बिहार और नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण बिहार में आई बाढ़ का कहर जारी है। राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या सोमवार को 10 हो गई। बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर जाने से स्थिति और बिगड़ गई है। राज्य की प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। बिहार के सुपौल, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, पश्चिम चंपारण, मधुबनी, नालंदा और सीतामढ़ी जिले में बाढ़ का कहर जारी है। बिहार के करीब 10 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता भोला शरण ने सोमवार को बताया कि शाम छह बजे गंगा नदी कहलगांव में तथा गंडक लालगंज में, बागमती बेनीबाद और रूनीसैदपुर में, कमला बलान झंझारपुर में तथा कोसी बीरपुर, कुर्सेला, बलतारा और बसुआ में खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। इधर, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बिहार के करीब 43 प्रखंडों के 10 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। बाढ़ से मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। सबसे ज्यादा नालंदा में छह लोगों की मौत बाढ़ से हुई है।
इधर, पटना के बाढ़, बेलछी और पंडारक प्रखंड में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण औराई, कटरा, गायघाट प्रखंड के नए क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। पूर्वी चंपारण के करीब तीन दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है जबकि पश्चिमी चंपारण के बौरिया, बगहा, मंगलपुर, नौतन समेत छह प्रखंडों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है।
इधर, दरभंगा के विशेष जिलाधिकारी जितेन्द्र श्रीवास्तव ने दरभंगा जिले के बिरौल एवं घनश्यामपुर प्रखंड के लगमा गांव के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया एवं कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 10 मोबाइल मेडिकल यूनिटों को लगाया गया है जिसके माध्यम से लोगों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में 49 नावों का परिचालन किया जा रहा है।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की आठ टीम लोगों की मदद के लिए तैनात किया गया है तथा करीब 100 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री बांटी जा रही है।