भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए चर्चित संस्थान सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने शनिवार को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निर्धन प्रतिभावान बच्चों को अवसर प्रदान कर आईआईटी में भेजने की अपनी मांग दोहराई। आईआईटी मुंबई में आयोजित दो दिवसीय उद्यमी सम्मेलन (इंटरपेनियोर समिट) के पहले दिन उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गांव में रहने वाले प्रतिभावान छात्रों को मौके की जरूरत है, इनमें क्षमता की कोई कमी नहीं है।
आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में छात्रों को दो बार ही मौका मिलने को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के सशक्तीकरण का मतलब भेदभाव रहित शिक्षा से है। इसके लिए सबों को समान अधिकार मिलने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी विद्यालयों की हालत किसी से छिपी नहीं है।
इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक न निजी विद्यलयों में पढ़ा सकते हैं और न ही महंगी कोचिंग करवा सकते हैं। आनंद का कहना है कि बच्चों की कोचिंग पर अधिक निर्भरता आज की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को विदेश जाने के बजाए अपने देश में काम करने की आवश्यकता है। भारत एक गांवों का देश है और जरूरत है कि गांवों तक प्रौद्योगिकीकरण किया जाए। युवा समाज के सामने कई मुद्दे हैं, बस जरूरत है उस मुद्दों को पहचान कर उनको हल करने की पहल हो।
इस सम्मेलन में आईआईटी मुंबई के अध्यापकों और छात्रों के अलावा इनोवेसन इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका के सीईओ अलेक्जेंडर ब्लॉस, फ्री चार्ज के सीईओ कुणाल शाह, अभिनेत्री सेलिना जेटली समेत देश और विदेश के कई उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।