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छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (07 नवम्बर)

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नगरीय निकाय निर्वाचन हेतु 344 मतदान केंद्र निर्धारित 

छतरपुर/07 नवंबर/नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के तहत जिले के 5 नगरीय निकायों में 28 नवम्बर को तथा 9 नगरीय निकायों में 2 दिसम्बर को मतदान होना है। इस दौरान मतदाता 344 मतदान केंद्रों में उपस्थित होकर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी रविन्द्र चैकसे ने बताया कि छतरपुर नगर पालिका में 123 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। इसी तरह हरपालपुर, राजनगर, बारीगढ़, सटई, महाराजपुर, गढ़ीमलहरा, बिजावर, बक्स्वाहा, ब़ड़ामलहरा एवं चंदला में 15-15 मतदान केंद्र निर्धारित किये गये हैं, जबकि नौगांव में 38, लवकुषनगर में 16 एवं खजुराहो में 17 मतदान केंद्र बनाये गये हैं।        

बगैर अनुमति के नलकूप उत्खनन करने पर रोक 

छतरपुर/07 नवंबर/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने आगामी मानसून सत्र तक की अवधि तक के लिये छतरपुर जिले को जल अभावग्रस्त घोशित कर दिया है। म0प्र0 पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3-1 के तहत जल अभावग्रस्त क्षेत्र में घरेलू प्रयोजन को छोड़कर किसी भी अन्य प्रयोजन जैसे सिंचाई एवं औद्योगिक प्रायेजन के लिये किन्हीं भी साधनों द्वारा जल लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है, साथ ही सार्वजनिक जलस्रोत से पेयजल व पषुओं हेतु पानी लेने के अतिरिक्त अन्य उपयोग के लिये पानी का उद्वहन करना निशिद्ध कर दिया है। उक्त कार्यवाही जिले में प्रायः जल के अभाव की समस्या को ध्यान में रखकर की गई है। अपरिहार्य स्थिति में कलेक्टर की पूर्व अनुमति प्राप्त कर नलकूप उत्खनन किया जा सकेगा। आदेष का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को दो हजार रूपये का जुर्माना अथवा 2 वर्श के कारावास अथवा दोनों से दंडित किया जायेगा।  

ईव्हीएम का रेण्डमाईजेषन आज

छतरपुर/07 नवंबर/नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के तहत इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मषीनों का प्रथम रेण्डमाईजेषन 8 नवम्बर को दोपहर 12 बजे से आयोजित किया गया है। रेण्डमाईजेषन कार्य कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने रेण्डमाईजेषन कार्य के दौरान राजनैतिक पार्टियों के अध्यक्ष व पदाधिकारियों से उपस्थित रहने की अपील की है।  

विश्व विख्यात हटयोगी मोहन सिंह धीरज ब्रम्हलीन, शोभायात्रा के बाद होंगे समाधिस्थ
chhatarpur news-07-november
छतरपुर 07 नवम्बर। परमपूज्य उडऩयोगीराज नाम से विश्व विख्यात पंचवटी आश्रम के गुरू श्री श्री 1008 हटयोगी मोहन सिंह धीरज आज प्रात: ब्रम्हलीन हो गए है। जैसे ही इनके ब्रम्हलीन होने की खबर शिष्यों को मिली तो सभी में शोक की लहर दौड़ गयी। योगी मोहन सिंह का शोभायात्रा निकालकर पंचवटी आश्रम में समाधिस्थ होंगे। योगी मोहन सिंह के शोभायात्रा एवं समाधिस्ट कार्यक्रम में शामिल होने देश के कौने-कौने से शिष्यगण आ रहे है। शिष्य लखन राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि योग तथा ध्यान सभी क्रियाओं में पारंगत तथा छतरपुर का नाम विश्व में रोशन करने वाले बहुचर्चित छतरपुर महोबा रोड स्थित गुरूद्वारा के पीछे निवास करने वाले मोहन सिंह धीरज जिन्हें लाखों लोग योग साधक की संज्ञा देते है। देश की आजादी के पूर्व तथा गुलामी के कार्यकाल में देश के प्रांत पंजाब में जिला जलंदर के छोटे से गांव माला में एक कृषक परिवार में 17 दिसम्बर 1925 को जन्में मोहन सिंह धीरज ने 5वीं तक शिक्षा प्राप्त की। अपरिहार्य कारणों के चलते योगी साधक करीब 68पूर्व छतरपुर आए और छतरपुर ही नहीं देश तथा विदेशों मेें योग क्रियाओं को लेकर जाने-पहचाने  जाते रहे हैं। करीब 89वर्षीय योग साधक अपने बाल्यकाल से ही भागवत भक्ति लेकर पैदा हुए। यह बचपन से ही जंगल से भागकर जंगल चले जाया करते थे जहां ये ध्यानमग्र होकर साधना किया करते थे। आपने योग क्षेत्र में आकर सभी क्रियाएं सीखी तथा लाखों की संख्या में शिष्यगण योग के बाहर के जरिए लोगों को निरोगी तथा सुख, समृद्धि प्रदान करने के लिए कार्य करते रहे। 43वर्ष पहले पूर्वा प्रधानमंत्री स्र्व. श्रीमती इंदिरा गांधी के गुरू धीरेंद्र ब्रम्हचारी आपके पास योग की विशेष क्रियाएं सीखने के लिए छतरपुर आए थे। उडऩयोगी के नाम से विख्यात मोहन सिंह योग कार्यक्रमों में प्रसारण विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से होता रहा। योग की कठिन से कठिन क्रियाएं जिन्हें देश के बहुत कम योग साधक जानते है। उन क्रियाओंं को मोहन स्वयं खूब करते थे और अपने शिष्यों को सिखाते थे। योग की कठिन क्रियाओं में खेंचरी मुद्रा, बस्ती, बजरोली तथा नौली क्रियाएं बताते हुए इन क्रियाओं के साथ योगाशन तथा प्रणायाम के जरिए सभी रोगों को दूर किया जा सकता है। स्वभाव से सरल, मिलनसारव ईमानदार योगी साधक रात्रि के समय बहुत कम सोते थे तथा ध्यान व योग क्रियाओं सहित प्रणायाम में लगे रहते थे। योगी साधक होने के साथ-साथ कर्मयोगी भी रहे जिसमें उन्होंने छतरपुर व खजुराहो में स्थित विभिन्न भवनों में फर्नीचर की विशिष्ट कलाकारी का काम किया जो आज भी देखने को मिला जो देखने में एकदम नये प्रतीत होते है। समाजसेवा के क्षेत्र में आप बढ़-चढक़र हिस्सा लेते रहे हैं। गुरूपर्णिमा के दिन नारायणपुरा रोड स्थित पंचवटी आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। आपने ने अब तक लंदन, ब्राजील, कनाडा सहित विश्व के अनेक देशों का भ्रमण कर योग क्रियाओं का ज्ञान दिया है। आपके गुरू रघुवर दास जी एवं बब्बा गुरू विश्व प्रसिद्ध देवराहा बाले बाबा थे। आपने अपने गुरू रघुवरदास जी जुरगुणु किशनगढ़ छतरपुर के जंगलों में रहते थे जहां जाकर आपने योग की क्रियाएं सीखी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानीजेल सिंह जैसे लोग आपके शिष्य थे तथा आज भी आपके शिष्ट हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में जज है एवं अनेक प्रशासनिक पदों पर पदस्थ है। महान समाजसेवी योग साधक  मोहन सिंह विश्व कल्याण का कार्य करते रहे। योगी राज की 5 संताने है जिनमें तीन पुत्रियों, दो पुत्र है। बड़ा पुत्र रमेश सिंह धीरज लंदन में एयरफोर्स सिक्योरिटी का आफीसर है तथा छोटा पुत्र परमजीत सिंह छतरपुर बस स्टैण्ड में जनरल स्टोर की दुकान संचालित करते है। छतरपुर में आपके प्रिय शिष्यों में फूलचंद्र जैन, वीरेंद्र रिछारिया, लखन कुशवाहा, उपेंद्र श्रीवास्तव, हीरा भुर्जी, गिरीश दुबे, सुदर्शन दुबे, इंजीनियक अशोक गुप्ता, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष बोटू जैन प्रमुख है।

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