केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने धन के स्रोत के संबंध में भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दिया है। न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति जयवंत नाथ ने याचिकाकर्ता वकील एम.एल.शर्मा से कहा कि वह इस मामले में आप को बतौर एक पक्ष के रूप में शामिल करें और इसके बाद मामले की सुनवाई की तारीख पांच फरवरी तय कर दी है। गृह मंत्रालय की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव मेहरा ने पीठ को बताया कि सरकार ने आप से धन के स्रोत के बारे बताने के लिए दो बार लिखित नोटिस भेजा है, लेकिन आप ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
मेहरा ने कहा, "सरकार ने आप को प्राप्त हुए धन के बारे में जानकारी के लिए दो बार नोटिस भेजा और हम अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं। हम अपनी जांच जारी रखेंगे।"इससे पहले न्यायालय ने 26 नवंबर, 2012 को आप के गठन से लेकर अब तक उसे मिले चंदे का की जांच करने और विदेशी योगदान नियमन कानून (एफसीआरए) का उल्लंघन पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
न्यायालय एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ कानून का उल्लंघन कर विदेशों से धन प्राप्त करने के संदर्भ में आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता शर्मा ने आप नेताओं के धन और खातों को जब्त करने की भी मांग की है।
याचिका में केजरीवाल के वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण व दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनीष सिसोदिया का जिक्र करते हुए कहा गया है, "एफसीआरए के तहत आप के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए निर्देश दिए जाएं और न्याय के लिए न्यायालय की निगरानी में दैनिक सुनवाई हो।"
मामले में एक पक्षकार के रूप में पेश हुए प्रशांत भूषण ने हालांकि कहा कि "याचिका दुर्भावनापूर्ण है, और पहले की रिपोर्ट में भी सरकार को सिविल सोसायटी टीम के खिलाफ कुछ नहीं मिला था।"