केदारनाथ पुनर्निर्माण की सौपी विस्तृत रिपोर्ट
देहरादून,14 अगस्त(निस)। जीएसआई के उप महानिदेशक टी.एस.पांगती ने गुरूवार को सचिवालय में मुख्य सचिव सुभाष कुमार को केदारनाथ के पुनर्निर्माण की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में नये सिरे से केदारपुरी को बसाने का खाका दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार मंदिर के पिछले हिस्से में आये बोल्डर से छेड़छाड़ न की जाय। इसे और मजबूती से स्थिर किया जाय। जीएसआई (जियोलाजिकल सर्वे आफ इण्डिया) ने कहा है कि वर्तमान में क्षतिग्रस्त टाउनशिप को ध्वस्त किया जाय। केदारनाथ मंदिर के सामने निचले हिस्से में पुजारियों और कर्मचारियों के लिए प्री-फैब्रिकेटेड आवास बनाये जायं। नीचे की ओर जो दो बड़े मैदान हैं उनमें पानी का रिसाव होता रहता है, इसके लिए पानी की निकासी की व्यवस्था की जाय। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मंदाकिनी नदी के बायें तट पर कटाव हो रहा है, इसे रोकने के उपाय किये जायं। श्री पांगती ने पांचों आपदा प्रभावित जनपदों के लिए टास्क फोर्स बनाया है। केदारनाथ टास्क फोर्स की संस्तुति की समीक्षा के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। पुनर्निर्माण में जीएसआई राज्य सरकार के मिलकर कार्य करेगी।
विस भवन निर्माण में तेजी से हो कार्य: कुंजवाल
देहरादून,14 अगस्त(निस)। गैरसैंण के भराड़ीसैण में विधानसभा भवन निर्माण व अन्य अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण कार्यों में सभी विभाग तेजी से कार्य में जुट जायें। क्योंकि विधानसभा भवन व अन्य निर्माण कार्यों को निर्माण एजेन्सी द्वारा डेढ साल मे हर हाल में पुरा करना है। यह निर्देश विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने आज विधानसभा सभागार में भराड़ीसैण गैरसैण में विधानसभा भवन एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण के सम्बन्ध में आहूत बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने सभी लाइन डिपार्टमेन्टस जैसे पेयजल, लोनिवि, विद्युत, राजस्व, शहरी विकास के अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि पेयजल विभाग भराड़ी सैण में निर्माण कार्यों सहित अन्य कार्यों के लिए जल भण्डारण हेतु निर्माणाधीन 5 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन स्थल से 7 किलो मीटर दूर श्रोत से पेयजल लाइन का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने के साथ ही द्वितीय चरण हेतु दीर्घकालीन योजना के तहत गनाई अथवा पिण्डर से जलापूर्ति हेतु शीघ्र योजना बना कर आगणन प्रस्तुत करें ताकि योजना का लाभ सभी को मिल सके। विधानसभा अध्यक्ष ने भराड़ीसैण गैरसैण में लोक निर्माण विभाग को सड़कों को दुरस्त करने, चैखुटीया-कर्णप्रयाग, भराड़ी मार्ग का चैड़ी करण करने के निर्देश देने के साथ ही गैरसैण सत्र के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के अनुरूप सड़कों का विस्तारीकरण व सुधारीकरण करने के निर्देश देने के साथ ही गैरसैण में सर्किट हाउस भराड़ीसैण, जंगल पट्टी में निरीक्षण भवन के निर्माण करने के निर्देश देते हुए वन विभाग को भी अपने डाक बंगलों का सुधारीकरण व विस्तारीकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्माण एजेन्सी एन0बी0सी0सी0 के अधिकारियों को निर्देश दिये की वह 1 सितम्बर से निर्माण कार्य में तेजी लाना सुनिश्चित करते हुए डेढ साल के भीतर हर हाल मे निर्माण कार्य सुनिश्चित करें। श्री कंुजवाल ने शासन के उच्चाधिकारियों व विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि भराड़ीसैण में विधानसभा भवन, सचिवालय सहित अन्य निर्माण कार्यों के बाद जो शहर विकसित होगा उसे देखते हुए उन्हें दीर्घकालीन योजनाएॅं बनानी चाहिए ताकि क्षेत्रीय जनता को भी उसका लाभ मिल सके। बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष डाॅ0 अनुसुया प्रसाद मैखुरी, शहरी विकास सचिव डी0एस0गब्र्याल, वित्त सचिव भाष्करानन्द जोशी, जल निगम के एमडी भजन सिंह, विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता, केदार नाथ वन प्रभाग के वन संरक्षक एम के जैन सहित पशुपालन, राजस्व और जल संस्थान व एन0बी0सी0सी0 के कई उच्चाधिकारी व विभागीय सचिव मौजूद थे। बैठक का संचालन विधानसभा सचिव जगदीश चन्द्र ने किया।
सुरक्षा, सम्मान व समता के बिना अव्यावहारिक है आजादी: डा. कुरैशी
देहरादून,14 अगस्त(निस)। उत्तराखंड के राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने कहा कि सुरक्षा, सम्मान व समता के बिना आजादी का कोई व्यावहारिक मतलब नहीं है। देश में सच्ची शांति व प्रगति तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक सुरक्षित, सशक्त और संतुष्ट हो। इस दौरान उन्होंने आम जनमानस से आपदा से पीडि़त उत्तराखंड को आगे ले जाने व कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने पर ही अपने अधिकारों की बात भी कही। देश की आजादी की 67वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड के राज्यपाल डा0 कुरैशी ने राज्य की जनता को बधाई संदेश देते हुए कहा कि यह महान दिन, सत्य एवं अहिंसा आन्दोलन के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी सहित आजादी के लिए वर्षों तक अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग लड़ने वाले उन सभी ज्ञात, अज्ञात, असंख्य देशभक्तों के प्रति श्रद्धांजलि एवं कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है जिन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। उनका कहना था कि आजादी के बाद ही हमने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की गरिमा हासिल की है जिससे देश के किसी भी कोने में रहने वाले किसी भी धर्म, जाति, वर्ग अथवा संस्कृति के लोगों को सहज जिन्दगी जीने का मौका मिला, ऐसा दुनिया के किसी और मुल्क में नही है। डा. कुरैशी ने कहा कि आजादी के बाद हमने कई क्षेत्रों में ऐतिहासिक कार्य किए हैं किन्तु प्रतिभा, प्रयास, योजना और पर्याप्त संसाधनों के बावजूद हम विकास की उन ऊँचाइयों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता था। इसके अलावा हमारे सामने घृणा, हिंसा, अराजकता और अलगाववादी ताकतों सहित प्रकृति के प्रकोप ने भी लगातार चुनौतियाँ खड़ी की हैं। नारी की सुरक्षा व सम्मान पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से बहुत सख्ती से निपटना होगा। देश की आजादी से लेकर उसके विकास में महिलाओं का बराबर का योगदान है। किसी भी सभ्य समाज के लिए महिलाओं का पुरूषों के समान मजबूत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आजाद देश के नागरिक के रूप में हम सब का दायित्व है कि हम कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने पर ही अपने अधिकारों की बात करे। आम जनमानस से आपदा से पीडि़त उत्तराखंड को आगे ले जाने की बात कहते हुए डा. कुरैशी ने कहा कि आज के दिन हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम अपनी सक्रिय और सकारात्मक सहभागिता से राज्य को ऐसी सम्मानित स्थिति तक ले जाएं कि राज्य के साधन-संपन्न और साधनहीन नागरिक के बीच का अंतर न्यूनतम रह जाए। हमारा यही प्रयास हमारी आजादी के महानायकों के प्रति वास्तविक आभार एवं श्रद्धांजलि होगी।
भूमि चयन को समिति का गठन
देहरादून,14 अगस्त(निस)। उत्तराखण्ड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि चयन हेतु एक समिति का गठन किया गया है। निदेशक उत्तराखण्ड न्यायिक एवं विधि अकादमी की अध्यक्षता में गठित इस समिति में जिलाधिकारी, डीएफओ नैनीताल सदस्य होंगे। उक्त निर्णय मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में आयोजित विश्वविद्यालय निर्माण सम्बन्धी बैठक में लिया गया। मुख्य सचिव ने कहा राष्ट्रीय स्तर के बनने वाले इस विधि विश्वविद्यालय में स्थानीय छात्रों के लिए कुछ सीटें आरक्षित की जानी चाहिए। इसके लिए हैदराबाद और बंगलुरू में स्थापित विधि विश्वविद्यालयों का अध्ययन कर लिया जाय। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय अधिनियम में भवाली, नैनीताल में विश्वविद्यालय का मुख्यालय होगा। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश इसके कुलाधिपति होंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होंगे। बैठक में सचिव उच्च शिक्षा मनीषा पंवार और विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सर्वधर्म मंदिर परिसर सील करना राजनैतिक प्रतिशोध: महाराज
देहरादून,14 अगस्त(निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता सतपाल महाराज ने कहा कि प्रेमनगर आश्रम हरिद्वार की शाखा के मुनि की रेती स्थित सर्वधर्म मंदिर परिसर को राजनैतिक प्रतिशोध के तहत सील करवाया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त आश्रम 3 दशक से भी अधिक पुराना है जो हाल ही में आई आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था तथा जिसकी मरम्मत करवाई जा रही थी, उसे गलत सील किया गया है। भाजपा नेता महाराज ने कहा कि गंगा किनारे 200 मीटर के दायरे में बने उन आश्रमों को सील किया जाता है जिनके सीवर का पानी सीधा गंगा में गिर कर उसे प्रदूषित करता है। परन्तु मुनि की रेती स्थित सर्वधर्म मंदिर के सीवर का पानी ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है न कि सीधा गंगा में, ऐसे में इसे तुरत फुरत में सील करना सीधा इंगित करता है कि इसे राजनैतिक बदले की भावना से सील किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कोई नव निर्माण नहीं है अपितु क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत का मामला है। उन्होंने वह तो कभी उक्त आश्रम में गये ही नहीं अपितु यह आश्रम तो चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं व गरीब लोगों के भोजन व रा़ित्र विश्राम के लिए समर्पित था, जिसे सरकार द्वारा सील करना गलत है। श्री महाराज ने कहा कि गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक अनगिनत आश्रम गंगा के 200 मीटर दायरे में आते हैं परन्तु उनके खिलाफ कोई कार्यवाही न कर सिर्फ सर्वधर्म मंदिर को सील करना अपने आप में पर्याप्त है कि यह राजनीति से प्रेरित कार्यवाही है। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रानिक्स मीडिया द्वारा बार-बार यह पट्टी चलाई जा रही है कि प्रेमनगर आश्रम सील जो कि गलत है अपितु सच्चाई तो यह है कि प्रेम नगर आश्रम एक संस्था है जिसकी एक शाखा मुनि की रेती में सर्वधर्म मंदिर के रूप में गत 3 दशको से भी अधिक समय से कार्यरत है और आपदा में क्षतिग्रस्त होने के कारण उसकी मरम्मत चल रही थी तथा राजनीतिक प्रतिषोध के कारण उसे गलत सील किया गया है।