नौंवीं विश्व वरीयता प्राप्त सायना नेहवाल ने खिताबी सूखा समाप्त करते हुए रविवार को 1,20,000 डॉलर इनामी राशि वाला इंडिया ग्रांप्री गोल्ड महिला एकल खिताब जीत लिया। अक्टूबर, 2012 में डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर जीतने के बाद सायना ने पहली उपाधि हासिल की। बाबू बनारसी दास इनडोर स्टेडियम में रविवार को हुए बहुप्रतीक्षित फाइनल मुकाबले में शीर्ष वरीय सायना ने दूसरी वरीय सिंधु को 40 मिनट में 21-14, 21-17 से मात दे दी।
ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता सायना ने पहले गेम में 11वीं विश्व वरीयता प्राप्त सिंधु को एकतरफा मुकाबले में हराया। सायना ने पहले गेम में शुरू से बढ़त बनाए रखा, तथा सिंधु को एक बार भी आगे नहीं निकलने दिया। दूसरे गेम में हालांकि सिंधु ने शुरुआती अंक हासिल करने में सफलता पा ली, लेकिन सायना ने एकबार फिर सिंधु को पछाड़ते हुए दूसरे गेम में भी सिंधु को मात दे दी।
सिंधु की इंडिया ग्रांप्री गोल्ड के फाइनल में यह लगातार दूसरी हार है। पिछले वर्ष दिसंबर में हुए टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में सिंधु इंडोनेशिया की लिंडावेनी फानेतरी से हार गई थीं। सायना और सिंधु के बीच विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के किसी टूर्नामेंट में यह पहली भिड़ंत थी। इससे पहले बीते वर्ष पहले इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) में भी दोनों खिलाड़ी दो बार एकदूसरे का सामना कर चुकी हैं, जिसमें सायना दोनों ही बार विजेता रही थीं।
इस जीत के साथ ही सायना ने एक वर्ष से भी लंबे समय से चले आ रहे खिताबी सूखे को समाप्त किया। लगातार खराब फॉर्म से जूझ रही सायना विश्व रैंकिंग में भी पिछले सप्ताह नौवें स्थान पर फिसल गईं, लेकिन इस जीत के जरिए अगले सप्ताह आने वाली बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में उन्हें लाभ मिल सकता है।