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आईओए ने मुक्केबाजी संघ को दी फिर से मान्यता

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नयी दिल्ली ,08 अप्रैल, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध को दूर करते हुए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) की मान्यता बहाल कर दी। आईओए ने बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह को भेजे पत्र में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सात फरवरी को भेजे पत्र में निहित निर्देशों के तहत वह बीएफआई को मान्यता देता है। हालांकि इसके लिये आईओए की कार्यकारी परिषद या आमसभा इसे मंजूरी दे। बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने मान्यता बहाल किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा ,“मैं आईओए से मिली मान्यता का स्वागत करता हूं और उम्मीद है कि आमसभा भी इसे मंजूरी दे देगी।” गौरतलब है कि आईओए के इस कदम से पिछले वर्ष सितंबर से चला आ रहा गतिरोध भी दूर हो गया और लम्बे समय से भारतीय मुक्केबाजी पर छाए काले बादल छंट गए हैं और भविष्य के लिये अच्छी संभावनाएं पैदा हो गयी हैं।


नौ राज्यों में उपचुनाव के लिए रविवार को मतदान

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नयी दिल्ली, 08 अप्रैल, देश में नौ राज्यों की एक लोकसभा तथा दस विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए रविवार को मतदान होगा। चुनाव आयोग की यहां जारी सूचना के अनुसार विभिन्न कारणों से रिक्त हुई इन सीटों के लिए नौ अप्रैल को मतदान होगा तथा चुनाव परिणाम 13 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे। आयोग के अनुसार जम्मू कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए भी रविवार को उपचुनाव होगा। इसके अलावा जिन राज्यों में विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होना है, उनमें असम की धेमाजी सुरक्षित, हिमाचल प्रदेश की धोरंज सु, मध्य प्रदेश की अटेर तथा बांधवगढ़ सु, पश्चिम बंगाल की कांठी दक्षिण, दिल्ली की राजौरी गार्डन, राजस्थान की धौलपुर, कर्नाटक की नंजनगुड तथा गुंडुलूपेट और झारखंड की लिटीपारा सु सीट शामिल है।

सम्राट साइकिल की जमीन किसानों को वापस करें राहुल : स्मृति ईरानी

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अमेठी 08 अप्रैल, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मन में किसानों के प्रति यदि थोड़ा भी दर्द है तो सम्राट साइकिल की जमीन किसानों को वापस करें। श्रीमती ईरानी आज जीत का जश्न मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी गढ़ अमेठी पहुंची और कांग्रेस उपाध्यक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी के मन में अमेठी के किसानों के लिए थोड़ा भी दर्द हो तो सम्राट साइकिल की जमीन किसानों को वापस करें। इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी हमलावर हुईं और उन्होंने कहा कि जो अपनों का सम्मान नहीं कर सकते उनसे किसी प्रकार की अपेक्षा नहीं होती कि वे दूसरों के निर्णयों अथवा कार्यशैली का सम्मान करेंगे। अमेठी में पत्रकारों से बातचीत में श्रीमती ईरानी ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार अमेठी की पांच सीटों में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने चार सीटो पर कब्जा किया। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भाजपा सरकार ने अमेठी में खाद की रैक उतारी। गांधी परिवार की वजह से जो फैक्ट्री 20 साल से नहीं चली वह अगले दो महीने के भीतर चालू हो जायेगी। उन्होंने सवाल किया के गांधी परिवार की चार पीढियों ने अमेठी को क्या दिया है। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले यहां की जब चर्चा होती थी तो लोगों को एक भ्रम था कि अमेठी स्वर्ग की तरह होगी, लेकिन यहां की तस्वीर दूसरी ही कहानी बयां कर रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार आते ही 2014 से अब तक यहां ढाई करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाये गए। हारने के बाद भी मैंने संकल्प लिया था कि भारत सरकार की कई योजनाएं हम अमेठी में लाएंगे। अब समय आ गया है और 2019 में अमेठी में कमल खिलेगा।

आसाराम के बेटे ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, की पुरूष आयोग के गठन की मांग

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सूरत, 08 अप्रैल, दुष्कर्म के आरोप में अपने पिता तथा स्वयंभू धर्मगुरू आसाराम बापू की तरह जेल में बंद नारायण साई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिख कर उनसे राष्ट्रीय महिला आयोग की तर्ज पर राष्ट्रीय पुरूष आयाेग का गठन करने की मांग की है। साई ने यहां लाजपुर सेंट्रल जेल से श्री मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनके द्वारा उठाये जा रहे कदम सराहनीय है पर महिलाओं की ओर से पुरूषों को विभिन्न गलत आरोपों में फंसाये जाने से बचाने के लिए पुरूष आयोग बनाना भी बेहद जरूरी है। उसने दावा किया है कि महिलाओं को सशक्त बनाने वाले कई कानूनों का दुरूपयोग भी हो रहा है जिस पर लगाम लगाना जरूरी है। उसने कई अदालती निर्णयों का हवाला भी इस पत्र में दिया है जिसमें ऐसे आरोपों में पुरूष आरोपियों को बरी कर दिया गया है। साई ने प्रधानमंत्री को दृढ मनोबल का धनी बताते हुए उन्हें हाल के विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में भाजपा की जीत पर बधाई भी दी है। ज्ञातव्य है कि साई ने कुछ समय पूर्व ही श्री मोदी को एक पत्र लिख कर जेल सुधार में योगदान की इच्छा जतायी थी हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसका कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया।

सीतामढ़ी में भूमि विवाद में दो सगे भाईयों की गोली मारकर हत्या

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सीतामढ़ी 08 अप्रैल, बिहार में सीतामढ़ी जिले के परसौनी थाना क्षेत्र में भूमि विवाद को लेकर चचेरे भाईयों ने आज दो सगे भाईयों की गोली मारकर हत्या कर दी।  पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि नीलामी गांव निवासी दो सगे भाई मुन्ना कुमार (38) और रमण कुमार (35) को उसके चचेरे भाई हेमंत कुमार, पवन कुमार और धर्मेन्द्र कुमार तथा चाचा महेन्द्र कुमार ने घर में घुसकर गोली मार दी। इस घटना में दोनों भाईयों की मौके पर ही मौत हो गयी। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच भूमि को लेकर कई वर्षों से मुकदमा चल रहा था और कल ही न्यायालय ने मुन्ना और रमण के पक्ष में फैसला दिया था। पुलिस ने आशंका जतायी है कि फैसले से नाराज चचेरे भाईयों ने मिलकर दोनों की हत्या कर दी है। घटना के बाद से सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सीतामढ़ी सदर अस्पताल भेज दिया गया है । 

गया में महादलित वृद्ध दंपति की पीट-पीट कर हत्या

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गया 08 अप्रैल, बिहार में गया जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में आज सुबह कुछ लोगों ने महादलित वृद्ध दंपति की लाठी से पीट-पीट कर हत्या कर दी । पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि गौरा गांव निवासी सुखदेव रविदास (80) और उनकी पत्नी सरस्वती देवी (75) के घर में घुसकर कुछ लोगों ने लाठी से पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी । पुलिस के अनुसार दंपति के नाती का उसी गांव में दूसरी जाति की लड़की के साथ पूर्व से प्रेम-प्रसंग चल रहा था और 20 दिन पूर्व दोनों फरार हो गये थे । सूत्रों ने बताया कि इसी से नाराज लड़की के परिजनों ने दंपति की हत्या कर दी है । इस सिलसिले में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है । घटना के बाद से आरोपी फरार हैं । पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है । शव पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है । 

लालू को जनता के बीच बेनकाब करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे : सुशील

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पटना 08 अप्रैल, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को औने-पौने दाम पर एक निजी कम्पनी को बेचे जाने के एवज में पटना में एक बड़ा कीमती भूखंड अपने परिवार के नाम पर हस्तगत कराये जाने का आज आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस मामले में उन्हें जनता के बीच बेनकाब करने में कोई कसर नहीं छोडेंगे । श्री मोदी ने यहां चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्री यादव के खिलाफ यह बहुचर्चित चारा घोटाला से भी बड़ा मामला उजागर हुआ है । इस मामले को वह रेल मंत्री से मिलकर जांच कराने की मांग करेंगे । उन्होंने कहा कि इसी तरह आयकर विभाग के साथ ही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से भी इस मामले की जांच कराने के लिये दरवाजा खटखटायेंगे । भाजपा नेता ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह इस मामले को और आगे तक ले जाने में वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। हर हाल में राजद अध्यक्ष को जनता के सामने बेनकाब करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में अब तक चारा घोटाले की ही चर्चा होती रही थी लेकिन इससे भी बड़ा जमीन घोटाला उजागर हुआ है। चारा घोटाला का मामला भी उन्होंने ही उजागर किया था जिसमें श्री यादव को जेल जाना पड़ा था । इसमें वह सजायाफ्ता भी हैं । 


श्री मोदी ने कहा कि श्री यादव ने रेल मंत्री के पद पर रहते हुए हर्ष कोचर से रेलवे के रांची एवं पुरी के होटल के बदले पटना के सगुना मोड़ के पास दो एकड़ से अधिक जमीन बेनामी तरीके से अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रेम चंद गुप्ता की कम्पनी के नाम निबंधन करा ली । बाद में इस कम्पनी का नाम बदलकर लालू-राबड़ी के नाम पर कर दिया गया । उन्होंने कहा कि नयी कम्पनी राजद अध्यक्ष की पत्नी श्रीमती राबड़ी देवी , उनके बड़े पुत्र पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के नाम है । भाजपा नेता ने कहा कि लालू परिवार दौ सौ करोड़ रूपये का मालिक बन गया है । श्री यादव इस मामले में न तो हां बोल रहे हैं और न ही ना । उन्होंने कहा कि यह रिश्वत लेने का अच्छा तरीका है जिसमें एजेंट के माध्यम से रिश्वत ली गयी और दाग लगने से भी बचे रहे। पटना के इसी बड़े भूखंड पर मॉल का निर्माण कराया जा रहा है उसकी मिट्टी को श्री यादव के बड़े मंत्री पुत्र के विभाग को बेच दिया गया । इस मॉल का निर्माण राजद के ही एक विधायक करवा रहे हैं । श्री मोदी ने कहा कि जब इस भूखंड पर मॉल का निर्माण हो जायेगा तब इसकी कीमत साढ़े सात सौ करोड़ रूपये की होगी । उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में यदि हिम्मत है तो बतायें कि राजधानी पटना के सगुना मोड़ के निकट निमार्णाधीन मॉल किसका है । उन्होंने राजद अध्यक्ष के दोनों मंत्री पुत्रों पर कार्रवाई करने की भी मांग की । 


भाजपा नेता ने कहा कि इस मामले के उजागर करने के बाद से उनपर मानहानी का मुकदमा किये जाने की धमकी दी जा रही है । श्री यादव दस लाख की पूंजी लगाकर दो सौ करोड़ रूपये का मालिक बन गये हैं । उन्होंने कहा कि श्री यादव ने अपने काला धन को छुपाने के उद्देश्य से ही नोटबंदी का विरोध किया था । विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में भ्रष्टाचार और अपराधियों का बोलबाला बढ़ गया है । सरकारी अस्पतालों में भी लोगों को दवाइयां नहीं मिल पा रही है । सरकार इन सब के बावजूद हाथ पर हाथ धरे हुये बैठी है । इसी तरह की स्थिति उत्तर प्रदेश में भी थी लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद से स्थिति में तेजी से बदलाव हुआ है । उन्होंने कहा कि बिहार में भी जबतक सत्ता परिर्वतन नहीं हो जाता स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं है । इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नित्यानंद राय , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय , विधान पार्षद सूरजनंदन कुशवाहा और भारतीय पुलिस सेवा के (अवकाश प्राप्त) अधिकारी श्रीधर मंडल समेत अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये । 

ट्विटर किंग बने लालू , नीतीश समेत कई मुख्यमंत्रियों को छोड़ा पीछे

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पटना 08 अप्रैल, बेबाक टिप्पणियों को लेकर अक्सर ही ट्विटर पर छाये रहने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव के फॉलोवर्स की संख्या दस लाख के जादुई आंकड़े को पार कर गयी है और इस मुकाम तक पहुंच कर उन्होंने बिहार समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पीछे छोड़ दिया है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर राजद सुप्रीमों के प्रशंसकों की संख्या करीब 1.01 मिलियन हो गयी। बिहार में सत्तारुढ़ महागठबंधन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के प्रशंसकों की संख्या भी राजद सुप्रीमों के मुकाबले लगभग आधी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फॉलाेवर्स की संख्या जहां छह लाख 27 हजार है वहीं पश्चिम बंगाल के मुख्मयंत्री ममता बनर्जी की संख्या महज 10 हजार के आसपास ही है। सांसद से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले योगी आदित्यनाथ के प्रशंसकों की संख्या पांच हजार के आसपास है। बिहार में भाजपा के बड़े नेता के तौर पर गिने जाने वाले और पूववर्ती नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी के फॉलोवर्स की संख्या पांच लाख से थोड़ी अधिक है। राजद सुप्रीमों की लोकप्रियता सभी वर्गों में है और अक्सर उनके द्वारा किये गये ट्वीट जल्द ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगते हैं। बात चाहे लोकसभा चुनाव के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी पर हमले की हो या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर, राजद अध्यक्ष अक्सर ही अपने बेबाक ट्वीट से लोगों का ध्यान खींचते रहे हैं।


वर्ष 2020 तक 50 प्रतिशत आबादी को होगी पाईप से जलापूर्ति : रघुवर

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बोकारो 08 अप्रैल, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि राज्य के सभी लोगों को पाईपलाईन के माध्यम से शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार कृतसंकल्पित है तथा इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। श्री दास ने बोकारो में पेटरवार-कसमार ग्रामीण जलापूर्ति योजना का शिलान्यास कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2020 तक राज्य की 50 प्रतिशत आबादी को पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने का है। उन्होंने कहा कि मार्च 2015 तक मात्र 12 प्रतिशत आबादी पाईप जलापूर्ति से आच्छादित थी जो मार्च 2017 में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की उपलब्धता को प्रत्येक आबादी तक पहुँचाने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सतत प्रयासरत है। इस क्रम में 5869.8 लाख की लागत से करीब 72,000 आबादी के आच्छादन के लिए बोकारो जिले में पेटरवार ग्रामीण जलापूर्ति योजना का शिलान्यास हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मानव जीवन का अभिन्न अंग है जो राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक जिले के सभी सतही जलस्रोतों जैसे डैम, नदी इत्यादि की मैपिंग को पूरा कर निकटवर्ती गांवों और टोलों में सतही जल आधारित योजनाओं का डी0पी0आर0 तैयार कर उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप क्रियान्वयन के लिए एक रणनीति तैयार की गई है जिसमें भूमिगत जलश्रोतों का उपयोग न्यूनतम करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि भूमिगत जल का उपयोग हम सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में करेंगे जहां सतही जल स्रोत्र उपलब्ध नहीं होगा। 


श्री दास ने कहा कि प्रदेश के जो जिले, प्रखण्ड या ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त होंगे, उसे प्राथमिकता के आधार पर पाईप जलापूर्ति योजना से आच्छादित किया जायेगा। केन्द्र के सहयोग से संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, नीर निर्मल परियोजना, राज्य योजना तथा राज्य सरकार के संसाधन के अतिरिक्त डी.एम.एफ.टी तथा सी.एस.आर के तहत् सर्वोच्च प्राथमिकता में पेयजल एवं स्वच्छता को शामिल किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत् ओडीएफ घोषित पंचायतों के मुखिया को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। सम्मान पाने वाले मुखियाओं में गोड़ाबाली पंचायत चास के श्री महेश कुमार ठाकुर, जरीडीह (पू0) पंचायत बेरमों की मुखिया श्रीमती कंचन देवी, गोविन्दपुर (डी) बेरमो की मुखिया श्री श्याम बिहारी सिंह, दारिद पंचायत पेटरवार की मुखिया श्रीमती शिला देवी, बोरिया (उ0) पंचायत की मुखिया श्रीमती पूजा देवी शामिल थी। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांगजनों को स्वावलंबन स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड का भी वितरण आशालता केन्द्र के लाभुकों के बीच श्री दास द्वारा किया गया। उन्होंने कहा इस योजना के तहत् पूरे झारखण्ड में बोकारो जिला प्रथम स्थान में है। श्री दास ने कहा कि आदिम जनजाति तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य ग्रामों टोलों को सरकार द्वारा पहली बार पाईप जलापूर्ति योजना से आच्छादित किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत रांची, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, गिरिडीह , दुमका , गोड्डा , पलामू एवं गढ़वा जिलों में मिनी ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत निर्माण कार्य कराया जा रहा है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य के कई जिलों में आर्सेनिक तथा फ्लोराईड से प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये विविध तकनीकी का उपयोग कर रही है। प्रभावित क्षेत्रों में विगत दो वर्षों में सरकार ने एक लाख दस हजार से अधिक आबादी को सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जल की समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री ने समाधान की दिशा में नेशनल वाटर क्वालिटी सब मिशन प्रारंभ किया जिसके माध्यम से इससे जनसाधारण को जल गुणवत्ता जांच कराने का अधिकार होगा। श्री दास ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय एक लैब के लिये एन०बी०एल० की मान्यता प्राप्त हो चुकी है तथा चार और नये लैब की मान्यता की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। राज्य के जल संसाधन मंत्री चन्द्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि बोकारो जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी की अधिकांश हिस्सा मात्र चापाकल से आच्छादित है। उन्होंने कहा कि सभी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए अल्पव्ययी शौचालय का निर्माण कर राज्य को संपूर्ण स्वच्छता प्रदान करने के लिए भी सरकार कृत संकल्पित है।

राजद के पूर्व विधान पार्षद के तीन ठीकानों पर सीबीआई का छापा

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पटना 08 अप्रैल, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के पूर्व विधान परिषद सदस्य और आवामी को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक अनवर अहमद के तीन ठीकानों पर एक साथ छापेमारी की । ब्यूरो सूत्रों ने यहां बताया कि श्री अहमद के राजधानी पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र के सब्जीबाग स्थित आवास तथा इसी थाना क्षेत्र के अशोक राजपथ पर स्थित आवामी को-ऑपरेटिव बैंक और फुलवारीशरीफ स्थित उनके स्कूल में एक साथ छापेमारी की गयी । छापेमारी के दौरान ब्यूरो को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं । सूत्रों ने छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेज के संबंध में अभी कुछ भी बताने से इंकार किया है । इससे पहले नोटबंदी के समय काले धन को सफेद करने के आरोप लगने पर आयकर विभाग ने भी श्री अहमद के इन्हीं तीन ठीकानों पर छापेमारी की थी । ऐसा माना जा रहा है कि इसी कड़ी में ब्यूरो ने छापेमारी की है । 

नीतीश अंग्रेज की तरह व्यवहार कर रहे हैं : रघुवंश

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मुजफ्फरपुर 08 अप्रैल, बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा0 रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया और कहा कि वह अंग्रेजों की तरह व्यवहार कर रहे हैं । डा0 सिंह ने यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री श्री कुमार पर दमनात्मक कारवाई करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार हक मांगने वालों पर अत्याचार कर रही है और उनकी आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य में समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा रहा है और जो भी इसके लिए आवाज उठाता है उसके खिलाफ सरकार दमनात्मक कार्रवाई करती है । पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार गृह रक्षा वाहिनी (होमगार्ड) के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को भी नहीं मान रही है और आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठीचार्ज करवाती है । उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांगें जायज हैं । सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए । सिर्फ नारों से नारी सशक्त नहीं हो सकती हैं । डा0 सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को राष्ट्रीय मानक के बराबर मानदेय नहीं मिल रहा है जबकि दूसरे राज्यों में यह अधिक है । उन्होंने कहा कि बिहार सरकार रामलीला, कृष्णलीला के बाद अब गांधीलीला कर रही है । मुख्यमंत्री बातें तो गांधी जी की करते हैं लेकिन उनके आदर्श पर नहीं चलते हैं और अंग्रेजों की दमनकारी नीति अपना रहे हैं । श्री कुमार को गांधी जी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए । 

झारखंड : लिट्टपाड़ा उपचुनाव में भाजपा और झामुमो की प्रतिष्ठा दांव पर

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दुमका 08 अप्रैल, झारखंड में संतालपरगना के पाकुड़ और दुमका जिले से जुड़े लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए कल होने वाले उप चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्ष दल झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो)की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उप चुनाव में माने जा रहे सीधे मुकाबले में अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा और झामुमो ने खास रणनीति बनायी है। हालांकि झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने चुनावी जंग को त्रिकोणीय बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पाकुड़ के तीन लिट्टीपाड़ा,अमरापाड़ा और दुमका जिले के गोपीकांदर प्रखंड क्षेत्र में फैले इस विधानसभा क्षेत्र में भयमुक्त वातावरण में निष्पक्ष और शांतिपूर्वक कल मतदान सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की है। सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है। सुदूर पहाड़ी और जंगली क्षेत्रों में अवस्थित मतदान केन्द्रों पर मतदान सम्पन्न कराने के लिए मतदान कर्मियों को सभी आवश्यक सामग्री के साथ आज मतदान केन्द्रों पर रवाना कर दिया गया। पाकुड़ के उपायुक्त के.मथु कुमार और दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा के नेतृत्व में शांतिपूर्वक मतदान सम्पन्न कराने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पूरे विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों को संवेदनशील सशस्त्र केन्द्र रूप में चिन्हित कर सशस्त्र सुरक्षा बल की तैनातगी की गयी है। इस विधानसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गोपीकांदर और अमड़ापाड़ा प्रखंड क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा कड़ी नजर रखी जा रही है। लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में रविवार को सुबह सात बजे से शाम तीन बजे तक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। "सुरक्षा के मद्धेनजर पूरे क्षेत्र को सेक्टर और कलस्टरों में बांट कर पर्याप्त दंडाधिकारी की नियुक्ति की गयी है। इस बार चुनाव आयोग के निर्देश पर ईवीएम और वीवीपेट सहित सभी आवश्यक सामग्री के साथ पांच-पांच मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। प्रशासन की ओर से मतदान केन्द्रों पर मतदान कर्मियों की सुविधा के रहने और भोजन आदि सुविधाओं की भी व्यवस्था की गयी है। 

टॉपर्स घोटाले में नौ और अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

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पटना 08 अप्रैल, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) की ओर से आयोजित इंटरमीडियट परीक्षा परिणाम की मेधा सूची में हुए घोटाले से जुड़े मामले में पटना पुलिस की विशेष जांच दल (एसआइटी ) ने आज नौ और लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया । निगरानी की विशेष अदालत में एसआईटी ने घोटाले के मुख्य अभियुक्त बच्चा राय और बीएसईबी के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के रिश्तेदारों के खिलाफ भारतीय दंड विधान और भष्ट्राचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है । इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 41 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। गौरतलब है कि इससे पहले एसआइटी ने पांच सितम्बर 2016 को बीएसईबी के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह, उनकी पत्नी एवं पटना के गंगा देवी महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डा0 उषा सिन्हा , पूर्व सचिव हरिहर नाथ झा , वैशाली के विशुनदेव राय इंटर कॉलेज कीरतपुर के संचालक अमित कुमार उर्फ बच्चा राय , उसी महाविद्यलय की पूर्व प्राचार्य शैल कुमारी , समिति के पूर्व अध्यक्ष के निजी सचिव विकास चंद्रा के अलावा मेधा सूची के पांच छात्र एवं छात्राओं समेत 32 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था । आरोप पत्र के अनुसार इंटरमीडियट परीक्षा 2016 की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में सरकारी पद का भ्रष्ट दुरूपयोग कर निजी लाभ के लिये एक अपराधी षडयंत्र के तहत धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर मेधा सूची का निर्माण किया गया था । मामला उजागर होने पर मेधा सूची के छात्र और छात्राओं को साक्षात्कार के लिये बुलाया गया और उन्हें अयोग्य पाने के बाद प्राथमिकी दर्ज कर एसआईटी ने अनुसंधान की । इस मामले में समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री सिंह और उनकी पत्नी पूर्व प्राचार्य श्रीमती सिन्हा, पूर्व सचिव श्री झा, वैशाली के विशुनदेव राय कॉलेज के संचालक बच्चा राय और उसी महाविद्यालय की प्राचार्य शैल कुमारी समेत कई अभियुक्त अभी जेल में बंद है । 

चुनावी घोषणा पत्र केवल कागज के टुकड़े बने : केहर

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नयी दिल्ली, 08 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्रों को कागज का एक टुकड़ा बताते हुए आज कहा कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से किए गए वादे अधूरे रह जाते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने यहां विज्ञान भवन में ‘चुनावी मुद्दों के संदर्भ में आर्थिक सुधार’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुये यह बात कहीं। न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि चुनावी वादे आमतौर पर पूरे नहीं किये जाते हैं और घोषणा पत्र केवल कागज का एक टुकड़ा बनकर रह जाता है, इसके लिये राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी मौजूद थे। इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुये न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि लोगों को चुनाव के बाद चुनावी घोषणा पत्रों में किए गए वायदे याद नहीं रहते जिसके कारण ये चुनावी घोषणा पत्र कागज के टुकड़े बनकर रह जाते हैं परंतु इसके लिये राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। 



उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भूमि सुधार और आर्थिक क्षेत्र में किए गए सुधार देश के लिए सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति सामाजिक ढांचे और समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के इर्द-गिर्द ही रहनी चाहिए। श्री केहर ने कहा कि चुनावों में मत प्रतिशत बढ़ने से राजनीतिक दलों पर गरीब और जरूरतमंद लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाने का दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद राजनीतिक दल अपना रवैया बदल लेते हैं और चुनावी वायदे पूरे नहीं करते। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हम आज वैश्विक पैमाने पर सोच सकते हैं लेकिन हमें उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिये जिन्हें अभी तक अधिकारों से वंचित रखा गया है और वह अब तक आर्थिक मुख्य धारा से नहीं जुड़े हैं।” उन्होंने आरोप लगाते हुये कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद राजनतिक दल अपने वादों को पूरा नहीं करते हैं। श्री केहर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग ने पहले भी कई राजनीतिक दलों से उनके गलत बयान के लिये स्पष्टीकरण मांगा था।

लखनऊ में बनेगा देश का सबसे बडा स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटर

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लखनऊ 09 अप्रैल, उत्तर प्रदेश में लखनऊ एयरपोर्ट के निकट देश का सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटर स्थापित किया जायेगा। इस आशय का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को देते हुए इस पर शीघ्र कार्रवाई शुरु करने के लिए कहा है। उन्होंने सभी विभागों में सरकारी काॅन्ट्रैक्ट के लिये ई-टेण्डरिंग व्यवस्था पारदर्शिता के साथ लागू कराने के भी निर्देश दिए हैं। श्री योगी ने कहा कि ग्राम सभाओं में लगभग 60 हजार से अधिक संचालित जन सेवा केन्द्रों में आम नागरिकों को बेहतर सुविधा न उपलब्ध कराने वाले सर्विस प्रोवाइडरों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने मथुरा के हिन्दुस्तान काॅलेज में नव-उद्यमी उत्प्रेरक केन्द्र (इन्क्यूबेटर) की स्थापना की 100 दिनों में कराये जाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान कहा कि आगामी 14 अप्रैल को डाॅ़ अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आई़ टी़ एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित कर ई-लेनदेन करने के लिये लोगों को जागरूक किया जाए। श्री योगी ने कहा कि आई़ टी़ पार्क्स, स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटर्स, एवं ई़ एम़ सी़ की स्थापना एवं अन्य विभागीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराकर आगामी पांच वर्षों में 70 लाख से अधिक लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। मुख्यमंत्री ने लखनऊ में इलेक्ट्राॅनिक्स सदन की स्थापना एवं आई़ टी़ एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग के अधीन समस्त संस्थाओ-यूपीडेस्को, यूपीएलसी, श्रीट्राॅन इण्डिया, अपट्रान पावरट्रानिक्स, ई-सुविधा एवं सेण्टर फाॅर ई-गवर्नेन्स के कार्यालयों की स्थापना एवं संचालन के लिये एक आई0टी0 भवन का निर्माण कराये जाने के लिए विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।


तीस्ता मुद्दे पर ममता अपने रूख पर कायम

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नयी दिल्ली 09 अप्रैल, बंगलादेश के साथ तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सकारात्मक बयान के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने रूख पर कायम हैं और उनका कहना है कि इस संधि से उनके राज्य के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। सुश्री बनर्जी कल रात यहां बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ रात्रि भोज में शरीक हुई । सूत्रों के अनुसार उन्होंने बंगलादेशी प्रधानमंत्री को तीस्ता समझौते को मौजूदा स्वरूप में स्वीकार करने में अपनी ,“ सीमाओं और दिक्कतों ” से अवगत कराया। सुश्री बनर्जी ने कहा ,“ मेरा मानना है कि राज्य के हितों की रक्षा होनी चाहिए। ” बंगलादेश में अगले वर्ष आम चुनाव हैं जिनमें तीस्ता समझौता एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा। बंगलादेश के रंगपुर , निलफामरी, गैबंध, कुरिग्राम और लालमोनिहाट जैसे क्षेत्रों में किसान धान की फसल के लिए तीस्ता के पानी पर ही निर्भर हैं जबकि पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी, दक्षिणी दिनाजपुर और दार्जिलिंग जैसे क्षेत्रों में भी किसान फसलों की सिंचाई के लिए तीस्ता के पानी पर ही आश्रित हैं। सूत्राें के अनुसार सुश्री बनर्जी ने बंगलादेशी प्रधानमंत्री से कहा है कि तीस्ता में पर्याप्त पानी नहीं है और ऐसे में एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए जिसके आधार पर अन्य नदियों का पानी बंगलादेश की ओर मोडा जाना चाहिए। उधर श्री मोदी ने कल सुश्री हसीना की मौजूदगी में कहा , “ मेरा दृढता पूर्वक मानना है कि केवल मेरी सरकार और सुश्री हसीना की सरकार तीस्ता जल बंटवारे का शीघ्र समाधान कर सकती है। ” ऐसा माना जाता है कि इस बयान से बंगलादेश की मुख्यमंत्री पर दबाव बनेगा। श्री मोदी के इस बयान के बाद बंगलादेश की इस मुद्दे के समाधान की उम्मीद बढी है और वह इस बयान को भारत की ‘नयी नीति’ के रूप में देख रहा है। बंगलादेश के विदेश सचिव शैदुल हक ने कहा है ,“ दोनों नेताओं के संयुक्त वक्तव्य के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है। ”

राष्ट्रपति का देशवासियों से डिजिटल भुगतान से जुड़ने का आह्वान

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नयी दिल्ली 09 अप्रैल, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देशवासियों से डिजिटल भुगतान व्यवस्था अपनाने का आह्वान करते हुए आज यहां लकी ग्राहक योजना तथा डिजिधन योजना के मेगा ड्रा निकाले और मार्च तक वित्तीय प्रबंधन पूरा करने के लिए सरकार की सराहना की। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उपभोक्ता तथा कारोबारी क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा शुरू की गयी लकी ग्राहक योजना तथा डिजीधन योजना के लकी ड्रा निकालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजीटल भुगतान की अच्छी शुरुआत हुई है। इससे देश में कैशलेस खरीद फरोख्त की नयी संस्कृति फैलेगी एवं डिजीटल भुगतान को बढावा मिलेगा। कैशलेस भुगतान को अर्थव्यवस्था में नए युग की शुरुआत बताते हुए उन्होंने सभी लोगों को इससे जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि दुनिया के कई विकासशील देशों में डिजिटल भुगतान के जरिए ही काम हो रहा है। भुगतान की इस नयी व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश में यह एक आंदोलन की तरह चले जिसमें सभी वर्ग के लोग हिस्सा ले रहे हैं। उनका कहना था कि हमारे यहां 95 प्रतिशत व्यक्तिगत लेनदेन कैश से होता है।

गीतकार मोहित चौहान ने किया सांझ के संगीत का लांच

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भारतीय सिनेमा के 100 साल के इतिहास में पहली बार हिमाचल की पहाड़ी भाषा में हिमाचल प्रदेश में बनी फिल्म ‘सांझ देश भर के सिनेमा घरों में रिलीज़ होने जा रही है पहाड़ी के साथ यह फिल्म हिंदी में भी रिलीज़ की जा रही है। जहां हिमाचली में यह फिल्म ‘सांझ नाम से प्रदर्शित होगी, वहीँ हिंदी में यह फिल्म ‘रिश्तों की सांझ के नाम सेरिलीज़ की जाएगी I यह फ़िल्म साइलेंट हिल्स स्टूडियो हमीरपुर के बैनर तले बनी है तथा पीसीयू प्राइवेट लिमिटेड और शौर्य एंटरटेनमेंट एस्टाब्लिशमेंटज द्वारा प्रस्तुत कीजाएगी  । सांझ तथा रिश्तो की सांझ फिल्म का म्यूज़िक रिलीज आज दिल्ली के कनॉट प्लेस में किया गया । सांझ फिल्म में कुल 5 गाने है । फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर धर्मशाला केरहने वाले गौरव गुलेरिया जी है तथा फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक शिशिर चौहान जी ने दिया है । फिल्म के गानो को आवाज़ मशहूर बॉलीवुड गायक मोहित चौहान जी, पवित्रा चारि जी तथा गौरव गुलेरिया जी ने दी है। फिल्म के गानो को बोल आदर्श धीमान, अजय सकलानी तथा श्रेया शाह द्वारा दिए गए है । इस अवसर पर मशहूर गायक मोहित चौहान जी भी मौजूद थे। मोहित जी ने कई लोक गीत गाये है लेकिन पहली बार मोहित चौहान जी ने हिमाचली फिल्म के लिए 2 गीतों को अपनी आवाज़ दी है। इनके साथ साथ म्यूजिक रिलीज़ के दौरान सांझ फिल्म के अभिनेता विशाल परपग्गा, अदिति चाडक, निर्माता निर्देशक अजयसकलानी और सहयोगी निर्माता शिवानी सकलानी भी मौजूद थे। अपने संबोधन में अजय सकलानी ने  बताया की फिल्म 14 अप्रैल को नज़दीकी सिनेमाघरो में रिलीज होगीऔर फिल्म का प्रिमियर 13 अप्रैल को मुंबई में किया जायेगा । सांझ का संगीत फिल्म के डिजिटल पार्टनर हंगामा द्वारा लांच किया गया । इस मौके पर हंगामा से अनुज बाजपाई और राजेश अल्लहाबादी भी मौजूद थे। जिन्होंने बताया कि सांझ के गाने हंगामा वेबसाइट, हंगामा ऍप, एप्पल आई ट्यून तथा विंक म्यूजिक पर सुने जा सकता है ।


‘सांझ’ पहाड़ों से शहरों की तरफ होते पलायन के चलते अपनों से बिछुड़ने और अकेलेपन की कहानी है। यह कहानी दादी और पोती की नज़र से दिखाई गयी है। पोती जोशहर में अपने माता- पिता के साथ रहती है और उसे ज़बरदस्ती गांव में उसकी दादी के पास छोड़ दिया जाता है। दादी और पोती जो कभी एक दूसरे के साथ नहीं रहे, उनके बीच के रिश्ते पर यह कहानी घूमती है। एक दूसरे से द्वेष, तकरार और प्यार के बीच आगे बढ़ती यह कहानी गांव में रहने वाले बुजुर्गों के अकेलेपन को दर्शाती है। “सांझ”14 अप्रैल को देश के 22 राज्यों में बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। फिल्म निर्माता अजय सकलानी ने इस फिल्म के माध्यम से हिमाचल की संस्कृति, बोली और रहन- सहन को दर्शकों के सामने पेश किया है। अदिति चाडक तथा विशाल पारपग्गा इस फिल्म में मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे। अदिति तथा विशाल की यह पहली फिल्म है। आसिफ बसरा और तरणजीत कौर बॉलीवुडके जाने माने चेहरे हैं, जिन्होंने इस फिल्म में  अहम भूमिका निभाई है। 1 घंटा 50 मिनट की फिल्म सांझ प्रदेश की पहली हिमाचली भाषा में बनी फीचर फिल्म है। सांझ को हिमाचल समेत देश के 22 राज्यों के 248 सिनेमा घरों में 14 अप्रैल कोरिलीज किया जाएगा। इस फिल्म में 2 बॉलीवुड कलाकारों के साथ-साथ प्रदेश के स्थानीय रंगमंच कलाकारों ने किरदार निभाए हैं। फिल्म में 5 गानें हैं। इनमें से 2 गानेहिमाचल के मशहूर बॉलीवुड गायक मोहित चौहान ने गाए हैं।

सांझ फिल्म बड़े पर्दे पर नजर आने से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब चर्चा बटोर रही है और अभी तक दो अंतरराष्ट्रीय सम्मान जीत चुकी है। अमेरिका के कैलिफोर्निया मेंहुए बौरेगो स्प्रिंग्स फिल्म फेस्टिवल में फिल्म  सांझ को बेस्ट फीचर फिल्म से सम्मानित किया गया। इस फेस्टिवल में दुनियाभर से आई 750 फिल्मों से सांझ को सर्वश्रेष्ठ फिल्मघोषित किया गया। इससे पहले सांझ फिल्म को कैलिफोर्निया में ही अकोलेड ग्लोबल फिल्म कंपीटिशन में अवॉर्ड आफ मेरिटस से भी सम्मानित किया जा चुका है। इस फिल्म को हिमाचल केकुल्लू, सैंज, मंडी,हमीरपुर और स्पिति में फिल्माया गया है। इसके अतिरिक्त कुछ सीन चंडीगढ़ में फिल्माए गए हैं।

विशेष : बच्चों की पढ़ाई या मम्मी-पापा का टार्चर?

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  • स्कूलों में फीस के नाम पर डकैती कब तक? 

यूपी में शहर हो या देहात तक में निजी स्कूलों में फीस स्ट्रक्चर एवं निजी प्रकाशनों के किताबों के नाम पर बालकों को लूटा जा रहा है। निजी स्कूलों की बढ़ रही मनमानी के कारण वर्तमान में आम आदमी का अपने बच्चों को शिक्षा दिलाना मुश्किल हो रहा है। कई स्कूलों में बेतहासा फीस बढ़ाने के विरोध में लगातार विरोध-प्रदर्शन भी तेज हो गया है। एसोएचएम रिपोर्ट की मानें तो निजी स्कूलों में पिछले तीन-चार सालों में 150 फीसदी तक फीस वृद्धि की गयी है? ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या योगी सरकार खत्म करेगी शिक्षा में माफियाराज? स्कूलों में फीस के नाम पर डकैती कब तक? क्या जबरन फीस वसूलने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करेगी योगी सरकार? क्या यूपी के स्कूलों में गुजरात माॅडल लागू होगा? निजी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई या मम्मी-पापा का टार्चर? आखिर क्यों स्कूल अब शिक्षा केंद्रों की जगह किसी दुकान का सा रूप लेते जा रह हैं? 



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बेशक, हाल के दिनों में स्कूलों में फीस, किताब व ड्रेस के नाम पर जो रवैया प्रबंधकों का देखने को मिल रहा है, उससे तो यही कहा जा सकता है स्कूल हैं या बिजनेस। बच्चों के अभिभावकों को फीस, कापी-किताब, एडमिशन के नाम पर ऐसे लूटा जा रहा है जैसे सरेराह कट्टे की नोंक पर माफिया राहगीरों को लूटते हैं। यह सिलसिला एक-दो नहीं बल्कि शहर से लेकर देहात तक के निजी शिक्षण संस्थानों में खूलेआम धड़ल्ले से चल रहा है। स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के  बीच फीस वृद्धि को लेकर छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। शिक्षा का धंधा करने वाले कुछ स्कूल तो इतने बेरहम हो गए हैं कि वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। कुछ स्कूलों के प्रबंधकों ने बाकायदा बोर्ड लगा दिया है बच्चों को पढ़ाना हो तो घर-जेवर गिरवी रख दो, लेकिन फीस में छूट की पैरवी न करो। हद तो तब हो गयी जब गाजियाबाद के एक स्कूल में पढ़ने वाली 13 साल की प्रियांशी ने खुदकुशी सिर्फ इसलिए कर ली, क्योंकि उसकी टीचर फीस ना देने पर घर पहुंच गई। जब टीचर और उनके पिता में तकझक हुई तो पुलिस आई और पिता को ही उठा ले गई। प्रियांशी इसका सदमा सह नहीं सकी और जान दे दी। हालांकि यह सिलसिला सालों से चल रहा है, लेकिन अब यूपी में जब योगी सरकार आई है तो अभिभावकों की उम्मीदें बढ़ गयी है। जनता को भरोसे की आस जगी है कि योगी जी कुछ न कुछ जरुर करेंगे। 

फिरहाल, हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग है कि निजी स्कूल फीस बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें कारण बताना होगा। अगर स्कूल ने सरकार से कम दाम पर जमीन ली तो फीस बढ़ाने के पहले शिक्षा निदेशक से पूछना होगा। बावजूद इसके वन टाइम फीस के नाम पर कई स्कूल मनमानी कर रहे हैं। इसके साथ ही स्कूलों में हर साल फीस में भी मनमानी बढ़ोतरी हो रही है। अलग-अलग हेड्स में फीस की वसूली हो रही है। दरअसल स्कूलों ने प्रतिबंधित कैपिटेशन फीस का नाम बदल कर वन टाइम फीस कर दिया है। स्कूलों की दलील है कि टीचर्स को ऊंची सैलरी देने होती है, ऐसे में वन टाइम फीस जरूरी हो जाती है। स्कूलों की ओर से स्कूल बिल्डिंग के नाम पर भी भारी फीस ली जाती है। बताना चाहेंगे कि बिल्डिंग के नाम पर 6000 रुपये से ज्यादा फीस संभव नहीं है। हाल यह है कि स्कूलों में कहीं नए एडमिशन के लिए फॉर्म के नाम पर लूट हो रही है तो कहीं पुराने छात्र को नई कक्षा में प्रवेश देने के नाम पर रिएडमिशन के नाम पर लूटा जा रहा है। कहा जा सकता है ऐसे स्कूल शिक्षा को व्यवसाय के रूप में देखते हैं, बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं। अलग अलग मदों में धन उगाही ही, इनकी प्राथमिकता है। सरकारी स्कूलों की जर्जर शिक्षा व्यवस्था का ये बखूबी फायदा उठा रहे हैं। यही वजह है कि अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों में भेजने के लिए विवश है।

बता दें, स्कूलों में एडमिशन फॉर्म भरने के लिए अलग अलग डेट में अलग अलग फीस ली जाती है। फॉर्म भरने के लिए कई तिथियां निर्धारित की जाती हैं। प्रत्येक तारीख बीतने के बाद वही एडमिशन फॉर्म महंगा होता जाता है। एड्मिशन के लिए बच्चों का टेस्ट होता है जिसका परिणाम नेट पर या स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगा दिया जाता है। टेस्ट में असफल होने का कारण बताने का जहमत स्कूल प्रशाशन नहीं लेता। प्रवेश पाने वाले बच्चों से फीस के नाम पर अलग अलग मदों में भारी भरकम धन वसूला जाता है। पुनः प्रवेश के लिए अभिभावकों को अलग से रुपये जमा करने पड़ते हैं। जिसमे शिक्षण शुल्क बढ़ जाता है। यह शुल्क अलग अलग कक्षाओं के लिए अलग अलग है। इस शुल्क के अलावा वार्षिक शुल्क, भवन निर्माण, परिचय पत्र, स्लेबस और स्कूल में उनकी ही सुविधा के लिए लगे सॉफ्टवेर का भी शुल्क अभिभावकों को भरना पड़ता है। इसके अलावा किताब कॉपी, यूनिफॉर्म, आदि का खर्चा मिलाकर के जी के बच्चे पर प्रवेश के समय ही 5 से 15 हजार रूपये का खर्च आता है, जो कि एक आम आदमी के बजट से कोसों दूर है। यह अलग बात है कि निजी स्कूलों की मनमानी के चलते तकरीबन 9 साल पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में गर्मियों की छुट्टी में ली जाने वाली फीस पर प्रतिबन्ध लगते हुए कहा था कि इस दौरान जब स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है तो उसकी फीस क्यों ली जाती है। प्राइवेट स्कूल और कालेज अभिवावकों को इस बाबत मजबूर नहीं कर सकते कि वह एक विशेष दुकान से ही अपने बच्चों कि कॉपी-किताबें खरीदें। यही नहीं स्कूल और कालेज में हर साल बदली जाने वाली ड्रेस पर रोक लगते हुए 5 साल से पहले ड्रेस न बदले जाने के आदेश प्राइवेट स्कूल और कालेजों के प्रबन्धन तन्त्र को दिए थे। बावजूद इसके स्कूल और कालेजों के प्रबन्धतन्त्र अपनी मनमानी पर आमादा हैं। इसके अलावा प्राईवेट स्कूल अभिभावक वर्ग को लुटने का कोई मौका नहीं छोड़ते। एक शैक्षणिक स्तर में ऐसे अनेक मौके स्कूल संचालको द्वारा तैयार किए जाते हैं। जिसके माध्यम से लाखों रूपया उनकी जेब में पहुंच जाता है। इसी में से एक है एग्जाम फीस सीधी भाषा में इसे पेपर फीस कह सकते हैं। एक वर्ष में करीब 3 से 4 बार इसी एग्जाम फीस के नाम पर भारी भरकम वसूली की जाती है जो अभिभावकों का सरेआम शोषण है। 
शहरीय इलाकों के कान्वेंट स्कूल पूरी तरह मनमानी पर उतर आए हैं। मनमाने ढंग से फीस निर्धारित करने वाले निजी स्कूल संचालकों ने नया सत्र प्रारंभ होते ही ड्रेस, जूता, मोजा के साथ ही किताबें और पाठ्यक्रम भी बदल दिया है। स्कूल संचालकों ने कहीं कापी-किताबों और ड्रेस के लिए दुकानों से सेटिंग कर रखी है तो कहीं खुद स्कूल से बांट रहे हैं। फीस बढ़ाकर तो जेब भरी ही जा रही है, कापी-किताब और ड्रेस से भी मोटी कमाई की जा रही है। इन स्कूल संचालकों पर जिला प्रशासन का किसी तरह का कोई अंकुश नहीं है। कुल मिलाकर शहर के निजी और कॉन्वेंट स्कूलों में अच्छी शिक्षा और व्यवस्था का लालीपॉप देकर अभिभावकों को ठगा जा रहा है। फीस निर्धारण में मनमानी करने वाले स्कूल संचालकों ने चालू शिक्षासत्र में 20-30 प्रतिशत फीस में इजाफा कर दिया है। जनरेटर के नाम पर प्रतिमाह फीस वसूलने वाले अधिकांश स्कूलों में बिजली गुल होने के बाद बच्चे गर्मी से बिलबिलाते रहते हैं। शहर के अधिकांश कान्वेंट स्कूल ऐसे हैं, जिनमें प्रतिवर्ष नए पाठ्यक्रम की पुस्तकें लागू कर दी जाती हैं, और वह भी एक निश्चित दुकान से खरीदने को मजबूर किया जाता है। महंगी पुस्तकों को बदलने और ड्रेस चेंज करने के पीछे और कुछ नहीं बल्कि अभिभावकों का आर्थिक शोषण करना लक्ष्य होता है। 


वास्तव में निजी स्कूलों पर किसी का अंकुश नहीं रह गया है। पिछले वर्षों में फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों का दबाव भी कम हो गया है। बीएसए कार्यालय से इन स्कूलों को अंग्रेजी विषय की मान्यता तो दी जाती है, मगर उनका नियंत्रण इन पर नहीं होता है। अधिकांश स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने सीबीएसई से मान्यता ले रखी है। इस बोर्ड के अफसरों के नहीं बैठने से पठन-पाठन और परीक्षा में भी भारी अनियमितता बरती जा रही है। करीब 72 फीसदी लोगों का मानना है कि नए सत्र में स्कूलों ने 10 फीसदी से ज्यादा शुल्क बढ़ा दिया है। जबकि गुजरात में ज्यादा फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों पर लगाम लगने जा रही है। राज्य सरकार के नए नियम के मुताबिक कोई भी स्कूल 27,000 रुपये से ज्यादा सालाना फीस नहीं ले सकता है। और, अगर कोई स्कूल इससे ज्यादा लेना चाहता है तो पहले उसे इसकी मंजूरी हासिल करनी होगी। गुजरात सरकार ने प्राइमरी, सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए फीस की सीमा तय कर दी है। इसके मुताबिक कोई भी प्राइमरी स्कूल सालाना 15,000 रुपये, सेकेंडरी स्कूल 25,000 रुपये और हायर सेकेंडरी स्कूल 27,000 रुपये सालाना से ज्यादा फीस नहीं वसूल सकेंगे। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों के पेरेंट्स काफी खुश हैं।





सुरेश गांधी 

झारखण्ड : शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया लिट्टीपाड़ा विधानसभा उप चुनाव

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गोपीकान्दर (दुमका) से अमरेन्द्र सुमन, लिट्टीपाडा विधानसभा उपचुनाव के लिये दिन रविवार की सुबह 7 बजे से ही लोग मतदान केन्द्रों के आजु-बाजू जमा होने शुरू हो गए थे। सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर पुलिस व अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रखण्ड कार्यालय गोपीकांदर कंट्रोल रूम में दुमका डीसी राहुल कु0 सिन्हा व एसपी मयूर पटेल सहित कई अधिकारी शांतिपूर्ण मतदान के लिये अपनी-अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी के साथ देखे गए। मतदान केंद्रों में कतारबद्ध मतदाताओं को इस भीषण गर्मी में भी अपनी-अपनी बारी के इन्तजार में देखा गया। प्राप्त सूचना के अनुसार प्रातः सुबह 9 बजे तक इस विधानसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत 12 रहा, जबकि पूर्वा0 11 बजे तक 38 प्रतिशत, दोपहर 1 बजे तक 52 प्रतिशत व अपराहन 3 बजे तक कुल 68 प्रतिशत मतदान के समाचार प्राप्त हुए हैं। दुमका जिला अन्तर्गत प्रखण्ड गोपीकान्दर में दोपहर 1 बजे तक 48 प्रतिशत तथा अपराहन 3 बजे तक 65 प्रतिशत मतदान संपन्न हुआ। संताल परगना प्रमंडल के आयुक्त दिनेश चंद्र मिश्र एवम डीआईजी अखिलेश कुमार झा भी चुनाव पर नजर बनाये हुए थे। मालूम हो, लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में कुल जनसंख्या 1, 92, 609 है। पुरुषों की संख्या इस विधानसभा क्षेत्र में 95, 103 है, जबकि  महिलाओं की संख्या 97, 506 है। पिछले चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत 75. 96 प्रतिशत था। पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 1, 46, 306 लोगों ने मतदान किया था। इस चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या  73, 316 थी, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 72, 817 थी। यह भी विदित हो कि लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में कुल 4 प्रखण्ड आते हैं-गोपीकांदर, अमरापाड़ा ,हिरणपुर व लिट्टीपाड़ा। उप राजधानी दुमका के प्रखण्ड गोपीकाण्दर की कुल जनसंख्या 42, 063 है। इसमें पुरुषों की संख्या 20, 999 व महिलाओं की संख्या 21, 604 है। 


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इसी तरह पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा प्रखण्ड में कुल जनसंख्या 65, 289 है। इस प्रखण्ड में पुरुषों की संख्या जहाँ एक ओर 32, 923 है वहीं महिलाओं की संख्या 32, 366 है। हिरणपुर प्रखण्ड की कुल जनसंख्या 84, 079, है। इस प्रखण्ड में पुरषों की संख्या 42, 506 है तथा महिलाओं की संख्या 41, 573 है। लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड की कुल जनसंख्या 1, 05, 701 है। इस प्रखण्ड में पुरुषों की संख्या 52, 850 है और  महिलाओं की संख्या 52, 851 है। संताल परगना प्रमण्डल के लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में झामुमों के लिये जहाँ एक ओर यह सीट बचाना अपनी प्रभूता को बनाए रखने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण है वहीं भाजपा के लिये संताल परगना में झामुमों की मांद में पूर्ण सेंधमारी कर इस क्षेत्र को झामुमों विहीन क्षेत्र बनाना है। दूसरी बात यह है कि यदि इस विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा प्रत्याशी की जीत होती है तो फिर सीएम रघुवर दास द्वारा एसपीटी एक्ट की धारा 13 (क) व सीएनटी की धारा 71 (क) में संशोधन अवाम के समर्थन के रुप में देखा जाएगा। यदि झामुमों यह सीट जीत जाती है तो फिर उपरोक्त अधिनियम में संशोधन पर सरकार के विरुद्ध हो रहे धरना-प्रदर्शन का असर साफ समझ में आएगा। बहरहाल 13 अप्रैल को परिणाम आने के इन्तजार में दोनों ही पार्टियाँ मंथन कर रही होगी। 


बूथ संख्या 223 व 173 पर पूर्वा0 9ः 30 तक मतदान प्रारंभ नही हुआ था
एक न्यूज चैनल पर प्रसारित समाचार के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग ने बूथ संख्या 223 व 173 पर 9. 30 तक मतदान प्रारंभ नही होने की शिकायत पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी पाकुड़ से रिपोर्ट मांगी है। आधिकारिक रूप से यह जानकारी मिली है कि मतदान सही समय पर प्रारम्भ हुआ, किन्तु बड़ी संख्या में मतदाता 9.30 बजे के बाद मतदान केंद्र पर पहुँचे। यह भी जानकारी मिली है कि 10 स्थानों पर वीवीपीएटी बदले गये तथा 19 ईवीएम भी बदले गए। 10 बजे से 12.30 बजे के बीच बड़ी संख्या में मतदाताओं ने जिनमे महिलाओं की संख्या बहुत अधिक थी ने मतदान किया। भाजपा ने हिरणपुर बीडीओ पर एक पार्टी विशेष के पक्ष में कार्य करने की शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की थी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी पाकुड़ को शिकायत की जाँच का आदेश दिया है।
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