दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को राज्य की भ्रष्टाचार निवारक शाखा को रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ कथित रूप से प्राकृतिक गैस का अभाव पैदा करने और मूल्य फिक्सिंग के लिए मामला दर्ज करने का आदेश दिया। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया है उनमें मोइली के पूर्ववर्ती मंत्री मुरली देवड़ा और हाइड्रोकार्बन पूर्व महानिदेशक वी. के. सिब्बल भी शामिल हैं। मोइली ने इन आरोपों का खंडन किया है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, "उनकी (अरविंद) अनभिज्ञता पर हमें तरस आना चाहिए। उन्हें सरकार के काम-काज का तरीका पता ही नहीं है। सभी नियमों का पालन किया जाता है। मूल्य तय करने की एक पद्धति है।"
रिलायंस उद्योग ने केजरीवाल के फैसले को 'हतप्रभ'करने वाला करार देते हुए कहा कि जिस शिकायत और आरोप के आधार पर दिल्ली सरकार ने ऐसा कदम उठाया है उसे 'पूरी तरह निराधार और बिना किसी तथ्य या सबूत'का करार दिया। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है, "हम इन गैरजिम्मेदाराना आरोपों को खारिज करते हैं और अपनी प्रतिष्ठा और रिलायंस द्वारा अभी तक किए गए निवेश के प्रमुख प्रयासों की रक्षा करने के लिए उपलब्ध कानूनी उपचारों को आजमाने जा रहे हैं।"
कांग्रेस ने कहा है कि वह किसी प्रकार की जांच के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह संविधान के दायरे में होनी चाहिए न कि राजनीतिक बदले की भावना से ग्रसित। पार्टी ने मोइली के इस्तीफे की संभावना से इनकार किया। अरविंद ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें किसी "जानी-मानी हस्ती"के जरिए यह शिकायत मिली है, जिन्होंने उन्हें उद्योगपतियों और मंत्रियों के बीच मिलीभगत की बात बताई।
अरविंद ने कहा, "हमने भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो से मुरली देवड़ा, वीरप्पा मोइली, वी. के. सिबल, मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड एवं अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए कहा है।"इसके अलावा अरविंद ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को आवंटित आंध्र प्रदेश के तटवर्ती कृष्णा-गोदावरी बेसिन में स्थित गैस क्षेत्र वापस लेकर सरकारी तेल एवं प्राकृतिक गैस कॉरपोरेशन को दिए जाने की मांग भी की।
उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे, तथा एक अप्रैल से गैस की कीमतों में की जाने वाली वृद्धि को स्थगित किए जाने की मांग करेंगे। अरविंद ने सवालिया लहजे में कहा, "गैस क्षेत्र की कंपनियों ने सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को भी रिश्वत दे दी है। अन्यथा वे इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?" मुख्यमंत्री ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज को यदि एक अप्रैल के बाद गैस की कीमतें बढ़ाने की अनुमति मिल जाती है, तो उसे 54,000 करोड़ रुपयों का अतिरिक्त लाभ होगा।