पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि देश में जारी राजनीतिक संकट का समाधान सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला लिया। यह जानकारी मीडिया ने दी है। डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, अदालत ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट और बुनियादी अधिकारों के कथित उल्लंघन को लेकर सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच गतिरोध का समाधान तलाशना सरकार का काम है।
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश नसीर-उल-मुल्क की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने राजधानी में चल रहे धरना के बारे में कहा, "इससे निपटना सरकार का काम है।"शीर्ष अदालत में पिछले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ (एससीबीए) के अध्यक्ष कमरान मुर्तजा ने अर्जी दायर की थी।
सोमवार की सुनवाई के दौरान महान्यायवादी सलमान असलम बट्ट ने कहा कि बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। न्यायमूर्ति मिलन साकिब निसार ने कहा, "हम संविधान के संरक्षक हैं, हम संविधान के तहत शपथ लेते हैं। हम किसी को भी भटकने की इजाजत नहीं दे सकते..यह हमारी जवाबदेही है।"