राजजात यात्रा पहंुची अपने आठवे पड़ाव चेपडि़यूं
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। सोमवार को श्री नन्दा देवी राजजात यात्रा सातवे पड़ाव कुलसारी से आठवें पड़ाव चेपडि़यूं पहंुची, थराली में देवराड़ा व आस पास के ग्रामीणों ने यात्रा का स्वागत किया तथा देवी का आर्शीवाद प्राप्त किया। चेपडि़यूं नन्दा के ससुराल का पड़ाव है। समीप के देवराडा गांव में नन्दा वधाण एवं कुरूड़ में वर्ष में छह-छह माह प्रवास करती हैं। यहां के लोगों ने नन्दा के स्वागत के लिये विशेष तैयारियां की हंै। इससे पूर्व नन्दा राजजात यात्रा रविवार को देर सांय कुलसारी पंहुची, अब यात्रा पहाडी उतार- चढ़ाव के बाद सीधे सड़क मार्ग से प्रस्थान कर रही है। कुलसारी का नन्दा राजजात यात्रा में विशेष महत्व है, कालरात्रि में दक्षिण काली के श्री यंत्र की विशेष पूजा हुई, कासुआ के राजकुवंर व राजपुरोहित इसमें शामिल हुए। नैनाविनायक, कोब थान, पास्तोली, जबरकोट, कुमारी भगवती की छतोली भी यहां पर यात्रा में शाामिल हुई। इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष डा. ए.पी.मैखुरी, विधायक थराली जीत राम सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
सरकार का निर्णय अधूरा: शर्मा
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का नया भूमि बंदोबस्त करने और नयाबाद एक्ट को फिर से लागू करने का निर्णय अधूरा है। उन्होंने कहा कि फिर भी यह पहाड़ के किसानों के हित में चलाई गई किसान महासभा की मुहीम की आंशिक जीत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में एकमात्र अखिल भारतीय किसान महासभा ही ऐसा संगठन रहा है जो वर्षों से पहाड़ में नया भूमि बंदोबस्त व बेनाप बंजर भूमि को ग़रीबों में बांटने, अनिवार्य चकबंदी और नया भूमि सुधार कानून बनाने की मुहीम चला रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्वतीय किसानों, अनुसूचित जातियों व जनजातियों की जमीनों के लगातार छिनते जाने और पहाड़ में कृषि भूमि के विस्तार पर अंतिम बंदोबस्त के बाद से ही लगी रोक के कारण आज उनकी बड़ी संख्या भूमिहीन हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उक्त फैसला जरूर स्वागत योग्य है परन्तु यह फैसला अधूरा है। इसका फ़ायदा प्रदेश के गरीब किसानों को तब तक नहीं मिल सकता है जब तक सरकार बेनाप-बंजर भूमि को पंचायतों को हस्तांतरित नहीं कर देती है। उन्होंने यह भी कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में चकबंदी को अनिवार्य कर कानूनी तौर पर लागू किया जाय तथा बंदरों, सूअरों व आवारा जानवरों से पहाड़ की खेती की रक्षा एवं पर्वतीय कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य व सरकारी खरीद की गारंटी की जाय।
कालेज बंद कराने को लेकर छात्रों की पुलिस से भिड़ंत
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। मेरिट के आधार पर डिग्री कालेजों में प्रवेश को लेकर छात्र संघर्ष समिति ने मोर्चा खोलते सोमवार को राजधानी के समस्त महाविद्यालयों में तालाबंदी की। इस दौरान डीएवी कालेज बंद कराने को लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों व पुलिस में भिड़ंत हो गयी जिसके चलते पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।छात्र संघर्ष समिति से जुडे हुए छात्र सोमवार को डीएवी कालेज के समक्ष एकत्र हुए। उन्होने कालेज प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी के बीच जैसे ही कालेज को बंद कराने का प्रयास किया तो वहां पहले ही मौजूद पुलिस ने उन्हे रोक दिया जिसको लेकर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर नोक झोंक व धक्का मुक्की हुई। छात्रों के उग्र रूख को नियत्रिंत करने के लिये पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू की जिससे वहां भगदड़ मच गई। इसके बाद छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए कालेज प्रशासन को कालेज बंद करना पड़ा। वहीं अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत समिति ने डीबीएस, एमकेपी व एसएसजीआरआर कालेज भी बंद करा दिये। उनका कहना था कि मैरिट के आधार पर प्रवेश को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जायेगा चाहे इसके लिये उन्हे उग्र आंदोलन ही क्यों न करना पड़े। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक मैरिट के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया का निर्णय वापस नही लिया जायेगा वे अपना आंदोलन इसी तरह जारी रखेगें।उनका कहना था कि मैरिट के आधार पर एडमिशन प्रक्रिया से आईसीएसई व सीबीएसई के ही छात्रों को इसका लाभ मिलेगा बाकि के छात्रों का भविष्य ही बर्बाद हो जायेगा। इस छात्र विरोधी निर्णय को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जायेगा। इस दौरान छात्र नेताओं ने कालेज गेट पर धरना देकर प्राचार्य डा देवेन्द्र भसीन के इस्तीफे की मांग की। वहीं कालेज गेट पर धरने को लेकर छात्रों की पुलिस से भी नोक-झोंक हुई। इस दौरान डीएवी कालेज छात्र संघ के अध्यक्ष सिद्धार्थ राणा, अंशुल चावला, महेश जगूडी, आशीष रावत, स्वाति नेगी, राकेश नेगी, नितिन जोशी, जोगेन्द्र, अभिषेक भंडारी सहित अनेक छात्र मौजूद थे।
संगठन से जोड़े जाएंगे 51 हजार नये हित चिंतक: महावीर
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। स्वर्ण जयंति को दृष्टिगत रखते हुए विहिप ने इस वर्ष प्रदेशभर में 51 हजार नये हित चिंतक को संगठन से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्यकर्ताओं को दायित्व सौप दिये गये है। इसके अलावा संगठन ने आगामी कार्यक्रमों की भी रूपरेखा तैयार की है। धर्मपुर सुमननगर स्थित विश्व संवाद केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान विहिप के केन्द्रीय मंत्री महावीर ने कहा कि विहिप की स्थापना कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 1954 में हुई थी और तभी से संगठन ने देश-विदेश में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, गौरक्षा, सेवा, सुरक्षा सहित तमाम क्षेत्रों में कार्य किया। उन्होंने कहा कि विहिप इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से आगामी वर्ष 2015 तक स्वर्ण जयंती स्थापना वर्ष के रूप में मनायेगी। नवम्बर 2014 से जनवरी 2015 तक हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जायेगा, जिसको लेकर आवश्यक रणनीति बनायी जा रही है। इसके अलावा 2 नवम्बर को 1 लाख यूनिटों द्वारा रक्तदान किया जायेगा, जबकि मार्च 2015 में 1 लाख गांवो में राम नवमी को उत्साह के साथ मनाया जायेगा। इसके अलावा संगठन ने जेहादी, माओवाद, लव जेहाद तथा सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने की दिशा में भी कार्य करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि आज भारत के 50 हजार गांवों में लगभग विहिप के 3 लाख कार्यकर्ता शिक्षा, स्वास्थ्य, गांव उत्थान के क्षेेत्र में सेवा कार्य कर रहे हैं, जबकि 51 हजार गांवो में शिक्षा मंदिर के माध्यम से 20 लाख ग्रामीणों को शिक्षा दी जा रही है, और 151 छात्रावासों के माध्यम से 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों के आवास, संस्कार व शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष प्रदेशभर में 51 हजार नये हित चिंतक को संगठन से जोड़ने का लक्ष्य रखने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की सफलता को कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपे गये है। पत्रकार वार्ता मंे महेन्द्र सिंह नेगी, चन्द्रगुप्त विक्रम, अशोक विडलांस, लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल, रविदेव आनंद, कृपा शंकर आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।
सीबीआई ने रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा एकाउंटेंट
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। सीबीआई की टीम ने कैंट बोर्ड दफ्तर में तैनात एकाउंटेंट को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई की इस कार्रवाई से कैंट बोर्ड प्रशासन में हड़कंप मच गया। मिली जानकारी के अनुसार गढ़ी कैंट स्थित कैंट बोर्ड दफ्तर में तैनात सफाई कर्मी रमेश शंकर 30 जून 2014 में सेवानिवृत्त हुआ था। वह अपनी पेंशन और फण्ड आदि को लेकर कैंट बोर्ड दफ्तर के चक्कर काट रहा था। बाद में उसके पुत्र सचिन कुमार से इस संदर्भ में काम कराने की एवज में एकाउंटेंट ने 20 हजार रिश्वत की मांग की। क्योंकि पीडि़त रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिये उसने इस मामलें में केन्द्रीय जांच ब्यूरों के स्थानीय कार्यालय के अधिकारियों से सम्पर्क कर रिश्वत मांगने की शिकायत की। कैंट बोर्ड के एक अधिकारी के द्वारा काम कराने की एवज में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई ने मामले की जांच की तो शिकायत को सही पाया। इस दौरान यह भी पता लगा कि कैंट बोर्ड का एकाउंटेंट मेनपाल सिंह एक भ्रष्ट प्रवृत्ति का व्यक्ति हैं और पूर्व में भी उसके खिलाफ शिकायते मिलती रही हैं। सीबीआई की टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिये अपना जाल बिछाया और सचिन ने मैनपाल के साथ 20 हजार रुपये में बात पक्की कर ली व 5 हजार एडवांस की बात भी हो गयी। सोमवार को तय समय पर पाउडर लगे पांच हजार रूपये देकर सचिन एकाउंटेंट के पास गया। जैसे ही ही सचिन से एकाउंटेंट ने रूपये पकड़े सीबीआई की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उससे वह 5 हजार रूपये भी बरामद कर लिये जिस पर पाउडर लगा हुआ था। सीबीआई ने एकाउंटेंट मेनपाल को अपनी हिरासत मंे ले लिया और कैंट बोर्ड के अंदर ही वह उससे पूछताछ करने में जुट गए। सीबीआई टीम की इस कार्रवाई से वहां अफरा तफरी मच गई। दोपहर कई घंटे मनपाल सिंह से पूछताछ करने के बाद सीबीआई उसे अपने साथ लेकर चली गई। जिसके बाद से कैंट बोर्ड प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
वेस्ट मेनेजमेंट व ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान देने की जरूरत: सीएम
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। नगर निकायों को विकास में भागीदार बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव मदद करने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि शहरों में वेस्ट मेनेजमेंट व ड्रेनेज सिस्टम पर अधिक ध्यान देना होगा। उन्होंने नगर निगमों के मेयर व जिला पंचायत अध्यक्षों को वाहन पर लालबŸाी लगाए जाने के अधिकार का विषय केबिनेट की अगली बैठक में रखे जाने का आश्वासन दिया। 46वें अखिल भारतीय महापौर परिषद में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नगर निगम सहित सभी विभागों को आगामी विधानसभा सत्र से पहले अपने विभागीय ढांचे को दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निकायों के चुने हुए प्रतिनिधियों को आर्थिक संसाधन उपलब्ध हो सके, इसके लिए राज्य सरकार 13वें विŸा आयोग से अनुरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के साथ शहरीकरण की गति भी बढ़ी है। उपनगरीय क्षेत्रों को भी शामिल कर लिया जाए तो शहरी क्षेत्र काफी अधिक हो जाता है। इस सदी में आर्थिक विकास की औसत दर 8 प्रतिशत के करीब रही है जो कि अधिकांश देशों के लिए स्वप्न की भंाति है। तेज आर्थिक विकास का प्रभाव शहरीकरण के रूप में दिखता है। परंतु शहरों में जनसंख्या के बढ़ते दबावों से यहां कई समस्याएं भी पैदा हो रही हैं जिनका समाधान समय रहते करना बहुत जरूरी है। देहरादून सहित अधिकांश शहरों में रहने के लिए भूमि की कमी होती जा रही है। विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए सम्मानजनक तरीके से रहने की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नगर निकाय व पंचायतें भी सरकार का ही एक रूप हैं। इन्हें राज्य में अनेक अधिकार दिए गए हैं। राज्य में नगर निकायों को और अधिक अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए सीएम ने नगर विकास मंत्री प्रीतम पंवार की अध्यक्षता में समिति बनाए जाने की बात कही जो कि राज्य सरकार व नगर निकायों के बीच समन्वय का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि सभी शहरों को अनिवार्य रूप से कचरा निस्तारण की पुख्ता व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने अधिवेशन में इस पर प्रमुखता से चर्चा किए जाने की अपेक्षा की। यदि इसके लिए समुचित सुझाव आता है तो राज्य सरकार राज्य के शहरों में वेस्ट मेनेजमेंट के काम में नगर निकायों के साथ जिम्मेवारियों को साझा करने के लिए तैयार है। सीएम ने शहरों में सरकारी भूमि की अतिक्रमण से रक्षा किए जाने व बहुमूल्य भू-सम्पदा का उपयोग किए जाने पर भी जोर दिया। परंतु इसके लिए लैंड मेपिंग होना जरूरी है। पानी के भराव को रोकने के लिए डेªनेज सिस्टम पर भी गम्भीरता से काम करना होगा। उन्होंने बाहर से आए महापोरों का स्वागत भी किया। उŸाराखण्ड के शहरी विकास मंत्री प्रीतम पंवार ने कहा कि राज्य में नगर निकायों के लिए 18 में से 13 विषयों को लागू कर दिया गया है। शेष पर विचार किया जा रहा है। नगर निगमों का ढांचा भी लगभग तैयार किया जा चुका है। नगर निकायों को यदि शक्ति सम्पन्न बनाना है तो इनकी आय वृद्धि होना बहुत आवश्यक है। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने महापौर परिषद के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अनेक प्रदेशों में नगर निकायों के प्रमुखों का कार्यकाल एक-दो वर्ष ही है। यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि उŸाराखण्ड में मेयर का कार्यकाल पांच वर्ष है और मेयर सीधे जनता द्वारा चुन कर आता है। देहरादून नगर निगम के मेयर विनोद चमोली ने स्वागत भाषण दिया जबकि अखिल भारतीय मेयर काउन्सिल के चेयरमैन अनिल शोले ने धन्यवाद भाषण दिया। इस अवसर पर विधायक राजकुमार, उमेश श्र्मा काउ, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष अशोक वर्मा सहित अन्य महानुभाव उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मेयर हरिद्वार मनोज गर्ग ने किया।
उद्यान मंत्री ने करवाया वृक्षारोपण
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। राज्य औषधीय पादप बोर्ड उत्तराखण्ड द्वारा औषधीय एवं सगन्ध पौधोें के प्रति विद्यार्थियों एवं जनसामान्य में अभिरूचि विकसित करने के उद्देश्य से शासन की नीति के अनुसार ‘‘फलदार एवं औषधीय पौधों का रोपण, दूर करे कुपोषण‘‘ एवं ‘‘आय में हो वृद्धि, हर ओर समृद्धि‘‘ थीम के आधार पर सी.एन.आई. बालिका इण्टर काॅलेज राजपुर रोड देहरादून सोमवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में औषधीय एवं सगन्ध पौधों का रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डाॅ0 हरक सिंह रावत मा0 मंत्री, उद्यान, मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राजकुमार मा0 विधायक, राजपुर द्वारा की गयी। राज्य की प्राकृतिक सम्पदा के अन्तर्गत कृषिकरण से उपलब्ध जड़ी-बूटियों के प्रति नई पीढ़ी विशेष रूप से विद्यार्थियों में जागरूकता एवं अभिरूचि विकसित करने के उद्देश्य से इस महत्वपूर्ण कार्य योजना का शुभारम्भ मा0 मंत्री, उद्यान, द्वारा विद्यालय के प्रांगण में औषधीय पौधों का रोपण कर किया गया। अपने सम्बोधन में मा0 मंत्री जी द्वारा बताया गया कि सभी सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालयों एवं विद्यालयों में रिक्त पड़ी भूमि में फलदार, औषधीय एवं सगन्ध पादप प्रजातियों का पौध रोपण एक अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। इसके लिए उद्यान विभाग द्वारा निःशुल्क पौधों की व्यवस्था की जा रही है। औषधीय एवं सगन्ध पादप प्रजातियों के सम्बन्ध में विद्यार्थियों में जागरूकता एवं अभिरुचि उत्पन्न करने हेतु सरकार द्वारा विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में एक अध्याय के रूप में इस विषय को इसी शैक्षिक सत्र में सम्मिलित किया जाएगा। मा0 मंत्री जी द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया गया कि राज्य में उद्यान एवं जड़ी-बूटी ही आजीविका एवं आय सम्वर्धन का मुख्य आधार है तथा इन्ही के द्वारा प्रदेश का विकास किया जाना सम्भव है। मा0 मंत्री जी द्वारा शोध संस्थाओं द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों का लाभ आम जन तक पहुंचाने के निर्देश दिये गये। प्रमुख सचिव, उद्यान डा0 रणबीर सिंह ने अपने सम्बोधन में शिक्षा विभाग से विद्यालयों में हर्बल गार्डेन विकसित किये जाने के प्रस्ताव राज्य औषधीय पादप बोर्ड को प्रेषित करेने को कहा गया, ताकि उनका वित्त पोषण राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड से सेन्ट्रल सेक्टर स्कीम के अन्तर्गत किया जा सके। श्री आर0सी0 शर्मा, अपर सचिव व मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा अपने सम्बोधन में उर्द्धत किया गया कि पौधों का रोपण ही पर्याप्त नहीं है, रोपित पौधों की सुरक्षा एवं प्रबन्धन दायित्व सम्बन्धित विद्यालयों द्वारा ही किया जाना उचित होगा, जिससे कि रोपण का उद्देश्य पूर्ण हो सके। श्री सी0एस0 ग्वाल, निदेशक विद्यालयी शिक्षा, ने मा0 मंत्री व प्रमुख सचिव, उद्यान द्वारा दिये गये निर्देशों का प्राथमिकता पर समयबद्ध रूप से परिपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु आश्वस्त किया। आज के कार्यक्रम में श्री देवेन्द्र पालीवाल, संयुक्त सचिव, उद्यान, श्री एस0एम0 शर्मा, निदेशक, रेशम, श्री आर0सी0 श्रीवास्तव, सी0ई0ओ0, भेषज विकास इकाई, श्री नृपेन्द्र चैहान, वैज्ञानिक प्रभारी, सगन्ध पौधा केन्द्र, डाॅ0 पंकज शुक्ला, वित्त अधिकारी तथा विद्यालय की प्रधानाध्यापिका, श्रीमती वी मार्टीन आदि के साथ-साथ विद्यालय की शिक्षिकायें तथा छात्रायें व विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापन पर मा0 मंत्री जी, द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षिकाओं तथा छात्राओं को औषधीय एवं सगन्ध पादप, तुलसी एवं लैमनग्रास के पौध वितरित किये गये।
वरिष्ठ वैज्ञानिकों का हिंदी संगोष्ठियों में प्रस्तुति देना एक तरह उनके हिंदी प्रेम
देहरादून 25 अगस्त, (निस)। संस्थान के राजभाषा अनुभाग द्वारा ‘‘45वीं आंतरिक हिंदी वैज्ञानिक संगोष्ठी’’ का आयोजन आज संस्थान के सर सी वी रमन व्याख्यान-कक्ष में किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कार्यकारी निदेशक, डाॅ. एस एम नानोटी ने कहा कि आंतरिक हिंदी वैज्ञानिक संगोष्ठियों में युवा वैज्ञानिकों को बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। वरिष्ठ वैज्ञानिकों का हिंदी संगोष्ठियों में प्रस्तुति देना एक तरह उनके हिंदी प्रेम को दर्शाता है। ये संगोष्ठियां तभी अपने उद्देश्य में सफल होगी जब प्रत्येक वैज्ञानिक अपने कार्य संबंधी प्रस्तुति में आगे आएं। संगोष्ठी का संचालन करते हुए संगोष्ठी के संयोजक तथा संस्थान के राजभाषा अनुभाग के प्रभारी डाॅ0 दिनेश चंद्र चमोला ने कहा कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी की उन्नति से ही किसी देश के प्रगति का आकलन किया जा सकता है। जन-जन अपनी वैज्ञानिक उपलब्ध्यिों पर तभी गर्व कर सकता है। जब यह समूचा ज्ञान उसे अपनी भाषा मंे प्राप्त होता है। अनुवाद के सहारे चलने के बजाय वैज्ञानिक मौलिक रूप से शोध लेखन में आगे आएं तो विज्ञान को जन-जन तक पहुंचने में मदद मिलेगी। शब्दावली न कभी कठिन होती है और न सरल ही, महज परिचित व अपरिचित होती है। परिचित होने पर कठिन लगने वाला शब्द भी सहज लगने लगता है। ऐसी संगोष्ठियों के आयोजन से ही अभिव्यक्ति व शब्दावली के बीच के अंतर को पाटा जा सकता है। प्रस्तुति सत्र में ‘डिलेयड कोकिंग में कैटेलिस्ट का प्रयोग एवं प्रभाव’, विषय पर डाॅ दीपक टंडन; ‘माॅन्टे कार्लो अनुकरण तकनीक का प्रयोग कर रौलिंग काॅन्ट्रैक्ट बेयरिंग के लाभदायक जीवन की प्रागुक्ति (प्रिडिक्षन)’, विषय पर ईषान सिंह; ‘ग्राफीनः दषक की अद्भुत सामग्री’, विषय पर हर्षल पी. मुंगसे; ‘जिंक डाइएल्काईल डाई थायो फाॅस्फेट एडिटिव के वातावरण के अनुकूल विकल्प’; विषय पर शुभम पांडेय आदि ने अपनी प्रभावी प्रस्तुतियां दीं। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 चमोला ने ज्ञापित किया।