देशभक्ति गीत और नृत्य प्रतियोगिता के ऑडिशन में दिखा जिले के कलाकारों का उत्साह, ऑडिशन के नतीजे सोमवार, मुख्य प्रतियोगिता 24 अगस्त रविवार को
सामाजिक,सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्था के देशभक्ति गीत और नृत्य प्रतियोगिता के ऑडिशन चरण में कलाकारों ने उत्साह के साथ भाग लिया...प्रतियोगिता का आयोजन नाकोड़ा आटोमोबाइल्स के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है....थांदला गेट स्थित एकलव्य संस्कृति भवन पर आयोजित इस प्रतियोगिता के ऑडिशन के लिए करीब 200 से ज्यादा कलाकारों ने भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्शन किया...ऑडिशन जुनियर,सीनियर वर्ग में आयोजित किए गए थे....गीत और नृत्य विधा के प्रतिभागियों ने जजों के सामने अपने हूनर को पेश किया....ऑडिशन में सफल होने वाले प्रतिभागी 24 अगस्त को डीआरपी लाईन सामुदायिक भवन में आयोजित होने वाली फाइनल प्रतियोगिता में अपना जौहर दिखाएंगे.....ऑडिशन राउंड में गीत विधा के कलाकारों ने देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों की प्रस्तुति दी...ऑडिशन में भाग लेने के लिए 8 वर्ष से लेकर 30 साल तक के कलाकार पहुंचे थे.....जुनियर, सीनियर, एकल और समुह वर्ग इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया....सोमवार को सभी प्रतिभागियों को मोबाईल से ऑडिशन के नतीजे बताएं जाएंगे....साज़ रंग हर साल 15 अगस्त के बाद आने वाले पहले रविवार को इस प्रतियोगिता का आयोजन पिछले 15 सालों से करती आ रही है.....पहली बार इस प्रतियोगिता में देशभक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुति को शामिल किया गया है....वहीं पहली मुख्य प्रतियोगिता के पहले ऑडिशन का आयोजन किया जा रहा है....संस्था के दीपक दोहर और आशीष पांडे ने बताया कि प्रतियोगिता पूरी तरह से निशुल्क है.....प्रतियोगिता में करीब 200 से ज्यादा कलाकारों ने ऑडिशन में भाग लिया.
आगामी चल समारोह कार्यक्रम हेतु कार्यालय का शुभारंभ
झाबूआ---अंचल की पहचान बन चुके शारदेय नवरात्री के घटस्थापना पर निकलने वाले चल समारोह की विस्तृत कार्ययोजना बनाने हेतु परंपरानुसार जन्माष्टमी पर्व के पावन अवसर पर कार्यालय का शुभारंभ नवदुर्गा महोत्सव समिति, राजगढ नाका मित्र मण्डल द्वारा किया जाएगा। राजगढ नाका मित्र मण्डल अपनी सांस्कृतिक धरोहर केा सहेजने तथा समाज मे व्याप्त कुप्रथाओ के निर्मुलन के लिए प्रतिबद्ध है। विगत वर्षो में मित्र मण्डल द्वारा चलाए गए कई अभियान इस प्रतिबद्धता के साक्षी है। इन सभी अभियानों को फिर चाहे वों सामान्य पूजन पद्धति शिविर हो या ग्रामीण खेलकुद प्रतियोगिताओ का आयोजन हो समाज के विभिन्न वर्गो का अच्छा प्रतिसाद मिला है। मित्रमण्डल के श्री शैलेष दुबे ने बताया की इस वर्ष घट स्थापना दिवस 25 सितंबर केा आ रहा है जो पंडीत दीनदयाल जी उपाध्याय का जन्मदिवस है। पंडीत जी के समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुॅचाने के लक्ष्य केा ध्यान में रखते हुए चल समारोह के कार्यालय का शुभारंभ समाज के उपेक्षित निःशक्तजनों के सानिध्य में करवाया जा रहा है। शारीरीक व मानसिक निःशक्तता व्यक्ति के साथ प्रकृति का क्रुर मजाक होता है जिसकी प्रताडना व्यक्ति को आजीवन सहना पडती है। कई उदाहरण हमारे सामने ऐसे भी है जिनमें निःशक्त व्यक्ति ने अपने अदम्य साहस के बल पर विभिन्न क्षैत्रों में प्रसिद्धि हासिल की है। फिर भी अनजाने अनिष्ट की आशंका के चलते शुभ अवसरों पर निःशक्तजनों की उपस्थिति से बचा जाता है। इस आशंका को निराधार साबित करने के लिए इस विशाल चल समारोह जिसका इस वर्ष रजत जयंती वर्ष है, के सफल संचालन हेतु कार्यालय का शुभांरभ नगर के समस्त निःशक्तजनोें के द्वारा स्थानीय राजगढ नाका स्थित गार्डन पर 18 अगस्त 2014 को दोपहर 3 बजे रखा गया है। मित्रमण्डल ने नगर की जनता से इस अनुठे कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आग्रह किया है।
इच्छा के साथ किया गया धर्म ही फल देता है : आचार्य रवीन्द्रसूरि
झाबूआ---राजगढ़ मोहनखेडा प.पू. अर्हत ध्यानयोगी गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्री रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. ने समस्त चातुर्मास आराधकों को ध्यान - साधना कराते हुऐ महामांगलीक से पूर्व गुरुभक्तों को बताया की वनस्पति में भी जीवतत्व होता है । सूर्य के प्रकाश बिना वनस्पति भी विराम करती है रात्रि के अंधेरे में वृक्ष के पत्ते भी सौ जाते है । अंधेरे में सूर्य की उर्जा प्राप्त नहीं होती है । हमारे शरीर में सूर्य की उर्जा से ही आत्मा में चेतना संचरण करती है । हमारी आत्मा अंधकार में है । वायुमण्डल में सूर्योदय के समय जो तरंगें पेदा होती है वो तरगें ही चेतना प्रदान करती है । अरिहंत वाणी में चेतना विद्यमान है । ये चेतना हमारी आत्मा बहुमुंखी प्रतिभा का धनी बनाती है । मानव की चेतना बहुमुखी है । हम सामायिक तो करते है पर हमारे मन के भेद को नहीं जानते है । सामायिक में हम इच्छामी शब्द का उपयोग करते है । इसका अर्थ ही यह है कि हम मन की इच्छा के साथ सामायिक की आराधना कर रहे है । अनिच्छा से की हुई सामायिक का फल प्राप्त नहीं होता और अनिच्छा से किया हुआ भोजन पेट में अर्जीण कर देता है । बिना इच्छा से किया हुआ धर्म प्रभावी नहीं होता है । इच्छा के साथ किया हुआ भोजन शरीर को उर्जा प्रदान करता है । हमारी आत्मा को भी हल्के भोजन की आवश्यकता होती है । मासक्षमण के तपस्वी को यदि गरिष्ठ भोजन दिया जाये तो उसका शारिरीक संतुलन बिगड़ जायेगा । ज्ञानी कहते है कवलाहार का नियम लेने वाला आराधक तपस्वी माना गया है । वो शास्त्रानुसार नियमित भोजन करेगा तो उसका फल तपस्या के अनुरुप प्राप्त होगा । कितना भी बलवान व्यक्ति हो उसके शरीर को उर्जा प्रदान करने के लिये मात्र दो मुठ्ठी अनाज की जरुरत होती है । स्वर्ग में देवता भोजन नहीं करते है, उनकी इच्छा शक्ति से उन्हें स्वाद का पता लग जाता है । उर्जा शक्ति इन्द्रीयों को सन्मार्ग की और ले जाती है । सारी बिमारीयों की जड़ पेट होता है । भगवान महावीर ने बताया है कि तपस्या में रत तपस्वी ध्यान साधना कर सिद्धियों को प्राप्त कर लेता है । सूर्योदय के 48 मिनिट बाद तक जल ग्रहण नहीं करना चाहिये । क्योकि इससे पूर्व का जल ग्रहण करना विष युक्त माना गया है । हम शरीर का आपरेशन करवा सकते है । परन्तु आत्मा के आपरेशन का अस्पताल अभी तक नहीं बना है । ध्यान, दर्शन, चरित्र के बाद व्यक्ति को विज्ञान की प्राप्ती होती है । वनस्पति के प्रति मेत्रीभाव रखे, जल तत्व, अग्नि तत्व, वायु तत्व के साथ भी मैत्रीभाव रखे अन्यथा जल, अग्नि, वायु इन तत्वों से सम्बधित बिमारीयां पेदा होना प्रारम्भ हो जायेगी । हमेशा सृष्टि के साथ मैत्रीभाव रखकर जीवन जीये । आज मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. द्वारा स्पेशल आयोजन में पूनिया श्रावक की सामायिक का भव्य आयोजन किया गया । इस विशाल कार्यक्रम में 1 हजार से अधिक आराधकों ने सामायिक करके समता का परिचय दिया । कार्यक्रम के दौरान श्रेणिक महाराजा एवं पूनिया श्रावक का संवाद भी किया गया और पात्रों ने अपना अभिनय पुरे धार्मिकता में लीन होकर संवाद किया । सभी सामायिक करने वालों को सामुहिक प्रभावना की गई । प.पू. ज्योतिष सम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा. ने जानकारी देते हुऐ बताया कि आचार्यश्री रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. का 60 वाॅं जन्मोत्सव 30 अगस्त 2014 को श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर धूमधाम से मनाया जायेगा । जन्मोत्सव के अवसर पर एक ऐम्बुलेंस फतेहग्रेनाईट जालोर की और से लोकार्पित की जायेगी । जो लगभग 3 लाख से ज्यादा कीमत की होगी ऐसी 60 एम्बुलेंस पूरे देशभर में लोकार्पित विभिन्न लाभार्थी परिवारों द्वारा की जायेगी । तीर्थ पर 45 उपवास, 41 उपवास, महा मृत्युजंय मासक्षमण की तपस्या चल रही है । तीर्थ पर चल रहे सिद्धितप, महामृत्युजंय, मासक्षमण तप, गुरुतप के निमित महिला चैविसी का राज ऋषभ मित्र मण्डल के तत्वाधान में आयोजन नियमित किया जा रहा हैं । श्री राकेशकुमार जी माणकचंद जी सरेमल जी कपूरचंद जी कोठारी परिवार द्वारा महिला चैविसी का लाभ लिया गया । महिला चैविसी में महिलाओं ने धर्म के महत्व पर आधारित नाट्य की प्रस्तुति दी । महिला चैविसी में आराधक व राजगढ़ की महिलाओं ने हिस्सा लिया । श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर रविवार को महामांगलिक में मुख्य अतिथि श्री कुलदीप जैन मुख्यन्याय दण्डाधिकारी, विशेष अतिथि अम्बालाल रोहित पूर्व गुजरात विधायक, रमेश जी एवं दिनेश जी बोहरा जालोर द्वारा दीपप्रज्जवलन एवं माल्यार्पण किया गया । समस्त अतिथियों का बहुमान चातुर्मास समिति के अध्यक्ष बाबुलाल जी वर्धन, बहुमान के लाभार्थी भंवरलाल जी शाहजी श्री आ. रा. श्वे. पेढी ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी श्री सुजानमल सेठ द्वारा किया गया । चतुर्थ महामांगलिक में गुरुपूजन का लाभ संतोषकुमार बाबुलाल जी राठोड़ बोलिया द्वारा लिया गया । प्रभु आरती श्री गणतंत्रकुमार कल्याणमलजी मेहता परिवार रतलाम, मंगल दीपक श्री सत्यनारायण अरोड़ा झाबुआ, दादा गुरुदेव की आरती का लाभ अम्बालाल रोहित आणंद द्वारा लिया गया । आगामी पांचवी महामांगलिक का भव्य आयोजन 7 सितम्बर 2014 को होगा । श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर दादा गुरूदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. की पाट परम्परा के शासनप्रभावक सप्तम पटधर वर्तमान प.पू. गच्छााधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा. शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतप निश्रा में धर्म बिन्दु एवं चन्द्रराजा चरित्र वांचन चल रहा है । श्री मोहनखेडा तीर्थ पर यशस्वी चातुर्मास के दौरान 45 दिन की सिद्वितप आराधना में 20 आराधक आराधना कर रहे है । 1 आराधक भद्रतप की तपस्या में लीन है साथ ही तीर्थ पर सांकली अट्ठम तपाराधना निरन्तर गतिमान है । तीर्थ में श्री राजेन्द्रसूरि गुरुतप आराधना में 309 आराधक आराधना कर रहे है ।
आपसी विवाद मे कि हत्या
झाबूआ---फरियादिया उरगा पति वसना भूरिया, उम्र 50 वर्ष, निवासी खयडु बडी ने बताया कि आरोपी कस्सु पिता हवजी भूरिया, मांजू पिता कसना भूरिया, मेता पति कस्सू भूरिया, सुकिया पिता अमरू वाखला, निवासी खयडू बडी, दिनू उर्फ दिनेश पिता नानसिंग बारिया, निवासी पिथनपुर के द्वारा उसके पति वसना पिता हवजी भूरिया, उम्र 55 वर्ष को दो वर्ष पूर्व अपने यंहा हुई चांदी की चोरी की बात को लेकर ‘‘तु मेरी चांदी नहीं दे रहा है’’, कहकर गोफन, पत्थर, डंडे से मारपीट कर हत्या कर दी। थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 605/14, धारा 302,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रताडना से तंग आकर पी जहरीली दवाई
झाबूआ---आरोपी मुकेश पिता नाथु खराडी, उम्र 25-26 वर्ष, निवासी हनुमन्तया के द्वारा अपनी पत्नी अंगुरीबाई पति मुकेश खराडी, उम्र 25 वर्ष को रोजाना चरित्र शंका को लेकर प्रताडि़त किया जाता था, जिससे तंग आकर अंगुरीबाई ने जहरीली दवाई पीकर आत्महत्या कर ली थी। मर्ग क्रमांक 54/14 की जाॅंच पर से प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 340/14, धारा 306,498-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
शासकीय राशी लाखेा का मे गबन
झाबूआ---फरियादी संजय पिता धन्नालाल परमार, उम्र 35 वर्ष निवासी टाण्डी ने बताया कि आरोपी रूपसिंह बामनिया, निवासी समोई ने अपने पद का दुरूपयोग कर शासकीय राशि 3,83,500/-रूपये का गबन कर स्वयं के द्वारा उपयोग किया गया। प्रकरण में थाना राणापुर में अपराध क्रमांक 293/14, धारा 420,409 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।