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दिल्ली विस चुनाव इस साल के अंत तक होना तय : शांति भूषण

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, स्वराज इंडिया मार्गदर्शक मंडल के अध्यक्ष और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने दावा किया है कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव इसी साल होना निश्चित है। श्री भूषण ने आज स्वराज इंडिया के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा में अपने सदस्य भेजने की मंशा कभी पूरी नहीं होगी। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए दिल्ली विधानसभा का चुनाव इसी साल में होना निश्चित नजर आ रहा है। दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटें है। फिलहाल इन पर कांग्रेस के डॉ. कर्ण सिंह, जर्नादन द्विवेदी और परवेज हाशमी सांसद है। इनका कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है, किन्तु आप पार्टी की राज्यसभा में अपने सदस्य भेजने की मंशा कभी भी पूरी नहीं होगी । आप से निष्कासित और अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी योगेन्द्र यादव ने स्वराज इंडिया का गठन किया है और पार्टी ने दिल्ली के तीनों निगमों के चुनाव में लगभग सभी वार्डों पर अपने उम्मीदवार उतारे । श्री भूषण ने कहा कि तीनों निगमों के कल आने वाले चुनाव परिणाम कैसे भी हों लेकिन स्वराज इंडिया एक दिन देश की स्वच्छ और मजबूत पार्टी बनकर उभरेगी। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि दिल्ली निगमों के चुनाव श्री केजरीवाल का निजी तौर पर जनमत संग्रह है और यदि उनकी पार्टी एमसीडी चुनाव में हारती है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिये । उन्होंने कहा कि एमसीडी चुनाव में आप पार्टी ने केवल श्री केजरीवाल के नाम पर वोट मांगे । ऐसे में यदि पार्टी विजयी नहीं होती तो नैतिकता के आधार पर श्री केजरीवाल को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।


भारत ने जारी किया नया संयुक्त सामरिक सिद्धांत

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, एशिया में बढ़ते सामरिक तनाव और चीन द्वारा युद्ध के लिये कमर कसने की रिपोर्टाें के बीच भारत ने आज यहां अपनी तीनों सेनाओं एवं साइबर विशेषज्ञों के समन्वित इस्तेमाल से दुश्मन की किसी भी चुनौती से निपटने वाले नये संयुक्त सामरिक सिद्धांत काे आज जारी किया। तीनों सैन्य प्रमुखों की समिति के अध्यक्ष नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने संशोधित भारतीय सशस्त्र सेनाओं का संयुक्त सामरिक सिद्धांत-2017 को यहां जारी किया। इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोआ भी मौजूद थे। एडमिरल लांबा ने कहा कि सशस्त्र सेनाओं की ‘संयुक्तता एवं एकजुटता’ आज के समय में जीवन के सबसे आवश्यक अंगों में से एक है इसलिए इस सिद्धांत को जारी करने का इससे बढ़िया समय कोई और नहीं हो सकता था। संयुक्त सामरिक सिद्धांत देश की सैन्य ताकत, दक्षता को बढ़ाने, संसाधनों का अधिकतम उपयोग एवं वित्तीय बचत को सुनिश्चित करने वाला भारतीय सशस्त्र सेनाओं का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। इससे संघर्ष के सभी डोमेन- भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष एवं साइबर स्पेस, में सशस्त्र सेनाओं द्वारा संयुक्त रूप से योजना बना कर अभियान चलाने को लेकर सैद्धांतिक अवधारणाओं का एक व्यापक फ्रेमवर्क स्थापित होगा। यह तीनों सेनाओं के लिये एक दिशानिर्देशक दस्तावेज़ के रूप में बहुत उपयोगी होगा। उल्लेखनीय है कि भारत ने नये संयुक्त सामरिक सिद्धांत को ऐसे समय जारी किया है जब एशिया में सैन्य टकराव की स्थितियां गहरा रहीं हैं। उत्तर कोरिया और प्रशांत महासागर में अमेरिकी युद्धक बेड़े के बीच तनाव चरम पर है। सीरिया में अमेरिका एवं रूस के बीच सीधे टकराव के हालात बन रहे हैं। अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा सबसे बड़ा गैरपरमाणु बम गिराये जाने के बाद के हालात और इसी बीच चीन के राष्ट्रपति द्वारा अपनी सेना को किसी भी वक्त युद्ध के लिये तैयार रहने का निर्देश दिया जाना इस महाद्वीप की शांति एवं स्थिरता में खलल आने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इन परिस्थितियों में भारत की सैन्य तैयारियों को भी चाक चौबंद करना समय की मांग है।

डायरीगेट मामला: रंजीत सिन्हा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले की जांच प्रभावित करने के मामले में अपने ही पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ आज प्राथमिकी दर्ज की। उच्चतम न्यायालय ने डायरीगेट मामले में जुलाई 2015 में जाने-माने वकील प्रशांत भूषण की शिकायत पर श्री सिन्हा के खिलाफ जांच का जिम्मा विशेष निदेशक एम एल शर्मा को सौंपा था। सुनवाई के दौरान श्री भूषण ने अदालत में श्री सिन्हा के सरकारी आवास पर आने-जाने वाले लोगों की जानकारी संबंधी डायरी भी अदालत में पेश की थी। जांच एजेंसी के इतिहास में यह दूसरी बार है कि जब सीबीआई ने अपने ही किसी पूर्व निदेशक के खिलाफ आरोपों के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की है। जांच एजेंसी ने गत फरवरी में पूर्व निदेशक ए. पी. सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उनके खिलाफ धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोपी मांस कारोबारी मोईन कुरैशी को मदद करने का आरोप था। श्री सिन्हा वर्ष 2012 से 2014 तक सीबीआई के निदेशक रहे थे और उन पर आरोप है कि इस दौरान उन्होंने कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात की थी, जिसमें कुछ राजनेता और कुछ कारोबारी शामिल थे। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि वह इस बात से प्रथम दृष्टया संतुष्ट है कि श्री सिन्हा ने अपने पद का दुरुपयोग किया था।

मैसी के बिना क़्वालिफिकेशन मुश्किल : माराडोना

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ब्यूनस आयर्स, 25 अप्रैल, अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का मानना है कि स्टार खिलाड़ी लियोनल मैसी के बिना अर्जेंटीना के लिए रूस में अगले साल होने वाले विश्व कप में जगह बनाना बहुत मुश्किल काम होगा। मैसी पर एक मैच अधिकारी को अपमानित करने के कारण चार मैचों का प्रतिबंध लगा हुआ है। मैसी पर यह प्रतिबंध बोलीविया के खिलाफ क्वालीफ़ायर मैच से कुछ घंटे पूर्व लगाया था। अर्जेंटीना वह मैच हार गया था। अर्जेंटीना के विश्व कप विजेता खिलाडी माराडोना ने कहा “हम फंस चुके हैं। मैसी के बिना क्वालिफिकेशन बहुत मुश्किल है। ” ब्राज़ील में हुए पिछले विश्व कप में अर्जेंटीना उपविजेता रहा था और इस समय वह दक्षिण अमेरिकी क्वालिफिकेशन ग्रुप में पांचवें नंबर पर है। इस ग्रुप से चार शीर्ष टीमों को विश्व कप में सीधे प्रवेश मिलना है जबकि पांचवें नंबर की टीम को दो इंटर कॉन्टिनेंटल प्लेऑफ में से एक खेलना होगा। ग्रुप में शीर्ष पर मौजूद ब्राज़ील ने विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई कर लिया है। अर्जेंटीना के दूसरी तरफ 22 अंक हैं। बोलीविया से हारने के बाद अर्जेंटीना ने अपने कोच बौजा को बर्खास्त कर दिया है लेकिन अभी तक नए कोच की घोषणा नहीं की है। यदि अर्जेंटीना क्वालीफाई नहीं कर पाता है तो 1970 के बाद यह पहला मौका होगा जब विश्व कप दो बार के चैंपियन के बिना खेला जाएगा। 

टीम का चयन नहीं, बीसीसीआई पुराने राजस्व मॉडल पर अड़ी

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने एक जून से इंग्लैंड में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्राफी के लिये अभी तक टीम की घोषणा नहीं की है और वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(अाईसीसी) से पुराने बिग थ्री राजस्व मॉडल के तहत अपनी हिस्सेदारी मांग रहा है।  मंगलवार चैंपियंस ट्राफी के लिये टीमें घोषित करने का आखिरी दिन है और बीसीसीआई ने अब तक टीम की घोषणा नहीं की है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत आईसीसी चैंपियंस ट्राफी के लिये अपनी टीम की घोषणा को आईसीसी बोर्ड की दुबई में 27 और 28 अप्रैल को होने वाली बैठक तक टाल सकता है। भारतीय बोर्ड आईसीसी में बिग थ्री फार्मेट में अपने पुराने राजस्व पर अड़ा हुआ है जिसकी स्थापना 2014 में की गयी थी। नये राजस्व मॉडल के तहत बीसीसीआई को 29 करोड़ डॉलर की हिस्सेदारी की पेशकश की गयी है लेकिन बीसीसीआई ने आईसीसी के पूर्ण सदस्यों को बताया है कि वह अपनी 57 करोड़ डॉलर की हिस्सेदारी चाहता है जो पुराने राजस्व मॉडल में थी। आईसीसी के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने बीसीसीआई द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के साथ पिछली बातचीत में भारतीय बोर्ड को अतिरिक्त 10 करोड़ डॉलर देने की पेशकश दी थी जिससे बीसीसीआई की हिस्सेदारी 40 करोड़ डॉलर पहुंच जाती। लेकिन बीसीसीआई ने इस पेशकश काे ठुकरा दिया है। 


आईसीसी की बैठक में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करने जा रहे उसके सचिव अमिताभ चौधरी ने नौ अन्य पूर्ण सदस्यों के साथ बातचीत करने के बाद कहा कि बीसीसीआई अपनी 57 करोड़ डॉलर की हिस्सेदारी चाहता है लेकिन इसके साथ ही शेष पूर्ण सदस्यों की हिस्सेदारी भी कम नहीं होनी चाहिये। राजस्व बांटने की इस लड़ाई में चैंपिंयस ट्राफी के लिये भारतीय टीम की घोषणा में विलंब हो सकता है और बीसीसीआई चैपियंस ट्राफी में भारत की भागीदारी को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल भी कर सकता है। हालांकि सीओए ने चौधरी को नरम रूख रखने की सलाह दी है लेकिन समझा जाता है कि चौधरी इस सलाह के विपरीत काम करेंगे। आईसीसी को अपना नया वित्तीय मॉडल मंजूर कराने और कुछ अन्य सुधार लाने के लिये बीसीसीआई की सहमति की पूरी जरूरत है। इस बीच यह समझा जाता है कि बीसीसीआई ने आईसीसी के पूर्ण सदस्यों को कहा है कि इन सुधारों को जून के बाद तक के लिये टाल दिया जाए। 

भारतीय गोलकीपर सुब्रत पाॅल डोप में फेल

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, अनुभवी भारतीय गोलकीपर सुब्रत पाॅल राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी(नाडा) के डोपिंग परीक्षण में विफल होने के बाद परेशानी में घिर गये हैं और अब वह अपने बी सैम्पल की जांच कराएंगे। अनुभवी फुटबालर को नाडा के 18 मार्च को किये गये परीक्षण में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का दोषी पाया गया है। उनके ए नमूने की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। अखिल भारतीय फुटबाल संघ(एआईएफएफ) को भी नाडा ने इससे अवगत करा दिया है। बताया जा रहा है कि पॉल का ए सैम्पल पाजिटिव पाया गया है। पाॅल पर करीब चार वर्ष का प्रतिबंध लगने की संभावना है। हालांकि खुद को निर्दोष बता रहे पाॅल ने अब अपने बी सैम्पल की जांच कराने की बात कही है। भारतीय खिलाड़ी ने कहा है कि वह पूरी तरह से निर्दाेष हैं और उन्होंने कभी भी प्रतिबंधित दवाओं का सेवन नहीं किया है। वह इसे साबित करने के लिये निश्चित ही बी नमूने की जांच को तैयार हैं। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि सुब्रत को एआईएफएफ ने निलंबित किया है या नहीं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय फुटबाल महासंघ(फीफा) के नियमानुसार कोई भी खिलाड़ी यदि डोप परीक्षण में विफल होता है तो परिणाम के एक सप्ताह के भीतर ही उसे निलंबित किये जाना अनिवार्य होता है। 


स्पाइडरमैन के नाम से मशहूर 30 वर्षीय पॉल का कंबोडिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दोस्ताना मैच से पूर्व मुंबई में परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण नाडा के अधिकारियों ने किया था। पॉल ने वर्ष 2007 में भारतीय टीम में पदार्पण किया था और राष्ट्रीय टीम की ओर से 64 मैचों में खेल चुके हैं। अर्जुन अवार्डी पाॅल फिलहाल आई लीग में डीएसके शिवाजियंस के लिये खेलते हैं। इससे पहले फुटबालर अरूण मल्होत्रा, निशांत मेहरा और डेन पिएरा भी डोप टेस्ट में फेल होने के कारण निलंबन झेल चुके हैं। इस बीच एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने इस खबर की पुष्टि करते हुये कहा“ नाडा ने पाॅल के मूत्र का नमूना 18 मार्च को लिया था जब भारतीय टीम मुंबई में राष्ट्रीय कैंप के लिये रवाना होने वाली थी। उस दौरान पाॅल के अलावा बाकी खिलाड़ियों की भी जांच की गयी थी।” 

इरफान को भी मिला खरीददार, गुजरात लायंस ने किया अनुबंधित

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के बाद अब अनुभवी आलराउंडर इरफान पठान को भी को भी आईपीएल 10 में खेलने का मौका मिल रहा है। उन्हें गुजरात लायंस ने टीम के स्टार खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो के बाहर होने के बाद बचे हुए सत्र के लिये अपनी टीम में शामिल किया।  ब्रावो पिछले मैच में लगी हैमस्ट्रिंग चोट की वजह से पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। इरफान इस सत्र के लिये फरवरी में हुयी नीलामी में 50 लाख के बेस प्राइज पर अनसोल्ड रहे थे। उन्हें कोई खरीददार नहीं मिला था। 32 वर्षीय इरफान ने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज पर गुजरात लायंस की जर्सी के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए यह जानकारी दी। 102 आईपीएल मैचों का अनुभव रखने वाले इरफान इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब, सनराइज़र्स हैदराबाद और राइज़िंग पुणे सुपरजाएंट्स के लिये खेल चुके हैं। इरफान ने आईपीएल में गेंदबाजी में अब तक 80 विकेट लिये हैं जबकि बल्ले से उन्होंने 120 के स्ट्राइक रेट से 1137 रन भी बनाए हैं। पिछले सत्र में पुणे के लिए खेलते हुए वह कोई भी कमाल नहीं दिखा सके थे और तीन मुकाबलों में उन्होंने महज़ 11 रन बनाए थे। उल्लेखनीय है कि गुजरात लायंस के लिए यह सत्र अच्छा नहीं रहा है और उन्होंने अब तक खेले कुल सात मैचों में से दो मैच अपने नाम किए हैं। 

गांधी पैनोरमा फिल्‍म महोत्‍सव शुरु, नीतीश ने विरासत यात्रा को किया रवाना

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पटना 25 अप्रैल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चंपारण सत्‍याग्रह शताब्‍दी वर्ष के मौके आज गांधी पैनोरमा फिल्‍म महोत्‍सव का उद्घाटन करने के साथ ही विरासत यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री कुमार ने राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग के अतंर्गत बिहार राज्‍य फिल्‍म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित गांधी पैनोरमा फिल्‍म महोत्‍सव का उद्घाटन किया। मुख्‍यमंत्री ने इस दौरान विरासत विकास समिति द्वारा पूरे वर्ष आयोजित होने वाली विरासत यात्राओं के लिए विशेष रुप से तैयार की गयी बस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह बस पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा गए स्‍थानों और चंपारण सत्‍याग्रह से संबंधित जगहों पर जाएगी। 


गांधी पेनोरमा फिल्‍म महोत्‍सव पटना (25 अप्रैल से 27 अप्रैल) के अलावा मुजफ्फरपुर (19 अप्रैल से 01 मई), मोतिहारी (03 मई से 05 मई), बेतिया (07 मई से 09 मई), गया (11 मई से 13 मई) और हाजीपुर में (15 मई से 17 मई) भी आयोजित की जाएगी। महोत्सव के दौरान कुल 12 फिल्‍में दिखाई जाएंगी, जिनमें शॉर्ट फिल्‍म, डॉक्‍यूमेंट्री फिल्‍म और फीचर फिल्‍म दिखाई जाएगीं। वे फिल्‍में हैं - राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी पर आधारित फिल्‍म ‘गांधी माई फादर’, ‘बापू ने कहा था’, ‘रोड टू गांधी’, ‘क्षमा’, ‘फीचर फिल्‍म - मेकिंग ऑफ महात्‍मा गांधी’, ‘फीचर फिल्‍म – लगे रहो मुन्‍ना भाई’, ‘फीचर फिल्‍म – मैंने बापू को नहीं मारा’, ‘सेवाग्राम’, ‘महात्‍मा गांधी’, ‘साबरमती आश्रम’, ‘फीचर फिल्‍म – रोड टू संगम’ और ‘विल महात्‍मा बोर्न अगेन’। महोत्‍सव के पहले दिन शॉर्ट फिल्‍म ‘क्षमा’ और एक डॉक्‍यूमेंट्री फिल्‍म ‘द मेकिंग ऑफ द गांधी’ का प्रदर्शित की गई। इस दौरान प्रथम दर्शक के रूप में मुख्‍यमंत्री , विभाग के मंत्री शिवचंद्र राम समेत अन्‍य पदाधिकारी एवं गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने फिल्‍म देखी। 

बिहार में अवैध खनन पर ड्रोन से रखी जायेगी नजर

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पटना 25 अप्रैल, बिहार में अवैध खनन के खिलाफ कमर कस चुकी नीतीश सरकार कानून तोड़ने वालों को सख्त सजा दिलाने और कई अन्य ठोस कदम उठाने के साथ अब निगरानी के लिए ड्रोन की भी मदद लेगी । राज्य के खनन मंत्री मुनेश्वर चौधरी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने पूरे प्रदेश में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए कई ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जायेगा । उन्होंने कहा कि सुदूर क्षेत्रों में निगरानी रखने में कठिनाई होती है लेकिन ड्रोन के जरिये अवैध खनन पर नजर रखी जा सकती है । श्री चौधरी ने कहा कि एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच अवैध खनन के खिलाफ 4663 छापेमारी कर 223 लोगों को गिरफ्तार किया गया । इस अवधि में अवैध खनन में लिप्त लोगों के खिलाफ 863 प्राथमिकी दर्ज की गयी और 16 करोड़ 31 लाख रूपये जुर्माने के रूप में वसूल किये गये । 


खनन मंत्री ने कहा कि राजस्व की हानि को रोकने के लिए खनन का पट्टा ई-ऑक्सन के जरिये दिया जायेगा और ई - चलान जारी करने का चलन शुरू किया जायेगा ताकि अवैध एवं अनियमित माल ढुलाई पर अंकुश लग सकेगा । उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1100 करोड़ रूपये के लक्ष्य के विरूद्ध 993.83 करोड़ रूपये राजस्व की वसूली की गयी जो लक्ष्य का 90.35 प्रतिशत है । उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये विभाग ने 1350 करोड़ रूपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है । श्री चौधरी ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा निर्देश के अनुसार ही खनन के लिए पट्टा दिया जाता है । उन्होंने कहा कि विभाग का कार्य राजस्व वसूली को सिर्फ बढ़ाना नहीं बल्कि खनन से पर्यावरण पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव को रोकना भी है । मंत्री ने कहा कि पूर्णिया बेसिन में राज्य सरकार ने तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग(ओएनजीसी) 2537 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हाइड्रोकार्बन की खोज के लिए पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति दी थी । उन्होंने कहा कि ओनजीसी ने बहादुगंज में कार्य भी शुरू कर दिया था लेकिन हाइड्रोकार्बन की उपलब्धता नहीं पाये जाने के कारण इसे रोक दिया गया । इसी तरह बेतिया बेसिन में भी 2227वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ओएनजीसी और टाटा को तेल और प्राकृतिक गैस की खोज के लिए अनुज्ञप्ति दी गयी थी लेकिन यहां भी उत्साह वर्द्धक परिणाम प्राप्त नहीं होने के कारण सर्वेक्षण कार्य बंद कर दिया गया। 

झारखंड में कई नवजात के शव मिले

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देवघर 25 अप्रैल, झारखंड में देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के डुमरथर इलाके से बड़ी संख्या में नवजात के शव मिलने का मामला प्रकाश में आया है।  आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मोहनपुर पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है। वहीं, उपायुक्त के निर्देश पर डॉक्टरों की टीम भी उक्त स्थल पर पहुंचकर जांच में जुटी है। बरामद किये गये सभी शवों का पोस्टमार्टम होगा, इसके बाद उनकी डीएनए सैंपलिंग भी की जायेगी। सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से डुमरथर के अलग-अलग इलाके में कई नवजात के शव मिले हैं। मामले की छानबीन की जा रही है। 

साबरमती विस्फोट कांड: वानी को जमानत पर रिहा करने का आदेश

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने साबरमती एक्सप्रेस रेलगाड़ी विस्फोट कांड की साजिश रचने के आरोपी एवं हिजबुल मुजाहिदीन के कथित कार्यकर्ता गुलजार अहमद वानी को इस वर्ष एक नवम्बर से जमानत पर रिहा कर देने का आज आदेश दिया। साबरमती एक्सप्रेस रेलगाड़ी में 2000 में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विस्फोट हुआ था और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व शोध छात्र वानी पर आरोप है कि इसने इस विस्फोट कांड की योजना बनायी थी। मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस में उस वक्त विस्फोट हुआ था, जब यह कानपुर के नजदीक थी। इस विस्फोट में दस व्यक्तियों की जान चली गयी थी। मुख्य न्यायाधीश जी एस केहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि श्रीनगर के पीपरकारी इलाके का निवासी वानी 16 साल से अधिक समय से लखनऊ जेल में है और 11 में से नौ मामलों में उसे बरी किया जा चुका है। अभी तक अभियोजन के 96 गवाहों में से सिर्फ 20 से ही जिरह हो सकी है। न्यायालय ने निचली अदालत को सभी आवश्यक गवाहों से 31 अक्टूबर तक जिरह पूरी कर लेने और हर हाल में वानी को एक नवम्बर से निचली अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। न्यायालय ने इस बात को लेकर भी आश्चर्य जताया कि वानी के सह आरोपी को 2001 में ही रिहा कर दिया गया था। वानी गिरफ्तारी के समय एएमयू में अरबी भाषा में पीएचडी कर रहा था।

विशेष आलेख : सड़कों पर मौत का सन्नाटा नहीं, जीवन का उजाला हो

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सड़क हादसों और उनमें मरने वालों की बढ़ती संख्या के आंकड़ों ने लोगों की चिंता तो बढ़ाई ही है लेकिन एक ज्वलंत प्रश्न भी खड़ा किया है कि नेशनल हाइवे से लेकर राज्यमार्ग और आम सड़कों पर सर्वाधिक खर्च होने एवं व्यापक परिवहन नीति बनने के बावजूद ऐसा क्यों हो रहा है? नई बन रही सड़कों की गुणवत्ता और इंजीनियरिंग पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। इस पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को गंभीरता से चिन्तन करना अपेक्षित है। सड़क हादसों में मरने वालों की बढ़ती संख्या ने एक महामारी एवं भयंकर बीमारी का रूप ले लिया है। आज जो संकेत हमें मिल रहे हैं, वे बेहद चिन्ताजनक है। हमें अपने आप को कहां रोकना है, कहां सुरक्षा की छतरी खोलनी है एवं कहां गलत खेल रोकना है, यह विवेक हमें अपने आप में जागृत करना ही होगा। हम परिस्थितियों और हालातों को दोषी ठहराकर बचने का बहाना कब तक ढंूढते रहेंगे? सोचनीय प्रश्न यह भी है कि आखिर हमने प्रतिकूलताओं से लड़ने के ईमानदार प्रयत्न कितने किए? इन प्रश्नों एवं खौफनाक दुर्घटनाओं के आंकडों में जिन्दगी सहम-सी गयी है। सड़कों पर मौत का सन्नाटा नहीं, जीवन का उजाला हो। सड़क दुर्घटनाओं पर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े दिल दहलाने वाले हैं। पिछले साल सड़क हादसों में हर घंटे 16 लोग मारे गए। दिल्ली तो रोड पर होने वाली मौतों के मामले में सबसे आगे रही जबकि उत्तर प्रदेश सबसे घातक प्रांत रहा। पिछले दस साल की अवधि में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में साढ़े 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि में आबादी में सिर्फ साढ़े 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कहीं विकास की गति हिंसक तो नहीं बनती जा रही है? ज्यादातर मौतें टू-व्हीलर की दुर्घटना में हुई हैं और तेज और लापरवाह ड्राइविंग उनका कारण रही है। ब्यूरो के अनुसार साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1 लाख 41 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। इनमें से एक तिहाई की मौत उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हुई।


तमिलनाडु में सड़क दुर्घटना के सबसे अधिक मामले हुए और सबसे अधिक लोग घायल भी हुए। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश का रहा। जबकि शहरों के मामले में 2,199 मौतों के साथ सबसे ज्यादा मौतें राजधानी दिल्ली में दर्ज हुई। चेन्नई 1,046 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर रहा और 844 मौतों के साथ जयपुर तीसरे नंबर पर रहा। सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और उनमें मरने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो संदेश ‘मन की बात’ में भी उसका जिक्र किया। उन्होंने दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई और लोगों की जान बचाने के लिए कदम उठाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सड़क परिवहन और सुरक्षा कानून बनाएगी तथा दुर्घटना के शिकारों को बिना पैसा चुकाए तुरंत चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सड़क दुर्घटनाओं की त्रासदी एवं महामारी का प्रकोप कितना तेजी से फैल रहा है और यह वर्तमान की सबसे घातक बीमारी बनती जा रही है। इस बात की पुष्टि गतदिनों एक प्रख्यात विशेषज्ञ-चिकित्सक से बातचीत में सामने आयी। डाॅक्टर से बात निश्चिय ही कोई राजनीति या समाजनीति पर नहीं होकर बीमारियांे व चिकित्सा पर ही होती है। चर्चा के दौरान प्रश्न हुआ कि अभी कौन-सी बीमारियां ज्यादा फैली हुई हैं जो मनुष्य जीवन के लिए खतरा बनी हुई हैं। हमने सोचा वे कैंसर व एड्स का ही नाम लेंगे। पर उन्हांेने जो कारण बताए वे वास्तविकता के ज्यादा नजदीक थे। उन्होंने बताया कि मौत के जो सबसे बड़े कारण बने हुए हैं, वे हैं सड़कों पर दुर्घटनाएं। दूसरे नम्बर पर है 30-35 वर्ष की उम्र के युवकों को हृदय रोग होना, जो कभी सोचा ही नहीं जाता था।  तीसरा है ब्रेन ट्यूमर, जिसकी संख्या भी बढ़ रही है। चैथा कारण है लाइलाज ‘कैंसर’।

उसकी इस टिप्पणी ने कुछ झकझोरा व नया सोचने को बाध्य किया। कुछ दिनों तक यह बात दिमाग से निकली नहीं। सड़कों पर दुर्घटनाएं सचमुच में बहुत बढ़ गई हैं। कारण अधिक यातायात। लाखों नए वाहनों का प्रतिवर्ष सड़कों पर आना। सड़क मार्गों की खस्ता हालत। नौसिखिए चालक। शराब पीकर वाहन चलाना। आगे निकलने की होड़। ट्रक ड्राइवरों की अनियमित एवं लम्बी ड्राइविंग, भारतीय ट्रकों की जर्जर दशा-ये सब कारण हैं। सवारी वाहनों में मान्य लोगांे से ज्यादा सवारियों को बैठा कर चलाना (ओवर क्राउडिंग) और मालवाही वाहनों में ओवर लोडिंग और जगह से ज्यादा रखी लोहे की सरियाँ इत्यादि भी सड़क दुर्घटनाओं के कारण बनते हैं। कुछ मार्गों पर विशेष जगहें हैं जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। उनके साथ अन्धविश्वास व अन्य कारण जुड़े हुए हैं। क्यों नहीं इन कारणों को मिटाने का प्रयास किया जाता है? राष्ट्रीय उच्चमार्गों पर विशेष रूप से नियुक्त यातायात पुलिस को सतर्कता व प्रामाणिकता से निरीक्षण करना चाहिए। जिन मोड़ांे पर या विशेष स्थानों पर ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं उतनी दूरी तक चार लाइनों का मार्ग बना देना चाहिए। निश्चित रूप से दुर्घटनाओं की संख्या में आशातीत कमी आएगी। कई जानें बचेंगी।

तेज रफ्तार और वाहन चलाने में लापरवाही दिल्ली में आए दिन लोगों की जान ले रही हैं। ऐसी ही एक घटना इसी बृहस्पतिवार सुबह भी सामने आई, जब कश्मीरी गेट इलाके में फुटपाथ पर सो रहे चार लोगों पर बारहवीं कक्षा के छात्र ने तेज रफ्तार कार चढ़ा दी। हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए। यह गंभीर चिंता का विषय है कि इस हादसे का आरोपी हाल ही में बालिग हुआ था और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। यानी वह सभी नियम-कानूनों को धता बताते हुए कार चला रहा था। ऐसे में यह घटना जहां यातायात नियमों के पालन के लिए जिम्मेदार यातायात पुलिस को कठघरे में खड़ा करती है, वहीं अभिभावकों की लापरवाही को भी रेखांकित करती है। आखिरकार हाल ही में बालिग हुए बेटे को, जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है, कार चलाने की अनुमति क्यों दी गई? अभिनेता सलमान जैसे व्यक्ति भी नशें में तेज गति से गाड़ी चलाते हुआ सड़क की पटरी पर सोये लोगों की मौत का कारण बने हैं। इन घटनाओं ने निरंतर बढ़ती सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं की तरफ ध्यान खींचा है लेकिन प्रत्येक 5 में से 2 सड़क दुर्घटनायें अत्यन्त तेज गति से वाहनों को चलाने के कारण होती है। लापरवाही एवं यातायात नियमों की अवहेलना से अनेक लोग अकाल मृत्यु के ग्रास बन जाते हैं। इन सब अकाल मौतों का कारण मानवीय गलतियाँ हैं अगर सुरक्षा के नियमों की अवहेलना न की जावे तो बहुत कीमती मानव जीवन को बचाया जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 12.5 लाख लोगों की मौत होती है। डब्ल्यूएचओ की सड़क सुरक्षा 2015 पर जारी वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क दुर्घटना विश्वभर में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है और मरने वालों में विशेष रूप से गरीब देशों के गरीब लोगों की संख्या में अविश्वसनीय रूप से वृद्धि हुई है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक विशाल अंतर उच्च आय वाले देशों को कम और मध्य आय वाले देशों से अलग करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन सालों में 79 देशों में दुर्घटनाओं में हुई मौतों की संख्या में कमी आई है, जबकि 68 देशों में इस संख्या में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनियाभर के 80 प्रतिशत देशों में बेचे गए कुछ वाहन बुनियादी सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं, विशेष रूप से कम और मध्य आय वाले देशों में। 


सड़कों पर पैदल चलने वाले लोगों की दुर्घटनाओं में अकाल मौत की संख्या भी काफी बढ़ी है। विशेषकर जैन साधु-साध्वियों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत की घटनाओं ने चिन्तित किया है। तीन दिन पहले 22 अप्रैल 2017 को ठाणे (महाराष्ट्र) में एक ट्रक ने दो जैन साध्वियों एवं उनके साथ की एक महिला को कुचल दिया। एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। पैदल चलने वालों की 12,536 मौतें हुईं इसमंे कारण बेतरतीब ढंग से सड़क पर वाहनों का चलना और दोनों तरफ से यातायात नियमों का न पालन करना होता है इसके अलावा पैदल चलने वालो के लिए सड़क के दोनों किनारों पर चैड़ी पटरी, गलियों और पैदल मार्गियों के लिए क्रॉसिंग का सब जगह होना जरूरी है। गुजरात सरकार राष्ट्रीय मार्गों के समानान्तर पैदल पथ निर्मित कर रही है। ऐसा सम्पूर्ण देश में लागू होना चाहिए। कुछ खतरे मनुष्य स्वयं बनाता है, कुछ प्रकृति के द्वारा, पर दोनों का स्त्रोत एक जगह जाकर मानव मस्तिष्क ही होता है। गफलत और प्रकृति से खिलवाड़...., खतरों का जन्म यहीं से होता है। कारण, जितने सुख-सुविधा के आविष्कार उतना विनाश, जितना अनियमित जीवन, उतनी बर्बादी, जितना प्रकृति से हटना उतनी बीमारियां, जितनी तेज जीवन की अंधी दौड़ उतनी ही गिर पड़ने की सम्भावना।





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(ललित गर्ग)
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फोनः 22727486, 9811051133

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 25 अप्रैल

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विद्युत सलाहकार समिति की बैठक निर्मला भूरिया की अध्यक्षता में हुई संपन्न
  • बिजली सुविधा को लेकर किया गया संकल्प व्यक्त  

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झाबुआ। राज्य शासन के निर्देशानुसार झाबुआ जिले के विद्युत विकास हेतु गठित विद्युत सलाहकार समिति की बैठक 24 अप्रैल को सायं 4.00 बजें कलेक्टोरेट कार्यालय म ेंआयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता पेटलावद विधानसभा क्षेत्र की विधायक सुश्री निर्मला भूरिया ने की । इस बैठक में झाबुआ एव ंथांदला क्षेत्र के विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं कलसिंह भाबर के अतिरिक्त नगर पंचायत, थांदला की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता पूनमचंद वसावा और नगरपंचायत, पेटलावद की अध्यक्ष की ओर से विनोद भण्डारी के साथ ही अपर कलेक्टर दिलीप कापसे, अधीक्षण यंत्री आर.एस. तोमर, कार्यपालन यंत्री बृजेश यादव और संपूर्ण जिले के अंतर्गत संचालित वितरण केन्द्रो ंपर पदस्थ सहायक यंत्री एवं कनिष्ठ यंत्री भी उपस्थित रहे । बैठक के प्रारंभ में इस समिति के सदस्य सचिव एवं अधीक्षण यंत्री श्री तोमर ने उपस्थित पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए समिति के गठन की आवश्यकता एवं महत्ता पर  प्रकाशडाला । आपने बताया कि जिला स्तर पर गठित यह विद्युत सलाहकार समिति जिले के विद्युत उपभोक्ताओ ंको बेहतर सेवाये ंदेने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं विद्युत वितरण कंपनी के मध्य एक सेत ुका काम करेगी । श्री तोमर ने इस बैठक के दौरान विद्युत उपभोक्ताओं की बेहतर सेवाओं के लिए विद्युत वितरण कंपनी की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं यथा मुख्यमंत्री स्थाई सिंचाईपम्प योजना, किसानअनुदान योजना, निशुल्क एक बत्तीकनेक्शन योजना, निशुल्क सिंचाई पम्प कनेक्शन योजना, अटलज्योति योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, एकीकृत विद्युत विकास योजना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय हेतु प्रणाली सुदृढीकरण योजना आदि की विस्तार पूर्वक जानकारी उपस्थिति समिति के अध्यक्ष एव ंसदस्यों को दी गई । श्री तोमर ने विशेष रूप से अजा-अजजा श्रेणी के बकायादार उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए संचालित समाधान योजना जिसमें कुल बकाया राशि की 50 प्रतिशत राशि एक मुश्त जमा किए जानेपर शेष 50 प्रतिशत बकाया राशि के साथ ही सरचार्ज की शत-प्रतिशत राशि की माफी के प्रावधान है, के क्रियान्वयन पर जोर देते हुए उपस्थित जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस आदिवासी अंचल के उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी इस योजना की जानकारी उनके स्तर से भी बकाया राशि वाले उपभोक्ता को देकर उन्हे ंलाभान्वित करने मे विद्युत वितरण कंपनी का सहयोग करें । बैठक के दौरान समिति की अध्यक्ष निर्मला भूरिया एवं अन्य सदस्य कलसिंह भाबर एवं शांतिलाल बिलवाल की ओर से अवगत कराया गया कि विद्युत वितरण कंपनी की ओर से नियुक्त ठेकेदार अधूराकाम छोडकर चले जाते है जिसे पूर्ण कराये जाने की व्यवस्था लागू की जाये, अपर कलेक्टर दिलीप कापसे ने जिले में पारदर्शी विद्युत प्रदाय व्यवस्था हेतु निर्देश दिए कि जिले मे ंजो भी निविदा प्राप्त एजेन्सियाॅ ंकार्यकरती है, उनके नाम एवं नंबर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ंको उपलब्ध कराये जाये ंऔर कलसिंह भाबर द्वारा निशुल्क पंप योजना के संबंध में यह अवगत करानें पर कि जिलें में एक हैक्टेयर से कम भूमि वाले कृषक नगण्य है, पर श्री कापसे ने आश्वस्त किया कि एक हैक्टेयर से कम भूमिवाले कृषकों को निशुल्क सिंचाई पम्प कनेक्शन दिए जाने हेतु वे जिले में समस्त आवेदित प्रकरणो ंमे ंबंटवारा सुनिश्चित कराते हुए निशुल्क पम्प कनेक्शन प्रदायगी में मदद करेंगें।  सुश्रीभूरिया ने कहा कि जिले में वर्तमान चल रहे कार्यो मे ंजो भी आवश्यक एवं महत्व पूर्ण कार्य है, वे वर्षा पूर्व करा लिये जाये ताकि वर्षा काल मे ंभी विद्युत प्रदाय व्यवस्था सुचारू रहे । थांदला क्षेत्र के विधायक  श्री भाबर ने उनके क्षेत्र में कपिलधारा योजना के अंतर्गत औपचारिकतापूर्ण सिंचाई पम्पों के विगत वर्षो से लंबित कार्य पूर्ण करने पर जोर दिया । बैठक पूर्ण सौहाद््रपूर्ण माहौल में आपसी सहयोग एव ंसामंजस्यता के साथ कार्य करने के संकल्प सहित संपन्न हुई ।


पटवारियों की हडताल 15 मई तक स्थगित, आज से काम पर लौटेगें सभी पटवारी

झाबुआ । पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष अखिलेश मुलेवा ने जानकारी देते हुए बताया कि पटवारियों की 6 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी हडताल मंत्री रामपालसिंह से चर्चा के बाद उन्होने  स्वीकार किया है कि पटवारियों की 6 सूत्रीय मांगे जायज  होकर इनका निराकरण 15 मई तक सरकार स्तर से कर दिया जावेगा। मध्यप्रदेश पटवारी संघ के सरंक्षक कोदरसिंह मौर्य एवं प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश माली द्वारा सरकार से सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में  चर्चा के बाद पटवारियों की अनिश्चित कालीन हडताल को 15 मई तक के लिये स्थगित कर दिया गया है । मंत्री जी से  संगठन की और से कह दिया गया है कि वेबजी आईएस का बहिस्कार जारी रहेगा । वही प्रदेश के सभी पटवारी आज बुधवार से  अपनी ड्यूटी पर उपस्थित होकर पूर्ववत अपने  जिम्मे का कार्य निर्वहन करेगें । श्री मुलेवा ने बताया कि सरकार से हुई चर्चानुसार 15 मई तक आदेश जारी नही होने पर सभी पटवारी 16 मई से  पुनः हडताल पर उतर जायेगें । आज से सभी पटवारी अपने  कार्य पर लौट आयेगें । श्री मुलेवा ने जिले के सभी पटवारियों द्वारा एकता के साथ आन्दोलन में सहभागी होकर अपनी एक जूटता प्रदर्शित करने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया है ।

सभी से प्रेम करों, सबकी सहायता करों और किसी का भी बुरा मत करों- ओम नागर
  • सत्यसाई समिति ने मनाया आराधना दिवस

झाबुआ । श्री सत्यसाई सेवा समिति झाबुआ द्वारा 24 अप्रेल सोमवार को श्री सत्यसाई बाबा के महानिर्वाण दिवस को आराधना दिवस के रूप  में मनाया गया । समिति के कन्वीनर राजेन्द्रकुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री सत्यसाईबाबा का महा निर्वाण 24 अप्रेल 2011 को पुट्टपर्ती आंध्रप्रदेश में प्रशान्ति निलियम मे ं हुआ था । विश्व भर में 24 अप्रेल को पूरी श्रद्धा भक्ति एवं सेवा कार्यो के साथ आराधना दिवस के रूप  में मनाया गया । इस अवसर पर विवेकानंद कालोनी स्थित श्री सत्यधाम पर प्रातः ओंकारम सुप्रभातम किया गया । दिन भर साई समिति के  सदस्यो ं द्वारा सेवा कार्य किये गये । वही सायंकाल 7-30 बजे से श्री सत्यधाम पर श्री सत्यसाईबाबा की अष्टोत्तर नामावली के साथ भगवान के नामों का समिति के सदस्यों ने जाप किया । इस अवसर पर श्री सत्यसाई बाबा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए ओम प्रकाश नागर ने उपस्थित साईभक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि अवतार का संकल्प  हमेशा ही पूर्ण होता है । शिरडीसाई अवतार में साई बाबा ने आध्यात्म के भोजन की सामग्री का एकत्रित किया था, श्री सत्यसाई अवतार में उस आध्यात्मिक भेाजन को तैयार किया गया तथा आगामी प्रेम साई के अवतार में पूरे विश्व में आध्यात्म, प्रेम, सत्य,धर्म, शांति रूपी भोजन परो सा जावेगा । जिससे समग्र विश्व आध्यात्म के मार्ग पर प्रशस्त होगा । श्री नागर ने अपने  प्रेरक उदबोधन में कहा कि प्रत्येक मानव के लिये सत्यसाई बाबा ने नवधाभक्ति के तहत नौ आचार संहिता बताई है जिसमें प्रति दिन प्रार्थना एवं ध्यान, प्रति सप्ताह एक दिन परिवार सहित  भजन संकीर्तन एवं प्रार्थना करना, । बच्चो ं के लिये नैतिक शिक्षा के लिये बाल विकास कक्षाओं का आयोजन किया जाना । माह मे कम से एक बार नगर संकीर्तन में सहभागी होगा,। सामुदायिक सेवा में सहभागी होना, सत्साहित्य का प्रति दिन अध्ययन करना, प्रत्येक व्यक्ति से शान्तभाव से चर्चा करना  किसी का दिल दुखे ऐसी बात नही कहना  और अपनी आवश्यकताओं से  कम से कम करना तथा बचे हुए धन का मानव कल्याण के लिये उपयोग करना ही सर्वोत्तम भक्ति का उदाहरण है ।  श्री नागर ने कहा कि सत्यसाई बाबा का मानना था कि हर च्यक्ति का कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को आजीविका के लिये मूल रूप  से जरूरी चिजो तक पहूंच मिले । साई बाबा सभी धर्मो  के लिये प्रेेरणास्त्रोत थे  ।  बाबा ने हमे सन्देश दिया है कि सभी से प्रेम करों, सबकी सहायता करों और किसी का भी बुरा मत करों । इस अवसर पर नगीनलाल पवार, श्रीमती ज्योति सोनी, शिवकुमार सोनी, शुभदा देशपाण्डे, शरद पंतोजीं, ओम नागर द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी गई । महामंगल आरती एवं विभूति प्रसादी के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।

नये मतदाता नाम जोडने हेतु आॅंनलाईन पंजीयन करवाये

झाबुआ । मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नये मतदाता जोडने हेतु आॅंनलाईन मतदाता पंजीयन की सुविधा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दी गई है । आनलाईन पंजीयन 26 अप्रैल 2017 तक किया जाना है । आंनलाईन पंजीयन हेतु राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट ूूूण्उचसवबंसमसमसमबजपवदण्हवअण्पद पर जाकर बायीं ओर दिए गए आॅंनलाइन मतदाता पंजीयन पर क्लिक करके कोई भी मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में  जोडने के लिए आवेदन कर सकता है।
  
आवेदक निम्न तरीकों से आवेदन दे सकता है:-
1,सामान्य तरीके से - आवेदक आॅंनलाईन फाॅंर्म में मांगी गई जानकारी एवं सहायक दस्तावेज जैसे कि फोटो/पहचान पत्र/ वर्तमान पता, साथ में अपलोड कराकर
2, आधार की सहायता से- आवेदक अपना आधार क्रमांक दर्ज करके एवं ओटीपी की सहायता से प्रमाणित कर अपना आवेदन दर्ज करा सकता है । इस तरीके से आवेदक की अधिकतर जानकारी एवं फोटो स्वतः आधार के डाटा से प्राप्त हो जाएगी
किसी भी तरह की समस्या के लिए जिले एवं जनपद स्तर पर नीचे दिए गए निम्न कर्मचारी से संपर्क कर सकते है एवं आंॅनलाईन आवेदन करा सकते है:-
1, शंकर सिंह सस्तिया सहायक प्रबंधक जनपद पंचायत रामा  - 9826758451
2, राजेश पटेल सहायक प्रबंधक जनपद पंचायत पेटलावद    - 9926072381
3, शैलेंद्र सिंह पंवार सहायक प्रबंधक जनपद पंचायत थांदला - 8878276144
4, कमलसिंह डावर सहायक प्रबंधक जनपद पंचायत राणापुर  - 9407406702
5, कमल भिडें  सहायक प्रबंधक जनपद पंचायत मेघनगर     - 9752298533
6, अजय कुमार प्रजापति कार्यालय सहायक जिला झाबुआ    - 9098415676

ग्राम पंचायत उमरी के ग्रामीणो ने शराब नही पीने की ली शपथ
  • ग्राम उमरी ,भूरीमाटी एवं वागलावाट भूरिया की ग्राम संसद में आयुक्त श्री जैन ने की सहभागिता

झाबुआ । श्रम आयुक्त श्रम विभाग श्री शोभित जैन ने आज झाबुआ जिले के ग्राम उमरी,भूरीमाटी एवं वागलावाट भूरिया में आयोजित ग्राम संसद में सहभागिता की ग्राम पंचायत उमरी के ग्रामीणो ने आयुक्त श्री जैन के समक्ष शराब नही पीने की शपथ ली श्रम आयुक्त श्री शोभित जैन ने ग्रामीणो से चर्चा के दौरान बताया कि जमीन मे पानी की कमी हो जाने से जलस्तर काफी कम हो गया है। जमीन मे पानी का संचय हो, इसके लिए नदी नालो पर छोटे छोटे स्टापडेम बनाये। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर जनभागीदारी से काम करने के लिए ग्राम संसद मे पारित कर काम प्रारंभ करे ,ताकि भविष्य मे गंभीर पेयजल समस्या से बचा जा सके। भविष्य में सभी शासकीय योजनाओं का लाभ हितग्राही को सामाजिक आर्थिक गणना 2011  के डाटा के आधार पर दिया जाना है। ग्राम संसद मे सामाजिक आर्थिक गणना के डाटा का वाचन अवश्य करे ,जिन ग्रामीणो के नाम गणना की सूची में छूटे हुए है उनके नाम जोडे जाये। ग्राम संसद मे बीपीएल सूची का वाचन कर अपात्रो के नाम हटाये। ग्राम संसद मे ग्राम पंचायत के प्रत्येक गाॅव के लिए शान्तिधाम, खेल का मैदान, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन बने हुए नही है,तो प्रस्ताव को मंजूर कर कार्यवाही प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित करे,  सुदूर ग्राम में संपर्क के लिए पक्की सड़को का निर्माण कार्य के लिए प्रस्ताव तैयार करवाये ,ग्रामीण क्षेत्र में 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन उपलब्ध होने पर सामाजिक वानिकी के तहत वृक्षारोपण की कार्य योजना को मूर्त रूप देकर 2 जुलाई को वृक्षारोपण के लिए कार्यवाही सुनिश्चित करे। तालाब एवं नदियो के किनारे भी वृक्षारोपण की कार्यवाही को मूर्त रूप दिया जाये। ग्राम संसद में प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची का वाचन कर समीक्षा करे और पात्रों को शामिल कर अपात्रों को बाहर किये जाने की कार्यवाही करे। पेंशन योजना के पात्र हितग्राहियो को सूचीबद्ध कर पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। सभी विधवा महिला एवं सभी वृद्वाजनो के पेंशन के प्रकरण ग्राम संसद में स्वीकृत कर पेंशन दिलवाना सुनिश्चित करें।


बैंक खातो को मोबाईल नम्बर एवं आधार नम्बर से लिंक करने की कार्यवाही करे
सभी ग्रामीणो के बैंक खातो को उनके मोबाईल नम्बर एवं आधार नम्बर से लिंक करने की कार्यवाही करे,पुराने तालाबो के गहरीकरण के लिए जनसहयोग से कार्यवाही करे, सब इंजीनियर तालाब मे चूने से लाईन डालकर चिन्हित कर दे एवं ग्रामीणजन तालाब की उपजाऊ मिटटी अपने स्वयं के संसाधनो का उपयोग कर खोदकर अपने खेतो मे डाले। इस तरह तालाब का गहरीकरण भी हो जाएगा एवं किसानो को अपने खेत के लिए  उपजाऊ मिटटी भी निःशुल्क मिल जाएगी। तालाबो के गहरीकरण से तालाब की जलधारण क्षमता भी बढ जाएगी। इससे जमीन मे जलस्तर भी बढेगा एवं ग्रामीणो को पानी की समस्या भी नही होगी।

ग्राम संसद में गाॅव के विकास के लिए कार्ययोजना बनाये
ग्राम संसद में आयुक्त श्री जैन ने कहा कि गाॅव में होने वाले अति महत्वपूर्ण कार्य की सूची बनाकर गाॅव के विकास के लिए कार्ययोजना बनाये। इसके लिए ग्राम पंचायत के पास क्या-क्या संसाधन उपलब्ध हैं। उनका उपयोग किन-किन कार्यो के लिए किया जाएगा। इसके लिए कार्यो की प्राथमिकता तय करके कार्ययोजना बनाये। गाॅव के विकास के लिए अति महत्वपूर्ण कार्य को पहले करने के लिए प्रस्ताव पारित करे।

स्कूलो में शिक्षक आते है
ग्राम संसद में उपस्थित ग्रामीणो से आयुक्त श्री जैन ने पूछा कि गांव के स्कूल में शिक्षक स्कूल में आते है या नही । शिक्षक स्कूल में आये और बच्चो को पूरे समय पढाये इसके लिए निगरानी करे। शिक्षक स्कूल में नही आते है,जिला अधिकारियो को बताये। संसद में पुलिस अधीक्षक श्री महेशचंद जैन ने शराबबंदी एवं दहेज दापा बंद करने के लिए ग्रामीणो को समझाईश दी ।

बच्चो एवं गर्भवती को पोषण आहार नियमित दे
ग्राम संसद में आयुक्त श्री जैन ने आंगनबाडी कार्यकर्ता से भी केन्द्र के संचालन के संबंध मे जानकारी ली। समय पर बच्चो एवं गर्भवती महिलाओ का टीकाकरण करवाने एवं उन्हे पोषण आहार देने का कहा और साथ ही ग्रामीणों को भी समझाइश दी कि बच्चो एवं गर्भवती के लिए दिया गया पोषण आहार उन्हे ही खिलाए, बच्चो को कुपोषित होने से बचाया जा सके। निरीक्षण के दौरान आयुक्त श्री जैन के साथ कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना , पुलिस अधीक्षक श्री महेशचंद जैन, श्रम पदाधिकारी श्री सोलंकी, एसडीएम श्री बालोदिया,ई ई पीएचई श्री मावी उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे । ग्राम वागलावाट भूरिया मे आयुक्त श्री जैन ने किसानो को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि महोत्सव का आयोजन जिले में 2 मई तक किया जाएगा। इस दौरान हर विकास खण्ड में दो-दो कृषि क्रांति रथ गाॅव-गाॅव धूमकर किसानो को कृषि आय को दो गुना करने के लिए तकनीकी सलाह दे रहे है। आप उन्नत तकनिको को सिख कर उनका उपयोग कर कृषि आय को दो गुना करे। आयुक्त श्री जैन ने कृषि क्रांति रथ को हरि झण्डी दिखाकर गाॅव से रवाना किया।

26 अप्रैल से यहा प्रारंभ होगी ग्राम संसद
26 अप्रैल से रामा ब्लाक के ग्राम धमोई, बलोला में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम ढेकलछोटी,मोहनपुरा, आम्बाखोदरा, कुशलपुरा में, रानापुर ब्लाक के ग्राम मोहनपुरा भूरका में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम कडवापाडा,खालखण्डवी में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम हनुमंत्या, हमीरगढ, नाहरपुरा, मोहनकोट, कोटडा,टोडी में, थांदला ब्लाक के ग्राम थेथम,मोरझिरी, कोटडा, मकोडिया, भेरूगढ में ग्राम संसद का आयोजन किया जाएगा।

डे- केयर सेन्टर का निरीक्षण किया
      
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झाबुआ । ग्राम संसद के निरीक्षण के दौरान श्रम आयुक्त श्री जैन ने ग्राम रामपुरिया ब्लाक पेटलावद  के ग्राम पंचायत भवन में संचालित डे-केयर सेन्टर का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान अतिकमवजन की बालिका का वजन करवाया एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता को निर्देशित किया कि 15 दिन में इसका वजन बढना चाहिए, 15 दिन बाद वह फिर आकर देखेगे । जिले मे डे-केयर सेन्टर पर कुपोषित बच्चो को रख कर उन्हे स्वस्थ करने के प्रयास किये जा रहे है ं। निरीक्षण के दौरान आयुक्त श्री जैन के साथ कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना , जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे ।

दीनदयाल रसोई का किया निरीक्षण
   
झाबुआ । जिले के लिए ग्राम संसद के लिए शासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी श्रम आयुक्त श्री शोभित जैन ने जिले के भ्रमण के दौरान झाबुआ शहर में संचालित दीनदयाल रसाई का भी निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान श्री जैन ने रसाई में भोजन कर रहे लोगो से चर्चा की एवं रसाई की व्यवस्था की सराहना की । रसाई में खाना खा रहे जरूरत मंद गरीबो ने कहा कि यहां 5 रूपये मे बहुत अच्छा व पेटभर  भोजन मिलता है। निरीक्षण के दौरान आयुक्त श्री जैन के साथ कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना , पुलिस अधीक्षक श्री महेशचंद जैन, श्रम पदाधिकारी श्री सोलंकी, एसडीएम श्री बालोदिया,ई ई पीएचई श्री मावी उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी,प्रभारी अधिकारी सामाजिक न्याय श्री अली सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे ।

सिलीकोसिस पीडित हर परिवार को जीवनयापन गतिविधि से जोडे
  • उनके उपचार के लिए गांव में हर तीन माह में उपचार शिविर लगाये

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झाबुआ । श्रम आयुक्त श्री शोभित जैन ने आज झाबुआ ब्लाक की ग्राम पंचायत मसूरिया में ग्राम मसूरिया एवं गेहलर के सिलिकोसिस पीडितो से चर्चा की एवं उनको जीवनयापन में आ रही समस्याओ की जानकारी ली । ग्रामीणो को मुआवजा मिला या नही इसकी जानकारी ली । सिलीकोसिस पीडित ग्रामीणो को जो मुआवजा मिला है उसमें एक लाख मुआवजा नगद मिला है एवं दो लाख रूपये की एफडी की गई है, एफडी के कागज पीडित परिवार को उपलब्ध करवाने के निर्देश श्री जैन ने दिये। आयुक्त श्री जैन ने सीईओ जनपद को निर्देशित किया कि पीडित परिवार को जीवन यापन की गतिविधियो से जोडे। सिलीकोसिस बीमारी से पीडित व्यक्ति ज्यादा मेहनत वाला काम नही कर पाते है ,इसलिए परिवार को ऐसी गतिविधियो से जोडे जिसमें ज्यादा शारीरिक मेहनत नही करना पडे। परिवार को इस तरह का रोजगार दे जिससे कम मेहनत से इतनी आय अर्जित हो सके कि परिवार का जीविकोपार्जन आसानी से हो सके ।

बच्चो की शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे
सिलीकोसिस पीडित परिवार के सभी बच्चो की शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे। उन बच्चो को श्रम विभाग की छात्रवृति भी देना सुनिश्चित करे। सिलीकोसिस पीडित परिवारो के उपचार के लिए हर तीन माह के अंतराल पर स्वास्थ्य उपचार शिविर लगाकर उपचार करने के निर्देश बीएमओ स्वास्थ्य को दिये । निरीक्षण के दौरान आयुक्त श्री जैन के साथ कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना , पुलिस अधीक्षक श्री महेशचंद जैन, श्रम पदाधिकारी श्री सोलंकी, एसडीएम श्री बालोदिया,ई ई पीएचई श्री मावी उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी, प्रभारी अधिकारी सामाजिक न्याय श्री अली सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

खाट पर सोयी महिला के साथ हुआ दुशकर्म
        
झाबुआ । पिडीता ने बताया कि अपनी दुकान के सामने खाट पर सोई थी कि आरोपी रमेश पिता पारसिंह डामोर निवासी कालाखेत का आया व जबरदस्ती लेट गया व चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी देकर जबरन खोटा काम किया। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रं. 141/17 धारा 376,506 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दो किशोरीयो का हुआ अपहरण 
        
झाबुआ । फरियादी गलिया पिता शामा निनामा उम्र 35 साल निवासी कुडवास ने बताया कि मेरी लडकी सुनीता उम्र 17 साल घर से जंगल जाने का कहकर गई थी जो वापस घर नही आयी शंका है कि अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं. 145/17 धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी धुमसिंह पिता गुला भुरिया उम्र 50 साल निवासी पिथनपुर खयडु बडी ने बताया कि मेरी नाबालिक लडकी कमिता भुरिया उम्र 16 साल घर से ब्लाउज सिलवाने झाबुआ जाने का कहकर गई थी जो वापस घर नही आयी शंका है कि अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 348/17 धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ ।  आरोपी विजय पिता गोकुल भाबर उम्र 28 साल निवासी खजुरी के अवैध कब्जे से 1400 रूपयें की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रं. 179/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मोटर सायकल से गीरने पर मोत  
       
झाबुआ ।  नबु पति नवलसिंह खपेड उम्र 40 साल निवासी जुनागांव की मोटर साईकल से गिरने से ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना राणापुर में मर्ग क्रं. 17/17 धारा 174 जा.फौ. की कायमी कर विवेचना में लिया गया।

बिहार : संकल्प विकास का निश्चय सरकार का

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पटना। सूबे के सीएम ने किया गया है करने का संकल्प विकास का। इसके आलोक में सरकार ने सात सूत्री निश्चय कर रखा है। इस निश्चय को पूर्ण करने का दायित्व सरकार और नौकरशाहों के माथे पर है। नौकरशाहों ने ठेकेदारों के माध्यम से कार्य निष्पादन करने लगे हैं जिसका परिणाम सामने है। आप पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल वार्ड नम्बर 22 ए की समस्या और समाधान से सहज ढंग से समझ लेंगे। जरा ध्यान देकर पढ़े और समझे। 

nitish-saat-nishchayहर घर नल का जल :  दीघा थाना क्षेत्र में है बांसकोठी। बांसकोठी में है तटबंध संख्या 95,96 और 97। इस तटबंध  के अंदर में सैकड़ों परिवार रहते हैं। हर घर नल का जल उपलब्ध नहीं है। हालांकि 2 जलापूर्ति केन्द्र और 1 जलमिनार है। 1 आई टी आई के पास और 2 आई टी आई छात्रावास के पास है। आई टी आई छात्रावास के पास जलापूर्ति केन्द्र और जलमिनार है। आजतक जलमिनार चालू नहीं किया जा सका है। दो जलापूर्ति केन्द्र होने के बावजूद भी लोगों को पेयजल नहीं मिल रहा है। मजे की बात है कि लोगों ने घर के अंदर तक पाइप संयोजन कर रखा है। दुर्भाग्य से पानी घर के अंदर तक नहीं पहुंच पाता। हाल यह है कि पाइप के सहारे पानी को सुड़क कर लाना पड़ता है। काफी हो हल्ला और इस मामले को उछालने के बाद मसला को सलटाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। बिहार वाटर बोर्ड के कर्मी आये थे। आई टी आई के सामने वाले जलापूर्ति केन्द्र के मुख्य पाइप से संयोजन करने का कार्य किये। मुख्य पाइप 6 ईंच का है। यहां से संयोजन करके 4 ईंच वाला पाइप को तटबंध वाले पाइप से संयोजन कर दिया जाएगा। ऐसा करते ही तटबंध 95,96 और 97 के अंदर रहने वालों को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही हर घर नल का जल संकल्प पूर्ण हो जाएगा। आजतक की खबर है और इंतजार करें कलतक। 


शौचालय निर्माण,घर का सम्मान : पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के नाम से चर्चित लालू नगर मुसहरी (बालूपर) में शौचालय नहीं है। महादलित मुसहर समुदाय के नर-नारी और बच्चे खुले आसमान के नीचे शौचक्रिया करते हैं। स्वच्छ भारत निर्माण अभियान के तहत लालू नगर मुसहरी में 16 शौचालय निर्माण कार्य शुरू हुआ। ठेकेदार 2016 में 16 शौचालय निर्माण शुरू किया। अंदर में बैठकर शौचालय करने योग्य कार्य निर्माण करने के बाद ठेकेदार होली की छुट्टी मनाने घर चला गया। इसके बाद लौटा ही नहीं। इसके कारण मल भंडारण और पानी सोख्ता बना नहीं। इसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी। आम के मौसम में रात्रि पहर पहरेदार रहते हैं। वहीं धड़ल्ले से मकान निर्माण होने से शौचक्रिया करने लायक जगह भी नहीं है। लोग हलकान हैं। खुद चंदा करके अधूरे कार्य को पूरा करना चाह रहे थे मगर महादलित मुसहर समुदाय के लोग सफल नहीं हो सके। तो ऐसे सरकार, नौकरशाह और ठेकेदार की तिकड़ी से शौचालय निर्माण,घर का सम्मान दिया जा रहा है। घर तक, पक्की गली-नालियां- मखदुमपुर पोस्ट आॅफिस के बगल में है गली। यह मखदुमपुर बगीचा की ओर जाती है। इसे देखकर ही ज्ञात हो जाती है गली का हाल। घर से सजधजकर निकलते हैं और यहां नाली के पानी में हेलते हैं। उसी तरह बाहर से आते समय भी लोग दूषित पानी में हेलकर घर की ओर प्रस्थान करते हैं। मुश्किल है आवाजाही करना। वैकल्पिक गली को बंद कर दिया गया है। एकमात्र गली है उसी से आवाजाही करना पड़ता है। जानकार लोगों का कहना है कि नाली का संयोजन मुख्य सड़क के भूगर्भ नाला से है। उक्त भूगर्भ नाला की निकासी नहीं है। इसके कारण पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है। इसका दुष्परिणाम सामने है। वार्ड नम्बर 22 ए के वोटर ने कह दिया है कि इसका समाधान जरूरी है। जो समाधान करेगा उनको ही झोलीभर के वोट प्राप्त होगा। ऐसा नहीं करने वालों का भविष्य में अधर में लटक जाएगा। 

बेगूसराय : प्रशासनिक लापरवाही की वजह से हुई ये घटना

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प्रद्योत कुमार,बेगूसराय। तेघड़ा थाना के तहत तेघड़ा बाजार स्थित कांग्रेस भवन के पास मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे अचानक हुई गोलीबारी में रामचंद्र दास की मौत हो गई जबकि गणेश यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। गोलीबारी और मौत की घटना से आक्रोशित सैकड़ों लोगों ने कांग्रेस भवन के सामने सड़क जामकर तीन मोटरसाइकिल समेत कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया. आक्रोशित लोगों ने तेघड़ा बाजार के कई दुकानों में भी जमकर तोड़-फोड़ की गई।घटना की सूचना मिलते ही एसपी रंजीत कुमार मिश्रा व तेघड़ा डीएसपी बीके सिंह सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन आक्रोशित लोगों ने पुलिस की एक न मानी और उग्र होकर हंगामा तथा तोड़-फोड़ करनी शुरू कर दी।इस बीच मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही, लोग इतने गुस्से में थे कि दमकल गाड़ी जब मौके पर पहुंचकर आग बुझाने की कोशिश की, तो आक्रोशित लोगों ने दमकलकर्मियों को आग बुझाने नहीं दिया, हंगामा कर रहे लोगों ने दमकल गाड़ी को वापस कर दिया।आक्रोशित लोगों ने अचानक पुलिस पर लाठी डंडे से प्रहार करते हुए मारपीट शुरू कर दी,पुलिस पर प्रहार होते ही मौके से पुलिस बल जैसे-तैसे और गिरते-पड़ते भागने लगे,इस दौरान कई पुलिस वालों को चोटें भी लगी हैं। आक्रोशित लोग पुलिस पर रोड़ेबाजी शुरू करते हुए बाजार से खदेड़ दिया।आरंभ में पुलिस जान बचाकर भागती रही लेकिन भीड़ जब बेकाबू हो गई तो पुलिस को 1 गोली हवाई फायरिंग करना पड़ा।इसके बाद आक्रोशित भीड़ पीछे हटी,लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे।देखते ही देखते पूरे तेघड़ा बाजार की दुकानें बंद हो गयीं.


  • ●एसपी ने स्वयं संभाला मोर्चा

एसपी रणजीत कुमार मिश्र ने आसपास के थाना से पुलिस बल को बुलाकर स्वयं विधि व्यवस्था संभालने लगे।उन्होंने दमकल गाड़ी को बुला कर कर्मियों को आग बुझाने में लगाया,एसपी ने मृतक के परिजन से बातचीत कर जल्द कार्रवाई के साथ उचित मुआवजा दिलाने की आश्वासन दिया।साथ ही बड़ी मशक्कत के बाद शव को उठाया गया।पुलिस कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया गया।

  • ●वाहनों से वसूली ने लिया विकराल रूप


तेघड़ा नगर पंचायत से अनुबंधित ठेकेदार द्वारा वाहनों से नाजायज वसूली के कारण शुरू हुए विवाद ने विकराल रूप धारण कर लिया, बताया जाता है कि सोमवार की रात तेघड़ा से लड़की की विदागरी करवाने कुछ मेहमान आये और लड़की को लेकर वाहन से जा रहे थे कि बेरियर कर्मी द्वारा 20 रुपये की जगह 120 रुपये की मांग की थी।इसी बात को लेकर घर वाले और कर्मी दोनों लोगों के बीच विवाद हो गया,रात में तो मामला शांत हो गया लेकिन मंगलवार की सुबह बैरियर कर्मी अपने अन्य साथियों के साथ कांग्रेस भवन के पीछे वार्ड नंबर 9 में ग्रामीण मंटून यादव के घर पहुंचकर हो हंगामा करने लगे.इसी बीच उन लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।बीच-बचाव कर रहे स्थानीय निवासी रामचंद्र दास (55) और गणेश यादव को गोली लग गई,गोली लगते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गयी और लोग आक्रोशित हो गये,गोली मारने के बाद घटना को अंजाम देने वाले लोग फरार हो गए. इसी बीच घायल रामचंद्र दास की मौत मौके पर ही हो गई जबकि घायल गणेश यादव को इलाज के लिए बेगूसराय ले जाया गया।मृतक रामचंद्र दास समस्तीपुर में पीएचडी में क्लास 4 के पद पर स्थापित था।एसपी मिश्रा ने बताया कि बैरियर को लेकर घटना हुई है,घटना में शामिल एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है उन्होंने बताया कि मामले की तहकीकात की जा रही है।फिलहाल तेघड़ा पुलिस छावनी में तब्दील नजर आ रही है।घटना मे शामिल लोग को धर पकड़ के लिए पुलिस छानबीन कर रही  है।माहौल तनावपूर्ण है पर स्थिति पर काबू पा लिया गया है।वाहनों से नाजायज़ वसूली की सूचना तो निश्चित ही किसी ने किसी रूप में पुलिस प्रशासन को होगी ही लेकिन पुलिस अपने धैर्य का परिचय देते हुए किसी बड़ी घटना होने तक इंतज़ार अवश्य करती है।


मधुबनी : बारह सूत्री मांगो के समर्थन में धरना प्रदर्शन ॥

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मधुबनी (दिनेश सिंह ,) ॥ प्राथमिक शिक्षको का प्रखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन - समान काम के बदले समान वेतन के मांगो के समर्थन में जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय पर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया । इसी के तहत राजनगर प्रखंड परिसर में सैकड़ों की संख्या में प्राथमिक शिक्षकों ने अपनी बारह सूत्री मांगो के समर्थन में एकजुट होकर धरना प्रदर्शन किया । धरना को सम्बोधित करते हुए जिला सचिव बैजनाथ यादव ने कहा कि सरकार सातवे वेतन की अनुशंसाओं को केंद्र की भाँति 1.01.2016 से लागू करे । पुरानी पेंशन को चालू करे और नई को बन्द करे । अहर्ता प्राप्त शिक्षकों को शीघ्र स्नातक प्रशिक्षित और प्रधानाध्यापक में प्रोनत्ती  करें । प्रखंड सचिव रामानंद सिंह ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षको को सुप्रीम कोर्ट के आलोक में समान काम के बदले ,समान वेतन शिघ्र लागु करे । वहीँ अनुमंडल उपाध्यक्ष बलराम पासवान ने बताया कि सरकार प्रारम्भिक शिक्षकों का आयोग गठन करे । इस अवसर पर प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने कहा कि सरकार हमारी बारह सूत्री मांगो को जल्द पूरा नही करती है तो हमलोग बाध्य होकर सड़क पर उतर उग्र आंदोलन भी करेंगे । अनशन पर बैठेंगे । इस धरना प्रदर्शन में प्रमोद कुमार  चौपाल , शंकर प्रसाद सिंह , शैलेन्द्र कुमार झा , राघवेंद्र प्रसाद सिंह , रवींद्र कुमार झा , कृष्णानन्द कुमार , रंजन चौधरी , गौतम कुमार एवं अन्य शिक्षक मौजूद थे।

एक अनूठा त्यौहार है अक्षय तृतीया : गणि राजेन्द्र विजय

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अक्षय तृतीया भारतीय संस्कृृति एवं परम्परा का एक अनूठा एवं इन्द्रधनुषी त्यौहार है। न केवल जैन परम्परा में बल्कि सनातन परम्परा में यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, इस त्यौहार के साथ-साथ एक अबूझा मांगलिक एवं शुभ दिन भी है, जब बिना किसी मुहूर्त के विवाह एवं मांगलिक कार्य किये जा सकते हैं। विभिन्न सांस्कृतिक ढांचांे में ढली अक्षय तृतीया परम्पराओं के गुलाल से सराबोर है। रास्ते चाहे कितने ही भिन्न हों पर इस पर्व त्यौहार के प्रति सभी जाति, वर्ग, वर्ण, सम्प्रदाय और धर्मों का आदर-भाव अभिन्नता में एकता प्रिय संदेश दे रहा है। अक्षय तृतीया तप, त्याग और संयम का प्रतीक पर्व है। इसका सम्बन्ध आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव के युग और उनके कठोर तप से जुड़ा हुआ है। जैन इतिहास और परम्परा में चली आ रही वर्षीतप की साधना और प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ का पारणा निस्संदेह ढेर सारे तथ्यों को उद्घाटित करता है। यह ऋषभ की दीर्घ तपस्या के समापन का दिन है। यों तो इस दिन देशभर में आचार्यों और मुनियों के सान्निध्य में अनेक आयोजन होते हैं और वर्षभर एकांतर तप करने वाले तपस्वी भाई-बहिन इस दिन अपनी तपस्या की पूर्णाहूति यानी समापन करते हैं। इसका मुख्य आयोजन हस्तिनापुर(जिला मेरठ- उत्तर प्रदेश) में श्री शांतिनाथ जैन मन्दिर में एवं प्राचीन नसियांजी, जो भगवान ऋषभ के पारणे का मूल स्थल पर आयोजित होता है, वहां पर देशभर से हजारों तपस्वी एकत्र होते हैं और अपनी तपस्या का पारणा करते हैं। इस वर्ष वहां आचार्य श्रीमद् विजय वसन्तसूरिजी  अपने पचासवें वर्षीतप का पारणा का तप का एक नया इतिहास रचेंगे, संभवतः यह पहला अवसर होगा जब किसी आचार्य के पचासवें वर्षीतप का पारणा के दृश्य के हजारों श्रद्धालु साक्षी बनेंगे। 


सभ्यता और संस्कृति की विकास यात्रा का नाम है ऋषभ। वे सम्राट से संन्यासी बने, उनके प्रति जनता में गहरा आदर भाव था। यही कारण रहा कि उनके प्रजाजनों को इस बात का ज्ञान नहीं था कि भगवान ऋषभदेव को भिक्षा में भोजन की भी आवश्यकता होगी। भगवान प्रतिदिन शुद्ध आहार की गवेषणा करते हुए घर-घर में घूमते, लेकिन अज्ञानता के सघन आवरण के कारण कोई भी उन्हें भोजन उपहृत नहीं करता। लोग उन्हें आदर के साथ हाथी, घोड़े, रथ, रत्नाभूषण, रत्न जड़ित पादुकाएं ग्रहण करने की प्रार्थना करते। उनका मत था कि वे अपने सृजनहार को अपने पास की सबसे बड़ी एवं कीमती वस्तु उपहृत करें। इस तरह बिना आहार के भगवान ऋषभ की तपस्या के बारह महीने पूरे हो गए। इस क्रम में आप पादविहार करते हुए हस्तिनापुर पधारते हैं। आपका प्रपौत्र श्रेयांस कुमार राजमहल के गवाक्ष में बैठा सड़क के दृश्य को देख रहा है। अचानक उसकी नजरें सड़क पर भिक्षा की गवेषणा में नंगे पैर घूमते अपने संसारपक्षीय परदादा भगवान ऋषभदेव पर पड़ती है। उसे अनुभव होता है कि भगवान हस्तिनापुर की सड़कों पर क्यों घूम रहे हैं। वह दिन होता है बैशाख शुक्ला-3 का, अक्षय तृतीया का । या यों कहें भगवान ऋषभ की बारह महीने की तपस्या की पूर्णता का दिन। राजकुमार श्रेयांस को इस बात का अनुताप भी होता है कि अज्ञानता के कारण भगवान को इतने कष्ट उठाने पड़े और तपश्चर्या से गुजरना पड़ा। वह तत्काल गवाक्ष से उतरकर महलों से नीचे आकर भगवान के चरणों में नतमस्तक होता है और आप श्री को भिक्षा के लिए राजमहल में पधारने की विनती करता है। भगवान ने प्रपौत्र श्रेयांस के हाथों इक्षुरस का सुपात्र दान लेकर एक नई परम्परा की शुरूआत की। इन अप्रत्याशित क्षणों के साक्षी बनकर देवलोक से समागत देवतागण भी अहोदानं-अहोदानं की ध्वनि प्रकट करते हुए पांच प्रकार के द्रव्यों की वर्षा की। कहा जा सकता है कि इस महत्वपूर्ण प्रसंग से जुड़कर बैसाख शुक्ल तीज का दिन जिसे अक्षय तृतीया का सम्बोधन भी प्राप्त हुआ एक दृष्टि से धर्म क्षेत्र में नयी सोच के दर्शन कराने वाला दिन बन गया। यही सन्दर्भ तपस्या और साधना का शुभ मुहूर्त बन गया। समग्र जैन समाज में अक्षय तृतीया के दिन को अत्यन्त आदर और सम्मान के साथ मनाये जाने की परम्परा वर्षों से चली आ रही है। प्रतीकात्मक रूप में इसे वर्ष भर तक एकांतर तप (एक दिन छोड़कर पुनः उपवास) की साधना के साथ मनाये जाने की परम्परा ने विगत कुछ वर्षों में काफी जोर पकड़ा है। अनेक जैन धर्मावलम्बी अपने-अपने आस्था और विश्वास के केन्द्रों से निर्देशित होकर वर्ष भर की तपाराधना करते हैं और उनकी वार्षिक तपस्या की पूर्णाहूति का दिन अक्षय तृतीया ही होता है। तपस्या को जैन धर्म साधना में अत्यन्त महत्पूर्ण स्थान दिया जाता है। मोक्ष के चार मार्गों में तपस्या का स्थान कम महत्वपूर्ण नहीं है। तपस्या आत्मशोधन की महान प्रक्रिया है और इससे जन्म जन्मांतरों के कर्म आवरण समाप्त हो जाते हैं।

जैन समाज में  वर्षीतप का प्रचलन इन वर्षों में अच्छी रफ्तार पकड़ रहा है। प्रति वर्ष विभिन्न जैन सम्प्रदायों के आचार्यों की पावन सन्निधि में वर्षीतप के सामूहिक पारणों के साथ-साथ वहां न पहुंच पाने वाले तपस्वी भाई-बहनें अपने-अपने सुविधाजनक स्थानों पर अपनी वार्षिक तपस्या संपन्न करते हैं। ये तपस्वी भाई-बहनें निस्संदेह आत्म उज्ज्वलता की महान उपलब्धि के साथ-साथ जैनधर्म की श्रीवृद्धि में भी योगभूत बनते हैं। वर्षीतप की परम्परा को प्रदर्शन और आडम्बर न जुडे़, न कोई प्रलोभन जुड़े, यह आवश्यक है। अच्छा हो कि तपस्वी भाई-बहनें पूरे वर्ष भर तक कुछ सार्थक संकल्प भी स्वीकार करें ताकि तपस्या के साथ-साथ त्याग, प्रत्याख्यान, स्वाध्याय, ध्यान, जप आदि से वर्षीतप और तपस्वी दोनों ही भावित हो सकें। हमें सोचना है कि कहीं जीवन मूल्यों की अक्षय परम्परा रूढ़ता का बाना पहनकर सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनकर न रह जाए, क्योंकि अनशन जैसे शब्द की कीमत तो यूं भी राजनीति के साथ जुड़कर बौनी पड़ गयी है। आज अनशन की सिर्फ अपनी मांगों की पूर्ति में समर्थन-सूत्र से ज्यादा क्या कीमत है? वर्षीतप भी प्रलोभन या स्वार्थ सिद्धि का साधन न बने। इसकी साधना से जीवन विकास की सीख हमारे चरित्र की साख बने। हममें अहं नहीं, निर्दोष शिशुभाव जागे। यह आत्मा के अभ्युदय की प्रेरणा बने। अक्षय तृतीया का पावन पवित्र त्यौहार निश्चित रूप से धर्माराधना, त्याग, तपस्या आदि से पोषित ऐसे अक्षय बीजों को बोने का दिन है जिनसे समयान्तर पर प्राप्त होने वाली फसल न सिर्फ सामाजिक उत्साह को शतगुणित करने वाली होगी वरन अध्यात्म की ऐसी अविरल धारा को गतिमान करने वाली भी होगी जिससे सम्पूर्ण मानवता सिर्फ कुछ वर्षों तक नहीं पीढ़ियों तक स्नात होती रहेगी। अक्षय तृतीया के पवित्र दिन पर हम सब संकल्पित बनें कि जो कुछ प्राप्त है उसे अक्षुण्ण रखते हुए इस अक्षय भंडार को शतगुणित करते रहें। यह त्यौहार हमारे लिए एक सीख बने, प्रेरणा बने और हम अपने आपको सर्वोतमुखी समृद्धि की दिशा में निरंतर गतिमान कर सकें। अच्छे संस्कारों का ग्रहण और गहरापन हमारे संस्कृति बने।



  
(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कुंज अपार्टमेंट
25, आई0पी0 एक्सटेंशन, पटपड़गंज, 
दिल्ली-92 फोन: 22727486 मोण् 9811051133

विशेष : दिल्ली में सरपट दौड़ा भाजपा का विजयरथ

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नई दिल्ली में तीन नगर निगमों के चुनाव परिणाम ने एक बार यह प्रमाणित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है और दिल्ली प्रदेश में सत्ता का संचालन करने वाली आम आदमी पार्टी का ग्राफ लगातार नीचे और बहुत नीचे जाता हुआ दिखाई देने लगा है। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद इस बात के संकेत पहले से ही मिल गए थे कि अबकी बार भी दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कमल खिलता हुआ दिखाई देगा और हुआ भी वही। यहां पर सबसे बड़ी दुर्गति कांगे्रस और आम आदमी पार्टी की कही जा सकती है। विधानसभा चुनाव के समय राजनीतिक जगत में धमाकेदार प्रवेश करने वाले अरविन्द केजरीवाल की पार्टी की पराजय उनके भविष्य पर बहुत बढ़ा प्रश्नचिन्ह लगाती हुई नजर आ रही है। वास्तव में देखा जाए तो जनता हर सरकार के काम का आंकलन करती है, और उस आंकलन का सार्थक जवाब चुनाव के समय दिया जाता है। दिल्ली की जनता ने इन चुनावों में केजरीवाल की नीतियों को करारा जवाब दिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों का खुलकर समर्थन दिया है।


जहां तक राजनीतिक चुनावों की बात है, तो लोकतांत्रिक प्रणाली में जिसे सर्वाधिक मत प्राप्त होते हैं, वही जनसेवक बनता है। जय और पराजय एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जय होने पर जिम्मेदारी मिलती है और पराजय अपने काम की कमी का बोध कराता है। इसके बाद भी कोई बोध न करे तो यह बहुत बड़ी कमी ही कही जाएगी। लगातार पराजय के बाद कांगे्रस में सुधार की गुंजाइश भी नहीं है। लगता है सारे कांगे्रस नेताओं की आंखों पर हरे रंग का चश्मा लगा हुआ है, जिसके कारण उन्हें ऐसी कोई कमी नजर नहीं आती जिस पर मंथन किया जाए। उनके नेताओं को आज भी अपने नेतृत्व में कोई कमी दिखाई नहीं देती, जबकि चुनाव से पहले कई वरिष्ठ नेताओं ने नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कांगे्रस से किनारा कर लिया। जिन कांगे्रस के नेताओं के नेताओं ने अपना चश्मा उतार लिया है, उन्हें यह साफ दिखने लगा है कि अब कांगे्रस में कोई भविष्य नहीं है। जनता केवल मोदी के कार्यों को ही पसंद कर रही है।

दिल्ली के चुनाव परिणामों ने भाजपा को स्थानीय निकायों की सत्ता सौंप दी है, साथ आम आदमी पार्टी को बहुत बड़ा संकेत भी दिया है। केजरीवाल की पार्टी की यह हार उनके बड़बोलेपन की हार ही मानी जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली में जिस प्रकार से अराजकता भरे वातावरण का निर्माण किया था, वह उनके काम की प्राथमिकता में शामिल नहीं था। वास्तव में जनता काम चाहती है, नौटंकी नहीं। दिल्ली में केजरीवाल ने कितना काम किया, चुनाव परिणाम के रुप में यह हम सभी के सामने आ चुका है। राजनीतिक रुप से अपरिपक्व अरविन्द केजरीवाल सत्ता संभालने के बाद ही नेरन्द्र मोदी से सीधे टकराहट मोल ले ली। केजरीवाल का सारा ध्यान मोदी का विरोध करने पर ही केन्द्रित हो गया, जबकि देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी की मुरीद होती हुई दिखाई दे रही है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि वर्तमान समय में जो भी मोदी का विरोध करेगा, उसे जनता के विरोध का सामना करना पड़ेगा। इस सत्य को न तो आम आदमी पार्टी के केजरीवाल ही समझ पा रहे हैं और न ही देश में अपना प्रभाव खोती जा रही कांगे्रस को दिखाई दे रहा है। कहा जा सकता है जो लोकप्रिय के शिखर पर जा रहा हो, उसका विरोध विरोध करना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के समान है। वास्तव में अब कांगे्रस और आम आदमी पार्टी को विरोध की शैली का त्याग कर अपनी भूमिका पर मंथन करने की दिशा में जाना होगा, जिस पर वह जाना ही नहीं चाहते।

दिल्ली महानगर पालिका के चुनाव परिणाम के बाद जैसी आशंका व्यक्त की जा रही थी, वही दिखाई दे रहा है। चुनाव में उपयोग किए जा रहे विद्युतीय मतदान यंत्रों पर फिर से सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल खड़े करने वाले राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपनी हार को हार नहीं मान रहे हैं, बल्कि वह यह बताना चाह रहे हैं कि हमारी हार ईवीएम मशीनों के कारण हुई है। जबकि सत्यता यही है कि जनता ने उन्हें हरा दिया है। इसके अलावा गंभीरता पूर्वक चिन्तन किया जाए तो एक बात और इस हार को प्रमाणित करती हुई दिखाई देती है। अगर हम चुनाव के बाद किए गए सर्वेक्षणों पर दृष्टि डालें तो यह विदित हो जाता है कि सभी सर्वे संस्थाओं ने भारतीय जनता पार्टी को विजय की तरफ जाते हुए बताया था। यह सर्वे संस्थाएं वास्तव जनता की आवाज के आधार पर ही अपना मत व्यक्त करते हैं। इसलिए विद्युतीय मतदान यंत्रों पर सवाल खड़े करना कहीं न कहीं लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर आघात ही कहा जा सकता है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन सर्वे संस्थाओं ने ईवीएम से पूछकर अपना सर्वे नहीं दिया था। यानी जनता ने जो मत व्यक्त किया, वही ईवीएम ने दिखाया।

दिल्ली में मिली हार के बाद तीसरे पायदान पर पहुंची कांगे्रस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से त्याग पत्र देने का निर्णय किया है। क्या आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल भी अजय माकन के कदम से प्रेरणा प्राप्त करेंगे। वास्तव में त्याग पत्र देने का समय तो अरविन्द केजरीवाल का है, क्योंकि उन्होंने दिल्ली की जनता के विश्वास को खोया है। जनता उनसे बहुत दूर हो चुकी है। ऐसे में नैतिकता तो यही कहती है कि केजरीवाल को पद का त्याग कर देना चाहिए। उनका यह कदम एक जिम्मेदार राजनेता होने का अहसास कराएगा, नहीं तो फिर जनता में यही संदेश जाएगा कि उन्हें कुर्सी से चिपके रहने का शौक है, जिसे वह छोड़ना नहीं चाहते।


चुनाव परिणामों ने एक बात तो स्पष्ट कर दी है कि भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ पूरे देश में सरपट दौड़ रहा है। अब तो ऐसा लगने लगा है कि अन्य दलों की लगाम भी भाजपा के हाथ में दिखाई दे रही है। देश में पहले की राजनीतिक का अध्ययन किया जाए तो यही दिखाई देगा कि पहले कांगे्रस को रोकने के लिए सारे दल एकत्रित होने की कवायद करते थे और अब भाजपा और मोदी को रोकने के लिए भी सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है। गैर राजग दलों को शायद यही भय सता रहा है कि कहीं ऐसा न हो कि उनका राजनीतिक अस्तित्व ही समाप्त हो जाए। खैर आज भाजपा और नरेन्द्र मोदी लोकप्रियता के शिखर पर हैं। जिसे सभी को स्वीकार करना होगा।


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सुरेश हिन्दुस्थानी, 
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
मोबाइल-09425101815, 09455099388

दिल्ली ने नकारात्मक राजनीति को नकारा : अमित शाह

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कोलकाता, 26 अप्रैल, दिल्ली नगर निगम चुनावों में भाजपा के एक बड़ी जीत की ओर आगे बढ़ने के बीच पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि दिल्ली के लोगों ने ‘‘नकारात्मक राजनीति’’ को खारिज कर दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर अपनी मंजूरी की मुहर लगा दी है। शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह भाजपा के लिए एक अभूतपूर्व जीत है। मैं दिल्ली के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। यह मोदीजी के नेतृत्व की जीत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के लोगों ने नकारात्मक राजनीति और बहानेबाजी की राजनीति को खारिज कर दिया है और मोदीजी के विजयरथ को आगे बढ़ाने में मदद की है। यह मोदीजी के नेतृत्व को मान्यता देना है।’’ भाजपा दिल्ली नगर निगम चुनावों के शुरूआती परिणामों में 103 वाडरें में जीत हासिल करके बड़ी जीत की ओर आगे बढ़ रही है जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को क्रमश: 26 और आठ सीटों पर जीत मिली है।

पत्रकार का सवाल अच्छा नहीं था : अखिलेश

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लखनउ, 26 अप्रैल, समाजवादी पार्टी :सपा: मुखिया अखिलेश यादव ने कल एक पत्रकार पर गम्भीर टिप्पणी करने के मामले पर सफाई देते हुए कहा कि पत्रकार ने जो सवाल किया था, वह अच्छा नहीं था। वह सवाल पूछने वाले पहले सपा का संविधान पढ़ें। अखिलेश ने कल एक वरिष्ठ टीवी संवाददाता पर तल्ख टिप्पणी के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा ‘‘देखिये, पत्रकार ने जो सवाल किया था, वह अच्छा नहीं था। वह कुछ जानते ही नहीं हैं मेरे बारे में। एक वरिष्ठ पत्रकार ने मुझसे कहा कि आपके घर का झगड़ा टीवी चैनलों पर बहुत ज्यादा चल गया, जिसकी वजह से चुनाव में सपा की हार हुई।’’ सपा प्रमुख ने कहा ‘‘अरे, क्या आपको मेरा ही घर मिला था। मैं नहीं चाहता कि कोई सवाल बार-बार पूछा जाए। आखिर किसके परिवार में झगड़ा नहीं होता है।’’ हालांकि उन्होंने माना कि परिवार में रार भी पार्टी की हार का एक कारण है। इस सवाल पर कि सपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक शिवपाल सिंह यादव कह रहे हैं कि अखिलेश को चुनाव के बाद अपने वादे के मुताबिक सपा अध्यक्ष पद छोड़ देना चाहिये, उन्होंने कहा ‘‘आप हमारी पार्टी का संविधान पढ़ लें, चुनाव आयोग का संविधान पढ़ लें, फिर सवाल करें।’’ हालांकि कल इसी सवाल पर अखिलेश ने एक टीवी चैनल के वरिष्ठ संवाददाता पर बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था ‘‘तुम्हारे जैसे लोगों की वजह से ही देश बरबाद हो रहा है।’’ बहरहाल, अखिलेश ने आज भी मीडिया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में होने वाली किसी भी घटना की खबर को टीवी पर उनकी तस्वीर के साथ दिखाया जाता था। ‘‘क्या अब आप में से किसी की हिम्मत है कि मौजूदा मुख्यमंत्री :योगी आदित्यनाथ: की तस्वीर लगाकर खबर दिखा दे।’’ उन्होंने कहा कि सहारनपुर में दंगा हुआ, इलाहाबाद में एक परिवार की हत्या की गयी और प्रतापगढ़ में एक वकील का कत्ल हो गया। क्या ये खबरें मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ दिखायी गयीं?


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