गया। प्रारंभ में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम ने कहा था कि जो भी व्यक्ति को जमीन का पर्चा मिला है। अगर जमीन पर कब्जा नहीं हुआ है। ऐसे व्यक्ति जमीन का पर्चा लाएंगे तो व्यक्तिगत तौर से जमीन पर काबिज करवा देंगे। यह रहा मंत्री जी का वक्तव्य। अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास जी मोर्चा संभाल लिये हैं। जमीन के सभी तरह के मुद्दे पर नये सिरे से विचार करने के लिए रोडमैप बनाने की जरूरत है। इसके लिए कोर टीम भी बना ली गयी है।
यह जानकार आम लोगों के बीच में खुशी और उम्मीद है। चलो मंत्री हारे तो प्रधान सचिव मैदान फतह करने उतर गये हैं। ऐसा आज से नहीं जंगे आजादी के बाद से ही देखा जा रहा है। जो समाज के किनारे हैं वह सड़क के किनारे पडे़ हुए हैं। जो बेकारी और लाचारी के कारण बंधुआ मजदूरी के दलदल में फंस गये और उनको रहने के लिए मालिक ने जमीन दे दी है। ऐसे लोग सालों-साल से उक्त मालिकाना जमीन को कब्जा करके आशियाना बना लिये हैं। उनको सरकार के द्वारा वासगीत पर्चा नहीं दिया गया है। इसके अलावे सरकार के द्वारा आवासीय भूमिहीनों और खेतिहर भूमिहीनों को जमीन दी है। उनको भी सरकार परवाना नहीं दी है। अब ऐसे लोगों को सरकार पर्चा और परवाना देने का मन बना ली गयी। अगर ऐसा होता है तो राज्य के लोगों को भला होने वाला है। उनको जमीन का वैधानिक पर्चा और परवाना मिल जाएगा। ऐसा होने से लोग स्वाभिमान महसूस करेंगे और आसानी से सरकारी दफ्तरों में पहचान दर्ज करा सकेंगे।
आजकल जिधर भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास जी जाते हैं। भूमि अधिकार के बारे में चर्चा करने लगते हैं। अधिकार प्राप्त अधिकारियों के द्वारा भूमि संबंधी तान छेड़ने से दिल में सकून मिलता है। बता दें कि इसी लिए आप लोगों को पदवाली जिम्मेवारी सौंपा गया है। इस पद से समाज के किनारे रहने वाले व्यक्तियों को कल्याण और विकास हो सके। इस समय चुनाव सिर पर है। केवल हवाबाजी करने से चुनावी वैतरणी को पार नहीं किया जा सकता है। अब जनता जाग गयी है। सब तरह के खेलों से वाकिफ है।
उन्होंने दुख व्यक्त किया कि सड़क के किनारे रहने वालों को जमीन नहीं है। ऐसे लोगों को जमीन उपलब्ध करवाने के लिए सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं को मिलाकर कोर टीम बनायी गयी है। जो भूमि से बेदखल लोगों के लिए मिलकर कार्य करेंगे। दबंगों के द्वारा जमीन से बेदखल करने वालो को दखल दिलवाना है। अवितरित भूदान की जमीन को वितरण करवानी है। काफी अधिशेष भूमि की पहचान की गयी है। उसपर सही लोगों को काबिज करवाना है। वासभूमि पर काबिज लोगों को पर्चा और सरकार के द्वारा दी गयी जमीन का परवाना देना है। मालूम हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास जी की अध्यक्षता में कोर टीम बनायी गयी है। अनुग्रह नारायण समाज अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष डीएम दिवाकर को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावे एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी, दलित अधिकार मंच के प्रांतीय संयोजक कपिलेश्वर राम,देशकाल सोसायटी,गया के भी सदस्य बनाये गये हैं।
आलोक कुमार
बिहार