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नेपाल के सामाजिक आर्थिक विकास में है भारत का हित : प्रणव

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नयी दिल्ली, 19 अप्रैल, राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने घनिष्ठ संबंध हैं और नेपाल के सामाजिक आर्थिक विकास में ही भारत का स्थायी हित है। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के सम्मान में कल देर रात आयोजित भोज के दौरान कहा कि भारत को प्रसन्‍नता है कि नेपाल संविधान कार्यान्‍वयन और प्रगतिशील तथा समावेशी राजनीतिक एजेंडा के महत्‍वपूर्ण कार्यों में संलग्‍न है। उन्‍होंने कहा कि भारत के नेपाल के साथ घनिष्‍ठ ऐतिहासिक और पारंपरिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच संबंध और सहयोग भूगोल द्वारा परिभाषित तथा समान संस्‍कृति एवं इतिहास से समृद्ध हैं और उनके बीच वर्षों से भाईचारे के संबंध सरकारों और नेताओं द्वारा और गतिशील तथा समृद्ध किए गए हैं। राष्‍ट्रपति ने कहा कि नेपाल के सामाजिक आर्थिक विकास में भारत के स्‍थायी हित निहित है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों की समृद्धि सुरक्षा और कल्‍याण आपस में जुड़े हुए और एक-दूसरे पर निर्भर हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत नेपाल सरकार और वहां के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुरूप हर संभव समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल की पहली महिला राष्‍ट्रपति का स्‍वागत करते हुए उन्‍हें अत्‍यंत हर्ष हो रहा है। श्री मुखर्जी ने राष्‍ट्रपति के तौर पर अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में भारत का चयन करने के लिए श्रीमती भंडारी की सराहना की। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने अपनी हाल की नेपाल यात्रा और पिछले वर्ष उनके साथ अपनी बैठक को याद किया। उन्‍होंने अपनी यात्रा के दौरान नेपाल सरकार और वहां के लोगों द्वारा किए गए अतिथ्‍य सत्कार के लिए श्रीमती भंडारी का आभार व्‍यक्‍त किया।


गायक सोनू निगम ने विवादित टिप्पणी पर माफी मांगी

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मुंबई, 19 अप्रैल, बॉलीवुड के गायक सोनू निगम लाउडस्पीकर पर “अजान” के संबंध में अपने ट्विटर पर विवादित बयान के बाद चौतरफा घिरे निगम ने आज माफी मांगते हुए कहा कि वह अजान नहीं बल्कि तेज आवाज के खिलाफ हैं। श्री निगम आज यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि मैं एक धर्मनिर्पेक्ष व्यक्ति हूँ और मैं अजान के नहीं बल्कि तेज आवाज के खिलाफ हूँ। उन्होंने कहा कि स्पीकर पर तेज आवाज करना मेरे लिए “गुंडा गर्दी” है। उन्हाेंने कहा कि यह किसी विशेष धर्म के संबंध में नहीं है सभी धर्मों के संबंध में कह रहा हूँ। उन्होंने कहा कि वह मंदिर और गुरूद्वारा पर भी लिखा था लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। देश के लोगों को क्या हो रहा है। श्री निगम ने दोबारा स्पष्ट करते हुए कहा कि वह लाउडस्पीकर के खिलाफ हैं न कि अजान या आरती के। सोनू ने कहा कि अगर मेरे शब्दों से किसी को यह लगता है कि मैंने उनके पैगम्बर मोहम्मद साहब की आलोचना की है तो उसके लिए मैं माफी चाहता हूं, क्योंकि मेरा ऐसा कोई मकसद नहीं था। गौरतलब है कि श्री निगम ने ट्वीट मे लिखा था कि “भगवान सभी पर कृपा करते हैं। मैं मुसलमान नहीं हूँ जो सुबह अजान के समय उठना पडे। भारत में इस तरह की धार्मिक जबरदस्ती कब रूकेगी। ” श्री निगम के इस ट्वीट ने विवाद पैदा कर दिया जिसके कारण कोलकाता के एक मौलवी ने श्री निगम के खिलाफ फतवा जारी कर कहा है जो व्यक्ति निगम का सिर के मुंडवायेगा और उन्हें जूते का हार पहनायेगा उसे 10 लाख रूपये इनाम दिया जायेगा।

पहले ही खत्म होना चाहिये था वीआईपी संस्कृति : मोदी

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नयी दिल्ली 19 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश में अति विशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) संस्कृति काफी पहले ही खत्म हो जाना चाहिये था, आज के दौर में हर भारतीय अति विशिष्ट है। श्री मोदी ने ट्वीट किया, “ वीआईपी कल्चर को बहुत समय पहले ही खत्म हो जाना चाहिये था, मुझे खुशी है कि आज इसकी एक मजबूत शुरुआत की गई है। ” एक अन्य ट्वीट में उन्हाेंने कहा, “ ये प्रतीक (वाहनों पर लालबत्ती) नई भारत की भावनाओं के साथ मेल नहीं खाते। अब हर भारतीय खास है, हर भारतीय वीआईपी है। ” गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज फैसला किया कि प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों और बड़े अधिकारियों के वाहनों से लालबत्ती एक मई से हटा ली जाएगी। यहां तक कि राष्ट्रपति, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री भी लाल बत्ती नहीं लगा सकेंगे। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस जैसी आपातकालीन सेवाओं में लगी गाडियां ही नीली बत्ती का इस्तेमाल कर सकेंगी।

चीन ने अपने दस्तावेजों में अरुणाचल की जगहों के बदले नाम

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बीजिंग,19 अप्रैल, चीन ने दलाईलामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के विरोध स्वरूप इस प्रदेश की छह जगहों के नाम अपने दस्तावेजों में बदल दिये हैं । चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहता है । चीनी मीडिया के अनुसार यह निर्णय बीजिंग की ओर से विवादित माने जाने वाले क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता जताने के इरादे से लिया गया है । सरकारी न्यूज पेपर ग्लोबल टाइम्स के अनुसार,“ चीन के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 14 अप्रैल को अपनी वेबसाइट पर राज्य परिषद के नियम के अनुसार चीनी,तिब्बती और रोमन वर्णमाला में इन छह जगहों को दक्षिण तिब्बत में दर्शाया है। ” अधिकारियों ने रोमन लिपि में इन छह जगहों का नाम वोगयैनलिंग,मिलारी,कोडेनगारबो री,मैनकुका,बुमा ला और नामकापुबरी बताया है । दलाईलामा के इस माह के पहले सप्ताह में अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का विरोध करते हुए चीन ने कहा था उनकी इस दौरे से दोनों देशाें के संबंधों पर असर पड़ेगा । ग्लोबल टाइम्स में छह अप्रैल को छपे एक संपादकीय के अनुसार,“दलाई लामा विवादित क्षेत्र का दौरा पहले भी कर चुके हैं लेकिन इस बार का दौरा अलग था क्योंकि उनकी अगवानी भारत के गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने की । श्री रिजिजू ने बाद में चीन की अापत्ति का जवाब देते हुये कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है अौर चीन को इस संबंध में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है ।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 19 अप्रैल

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समर म्युजीक कैम्प का हुआ शुभारंभ

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झाबुआ ।  प्रत्येक आनेवाली पीढ़ी, अतीत और वर्तमान की कड़ी होती है , अगर हम इस बात को मान लें, तो युवावर्ग की भाषा को समझना आसान हो जायगा  अन्यथा यह विकट है । आज के युवावर्ग ,अपनी विरासत से विचार दृदर्शन बहुत कम ही पाते हैं। इस बदलें परिवेश को देखते हुए कैथोलिक डायोसिस के बिशप डाॅ. बसील भूरिया द्वारा बच्चों एवं युवाओं के बौद्धिक एवं शाररीक विकास के लिए इस वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसके चलते स्थानीय प्रेषितालय समर म्युजिक कैम्प का आयोजन बिशप बसील भूरिया के निर्देशन में युवा डाईरेक्टर फादर सोनु वसुनिया, सिस्टर हेमन्ती, सिस्टर इगनाशिया इकिस्पोटा द्वारा किया जा रहा है।  युवा डाईरेक्टर फादर सोनु वसुनिया द्वारा समय समय पर बच्चों एवं युवाओं के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। डायोसिस पीआरओ फादर राॅकी शाह ने बताया कि स्थनीय प्रेषितालय में  मंगलवार को समर म्युजीक कैम्प का शुभारभ फादर पीटर खरीडी द्वारा किया गया। शुभारंभ के दौरान फादर पीटर खराडी ने कहा संगीत एक साधना है, उसे मेहनत एवं लगन से सिखना ताकि आने वाले समय में आप अपना नाम रोशन कर सकों। समर म्यूजिक कैम्प में बच्चों को गिटार, कि-बोर्ड, हारमोनियम और डांस सिखाने के साथ साथ चरित्र निर्माण एवं जीवन मुल्यों की जानकारी भी दी जा रही है। उक्त शिविर 1 मई तक चलेगा। जिसमें वाद्य यंत्रों के प्रशिक्षण के अलावा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों का शाररीक एवं मानसिक विकास हो सके। उक्त शिविर में मनोज वसुनिया द्वारा हारमोनियम, फादर मनोज कुजुर द्वारा कि-बोर्ड, सागर बारिया द्वारा डांस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उक्त प्रशिक्षण में बाईबिल आधारित वचनों एवं गीतों पर यह प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।  कार्यक्रम को सफल बनाने में फादर पीटर खराडी, फादर निरंजन खलखो, अंकित गणावा, जयदीप डामोर एवं प्रेषितालय के समस्त ब्रदर्स द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। 


जल संचय के लिए जनभागीदारी से करे काम...कलेक्टर
     
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झाबुआ । कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने संबंधित अधिकारियो को निर्देशित किया है कि जमीन मे पानी की कमी हो जाने से जलस्तर काफी कम हो गया है जिससे हेण्डपंपो मे पानी नही आ पा रहा है। इस कारण सभी लोग परेशान है, जमीन मे पानी का संचय हो, इसके लिए नदी नालो पर छोटे छोटे स्टापडेम बनाये। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर जनभागीदारी से काम करने के लिए ग्राम संसद मे पारित कर काम प्रारंभ करे ,ताकि भविष्य मे गंभीर पेयजल समस्या से बचा जा सके। ग्राम संसद मे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने कुपोषित बच्चो के माता पिता को मनरेगा योजना के काम तत्काल प्रारंभ उपलब्ध करवाने के निर्देश रोजगार सहायक ,सीईओ जनपद एवं एसडीएम को दिये।  भविष्य में सभी शासकीय योजनाओं का लाभ हितग्राही को सामाजिक आर्थिक गणना 2011  के डाटा के आधार पर दिया जाना है। ग्राम संसद मे सामाजिक आर्थिक गणना के डाटा का वाचन अवश्य करे ,जिन ग्रामीणो के नाम गणना की सूची में छूटे हुए है उनके नाम जोडे जाये। ग्राम संसद मे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने निर्देश दिये कि ग्राम सभा में ग्राम पंचायत के प्रत्येक गाॅव के लिए शान्तिधाम, खेल का मैदान, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन बने हुए नही है,तो प्रस्ताव को मंजूर कर कार्यवाही प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित करे,  सुदूर ग्राम में संपर्क के लिए पक्की सड़को का निर्माण कार्य के लिए प्रस्ताव तैयार करवाये ,ग्रामीण क्षेत्र में 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन उपलब्ध होने पर सामाजिक वानिकी के तहत वृक्षारोपण की कार्य योजना को मूर्त रूप देकर 2 जुलाई को वृक्षारोपण के लिए कार्यवाही सुनिश्चित करे। तालाब किनारे भी वृक्षारोपण की कार्यवाही को मूर्त रूप दिया जाये। ग्राम संसद में प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची का वाचन कर समीक्षा करे और पात्रों को शामिल कर अपात्रों को बाहर किये जाने की कार्यवाही करे। पेंशन योजना के पात्र हितग्राहियो को सूचीबद्ध कर पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। सभी विधवा महिला एवं सभी वृद्वाजनो के पेंशन के प्रकरण ग्राम संसद में स्वीकृत कर पेंशन दिलवाना सुनिश्चित करें। सभी ग्रामीणो के बैंक खातो को उनके मोबाईल नम्बर एवं आधार नम्बर से लिंक करने की कार्यवाही करे,पुराने तालाबो के गहरीकरण के लिए जनसहयोग से कार्यवाही करे, सब इंजीनियर तालाब मे चूने से लाईन डालकर चिन्हित कर दे एवं ग्रामीणजन तालाब की उपजाऊ मिटटी अपने स्वयं के संसाधनो का उपयोग कर खोदकर अपने खेतो मे डाले। इस तरह तालाब का गहरीकरण भी हो जाएगा एवं किसानो को अपने खेत के लिए  उपजाऊ मिटटी भी निःशुल्क मिल जाएगी। तालाबो के गहरीकरण से तालाब की जलधारण क्षमता भी बढ जाएगी। इससे जमीन मे जलस्तर भी बढेगा एवं ग्रामीणो को पानी की समस्या भी नही होगी।

कृषि संसद मे किसानो से हुई फसल की बात
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान आयोजित तीन दिवसीय ग्राम संसद के तीसरे दिन आज 19 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम धामन्दा, हत्यादेली, झकेला एवं पलासडी में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम संदला, कल्लीपुरा, नेगडिया एवं करडावद बडी में, रानापुर ब्लाक के ग्राम नागनखेडी, माडलीनाथु, जुनागांव में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम अगासिया, पतरा, कांजलीडुगरी एवं डूंडका में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम मोईचारणी, मोर, कसारबर्डी, एवं डाबडी में, थांदला ब्लाक के ग्राम वठठा, भीमपुरी, रूपगढ, एवं मादल्दा में कृषि संसद का आयोजन किया गया। कृषि संसद मंे किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी गई।

महिला संसद मे महिलाओं का स्वास्थ परीक्षण हुआ एवं बच्चो का वजन लिया गया
आज 19 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम दुधी उमरकोट, छापरी काली,भुराडाबरा, कलमोडा, में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम सेमलपाडा आमलीपठार, बिजलपुर, अन्तरवेलिया, मसुरिया, में, रानापुर ब्लाक के ग्राम रेतालुजां, कुशलपुरा, पुवाला, मातासुला में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम चैखवाडा, गुवाली, रम्भापुर, हत्यादेली में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम कसारपुरा, घुघरी, माण्डन, कालीघाटी, में, थांदला ब्लाक के ग्राम छायन, काकनवानी, मानपुर, में महिला संसद का आयोजन किया गया। संसद में महिलाओं से संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की गई एवं महिलाओ का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक दवाईया प्रदान की गई। किशोरी बालिकाओ को लालिमा अभियान अंतर्गत आयरन की गोलियो का वितरण किया गया,गंभीर बिमारी से पीडित महिलाओ को सूची बद्ध किया गया। एवं ग्रामीण बच्चो का वजन लेकर सूची बद्ध किया गया। स्वास्थ्य परिक्षण के बाद आवश्यक दवाईयां भी वितरित की गई। संसद के तीसरे दिन 20 अप्रैल को उक्त ग्रामो में कृषि संसद का आयोजन कर किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी जायेगी।

ग्राम संसद मे बनी ग्रामीण विकास की योजना
आज 19 अप्रैल से रामा ब्लाक के ग्राम गोपालपुरा, डोकरवानी, भुतेडी, सागीया में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम नवापाडा नवीन, जुलवानिया, नरवलिया एवं नवागंाव में, रानापुर ब्लाक के ग्राम भांडाखेडा, समोई, मोरडूंडिया, धामनीनाना में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम मदरानी, पीपलखुटा, सजेली सूरजी मोगजी साथ, अगराल में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम दुलाखेडी, गोदडिया, मठमठ, जामली में, थांदला ब्लाक के ग्राम छापरी, डुंगरीपाडा, खान्दन, खोखंरखादन में संसद का आयोजन किया गया। उक्त ग्रामो में निरतंर 3 दिवस 19 से 21 अप्रैल तक ग्राम संसद का आयोजन किया जायेगा। पहले दिन 19 अप्रैल को ग्राम संसद में ग्रामीण विकास संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की गई एवं पात्र हितग्राहियो को सूची बद्ध किया गया। दूसरे दिन 20 अप्रैल को ग्राम संसद में महिलाओं से संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की जायेगी एवं महिला स्वास्थ्य शिविरो का आयोजन किया जायेगा। गंभीर बिमारी से पीडित महिलाओ को सूचीबद्ध किया जायेगा। संसद के तीसरे दिन 21 अप्रैल को कृषि संसद का आयोजन कर किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी जायेगी।


20 अप्रैल से यहा प्रारंभ होगी ग्राम संसद
20 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम झीरी, खेडा, धाधंलपुरा बडा एवं रजला, में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम बिसोली, गुन्दीपाडा, ढेबरबडी, नल्दीछोटी,  में, रानापुर ब्लाक के ग्राम सुरडिया, छागोला, माछलीया झीर, धामनीचमना में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम चरेल, ढाढनिया, छोटा घोसलिया, नौगावा में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम अमरगढ, रूणजी, छोटा बोलासा में, थांदला ब्लाक के ग्राम हरिनगर, पांचखोरिया, उदयपुरिया, खजुरी में ग्राम संसद का आयोजन किया जाएगा।

नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए आरक्षण प्रक्रिया संपन्न

झाबुआ । म0प्र0 नगरपालिका अधिनियम 1994 के नियम 5 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए आज 19 अप्रैल को झाबुआ जिले की नगरपालिका झाबुआ, नगरपरिषद पेटलावद, थांदला, रानापुर में वार्डो के आरक्षण की कार्यवाही कलेक्टर सभागृह झाबुआ में की गई।  आरक्षण की प्रक्रिया कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना द्वारा संपन्न की गई। आरक्षण की प्रक्रिया के समय प्रभारी अधिकारी नगरीय निकाय श्री मण्डलोई सहित नागरिक/जनप्रतिनिधि/राजनैतिक दलों के पदाधिकारी उपस्थित थे। नगर परिषद राणापुर का वार्ड क्र0 01- अनुसूचित जनजाति मुक्त,02- अनुसूचित जाति मुक्त , 03- अन्य पिछडा वर्ग महिला,04- अन्य पिछडा वर्ग मुक्त 05- अनारक्षित मुक्त 06- अन्य पिछडा वर्ग महिला 07- अनारक्षित महिला 08- अन्य पिछडा वर्ग मुक्त 09- अनारक्षित महिला 10- अनारक्षित मुक्त, 11- अनारक्षित महिला 12- अनुसूचित जनजाति महिला 13- अनारक्षित महिला 14- अनुसूचित जनजाति महिला 15- अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। नगर परिषद पेटलावद का वार्ड क्र0 01- अन्य पिछडा वर्ग महिला, 02- अनारक्षित मुक्त ,03- अनुसूचित जनजाति महिला, 04- अनारक्षित महिला, 05- अन्य पिछडा वर्ग मुक्त, 06- अनारक्षित महिला, 07- अनुसूचित जनजाति मुक्त, 08- अनुसूचित जाति मुक्त 09- अन्य पिछडा वर्ग महिला, 10-अनारक्षित महिला, 11- अनारक्षित महिला 12- अन्य पिछडा वर्ग मुक्त, 13- अनुसूचित जनजाति महिला, 14- अनारक्षित मुक्त, 15- अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। नगरपालिका झाबुआ का वार्ड क्र0 01-अनारक्षित मुक्त, 02-अन्य पिछडा वर्ग महिला 03-  अनारक्षित महिला, 04-अन्य पिछडा वर्ग मुक्त,05-अनारक्षित मुक्त 06- अन्य पिछडा वर्ग मुक्त, 07-  अनारक्षित मुक्त, 08-अन्य पिछडा वर्ग महिला, 09- अन्य पिछडा वर्ग महिला, 10-अनारक्षित महिला, 11-अनुसूचित जनजाति महिला, 12-अनुसूचित जनजाति महिला, 13-अनुसूचित जनजाति मुक्त, 14-अनुसूचित जनजाति मुक्त, 15- अनुसूचित जनजाति महिला, 16-अनुसूचित जनजाति महिला, 17-अनुसूचित जनजाति मुक्त एवं 18-अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। नगर परिषद थांदला का वार्ड क्र0 01- अनुसूचित जनजाति मुक्त, 02-अन्य पिछडा वर्ग मुक्त, 03-अनारक्षित मुक्त, 04-अनारक्षित मुक्त, 05-अनारक्षित महिला, 06- अनारक्षित महिला, 07-अनारक्षित महिला, 08-अन्य पिछडा वर्ग महिला, 09- अनुसूचित जाति मुक्त, 10-अनुसूचित जनजाति महिला, 11- अन्य पिछडा वर्ग मुक्त 12-अनारक्षित महिला, 13- अन्य पिछडा वर्ग महिला, 14-अनुसूचित जनजाति महिला 15-अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। नगरीय निकायो के आरक्षण की प्रक्रिया गोटिया डालकर की गई। गोटिया छोटे बच्चे केशव ने निकालकर जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना को दी एवं आरक्षण की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया।

कृषि महोत्सव के दौरान कृषि क्रांति रथ गाॅव-गाॅव घुमकर देगे तकनीकी खेती संबंधी सलाह

झाबुआ । कृषि महोत्सव का आयोजन जिले में 2 मई तक किया जाएगा इस दौरान हर विकास खण्ड में दो-दो कृषि क्रांति रथ गाॅव-गाॅव धूमकर किसानो को कृषि आय को दो गुना करने के लिए तकनीकी सलाह देगे। झाबुआ ब्लाक मे आज 19 अप्रैल को नेगडिया, करडावद, बडी, संदला, कल्लीपुरा में रथो ने भ्रमण किया। 20 अप्रैल को अंतरवेलिया, मसूरिया, आमलीपठार, बिजलपुर में, 21 अप्रैल को नवागांव, नरवालिया, नवापाडा नवीन, जुलवानिया, 22 अप्रैल को ढेकलबडी, नल्दीछोटी, बिसौली, गुंदीपाडा में, 23 अप्रैल को गेहलर छोटी, मिण्डल, गोपालपुरा, मानपुरा में, 24 अप्रैल को कोटडा, भीमफलिया, झायडा, बरखेडा एवं हडमतिया में, 25 अप्रैल को बलवन, खेडी, बरोड, पिलियाखदान में, 26 अप्रैल को बावडीबडी, गोलाछोटी, देवझिरी पण्डा एवं माकनकुई में, 27 अप्रैल को पिपलीपाडा, फूलधावडी, उमरी एवं बामसेमलिया एवं सजवानीछोटी में, 28 अप्रैल को ढेकलछोटी, आम्बााखोदरा, कुशलपुरा, मोहनपुरा में, 29 अप्रैल को कालापीपल, कुण्डला, उमरिया वैजत्री एवं तलावली में, 30 अप्रैल को भोयरा, पिटोलबडी, फुटिया एवं चारोलीपाडा में, 1 मई को कांकरादरा, आमलीफलिया, गडवाडा एवं सेमलिया बडा में एवं 2 मई को डूमपाडा, कालाखूंट, पिपलिया पारा रोड एवं परवट में रथ भ्रमण करगे । रामा ब्लाक मे आज 19 अप्रैल को धामन्दा,हत्यादेली,झकेला, पलासडी में रथो का भ्रमण हुआ।, 20 अप्रैल को दुधी उमरकोट, छापरी कालीदेवी, भूराडाबरा, कलमोडा में, 21 अप्रैल को गोपालपुरा, डोकरवानी, भूतेडी,सागीया मे , 22 अप्रैल को झिरी,खेडा, धांधलपुरा बडा, रजला में, 23 अप्रैल को पालेडी, मुण्डत, कोकावद, महुडीपाडा में, 24 अप्रैल को साड, पाडलधाटी, नवापाडा, रोटला, सीलखोदरा में, 25 अप्रैल को सदावा, काकडकुआ, खरडूबडी, वागलावाट भूरिया में, 26 अप्रैल को उमरकोट, रसोडी, छापरी रजला एव झुमका में, 27 अप्रैल को दूधी खेडा, बोचका, पीथनपुर, दोलतपुरा में, 28 अप्रैल को धमोई, देवली बलोला में, 29 अप्रैल को चुडेली, रेहन्दा में, 30 अप्रैल को आम्बा पीथनपुर, गुलाबपुरा में, 1 मई को ढोचका, नरसिंहपुरा में एवं 2 मई को छापरी रणवास, रातीमाली में रथ भ्रमण करगे। रानापुर ब्लाक मे आज 19 अप्रैल को नागनखेडी, रत्ना, माण्डलीनाथू, टिकडी बोडिया, जुनागाॅव में रथो ने भ्रमण किया।, 20 अप्रैल को रेंतालुंजा, मातासुला, कुशलपुरा, पुवाला में, 21 अप्रैल को धामनी नाना, भाण्डाखेडा, समोई, मोरडूण्डिया, 22 अप्रैल को सुरडिया, धामनी चमना, माछलिया झीर, छागोला में, 23 अप्रैल को चुई, बुंधाशाला, खेडा अंधारवड, ढोल्यावाड में, 24 अप्रैल को गलती, कालापान, डिग्गी, सरदापुरा में, 25 अप्रैल को दोतड, भूतबयडा, सनोड, अगेरा में, 26 अप्रैल को उबेराव, गवसर, छापरखण्डा, भूतखेडी में, 27 अप्रैल को भूरीमाटी, भौरकुण्डिया में, 28 अप्रैल को मोहनपुरा भुरका में, 29 अप्रैल को खडकुई में, 30 अप्रैल को वागलावाट मोह में, 1 मई को भोडली में एवं 2 मई को वगई बडी में रथ भ्रमण करगे। पेटलावद ब्लाक मे आज 19 अप्रैल को मोर, कसारबर्डी, डाबडी, मोई चारिणी मे रथो का भ्रमण हुआ। 20 अप्रैल को घुधरी, केशरपुरा, कालीघाटी, माडन में, 21 अप्रैल को दुलाखेडी, गोदडीया, मठमठ, जामली में, 22 अप्रैल को अमरगढ, रूणजी, देवली, छोटाबोलासा में, 23 अप्रैल को रायपुरिया,रूपगढ, बोलासा, झकनावदा में, 24 अप्रैल को अलस्याखेडी, उन्नई, सेमलिया, पिठडी में, 25 अप्रैल को झोसर असालिया, बडीदेहण्डी, बैकल्दा, बखतपुरा, रताम्बा में, 26 अप्रैल को गोपालपुरा, मातापाडा, गुणावद, रामपुरिया, बोडायता, महुडीपाडा कला, घोलीखाली में, 27 अप्रैल को रामगढ, मुलथानिया, मोईवागली, कुडवास, पाॅचपिपला, भैरूपाडा में, 28 अप्रैल को नाहरपुरा, मोहनकोट, हनुमंत्या, हमीरगढ, कोटडा, टोडी में, 29 अप्रैल को पारेवा, कोदली, टेमरिया, बैगनबर्डी,सलुनियाबडा, मोकमपुरा में, 30 अप्रैल को गामडी, बाछीखेडा, बैडदा, अन्नतखेडी, तारखेडी,बनी में, 1 मई को झावलिया, खोरीया, सामली, कुम्भाखेडी में एवं 2 मई को करडावद, कांजबी, कसराखदान, धतुरिया में रथ भ्रमण करगे। थांदला ब्लाक मे आज 19 अप्रैल को वठठा,  भीमपुरी, रूपगढ, मादलदा मे रथो का भ्रमण हुआ। 20 अप्रैल को काकनवानी, छायन, मानपुर, सेमलपाडा, में, 21 अप्रैल को छापरी, डुंगरीपाडा, खांदन, खांेखर खांदन में, 22 अप्रैल को पांच खेरिया, हरीनगर, उदयपुरीया, खजुरी में, 23 अप्रैल को छोटा जुलवानीया, मियाटी, मुॅजाल, देवगढ में, 24 अप्रैल को टिमरवानी, बडा जुलवानिया, खवासा, छोटी धामनी  में, 25 अप्रैल को कलदेला, नवापाडा कस्बा, सेमलिया चैनपुरी, चापानेर, रन्नी में, 26 अप्रैल को झोसली, हेडावा, मछलईमाता, नारेला, रतनाली, बडी धामनी में, 27 अप्रैल को भीमकुण्ड, पाटेडी, धूमडीया में, 28 अप्रैल को मोरझिरी, थेथम, कोटडा, भैरूगढ, मकोडिया में, 29 अप्रैल को देवका, आमली, बोरडी, नरसिंगपाडा, नाहरपुरा में, 30 अप्रैल को दौलतपुरा, गोरियाखांदन, वालाखोरी, कुकडीपाडा,  भामल में, 1 मई को सुजापुरा, नौगावा नगला, परवाडा में एवं 2 मई को सागवा, तलावडा, सेमलिया नारेला में रथ भ्रमण करगे। मेघनगर ब्लाक मे आज 19 अप्रैल को अगासिया, पतरा, डुण्डका, काजली डुगंरी में रथो ने भ्रमण किया।, 20 अप्रैल को गुवाली, चैखवाडा, रम्भापुर, हत्यादेली में, 21 अप्रैल को मदरानी, पीपलखुटा, अगराल, सजेलीसुरजी मोगजी साथ मे, 22 अप्रैल को ढाढनिया, चरेल, नौगांवा, छोटा घोसलिया में, 23 अप्रैल को ढेबर, बेडावली, सजेली नानीया साथ, छायन में, 24 अप्रैल को ओचका, वडलीपाडा, देदला, चैनपुरा में, 25 अप्रैल को तलाई, फुटतलाब, शिवगढ, सजेली तेजाजी भीमजी साथ में, 26 अप्रैल को उमरादरा, फुलेडी, सजेली मालजी साथ, बावडी फारेस्ट में, 27 अप्रैल को गुजरपाडा, तलावली, छोटा नाहरपुरा में, 28 अप्रैल को कडवापाडा, खालखण्डवी में, 29 अप्रैल को जामनीया, माण्डली, मालखण्डवी, झापादरा में, 30 अप्रैल को कचलदारा, खच्चरटोडी, ईटावा, पचंपिपलीया में, 1 मई को पिपलोदाबडा, नागनवाट बडी, जामदा, गोपालपुरा में एवं 2 मई को रामपुरा, तांदलादरा, राजपुरा एवं देवीगढ में रथ भ्रमण कर किसानो को खेती संबंधी तकनीकी जानकारी देगे।

वैक्टर जनित रोग नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने की अपील
      
झाबुआ । वैक्टर जनित रोग मलेरिया/डेंगू एंव चिकुनगुन्या मच्छरों के काटने से फैलता हैं। मच्छरों से फैलने वाले मलेरिया रोग की जांच एंव उपचार की व्यवस्था समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में निःषुल्क उपलब्ध हैं । किन्तु समय पर पूर्ण उपचार न लिया जावे तो ये रोग जानलेवा हो सकता हैं। डेंगू/चिकुनगुन्या रोग लाईलाज रोग हैं। इस बीमारी का कोई निष्चित उपचार नही हैं। डेंगू रोग के लक्षण के अन्तर्गत मरीज को 2 से 7 दिन तक बुखार के साथ निम्न मे से कोई दो ओर लक्षण जैसे मांसपेषियों में दर्द,जोड़ों में दर्द,षरीर पर चकते दिखना या रक्त का रिसाव होना आदि लक्षण पाये जाते हैं,तो डेंगू का संभावित प्रकरण माना जाता है । जन सामान्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील की गई है कि डेंगू/मलेरिया/तथा चिकुनगुनिया के मच्छर साफ एंव रूके हुए पानी में पनपते हैं, पानी के बर्तनों की प्रति सप्ताह सफाई करें,एंव सभी कंटेनरों को ढंक कर रखें। अनुपयोगी टाॅयर को जमीन में गाड़ दें, पानी की निकासी नियमित एंव सुचारू रूप से करें,पानी को एक स्थान पर जमा न होने दें,पानी की निकासी संभव न हो तो वाहनों का जला हुआ आॅयल या मिट्टी का तेल डाल दें , ताकि मच्छर अपने अंडे न दे सके, रात को सोते समय मच्छरदानी में सोयें, नीम की पत्तियों का धंुंआ षाम के समय अवष्य करें, मलेरिया/डेंगू नियंत्रण हेतु स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/तथा नगरीय निकाय से सम्पर्क स्थापित कर नालियों की नियमित सफाई के लिये समन्वय स्थापित करें, मलेरिया/डेंगू के फेैलाव को रोकने के लिये रेल्वे स्टेषन/बस स्टेषन/परिसर एंव आस-पास के क्षैत्रों में भी मच्छरों की उत्पत्ति को रोकने के लिये प्रयास अति आवष्यक हैं। विभाग के साथ साथ जन समुदाय के द्वारा उक्त कार्य किया जावेगा तो निष्चित ही मलेरिया/डेंगू रोग पर नियंत्रण हो सकेगा ।

आई टी आई चलो अभियान चलेगा, बैठक में कलेक्टर श्री सक्सेना ने दिये आवश्यक निर्देश

झाबुआ । प्रदेश सहित जिले मे 03 मई से 30 जून तक स्कूल में पढ रहे एवं ड्रापआउट छात्र-छात्राओं के लिये रोजगार की पढाई चले आई टी आई अभियान चलाया जायेगा। छात्र-छात्राओं को हुनर एवं कलाओं की ट्रेनिंग स्कीम प्रधानमंत्री कौशल विकास संवर्धन एवं कौशल्या योजना से लाभाविंत करने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा। अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रवेश हेतु बच्चो को प्रषिक्षित किया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना नेे की। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री अनुुराग चैधरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर श्री सक्सेना ने संबंधित अधिकारीयों को आवश्यक व्यवस्थाए सुनिश्चित करने कंे लिए निर्देशित किया।

अपहरण के दो अपराध पंजीबद्ध
         
झाबुआ । फरि. मथुर पिता नाथिया भाबोर उम्र 45 साल नि. नेगडिया ने बताया कि मेरी लडकी कांता भाबोर उम्र 13 साल घर से सरपंच फलिया में बाना देखने गयी थी जिसे आरोपी प्रकाश पिता जोगडा बारिया उम्र 20 वर्ष ने औरत बनाने के नियत से बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रं. 120/17  धारा 363,366 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादिया दिता पति गोपाल बिलवाल उम्र 40 वर्ष निवासी नल्दी छोटी ने बताया कि मेरी लडकी संगीता उम्र 17 वर्ष 10 माह घर से दिनांक 12.03.17 को झाबुआ भगोरिया देखने गई थी जो घर वापस नही आयी रिश्तेदारों में तलाश करने पर पता चला कि आरोपी कांतु पिता छगना बबेरिया निवासी खेडी चैकी पिटोल ने औरत बनाने की नियत से बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 316/17  धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

अवैध शराब के दो अपराध पंजीबद्ध
         
झाबुआ । आरोपी चिराग पिता कमलेश भटेवरा उम्र 19 वर्ष नि. खवासा के अवैध कब्जे से 1050/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया व आरोपिया कमीता पति संतोष भील निवासी रामा के अवैध कब्जे से 1000/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना थादंला व कालीदेवी में अपराध क्रं. 171/17,67/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चोरी के तीन अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ । फरि. शेरसिंह पिता सज्जनसिंह राठौर उम्र 40 वर्ष निवासी पाचपिपला ने अपनी बिना नम्बर की मो.सा. को देवेन्द्र के घर के सामने खडी की थी, फरि. सखाराम पिता बदिया बघेल उम्र 36 वर्ष निवासी उदयगढ ने अपनी मो. सा. क्रं. एमपी-11 एमक्यू-0863 को महावीर दूर्वे के घर के सामने खडी की थी, फरियादी सुरेन्द्र पिता अमरसिंह नायक उम्र 28 वर्ष निवासी झाबुआ ने अपनी मो. सा. क्र. एमपी-45 एमएच-5667 को अपने घर के सामने खडी की थी उक्त तीनों मो. सा. को अज्ञात बदमाश चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना पेटलावद, कोतवाली में अपराध क्रं. 176, 312,313/17 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मर्ग का प्रकरण कायम
       
झाबुआ ।  सोनल पिता लालसिंह सिंगाडिया उम्र 04 वर्ष निवासी नवागांव की सांप के काटने से मृत्यु हो गई। थाना कोतवाली में मर्ग क्रं. 37/17 धारा 174 जाफौ की कायमी की गयी।

विशेष : जटिलता भरा है माल्या का भारत आना

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आखिरकार भारत की ओर से भगोड़ा घोषित किए गए शराब कारोबारी विजय माल्या लंदन में गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन मात्र तीन घंटे की अवधि के अंदर ही उनको जमानत मिलना कई प्रकार के सवाल खड़े कर रहा है। पहला तो यह कि जिस प्रकार से उन्होंने अधिकारियों को रिश्वत देकर बैंकों से ऋण प्राप्त किया, क्या यह गिरफ्तारी उसी प्रकार का खेल मानी जा सकती है? इसका उत्तर हालांकि संदेह के घेरे में कहा जा सकता है, फिर भी प्रथम दृष्टया यह सवाल भी आता है कि क्या यह दिखावे की गिरफ्तारी मात्र उनके प्रबंधन का खेल है? लेकिन फिर भी यह सच है कि विजय माल्या ने बैंकों के माध्यम से जो खेल खेला, वह भारत की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने जैसा कृत्य ही कहा जाएगा। हालांकि यह कार्यवाही लंदन की कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत की गई है, इसलिए लंदन की दृष्टि में सवाल बनता है या नहीं, यह साफ नहीं कहा जा सकता।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले में साफ शब्दों में कहा है कि भ्रष्टाचार के लिए भारत में कोई जगह नहीं है। विजय माल्या ने जिस प्रकार से जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है, उसको वापस करना ही होगा। वास्तव में भारत की बैंकों को मजबूती प्रदान करने के लिए देश की गरीब और मध्यम वर्ग की जनता का भरपूर योगदान है। विजय माल्या जैसे व्यापारियों ने इस योगदान का अपने हित में दुरुपयोग किया। बैंकों से ऋण लेकर उसे तय समय में वापस नहीं करने पर बैंक द्वारा कार्यवाही करने का प्रावधान हैै, जब इस कार्यवाही का प्रारंभ होने वाला था, उससे पहले ही विजय माल्या भारत छोड़कर लंदन भाग गए और अपने आपको बचाने का भरपूर प्रयास किया।


कहा जाता है कि अपराध करने वाला व्यक्ति कितना भी अपना बचाव करले, लेकिन एक न एक दिन वह पकड़ा जाता है। अचानक लंदन में विजय माल्या की गिरफ्तारी की खबर आई और थोड़ी देर बाद जमानत की भी खबर आ गई। गिरफ्तारी और जमानत मिलने के बाद सोशल मीडिया पर विजय माल्या के बारे में तमाम प्रकार के सवाल खड़े होने लगे कि क्या माल्या को सरकार वापस भारत ला पाएगी। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और अभी प्रक्रिया तो पूरी होने दीजिए। मुश्किल है लेकिन संभव है। संभव इसलिए भी कहा जा सकता है कि ब्रिटेन के साथ भारत का प्रत्यर्पण संधि है। गिरफ्तारी के मामले से माल्या के विरोध में प्रत्यर्पण की कार्रवाई की शुरूआत हो गई लेकिन ये प्रत्यर्पण के नौ चरणों में से पहला चरण ही है। इसमें विजय माल्या को अपील करने के तीन अवसर मिलेंगे। माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, लोन डिफॉल्ट समेत कई मामले चल रहे हैं। भारत सरकार ने ब्रिटिश उच्चायोग के जरिए माल्या के प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा था। ब्रिटिश सरकार के मुताबिक बहुराष्ट्रीय कनवेंशन और द्विपक्षीय संधियों के तहत ब्रिटेन दुनिया के करीब 100 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि रखता है। इनमें भारत कैटेगरी 2 के टाइप बी वाले देशों में शामिल है। भारत जिस श्रेणी में है, उसमें शामिल देशों से आने वाले आग्रह पर फैसला ब्रिटेन का विदेश मंत्रालय और अदालतें, दोनों करते हैं। इस प्रकार की संधि के तहत चलने वाली प्रकिया में लम्बा समय लग सकता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद भी व्यक्ति के पास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार रहता है। कुल मिलाकर माल्या के भारत लौटने का रास्ता काफी जटिल और लंबा है।

यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि भारत का हर बड़ा अपराधी अपराध करने के बाद विदेश में जाना क्यों चाहता है? इसका उत्तर यही हो सकता है कि वहां का कानून भारत के अपराधी को अपराधी नहीं मानता, क्योंकि इसमें प्रत्यर्पण संधि की शर्त काम करती है। भारत की कई देशों से प्रत्यर्पण संधि भी नहीं है। इसी कारण अपराधी वहां पूरी शान के साथ जिन्दगी व्यतीत कर सकता है। देश के बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए के करीब कर्ज दबाकर बैठा विजय माल्या भारत सरकार व यहां के लोगों का लगातार मजाक बना रहा है। भारत का अपराधी होने के बावजूद उसका व्यवहार इस तरह है, जैसे कि वह भारत पर कोई अहसान कर रहा है। अब वह ट्वीटर पर कह रहा है कि वह भारतीय बैंकों के साथ सेटलमैंट करने के लिए तैयार है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि वह पूरा धन वापस करने के मूड में नहीं है। इतना ही नहीं, जितना धन वह भारतीय बैंकों को लौटाएगा, वह एक तरह से उसका बड़प्पन है। देश का यह आर्थिक भगौड़ा ब्रिटेन की गोद में बैठकर भारतीय कानूनों का मजाक उड़ा रहा है। अपना व्यवसाय सही तरह न चलाने व ऋण को पहले दिन से नहीं मोड़ने की नीयत वाला माल्या अब राजनेताओं को इस सबके लिए दोषी ठहरा रहा है। दरअसल उसने नेताओं, अफसरों की भ्रष्टता का लाभ उठाते हुए भारतीय जनता की खून-पसीने की कमाई को बैंक लोन के माध्यम से हड़प लिया। अन्यथा यह संभव नहीं था कि मामूली गारंटी के बदले माल्या को अरबों रुपए का ऋण मिल जाता। माल्या की तरह ही सहारा समूह व पर्ल्ज जैसी चिटफंड कंपनी, शारदा चिटफंड जैसी कंपनी भी हजारों-लाखों करोड़ का गबन किए बैठे हैं। इनमें सहारा व पर्ल्ज के मुखिया हालांकि जेल में पहुंच चुके हैं, लेकिन आम देशवासी का जो अरबों रुपया ये डकारे बैठे हैं, उसकी वापसी होगी या नहीं, इसका कोई सटीक उत्तर किसी के पास नहीं है। माल्या पहले डिफाल्टर बना, फिर विदेश भागा और वहां पर एक उद्योगपति के जैसा जीवन जी रहा है।

लंदन भागने के बाद विजय माल्या ने अपने आपको दिवालिया घोषित करने की योजना बनाई। उसने अपने आपको ऐसा प्रचारित किया कि उपका सारा व्यापार चौपट हो गया है। कुछ इसी प्रकार के तर्क देकर हर अपराधी अपने आपको बचाने का प्रयास करता है। हालांकि सरकार ने अपनी ओर से हर संभव यह प्रयास किया है कि माल्या पर शिकंजा कसा जाए। इसके तहत भारत सरकार ने पिछले साल मई में ब्रिटेन से कहा था कि माल्या को लौटा दिया जाए क्योंकि उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। ब्रिटिश सरकार का कहना था कि उनके यहां रहने के लिए किसी के पास वैध पासपोर्ट होना जरूरी नहीं, लेकिन क्योंकि माल्या के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, इसलिए उनके प्रत्यर्पण पर विचार किया जाएगा।


ऐसे अपराधियों की फेहरिस्त बहुत लंबी है, जो आर्थिक अपराधी हैं, देशद्रोही हैं, भारत में मानवता के विरूद्ध कइयों ने अपराध किए हैं। केन्द्र सरकार को इस दिशा में तेजी से काम करना होगा, क्योंकि कई अपराधियों को देश छोड़कर भागे दशकों हो गए हैं, लेकिन भारत को वह आज भी वांछित हैं। अत: विदेशों के साथ प्रवर्तन संधियों की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाया जाए और तमाम जटिलताएं खत्म कर देश छोड़ भागे अपराधियों को दंड दिया जाए। विजय माल्या की गिरफ्तारी के बाद अब सबका ध्यान इस बात पर है कि क्या मोदी सरकार माल्या को भारत ला पाएगी। माल्या के देश छोड़ने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला था। सरकार ने ऐलान किया था कि विजय माल्या को वापस लाया जाएगा। भारत ने ब्रिटेन से माल्या को लाने के लिए कूटनीतिक चैनल का भी इस्तेमाल किया और ब्रिटेिश सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी। अब गिरफ्तारी के बाद सरकार सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर माल्या को वापस लाने की कोशिश करेगी।




सुरेश हिन्दुस्थानी,
102 शुभदीप अपार्टमेंट, कमानीपुल के पास
लक्ष्मीगंज, लश्कर ग्वालियर, मध्यप्रदेश
मोबाइल-09425101815, 09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभ लेखक व राजनीतिक विश्लेषक हैं)

आलेख : बाबरी विध्वंश या आडवाणी के खिलाफ साजिश ?

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस बात को लेकर बहश तेज हो गयी है कि क्या अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलाना सही है या गलत, यह तो वक्त बतायेगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर सभी पर केस चलेगा इजाजत दे दी है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यह है कि कहीं राष्ट्रपति के दौड़ में सबसे आगे चल रहे लालकृष्ण आडवाणी को किनारे लगाने की साजिश तो नहीं? वैसे भी आयोध्या में जो कुछ हुआ वह सब कुछ खुल्लम खुल्ला था तो साजिश कैसे? अयोध्या में राम मंदिर भी और साजिश भी दोनों एक साथ कैसे चल सकता है? क्या मर्यादा पुरुराम के लिए लालकृष्ण आडवाणी, उमाभारती का सियासी बलिदान है? 




babri-masjid-conspiracy
फिरहाल, बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में साजिश के केस में फंसने के बाद बीजेपी की फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने साफ कहा कि वो इस्तीफा नहीं देंगी। उनका कहना है कि अयोध्या में कुछ भी साजिश नहीं थी, बल्कि जो कुछ हुआ वो खुल्लम खुल्ला था। अयोध्या में राम मंदिर बनकर रहेगा। जहां तक विपक्ष का सवाल है तो बताएं ‘क्या 1984 के दंगों के लिए सोनिया गांधी ने साजिश रची थी? हो जो भी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के बाद राजनीतिक बहस इस बात को लेकर तेज हो गयी है कि राष्ट्रपति के घुडदौड़ में सबसे आगे चल रहे लालकृष्ण आडवाणी क्या अब बाहर हो गए है। या फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका देकर कोई तरकीब निकालेंगे?। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ‘अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या नहीं, अयोध्या में राम मंदिर था या नहीं‘ से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को हिंदू कारसेवकों ने तोड़ दी थी। इसको लेकर दो एफआईआर दर्ज हैं, जिसमें एक में उमा भारती और बीजेपी और वीएचपी के 21 बड़े नेता शामिल हैं। आज उनमें से कई की मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर यह फैसला सुनाया। 


इस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, सतीश प्रधान, आरवी वेदांती, जगदीश मुनी महाराज, बीएल शर्मा, नृत्य गोपाल दास, धर्म दास का नाम शामिल है। इसके अलावा बाल ठाकरे, गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, परमहंस राम चंद्र और मोरेश्वर सावे के नाम भी हैं। इन सभी लोगों का निधन हो चुका है। लेकिन इस फैसले का सर्वाधिक असर लालकृष्ण आडवाणी पर ही पड़ेगा। क्योंकि इनका नाम अगले राष्ट्रपति की दौड़ में सबसे आगे है। उन्हें नरेंद्र मोदी की पसंद बताया जा रहा है। आडवाणी और मुरली पर सांसद पद छोड़ने का दबाव बन सकता है। फिलहाल राजस्थान के गवर्नर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पद पर रहने की वजह से इस मामले से उन्हें दूर रखा है। दरअसल, दिसंबर, 1992 को दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। पहली अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ। इन पर मस्जिद को ढहाने का आरोप था। इसकी सुनवाई लखनऊ कोर्ट में हुई थी। वहीं दूसरी एफआईआर आडवाणी, जोशी और अन्य लोगों के खिलाफ थी। इन सभी पर मस्जिद ढहाने के लिए भड़काऊ स्पीच देने का आरोप था। यह केस राय बरेली के सेशन कोर्ट में चला था। पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलना चाहिए। सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि रायबरेली में 57 लोगों की गवाही ली जा चुकी है। वहीं, 100 से ज्यादा लोगों की गवाही ली जानी है। यह भी बताया कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ आरोपों को हटा लिया गया था। इनमें बीजेपी नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा, बाबरी मस्जिद को ढहाने के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थीं।

बता दें, 6 दिसंबर, 1992 को देश भर से हजारों कार सेवक अयोध्या पहुंचे थे। विहिप, बजरंग दल सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेता अयोध्या में मौजूद थे। सुबह करीब साढ़े दस बजे का वक्त था जब हजारों कार सेवक हजारों पुलिस वालों की मौजूदी में विवादित ढांचे तक पहुंच गये। हर किसी की जुबां पर उस वक्त जय श्री राम का ही नारा था। विवादित ढांचे तक पहुंचने के साथ ही भीड़ उन्मादी हो चुकी थी। इस वक्त तक ढांचे की सुरक्षा को खतरा पैदा हो चुका था। ढांचे के आसपास करीब एक लाख कार सेवक पहुंच चुके थे। अयोध्या में स्थिति भयानक हो चुकी थी। पुलिस के आला अधिकारी मामले की गंभीरता को समझ रहे थे लेकिन गुंबद के आसपास मौजूद कार सेवकों को किसी को रोकने की हिम्मत किसी में नहीं थी। मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का साफ आदेश था कि कार सेवकों पर गोली नहीं चलेगी। तत्कालीन एसएसपी अखिलेश मेहरोत्रा बताते हैं कि हर किसी को अनहोनी की आशंका हो चुकी थी। अयोध्या पहुंचने वाले तमाम रास्ते बंद कर दिये गये। बाकी जो कार सेवक रास्ते में थे उन्हें वहीं रोक दिया गया। इसके बाद जैसे जैसे दिन चढ रहा था भीड़ उन्मादी होकर विवादित ढांचे को तोड़ने की तैयारी कर रही थी। वहां मौजूद हजारों पुलिस वालों में से किसी को रोकने की हिम्मत नहीं थी। अयोध्या में सुरक्षा के लिहाज से उस दिन दस हजार से ज्यादा पुलिस वाले लगाए गए थे। 

अयोध्या के तत्कालीन एसएचओ पीएन शुक्ला ने बताया कि भीड़ में हर कोई गुंबद को तोड़ने में नहीं जुटा था लेकिन माहौल ही ऐसा हो गया था कि उन्मादियों को वहां मौजद हर शख्स का मानो समर्थन मिल रहा था। दोपहर के तीन बजकर चालीस मिनट पर पहला गुंबद भीड़ ने तोड़ दिया और फिर 5 बजने में जब पांच मिनट का वक्त बाकी था तब तक पूरा का पूरा विवादित ढांचा जमींदोज हो चुका था। भीड़ ने उसी जगह पूजा अर्चना की और राम शिला की स्थापना कर दी। हजारों पुलिस वालों की मौजूदगी में करीब डेढ लाख लोगों की भीड़ इस घटना की गवाह बनी। बाद में तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने इस घटना को अपने लिए खुशी का दिन बताया। इस घटना ने देश की राजनीति उसी दिन से बदलकर रख दी। 6 दिसंबर को विवादित ढांचा गिरा और इसके बाद केंद्र सरकार ने कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त कर दी थी। यह अलग बात है कि मस्जिद ढहाए जाने से पहले भी 139 साल पूर्व अयोध्या में हिंसा भड़की थी। उस वक्त निर्मोही अखाड़े ने दावा किया था कि बाबर के समय एक मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई थी। ब्रिटिश एडमिनिस्ट्रेशन ने फेंसिंग हटाकर पूजास्थल को अलग कर दिया। 1853 में नवाब वाजिद अली शाह के समय पहली बार मंदिर को लेकर हिंसा भड़की थी। बताया जाता है कि तब निर्मोही अखाड़े ने दावा किया था कि बाबर के समय एक मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई थी। 1859 में ब्रिटिश एडमिनिस्ट्रेशन ने फेंसिंग हटाकर पूजास्थल को अलग कर दिया। मुस्लिमों को अंदरूनी तो हिंदुओं को बाहरी हिस्से का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई।

1885 में महंत रघुबीर दास ने पहला केस दायर किया। इसमें मस्जिद के बाहर राम चबूतरे पर एक छतरी लगाने की परमिशन मांगी गई। फिरोजाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पिटीशन नामंजूर कर दी। लेकिन 1949 में रामलला की प्रतिमा प्रकट होने के बाद फिर विवाद बढ़ गया और हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों की तरफ से केस किया गया। सरकार ने पूरे इलाके को विवादित घोषित कर परिसर के गेट पर ताला लगा दिया। 1950 में गोपाल सिंह विषारद और महंत परमहंस रामचंद्र दास ने फिरोजाबाद कोर्ट से जन्मस्थान में पूजा की परमिशन मांगी। चूंकि अंदरूनी हिस्से में ताला था, इसलिए परमिशन दे दी गई। 1959 में निर्मोही अखाड़े ने तीसरा केस दायर किया। इसमें विवादित हिस्से पर हक की मांग की गई। साथ ही रामजन्मभूमि के संरक्षक होने का दावा किया। 1961 में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के अंदर प्रतिमा रखने पर केस दायर किया। साथ ही मस्जिद होने का दावा किया और उसके चारों ओर की जमीन को कब्रिस्तान बताया। 1984 में एक हिंदू ग्रुप ने राम मंदिर बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया। इसी समय लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में मंदिर आंदोलन ने भी जोर पकड़ा। 1986 में हरिशंकर दुबे नामक शख्स की पिटीशन पर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने मस्जिद के गेट खोलने के ऑर्डर दिए और हिंदुओं के पूजा करने की परमिशन दी। मुस्लिमों ने इसका विरोध किया। इसी दौरान बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनी। 

1989 में विश्व हिंदू परिषद ने बाबरी मस्जिद के बगल वाली जमीन पर राम मंदिर की आधारशिला रख दी। वीएचपी के पूर्व प्रेसिडेंट जस्टिस देवकी नंदन अग्रवाल ने पिटीशन दायर कर पूछा कि क्या मस्जिद को कहीं और ले जाया जा सकता है? फिरोजाबाद कोर्ट में पेंडिंग पड़े 4 केस हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच को ट्रांसफर कर दिए गए। 1990 में वीएचपी वालंटियर्स ने मस्जिद के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचाया। तब पीएम रहे चंद्रशेखर ने आपसी बातचीत से मसले को हल करने की कोशिश की। कोशिश नाकाम रही। इसी दौरान सितंबर में अयोध्या आंदोलन हवा देने के मकसद से आडवाणी ने रथयात्रा निकाली। सोमनाथ से शुरू हुई ये यात्रा अयोध्या में खत्म हुई। 1991 में बीजेपी की सरकार बनीं। मंदिर आंदोलन के चलते अयोध्या कारसेवक पहुंचने लगे। 6 दिसंबर 1992 को वीएचपी, बीजेपी और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने विवादित बाबरी ढांचा गिरा दिया गया। 16 दिसंबर को पीएम पीवी नरसिम्हाराव ने अयोध्या मामले की जांच के लिए लिब्रहान कमीशन का गठन कर दिया। 2001 में वीएचपी ने एक बार फिर मंदिर बनाने की बात दोहराई। 2002 में गुजरात के गोधरा में एक ट्रेन पर हमला हुआ। माना जाता है कि ट्रेन में अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। हमले में 58 लोगों की मौत हो गई। इसके चलते गुजरात में दंगे भड़क गए और एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इसी दौरान हाईकोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से विवादित जगह पर यह जांच करने को कहा कि वहां मंदिर था या नहीं। अप्रैल 2002 में तीन जजों की बेंच ने इस पर सुनवाई शुरू की कि उस जगह का संबंध किससे है।


2003 में एएसआई ने बताया कि मस्जिद के नीचे एक मंदिर के सबूत मिले। सितंबर में कोर्ट ने 7 हिंदू नेताओं पर हिंसा भड़काने का केस चलाने को कहा। उस वक्त आडवाणी डिप्टी पीएम थे, लिहाजा उनपर कोई चार्ज नहीं लगा। 2004 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी। एक यूपी की अदालत ने कहा कि आडवाणी को दोषी नहीं बताने वाले ऑर्डर का रिव्यू होना चाहिए। जून 2009 में लिब्रहान कमीशन ने अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें विवादित ढांचा ढहाने में बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार बताया गया। रिपोर्ट पर संसद में काफी हंगामा हुआ। 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसले सुनाया। इस फैसले के बाद मई 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के ऑर्डर पर स्टे देते हुए यथास्थिति बनाने की बात कही। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की बहुमत की सरकार आई। 2015 में वीएचपी ने मंदिर के लिए पूरे देश से पत्थर इकट्ठा करने की बात कही। दिसंबर में दो ट्रक पत्थर अयोध्या पहुंचाए गए। महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि मोदी सरकार ने मंदिर बनाने को हरी झंडी दे दी है। मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में आडवाणी समेत दूसरे नेताओं का नाम हटाया नहीं जाएगा। 21 मार्च 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर विवाद कोर्ट से बाहर आपसी सहमति से हल होना चाहिए। 




(सुरेश गांधी)

विशेष आलेख :‘गरीबों के हित में दवा नीति का बनना’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार ने व्यापक स्वास्थ्य देखभाल नीति के तहत लोगों के फायदे के लिए लगभग 700 दवाओं की कीमतें तय कर दिये जाने की जानकारी देकर देश की गरीब जनता को राहत दी है। सरकार के द्वारा ऐसी नीति बनाया जाना भी देश के हित में जिसके अन्तर्गत डॉक्टर्स अब केवल जेनरिक दवाएं ही लिखेंगे। इससे न केवल बड़ी दवा कंपनियों के एकाधिकार को खत्म करेगा बल्कि लम्बे समय से दवा के नाम पर चली आ रही लूटपाट भी समाप्त होगी। इस तरह की नीति का बनना और उसे ईमानदारी से लागू करना सचमुच लोक कल्याणकारी शासन को दर्शाता है। देश में इस समय लगभग एक लाख करोड़ रु. की दवाइयां बिकती है, जिनमें अधिकांश एथिकल होती है, इनमें उचित दामवाली जेनेरिक सस्ती दवाइयां की बिक्री सिर्फ 9 प्रतिशत है। यदि सरकार डाॅक्टरों और दवा-विक्रेताओं के साथ सख्ती से पेश आए और दवाओं पर सरकार की नीति ईमानदारी से लागू होे तो देश के करोड़ों लोग लुटने और पीड़ित होने से बच सकेंगे। स्वतंत्रता के 70 वर्ष बाद भी हमें अहसास नहीं हो रहा है कि हम स्वतंत्र हैं। इस तरह की विरोधाभासों और विसंगतियों से उत्पन्न समस्याओं ने हमें अब तक जकडे़े रखा है। क्योंकि हमारे कर्णधारों एवं नीति-निर्माताओं के भाषणों में आदर्शों का व्याख्यान होता रहा है और कृत्यों में उसे भुलाया जाता रहा है। अब कुछ बदल रहा है तो शुकून का अहसास भी हो रहा है।

भारत एक लोक कल्याणकारी राज्य है। इस देश में गरीबों को जिस तरीके से लूटा जा रहा है, उसे देखकर दुःखद आश्चर्य होता है। जिसको जहां लूटने का मौका मिल रहा है, वह वहां लूटने में जुटा है। जनाकांक्षाओं को किनारे किया जाता रहा है और विस्मय है इस बात को लेकर कोई चिंतित भी नजर नहीं आता। जो शिखर पर होता रहा है उसी खेल का विस्तार हमारे आस-पास भी दिखाई देता रहा है। भ्रष्टाचार और लूटने की मानसिकता ने देश को खोखला कर दिया है। इस देश में जनता को लूटने के दो बड़े बहाने हैं। एक शिक्षा और दूसरा, चिकित्सा! जबकि ये दोनों ही सेवा और जनकल्याण के क्षेत्र रहे हैं। लेकिन भ्रष्ट राजनीति एवं भ्रष्ट नीतियों ने देश में इन दोनों ही क्षेत्रों को जनता को लूटने एवं भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा माध्यम बना दिया है। गैर-सरकारी कालेजों और स्कूलों की लूट-पाट ने गरीब तबके के लोगों के लिये शिक्षा को केवल अमीरों के लिये आरक्षित कर दिया है। इन स्थितियों में शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के साथ-साथ उसे गरीबों के लिये सुलभ कराने के लिये विभिन्न राज्यों की सरकारें कानून बनाने की सोच रही है, यह भी एक शुभ संकेत है। शिक्षा से भी ज्यादा त्रासद एवं विडम्बनापूर्ण है दवा और इलाज की लूटपाट। मरता, क्या नहीं करता? अपने मरीज की जान बचाने के लिए अपना सब कुछ लुटाने के लिए तैयार हो जाते हैं। जो लोग निजी अस्पतालों में भर्ती होकर लुटने से बच जाते हैं, उन्हें सरकारी डाॅक्टरों की महंगी दवाइयां दिवालिया कर देती हैं। 

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दवा कारोबार से जुड़े लोग जानते हैं कि इस कारोबार में दो तरीके से दवाइयाँ बेची जाती है। एक जेनरिक के नाम पर दूसरी एथिकल के नाम पर। जेनरिक और एथिकल को लेकर आम लोगों में यह भ्रम है कि एथिकल दवाइयां असली होती हैं और जेनरिक नकली। जबकि वास्तविकता यह नहीं है। यह बाजार की ताकतों का बिछाया जाल है, जिसमें जेनरिक दवाइयां सीधी बाजार में पहुंचती हैं और एथिकल दवाइयों को बेचने के लिए एक सांगठनिक ढांचा विकसित किया जाता है। परिणाम स्वरूप एथिकल दवाइयां मरीजों तक पहुंचते-पहुंचते अपनी लागत मूल्य से अप टू 1500 प्रतिशत महंगी बिकती हैं। ब्रांडेंड दवाएं इतनी मंहगी कैसे बिकती है? इसके पीछे पूरा षडयंत्र होता है। मुश्किल यह है कि काफी समय से सरकारें ब्रांडेड दवाओं के मुकाबले जेनरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कहती रही हैं लेकिन उस पर अमल करना अब तक जरूरी नहीं समझा गया। इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन एक बड़ा कारण ब्रांडेड दवाओं का एक सशक्त संगठन है, जो अब तक सरकार की जनकल्याणकारी योजना को लागू नहीं होने दिया। इसके कारण गरीब जनता लम्बे समय से अच्छे इलाज और ब्रांडेड दवाओं से वंचित रही है। जिनकी आर्थिक हैसियत ठीक है, वे ही अच्छे इलाज और अच्छी दवाओं का लाभ लेती रही है। ऐसे मामले आम हैं कि किसी मरीज या उसके परिवार के लिए इलाज कराना सिर्फ इसलिए संभव नहीं हो पाता कि उस पर होने वाला खर्च वहन कर सकने में वह सक्षम नहीं है। कई बार डॉक्टर मरीज की जांच करने के बाद जो दवाइयां लेने की सलाह देते हैं, उनकी कीमत बहुत-से लोगों के लिए भारी पड़ती है।


इसकी मुख्य वजह यह है कि नामी-गिरामी कंपनियों की दवाओं की कीमत काफी अधिक होती हैं। जबकि उन्हीं रासायनिक सम्मिश्रणों वाली दवाएं अगर जेनरिक श्रेणी की हों तो वे काफी कम कीमत में मिल सकती हैं। ये दवाएं वैसा ही असर करती हैं जैसा ब्रांडेड दवाएं। समान कंपोजीशन यानी समान रासायनिक सम्मिश्रण होने के बावजूद इनके निर्माण पर बहुत कम खर्च आता है। इनके प्रचार-प्रसार पर बेहिसाब धन भी नहीं खर्च किया जाता, इसलिए भी इनकी कीमतें काफी कम होती हैं। लेकिन दवा बाजार पर निजी कंपनियों के कब्जे का जो पूरा संजाल है, उसमें जेनरिक दवाओं की उपलब्धता इतनी कम है कि उसका लाभ बहुत-से जरूरतमंद लोग नहीं उठा पाते। दूसरी ओर, ब्रांडेड दवाओं के विज्ञापन से लेकर डॉक्टरों आदि को प्रभावित करने पर खर्च की गई रकम को भी कंपनियां दवा की कीमत में जोड़ देती हैं। ऐसे आंकड़े कई बार आ चुके हैं कि दवा की लागत के मुकाबले बाजार में उसकी कीमत कई सौ प्रतिशत ज्यादा रहती है। मगर आम लोग समान असर वाली सस्ती जेनरिक दवाएं इसलिए भी नहीं ले पाते कि या तो उन्हें इनके बारे में जानकारी नहीं होती या फिर डॉक्टर ऐसी सस्ती दवाओं को लिखते ही नहीं। डाक्टरों को जिन दवाओं में मोटा कमीशन मिलता है, वे वही दवाएं लिखते हैं। प्रधानमंत्री ने भी भी इसी बात को उजागर किया है कि ”डाक्टर उपचार के दौरान इस तरह से पर्चे पर लिखते हैं कि गरीब लोग उनकी लिखावट को नहीं समझ पाते हैं और लोगों को निजी स्टोर से अधिक कीमत पर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।” जरूरत है एक ऐसा कानूनी ढांचा बनाने की जिसके तहत अगर कोई डाक्टर पर्चा लिखता है तब उन्हें ऐसे लिखना होगा कि मरीज जेनरिक दवाएं खरीद सकें और उसे कोई अन्य दवा नहीं खरीदनी पड़े। जेनरिक दवाओं को न केवल प्रचलित करना होगा, बल्कि इनके प्रचलन में आने वाली बाधाओं को दूर करना होगा। विशेषतः ब्रांडेड दवाओं के निर्माताओं से विक्रेताओं की नाराजगी झेलने के लिये भी तैयारी होना होगा। परम्परागत तीर्थों को सब जानते हैं, जहाँ से आध्यात्मिक प्रकाश मिलता है। नए भारत के तीर्थों के रूप में स्कूलों-कालेजों एवं अस्पतालों को नयी शक्ल देनी होगी, जहां से जनकल्याण और जीवन-निर्माण का संदेश मिलता है। भविष्य के जो तीर्थ बन रहे हैं उनके प्रति भी लोगों को एहसास कराना होगा, जहां से राष्ट्रहित, ईमानदारी और नए मनुष्य की रचना की खबरदार भरी गुहार सुनाई दे। अब देश में दवा के नाम पर किसी को लूटते हुए न देखना पड़े, इसके लिये सरकार के साथ-साथ दवा निर्माता, विक्रेता और रोगी- सभी को जागरूक होना होगा। ऐसा करके ही हम नया भारत बना पाएंगे।




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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 981

मधुबनी : दहेज के लिए 25 बर्षीय विवाहिता की गला दबाकर हत्या।

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मधुबनी /फुलपरास (जयलेंद्र कुमार यादव) फुलपरास अनुमंडल के घोघरडीहा थाना क्षेत्र के भोलीरहीटोल गॉव मे बुधवार की रात 25 बर्षीय विवाहिता की गला दबाकर हत्या किये जाने की सनसनीखेज मामला प्रकाश मे आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतका को उसके पति एव ससुर दहेज के लिए प्रताड़ित किया करता था। मृतका को एक डेढ़ बर्षीय पुत्री भी है। झंझारपुर आरएस थाना निवासी  मृतका के पिता  के लिखित शिकायत पर घोघरडीहा थाना अध्यक्ष सरोज कुमार ने मृतका के पति,ससुर एव अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा संख्या 47/17दर्ज कर शव को अंत्यपरीक्षण के लिए सदर अस्पताल मधुबनी भेज दिया है। वही इस जघन्य हत्या कांड मे अभी तक कोई गिरफ्तारी नही होने से मृतका के परिजन आक्रोश मे है।

वरिष्ठ पत्रकार नोरा चोपड़ा का निधन, प्रणव ने जताया शोक

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नयी दिल्ली 20 अप्रैल, वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार नोरा चोपड़ा का आज यहां निधन हो गया। वह 64 वर्ष की थीं। उनके दो बेटे हैं। वह लंबे समय से बीमार थीं। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके कारण यहां एक स्थानीय अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शोक जताया है। राष्ट्रपति ने श्रीमती चोपड़ा के पुत्र राहिल चोपड़ा को भेजे एक शोक संदेश में कहा है, “आपकी मां श्रीमती नोरा चोपड़ा के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है, जिनसे लंबे अर्से से मेरा परिचय रहा है। ” उन्होंने लिखा है कि पत्रकारिता जगत में श्रीमती चोपड़ा को एक अलग सम्मान प्राप्त था। उनका बहुत ही लंबा एवं बेहतरीन कैरियर रहा है, खासकर संडे गार्डियन के साथ। उनके निधन से राष्ट्र ने कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रही एक वरिष्ठ पत्रकार खो दिया है। उन्होंने लिखा है, “मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह आपको और आपके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दें। ” कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी श्रीमती चोपड़ा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने श्रीमती चोपड़ा को उत्कृष्ट पत्रकार बताया। श्रीमती चोपड़ा को आज शाम यहां के जामिया नगर कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया जिसमें समाज के कई गणमान्य लोगों के अलावा कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए।

मुफ्त कानूनी सेवा करने वाले वकील बन सकेंगे जज

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नयी दिल्ली, 20 अप्रैल, न्यायाधीश बनाये जाने के लिए वकीलों के नाम पर विचार करते वक्त उनके द्वारा की गयी मुफ्त कानूनी सेवा को भी ध्यान में रखा जायेगा। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने गरीबों को मुफ्त कानूनी सलाह देने के लिए तीन नयी सेवाएं शुरू करने के अवसर पर आज यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि जज बनाने के लिए जब भी किसी वकील के नाम पर विचार किया जायेगा, उसके द्वारा गरीबों के लिए दी गयी मुफ्त कानूनी सेवा को भी मद्देनजर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि वह उन्हीं वकीलों के नाम पर गम्भीरता से विचार करेगी जिन्होंने अपनी स्वेच्छा से गरीबों की कानूनी सेवा की है, जिन्होंने इस पेशे के प्रति ईमानदार प्रतिबद्धता दिखायी है। कानून मंत्री ने कहा कि जो वकील स्वेच्छा से गरीबों और जरूरतमंदों को कानूनी सेवा उपलब्ध कराना चाहते हैं वे न्याय विभाग से ऑनलाइन पंजीकरण करायेंगे। गरीब और जरूरतमंद वादी एवं प्रतिवादी मुफ्त कानूनी सेवा के लिए ऑनलाइन आवेदन करके सेवा प्राप्त कर सकते हैं। आज शुरू की गयी योजनाओं में ‘प्रो-बोनो लीगल सर्विसेज’ के अलावा ‘टेली-लॉ सर्विस’ तथा ‘न्याय मित्र योजना’ शामिल है।

भारत ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव पर कानूनी कार्यवाही का विवरण मांगा

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नयी दिल्ली 20 अप्रैल, भारत ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की खैरियत एवं हालत को लेकर चिंता जाहिर करते हुए पाकिस्तान से उनके विरुद्ध की गयी ‘कानूनी कार्यवाही’ का विस्तृत विवरण जल्द उपलब्ध कराने को कहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में आरोप लगाया कि पाकिस्तान श्री कुलभूषण जाधव के बारे में दुष्प्रचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का दावा है कि श्री जाधव के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की गयी है। यदि ऐसा है तो हम देखना चाहेंगे। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान सरकार से इस बारे में भारत को आधिकारिक रूप से अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। ” एक अन्य सवाल के जवाब में श्री बागले ने कहा, “हम उनके स्वास्थ्य एवं पता ठिकाने को लेकर चिंतित हैं। ” प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने कल पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया था और पंद्रहवीं बार श्री जाधव से राजनयिक संपर्क का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से दो अनुरोध किये हैं -राजनयिक संपर्क और दूसरा उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही का विवरण। अमेरिका के वीसा मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में श्री बागले ने कहा कि यह कोई आव्रजन का मुद्दा नहीं है। यह कारोबार एवं सेवा का मुद्दा है। इसमें दोनों देशों के पारस्परिक हित जुड़े हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच आर मैकमास्टर के पाकिस्तान के विरुद्ध कठोर बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि यह बयान भारत के पुराने रुख के अनुरूप है। अमेरिका और भारत के विचार इस मुद्दे पर एकसमान हैं।

रूस के लोग ही मेरे उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे : पुतिन

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मास्को,20 अप्रैल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने आज कहा कि केवल रूस की जनता ही निर्वाचन प्रकिया के जरिए इस बात को तय करेगी कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा । गौरतलब है कि रूस में अगले वर्ष मार्च में राष्ट्रपति चुनाव होंगे और श्री पुतिन ने यह नहीं स्पष्ट किया है कि वह इन चुनावों में हिस्सा लेंगे या नहीं । यह माना जा रहा है कि वह अपने चौथे कार्यकाल के लिए इन चुनावों में हिस्सा ले सकते हैं । श्री पुतिन ने क्रेमलिन की एक बैठक में कहा,“ केवल रूसी जनता ही चुनाव प्रक्रिया के जरिए राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी का चुनाव करेगी और किसी अन्य की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी ।

बहुत ही अच्छा गाती हैं शबाना : अपर्णा सेन

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मुंबई. 20 अप्रैल, बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री और फिल्मकार अपर्णा सेन का कहना है कि शबाना आजमी बहुत अच्छा गाती हैं इसलिये उन्होंने फिल्म ‘सोनाटा’ के लिए उनका चयन किया। अपर्णा के निर्देशन में बनी फिल्म सोनाटा 21 अप्रैल को प्रदर्शित होने जा रही है। अपर्णा ने कहा, “डोला सेन के किरदार के लिए मैंने शबाना को चुना, क्योंकि वह अच्छा गा लेती हैं। बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि शबाना गाती भी अच्छा हैं। ” अपर्णा ने कहा, “एक टेली फिल्म ‘पिकनिक’ में शबाना को एक गीत को खराब तरीके से गाना था, लेकिन शबाना ने कहा कि जब मैं अच्छा गा सकती हूं तो खराब कैसे गाऊं। उस समय मुझे पता चला कि शबाना अच्छा गाती भी हैं। ” बताया जाता है कि यह फिल्म तीन अविवाहित महिला दोस्तों के जीवन की कहानी है। फिल्म में प्रोफेसर अरुणा चतुर्वेदी का किरदार खुद अपर्णा ने, बैंक कर्मचारी डोला सेन का किरदार शबाना ने और महिला पत्रकार सुभद्रा पारेख का किरदार लिलिट दुबे ने निभाया है।

करण के साथ शादी करना शानदार रहा : बिपाशा

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मुंबई. 20 अप्रैल, बॉलीवुड की बोल्ड गर्ल और बंगाली बाला बिपाशा बसु का कहना है कि करण ग्रोवर के साथ शादी करना उनके लिये शानदार अनुभव रहा है। विपाशा ने करण के साथ वर्ष 2015 में प्रदर्शित फिल्म ‘अलोन’ में काम किया था। पिछले साल विपाशा और करण शादी के बंधन में बंध गये । दोनों की शादी एक साल पूरा होने वाला है। उनका कहना है कि अपने सबसे अच्छे दोस्त से शादी होना शानदार रहा। विपाशा ने अपनी शादी की कुछ तस्वीरें इंस्टाग्राम पर साझा कीं। बिपाशा ने कहा, “मेरी शादी को एक साल पूरा होने वाला है। यदि आप अपने सबसे अच्छे दोस्त से शादी करती हैं, तो यह सबसे सुंदर चीज होती है। करण, आपको याद कर रही हूं। आपके पास वापस आने के दिनों को गिन रही हूं।


योगी ने उत्तर प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के दिये निर्देश

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लखनऊ, 20 अप्रैल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और इसके माध्यम से विभिन्न स्थानों को आपस में जोड़े जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मुख्य पर्यटक स्थलों को हेलीकाॅप्टर सेवा से जोड़ा जाए। साथ ही, बौद्ध परिपथ के तहत आने वाले जिलों तथा तीर्थ स्थलों को आपस में हवाई सेवा से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां नागरिक उड्डयन विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजकीय हवाई पट्टियों की सुविधाओं और रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। नये हवाई अड्डों की सम्भावनाओं को तलाशा जाए। साथ ही, प्रमुख पर्यटन स्थलों-लखनऊ, मथुरा, वृन्दावन, अयोध्या, प्रयाग, विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी आदि को हेलीकाॅप्टर के जरिये जोड़े जाने की कार्यवाही जल्द से जल्द की जाए। इसके लिए हेलीकाॅप्टर सेवा प्रदाता से बातचीत की जाए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जेवर में नये एयरपोर्ट को विकसित किये जाने की योजना है। इस पर भी त्वरित कार्यवाही की जाए। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत अधिकाधिक हवाई पट्टियों को आपस में जोड़ा जाए। साथ ही, एयरपोट्र्स के विकास व निर्माण सम्बन्धी कार्यवाही भी समयबद्ध तरीके से की जाए। मुख्यमंत्री ने नागरिक उड्डयन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की, जिसमें कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे का निर्माण, चित्रकूट स्थित हवाई पट्टी का विस्तारीकरण, कानपुर देहात में नई हवाई पट्टी का निर्माण, इलाहाबाद, आगरा और कानपुर नगर तथा बरेली में सिविल इंक्लेव के लिए भूमि क्रय प्रमुख हैं। उन्होंने इन परियोजनाओं को तेजी के साथ समयबद्ध ढंग से पूरा किये जाने के निर्देश दिये। श्री योगी ने कहा कि हवाई सेवा की सुविधा से विकास को गति मिलती है और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है। इससे अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में बल मिलता है। एविएशन सम्बन्धी बुनियादी ढांचे के विकास और एविएशन के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करने की योजनाएं भी बनायी जाएं। नागरिक उड्डयन निदेशालय को पूर्णतः कम्प्यूटराइज्ड किया जाए, जिससे विमानों के परिचालन, प्रबन्धन, नियंत्रण, अनुरक्षण एवं सुरक्षा का कार्य गुणवत्तापरक ढंग से सम्पादित किया जा सके। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा समेत मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 20 अप्रैल

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नगर  में  जिर्णषीर्ण सुविधाघरों का होगा कायाकल्प-नवीन सुविधाघरों का होगा निर्माण
  • मुक्तिधामों के लिये बनेगें शेड, सीसीरोड की दी जारही सौगाते, 20 स्थानों पर लगाई गई प्याउ

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झाबुआ । नगर के विभिन्न क्षेत्रों में  प्रसाधनो एवं सार्वजनिक मुत्रालयों की कमी को देखते हुए नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया का ध्यान काफी अरसे था और नगर के विभिन्न वार्डो मे ंमहिला एवं पुरूषों के लिये मूत्रालयों एवं सुविधाघरों  की इस समस्या को त्वरित हल करने के लिये नगरपालिका अध्यक्ष एवं परिषद ने गंभीरता से इसे निराकृत करने का संकल्प लेकर नगर के विभिन्न वार्डो में नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे, विजय चैहान,श्रीमती बंसती बारिया, भूपेश सिंगोड, पार्षद सईदुल्लाखान, नंदलाल रेड्डी, मुकेश अजनार, बंसती बारिया, संजय डाबी, अजय गणावा, आदर्श चैहान आदि ने भ्रमण करके नगर के सभी वार्डो में सुविधाघरों एवं मूत्रालयों के निर्माण एवं दुरूस्ती योग्य सुविधाघरों को प्राथमिकता के आधार पर दुरूस्त करके उसे उपयोगी बनाने के लिये भ्रमण कर के नगर में 10 स्थानों पर प्राथमिकता के आधार पर सुविधाघरों को निर्मित करने के लिये चिन्हीत किया और आगामी सात आठ दिनों में इनके निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जावेगा । प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य शैलेष दुबे ने बताया कि नगरपालिका परिषद ने अध्यक्ष धनसिंह बारिया के नेतृत्व में नगर के विभिन्न वार्डोकी मूलभूत समस्याओ ं के निराकरण के लिये तेजी से कदम उठा कर जन आकांक्षाओं को अमली जामा पहिनाने का काम किया है  और झाबुआ नगर का तेजी से विकास होना ही इस बात का प्रमाण है कि नगरपालिका ने जनज न की भावनाओ ं को सम्मान देते हुए समस्याओं को तेजी से हल करने में कोई कसर बाकी नही रखी है । नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि भ्रमण के दौरान नगर में जिर्णशीर्ण हो चुके ऐसे सुविधाघरों एवं क्षतिग्रस्त सुविधाघरो को तत्काल तोड कर नवनिर्माण करवाया जारहा है । तथा दुरूस्ती योग्य सुविधाघरों को  तत्काल जन सुविधा के लिये दुरूस्त करवाने का काम हाथ मे लिया गया है । श्री बारिया ने बताया कि  चिन्हित स्थानों में एम टू के सामने वैकल्पिक मार्ग पर 1 सुविधाघर का निर्माण, राजगढ नाके पर गरबा मैदान के निकट 2 स्थानो पर, किशनपुरी में 1 स्थान पर, थांदला गेट पर 1 नवीन सुविधाघर, भगतसिंह मार्ग पर 1 नवीन सुविधाघर, रघुनंदन काम्पलेक्स मे एक नवीन सुविधाघर, हंसा होटल के सामने एक एक नवीन सुविधाघर, सज्जररोड बायपास मार्ग पर 1 नवीन सुविधाघर, होटल अशोका के सामने एक नवीन सुविधाघर, के अलावा महिलाओं के लिये विशेष निर्माण कार्य, उदयपुरिया कल्याणपुरा पहूंचमार्ग पर एक नवीन सुविधाघर बनाने का कार्य तत्काल हाथ मे लिया जाकर इसे समयावधि में ही पूरा करके जन सुविधा के लिये कार्य करने का संकल्प साकार किया जारहा है । श्री बारिया ने बताया कि इसी तरह नगर के वार्ड 12 में नाली निर्माण वार्ड 4 मे सीसी रोड, वार्ड क्रमांक 1,3,16 13मे ंश्मशानघाट में 6-6 लाख की लागत से शेड निर्माण एवं सीसीरोड के निर्माण के कार्य को भी प्राथमिकता से शुरू किया जारहा है । श्री बारिया के अनुसारमहाकांल मुक्तिधाम के लिये शेड निर्माण सीसी रोड के अलावा माधोपुरा मुक्तिधाम के जिर्णोद्धार के लिये टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाचुकी है तथा एक सप्ताह के अन्दर करीब 50 लाख की लागत से अधिक की राशि से कार्य शुरू हो जावेगा ।  वही मुस्लिम समाज के कब्रिस्तान के लिये  सीसी रोड एवं कनवर्ट पुलिया का निर्माण कार्य भी किया जावेगा । श्री बारिया ने बताया कि नगर में ग्रिष्मकाल को देखते हुए नगरपालिका द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष में 20 विभिन्न स्थानों पर जन सुविधा को देखते हुए नगरपालिका परिषद की ओर से सार्वजनिक प्याउ भी स्थापित की जारही है । इस तरह नगरपालिका झाबुआ द्वारा नगर के विकास एवं जन सुविधाओं को जन आंकांक्षाओं के अनुरूप  विकास के लिये काम किये जाकर नगर को एक आदर्श नगर बनाये जाने में कोई कोर कसर बाकी नही रखी जावेगी ।


’ झाबुआ के स्ट्रांेगमेन का इंदौर में सम्मान’’

झाबुआ । दिनांक 16.04.2017 को म0प्र0 स्ट्रांेगमेन एसोषियसन एवं श्रीराम स्पोर्टस ग्रुप इंदोर द्वारा स्ट्रांेगमेन इण्डिया लीग चैम्पियनषीप का आयोजन इंदौर म0प्र0 में किया गया । जिसमें म0प्र0 के लगभग एक सौ दस खिलाडियों द्वारा भाग लिया गया । विभिन्न भारवर्गो में आयोजित प्रतियोगिता में खिलाडियों द्वारा अपना अपना प्रदर्षन किया गया । स्ट्रांेगमेन खेल विदेषों में बहुत प्रचलित है व भारत में दूसरी बार उक्त प्रतियोगिता का आयोजन इंदौर में हुआ जिसमें झाबुआ के श्री सुषील वाजपेयी द्वारा प्रथम बार उक्त स्ट्रांेगमेन चैम्पियनषीप में हिस्सा लिया । श्री वाजपेयी जिन्होंने कि झाबुआ जिले में कुष्ती को नई ऊंचाईया दी व बांॅडी बिल्डिंग, पावर लिफ्टिंग जैसे आयरन खेलों में झाबुआ का प्रतिनिधित्व किया एवं निरंतर इन खेलो हेतु खिलाडी तैयार कर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर जिले की पहचान स्थापित कर जिले का नाम रोषन किया है । स्ट्रांेगमेन खेल में डम्बल प्रेस, कार लिफ्ट, टायर फिलीप, फारमर वाक, जैसे भारी मेहनत के साथ शक्ति परीक्षण देना होता है । स्ट्रांेगमेन खेल मंे श्री सुषील वाजपेयी द्वारा अपने उत्कृष्ट प्रदर्षन के द्वारा अपना नाम स्थापित कर लिया है । म0प्र0 स्ट्रांेगमेन एसोषियसन एवं श्रीराम स्पोर्टस ग्रुप इंदोर द्वारा श्री स्ट्रांेगमेन खेल मंे उत्कृष्ट प्रदर्षन किये जाने पर श्री सुषील वाजपेयी का सम्मान किया गया । इस सम्मान पर जय बजरंग व्यायाम शाला झाबुआ के श्री दिनेषजी सक्सेना, श्री प्रकाषजी चैहान, श्री मनीष व्यास, श्री नारायणसिंह जी ठाकुर, श्री ललितजी शर्मा , श्री मोहन दादा माहेष्वरी , श्री राजेद्रजी यादव, श्री नीरज राठौर, श्री उमंग सक्सेना, श्री चंदू खलीफा , श्री किषोर खलीफा, श्री सौरभ सोनी, श्री राजीव शुक्ला एवं श्री धन्नाजी रविदास द्वारा बधाई दी गई । श्री वाजपेयी द्वारा बताया गया कि स्ट्रांेगमेन खेल अत्यंत रोचक होकर उसमंे खिलाडी की पूर्ण शक्ति का परीक्षण होता है एवं जय बजरंग व्यायाम शाला में कुष्ती ,बांॅडी बिल्डिंग, पावर लिफ्टिंग के साथ स्ट्रांेगमेन स्पर्धा हेतु भी खिलाडी तैयार किये जायेगे । व्यायाम शाला वर्षो से सेवा ओर संस्कार के सिद्धांत पर युवाओं को व्यायाम और खेलो के प्रति प्रेरित करती रही है एवं निःषुल्क सेवाएं अनवरत प्रदान की जा रही है । जय बजरंग व्यायाम शाला (जिम) स्वस्थ युवा, स्वस्थ भारत की परिकल्पना को सार्थक करने हेतु निरंतर अग्रसर है । उक्त जानकारी जय बजरंग व्यायाम शाला के चंदर पहलवान एवं राजेष बारिया द्वारा दी गई ।

 योजना की सूची का वाचन अवश्य करे ...कलेक्टर
     
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झाबुआ । कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने संबंधित अधिकारियो को निर्देशित किया है कि जमीन मे पानी की कमी हो जाने से जलस्तर काफी कम हो गया है जिससे हेण्डपंपो मे पानी नही आ पा रहा है। इस कारण सभी लोग परेशान है, जमीन मे पानी का संचय हो, इसके लिए नदी नालो पर छोटे छोटे स्टापडेम बनाये। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर जनभागीदारी से काम करने के लिए ग्राम संसद मे पारित कर काम प्रारंभ करे ,ताकि भविष्य मे गंभीर पेयजल समस्या से बचा जा सके। ग्राम संसद मे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने कुपोषित बच्चो के माता पिता को मनरेगा योजना के काम तत्काल प्रारंभ उपलब्ध करवाने के निर्देश रोजगार सहायक ,सीईओ जनपद एवं एसडीएम को दिये।  भविष्य में सभी शासकीय योजनाओं का लाभ हितग्राही को सामाजिक आर्थिक गणना 2011  के डाटा के आधार पर दिया जाना है। ग्राम संसद मे सामाजिक आर्थिक गणना के डाटा का वाचन अवश्य करे ,जिन ग्रामीणो के नाम गणना की सूची में छूटे हुए है उनके नाम जोडे जाये। ग्राम संसद मे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने निर्देश दिये कि ग्राम सभा में ग्राम पंचायत के प्रत्येक गाॅव के लिए शान्तिधाम, खेल का मैदान, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन बने हुए नही है,तो प्रस्ताव को मंजूर कर कार्यवाही प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित करे,  सुदूर ग्राम में संपर्क के लिए पक्की सड़को का निर्माण कार्य के लिए प्रस्ताव तैयार करवाये ,ग्रामीण क्षेत्र में 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन उपलब्ध होने पर सामाजिक वानिकी के तहत वृक्षारोपण की कार्य योजना को मूर्त रूप देकर 2 जुलाई को वृक्षारोपण के लिए कार्यवाही सुनिश्चित करे। तालाब किनारे भी वृक्षारोपण की कार्यवाही को मूर्त रूप दिया जाये। ग्राम संसद में प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची का वाचन कर समीक्षा करे और पात्रों को शामिल कर अपात्रों को बाहर किये जाने की कार्यवाही करे। पेंशन योजना के पात्र हितग्राहियो को सूचीबद्ध कर पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। सभी विधवा महिला एवं सभी वृद्वाजनो के पेंशन के प्रकरण ग्राम संसद में स्वीकृत कर पेंशन दिलवाना सुनिश्चित करें। सभी ग्रामीणो के बैंक खातो को उनके मोबाईल नम्बर एवं आधार नम्बर से लिंक करने की कार्यवाही करे,पुराने तालाबो के गहरीकरण के लिए जनसहयोग से कार्यवाही करे, सब इंजीनियर तालाब मे चूने से लाईन डालकर चिन्हित कर दे एवं ग्रामीणजन तालाब की उपजाऊ मिटटी अपने स्वयं के संसाधनो का उपयोग कर खोदकर अपने खेतो मे डाले। इस तरह तालाब का गहरीकरण भी हो जाएगा एवं किसानो को अपने खेत के लिए  उपजाऊ मिटटी भी निःशुल्क मिल जाएगी। तालाबो के गहरीकरण से तालाब की जलधारण क्षमता भी बढ जाएगी। इससे जमीन मे जलस्तर भी बढेगा एवं ग्रामीणो को पानी की समस्या भी नही होगी।

कृषि संसद मे किसानो से हुई फसल की बात
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान आयोजित तीन दिवसीय ग्राम संसद के तीसरे दिन आज 20 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम दुधी उमरकोट, छापरी काली,भुराडाबरा, कलमोडा, में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम सेमलपाडा आमलीपठार, बिजलपुर, अन्तरवेलिया, मसुरिया, में, रानापुर ब्लाक के ग्राम रेतालुजां, कुशलपुरा, पुवाला, मातासुला में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम चैखवाडा, गुवाली, रम्भापुर, हत्यादेली में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम कसारपुरा, घुघरी, माण्डन, कालीघाटी, में, थांदला ब्लाक के ग्राम छायन, काकनवानी, मानपुर,में कृषि संसद का आयोजन किया गया। कृषि संसद मंे किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी गई।

महिला संसद मे महिलाओं का स्वास्थ परीक्षण हुआ एवं बच्चो का वजन लिया गया
आज 20 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम गोपालपुरा, डोकरवानी, भुतेडी, सागीया में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम नवापाडा नवीन, जुलवानिया, नरवलिया एवं नवागंाव में, रानापुर ब्लाक के ग्राम भांडाखेडा, समोई, मोरडूंडिया, धामनीनाना में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम मदरानी, पीपलखुटा, सजेली सूरजी मोगजी साथ, अगराल में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम घघ्ुारी,दुलाखेडी, गोदडिया, मठमठ, जामली में, थांदला ब्लाक के ग्राम छापरी, डुंगरीपाडा, खान्दन, खोखंरखादन में महिला संसद का आयोजन किया गया। संसद में महिलाओं से संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की गई एवं महिलाओ का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक दवाईया प्रदान की गई। किशोरी बालिकाओ को लालिमा अभियान अंतर्गत आयरन की गोलियो का वितरण किया गया,गंभीर बिमारी से पीडित महिलाओ को सूची बद्ध किया गया। एवं ग्रामीण बच्चो का वजन लेकर सूची बद्ध किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद आवश्यक दवाईयां भी वितरित की गई। संसद के तीसरे दिन 21 अप्रैल को उक्त ग्रामो में कृषि संसद का आयोजन कर किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी जायेगी।

ग्राम संसद मे बनी ग्रामीण विकास की योजना
आज 20 अप्रैल से रामा ब्लाक के ग्राम झीरी, खेडा, धाधंलपुरा बडा एवं रजला, में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम बिसोली, गुन्दीपाडा, ढेबरबडी, नल्दीछोटी,  में, रानापुर ब्लाक के ग्राम सुरडिया, छागोला, माछलीया झीर, धामनीचमना में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम चरेल, ढाढनिया, छोटा घोसलिया, नौगावा में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम अमरगढ, रूणजी, छोटा बोलासा में, थांदला ब्लाक के ग्राम हरिनगर, पांचखोरिया, उदयपुरिया, खजुरी मे संसद का आयोजन किया गया। उक्त ग्रामो में निरतंर 3 दिवस 20 से 22 अप्रैल तक ग्राम संसद का आयोजन किया जायेगा। पहले दिन 20 अप्रैल को ग्राम संसद में ग्रामीण विकास संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की गई एवं पात्र हितग्राहियो को सूची बद्ध किया गया। दूसरे दिन 21 अप्रैल को ग्राम संसद में महिलाओं से संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की जायेगी एवं महिला स्वास्थ्य शिविरो का आयोजन किया जायेगा। गंभीर बिमारी से पीडित महिलाओ को सूचीबद्ध किया जायेगा। संसद के तीसरे दिन 22 अप्रैल को कृषि संसद का आयोजन कर किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी जायेगी।

21 अप्रैल से यहा प्रारंभ होगी ग्राम संसद
ं 21 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम पालेडी, मुण्डत,कोकावद, मुहडीपाडा में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम गोपालपुरा, मानपुरा, गेहलरछोटी एवं मिण्डल में, रानापुर ब्लाक के ग्राम बुधाशाला, खेडा, अंधरवाड, चुई, ढोल्यावाड  में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम ढेबर, बेडावली, सजेलीनान्यासाथ, छायन में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम रूपगढ, रायपुरिया, बोलासा, झकनावदा में, थांदला ब्लाक के ग्राम मियाटी, जुलवानिया छोटा, मुन्जाल, देवीगढ में ग्राम संसद का आयोजन किया जाएगा।

कृषि क्रांति रथ का गाॅव-गाॅव मे अनाज से हुआ स्वागत

झाबुआ । कृषि महोत्सव का आयोजन जिले में 2 मई तक किया जाएगा। इस दौरान हर विकास खण्ड में दो-दो कृषि क्रांति रथ गाॅव-गाॅव धूमकर किसानो को कृषि आय को दो गुना करने के लिए तकनीकी सलाह दे रहे है। कृषि क्रांति रथ का गाॅव-गाॅव मे अनाज से स्वागत किया जा रहा है। स्वागत मे प्राप्त अनाज आंगनबाडी केन्द्रो मे पोषण आहार के लिए आंगनबाडी कार्यकर्ता को प्रदान किया गया। झाबुआ ब्लाक मे आज 20 अप्रैल को अंतरवेलिया, मसूरिया, आमलीपठार, बिजलपुर में रथो ने भ्रमण किया। 21 अप्रैल को नवागांव, नरवालिया, नवापाडा नवीन, जुलवानिया, 22 अप्रैल को ढेकलबडी, नल्दीछोटी, बिसौली, गुंदीपाडा में, 23 अप्रैल को गेहलर छोटी, मिण्डल, गोपालपुरा, मानपुरा में, 24 अप्रैल को कोटडा, भीमफलिया, झायडा, बरखेडा एवं हडमतिया में, 25 अप्रैल को बलवन, खेडी, बरोड, पिलियाखदान में, 26 अप्रैल को बावडीबडी, गोलाछोटी, देवझिरी पण्डा एवं माकनकुई में, 27 अप्रैल को पिपलीपाडा, फूलधावडी, उमरी एवं बामसेमलिया एवं सजवानीछोटी में, 28 अप्रैल को ढेकलछोटी, आम्बााखोदरा, कुशलपुरा, मोहनपुरा में, 29 अप्रैल को कालापीपल, कुण्डला, उमरिया वैजत्री एवं तलावली में, 30 अप्रैल को भोयरा, पिटोलबडी, फुटिया एवं चारोलीपाडा में, 1 मई को कांकरादरा, आमलीफलिया, गडवाडा एवं सेमलिया बडा में एवं 2 मई को डूमपाडा, कालाखूंट, पिपलिया पारा रोड एवं परवट में रथ भ्रमण करगे । रामा ब्लाक मे आज 20 अप्रैल को दुधी उमरकोट, छापरी कालीदेवी, भूराडाबरा, कलमोडा में रथो का भ्रमण हुआ। 21 अप्रैल को गोपालपुरा, डोकरवानी, भूतेडी,सागीया मे , 22 अप्रैल को झिरी,खेडा, धांधलपुरा बडा, रजला में, 23 अप्रैल को पालेडी, मुण्डत, कोकावद, महुडीपाडा में, 24 अप्रैल को साड, पाडलधाटी, नवापाडा, रोटला, सीलखोदरा में, 25 अप्रैल को सदावा, काकडकुआ, खरडूबडी, वागलावाट भूरिया में, 26 अप्रैल को उमरकोट, रसोडी, छापरी रजला एव झुमका में, 27 अप्रैल को दूधी खेडा, बोचका, पीथनपुर, दोलतपुरा में, 28 अप्रैल को धमोई, देवली बलोला में, 29 अप्रैल को चुडेली, रेहन्दा में, 30 अप्रैल को आम्बा पीथनपुर, गुलाबपुरा में, 1 मई को ढोचका, नरसिंहपुरा में एवं 2 मई को छापरी रणवास, रातीमाली में रथ भ्रमण करगे। रानापुर ब्लाक मे आज 20 अप्रैल को रेंतालुंजा, मातासुला, कुशलपुरा, पुवाला में रथो ने भ्रमण किया। 21 अप्रैल को धामनी नाना, भाण्डाखेडा, समोई, मोरडूण्डिया, 22 अप्रैल को सुरडिया, धामनी चमना, माछलिया झीर, छागोला में, 23 अप्रैल को चुई, बुंधाशाला, खेडा अंधारवड, ढोल्यावाड में, 24 अप्रैल को गलती, कालापान, डिग्गी, सरदापुरा में, 25 अप्रैल को दोतड, भूतबयडा, सनोड, अगेरा में, 26 अप्रैल को उबेराव, गवसर, छापरखण्डा, भूतखेडी में, 27 अप्रैल को भूरीमाटी, भौरकुण्डिया में, 28 अप्रैल को मोहनपुरा भुरका में, 29 अप्रैल को खडकुई में, 30 अप्रैल को वागलावाट मोह में, 1 मई को भोडली में एवं 2 मई को वगई बडी में रथ भ्रमण करगे।  पेटलावद ब्लाक मे आज 20 अप्रैल को घुधरी, केशरपुरा, कालीघाटी, माडन में, रथो का भ्रमण हुआ। 21 अप्रैल को दुलाखेडी, गोदडीया, मठमठ, जामली में, 22 अप्रैल को अमरगढ, रूणजी, देवली, छोटाबोलासा में, 23 अप्रैल को रायपुरिया,रूपगढ, बोलासा, झकनावदा में, 24 अप्रैल को अलस्याखेडी, उन्नई, सेमलिया, पिठडी में, 25 अप्रैल को झोसर असालिया, बडीदेहण्डी, बैकल्दा, बखतपुरा, रताम्बा में, 26 अप्रैल को गोपालपुरा, मातापाडा, गुणावद, रामपुरिया, बोडायता, महुडीपाडा कला, घोलीखाली में, 27 अप्रैल को रामगढ, मुलथानिया, मोईवागली, कुडवास, पाॅचपिपला, भैरूपाडा में, 28 अप्रैल को नाहरपुरा, मोहनकोट, हनुमंत्या, हमीरगढ, कोटडा, टोडी में, 29 अप्रैल को पारेवा, कोदली, टेमरिया, बैगनबर्डी,सलुनियाबडा, मोकमपुरा में, 30 अप्रैल को गामडी, बाछीखेडा, बैडदा, अन्नतखेडी, तारखेडी,बनी में, 1 मई को झावलिया, खोरीया, सामली, कुम्भाखेडी में एवं 2 मई को करडावद, कांजबी, कसराखदान, धतुरिया में रथ भ्रमण करगे। थांदला ब्लाक मे आज 20 अप्रैल को काकनवानी, छायन, मानपुर, सेमलपाडा, में, रथो का भ्रमण हुआ। 21 अप्रैल को छापरी, डुंगरीपाडा, खांदन, खांेखर खांदन में, 22 अप्रैल को पांच खेरिया, हरीनगर, उदयपुरीया, खजुरी में, 23 अप्रैल को छोटा जुलवानीया, मियाटी, मुॅजाल, देवगढ में, 24 अप्रैल को टिमरवानी, बडा जुलवानिया, खवासा, छोटी धामनी  में, 25 अप्रैल को कलदेला, नवापाडा कस्बा, सेमलिया चैनपुरी, चापानेर, रन्नी में, 26 अप्रैल को झोसली, हेडावा, मछलईमाता, नारेला, रतनाली, बडी धामनी में, 27 अप्रैल को भीमकुण्ड, पाटेडी, धूमडीया में, 28 अप्रैल को मोरझिरी, थेथम, कोटडा, भैरूगढ, मकोडिया में, 29 अप्रैल को देवका, आमली, बोरडी, नरसिंगपाडा, नाहरपुरा में, 30 अप्रैल को दौलतपुरा, गोरियाखांदन, वालाखोरी, कुकडीपाडा,  भामल में, 1 मई को सुजापुरा, नौगावा नगला, परवाडा में एवं 2 मई को सागवा, तलावडा, सेमलिया नारेला में रथ भ्रमण करगे। मेघनगर ब्लाक मे आज 20 अप्रैल को गुवाली, चैखवाडा, रम्भापुर, हत्यादेली में, रथो ने भ्रमण किया। 21 अप्रैल को मदरानी, पीपलखुटा, अगराल, सजेलीसुरजी मोगजी साथ मे, 22 अप्रैल को ढाढनिया, चरेल, नौगांवा, छोटा घोसलिया में, 23 अप्रैल को ढेबर, बेडावली, सजेली नानीया साथ, छायन में, 24 अप्रैल को ओचका, वडलीपाडा, देदला, चैनपुरा में, 25 अप्रैल को तलाई, फुटतलाब, शिवगढ, सजेली तेजाजी भीमजी साथ में, 26 अप्रैल को उमरादरा, फुलेडी, सजेली मालजी साथ, बावडी फारेस्ट में, 27 अप्रैल को गुजरपाडा, तलावली, छोटा नाहरपुरा में, 28 अप्रैल को कडवापाडा, खालखण्डवी में, 29 अप्रैल को जामनीया, माण्डली, मालखण्डवी, झापादरा में, 30 अप्रैल को कचलदारा, खच्चरटोडी, ईटावा, पचंपिपलीया में, 1 मई को पिपलोदाबडा, नागनवाट बडी, जामदा, गोपालपुरा में एवं 2 मई को रामपुरा, तांदलादरा, राजपुरा एवं देवीगढ में रथ भ्रमण कर किसानो को खेती संबंधी तकनीकी जानकारी देगे।


जिले मे अब तक 218271.50 क्विंटल गेहूॅ खरीदा गया, किसानो को 313855115.00 रूपये का हुआ भुगतान

झाबुआ । कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी श्रीराम बरडे ने बताया कि जिले में 21 खरीदी केन्द्रो पर किसानो से 15 मार्च से खरीदी प्रारंभ की गई है। जिले में 19 अप्रैल तक 218271.50 क्विंटल गेहॅू सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1625 रू. प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया एवं किसानो को ई. पेमेट के माध्यम से 31385511.00 रूपये का भुगतान किया गया।

किसानो को भुगतान अधिकतम 7 दिवस में
समर्थन मूल्य रू. 1625 प्रति क्ंिवटल के मान से किसानो को उपार्जित मात्रा पर देय राशि की कम्प्यूटराईज प्रिंटेट रसीद उपार्जन करने वाली संस्था द्वारा प्रदान की जाती है, जिसमें किसान का नाम, बैंक खाता क्रमांक तथा भुगतान योग्य राशि का विवरण होता है एवं इस रसीद पर उपार्जन संस्था के प्रभारी द्वारा हस्ताक्षर किये जाते है।
किसानो को उनके खाते में उपार्जित गेहूॅ की राशि जमा करने हेतु उपार्जन संस्था द्वारा किसानो के नाम की सूची, बैंक का नाम बैंक खाता क्र. भुगतान योग्य राशि का विवरण एवं संस्था का चेक/डीडी के साथ संबंधित सहकारी बैंक की शाखा में भेजी जाती है, यदि किसी किसान का खाता सहकारी बैंक में न हो तो संबंधित बैंक को भुगतान हेतु डीडी भेजा जाएगा। जिन सहकारी बैंको में कोर बैकिंग सुविधा उपलब्ध है उनके किसानो का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया जाएगा। उपार्जन करने वाली संस्था एवं महाप्रबंधक, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक सुनिश्चत करेगे कि किसानो के बैंक खाता में राशि अधिकतम 7 दिवस में जमा कर दी जाए।

किसान समस्या 181 पर बताये
प्रदेश के कृषकों द्वारा गेहूॅ उपार्जन से संबंधित अपनी समस्याएं राज्य सरकार के टोल फ्री नम्बर हेल्पलाईन नम्बर 181 पर कर सकेगे। हेल्पलाईन से प्राप्त होने वाली शिकायत/समस्याओं का निराकरण कराने का दायित्व जिला आपूर्ति नियंत्रक/अधिकारी का होगा। ऐसी समस्या जिनका समाधान शासन स्तर पर किया जाना हो, उनके बारे में प्रतिवेदन संचालनालय खाद्य के ई.मेल कपतविवक/उचण्दपबण्पद  पर भेजा जाएगा।

ग्राम  बेडदा  के आगजनी मे घायल को आर्थिक सहायता स्वीकृत
     
झाबुआ । ग्राम बेडदा तहसील पेटलावद में हुई आगजनी की घटना में घायल राहुल पिता राकेश निवासी ग्राम बेडदा तहसील पेटलावद को अतिसंकटापन्न स्थिति मे 2 लाख र्की आिर्थक सहायत स्वीकृत की गई है।

वित्त विकास निगम उपाध्यक्ष 22 अप्रैल को जिले के भ्रमण पर

झाबुआ । श्री भुजवलंिसह अहिरवार उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त ) म,प्र, राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल 22 अप्रैल को झाबुआ जिले के भ्रमण पर रहेगे।

बंदुक व तलवार से की हत्या 
        
झाबुआ । फरियादी वरसिंह पिता नाथू भुरिया उम्र 33 वर्ष निवासी भूतेडी ने बताया कि आरोपी धन्ना पिता थावरिया व अन्य-32 आरोपीगण निवासी भूतेडी ने एकमत होकर पुरानी जमींन विवाद को लेकर एवं 08 वर्ष पूर्व हरिसिंह को मार दिया था इसी बात को लेकर लटठ, तलवार, बंदूक से हमला किया जिसमें बाथु पिता पांगला भूरिया उम्र 55 साल को बंदूक व तलवार से बायी आंख के उपर, हाथ व कलाई पर चोंट पहुचा कर हत्या कर दी व बिच बचाव में 1. धनसिंह पिता थावरिया भूरिया 42 साल 2. सुरेश पिता धनसिंह भूरिया 20 साल  3. रेवन सिंह पिता बाथू सिंह भूरिया 21 साल 4. मदन पिता थावरिया भूरिया 23 साल निवासीगण भूतेडी को चोंटे आयी। प्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्रं. 69/17  धारा 147,148,149,294,323,324,307,302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

कुल्हाडी मार कर की सोये हुए की हत्या

झाबुआ । फरियादी कलसिंह पिता वेस्ता सिंगाडिया उम्र 22 साल निवासी टिमरवानी ने बताया कि मेरे पिता वेस्ता पिता ज्योति सिंगाडिया उम्र 55 साल को किसी अज्ञात व्यक्ति ने रात में घर के बाहर सोते समय कुल्हाडी जैसे हथियार से सिर में मारकर चोंट पहुचा कर हत्या कर दी। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रं. 174/17  धारा 302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण कर किया बलात्कार 
        
झाबुआ । पिडीता ने बताया की वह काकनवानी से अपने घर गणेशपुरा पैदल जा रही थी कि आरोपीगण सुरेश पिता जामसिंह, महेश पिता भलजी, तुरसिंह पिता वजेसिंह निवासीगण कचलदरा, विदु पिता हीरा, सुरेश पिता पेमला, राकेश पिता मुलजी निवासीगण लांबीसादर जीप लेकर आये व पिडीता के मुंह पर कपडा बांधकर जबरन उठाकर लांबीसादर ले गये व आरोपी सुरेश पिता जामसिंह लगातार जबरन बलात्कार करता रहा। गुम इंसान क्रं 12/17 की जांच पर से थाना काकनवानी में अपराध क्रं. 126/17 धारा 366,376(2)(एन),368,344 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

नाबालीग का हुआ अपहरण 
        
झाबुआ ।  फरियादिया कल्ला पति राधु सिंगाड उम्र 40 वर्ष निवासी रायपुरिया ने बताया कि मेरी लडकी मंजु उम्र 13 साल पेटलावद में शादी देखने गई थी जिसे अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं. 177/17  धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

आत्महत्या के दुष्प्रेरण का अपराध पंजीबद्ध
        
झाबुआ ।  आरोपी कलमसिंह पिता भूरसिंह चैहान उम्र 25 साल निवासी गुलाबपुरा द्वारा मृतक दरियावसिंह पिता मोटला अजनार उम्र 25 साल निवासी बलोला बडी को मानसिंक एवं शारीरिक रूप से प्रताडित किया जिस कारण किटनाशक दवाई पीकर आत्महत्या कर ली। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 315/17 धारा 306 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मोबाईल व नकदी कीचोरी

झाबुआ । फरियादी प्रदीप पिता सडिया मेडावत उम्र 22 साल निवासी सजेली सुरजी मोगजी सात ने बताया कि अज्ञात आरोपी फरियादी के घर में घुसा व अलमारी का ताला तोडकर सोने का बाजुबंद 30 ग्राम, एक मोबाईल व नगदी 7000 रूपयें चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रं. 135/17 धारा 457, 380 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब का अपराध पंजीबद्ध
         
झाबुआ । आरोपी हरिश पिता अमरसिंह गुर्जर उम्र 24 साल निवाासी खयडू बडी के अवैध कब्जे से 4800/-रू0 की शराब व मो. सा. जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 314/17 धारा 34-ए, 36 आब. अधि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सट्््टे का अपराध पंजीबद्व
        
झाबुआ ।  आरोपी मुन्ना पिता धुलिया खराडी अन्य-02 निवासीगण मकोडिरूा को अवैध रुप से हार जीत का सट्टा अंक पर्ची लिखते कब्जे से सट्टा पर्ची व नगदी 1170/-रु. जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं. 178/17 धारा 4-क धुत अधि. का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।    

विशेष आलेख : आडवाणी पर जिन्ना की साढ़ेसाती !!

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राष्ट्रपति के दौड़ में सबसे आगे चल रहे लालकृष्ण आडवाणी पर एक बार फिर जिन्ना की काली छाया मंडराने लगी है। यह वहीं जिन्ना है जिसके मजार पर आडवाणी फूट-फूट कर रोएं। इसके बाद तो साढ़ेसाती की ऐसी छाया पड़ी कि न सिर्फ वह पार्टी से अलग-थलग पड़ गए, बल्कि प्रधानमंत्री बनने की ललक भी धरी की धरी रह गयी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति बनने के ख्वाब को पलीता लग गया है। ऐसे में सवाल तो यही है क्या आडवाणी को किनारे लगाने की साजिश तो नहीं? या फिर श्रीराम के लिए लालकृष्ण आडवाणी, उमाभारती का सियासी बलिदान है? ये ऐसे सवाल है जो राजनीतिक गलियारों के आवोहवा में तैर रहे है 




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बेशक, भाजपा अगर आज यहां तक पहुंची है तो उसकी नींव राम जन्म भूमि आंदोलन ही है, जिसके सूत्रधार लाल कृष्ण आडवाणी ही थे। यह अलग बात है कि बाबरी विध्वंस के बाद आरोपी बनाएं जाने पर आडवाणी जिन्ना के मजार पर पहुंचकर छबि बेदाग करने की कोशिश  की, लेकिन उनका यह दांव उल्टा पड़ गया। यही से उनके राजनीतिक पतन की पटकथा लिखा जाने लगा। हालांकि संघ के रहमो करम पर वह उप प्रधानमंत्री तो बन गए, लेकिन उनका खोया हुआ आत्मसम्मान नहीं लौट सका। राम जन्म भूमि आंदोलन के कर्ताधर्ता अशोक सिंघल ने उनके राजनीतिक कद में ऐसा पलीता लगाया कि वह आज तक उबर नहीं सके। जिन्ना की मजार पर मत्था टेकने के हवाला देकर सिंहल यह साबित करने में सफल रहे कि आडवाणी सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक हिंदू हैं। आडवाणी का राम जन्म भूमि से कोई मतलब नहीं है। वह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते मंदिर आंदोलन से जुड़े हैं। हालांकि सिंघल के इस बयान पर आडवाणी ने अपनी छबि बताने के लिए कई चालें चली, लेकिन संघ और विहिप की निगाह में अच्छे साबित नहीं हो सके, उल्टे सिंघल से तकरार बढ़ती गयी। यह तकरार इस कदर बढ़ी कि जब मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनवाने की पहल शुरु हुई तो सिंहल सबसे आगे रहे और संत समाज से लेकर संघ और भाजपा नेताओं को मोदी के पक्ष में खड़ा कर दिया। मोदी आज संघ, विहिप समेत भाजपा के एजेंडे पर चल रहे है। विकास और राष्ट्रवाद का मोदी ने ऐसा ताना-बुना है कि 2019 का लोकसभा चुनाव भी उनके पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है। क्योंकि अब तक उिनके सामने मजबूत विपक्ष दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है। 

फिरहाल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक बहस इस बात को लेकर तेज हो गयी है कि राष्ट्रपति के घुडदौड़ में सबसे आगे चल रहे लालकृष्ण आडवाणी की राजनीतिक कद और काठी किस मुहाने पर खड़ी होगी। या फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका देकर वह कोई तरकीब निकालेंगे?। हो जो भी लेकिन इतना तो तय है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लाल कृष्ण आडवाणी के राजनीतिक जीवन का पटाक्षेप होता दिख रहा है। जिंदगी लोगों को दोबारा मौका कम ही देती है। आडवाणी को कई मौके मिले। 2005 में पाकिस्तान के दौरे से लौटने के बाद साफ इबारत लिखी थी कि संघ और भाजपा में अब उनका स्वागत नहीं है। उन्होंने पद छोड़ने का मन बनाया पर तत्कालीन उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की सलाह पर रुक गए और उसके बाद से अपनों से ही अपमानित होते रहे। 2009 में और फिर 2013 में उनको फिर अवसर मिला कि वे अपनों द्वारा सम्मानित हों पर उन्होंने दूसरा रास्ता चुना। अब वह ऐसे मोड़ पर आ खड़े है जहां उनका पूरा राजनीतिक भविष्य ही दांव पर लग गया है। इसी साल जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। आडवाणी और जोशी के नाम की चर्चा थी। लेकिन अब लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की राष्ट्रपति पद की नैतिक दावेदारी छिन जाएगी, क्योंकि जब तक फैसला होगा उससे बहुत पहले राष्ट्रपति का चुनाव हो जाएगा। यह अलग बात है कि आडवाणी एक-दो नहीं कई बार कह चुके हैं कि देश ने उन्हें जो स्नेह दिया है वह किसी भी पद से बढ़ कर है। फिर चेहरों पर चिंता क्यों? शायद इसलिए कि जो हुआ वह क्यों हुआ और कैसे हुआ? इसको लेकर चर्चाओं में जिस तरह आडवाणी का नाम रहा है, वह व्यथित करने वाला है। तो क्या राम मंदिर आंदोलन की परिणति आडवाणी को आज इस मुकाम पर ले आई है? आडवाणी कहते हैं- मंदिर आंदोलन ने भारतीय राजनीति की दिशा और दशा बदल दी। मेरी राजनीत के लिए भी यह टर्निंग प्वाइंट रहा। 

हालांकि आडवाणी अभी दोषी करार नहीं दिए गए है। इसलिए कानूनी तौर पर राष्ट्रपति उम्मींदवार हो सकते हैं, लेकिन नैतिकता के तौर पर नहीं। क्योंकि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। यहां सभी संप्रदाय समान है। ऐसे में यदि किसी के खिलाफ भड़काउ भाषण और विवादित धार्मिक ढ़ाचा गिराने की साजिश का आरोप हो तो वह धर्म निरपेक्षता के विपरीत है। सवाल अगर राष्ट्रपति का है तो यहां नैतिकता का सवाल अहम हो जाता है। क्योंकि ऐसे लोगों को यह चुनाव नहीं लड़ना चाहिए जिनके उपर आरोप हो कि दो समुदायों में नफरत फैलाने के नजरिए से भड़काउ भाषण दिया गया। जबकि राष्ट्रपति पद की गरिमा है और इस तरह के आरोपों से घिरे व्यक्ति का चुनाव लड़ना नैतिकता के खिलाफ है। खासकर यह नैतिकता तब और बढ़ जाती है जब यह आरोप देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ की हो। यह अलग बात है कि इस केस में दो साल बाद सजा हो या न हों। लेकिन इसके परिणाम देश में हिंदुत्व राजनीति की धार और तेज होगी, से इंकार नहीं किया जा सकता। उमा भारती के बयान से इसके लक्षण दिखने भी लगी है। उमा भारती ने साफ शब्दों में कहा है कि सब खुल्लम खुल्ला किया, मंदिर बनेगा और कोई उसे रोक नहीं सकता। मतलब साफ है कि आने वाले दो वर्षों तक फिर राम मंदिर राजनीतिक मुद्‌दा बनेगा। इसमें धर्मनिरपेक्ष दलों और ताकतों की स्थिति सांप छछूंदर जैसी होनी है। वे चाहकर भी इस मुद्‌दे की उपेक्षा कर नहीं सकते। वैसे भी जनता भी मंदिर निर्माण के पक्ष में है। 


अगर भाजपा नेता आपराधिक साजिश के दोषी हुए तो जेल जाने तक की सजा संभव है। और यह फैसला उसी साल आ सकता है जिस साल लोकसभा चुनाव होने हैं, यानी 2019। कहा जा सकता है 2019 में एकबार फिर चुनावी केन्द्र बिन्दु श्रीराम मंदिर निर्माण होगा। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ‘अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या नहीं, अयोध्या में राम मंदिर था या नहीं‘ से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को हिंदू कारसेवकों ने तोड़ दी थी। इसको लेकर दो एफआईआर दर्ज हैं, जिसमें एक में उमा भारती और बीजेपी और वीएचपी के 21 बड़े नेता शामिल हैं। आज उनमें से कई की मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट के इस फैसले का सर्वाधिक मजबूत कड़ी यह है कि इससे मुस्लिमों में कोर्ट के प्रति आदर बढ़ेगा, साथ ही यह भ्रम भी टूटेगा कि सीबीआई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दबाव में हैं। खासकर इसका सर्वाधिक फायदा उस वक्त मिलेगा जब मंदिर निर्माण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आयेगा। क्योंकि फैसला जिस किसी के भी हक में जाएं, माना जायेगा कि कोर्ट ने सही निर्णय दिया है। हालांकि अभी सीबीआइ द्वारा कोर्ट में साबित करना है कि भाजपा और विहिप आरोपी नेता विवादित ढांचा गिराने के षड़यंत्र के दोषी हैं या नहीं? 

बता दें, 6 दिसंबर, 1992 को देश भर से हजारों कार सेवक अयोध्या पहुंचे थे। विहिप, बजरंग दल सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेता अयोध्या में मौजूद थे। सुबह करीब साढ़े दस बजे का वक्त था जब हजारों कार सेवक हजारों पुलिस वालों की मौजूदी में विवादित ढांचे तक पहुंच गये। हर किसी की जुबां पर उस वक्त जय श्री राम का ही नारा था। विवादित ढांचे तक पहुंचने के साथ ही भीड़ उन्मादी हो चुकी थी। इस वक्त तक ढांचे की सुरक्षा को खतरा पैदा हो चुका था। ढांचे के आसपास करीब एक लाख कार सेवक पहुंच चुके थे। अयोध्या में स्थिति भयानक हो चुकी थी। पुलिस के आला अधिकारी मामले की गंभीरता को समझ रहे थे लेकिन गुंबद के आसपास मौजूद कार सेवकों को किसी को रोकने की हिम्मत किसी में नहीं थी। मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का साफ आदेश था कि कार सेवकों पर गोली नहीं चलेगी। तत्कालीन एसएसपी अखिलेश मेहरोत्रा बताते हैं कि हर किसी को अनहोनी की आशंका हो चुकी थी। अयोध्या पहुंचने वाले तमाम रास्ते बंद कर दिये गये। बाकी जो कार सेवक रास्ते में थे उन्हें वहीं रोक दिया गया। इसके बाद जैसे जैसे दिन चढ रहा था भीड़ उन्मादी होकर विवादित ढांचे को तोड़ने की तैयारी कर रही थी। वहां मौजूद हजारों पुलिस वालों में से किसी को रोकने की हिम्मत नहीं थी। अयोध्या में सुरक्षा के लिहाज से उस दिन दस हजार से ज्यादा पुलिस वाले लगाए गए थे। अयोध्या के तत्कालीन एसएचओ पीएन शुक्ला ने बताया कि भीड़ में हर कोई गुंबद को तोड़ने में नहीं जुटा था लेकिन माहौल ही ऐसा हो गया था कि उन्मादियों को वहां मौजद हर शख्स का मानो समर्थन मिल रहा था। दोपहर के तीन बजकर चालीस मिनट पर पहला गुंबद भीड़ ने तोड़ दिया और फिर 5 बजने में जब पांच मिनट का वक्त बाकी था तब तक पूरा का पूरा विवादित ढांचा जमींदोज हो चुका था। भीड़ ने उसी जगह पूजा अर्चना की और राम शिला की स्थापना कर दी। हजारों पुलिस वालों की मौजूदगी में करीब डेढ लाख लोगों की भीड़ इस घटना की गवाह बनी। बाद में तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने इस घटना को अपने लिए खुशी का दिन बताया। इस घटना ने देश की राजनीति उसी दिन से बदलकर रख दी। 6 दिसंबर को विवादित ढांचा गिरा और इसके बाद केंद्र सरकार ने कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त कर दी थी। 




(सुरेश गांधी)

सरकार जनता की शिकायतों का निराकरण करने के लिए सोशल मीडिया का कर रही है इस्तेमाल : नायडू

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि जब जनता की शिकायतों का निराकरण करने की बात आती है तो सोशल मीडिया का इस्तेमाल सरकार के लिए शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। आवास एवं शहरी विकास मंत्री नायडू ने यहां माइंडमाइन शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘सोशल मीडिया के जरिए जनता की शिकायतों का निवारण हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। दरअसल, हमारे प्रधानमंत्री के इंस्टाग्राम पर सर्वाधिक फॉलोवर हैं। इस मामले में उनके फॉलोवर अमेरिकी राष्ट्रपति से भी अधिक हैं।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा समय बाधा का युग है, जो इस सरकार की नीति निर्माण प्रक्रिया में भी शामिल है। मंत्री ने कहा, ‘‘दरअसल, जिस तरीके से हमारे प्रधानमंत्री काम करते हैं, उसके लिए ‘डिसरप्शन’ शब्द सबसे बेहतर है। जहां नोटबंदी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और वित्तीय लेन-देन के डिजिटलीकरण को सुनिश्चित करने का प्रयास है, वहीं जीएसटी एक क्रांतिकारी बदलाव है जो एकल कर व्यवस्था को लागू करेगा।’’ उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान माध्यम और वित्तीय समावेशन भारतीयों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सुनिश्चित करेगा और उन्हें औपचारिक वित्तीय व्यवस्था में लाएगा।


मोदी, पेटीएम संस्थापक ‘टाइम’ के सर्वाधिक 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल

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न्यूयार्क, 20 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पेटीएम के संस्थापक विजय शंकर शर्मा को टाइम पत्रिका की इस साल के लिए जारी ‘दुनिया के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों ’ की सालाना सूची में जगह मिली है। इस सूची में सिर्फ दो भारतीय ही शामिल हैं। पत्रिका ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा मे को भी अपनी सूची में जगह दी है। इस सूची में दुनिया भर के कलाकारों, नेताओं और प्रमुख हस्तियों को जगह मिली है जिन्हें उनके नवोन्मेष, उनकी महत्वाकांक्षा, समस्याओं को हल करने में उनकी प्रतिभा को लेकर सम्मानित किया गया है। मोदी :66: का प्रोफाइल लेखक पंकज मिश्रा ने लिखा है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की कल्पना से भी काफी पहले मई 2014 में मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बन गए। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम विरोधी हिंसा में उनकी संदिग्ध भूमिका को लेकर कभी अमेरिका ने उन पर पाबंदी लगा दी थी और स्वदेश में भी उनका राजनीतिक रूप से बहिष्कार किया गया था। लेकिन इस हिंदू राष्ट्रवादी ने परंपरागत मीडिया को पीछे छोड़ते हुए ट्विटर का इस्तेमाल किया और वैश्विकरण में पीछे छूटता महसूस कर रहे लोगों से सीधे तौर पर बात की। उन्होंने स्वार्थी संभ्रांत वर्ग को हटाकर भारत को फिर से महान बनाने का वादा किया। प्रोफाइल में कहा गया है कि सत्ता में आने के करीब तीन साल बाद भारत की आर्थिक, भू राजनीतिक और सांस्कृतिक सर्वोच्चता के बारे में मोदी की दूरदृष्टि साकार होने से कोसों दूर है। लेकिन हिंदू राष्ट्रवादियों का उनका विस्तारित परिवार धर्मनिरपेक्ष और उदार बुद्धिजीवियों तथा गरीब मुसलमानों को बलि का बकरा बना रहा है। इसमें कहा गया, ‘‘फिर भी मोदी का आभामंडल कम नहीं हुआ है। वह राजनीतिक रूप से आकषिर्त करने, डर की भावना से खेलने और नीचे धकेल दिए जाने या अवरूद्ध गतिशीलता का सामना कर रहे लोगों की सांस्कृतिक असुरक्षा से खेलने की कला में माहिर हैं। उत्तर प्रदेश में शानदार चुनावी जीत ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि निर्वाचित शक्तिशाली लोग संभ्रांत वर्ग के खिलाफ वैश्विक विद्रोह का फायदा उठाने वालों में प्रमुख हैं।

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