उत्तर प्रदेश की प्रयागनगरी इलाहाबाद में संगम की रेती पर चल रहे माघ मेले के चौथे प्रमुख स्नान पर्व वसंत पंचमी पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती की पावन त्रिवेणी में आज डुबकी लगाई। मेला प्रशासन के अनुसार शाम छह बजे तक 60 लाख से अधिक स्नानार्थियों ने पवित्र संगम में डुबकी लगा ली थी। मेला क्षेत्र में संगम समेत 12 स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं ने आधी रात के बाद से ही स्नान करना शुरू कर दिया था। प्रारंभ में स्नानार्थियों के आने की गति थोड़ी धीमी रही लेकिन सुबह होते ही भीड़ में एकाएक इजाफा हो गया।
मौसम साफ होने के कारण दिन में नौ बजे के बाद जैसे ही धूप तेज हुई संगम तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई। परिणामस्वरूप सुबह 10 बजे तक 10 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगा ली थी। मेला प्रशासन का दावा है कि दोपहर एक बजे तक 30 लाख से अधिक लोगों ने संगम समेत अन्य घाटों पर स्नान कर लिया था। स्नानार्थियों की संख्या शाम छह बजे तक 60 लाख से अधिक पहुंच चुकी थी। श्रद्धालुओं की भीड़ अभी भी घाटों पर जमा है। अनुमान है कि देर शाम तक स्नान का सिलसिला चलता रहेगा।
इस बीच मेला क्षेत्र में कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं थी। मेला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि वसंत पंचमी स्नान पर्व के अवसर पर भूले-भटके 5468 महिला-पुरुष श्रद्धालुओं व 12 बच्चों को शिविरों द्वारा उनके परिजनों को मिलाया गया। वसंत पंचमी स्नान पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था की थी। इस अवसर पर मेला क्षेत्र एवं शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मेले में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी भी मेला क्षेत्र में रात से ही जमे हैं और हर स्थित पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
वसंत पंचमी के दिन श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान के लिए पुलिस प्रशासन ने सोमवार सुबह से ही मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू कर दिया है। वाहनों की आवाजाही पर यह प्रतिबंध पांच फरवरी की रात दस बजे तक जारी रहेगी। जिलाधिकारी राज शेखर ने बताया कि श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों के स्नान के लिए कुल 12 घाट बनाए गए हैं और घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अन्य आवश्यक व्यवस्थायें भी की गई है। रोडवेज के बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों एवं आश्रय स्थलों पर भी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।
स्नानार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर स्नान घाटों पर मजबूत डीपवाटर बेरीकेडिंग कराए गए हैं तथा चेजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है। स्नानार्थियों को शीत से बचाव के लिए परेड क्षेत्र मे 425 टेंट के अस्थायी रैन बसेरों की भी स्थापना की गई है, जहां पर सामान्य तीर्थयात्री रात्रि निवास कर सकते हैं। शीतलहर से बचाव के लिए मेला क्षेत्र के मुख्य चौराहों एवं प्रमुख स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था भी की गई है। वसंत पंचमी के अवसर पर विद्या की देवी मां सरस्वती की भी पूजा हुई। यह दिन मां सरस्वती के प्रकट होने का दिन माना जाता है। मेला क्षेत्र में आज सुबह ही स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने वाग्देवी की पूजा की। कुछ पंडालों में इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित हुए।