मन गार्डन के रूप में विकसित की छत
मुकेश काले ने बीते दस वर्षों में अपने घर की छत को पर्यावरण संरक्षण हेतु “मन गार्डन” के रूप में विकसित किया है। साथ ही यहाँ विलुप्त होती गौरैयाओं के लिए लकड़ी के छोटे घर, दाना-पानी, छाया और हरियाली की संपूर्ण व्यवस्था की गई है। इस कार्य में उनका पूरा परिवार बराबरी से सहभागी रहता है। आज यह छत दर्जनों गौरैयाओं और अन्य पक्षियों का सुरक्षित और आत्मीय निवास स्थान बन चुकी है। काले परिवार ने यह भी निवेदन किया कि इस प्रेरणादायक पहल को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में स्थान मिले, ताकि देशभर में ऐसे प्रयासों को प्रोत्साहन प्राप्त हो। "छोटी सी छत से शुरू हुआ यह अभियान आज सैकड़ों पक्षियों का घर बन गया है। यह प्रयास संपूर्ण भारत के लोगों को प्रेरणा देने में सक्षम है। मुकेश काले के मित्र हेमंत मोराने ने कहा काले परिवार की यह पहल प्रमाणित करती है कि प्रकृति से जुड़ाव फिर से संभव है। यह सोच अब न केवल स्थानीय, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है।