नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव ने रविवार को देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से आग्रह किया कि वे राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित कोई निर्णय लें, क्योंकि 19 नवंबर के चुनाव बाद राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यादव ने यह अनुरोध ऐसे समय में किया है, जब दो प्रमुख वामपंथी दलों -जो नई संविधान सभा में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं- ने नए राष्ट्रपति का चुनाव कराने की मांग की है, क्योंकि राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा हो गया है।
यादव ने सभी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं को अपने सरकारी आवास पर आमंत्रित करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने कार्यकाल के बारे में सर्वदलीय निर्णय को स्वीकार करेंगे। संविधानसभा में दूसरे और तीसरे सबसे बड़े राजनीतिक दल -कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और यूनीफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी (यूसीपीएन-माओवादी)- सबसे बड़े राजनीतिक दल नेपाली कांग्रेस पर दबाव बना रहे हैं कि नए राष्ट्रपति का चुनाव कराया जाए।
नेपाली कांग्रेस चाहती है कि 2008 में निर्वाचित मौजूदा राष्ट्रपति, दूसरी संविधान सभा द्वारा नया संविधान लिखे जाने तक अपने पद पर बने रहें। सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष झलनाथ खनाल ने कहा, "राष्ट्रपति ने हमसे कहा है कि सार्वजनिक मंच पर इस मामले को विवादास्पद बनाने के बदले उनके कार्यकाल के बारे में कोई सामूहिक रुख अख्तियार किया जाए। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कोई भी सर्वदलीय निर्णय उन्हें स्वीकार होगा।"
नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष सुशील कुमार कोईराला, सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष झलनाथ खनाल और यूसीपीएन (माओवादी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल ने राष्ट्रपति को आश्वस्त किया है कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर कोई निर्णय लेंगे।