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नरकटियागंज (बिहार) की खबर (28 अगस्त)

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प्रशासन व पुलिस के लोग कर रहे कैम्प, चंेगवना में तनाव जारी

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नरकटियागंज(पच) नरकटियागंज प्रखण्ड के मल्दहिया में एक छोटी प्रशासनिक भूल अब नासूर बनता जा रहा है। शिकारपुर थाना क्षेत्र के मल्दहिया पंचायत अन्तर्गत चेंगवना गाँव का कब्रीस्तान विवाद अब रूकने का नाम नहीं ले रहा है। उधर प्रशासन कुछ मानने को तैयार नहीं हैंै। कई बार चंेगवना में गैरमजरूआ जमीन और कब्रीस्तान मामले को लेकर तनाव हुआ लेकिन प्रशासन ने उसपर कड़ा रूख अख्तियार नहीं किया। जिससे मामला में पानी अब सिर से उपर बहने लगा है। इधर बुधवार को चंेगवना के युनूस बैठा के पुत्र मोबारक बैठा की मौत के बाद से उसके शव को दफनाने को लेकर दोनो पक्ष में तकरार जारी है। समाचार लिखे जाने तक मोबारक की लाश को नहीं दफनाया जा सका था। प्रशासन और पुलिस के लोग घटनास्थल पर शांति व्यवस्था और विधि व्यवस्था पर नजर रखने के लिए मौजूद है। इस बावत थानाध्यक्ष शिकारपुर का मोबाईल नम्बर 9431822388 और एसडीपीओ नरकटियागंज 9431800078 का मोबाईल नम्बर बन्द पाया गया। चेंगवना में बेतिया पुलिस कप्तान देर शाम सदल-बल पहुँचे है, सौरव कुमार शाह का कहना है कि स्थिति को शीघ्र नियंत्रित कर लिया जाएगा।

पत्रकार उत्पीड़न मामले में पुलिस की लापरवाही, दलित युवक लाचार

नरकटियागंज(पच) स्थानीय पत्रकार मंजय लाल सत्यम के साथ हुए दुव्र्यवहार मामले में दर्ज शिकारपुर थानाकाण्ड संख्या 145/14 और उसी पत्रकार के साथ हत्या के प्रयास, मारपीट और कैमरा छीन लिये जाने के मामले मे एसडीपीओ संजय कुमार के जाँच आदेश के उपरान्त सुरेश मिश्र द्वारा दर्ज किये गये काण्ड संख्या 72/14 मामले में पुलिस की उदासीनता से तंग आकर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर देश छोड़ने की अनुमति मांगी है। उसके बाद शिकारपुर थानाध्यक्ष आनन्द कुमार सिंह ने मंजयलाल सत्यम को देश छोड़ने को तैयार रहने को कहा है। मंजयलाल सत्यम ने कहा कि एक पत्रकार के मामले में पुलिस ने जाने किसके प्रभाव से टाल मटोल कर लम्बित रखे हुई हैं, यह तो ईश्वर और पुलिस ही बता सकती है। इस बात से यह स्पष्ट हो जाता है कि आम जनता के साथ पुलिस को रवैया क्या होता होगा। पत्रकार के साथ दुव्र्यवहार व अन्य मामले में पुलिस के तीन एसडीपीओ बदल गये लेकिन किसी ने उस केस का पर्यवेक्षण नहीं किया। प्रतिपक्ष के पैरोकार न जाने कितनी राशि खर्च करते है कि पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। उधर मंजयलाल ने बताया कि एसडीपीओ ने उल्टा उन्हीं पर नोटिस जारी कर दिया है।  पत्रकार उत्पीड़न मामले में पीड़ीत पत्रकार का कहना है कि एक वर्ग विशेष द्वारा मामले में काफी सक्रिय होकर लुत्फ उठाया जा रहा हैं। 

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