- आचार्य देवेन्द्र मुनि ने ली थी सबसे कम उम्र में दीक्षा,
- आचार्य महाश्रमण जी गंगाशहर में देंगे दीक्षा
- पदराड़ा (गोगुंदा) के नौ वर्षीय मुमुक्षु प्रिंस लेंगे दीक्षा
दो दिन बाद आचार्य महाश्रमण से दीक्षा लेने जा रहे मुमुक्षु प्रिंस की उम्र 9 वर्ष एक माह 25 दिन है। प्रिंस को संभवतया मेवाड़ का दूसरे सबसे कम उम्र का दीक्षार्थी माना जा रहा है। इससे पहले स्थानकवासी जैन समाज के आचार्य देवेंद्र मुनि ने 9 वर्ष से भी कम उम्र में दीक्षा ली थी। उनकी दीक्षा 73 साल पहले हुई थी। इस बीच दीक्षा लेने वालों की उम्र मुमुक्षु प्रिंस की उम्र से अधिक रही है। मुमुक्षु प्रिंस 2 फरवरी को गंगाशहर में आचार्य महाश्रमण से दीक्षा लेगा। बीते 73 साल में दीक्षा लेने वालों में तेरापंथ जैन समाज के ही सेमड़ (गोगुंदा) निवासी मृदु मुनि व अनुशासन मुनि ने 11-13 साल की उम्र में दीक्षा ली थी। मंदिर मार्गी जैन समाज में करीब 60 साल पहले साध्वी चंद्रकला श्री व कल्पलता श्री ने 10-10 साल की उम्र में दीक्षा ग्रहण की थी। पुष्करवाणी गु्रप ने जानकारी देते हुए बताया कि तरपाल में जन्मी स्थानकवासी जैन समाज की साध्वी सोहन कुंवर ने भी 9-10 वर्ष की उम्र में दीक्षा ली थी।
प्रिंस का जन्म 8 दिसंबर 2004 को सूरत (गुजरात) में हुआ था। पिता के मुंबई चले जाने पर वे सपाला में रह रहे हैं। मूल रूप से पदराड़ा (गोगुंदा) के रहने वाले प्रिंस के दीक्षा लेने को लेकर समूचे जैन समाज में हर्ष है। दीक्षा से पहले शुक्रवार सुबह 9.30 बजे पदराड़ा (गोगुंदा) में मुमुक्षु का वरघोड़ा निकाला जाएगा। मुमुक्षु प्रिंस व उसके परिवार ने बुधवार को सायरा, नांदेशमा, रावलिया, गोगुंदा आदि गांवों में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।