई में पूरे भारत में विस्तार करने में नाकाम रही है। केजरीवाल सिर्फ अपनी चलाते हैं। उनको संगठन से जुड़े कार्य किसी ऐसे शख्स को सौंप देना चाहिए, जिसके पास समय हो।''शांति भूषण ने केजरीवाल को यह भी सलाह दी कि वह महत्वपूर्ण मुद्दों पर दूसरे नेताओं से परामर्श करें। शांति भूषण ने कहा कि केजरीवाल के दिल्ली के सीएम के तौर पर इस्तीफा देना पार्टी के लिए काफी महंगा साबित हुआ।
आप की पूर्व नेता शाजिया इल्मी ने कहा कि हमने भी इस मुद्दे को उठाया था। शांति भूषण के कमेंट को संजीदगी से लेना चाहिए। इल्मी के मुताबिक, पार्टी के अंदर केजरीवाल के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है। आप छोड़ चुके एक और नेता विनोद कुमार बिन्नी ने भी कहा कि शांति भूषण कह रहे हैं तो यह मामला काफी गंभीर है। वहीं, शांति भूषण के बेटे और आप नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि वह अपने पिता के बयान से सहमत नहीं हैं। यह उनकी निजी राय है और अच्छा होता कि यह राय पार्टी के फोरम में रखी जाती। वहीं योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने अभी तक बयान सुना नहीं है, इसलिए फिलहाल वह कुछ कहने की हालत में नहीं हैं।
बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केजरीवाल उसी दिन फेल हो गए थे, जब वह सीएम की कुर्सी छोड़कर भागे थे। अब शांति भूषण जी को भी यह महसूस हो रहा है। वहीं, कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि वह शांति भूषण द्वारा कही गई बात काफी वक्त से कहते रहे हैं।