हरीश रावत के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से भाजपा में खलबली!
- बदलते समीकरणों के बाद भाजपा नेता प्रतिपक्ष के बदलाव के मूड़ में!
देहरादून, 4 फरवरी। उत्तराखण्ड में आई आपदा पर प्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भले ही वहां जाने का दम कई महीनों तक ना दिखा पाए हों, लेकिन प्रदेष के आठवें मुख्यमंत्री हरीष रावत अपनी राजनैतिक पारी आपदा प्रभावित क्षेत्रो थराली, पीपलकोटी व गुप्तकाषी का दौरा करने से शुरू की है। माना जा रहा है आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री का यह दौरा राजनैतिक पायदान पर भी भाजपा के लिए खलबली पैदा कर गया है। मौसम की खराबी के चलते भले ही 11 बजे आपदा प्रभावित क्षेत्र थराली में पहुंचने का कार्यक्रम विलम्ब से रहा हो, लेकिन प्रदेष के मुखिया ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर न सिर्फ वहां के लोगांे की समस्याओं को सुना बल्कि अधिकारियों को भी प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के साथ विकास कार्य तेजी से करते हुए पारदर्षी तरीके से करने के निर्देष दिए। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में वहां के हजारो लोगों की भीड़ मुख्यमंत्री को कई समस्याएं सुनाने से भी पीछे नहीं हटी और मुख्यमंत्री ने भी प्रभावितों को हर सम्भव मदद दिए जाने का भरोसा दिलाते हुए जल्द ही निराकरण की बात कही। प्रभावित क्षेत्रों में कई स्थानों पर पुलांे का निर्माण तेज गति से किए जाने के निर्देष भी अधिकारियों को दिए गए और धीमी गति पर नाराजगी भी व्यक्त की गई। मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीष रावत का यह पहला पहाड़ी व आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है और रावत की दिल्ली से सीधा आपदा प्रभावित क्षेत्रांे में पहुचकर प्रभावितो को राहत देने की अपील कारगर होती भी नजर आ रही है। संघर्श समीति ने भी मुख्यमंत्री को समस्याओं से जहां रूबरू कराया है, वहीं आन्दोलन की राह पर जाने वाले लोग अब मुख्यमंत्री से आष्वासन मिलने पर आगामी 9 फरवरी से अपने आन्दोलन को स्थगित करने का फैसला ले चुके हैं। उत्तराखण्ड की आपदा में जहां हजारांे लोगों की मौत से देष के कई राज्य प्रभावित हुए वहीं इसका असर देष के कई राज्यों पर भी पड़ता हुआ नजर आया। शायद यहीं कारण रहा कांग्रेस हाईकमान ने बहुगुणा को हटाकर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की कमान हरीष रावत के हाथों में सौप दी। पहले से ही तय माना जा रहा था कि रावत का आपदा प्रभावित क्षेत्रांे में दौरा इस बात की तस्दीक कर गया था कि जिस तरह उन्होंनंे आपदा प्रभावित केदारघाटी में बहुगुणा का अघोषित कर्फ्यू तोड़ कई किलोमीटर पैदल चलकर प्रभावित क्षेत्र के लोगांे का हाल जानने की कोषिष की, वह आने वाले समय में रंग लाएगी। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद सबसे पहले प्रदेष के मुख्यमंत्री हरीष रावत आपदा प्रभावित क्षेत्रांे में जाकर लोगो को राहत देने का अपना वो वादा पूरा करते नजर आ रहे हैं जो उन्होने केन्द्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए वहां जनता से किया था। मुख्यमंत्री के इस दौरे ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर अब वह अपना अगला कदम किस तरह राजनैतिक फायदा लेने के लिए उठाए। माना जा रहा है भाजपा की नई रणनीति लोकसभा की पांचो सीटो पर हरीष रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद क्या होगी इस पर भी भाजपा हाईकमान मंथन में जुट गया। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि भाजपा उत्तराखण्ड में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर किसी दूसरे व्यक्ति की तैयार में जुट गई है हालाकि भाजपा की यह रणनीति कितनी कारगर रहेगी इसका फैसला तो आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा क्योंकि रावत की उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पद पर ताजपोषी के बाद भाजपा का समीकरण बिगड़ गया है। रावत की ताजपोषी के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, जो उनकी ताजपोशी से अब तक देखा जा रहा है, वहीं प्रदेष में जनता के बीच बहुगुणा राज में गिरती छवि को भी रावत की ताजपोशी के बाद विराम लगा है।
हरीश रावत उमा भारती पर भारी!
- वर्तमान मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच होगी लोकसभा जंग
देहरादून, 4 फरवरी। उत्तराखण्ड की कमान हरीश रावत के हाथों में आते ही भाजपा ने अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं, जिसके चलते भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए आक्रामक तेवर वाली संन्यासिन व मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती को उत्तराखंड का प्रभारी बना दिया है। वहीं उमा भारती को पिछले काफी समय से मध्य प्रदेश की राजनीति से जहां दूर रखा जा रहा था, तो वहीं उमा भी उत्तराखण्ड में अपनी मौजूदगी दर्ज कराती आ रही थी। इससे यह संदेश साफ जा रहा है कि अब उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत का मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बीच उत्तराखण्ड लोकसभा चुनाव के लिए जंग का मैदान बनेगा। चार राज्यों के विधान सभा चुनावों में सूपड़ा साफ़ होने के बाद कांग्रेस में जो बेचौनी और उथलपुथल हुई, उसकी आहट दबे पाँव उत्तराखंड में भी सुनाई दे रही थी, चार राज्यों के विधान सभा चुनाव परिणामों के बाद दिल्ली व छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जहां बदले गए, वहीं यह चर्चाएं भी तेजी से उठने लगी कि अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की विदाई तय है। जिसके बाद 1 फरवरी 2014 को कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखण्ड की कमान हरीश रावत के हाथ देने का फैसला लिया। वहीं हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनते ही भाजपा ने आक्रामक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं, भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए आक्रामक तेवर वाली संन्यासिन व वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती को उत्तराखंड का प्रभारी बना दिया। उमा भारती ने प्रभारी बनने पर कहा कि भले ही वह बुंदेलखंड में पैदा हुई हों, लेकिन उनके प्राण उत्तराखण्ड में बसते हैं, उन्होंने पूर्ववर्ती बहुगुणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केदारनाथ आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य करने में बहुगुणा सरकार की नाकामी ने आपदा को और भी भयावह रूप दे दिया। उन्होंने विकास और आस्था का समन्वय का मुद्दा लेकर चुनाव मैदान में उतरने की बात कहते हुए कहा कि राज्य में विकास की दरकार है, लेकिन राज्य में आस्था और पर्यावरण को भी बनाए रखना होगा। इससे पहले भी राज्य में उमा भारती गंगा बचाओ अभियान से जहां लंबे समय तक जुड़ी रही वहीं उनके द्वारा गंगा के लिए अनशन भी कर चुका हैं। वहीं अब उमा भारती को भाजपा द्वारा लोकसभा चुनावों के लिए उत्तराखंड का प्रभारी बनाए जाने पर हरीश रावत का सीधा मुकाबला उमा से माना जा रहा है। हरीश रावत का नाम कद्दावर कांग्रेसी नेताओं में शामिल किया जाता है। हरीश रावत उन कांग्रेसी नेताओं में से माने जाते हैं, जिन्होंने जमीनी स्तर पर कांग्रेस को उत्तराखंड में खड़ा किया है। हरीश रावत के नेतृत्व में दो बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं, लेकिन दोनों ही बार रावत मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। वहीं हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने पर उमा भारती का कहना है कि कांग्रेस को हरीश रावत को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाने का कोई लाभ नहीं मिलेगा, उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के समय सांसद व केंद्र में मंत्री हरीश रावत ने उस समय आपदा में क्यों अपना योगदान नहीं दिया, लेकिन उमा भारती इस बात को भूल गई कि आपदा के बाद जब बहुगुणा ने प्रभावित क्षेत्र केदारघाटी के सभी मार्ग सील कर दिए थे, उस समय हरीश रावत ही थे, जो सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल यात्रा कर अपनी ही बहुगुणा सरकार की कमियों को उजागर कर गए थे, जिसके बाद से बहुगुणा पर आपदा राहत कार्यों में शिथिलता बरतने के आरोप लगने शुरू हुए थे। इसका लाभ मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीश रावत को नहीं मिलेगा, तो क्या भाजपा को मिलेगा? वहीं बीते दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों गुप्तकाशी, पीपलकोटी और थराली में हरीश रावत की पहली यात्रा ने राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को यह आभास करा दिया है कि अब उनकी उपेक्षा नहीं होगी। इतना ही नहीं उन्होंने अधिकारियों को मौके पर ही हिदायत दी कि मुआवजे के लिए अब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को देहरादून की ओर रूख नहीं करना होगा, क्योंकि वे राज्य के जनपदों में तैनात जिलाधिकारियों को शक्ति सम्पन्न बनाने जा रहे हैं।
5 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
- अक्षय तृतीया पर खुलेंगे यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट
देहरादून, 4 फरवरी। उत्तराखण्ड के चारधामों में विश्व प्रसिद्ध मुक्ति धाम के रूप में विख्यात बदरीधाम के कपाट आगामी पांच मई को प्रात चार बजकर पांच मिनट पर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जांएंगे। इस तिथि की घोषणा मंगलवार को नरेन्द्रनगर स्थित टिहरी महाराज के राजदरबार में परम्परागत विधिविधान के साथ महाराजा के कुल पुरोहित सम्पूर्णानंद जोशी की उपस्थिति में महाराजा टिहरी के पुत्र टीका शाह ने की। इस अवसर पर टिहरी सांसद महारानी माला राज लक्ष्मी सहित बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर कमेटी के मुख्य कार्याधिकारी सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे। पंचांग के अनुसार निकाली गई इस तिथि से पूर्व मंगलवार को टिहरी महाराजा के दरबार में सुहागन महिलाओं द्वारा निकाले गए तिल के तेल को गाडू घड़ी में डालकर डिमरी पंचायत के लोगों को दिया गया, जो 21 अप्रैल को डिम्मर से बदरीनाथ की ओर रवाना होगी। उल्लेखनीय है कि इस गाडू घड़ी में डाले गए तेल से बदरीनाथ मंदिर की अखण्ड ज्योति साल भर जलती है। परम्परागत विधिविधान के बाद मंगलवार को बसंत पंचमी के पर्व पर पौराणिक गाडू कलश की यात्रा के शुरू होने के साथ ही टिहरी राजदरबार में दरीनाथधाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई। वहीं बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के बाद अब अक्षय तृतीया को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट भी खुल जाएंगे। गौरतलब हो कि गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट अक्षय तृतीया के दिन परम्परा अनुसार खोले जाते रहे हैं। वहीं इस वर्ष भाद्रपद में होने वाली श्रीनंदा राजजात का विस्तृत कार्यक्रम भी बसंत पंचमी को नौटी नंदा मंदिर में जारी होगा, जिस मौके पर विशेष पूजा भी होगी। कुल पुरोहित और कुल गुरु की मौजूदगी में मंदिर परिसर में राजजात समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राकेश कुंवर यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम जारी करेंगे। डिमरी केंद्रीय धार्मिक पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि पांडुकेश्वर में योग ध्यान गाडूघड़ी डिम्मर गांव से श्री बदरी पांडुकेश्वर मंदिर पहुंची। यहां विधिविधान से पूजा अर्चना के बाद जोशीमठ आदि क्षेत्रों से होते हुए तीर्थनगरी पहुंची।
सड़क निर्माण न होने से खफा ग्रामीण
रुद्र्रप्रयाग/देहरादून, 4 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। खांकरा गांव से माल्या नरकोटा और पंचभैयाखाल तक सड़क निर्माण की मांग करते आ रहे क्षेत्रीय लोगों में शासन-प्रशासन के उपेक्षात्मक रवैये से खासी नाराजगी है। पिछले पांच वर्ष से ग्रामीण इस सड़क के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वर्ष 2009 से बच्छणस्यूं क्षेत्र की जनता वर्षों पुराने खांकरा-माल्या नरकोटा-पंचभैयाखाल पैदल मार्ग को मोटरमार्ग में परिवर्तित करने की मांग करते आ रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि मौजूदा समय में लगभग पांच किमी इस पैदल मार्ग की स्थिति बदहाल होती जा रही है, जबकि कई दशक पूर्व जब बद्रीनाथ हाइवे का निर्माण नहीं हुआ तो, इसी पैदल मार्ग के लिए लोग रुद्रप्रयाग व चमोली के लिए जाते थे, परंतु अब यह मार्ग उपेक्षित पड़ा हुआ है। नरकोटा के पूर्व प्रधान सत्य प्रसाद भट्टकोटी का कहना है कि उक्त पैदल मार्ग को मोटरमार्ग के रूप में विकसित किया जा सकता है, लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है और नहीं दिलचस्पी दिखाई दी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर से हो रही उपेक्षा के चलते मार्ग निर्माण की कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। वहीं निवर्तमान प्रधान सुरेन्द्र प्रसाद जोशी का कहना है कि सड़क निर्माण का प्रस्ताव पूर्व में ही लोनिवि एवं शासन-प्रशासन को भेज गया था,लेकिन उस पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा किस इस मार्ग के निर्माण से जहां धनपुर क्षेत्र की जनता को भी लाभ मिलेगा, वहीं लगभग तीन गांव इससे जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार व शासन-प्रशासन जनता की भावनाओं को अनदेखा कर रहा है, जिसके चलते आज तक यह मामला ठण्डे बस्ते में पड़ा है। उन्होंने शीघ्र इस दिशा में उचित कार्रवाई की मांग की है।
विधानसभा सत्र 6 फरवरी से
देहरादून, 4 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। विधान सभा 2014 का प्रथम सत्र, जो 21 जनवरी, 2014 को स्थगित हुआ था, दिनांक 6 फरवरी, 2014 से पुनः आहूत किया जा रहा है। उक्त जानकारी सचिव विधान सभा जगदीश चन्द्र ने दी, जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि विधान सभा 2014 का प्रथम सत्र हेतु पत्रकार दीर्घा के लिए मीडिया प्रतिनिधियों को जो प्रवेश पत्र पूर्व में जारी किये गये थे, उन्हीं प्रवेश पत्रों से प्रवेश की अनुमति होगी।
जाम को लेकर कैबिनेट मंत्री ने ली अैठक
देहरादून, 4 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। विगत दिवस देहरादून शहर में लगे जाम के कारण आम जनता को हुई परेशानी पर कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल द्वारा विधानसभा स्थित अपने कक्ष में जिलाधिकारी देहरादून तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों की एक आवश्यक बैठक ली गई। कैबिनेट मंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कल शहर में लगे जाम पर उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई पर अपना पक्ष रखने को कहा। अग्रवाल को इस सम्बन्ध में कड़ा रूख अपनाते हुए ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्यवाही करने के भी संकेत दिये। उन्होंने बैठक में उपस्थित पुलिस उप-महानिरीक्षक अमित सिन्हा को विगत दिवस देहरादून शहर में लगे जाम के सम्बन्ध में जाँच कर 2 दिन में अपनी रिपोर्ट देने को कहा। उन्होंने पुलिस अधिकरियों के माध्यम से सभी थाना व चौकी प्रभारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि भविष्य में देहरादून सहित प्रदेश में कही भी ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए, जिससे आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी हो। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अपने कर्त्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने की हिदायत दी। अग्रवाल ने कहा कि हम सभी मंत्री तथा अधिकारी जनता के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी जनता को सुविधा मुहैया कराना है। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को सरकार की प्राथमिकता में शामिल बताया। बैठक में डीआईजी अमित सिन्हा तथा जिलाधिकारी डा0वीबीआरसी पुरूषोत्तम ने कैबिनेट मंत्री को इस बात का भरोसा दिलाया कि भविष्य में इस प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं होगी। बैठक में एसपी सीटी नवनीत सिंह, एसपी ट्रैफिक प्रदीप कुमार राय, सत्यवीर सिंह सीओ डालनवाला, कोतवाली प्रभारी जे0पी0जुयाल आदि उपस्थित थे।
बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगा किया दान पुण्य
देहरादून, 4 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। बसंत पंचमी के अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतो सहित गढ़वाल, कुमांऊ मण्डल से आये लाखों श्रद्धालुआंे ने गंगा में डुबकी लगाकर मां सरस्वती का पूजन कर ज्ञान प्राप्ति हेतु प्रार्थना करने के साथ गरीबों में दान पुण्य किया। वहीं प्राचीन श्री भरत भगवान की शोभायात्रा भी नगर में निकाली गई, जिसका नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत भी किया। शोभायात्रा का प्रारम्भ श्री भरत मन्दिर परिसर से हुआ जहां से भगवान हृषिकेश की चल मूर्ति को मायाकुण्ड स्थित नावघाट पर गंगा स्नान के उपरान्त नगर में शोभायात्रा के रूप में घुमाया गया जो कि मुखर्जी मार्ग हरिद्वार मार्ग, क्षेत्र बाजार, पुराना टिहरी बस अड्डा होकर मन्दिर परिसर में पहुंचकर समाप्त हुई, शोभायात्रा को देखने के लिए हजारांे लोग छतों पर जुटे थे जो कि वहां से डोली पर पुष्पवर्षा कर रहे थे।इस नजारे को देखने के लिए विदेशों से भी बड़ी संख्या मे लोग उपस्थित थे। शोभायात्रा का संचालन भरत मन्दिर के महंत अशोक प्रपन्न शर्मा ,हर्षवर्धन शर्मा ,विनोद शर्मा ,अनिल द्विवेदी, डीके वार्ष्णय, बंशीधर पोखरियाल, सुधीर कुकरेती, अरविन्द जैन,अशोक अग्रवाल,महेश गुप्ता, दिनेश गुप्ता, महेशशर्मा, चेतन शर्मा, दीप शर्मा, संयोजक हर्षवर्द्धन शर्मा, विनय उनियाल ,जयेंद्र रमोला, चंद्रवीर पोखरियाल, मदन मोहन शर्मा ,सुनील प्रभाकर ,गोपाल जोशी, उषा रावत आईडीजोशी, ज्योति सजवाण, विनय सारस्वत, डीएस रावत, धीरेन्द्र जोशी, वरूण शर्मा, सरोज डिमरी, अरूण शर्मा, आदि मौजूद थे।
मवेशी तस्करों ने पुलिस पर तमंचे से फायर झोंका
देहरादून, 4 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। पिछले कई महीनों से ऋषिकेश व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में पशु तस्करों द्वारा की जा रही तस्करी के चलते मवेशियों की चोरी किए जाने की सूचना पर पुलिस ने सोमवार की देर रात जब नाकेबन्दी की तो एक वाहन को रोके जाने पर उसमें सवार तीन लोगों ने पुलिस पर तमंचे से फायर झोंक दिए। जिसके बाद पुलिस ने एक तस्कर को तमंचे के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया तथा दो अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल हो गये। यह जानकारी पुलिस क्षेत्राधिकारी ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि ऋषिकेश क्षेत्र में पिछले काफी समय से मवेशियों की चोरी होने की सूचना मिल रही थी, जिस पर आईडीपीएल चौकी अन्तर्गत जब गश्त पर पुलिस तैनात थी उसी समय सीटीगेट से एक कार बी.एल. 4सी 00 38 ऋषिकेश की ओर जाती दिखाई दी। जिसका जब पीछा किया गया तो वह आवास विकास कालोनी के पीछे भरत बिहार में नर्सरी के पास झाड़ियों में जाकर रूक गई। जिसका पीछा कर रही पुलिस पार्टी ने देखा कि कार में कुछ लोग सवार हैं । जिन्हे बाहर निकलने के लिए ललकारा तो उनमंे से तीनों ने पुलिस को जान से मारने की नियत से तंमचे से फायर झोंक दिये, जिस पर पुलिस ने जमीन पर लेटकर अपनी जान बचाई । इस बीच दो लोग अंधेरा व झाड़ी का लाभ उठाकर भागने में सफल हो गये तथा एक को पकड़ लिया, जिसने अपना नाम राशिद पुत्र अब्बास कुरैशी दाउ सराय कुतुब घेर सहारनपुर बताया। जिसकी तलाशी लिए जाने पर उससे एक तमंचा व तीन जिन्दा कारतूस भी बरामद किये पकडे गये। नफीस ने बताया कि भागने वाले युवकों के नाम प्रदीप मानक, मउ दरनौर व नफीस पुत्र शम्मी कुरैशी सोनिया बस्ती ज्वालापुर हैं। पुलिस ने भा0द0स0 की धारा 307 आर्म्स एक्ट 25 में राशिद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।