भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को कम करने के लिए मुख्य नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की वृद्धि की है। आरबीआई के इस कदम से आवास, वाहन और अन्य ऋण महंगे हो जाएंगे और इससे औद्योगिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका है। आरबीआई की नई घोषणा के साथ रेपो दर 7.75 फीसदी से बढ़ कर आठ फीसदी, जबकि रिवर्स रेपो दर सात फीसदी हो गया है।
मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में आरबीआई ने मार्जिनल स्टैंडिग फैसिलिटी (एमएसएफ) में भी 0.25 फीसदी की वृद्धि की है जो अब नौ फीसदी हो गया है। हालांकि, नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले के चार फीसदी के स्तर पर बरकरार है।