सरकार का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, मीड़िया से न छिपे कुछ: रावत
- सबको साथ लेकर प्रदेश सरकार: रावत
देहरादून, 2 फरवरी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार रविवार को मीड़िया से मुखातिब हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता होगा। उन्होंने कहा सरकार द्वारा जो भी निर्णय लिए जाएंगे, वे पारदर्शी होंगे और मंत्रियों से भी उन्होंने गुजारिश की कि वे मीड़िया से कोई भी बात न छिपाएं, क्योंकि जब मीड़िया को शंका होने लगती है, तो समाज में उसका सरकार के प्रति प्रतिकूल संदेश जाता है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर व्यक्तियों का बदलना निरन्तरता है, उन्होंने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं में कहा कि वे उन सभी निर्णयों पर कार्यवाही चाहेंगे, जो पुराने मंत्रिमण्डल ने किए हैं। उन्होंने कहा कि बहुगुणा सरकार के दौरान लिए गए निर्णयों को आगे बढ़ाया जाएगा, लेकिन उनकी समीक्षा किए जाने के बाद। रावत ने कहा कि बीते दिन और रविवार उनके द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर पूर्व सरकारों द्वारा की गई घोषणाओं को तीन भागों में बांटकर तुरंत क्रियान्वित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा विधानसभा सत्र के बाद पहली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया के पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए गए निर्णयों के सापेक्ष उनका कितना अनुपालन हुआ है, यह भी समीक्षा द्वारा तय किया जाएगा। रावत मंत्रिमण्डल में प्रोटोकॉल के लिहाज से दूसरे नंबर की सबसे वरिष्ठ नेता डा. इंदिरा हृदयेश पाठक पर अपना विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री सरकार की स्टेट्स रिपोर्ट तैयार कर मुझे अवगत कराएंगी, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता करने का उद्देश्य साफ है कि मैं पहले कांग्रेस का सिपाही हूं और बाद में मुख्यमंत्री, लिहाजा यह बात साफ हो जानी चाहिए कि अब कांग्रेस की नीति व सिद्धांतों सहित कांग्रेस की भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कांग्रेस के ग्रामीण स्तर के कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश स्तर के कार्यकर्ता तक विधायकों और दायित्वधारियों व कांग्रेस के अनुसांगित संगठनों तक के साथियों को साथ लेकर सहमति के आधार पर सरकार चलाएंगे। उन्होंने कहा उनकी सरकार का ‘‘मोटो‘‘ पारदर्शिता होगा। उनकी कोशिश होगी कि पारदर्शिता के साथ कार्य हो और मीड़िया के सुझावों को वे विशेष तव्वजो भी देंगे। उन्होंने मंत्रियों से भी अपेक्षा की है कि वे मीड़िया के साथ समन्वय बनाते हुए पारदर्शिता से कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि आपदा राहत कार्यों पर बीती रात अधिकारियों और मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ मिलकर यह तय किया गया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र जोन को अलग-अलग जोन में बांटकर एक अधिकारी को पूर्ण शासकीय शक्ति के साथ नियुक्त किया जाएगा, ताकि आपदा राहत कार्यों पर तुरंत अमल हो। मोदी फैक्टर पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का सर्विस फैक्टर मोदी फैक्टर से ज्यादा प्रभावी रहेगा, साथ ही एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी कार्यप्रणाली में कोई बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होने वाला। उन्होंने कहा राज्य सरकार पलायन और अपराधों पर काबू पाने के लिए विशेष योजना बनाएगी। वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य की पांचों लोकसभा सीटों को जीतना उनकी प्रमुख चुनौती है।
कई संदेश दे गई रावत की पत्रकार वार्ता
देहरादून, 2 फरवरी। कांग्रेस भवन में आहूत पत्रकार वार्ता ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि हरीश रावत राज्य के मुख्यमंत्री बाद में हैं, पहले वे कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं का उत्साह भी लगभग यही संदेश दे रहा था कि अब उनके बीच का कोई मुख्यमंत्री बना है। उल्लेखनीय है कि राज्य के निर्माण के 14 साल के दौरान यह दूसरी कांग्रेस सरकार है इससे पूर्व तिवारी सरकार राज्य में पूरे पांच साल सरकार चला चुकी है, लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विजय बहुगुणा के हाथ प्रदेश की सत्ता सौंपी, लेकिन विजय बहुगुणा की सरकार न तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार कर पाई और न ही उनकी सरकार प्रदेश में संदेश देने में सफल हो पाई कि उसका उद्देश्य क्या है। हिचकोले खाते हुए 21 महीने चलने के बाद आखिरकार 22वें महीने बहुगुणा सरकार की नाव डूब ही गई। बहुगुणा के बाद कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत पर विश्वास जताकर उनको उत्तराखण्ड की सत्ता सौंपी है, इससे पूर्व 2002 में हरीश रावत के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार तो बनी, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी से रावत को दूर कर दिया गया था, ठीक इसी तरह 2012 में भी चुनाव जीतने के बाद हरीश रावत के हाथ सत्ता की चाबी नहीं आ पाई। बहुगुणा के शासनकाल के दौरान लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास की भावना और आपदा के दौरान राज्य सरकार का आपदा प्रभावित क्षेत्रों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया तथा बहुगुणा सरकार द्वारा राज्य की जमीनों को भूमाफियाओं और उद्योगपतियों को औने-पौने दामों पर दिया जाना प्रदेश की जनता को रास नहीं आया। इतना ही नहीं प्रदेश की जनता के जल-जंगल और जमीन के अधिकारों पर भी बहुगुणा सरकार कोई स्पष्ट दिशा नहीं दे पाई। वहीं बहुगुणा के लाड़ले व राज्य के एक चर्चित नौकरशाह के कार्यकलाप बहुगुणा सरकार को डुबोने का असली कारण बनें। यही कारण है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सत्ता संभालते ही पारदर्शिता की बात कहकर कांग्रेस के प्रति आम जन में अविश्वास की भावनाओं को एक हद तक दूर करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं उन्होंने मंत्रियों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को साफ संदेश भी दिया है कि अब उनकी सरकार कुछ भी नहीं छिपाएगी। यह संदेश इसलिए भी दिया गया है कि कई मंत्रियों पर भूमाफियाओं व खान माफियाओं के साथ सांठ-गांठ के आरोप भी लगते रहे हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह भी संदेश दिया है कि सत्ता के मद में वे चूर होने वाले नहीं, उन्होंने यह संदेश भी दिया कि वे अपनी कार्यप्रणाली में भी कोई परिवर्तन करने नहीं जा रहे हैं। उनका संदेश साफ है कि प्रदेश के विकास, प्रदेश की प्रमुख समस्या पलायन और भूमि को लेकर हत्याओं के मामले पर वे कठोर निर्णय तक ले सकते हैं। उन्होंने अपने संदेश में यह भी साफ किया है कि प्रदेश की निरंकुश नौकरशाही पर भी वे लगाम लगाने से नहीं चुकेंगे। कुल मिलाकर रावत की कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता का संदेश साफ है कि वे कार्यकर्ताओं के काफी नजदीक हैं और कार्यकर्ता उनके।
दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में कार खाई में गिरी सात मरे, छहः घायल
देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित देवप्रयाग थानान्तर्गत तीन धारा के निकट एक कार के गहरी खाई में गिर जाने के परिणामस्वरूप चार लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गई जबकि तीन घायल हो गए। घायलो को ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय मंे लाया गया जहां से दो की हालत को गंभीर देखते हुए जौलीग्रांट के लिए रैफर कर दिया गया। वहीं पौड़ी जनपद के थाना सतपुली के निकट आज प्रातः हुई सडक दुर्घटना में 3 लोगों के हताहत होने और 4 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। प्राप्त समाचार के अनुसार ईको गाड़ी में सवार सात लोग सहारनपुर से अपने घर गैरसैण जा रहे थे कि अचानक तीन धारा के निकट कार अनियंंित्रत होकर सीधी खाई में जा गिरी।जिसमें गीता देवी पत्नी चन्दन सिंह व चन्दन सिंह पुत्र चौडया सिंह, कुन्दन सिंह पुत्र मदन सिंह, कमल सिंह पुत्र शेर सिंह, ग्राम छुंटा पो. सिलपटटा, की घटनास्थल पर मौत हो गई तथा हरीश, सुषमा देवी, व एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। हरीश व सुषमा की हालत को गंभीर देखते हुए डाक्टरों ने ऋषिकेश से जौली ग्रान्ट को रैफर कर दिया। पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही मृतक चारो की लाशों को खाई से निकालकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है तथा मामले की जांच कर रही है। वहीं उत्तराखंड के राज्यपाल डा0 अज़ीज़ कुरैशी व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दोनों सड़क दुर्घटनाओं पर दुखः व्यक्त किया है। राज्यपाल ने मृतकों की आत्मा की शांति तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की है।
आप के प्रचार प्रसार स्टाल का रिक्शा चालक ने किया उदघाटन
देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। आम आदमी पार्टी ने अपने प्रचार प्रसार हेतु बसन्तोत्सव के अवसर पर भरत मन्दिर में लगाएगए स्टाल काउदघाटन रिक्शा चालक संजीव कुमार से फीता काटकर करवाया। आम आदमी पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता दिनेश कोठारी के संचालन में आयेाजित प्रचार प्रसार कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओ ने पार्टी के कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार हेतु बैनर व पोस्टर हैण्डबिल बांटकर पार्टी का प्रचार प्रसार किया। इस अवसर पर दिनेश कोठारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ही एक ऐसा संगठन है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को जागरूक करने मे लगा है। जिसके चुनाव मैदान मे आने से अन्य दलों की नींद हराम हो गई है और आने वाली सरकार आम आदमी पार्टी की होगी। इस मौके पर दीपक चुग, कोम ल सिंह, परशुराम, भास्कर, नरेश धंीगडा, गीतासचदेवा स. निर्मल सिंह शिवकुमारवर्मा, आशु मिश्रा, राजेश कपसूडी, रमेश रावत, नैतिक तनेजा, अनिता भारद्वाज, रचना कुन्दनानी सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
मोबाइल पर प्रमाण पत्रों की मिलेगी सूचना
ऋषिकेश/देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। स्थायी, जाति और आय प्रमाणपत्रों को आब हाईटेक करते हुए आवेदन मिलने से लेकर प्रमाणपत्र बनने तक पूरी सूचना मोबाइल फोन पर एसएमएस के जरिए भेजी जाएगी। प्रदेश के सभी जनाधार केंद्रो का एक फरवरी से डिजीटाइजेशन होने के बाद जरूरी प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया कंप्यूटरीकृत हो गई है। स्थायी जाति और आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र जनाधार केंद्र में जमा करते ही फार्म जमा होने और सीरियल नबंर के साथ ही प्रमाण पत्र बनाने की चरण बद्ध प्रक्रिया की जानकारी आवेदक को एसएमएस से मिलती रहेगी।
मुख्यमंत्री की राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट
देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखंड के नवनियुक्त 8वें मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज दोपहर में राजभवन पहुँचकर राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी से शिष्टाचार भेंट की। राज्यपाल से भेंट करने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की वयोवृद्ध माताजी के कक्ष में जाकर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया। इस शिष्टाचार भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को, राज्य की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप राज्य के विकास के संदर्भ में अपनी प्राथमिकताओं से अवगत कराया।
मलबे में दबने से श्रमिक की मौत
चमोली/देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। दीवार निर्माण के दौरान मलबे में दबकर एक मजदूर की मौत हो गई है। मजदूर नेपाल का बताया जा रहा है। तहसील थराली के अंतर्गत ग्राम सिलोड़ी में 41 वर्षीय चंद्रेश बसनेर बहादुर दीवार निर्माण के लिए बुनियाद में खुदाई का काम कर रहा था। इस दौरान अचानक मलबा आने से वह दब गया। जब तक लोग मलबा हटाकर बचाने का प्रयास करते तब तक देर हो चुकी थी। पुलिस ने चंद्रेश बहादुर के शव का जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराया है। मृतक नेपाल के जाजरकोट जिला के करखाकोट गांव का रहने वाला है।
गुस्साए ग्रामीणों ने किया प्रदर्षन
चमोली/देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। देवाल विकासखंड के तलौर गांव निवासी गिरीश राम की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में दोषियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई न होने पर गुस्साए ग्रामीणों व मृतक के परिजनों ने तहसील मुख्यालय थराली में जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। देवाल क्षेत्र के ग्रामीण स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते मुख्य मार्ग होते हुए थराली तिराहे पर एकत्र हुए। इस मौके पर मृतक गिरीश राम की पत्नी देवकी देवी ने कहा कि पुलिस चौकी में नामजद तहरीर देने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने दोषियों को नही पकड़ा है। परिजनों ने कहा कि मृतक के शरीर पर चोटों के निशान पाये गए थे। गौरतलब है कि 11 नवंबर को तलौर निवासी मृतक गिरीश राम देवाल बाजार आया था और वहां से अचानक लापता होने के बाद उसका 7 दिसंबर का शव नंदकेशरी में पिंडर नदी के किनारे पड़ा मिला था। प्रदर्शन में बलवंत सिंह, महिपाल भंडारी, कलम सिंह, सुरेन्द्र सिंह, नंदी कुनियाल, मंजू देवी, लक्ष्मी सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।
तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनषन षुरू
चमोली/देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। अपनी तीन सूत्रीय मांगों के समर्थन में विकासखंड थराली के सिलोड़ी गांव के लोगों ने तहसील परिसर में अनशन शुरू कर दिया। इससे पूर्व ग्रामीणों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया। उल्लेखनीय है कि सिलोड़ी के ग्रामीण परखाल-सिलोडी मोटर मार्ग का निर्माण, जले ट्रांसफार्मर को बदले जाने व राउमा सिलोडी के मुख्य भवन के निर्माण की मांग उठा रहे थे। ग्रामीणों ने पूर्व में ही मांगों पर कार्यवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को सिलोड़ी गांव के ग्रामीण भारी संख्या में तहसील कार्यालय में एकत्रित हो गए और यहां जनसभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए पान सिंह बिष्ट ने कहा कि लंबे समय से ग्रामीण सड़क, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत समस्याओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधि व अधिकारी जनता को सिर्फ आश्वासन ही दे रहे है। विवश होकर ग्रामीणों को सड़क पर उतरना पड रहा है। ग्रामीण रणजीत सिंह ने कहा कि स्वीकृत मोटर मार्ग पर लोनिवि द्वारा निर्माण कार्य नही किये जाने से सिलोड़ी गांव के ग्रामीण कई किमी पैदल आवाजाही को मजबूर है। बिजली, पानी व शिक्षा जैसी सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं मिल रही है। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही तहसील परिसर में ही अनशन भी शुरू कर दिया। अनशन पर गंगा राम, पान सिंह, रणजीत सिंह बैठे। इस दौरान गंाव के वीर सिंह, जय सिंह, हिम्मत सिंह, बलवंत सिंह, जवाहर सिंह, सीता देवी, मधुली देवी, रामेश्वरी आदि उपस्थित रहे।
विस्थापन न होने पर दिया धरना
चमोली/देहरादून, 2 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। आपदा की मार झेल रहे गंणाई दाड़मी के ग्रामीणों ने लंबे अंतराल के बाद भी विस्थापन न होने पर आक्रोश जताते तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन कर एसडीएम कार्यालय पर धरना दिया । गंणाई दाड़मी के ग्रामीणों का कहना है कि 1998 से उनके गांव के ऊपर व नीचे से भूस्खलन हो रहा है। यह भूस्खलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गांव में 250 परिवार आपदा की मार झेल रहे हैं। अधिकतर खेत भी भूस्खलन के चलते बर्बाद हो गए हैं। शासन प्रशासन ने कई बार भूगर्भीय सर्वेक्षण कर ग्रामीणों को पराड़ी व दरम्यांण तोक में बसाने की प्रक्रिया चलाई गई थी परंतु डेढ़ दशक बाद भी ग्रामीणों को विस्थापित नहीं किया गया अब जिन तोकों में विस्थापन का प्रस्ताव दिया गया था। वहां भी भूस्खलन शुरू हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांवों तक आने जाने के लिए पैदल रास्ते भी नहीं हैं। ग्रामीणों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर विस्थापन की मांग की है। इस मौके पर निर्णय लिया कि अगर सरकार नहीं जागी तो हर १० दिन बाद तहसील पर ग्रामीण प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन कारियों का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान सभा के अतुल सती , भरत सिंह कुंवर, गीता मैखुरी, रमेश चंद्र, दर्शन भंडारी कर रहे थे।