तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल द्वारा दुष्कर्म मामले की सुनवाई को धर्मनिरपेक्षता बनाम सांप्रदायिकता से जोड़ने के प्रयास की पत्रकारों ने आलोचना की है। तेजपाल ने भारतीय जनता पार्टी (भजपा) का नाम लिए बगैर सोमवार को अपने बयान में कहा था कि उनके खिलाफ 'सुनियोजित'मामला चलाया जाना 'सांप्रदायिक ताकतों द्वारा भारतीय बहुलतावाद'पर हमला है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि उनके खिलाफ कथित राजनीतिक युद्ध 'सभी उदार और सांप्रदायिक राजनीति के विरोधियों के खिलाफ एक चेतावनी है।'कारवां पत्रिका के पूर्व वरिष्ठ संपादक जानथन शनिन ने तेजपाल के बयान को 'बचाव का घृणित'उदाहरण कहा है।
तेजपाल के मामले को राजनीतिक रंग देने के प्रयास पर सीएनएन-आईबीएन की एंकर सागरिका घोष ने सवाल किया है कि क्या कांग्रेस शासित प्रदेश में उन्हें न्याय मिलेगा। तेजपाल पर ताना कसते हुए पूर्व पत्रकार और राजनीतक टिप्पणीकार स्वप्न दासगुप्ता ने ट्वीट किया है, "क्या तरुण तेजपाल यह कह रहे हैं कि एक महिला की अनिच्छा के विरुद्ध अपने आप को थोपना भविष्य का 'अच्छा'और 'फासीवाद'के खिलाफ लड़ाई होगी?"