ठहरने वालों की जानकारियाँ थानों में देनी होगी
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ. सुदाम खाडे द्वारा सराय अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले के आष्टा, जावर, इछावर, नसरूल्लागंज, रेहटी तथा बुधनी नगरीय क्षेत्र स्थित समस्त सराय, धर्मशालाओं, होटल एवं लाॅज के मालिकों एवं प्रबंधकों को आदेशित किया है कि वे अपने होटल, लाॅज, सराय, धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की दैनिक जानकारियाँ संबंधित थाना प्रभारी एवं निकटतम कार्यपालिक दण्डाधिकारी को लिखित रूप में प्रस्तुत करें। ततसंबंधी कार्यवाही संबंधितों को हर रोज आगामी दिवस की सायं पांच बजे तक ठहरने वालों की जानकारियाँ प्रस्तुत करनी होगी। उक्त आदेश संबंधित क्षेत्रो में सात दिसम्बर 2014 तक प्रभावशील रहेगा।
आग्नेय शस्त्रों एवं अन्य घातक हथियारों का प्रदर्शन प्रतिबंधित
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ. सुदाम खाडे द्वारा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धाराओं के तहत प्रदत्त की गई शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले के आष्टा, जावर, इछावर, नसरूल्लागंज, रेहटी तथा बुधनी नगरीय क्षेत्र की राजस्व सीमाओं के क्षेत्रों में किसी भी सार्वजनिक स्थलों पर आग्नेश शस्त्रो एवं अन्य घातक हथियारों को लेकर ना तो चलें और ना ही उनका प्रदर्शन करें के आदेश जारी कर दिए है। संबंधित क्षेत्रो में उक्त आदेश सात दिसम्बर 2014 तक प्रभावशील होगा। जारी आदेश कानून एवं व्यवस्थाओं के कार्यो में लगे पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों और कार्यपालिक दण्डाधिकारी एवं अन्य लोक सेवकों पर लागू नही होगा। जारी आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार ध्वनि विस्तारक यंत्रो के साथ-साथ संबंधित राजस्व, निकाय, जनपद कार्यालयों के अलावा थाना कार्यालयो के सूचना पटल पर भी चस्पा कराई जाए इसके अलावा निकाय क्षेत्रो के प्रमुख सह दृष्टिगोचर सार्वजनिक स्थलो पर चस्पा कराने के निर्देश दिए गए है।
आय प्रमाण-पत्र की नवीन व्यवस्था प्रभावशील
राज्य शासन के अंतर्गत किसी भी प्रयोजन के लिए आय प्रमाण पत्र के लिए तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा जारी किये गये प्रमाण -पत्र की व्यवस्था को समाप्त करते हुए संबंधित व्यक्ति द्वारा अस्टाम्पित कागज पर स्वहस्ताक्षरित स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के आधार पर व्यक्ति की आय को मान्य किया जायेगा। आवेदक को प्रपत्र-1 में स्वप्रमाणित घोषणा पत्र तैयार करना होगा। नवीन व्यवस्था के अंतर्गत अब आवेदक अनुप्रमाणित शपथ पत्र के स्थान पर स्वयं के द्वारा प्रमाणित घोषणा पत्र निर्धारित प्रारूप में भरकर प्रस्तुत करेंगे। ऐसा घोषणा पत्र स्वयं के हस्ताक्षर से अस्टाम्पित कागज पर दिया जा सकेगा इसके लिए किसी प्रकार से स्टाम्प पेपर क्रय करने अथवा नोटराइज कराने की आवश्यकता नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि गलत स्वप्रमाणीकरण अथवा गलत घोषणा पत्र देने पर आवेदक के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता एवं विधिक के अन्य विद्यमान प्रावधानों के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जा सकेगी। स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के अतिरिक्त आवेदक को अन्य किसी प्रकार के दस्तावेज को संलग्न करने की आवश्यकता नहीं होगी। यहां यह पुनः स्पष्ट किया जाता है कि आय प्रमाण पत्र जो कि अब तक पदाभिहित अधिकारी (तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार) द्वारा अनुप्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर जारी किये थे उक्त व्यवस्था को और अधिक सरलीकृत करते हुए अब किसी लोक सेवा केन्द्र पर जाकर अथवा पदाभिहित अधिकारी/सक्षम अधिकारी के माध्यम से आय प्रमाण पत्र जारी किये जाने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। इसका तात्पर्य यह है कि यदि किसी प्रकार का प्रमाण पत्र आदि प्राप्त करने के लिए अथवा किसी प्रकार का प्रमाण पत्र आदि प्राप्त करने के लिए अथवा शैक्षणिक प्रयोजनों के लिए आवश्यक दस्तावेज के रूप में जहां भी आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, वहां अब आवेदक का निर्धारित प्रपत्र 1 में भरकर दिया गया स्वहस्ताक्षरित एवं स्वप्रमाणित घोषणा पत्र पर्याप्त एवं मान्य होगा। आवेदक से संबंधित विभाग/कार्यालय के सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित आय प्रमाण पत्र की मांग नहीं की जायेगी और आय के स्वप्रमाणित घोषणा पत्र को स्वीकार किया जायेगा। उपरोक्त के परिपेक्ष्य में समस्त विभाग अपनी उन सभी योजनाओं/सेवाओं का चिन्हांकन तत्काल करेंगे जिनके प्रदाय के लिए अनिवार्य दस्तावेज के रूप में आय प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक होता है। यदि भारत सरकार की किसी योजना अंतर्गत लाभ होने के लिए अथवा किसी कानूनी अनिवार्यता के कारण आय प्रमा पत्र प्राप्त करने की बाध्यता है तो ऐसे प्रकरणों में संबंधित व्यक्ति के अस्टाम्पित कागज पर स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के आधार पर संबंधित तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा आय प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। आवेदक के आय के लिए स्वयं के स्वप्रमाणित घोषणा पत्र को मान्य किये जाने के पश्चात यदि कोई आपŸिा प्राप्त होती है एवं घोषणा पत्र में वर्जित तथा प्रथम दृष्टया आवेदक द्वारा अंकित आय के संबंध में त्रुटिपूर्ण होने की जानकारी प्रदर्शित करते है, तो आवेदक को सुनवाई का अवसर संबंधित कार्यालय द्वारा प्रदान कर स्वप्रमाणित घोषणा पत्र को यथास्थिति अमान्य/आपŸिा निरस्त किया जायेगा। संबंधित विभाग/ कार्यालय (जिनके द्वारा स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के आधार पर सेवा/लाभ प्रदान किया गया है), के अधिकारियों द्वारा स्वप्रमाणित घोषणा पत्र में वर्णित तथ्यों की सत्यता की जांच रेण्डम आधार पर नियमित रूप से करायी जायेगी। जांच के पश्चात यदि यह सिद्ध होता है कि किसी आवेदक द्वारा त्रुटिपूर्ण जानकारी के आधार पर सेवा प्राप्त की गयी है तो ऐसे प्रमाण पत्रों को निरस्त करने की कार्यवाही के साथ-साथ संबंधित आवेदक के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता एवं अन्य विद्यमान विधिक प्रावधानों के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जा सकेगी। स्वप्रमाणित घोषणा पत्र स्थाई होने के कारण इसकी संधारण अवधि 20 वर्ष रहेगी। नवीन व्यवस्था 01 अक्टूबर से प्रभावशील है। इस परिषद के जारी होने के परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारण्टी अधिनियम, 2010 के अंतर्गत संदर्भित परिपत्र के माध्यम से 29 जून 2013 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिसूचित सेवा क्रं 6.2- आय प्रमाण पत्र जारी करना, को तत्काल प्रभाव से अधिसूचित सेवाओं की श्रेणी से विलोपित किया जाता है। इस संबंध में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही लोक सेवा प्रबंधन विभाग के सहयोग से की जाये। इस परिपत्र की कंडिका 5 में उल्लेखित आवेदकों को आय प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी (तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायक तहसीलदार) के कार्यालय से संदर्भित परिपत्र 29 जून 2013 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार जारी होगा। ऐसे प्रकरणों में आवेदकों को लोक सेवा केन्द्र में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही प्रपत्र 2 में शपथ पत्र के स्थान पर स्वप्रमाणित घोषणा पत्र को मान्य किया जायेगा।