मोदी की राह पर हरीश रावत, नौकरशाही की विदेश यात्राओं पर जहां पूरी तरह अंकुश
- सम्पत्ति को देना होगा विवरण, पहली नियुक्ति पर स्थानान्तरण की जगह बर्खास्तगी
देहरादून,19 अगस्त (राजेन्द्र जोशी ) । मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मोदी की राह पर चलते नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि मोदी की तरह हरीश रावत ने भी राज्य की जनता ंको कड़े फैसले लेने की बात कही है। यह कड़े फैसले फिलवक्त तो राज्य की बेपटरी हो चुकी नौकरशाही पर लिए जाते नजर आ रहे हैं लेकिन गाहे-बगाहे इन फैसलों का लाभ जनता को भी मिलता नजर आ रहा है। मोदी के तर्ज पर हरीश रावत ने नौकरशाही की विदेश यात्राओं पर जहां पूरी तरह अंकुश लगा दिया है वहीं अधिकारियों की पिछली विदेश यात्राओं से राज्य को कितना लाभ पहुंचा इसका भी मूल्यांकन करना उन्होंने शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य के अस्तित्व में आने से लेकर आज तक इन विदेश यात्राओं से राज्य को कितना लाभ हुआ इस बात की जांच की जाएगी। वहीं मोदी की तर्ज पर उन्होंने राज्य के अधिकारियों पर नकेल कसते हुए उनको यह भी साफ बता दिया है कि अब वे जो भी सम्पत्ति खरीदेंगे, उसकी सूचना उन्हें कार्मिक विभाग को देनी होगी। वह सम्पत्ति चाहे पत्नी के नाम हो अथवा पुत्रों व परिजनों के नाम। मुख्यमंत्री हरीश रावत के कड़े फैसलों की कड़ी में शिक्षा विभाग पर भी उनकी नजरें टेढ़ी हुई हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को साफ संदेश दिया है कि अब गंभीर बीमारी का बहाना बनाकर वे स्थानान्तरण नहीं करा पाएंगे। यदि स्थानान्तरण अथवा अवकाश कर्मचारी लेते हैं तो उन्हें उस समय अन्तराल का वेतन नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने पहली नियुक्ति पर स्थानान्तरण चाहते वाले कर्मियों पर भी लगाम लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पहली नियुक्ति पर स्थानान्तरण चाहने वाले कार्मिकों की नियुक्ति अस्वीकति की जाएगी। वहीं उन्होंने कार्मिकों का यह सुविधा देने की कोशिश भी की है जो कार्मिक सुदूरवर्ती कठिन स्थानों पर तैनात हैं उन्हें राज्य सरकार और कितनी सुविधाएं दे सकती है इस पर विचार किया जाएगा। यह सुविधा चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग पर लागू की जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्यान्य योजना के तहत गलत राशन कार्ड बनाने वाले व राशन कार्ड रखने वालों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सतर्कता विभाग को और मजबूत करने की जरूरत है, और उन्होंने सतर्कता विभाग को निर्देश दिया कि वे पुराने मामलों का पुनरीक्षण करें। नंदादेवी राजजात पर उन्होंने कहा कि लोगों में इसका उत्साह देखा जा रहा है लेकिन बेदनी से आगे मार्ग खराब होने की स्थिति में स्वयंसेवक इस पैदल मार्ग की जानकारी यात्रियों को देंगे। उन्होंने कहा कि वाण से आगे शारीरिक रूप से सक्षम को ही आगे जाने दिया जाएगा। इसके लिए वाण में चिकित्सा परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहाकि बेदनी से आगे दल-दली स्थानी पर लकड़ी के तख्तों व खतरनाक रास्तों पर रस्सी के सहारे अनुभवी पर्वतारोहियों के निर्देशन में यात्रियों को आगे जाने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा मार्ग पर सामान्य मोबाइल के अलावा सेटेलाइट फोन व नियमित बिजली के अलावा आस्का लाइट की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में यह संदेश जा रहा है कि उत्तराखंड सबसे असुरक्षित प्रदेश है जबकि उन्होंने कहा कि हम नंदादेवी राजजात यात्रा से देश में यह संदेश देना चाहते हैं कि उत्तराखंड भी देश के अन्य पर्वतीय राज्यों की तरह सुरक्षित है। आपदा पर उन्होंने कहा कि कुछ महीनों पूर्व जहां आपदा एक ही स्थान पर आती थी अब इसने पूरे पर्वतीय क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया है। यहीं कारण है कि राज्य के कई स्थानों पर आपदा का प्रभाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर स्थित गांवों और मकानों की ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर डिजिटल व मैनुअल मैपिंग कराई जाएगी, और इसके बाद पंचायतों को भी सतर्क किया जाएगा। कि उनके इलाके में कितने गांव व मकान खतरे की जद में है ताकि विपरीत परिस्थितियां आने से पूर्व सतर्क किया जा सके।
क्लीनिकों में छापेमारी के विरोध में दिया धरना
देहरादून,19 अगस्त (निस) । इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक चिकित्सकों के क्लीनिकों पर छापेमारी के विरोध में इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक चिकित्सक एसोसिएशन ने सीएमओ कार्यालय पर जोरदार नारेबाजी व प्रदर्शन के बीच धरना दिया। मंगलवार सुबह एसोसिएशन से जुडे चिकित्सक यहां सीएमओ कार्यालय पर एकत्र हुए, जहां पर वह स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ जोरदार नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए। इस अवसर पर आयोजित सभा में एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. केपी एस चैहान ने कहा कि एलोपैथी चिकित्सक इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में कार्य कर रहे चिकित्सकों का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को कई बार यह अवगत कराने के बाद भी कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के डाक्टर मेडिकल काउसिंल के अधीन नहीं है उनका शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन पर क्लीनिकल इस्टेबलिशमेन्ट एक्ट 2010 लागू नहीं होता और वे उत्तराखण्ड सरकार के शासनादेशों से ही प्रैक्टिश करते आ रहे हैं। इसलिए उनके क्लीनिकों पर छापेमारी का कोई औचत्य नहीं है। धरने को समर्थन देने आई राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वे चिकित्सकों के हाथों की कठपुतली न बनकर विवेक से चिकित्सकों के हित में कार्य करे। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे पूर्व के आदेशोें के अनुरूप कार्य करना सुनिश्चित कर चिकित्सकों का उत्पीड़न बंद करे।
सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम ने कसी कमर
देहरादून,19 अगस्त (निस) । शहर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाल रही डीवीडब्यूएम कम्पनी के करार टूट जाने से अब नगर निगम ने शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर कमर कस ली है। अपने वाहनों के जरिए शहर में जगह-जगह कूड़ा एकत्र्ा करने का जिम्मा अब नगर निगम संभाल रही है, नगर निगम अपने ही कर्मचारियों के माध्यम से सफाई के काम में जुट गया है। यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ कृपाल सिंह ने बताया कि 2 मार्च को डीवीडब्यूएम कंपनी ने सफाई व्यवस्था का कार्य छोड़ दिया था, नगर निगम ने अपने समस्त वाहनों को कंपनी से वापस ले लिया है। वर्तमान में नगर निगम ही सफाई व्यवस्था का कार्य देख रही है और डीवीडब्यूएम कंपनी से बेहतर सफाई व्यवस्था का कार्य नगर निगम कर रही है। नगर निगम अपने समस्त वाहनों के जरिए शहर से कूड़ा एकत्र्ा कर रही है। उन्होंने कहा कि नगर निगम का उद्देश्य दून को स्वच्छ रखना है। उन्होंने यह भी बताया कि 15 अगस्त को लेकर शहर की सफाई के लिए गांधी पार्क, परेड ग्राउण्ड अन्य जगहों पर अपने कर्मचारियों के माध्यम से कूड़े को एकत्र्ा कर लिया गया था।
सीएम ने किया आईएसबीटी परिसर का निरीक्षण, आईएसबीटी प्रबंधन में सुधार न होने पर होगी कार्यवाही
देहरादून,19 अगस्त (निस) । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को आई.एस.बी.टी. का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने आईएसबीटी परिसर का निरीक्षण करते हुए नाराजगी व्यक्त की कि परिसर में साफ-सफाई, शौचालय, पीने का पानी आदि का उचित प्रबंध किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. एवं आईएसबीटी का संचालन करने वाली कार्यदायी संस्था रैम्की के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पानी भराव की स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाये जाय। उन्होंने कहा कि पम्प को उपयोग करते हुए पानी निकासी की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कार्यदायी संस्था के उच्चाधिकारियों को बुलाकर बैठक की जाय और सख्त निर्देश दिये जाय। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि आईएसबीटी के प्रबंधन में सुधार नही किया गया, तो सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने एमडीडीए अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसके बेहतर प्रबंधन के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाय।
मानव अधिकार स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति: रावत
देहरादून,19 अगस्त (निस) । मानव अधिकार स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति है। आजादी किसी के अधिकारों का हनन नही कर सकती है। मानव अधिकार के मामले में हमारे देश का रिकार्ड अन्य देशों से काफी अच्छा रहा है। हमारे राज्य में न्यायपालिका, कार्यपालिका या पुलिस बल द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से हो रहा है। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को उत्तराखण्ड मानव अधिकार आयोग के ब्रह्मावाला सहस्त्रधारा रोड़ में स्थित नये भवन का उदघाटन करते हुए कही। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारा प्रदेश विषम परिस्थितियों वाला है। हमारे यहां चुनौतियां अधिक है। इसके बावजूद भी मानव अधिकारों की रक्षा में हमारा प्रदेश का रिकार्ड बेहतर रहा है। उन्हांेने कहा कि हमारे यहां कार्यरत संस्थाओं को अपने दायरे में रहते हुए अपने कार्य करने होंगे, जहां पर किसी अन्य संस्था के सहयोग की आवश्यकता है, उनका सहयोग लिया जा सकता है। उन्हांेने कहा कि मानव अधिकार आयोग द्वारा राज्य सरकार को जो भी निर्देश देगा, उसका पालन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मैं ब्यूरोक्रेसी की ओर से भी आयोग को आश्वस्त करता हूं कि उनका पूरा सहयोग मिलेगा। मानव अधिकार स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति है। हम अगर स्वतंत्र है तो इसका अर्थ है कि हम मानव अधिकार का सम्मान कर रहे है। आजादी किसी के अधिकारों का हनन नही कर सकती है। उन्होंने कहा कि हमने न्यायपालिका को सर्वोच्च माना है। विविधताओं वाला देश होने के बावजूद मानव अधिकार के मामले में हमारा रिकार्ड अन्य देशों से अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों को देखते हुए मानव अधिकार की सुरक्षा और सम्मान करना कठिन कार्य भी है। हमें मानव अधिकार पर नये सिरे से विचार-विमर्श करना होगा। आज कानून व्यवस्था को बनाये रखने के साथ-साथ दूसरे के जीवन की सुरक्षा भी करनी पड़ती है। हमें अपना काम करते हुए मानव अधिकार का ध्यान भी रखना पड़ता है। हमें इस भावना को अपनाना होगा कि बल का प्रयोग वही पर करना है, जहां पर दूसरे के जीवन की रक्षा करनी पड़ती है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तराखण्ड मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिजेन्द्र जैन ने कहा कि किसी भी प्रदेश में एक सक्षम, संवेदनशील और सशक्त सरकार के लिए यह जरूरी है कि वहां पर मानव अधिकार का कम से कम हनन हो। उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति राजेश टंडन ने बताया कि आयोग ने 01 वर्ष 02 माह के कार्यकाल में 1400 दर्ज शिकायतों में से 900 का निस्तारण कर दिया है। आयोग द्वारा राज्य की समस्त पुलिस कर्मियों की दो दिन की पुलिस संवेदनीकरण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें सर्वाेच्च न्यायालय की न्यायधीश ज्ञान सुधा मिश्रा एवं अनेक विधि विशेषज्ञ के द्वारा मानव अधिकार कानूनों पर विस्तार से जानकारी दी गई। सदस्य डाॅ. (श्रीमती) हेमलता ढ़ौडियाल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए राज्य सरकार से आयोग के लिए और अधिक सहयोग की अपेक्षा की। कार्यक्रम में निबन्धक उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग न्यायमूर्ति सुनील कुमार गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक डी.जे.घिल्डियाल, पुलिस महानिदेशक बी.एस.सिद्धू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शव सड़क पर रखकर लगाया जाम
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। राजपुर थाना क्षेत्र के जाखन में बीती रात युवती की तेज रफ्तार कार की चपेट में आकर बुरी तरह जख्मी हुई वृद्धा ने मंगलवार की सुबह उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वृद्ध महिला की मौत से गुस्साए परिजनो व क्षेत्रवासियों ने शव सड़क पर रखकर जाम लगाकर आरोपी युवती को गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होने पुलिस पर भी इस मामले में रसूख के आगे नतमस्तक होने का आरोप लगाते हुए जमकर उसके खिलाफ नारेबाजी की। उल्लेखनीय है कि बीती शाम जाखन क्षेत्र में युवती शैलजा कुकरेजा पुत्री विनोद कुकरेजा निवासी जाखन ने तेज गति से कार चलाते हुए दूकान में घुसा दी थी जिसमें वहां खड़ी वृद्ध महिला चन्द्रकला(58) निवासी जाखन बुरी तरह से जख्मी हो गयी थी। इस घटना के बाद मौके पर एकत्र भीड़ ने कार पर पथराव कर दिया जिसकी सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने स्थिति को काबू में किया।लोगों का आरोप था कि युवती नशें में धुत्त होकर गाड़ी चला रही थी हालांकि मेडिकल में उसके नशें में नही होने की पुष्टि हुई।किन्तु लोगों का आरोप कुछ ओर ही कहानी बयां कर रहा था।वहीं इस दुर्घटना में बुरी तरह से जख्मी वृद्धा ने मंगलवार तड़के पांच बजे दम तोड़ दिया जिसको लेकर परिजनों और क्षेत्रवासियों का गुस्सा भड़क उठा,उन्होने सुबह वृद्धा का शव सडक पर रखकर जाम लगा दिया। उन्होने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस रसूख के दबाव में आकर युवती के खिलाफ हल्की धाराओं में न केवल मुकदमा दर्ज किया बल्कि उसके खिलाफ कोई कार्यवाही भी नही की। जाखन में क्षेत्रवासियों द्वारा जाम लगाने की सूचना पाकर पुलिस के अधिकारी मौके पर पंहुचे और लोगों को शांत कराने का प्रयास किया। किन्तु क्षेत्रवासी इस मामले में सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे थें।
मरीज की मौत पर दून अस्पताल में हंगामा
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। मरिज की मौत पर चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगातें हुए तीमारदारों ने मंगलवार को दून अस्पताल में जमकर हंगामा किया। हंगामें की सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने मामला शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन उनका गुस्सा इस कदर भड़का हुआ था कि काफी देर तक उन्होने हंगामा किया व आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। मिली जानकारी के अनुसार जौनपुर टिहरी गढ़वाल निवासी भरत सिंह(45)को 16अगस्त की सुबह वायरल की शिकायत पर दून अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि कोई भी चिकित्सक उन्हे देखने नही आया जिसके चलते उनकी हालत बिगड़ने लगी थी। आरोप है कि बीते रोज भरत सिंह को ग्लुकोस चढ़ाया गया था जिससे उनकी हालत ओर ज्यादा खराब होने लगी थी तब भी बुलाने के बावजूद कोई चिकित्सक देखने नही आया जिसके चलते मंगलवार को उसकी मौत हो गयी। मरिज की मौत पर तीमारदारों व रिश्तेदारों ने सुबह दून अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उन्होने चिकित्सको पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की। दून अस्पताल में हंगामें की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पंहुची और मामले को शांत कराने का प्रयास किया,किन्तु उनका गुस्सा इस कदर भड़का हुआ था कि वे बिना कार्यवाही के शांत होने को तैयार नही थें।
फांसी लगाकर व्यक्ति ने जान दी
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। कैंट कोतवाली क्षेत्र की कुम्हार मण्डी में एक व्यक्ति ने फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। पुलिस के अनुसार मृतक आर्थिक तंगी से परेशान था, किन्तु घटनास्थल से कोई सुसाईड नोट नही मिला हैं। मिली जानकारी के अनुसार कैंट कोतवाली क्षेत्र के कुम्हार मण्डी निवासी राजकुमार उर्फ बाबला पुत्र मोहकम सिंह प्रजापति बाईडिंग का काम करता था। बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह जब घरवालें उसे जगाने के लिये पंहुचे तो काफी देर तक भी कमरे का दरवाजा नही खुला जिस पर परिजनों को कुछ आंशका हुई और उन्होने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो वहां का नजारा देखकर उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। कमरे में पंखे के हुक से राजकुमार की लाश लटक रही थी। जिसके बाद परिजनों में चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर आस पास के लोग मौके पर पंहुचे और घटना के संबध में पुलिस को बताया। एक व्यक्ति द्वारा फांसी लगाकर जान देने की सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया लेकिन वहां से मृतक का कोई सुसाइड नोट बरामद नही हुआ।हालांकि पुलिस का दावा है कि मृतक आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। जिसके कारण उसने मौत को गले लगाया।
मांगों को लेकर सचिवालय पर गरजी आशा कार्यकत्रियां
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। लम्बे समय से चली आ रही अपनी मांगोें को लेकर आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों ने रैली निकालकर सचिवालय कूच किया। पुलिस ने उन्हे पहले ही बैरिकेटिग लगाकर रोक लिया जिससे गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत उत्तराखण्ड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकत्रियां मंगलवार को परेड ग्राउण्ड में एकत्र हुई और रैली निकालकर सचिवालय कूच किया।रैली जैसे ही सचिवालय के समीप पहंुची पुलिस ने उन्हे पहले ही बैरिकेटिग लगाकर रोक लिया जिससे गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।उनका कहना था कि अपर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पत्र पे्रषित किया गया था जिसमें 11 करोड़ 8 लाख साठ हजार की वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं वित्तीय वर्ष 2013-14 की योजना का प्रस्ताव दिया गया जो कि स्वीकृत नही हुआ हैं। जिसके लिये राज्य के मुख्यमंत्री से मांग की गई कि वे शासन को उपरोक्त राशि को स्वीकृत करने के निर्देश दें। उन्होने कहा कि पिछलें वर्ष पूर्व सीएम विजय बहुगुणा द्वारा पीठसैण में आशा, आंगनवाड़ी, भोजनमाता के लिये तदर्थ बोनस की घोषणा की गयी थी,लेकिन आंगनवाड़ी भोजनमाताओं को तदर्थ बोनस मिल चुका है लेकिन आशाओं को एक हजार बोनस एरियर सहित दिया जाय, सभी असंगठित क्षेत्र की महिला एवं मजदूर के लिये जनश्री बीमा लागू की गई है लेकिन आशाओं के लिये नही, इसलिये केन्द्र सरकार द्वारा घोषित जनश्री बीमा योजना लागू की जाय, आशाओं को गरीबी रेखा स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड की सुविधा दी जाय।उन्होने कहा कि पिछले दो वर्ष से मंहगाई काफी बढ़ गयी हैं, इसलिये मिलने वाले मदों में राशि दोगुनी की जाय, आशाओं को मानदेय प्रतिमाह दिया जाय। यूनियन ने मांगों से सम्बधित ज्ञापन प्रशासन के माध्यम से सीएम, स्वास्थ्य मंत्री व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को प्रेषित किया। रैली का नेतृत्व लेखराज, महावीर शर्मा, शिवा दूबें, रजनी यादव, लोकेश, आशा चैधरी ने किया। इस अवसर पर रेशमा, सईद, अनीता अग्रवाल, मधु, नीलम, नीरा जैन, अनीता भट्ट, पूना थपलियाल, विजय लक्ष्मी, मीना जखमोला, सीता मेहरा, मुन्नी देवी, किरन शर्मा, कुसुम रावत आदि शामिल थें।
भाजपाईयों ने किया प्रदर्शन
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। बीते दिनों भारी बारिश से लोगों को हुए नुकसान पर मुआवजा देने की मांग को लेकर पीडि़त लोगों के साथ महानगर भाजपा ने जिला मुख्यालय पर जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बारिश से प्रभावित लोग व भाजपा महानगर से जुड़े कार्यकर्ता आज प्रातः जिला मुख्यालय में एकत्र हुए, जहां उन्होंने अपनी मांगो के समर्थन में जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि विगत दिनों दून के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के दौरान लोगों को हुए जान-माल की हानि के बाद आपदा राहत के नाम पर पीडि़तों के साथ जिस तरह का मजाक किया जा रहा है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उनका कहना था कि बारिश के दौरान लोगों को हजारों-लाखों रूपयो का नुकसान हुआ, लेकिन उनको नाम मात्र की राहत राशि दी जा रही है, उन्होंने मुआवजे की राशि में वृद्धि किये जाने की मांग की। वक्ताओं का कहना था कि नदी किनारे बसी बस्तियों काठबंगला, ऋषिनगर, खुडबुडा, इंदिरा कालोनी, तिलक रोड सहित तमाम क्षेत्रों में पुश्तें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, जिनके जीर्णोद्धार की जरूरत है, लेकिन इस दिशा में भी शासन-प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य समस्याओं को भी जोरदार ढंग से उठाया। उनका साफ कहना था कि यदि उनकी मांगो का समाधान शीघ्र न हुआ, तो उन्हें सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। बाद मंे प्रदर्शनकारियों की ओर से जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया। प्रदर्शन करने वालों में भाजपा महानगर अध्यक्ष नीलम सहगल के अलावा रविन्द्र कटारिया, विपिन राणा, हरीश नारंग, आनंद प्रकाश, संदीप मुखर्जी, सविता ओबराय, सुशीला कोठारी, राजेन्द्र व्यास, पवन माटा, प्रवीन शर्मा, विनय कुमार, हिमांशु, सूरज भाटिया, कमला रावत, नीतू, धर्मपाल घाघट सहित अनेक कार्यकर्ता व पीडित लोग शामिल थे।
शव सड़क पर रखकर लगाया जाम
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। राजपुर थाना क्षेत्र के जाखन में बीती रात युवती की तेज रफ्तार कार की चपेट में आकर बुरी तरह जख्मी हुई वृद्धा ने मंगलवार की सुबह उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वृद्ध महिला की मौत से गुस्साए परिजनो व क्षेत्रवासियों ने शव सड़क पर रखकर जाम लगाकर आरोपी युवती को गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होने पुलिस पर भी इस मामले में रसूख के आगे नतमस्तक होने का आरोप लगाते हुए जमकर उसके खिलाफ नारेबाजी की। उल्लेखनीय है कि बीती शाम जाखन क्षेत्र में युवती शैलजा कुकरेजा पुत्री विनोद कुकरेजा निवासी जाखन ने तेज गति से कार चलाते हुए दूकान में घुसा दी थी जिसमें वहां खड़ी वृद्ध महिला चन्द्रकला(58) निवासी जाखन बुरी तरह से जख्मी हो गयी थी। इस घटना के बाद मौके पर एकत्र भीड़ ने कार पर पथराव कर दिया जिसकी सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने स्थिति को काबू में किया।लोगों का आरोप था कि युवती नशें में धुत्त होकर गाड़ी चला रही थी हालांकि मेडिकल में उसके नशें में नही होने की पुष्टि हुई।किन्तु लोगों का आरोप कुछ ओर ही कहानी बयां कर रहा था।वहीं इस दुर्घटना में बुरी तरह से जख्मी वृद्धा ने मंगलवार तड़के पांच बजे दम तोड़ दिया जिसको लेकर परिजनों और क्षेत्रवासियों का गुस्सा भड़क उठा,उन्होने सुबह वृद्धा का शव सडक पर रखकर जाम लगा दिया। उन्होने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस रसूख के दबाव में आकर युवती के खिलाफ हल्की धाराओं में न केवल मुकदमा दर्ज किया बल्कि उसके खिलाफ कोई कार्यवाही भी नही की। जाखन में क्षेत्रवासियों द्वारा जाम लगाने की सूचना पाकर पुलिस के अधिकारी मौके पर पंहुचे और लोगों को शांत कराने का प्रयास किया। किन्तु क्षेत्रवासी इस मामले में सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे थें।
मरीज की मौत पर दून अस्पताल में हंगामा
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। मरिज की मौत पर चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगातें हुए तीमारदारों ने मंगलवार को दून अस्पताल में जमकर हंगामा किया। हंगामें की सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने मामला शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन उनका गुस्सा इस कदर भड़का हुआ था कि काफी देर तक उन्होने हंगामा किया व आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। मिली जानकारी के अनुसार जौनपुर टिहरी गढ़वाल निवासी भरत सिंह(45)को 16अगस्त की सुबह वायरल की शिकायत पर दून अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि कोई भी चिकित्सक उन्हे देखने नही आया जिसके चलते उनकी हालत बिगड़ने लगी थी। आरोप है कि बीते रोज भरत सिंह को ग्लुकोस चढ़ाया गया था जिससे उनकी हालत ओर ज्यादा खराब होने लगी थी तब भी बुलाने के बावजूद कोई चिकित्सक देखने नही आया जिसके चलते मंगलवार को उसकी मौत हो गयी। मरिज की मौत पर तीमारदारों व रिश्तेदारों ने सुबह दून अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उन्होने चिकित्सको पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की। दून अस्पताल में हंगामें की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पंहुची और मामले को शांत कराने का प्रयास किया,किन्तु उनका गुस्सा इस कदर भड़का हुआ था कि वे बिना कार्यवाही के शांत होने को तैयार नही थें।
फांसी लगाकर व्यक्ति ने जान दी
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। कैंट कोतवाली क्षेत्र की कुम्हार मण्डी में एक व्यक्ति ने फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। पुलिस के अनुसार मृतक आर्थिक तंगी से परेशान था, किन्तु घटनास्थल से कोई सुसाईड नोट नही मिला हैं। मिली जानकारी के अनुसार कैंट कोतवाली क्षेत्र के कुम्हार मण्डी निवासी राजकुमार उर्फ बाबला पुत्र मोहकम सिंह प्रजापति बाईडिंग का काम करता था। बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह जब घरवालें उसे जगाने के लिये पंहुचे तो काफी देर तक भी कमरे का दरवाजा नही खुला जिस पर परिजनों को कुछ आंशका हुई और उन्होने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो वहां का नजारा देखकर उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। कमरे में पंखे के हुक से राजकुमार की लाश लटक रही थी। जिसके बाद परिजनों में चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर आस पास के लोग मौके पर पंहुचे और घटना के संबध में पुलिस को बताया। एक व्यक्ति द्वारा फांसी लगाकर जान देने की सूचना पाकर मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को कब्जे लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया लेकिन वहां से मृतक का कोई सुसाइड नोट बरामद नही हुआ।हालांकि पुलिस का दावा है कि मृतक आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। जिसके कारण उसने मौत को गले लगाया।
मांगों को लेकर सचिवालय पर गरजी आशा कार्यकत्रियां
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। लम्बे समय से चली आ रही अपनी मांगोें को लेकर आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों ने रैली निकालकर सचिवालय कूच किया। पुलिस ने उन्हे पहले ही बैरिकेटिग लगाकर रोक लिया जिससे गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत उत्तराखण्ड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन के बैनर तले आशा कार्यकत्रियां मंगलवार को परेड ग्राउण्ड में एकत्र हुई और रैली निकालकर सचिवालय कूच किया।रैली जैसे ही सचिवालय के समीप पहंुची पुलिस ने उन्हे पहले ही बैरिकेटिग लगाकर रोक लिया जिससे गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।उनका कहना था कि अपर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पत्र पे्रषित किया गया था जिसमें 11 करोड़ 8 लाख साठ हजार की वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं वित्तीय वर्ष 2013-14 की योजना का प्रस्ताव दिया गया जो कि स्वीकृत नही हुआ हैं। जिसके लिये राज्य के मुख्यमंत्री से मांग की गई कि वे शासन को उपरोक्त राशि को स्वीकृत करने के निर्देश दें। उन्होने कहा कि पिछलें वर्ष पूर्व सीएम विजय बहुगुणा द्वारा पीठसैण में आशा, आंगनवाड़ी, भोजनमाता के लिये तदर्थ बोनस की घोषणा की गयी थी,लेकिन आंगनवाड़ी भोजनमाताओं को तदर्थ बोनस मिल चुका है लेकिन आशाओं को एक हजार बोनस एरियर सहित दिया जाय, सभी असंगठित क्षेत्र की महिला एवं मजदूर के लिये जनश्री बीमा लागू की गई है लेकिन आशाओं के लिये नही, इसलिये केन्द्र सरकार द्वारा घोषित जनश्री बीमा योजना लागू की जाय, आशाओं को गरीबी रेखा स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड की सुविधा दी जाय।उन्होने कहा कि पिछले दो वर्ष से मंहगाई काफी बढ़ गयी हैं, इसलिये मिलने वाले मदों में राशि दोगुनी की जाय, आशाओं को मानदेय प्रतिमाह दिया जाय। यूनियन ने मांगों से सम्बधित ज्ञापन प्रशासन के माध्यम से सीएम, स्वास्थ्य मंत्री व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को प्रेषित किया। रैली का नेतृत्व लेखराज, महावीर शर्मा, शिवा दूबें, रजनी यादव, लोकेश, आशा चैधरी ने किया। इस अवसर पर रेशमा, सईद, अनीता अग्रवाल, मधु, नीलम, नीरा जैन, अनीता भट्ट, पूना थपलियाल, विजय लक्ष्मी, मीना जखमोला, सीता मेहरा, मुन्नी देवी, किरन शर्मा, कुसुम रावत आदि शामिल थें।
भाजपाईयों ने किया प्रदर्शन
देहरादून, 19 अगस्त (निस)। बीते दिनों भारी बारिश से लोगों को हुए नुकसान पर मुआवजा देने की मांग को लेकर पीडि़त लोगों के साथ महानगर भाजपा ने जिला मुख्यालय पर जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बारिश से प्रभावित लोग व भाजपा महानगर से जुड़े कार्यकर्ता आज प्रातः जिला मुख्यालय में एकत्र हुए, जहां उन्होंने अपनी मांगो के समर्थन में जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया। इस अवसर पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि विगत दिनों दून के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के दौरान लोगों को हुए जान-माल की हानि के बाद आपदा राहत के नाम पर पीडि़तों के साथ जिस तरह का मजाक किया जा रहा है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उनका कहना था कि बारिश के दौरान लोगों को हजारों-लाखों रूपयो का नुकसान हुआ, लेकिन उनको नाम मात्र की राहत राशि दी जा रही है, उन्होंने मुआवजे की राशि में वृद्धि किये जाने की मांग की। वक्ताओं का कहना था कि नदी किनारे बसी बस्तियों काठबंगला, ऋषिनगर, खुडबुडा, इंदिरा कालोनी, तिलक रोड सहित तमाम क्षेत्रों में पुश्तें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, जिनके जीर्णोद्धार की जरूरत है, लेकिन इस दिशा में भी शासन-प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य समस्याओं को भी जोरदार ढंग से उठाया। उनका साफ कहना था कि यदि उनकी मांगो का समाधान शीघ्र न हुआ, तो उन्हें सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। बाद मंे प्रदर्शनकारियों की ओर से जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया। प्रदर्शन करने वालों में भाजपा महानगर अध्यक्ष नीलम सहगल के अलावा रविन्द्र कटारिया, विपिन राणा, हरीश नारंग, आनंद प्रकाश, संदीप मुखर्जी, सविता ओबराय, सुशीला कोठारी, राजेन्द्र व्यास, पवन माटा, प्रवीन शर्मा, विनय कुमार, हिमांशु, सूरज भाटिया, कमला रावत, नीतू, धर्मपाल घाघट सहित अनेक कार्यकर्ता व पीडित लोग शामिल थे।