लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 89वंे फाउण्डेशन कोर्स का शुभारंभ
- आपकी अंतहीन यात्रा अब शुरू हो चुकी है: उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी
देहरादून,2 सितंबर,(निस)। उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने राष्ट्र निर्माण और सामाजिक परिवर्तन में युवा अधिकारियों की भूमिका की महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि आप लोगों की अंतहीन यात्रा अब शुरू हो चुकी है। आपकी कुशलता, कुशाग्रता, सत्यनिष्ठा, न्यायप्रियता तथा ईमानदारी जनहित के प्रबंधन में परिलक्षित होगी। आपको जनता और उनके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों के बीच सेतु बनकर विकास करना है और उस विकास के प्रतिफल का वितरण प्रत्येक नागरिक में समान रूप से सुनिश्चित करना है जो कि जन कल्याणकारी नीतियों तथा कार्यक्रमों का सही ढ़ंग से क्रियान्वयन करके ही संभव है। उन्होंने भुखमरी, कुपोषण, गरीबी, बेरोजगारी के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजलापूर्ति, स्वच्छता, परिवहन तथा संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं सहित सामाजिक व लैंगिक असमानताओं की ओर भी युवा अधिकारियों का ध्यानाकर्षित करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त सभी प्रकार की असमानताओं और भेदभाव को समाप्त करने के लिए अपनी क्षमताओं व अधिकारों का प्रयोग करना होगा। उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र में जन सेवकों की भूमिका को अत्यन्त चुनौती पूर्ण बताते हुए यह भी कहा कि वैश्विक विकास के दौर में आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके अपनी क्षमता, ज्ञान, कौशल में निरन्तर वृद्धि करते रहना होगा लेकिन इसके साथ ही आम भारतीय नागरिक के कल्याण के प्रति संवेदनशीलता भी बनाये रखनी होगी। उपराट्रपति एम. हामिद अंसारी मंगलवार को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 89वंे फाउण्डेशन कोर्स के शुभारंभ के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। इस कोर्स में 180 आई.ए.एस., 35 आई.पी.एस, 30 आई.एफ.एस, 16 आई.एफ.ओ.एस, छह आई.आर.एस तथा अन्य विभिन्न सेवाओं सहित राॅयल भूटान के सिविल, फारेस्ट तथा पुलिस सेवा के कुल 290 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हैं। वहीं इस कोर्स मंे महिलाओं का प्रतिनिधित्व 26 प्रतिशत है। मुख्य अतिथि हामिद अंसारी ने अपने सम्बोधन का शुरूआत मसूरी अकादमी से जुड़ी 1961 की स्मृतियों के साथ किया जब वे स्वयं एक प्रशिक्षु(आई.एफ.एस) के बतौर यहाँ आये थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल डा0 अज़ीज़ कुरैशी ने कहा कि देश की शीर्ष सेवाओ से जुड़े जनसेवक व सिविल सर्वेंन्ट की अपनी एक विशिष्ट चारित्रिक पहचान है।उससे अपेक्षा की जाती है कि वह श्रेष्ठ चारित्रिक मूल्यों का अवमूल्यन किए बिना जनहित और देशहित में भय रहित होकर निष्पक्षता से कार्य करे। राज्यपाल ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों का आह्वाहन करते हुए कहा कि अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में जाने पर इतना ध्यान अवश्य रखें कि आपके स्तर से प्रत्येक पीडि़त, लाचार तथा बेजुबान को न्याय मिले और उसके दुःख दूर हों। अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू के उस प्रथम भाषण का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रत्येक पीडि़त व्यक्ति की आँख में एक भी बूंद आँसू रहने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनायें भी दी तथा आशा व्यक्त की कि समर्पित भाव से की गई देश सेवा से सुखद सामाजिक बदलाव अवश्य आयेगा। अकादमी के निदेशक राजीव कपूर ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। 89वें फाउंडेशन कोर्स के समन्वयक सौरभ जैन द्वारा 89वें बैच के पाठ्यक्रम पर प्रकाश ड़ाला गया। निदेशक द्वारा मुख्य अतिथि को 1961 के उस बैच का फ्रेम्ड फोटो ग्राफ भेंट किया जिसमें स्वयं एम.हामिद अंसारी प्रशिक्षु के रूप में मसूरी अकादमी में थे।
शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के स्कूल
देहरादून, 2 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश सरकार राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने को लेकर कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 1,818 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें कि छात्रों को पढ़ाने के लिए केवल एक-एक शिक्षक नियुक्त हैं। इन विद्यालयों में 1,689 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 129 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय (जूनियर हाईस्कूल) शामिल हैं। यह एकल अध्यापक छात्रों को पढ़ाएंगे या उनकी चैकीदारी करेंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। एकल अध्यापकीय विद्यालयों में सर्वाधिक 235 प्राथमिक विद्यालय बागेश्वर जिले में और 23 जूनियर हाईस्कूल अल्मोड़ा जिले में हैं। राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के सरकार के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। प्रदेश में 1,818 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय एकल अध्यापकों के भरोसे चल रहे हैं। एकल अध्यापक छात्रों को कितनी गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान कर पाएंगे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। एकल अध्यापकों के अवकाश पर जाने व अन्य विभागीय कार्यों से कहीं जाने पर इन विद्यालयों में ताले लटक जाते हैं। अल्मोड़ा जिले में 231 राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बागेश्वर जिले में 235 प्रावि, चमोली जिले में 122 प्रावि, चंपावत जिले में 49 प्रावि, देहरादून मेुं 53 प्रावि, पौड़ी गढ़वाल जिले में 158 प्रावि, हरिद्वार जिले में 60 प्रावि, नैनीताल जिले में 32 प्रावि, पिथौरागढ़ जिले में 222 प्रावि एकल अध्यापकों के भरोसे हैं। रूद्रप्रयाग जिले में 165 प्राथमिक विद्यालय, टिहरी गढ़वाल जिले में 150 प्रावि, उधमसिंहनगर जिले में 61 प्रावि और उत्तरकाशी जिले में 151 प्रावि एकल अध्यापकीय हैं। राज्य के इन 1,689 एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 39,099 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं, जिनमें कि 18,193 बालक और 20,906 बालिकाएं शामिल हैं। अल्मोड़ा जिले के 231 एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 4,620 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें कि 2,054 बालक और 2,566 बालिकाएं, बागेश्वर जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 5,069 विद्यार्थी अध्यनरत हैं, जिनमें कि 2218 छात्र और 2851 छात्राएं शामिल हैं। चमोली जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 1490 विद्यार्थी, चंपावत जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 1623 विद्यार्थी, देहरादून जिले में 1164 विद्यार्थी, पौड़ी गढ़वाल जिले में 2118 विद्याथी, हरिद्वार जिले में 6480 विद्यार्थी, नैनीताल जिले में 1311 विद्यार्थी, पिथौरागढ़ जिले में 2332 विद्यार्थी, रुद्रप्रयाग जिले में 3141 विद्यार्थी, टिहरी जिले में 2666 विद्यार्थी, उधमसिंनगर जिले में 4056 विद्याथी और उत्तरकाशी जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 3019 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसके अलावा राज्य में 129 एकल अध्यापकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भी हैं। अल्मोड़ा जिले में 23 जूहा, बागेश्वर जिले में 4 जूहा, चमोली जिले में 3 जूहा, चंपावत जिले में 3 जूहा, देहरादून जिले में 15 जूहा, पौड़ी गढ़वाल जिले में 4 जूहा, हरिद्वार जिले में 7 जूहा, नैनीताल जिले में 7, पिथौरागढ़ जिले में 20 जूहा, रुद्रप्रयाग जिले में 4 जूहा, टिहरी गढ़वाल जिले में 13 जूहा, उधमसिंहनगर जिले में 6 जूहा और उत्तरकाशी जिले में 20 जूनियर हाईस्कूल एक-एक अध्यापकों के भरोसे हैं।
यूकेडी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी
देहरादून, 2 सितम्बर,(निस) । उत्तराखण्ड क्रांति दल ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उक्रांद से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता दल के केन्द्रीय अध्यक्ष त्रिवेन्द्र सिंह पंवार के नेतृत्व मंे कचहरी स्थित शहीद स्थल पर एकत्रित हुए। यहां शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सभी कार्यकर्ता मसूरी झूलाघर स्थित शहीद स्थल को रवाना हुआ। झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर उत्तराखण्ड के शहीद अमर रहें के जयघोष के साथ उक्रांद कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों मंे लताफत हुसैन, मनमोहन लखेड़ा, नागेन्द्र रतूड़ी, चन्द्रमोहन सिंह नेगी, बासुदेव सती, आर0एस0 रावत, अनूप नेगी, सिया सिंह चैहान, अशोक नेगी, राजेन्द्र रावत, मनोज कुमार, किशन सिंह रावत, शशिभूषण भट्ट, चतुर सिंह नेगी, कृपाल सिंह , सुरेन्द्र सिंह पोखरियाल, नीरज वशिष्ठ, शंकरदयाल चमोली, आदि उपस्थित थे।
शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्रदेश के स्कूल
- -उत्तराखंड के 1,818 प्राथमिक स्कूल व जूहा एक-एक शिक्षकों के भरोसे
- -सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य की सरकार को चिंता नहीं
देहरादून, 2 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश सरकार राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने को लेकर कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में 1,818 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें कि छात्रों को पढ़ाने के लिए केवल एक-एक शिक्षक नियुक्त हैं। इन विद्यालयों में 1,689 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 129 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय (जूनियर हाईस्कूल) शामिल हैं। यह एकल अध्यापक छात्रों को पढ़ाएंगे या उनकी चैकीदारी करेंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। एकल अध्यापकीय विद्यालयों में सर्वाधिक 235 प्राथमिक विद्यालय बागेश्वर जिले में और 23 जूनियर हाईस्कूल अल्मोड़ा जिले में हैं। राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के सरकार के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। प्रदेश में 1,818 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय एकल अध्यापकों के भरोसे चल रहे हैं। एकल अध्यापक छात्रों को कितनी गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान कर पाएंगे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। एकल अध्यापकों के अवकाश पर जाने व अन्य विभागीय कार्यों से कहीं जाने पर इन विद्यालयों में ताले लटक जाते हैं। अल्मोड़ा जिले में 231 राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बागेश्वर जिले में 235 प्रावि, चमोली जिले में 122 प्रावि, चंपावत जिले में 49 प्रावि, देहरादून मेुं 53 प्रावि, पौड़ी गढ़वाल जिले में 158 प्रावि, हरिद्वार जिले में 60 प्रावि, नैनीताल जिले में 32 प्रावि, पिथौरागढ़ जिले में 222 प्रावि एकल अध्यापकों के भरोसे हैं। रूद्रप्रयाग जिले में 165 प्राथमिक विद्यालय, टिहरी गढ़वाल जिले में 150 प्रावि, उधमसिंहनगर जिले में 61 प्रावि और उत्तरकाशी जिले में 151 प्रावि एकल अध्यापकीय हैं। राज्य के इन 1,689 एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 39,099 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं, जिनमें कि 18,193 बालक और 20,906 बालिकाएं शामिल हैं। अल्मोड़ा जिले के 231 एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 4,620 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें कि 2,054 बालक और 2,566 बालिकाएं, बागेश्वर जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 5,069 विद्यार्थी अध्यनरत हैं, जिनमें कि 2218 छात्र और 2851 छात्राएं शामिल हैं। चमोली जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 1490 विद्यार्थी, चंपावत जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 1623 विद्यार्थी, देहरादून जिले में 1164 विद्यार्थी, पौड़ी गढ़वाल जिले में 2118 विद्याथी, हरिद्वार जिले में 6480 विद्यार्थी, नैनीताल जिले में 1311 विद्यार्थी, पिथौरागढ़ जिले में 2332 विद्यार्थी, रुद्रप्रयाग जिले में 3141 विद्यार्थी, टिहरी जिले में 2666 विद्यार्थी, उधमसिंनगर जिले में 4056 विद्याथी और उत्तरकाशी जिले के एकल अध्यापकीय विद्यालयों में 3019 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसके अलावा राज्य में 129 एकल अध्यापकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भी हैं। अल्मोड़ा जिले में 23 जूहा, बागेश्वर जिले में 4 जूहा, चमोली जिले में 3 जूहा, चंपावत जिले में 3 जूहा, देहरादून जिले में 15 जूहा, पौड़ी गढ़वाल जिले में 4 जूहा, हरिद्वार जिले में 7 जूहा, नैनीताल जिले में 7, पिथौरागढ़ जिले में 20 जूहा, रुद्रप्रयाग जिले में 4 जूहा, टिहरी गढ़वाल जिले में 13 जूहा, उधमसिंहनगर जिले में 6 जूहा और उत्तरकाशी जिले में 20 जूनियर हाईस्कूल एक-एक अध्यापकों के भरोसे हैं।
यूकेडी ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी
देहरादून, 2 सितम्बर,(निस) । उत्तराखण्ड क्रांति दल ने मसूरी गोलीकांड के शहीदों को झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उक्रांद से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता दल के केन्द्रीय अध्यक्ष त्रिवेन्द्र सिंह पंवार के नेतृत्व मंे कचहरी स्थित शहीद स्थल पर एकत्रित हुए। यहां शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सभी कार्यकर्ता मसूरी झूलाघर स्थित शहीद स्थल को रवाना हुआ। झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर उत्तराखण्ड के शहीद अमर रहें के जयघोष के साथ उक्रांद कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों मंे लताफत हुसैन, मनमोहन लखेड़ा, नागेन्द्र रतूड़ी, चन्द्रमोहन सिंह नेगी, बासुदेव सती, आर0एस0 रावत, अनूप नेगी, सिया सिंह चैहान, अशोक नेगी, राजेन्द्र रावत, मनोज कुमार, किशन सिंह रावत, शशिभूषण भट्ट, चतुर सिंह नेगी, कृपाल सिंह , सुरेन्द्र सिंह पोखरियाल, नीरज वशिष्ठ, शंकरदयाल चमोली, आदि उपस्थित थे।