सर्वोच्च न्यायालय ने पत्रकारों और समाचार पत्रों के अन्य कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को वैध ठहराया है। उनका कहना है कि इसकी सिफारिश उचित विचार-विमर्श पर आधारित है। इसके साथ ही न्यायालय ने समाचार पत्रों द्वारा संस्था में कार्यरत पत्रकारों और अन्य कर्मचारियों के कानून की संवैधानिक वैधता को दी गई चुनौती को भी खारिज कर दिया है।
न्यायालय के आदेश के अनुसार यह वेतन आयोग 11 नवंबर 2011 से लागू होगा जब इसे सरकार ने पेश किया था और 11 नवंबर 2011 से मार्च 2014 के बीच बकाया वेतन भी पत्रकारों को एक साल के अंदर चार बराबर किस्तों में दिया जाएगा। इसके साथ ही मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार अप्रैल 2014 से नया वेतन लागू किया जाएगा।