पी॰यू॰ केन्द्रीय पुस्तकालय का समय बढ़ाने, स्नातक तृतीय खंड के परीक्षा फार्म भरने की तिथि विस्तारित करने, पी॰आर॰टी॰ परीक्षा, सैदपुर गेट खोले जाने की मांग, कुलपति ने शनिवार को पुनः वात्र्ता हेतु बुलाया।
पटना:- आज आॅल इण्डिया स्टूडेण्ट्स फेडरेषन का नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पटना वि॰वि॰ कुलपति से मुलाकात कर स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा फार्म भरने की तिथि विस्तारित, प्रतिदिन 50 रु॰ विलंब शुल्क की वापसी, पी॰यू॰ केन्द्रीय पुस्तकालय का समय बढ़ाने, पुस्तकालय में नवीन संस्करण की पुस्तक के उपलब्ध होने तक अपनी पुस्तकें ले जाने देने, बिजली नहीं रहने पर जनरेटर चलाने, सैदपुर जाने का रास्ता खोलने, स्नातक प्रथम खंड के स्क्रूटनी का परीक्षाफल जारी करने एवं पी॰आर॰टी॰ परीक्षा यथाषीघ्र कराने की मांग उठायी।
प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से कहा कि पीयू सेन्ट्रल लाइब्रेरी की हालत अभी वीरान सी हो गयी है। छात्र पुस्तकालय नहीं जा रहे हैं। इस कारण नई पुस्तकों के आने तक छात्रों को पुस्तकें अपनी ले जाने की इजाजत दी जाए। छात्रों ने कुलपति से कहा कि विष्वविद्यालय से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथि घोषित हो गयी है। इस कारण समय बढ़ाने व अपनी पुस्तकें ले जाने देने पर तत्काल निर्णय लेना होगा। प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिदिन 50 रु॰ विलंब शुल्क लेने के छात्र विरोधी फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा फार्म भरने की तिथि विस्तारित करने व स्नातक प्रथम खंड की स्क्रूटनी का परीक्षाफल यथाषीघ्र जारी करने की बात दुहरायी।
कुलपति डा॰ अरूण कुमार सिन्हा ने कहा कि पुस्तकालय 24 घंटे पूर्ववत तो नहीं खोली जा सकती लेकिन समय बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। प्रतिनिधिमंडल ने सुबह 6 से 10 बजे तक पुस्तकालय खोले जाने की बात दुहरायी। कुलपति ने प्रतिकुलपति के पटना से बाहर होने की बात कहते हुए छात्रों से समय मांगा।छात्रों के दबाव पर पुनः शनिवार को वात्र्ता हेतु बुलाया। कुलपति ने छात्रों के अभी मांगों को जायज बताते हुए विष्वविद्यालय अधिकारियों की बैठक कर जबाव देने की बात कही।
प्रतिनिधिमंडल में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुषील कुमार, राज्य उपाध्यक्ष निखिल कुमार झा, सचिव मो॰ हदीष, राज्य परिषद सदस्य राजेष कुमार, सत्येन्द्र कुमार एवं विकास कुमार ने शनिवार तक निष्कर्ष नहीं निकलने पर चरणबद्ध आन्दोलन की चेतावनी दी। वात्र्ता में कुलसचिव बलराम तिवारी, अकुल सचिव नजमुन जमा, सोषल साइंस प्रो॰ किषोर चैधरी मौजूद थे।