एक माह तक चला संसद का बजट सत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के लिए आंशिक रूप से लाभकारी रहा। जहां सरकार न्यायिक आयोग गठित करने के लिए पेश किए गए विधेयक पर संसद की सहमति हासिल करने में कामयाब रही वहीं बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाने से संबंधित विधेयक को राज्यसभा की चयन समिति को सौंपने की कांग्रेस की मांग के आगे झुकना पड़ा। गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चतकाल तक स्थगित (सत्रावसान) हो गई।
इस दौरान कांग्रेस की लोकसभा में विपक्ष का नेता पद पर अपने नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बिठाने की अभिलाषा अधूरी ही रह गई क्योंकि भाजपा सरकार पार्टी की इस मांग को पूरा करने के प्रति अनिच्छुक है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण में अपने आर्थिक एजेंडे को पेश किया। रेल मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने बुलेट ट्रेन के लिए नई सरकार की योजना का खुलासा किया।
मई महीने में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद नव गठित लोकसभा के पहले सत्र का शुभारंभ 7 जुलाई को हुआ था। इस सत्र के दौरान कई विधायी कार्य हुए। आम बजट के अलावा न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक को पारित किया गया। दोनों सदनों ने अपने तय समय से ज्यादा तक काम किया। लोकसभा की कार्यवाही 166 घंटे 56 मिनट तक तय थी। इसका काम काज 14 घंटे और 23 मिनट बाधित रहा।
संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के मुताबिक, निचले सदन ने अपने लंबित काम को पूरा करने के लिए 27 घंटे और 10 मिनट अधिक काम किया और तय से 13 घंटे अधिक काम किया। इस सत्र के दौरान संसद की 27 बैठकें हुई। राज्यसभा में 140 घंटा तय था जिसमें से 21 घंटा और 22 मिनट विरोध की भेंट चढ़ गया। उच्च सदन ने हालांकि करीब 38 घंटा अतिरिक्त श्रम किया।
लोकसभा में 20 विधेयक पेश किए गए और इनमें से वित्त विधेयक सहित 12 विधेयक पारित किए गए। गुरुवार को लोकसभा ने अप्रेंटिसशिप अधिनियम में संशोधन को पारित कर दिया और नियम 193 के तहत सांप्रदायिकता की घटना पर चर्चा चली। नायडू ने कहा, "2004 और 2009 में गठित लोकसभा की तुलना में लोकसभा के कामकाज में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।"संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के कामकाज पर अत्यंत खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि इसका श्रेय विपक्ष को भी जाता है।
नायडू ने कहा, "आम धारणा यह है कि संसद ने एक भिन्न तस्वीर पेश की है। इसके लिए केवल सत्ताधारी दल को ही श्रेय नहीं जाता। मुझे यह कहने में कहीं से भी हिचकिचाहट नहीं हो रही कि इसका श्रेय विपक्ष को भी जाता है।"मंत्री ने कहा कि सरकार सत्र का विस्तार करना चाहती थी, लेकिन इस विचार को त्याग दिया गया क्योंकि कई सांसद अनिच्छुक थे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा महिलाओं एवं बच्चों पर बढ़ते सितम पर लिखित उत्तर देने के बाद सत्रावसान की घोषणा की।