पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर राजद्रोह के मामले की सुनवाई करने वाले विशेष न्यायालय ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई शुरू कर दी, लेकिन मुशर्रफ एक बार फिर न्यायालय के समक्ष पेश होने में विफल रहे। मुशर्रफ के करीबी सूत्रों ने चार फरवरी को कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति सात फरवरी को न्यायालय के समक्ष पेश होंगे। लेकिन वह शुक्रवार को भी न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुए।
डॉन ऑनलाइन के अनुसार तीन न्यायाधीशों की पीठ ने जिसकी अध्यक्षता सिंध उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति फैसल अरब कर रहे हैं, ने अपनी सुनवाई शुरू कर दी। सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि कोई भी निर्देश देते समय उनको निजी उपस्थिति से मुक्ति और अन्य फुटकर याचिकाओं को भी ध्यान में रखा जाए।
वकील ने कहा कि ये याचिकाएं न्यायालय के अधिकार क्षेत्र और विशेष न्यायालय के न्यायाधीशों से संबंधित हैं। वकील ने यह भी कहा कि इस मामले को एक निचली अदालत से सैनिक अदालत में बदलने के फैसले पर भी गौर करना चाहिए। इससे पहले बचाव पक्ष के सूत्रों ने कहा था कि मुशर्रफ ने अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है और इसका फैसला होने से पहले उनको मुकदमे का सामना करना उपयुक्त नहीं होगा।