गैस कीमत घोटाला मामले में केजरीवाल सरकार के एफआईआर दर्ज कराने से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हैरानी जताई है। दिल्ली सरकार के इस कदम से नाराज कंपनी ने कहा, "हम इन गैर-जिम्मेदार आरोपों को पूरी तरह नकारते हैं, अपनी प्रतिष्ठा बचाने और अग्रणी प्रयासों और निवेश को संरक्षित रखने के लिए हम उपयुक्त कानूनी मदद लेने पर विचार कर रहे हैं। हम भारत के तेल और गैस क्षेत्र के विकास के लिए कानूनी दायरों में पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गैस कीमतों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, पूर्व पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली और मुरली देवड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। एक प्रेस कांफ्रेस में इसकी जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह फैसला रिलायंस के खिलाफ चार लोगों की शिकायत के आधार पर किया गया।
शिकायत में कहा गया कि रिलायंस को अवैध तरीके से गैस कुएं अलॉट किए गए। केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के चलते रिलायंस को 54 हजार करोड़ रूपए का फायदा हुआ जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि 1 अप्रेल से गैस के दाम बढ़ते हैं तो महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।
दूसरी ओर कंपनी ने एक सार्वजनिक बयान जारी कर कहा कि गैस कीमत मामले में एफआईआर दर्ज करने का दिल्ली सरकार का आदेश चौंकाने वाला है। वे शिकायतें और आरोप पूरी तरह से निराधार हैं, दिल्ली सरकार ने जिन आरोपों पर यह फैसला लिया, वे शिकायतें और आरोप पूरी तरह निराधार है।" कंपनी ने साथ ही कहा, "शिकायत करने वाले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल ऎसी ही एक याचिका से जुड़े हुए हैं। गैस की कीमतों का मुद्दा सरकार और दूसरे पक्षों के बीच एक विवादित विषय है।"