दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा था कि वकीलों ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को राय दी है कि जन लोकपाल विधेयक को केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है। इस मामले में जिन वकीलों के नाम लिए गए थे, उनमें से एक वकील ने एक दिन बाद शनिवार को कहा कि उससे इस विधेयक के बारे में कोई राय नहीं ली गई थी।
वकील के.एन. भट्ट ने टाइम्स नाउ चैलन से कहा, "मुझसे जन लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर परामर्श नहीं लिया गया है। लेकिन मुझसे कुछ नियमों की वैधता के बारे में राय ली गई थी, जिसके तहत विधेयक को सदन में पेश करने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी की जरूरत होती है।"
आप सरकार और कांग्रेस के बीच जन लोकपाल विधेयक को लेकर शुक्रवार को जंग शुरू हो गई। केजरीवाल ने कहा कि इसे दिल्ली विधानसभा में पारित कराने के लिए केंद्र सरकार की स्वीकृति की जरूरत नहीं है।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल और कई वकीलों -पी.वी.कपूर, के.एन.भट्ट और पिनाकी मिश्रा- ने आप को बताया है कि इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है। भट्ट ने कहा कि इस मामले में कई वकीलों से संपर्क किया गया है और संभवत: पार्टी ने अलग-अलग वकीलों से अलग-अलग सवाल किए होंगे।