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दतिया (मध्यप्रदेश) की खबर (03 फरवरी )

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मुख्यमंत्री की किसान कल्याण की योजनाओं में पलीता लगा रहे है दतिया डी.डी.ए. श्री राजपूत 
  • कार्यवाही करने में हिचक रहे हैं डायरेक्टर

datia map
अपने आप को किसान का बेटा कहने वाले तथा किसानो के हित में नित नई-नई योजनाओं को लाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के मंसूबो पर पानी फेर रहे हैं दतिया जिला कृषि विभाग के डी.डी.ए. डी.आर. राजपूत और उनके साथी विभागीय अधिकारी। गलत तरीके से भुगतान किया जाना,गुमसुदा व्यक्ति को अनुदान का लाभ देना, बीज निगम के स्थान पर निजि बीज उत्पादक संस्थाओं से नकद बीज लेना,संस्था विशेष को लाभ पहुॅचाना, अधिकांस मालों में  फर्जी सत्यापन के आाधार पर अनुदान का आहरण करना,  विभिन्न प्रकार के बीज एवं जिंक सल्फेट आदि का किसानो को वितरण किये बगैर ही भुगतान कर दिया जाना  आदि अनेक मामले हैं जिन पर कलेक्टर से लेकर डायरेक्टर तक तथा विधायक से लेकर मंत्री तक सभी कार्यवाही करने से अभी तक बच रहें । लोकपंचायत द्वारा इस मामले की पूरी पड़ताल की गई 

इसकी विस्तृत रिर्पोट इस प्रकार है।
1.कृषक रामकिशन पिता रतन अहिरवार गाम कालीपुरा  जो वर्ष 2008 से गायब हैं जिसके नाम पर थाने में मामला दर्ज है। इसी के नाम पर स्प्रिंकलर दिया गया तथा हजार रूप्ये का अनुदान भी दिया गया।
2. कृषक करन सिंह पिता अच्छेलाल अहिरवार( अनु.जाति)  ग्राम सिमिरिया  को स्प्रिंकलर देना बताया गयातथा अनुदान भी दिया गया जबकि इस नाम एवं जाति का इस गाम में कोई व्यक्ति ही नहीं रहता । जैसा  शिकायत करता राघवेन्द सिंह गुर्जर ने बताया।
3.  विभाग द्वारा कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष के अधिकारो का उल्लंघन 2010 से मार्च 2013 तक लगाातार किया गया। स्प्रिंकलर एवं सिचाई पाइप के कृषको के प्रकरण ग्राम सभा की बैठक में अनुमोदन उपरान्त जनपद पंचायत की कृषि स्थाई समिति के अध्यक्ष की अनुशंसा के बिना कृषको के प्रकरण कार्यालय स्तर पर ही तैयार कर सीधे जिला स्तर पर गये जो कि शासन के नियमों का स्पष्ट उलंघन है। इसकी पुष्टि उप संचालक आइसोपाम किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल के पत्र /40- 20/01/2012 से होती है।
4.नल कूप भूजल विधि की जाॅच बालाजी कृषि सेवा केन्द्र इन्दरगढ( सत्र 2010-11,2011-12,2012-13) के द्वारा की गयी है। शिकायत कर्ता राघवेन्द्र सिंह गुर्जर के अनुसार इसके लिए हाइड्रोलोजिस्ट की डिग्री होनी चाहिए जो कि संबंधित संस्था के पूरे परिवार में किसी के पास नहीं हैं। बाद में  मार्च 2013 से यह संस्था झांसी वाले राय का प्रमाण पत्र लगााने लगी। इस प्रकार डी.डी.ए. द्वारा बरती गयी अनियमितता स्पष्ट है। तथा किसानों से 800 से 1000रू. तक लिए गये । लाखों के बारे न्यारे हो गये। यह डी.आर राजपूत की स्वीकृति पर ही हो पाया है।
5. वित्तीय वर्ष 2012-13 में थ्रेसर,रोटावेटर विद्युत पम्प अधिकांसतः एक ही परिवार के लोगो मंजूर किये गये । फर्जी तरीके से सत्यापन कर अनुदान की राशी का बन्दरवाट किया गया। इसमें किसान डीलर व एस.डी.ए.ओ मिले हुए हैं इसकी जमीनी स्तर पर जाॅच करायी जाए तो हकीकत सामने आ जाएगी। क्योकि इन्ही गाॅव वालो में से कुछ से पंचनामा प्राप्त हुआ है। कि हमने  थ्रेसर,रोटावेटर विद्युत पम्प इनके पास नहीं देखा। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये सारे कृषि उपकरण आकार में काफी बडे होते हैं । आस-पास के लोगो ने तो देखे ही होते है। यह जाॅच का विषय है।
6.कृषको के स्वीक्रत प्रकरणें में कम्प्यूटराईज्ड खसरा खतोनी की नकल लगानी थी। किन्तु अधिकांस प्रकरणे में हस्त लिखित खसरा खतोनी का उपयोग किया गया। इस सन्दभ में संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास के पत्र दि.20/01/2012 की अवहेलना की है।
7.रवि व खरीफ की फसलों में बीज ग्राम पशिक्षण राशी पति ग्राम 15000रू. होती है। प्रशिक्षण तीन चरणें में पूरा होना होता है।लेकिन ही चरण में पूर्ण कर लिया गया। इस प्रकार की प्रभाव शालीयोजना में पलीता लगाने पर तुले हुए हैं। इसमें भी लाखें रूपये का बन्दरवाट किया गया।
8.कमिश्नर ग्वालियर द्वारा 15 अप्रेल 2013 के पत्र के माध्यम से डी.आर.राजपूत उपसंचालक कृषि दतिया द्वारा किए जा रहे घोर भृष्टाचार की जाॅच कर निलंबित करने के लिए कलेक्टर दतिया को लिखा था,परन्तु आज तक क्या जाॅच हुई तािा क्या कार्यवाही हुई कुछ ज्ञात नहीं है।
9.कुछ ही माह पूर्व  बीज बीज निगम से न लेकर निजि संस्थाओं से लिया गया। इसमें शासन के प्रमुख अंग प्रमुख सचिव, डायरेक्टर कलेक्टर के आदेशों की स्पष्ट अवहेलना की गई। इसमे महाप्रवंधक कोओपरेटिव की भूमिका भी संदेह पैदा करती है इन्होने इसकी अनुमति कैसे दे दी । जाॅच योग्य बिन्दु है।
10.एक करोड तैइस लाख रू वर्ष 2012 में योजनाओं का पैसा एक साथ आहरित कर मनमाने ढंग से व्यय किया गया। जो कि वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। इसी पकार की वित्तीय अनिमितताओ की जाॅच /( निरीक्षण रिर्पोट) श्री डी. एल .कोरी संयुक्त संचालक कृषि सागर  ने विन्दुबार तैयार डायरेक्टर ,डाॅ. डी.एन. शर्मा  किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, भोपाल को 11/09/2013 को भेजी।  उसका बिन्दुवार 

विवरण इस पकार है।-
उर्वरक का अग्रिम उठाव नगण्य है। जिले प्रचार प्रसार की कमी है।
फसल प्रदर्शन की आदान सामग्री विकास खण्डों को प्रदान की गयी है प्रदर्शनो का लक्ष्य समानुपात में नहीं किया गया है। विकासखण्ड में सामग्री किसी को कम किसी को ज्यादा दी गयी है। सामग्री देने का दिनांक नहीं लिखा गया है।
 प्रदर्शन के आदान सामग्री वितरण पंजी निर्देशानुसार विधिवत संधारित नहीं की गयी है विभिन्न अवस्थाओं में क्या तकनीक का उपयोग किया गया। ऐसा अभिलेख संधारण नहीं है।
योजनाओं का भौतिक सत्यापन दिये गये निर्देशों के अनुरूप् नहीं दिया जा रहा है। साथ ही दस्तावेज भी संधारित नहीं है। जिला स्तर पर भी जान कारी एकत्रित नहीं की जा रही है।
 लेनदारी- देनदारी  - विभिन्न संस्थाओं की देनदारी इस प्रकार है -
एम.पी.एग्रो दतिया , आई पी एम एवं प्रदर्शन वर्ष 2013-14 की 1.91 लाख की राशी श्री कटारे एस डी ओ दतिया के पास लंबित है।
 एम.पी.एग्रो दतिया की यांत्रीकरण,कोनोवीडर वर्ष 2012-14 की 0.105 लाख की राशी एस डी ओ सेवढा के पास लंबित है।
एम.पी.एग्रो दतिया की कीटनाशक स्प्रेंकलर वर्ष 2013-14 की राशी 12.85 लाख डी.डी.ए दतिया के पास लंबित है।
एम.पी.एग्रो दतिया की 5.85 लाख कृषि यंत्र कीट नाशक जिंक सल्फेट की वर्ष 2012-13 की देनदारी लंबित है।
एम.पी.एग्रो को वर्ष 2013 में प्रदाय राशी 3.274 लाख का समायोजन नहीं किया गया है
अग्रिम समायोजन- 1.श्री डी एस भदौरिया  पर 10000/- था।अग्रिम मापावा योजना की राशी का समायोजन शेष है।
2.श्री आर पी मावई एस डी ओ भाण्डेर पर राशी रूपये अग्रिम 6000/- शेष है।
3.श्री आर डी राठौर प्रक्षेत्र अधीक्षक इन्दरगढ/चन्दरगढ पर राशी रू 87000/- अग्रिम समायोजन शेष है।
योजनाओ की समीक्षा-  जिले में संचालित योजनाओ की प्रगति वर्ष 2012-13 उपलब्ध नहीं कराई गई जिससे विस्तृत समीक्षा का आंकलन नहीं हो सका।आई सी डी पी में 55 पतिशत तिलहन विकास योजना में 65 प्रतिशत राशी व्यय की गई है जो योजना के उददेश्यो की पूर्ति नहीं करती।
वर्ष 2013-14 के    द्वितीय त्रैमास से प्रायः राज्य की सभी योजनाओं के व्यय निरंक है। आर के व्ही व्हाय में राशी रू.13.62 लाख के विरू़़़़द्ध व्यय राशी 5.62 लाख हुई है। आइसोपाम तिलहन में राशी रू .25.15 लाख के विरू़़़़द्ध व्यय राशी 8.65 लाख,मक्का योजना में 3.81 लाख के विरूद्ध व्यय शून्य है। एन.एफ.एस.एम. में राशी 27 लाख के विरूद्ध 5.87 लाख बहुत कम है।
लाभान्वित हितग्राहियो की सूचि का संधारण- हितग्राहियों की सूचि विकासखण्ड जिला कार्यालय पर संधारित की जानी चाहिए सूचि हस्ताक्षर युक्त होनी चाहिए जो नहीं हैं।

भण्डार का सत्यापन  -  
अ.दतिया विकास खण्ड - दतिया विकासखण्ड के भण्डार गृह में वर्ष 2006 के कल्चर, पी एस बी  4175 नग,राइजोबियम कल्चर के 470 पैकेट, एंजेक्टोवेक्टर के 1020 पैकेट, वर्ष 2008 का मक्का बीज 3.97 क्ंिवटल,2012 का जिंक सल्फेट 254 बैग पुराना आदान शेष है। 254 बैग 25 किलो पैकिंग में जिंक सल्फेट जिसकी बोरियां जीम हुई एवं ढेले के रूप में  हैं जिसकी अनुदान राशी का भुगतान किया जा चुका हैएवं सत्यापन कर प्रमाणित किया गया है कि देयक में दर्शाई गइ्र सामग्री का उपयोग आई सी डी पी योजना में कृषकों को 50 पतिशत अनुदान पर वितरित किया गया है। जबकि वास्तविक रूप से 254 बोरी का कृषको में वितरण ही नहीं हुआ है। फर्जी सत्यापन के लिये तत्कालीन सेवानिवत्ृत वरिश्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री बी एल शर्मा प्रथम दृष्टया दोषी हैं विस्तृत जाॅच कर दोषी अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं वैधानिक कार्यवाही की जाये।
ब.भाण्डेर विकास खण्ड-
  भाण्डेर विकास खण्ड में वर्ष 2006-7 से 10-11 तक कृषि आदान सामग्री कल्चर नीम रसायन, धान बीज 3.52 क्ंिवटल,उडद 7 क्ंिवटल अवितरित पाया गया। जिसकी जाॅच कर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सूचित करें ।
स. सेबढा विकास खण्ड-
   सेवढा विकास खण्ड में 2011-12,12-13 का नीम रसायन 210 नग वेवेरियरव्यास नया 25 नग अवितरित पाया गया। उपरोक्त वरिष्ठ कृ.वि.अधि के विरूद्ध जाॅच कर कार्यवाही सूचित करें ।


11.नियम विरूद्ध प्रक्षेत्र कर्मचारी सहायक ग्रेड तीन श्री आर के श्री वास्तव एवं भृत्य श्री गोविन्द सिंह वंशकार को कार्या लय उपसंचालक कृषि में अटैच किया गया है। एवं दो कमचारी श्री  जे.पी0तिवारी ,एवं श्री आर एन गुप्ता ग्रा.कृ.वि.अधि. को स्थानान्तरण होने के बाद भी उपसंचालक कृषि विभाग में कार्यरत हैं। जो अनुचित है। इनमे से कुछ अधिकारी अभी भी जमंे हुए है।
12 कौशल विकास योजना के अर्तंगत एक भी प्रशिक्षण आयोजित नहीं किया गया कृषि विज्ञान केन्द्र को राशी रू. 4.33 लाख दी गयी। जिसका उपयोग नहीं हआ है।


इसप्रकार स्पष्ट है कि किस प्रकार बदइन्तजामी,अनियमितता एवं भृष्टाचार को बढावा दिया गया और  जरूरत मन्द किसानों तक लाभ न पहुॅचा कर शासन की किसान कल्यान की योजनाओं को सही ढंग से क्रियान्वित नहीं किया गया।

क्या कहना है जिम्मेदारों का

डी.आर. राजपूत डी.डी.ए. जिला दतिया :किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। हाॅ एक मामला, रामकिशन पुत्र रतन अहिरवार को हमारे ग्रा.वि. अधिकारी त्यागी की गलती से स्पेंकलर लि गया था।  लेकिन मामला संज्ञान में आते ही उसे सुधार लिया गया। उसके लडके ने शपथ पत्र दिया है।जो जाॅच आयी थी उसकी रिर्पोट भेज दी गई है। जाॅच पूरी हो चुकी है। अभी हस्त लिखि एवं कम्प्यूटराइज्ड खसरा खतौनी दोनो  पर अनुदान दिया जा रहा है। रामराजा बीज उत्पादक समिति निवाडी के व्यक्ति के अचानक आ जाने के कारण आमदनी रसीद पर ही भुगतान करना पड़ा, बाबू को। बालाजी कृषि सेवा केन्द्र इन्दरगढ़ की नलकूप की भूजल विधि की जाॅच करने की वैधता 31 मार्च तक थी । इसलिए उन्हे यह कार्य दिया गया था। मैं आपको दोनो पत्रो की प्रतिया ( शपथ पत्र,व बालाजी कृषि सेवा केन्द्र इन्दरगढ़ की नलकूप की भूजल विधि की जाॅच करने का पत्र इमेल पर भेजता हॅू)ं 

नोट- दोनो में से कोइ भी पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया।

डी.एल. कोरी , संयुक्त संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग,सागर : एक मामला गलत तरीके से रामराजा बीज उत्पादक समिति निवाडी को भुगतान का आया था। मेरे निरीक्षण के द्वौरान अनियमितताये  तो कई मिली है। जिनकी पूरी सूची बनाकर डायरेक्टर महोदय डाॅ. डी.एन. शर्मा जी को भेज दी है अव कार्यवाही तो उन्हें ही करनी है।

डायरेक्टर ,डाॅ. डी.एन. शर्मा  किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, भोपाल : याद नहीं ओफिस में फाइल देखकर ही बता पाऊंगा। 

एम.रघुराज कलेक्टर दतिया : ममले की जानकारी नहीं हे जानकारी लेकर ही बता पाऊंगा।

डाॅ. नरोत्तम मिश्रा स्थानीय विधायक एवं केविनेट मिनिस्टर स्वास्थय विभाग म.प्र. शासन : मामले की जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री जी किसानो के हित में अनेक योजनाएं लाये हैं ,इनमे किसी भी प्रकार की अनिमितता या लापरवाही वरदास्त नहीं की जाएगी। आप रिर्पोट लगायें।





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