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एमसीडी चुनाव : आप से जनता का विश्वास उठा : अन्ना हजारे

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रालेगण सिद्धी/नयी दिल्ली 26 अप्रैल, सामाजिक कार्यकर्ता एवं गांधीवादी अन्ना हजारे ने आज कहा कि अाम आदमी पार्टी(आप)से जनता का विश्वास समाप्त हो रहा है और इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं कभी केजरीवाल के गुरु रहे श्री हजारे ने दिल्ली नगर निगम के चुनाव में ‘आप’ की हार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन की अगुवाई करने वाले श्री हजारे ने रालेगण सिद्धी में संवाददाताओं से कहा कि जब ‘आप’ दिल्ली में सत्ता में आयी थी तो लोगों को इससे बडी उम्मीदें बंधी थीं।लोगों को ऐसा लगता था कि यह पार्टी व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लायेगी लेकिन लोगों की उम्मीदें धाराशायी होनी शुरू हो गयीं हैं । उन्होंने कहा कि इसके कई कारण हैं लेकिन प्रमुख कारण यह है कि श्री केजरीवाल जो सिद्धान्त बघारते थे उसे पूरा नहीं किया । उल्लेखनीय है कि एमसीडी के आज घोषित चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने भारी जीत हासिल कर ली है जबकि आप दूसरे स्थान पर और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही।एमसीडी के लिए मतदान 23 अप्रैल को हुए थे ।


भाजपा की हैट्रिक,आप के मंसूबों पर फिरी ‘झाड़ू’

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नयी दिल्ली 26 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बलबूते पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) दिल्ली नगर निगम चुनावाें में हैट्रिक लगाने में सफल रही, आम आदमी पार्टी(आप) के मंसूबे पर ‘झाड़ू’ फिर गयी जबकि कांग्रेस की दिल्ली में अपनी खोई जमीन हासिल करने के अरमान धरे के धरे रह गये, भाजपा 270 वार्डों पर हुये चुनाव में 183 वार्डों पर प्रचंड जीत के साथ तीनों निगमों पर फिर से भगवा लहराने में सफल रही, आप को 47 वार्डों पर संतोष करना पड़ा जबकि कांग्रेस 29 वार्डों में सिमट गयी। बहुजन समाज पार्टी को तीन, निर्दलीय को छह, समाजवादी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल को एक-एक वार्ड पर जीत मिली। पूर्वी निगम के मौजपुर और उत्तरी निगम के सराय पीपलथला वार्ड पर एक-एक उम्मीदवार की मृत्यु के कारण चुनाव स्थगित करना पड़ा। पिछले निगम चुनाव में भाजपा को 138, कांग्रेस काे 77,बसपा को 15 , एनसीपी को छह, आरएलडी को पांच तथा निर्दलीय और अन्य को 31 वार्डों में जीत मिली थी। दो वर्ष पहले हुए विधानसभा चुनाव में 70 में से सिर्फ तीन सीटें हासिल कर पायी भाजपा ने निगम चुनाव में शानदार सफलता हासिल की। उसने निगमों की दो तिहाई से अधिक सीटों पर कब्जा किया। निगम चुनाव परिणामों के बाद जहां दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है वहीं आप ने अपनी हार का ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) पर फोड़ा है। उसका कहना है कि दिल्ली में मोदी लहर नहीं ईवीएम लहर थी। भाजपा ने पूर्वी और दक्षिणी निगमों में दो तिहाई से अधिक सीटें जीतीं। उत्तरी निगम में भी वह दो तिहाई के अांकड़े के निकट तक पहुंचने में सफल रही। उसने पूर्वी निगम में 63 में से 47 वार्डों, दक्षिणी निगम में 104 में से 71 वार्डो में तथा उत्तरी निगम में 103 में से 65 वार्डों पर कब्जा किया

भाजपा विधायक समेत आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

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बरेली 28 अप्रैल, उत्तर प्रदेश के बरेली में बैंक प्रबंधक से मारपीट, जबरन उठा ले जाने और धमकी देने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक केसर सिंह गंगवार समेत आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। मामला सत्ताधारी पार्टी के विधायक से जुड़ा होने के कारण एसपी (देहात) यमुना प्रसाद ने बैंक शाखा पहुंच कर घटना की जानकारी हासिल की और बैंककर्मियों के बयान दर्ज कर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी। गुरुवार को बैंक इम्प्लाइज यूनियन और बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक आफिसर्स एसोसिएशन द्वारा उच्च अधिकारियों तक मामला पहुंचाने पर रिपोर्ट दर्ज की गयी। विधायक समेत आठ लोगों के खिलाफ एक राय होकर बैंक आने, राजकार्य में बाधा पहुंचाने, सरकारी कर्मचारी को बलपूर्वक कार्य से रोकने, मारपीट करने, गालीगलौज कर धमकी देने के आरोप हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक आशुतोष कुमार ने बताया कि बैंक कर्मियों ने नवाबगंज थाने में तहरीर दी थी। विधायक केसर सिंह गंगवार के खिलाफ सीओ स्तर के अधिकारी को जांच करने के निर्देश दिए हैं। बडौदा ग्रामीण बैंक दलेलनगर शाखा के पीडित प्रबन्धक हरीश सिंह हयाकी आज बैंक नहीं आये। परिजनो के अनुसार वह इतनी दहशत में हैं कि यहां से अपने पैतृक घर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ चले गए। उनके बैंक नहीं पहुंचने से कार्य भी प्रभावित हुआ।

शिकायत के अनुसार भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार कटैया आत्माराम गांव निवासी जागन लाल की शिकायत पर बुधवार को बैंक शाखा पहुंचे थे। जागनलाल का आरोप था कि बैंक में बचत खाता होने पर भी उन्हें रुपये निकालने से मना कर दिया गया। दो दिन से बैंक के चक्कर काट रहे जागनलाल ने विधायक केसर सिंह से इसकी शिकायत की थी। आरोप है कि इसी बात पर भड़के विधायक सात-आठ लोगों के साथ बैंक पहुंचे और शाखा प्रबंधक हरीश सिंह पर भुगतान करने का दबाव बनाया। प्रबंधक ने नियमों का हवाला देते हुए मना किया तो गाली-गलौज कर जबरन उन्हें घसीटते हुए बाहर लाए और अपनी गाड़ी में डालकर अज्ञात स्थान पर ले गए। शाखा प्रबंधक की पिटाई की, जिसमें शर्ट तक फट गई। मोबाइल फोन भी छीन लिया। जबरन कागज पर लिखवा लिया कि वह जागन लाल के खाते से गुरुवार को बैंक खुलते ही उसका भुगतान कर देंगे। इसके बाद ही प्रबंधक को छोड़ा गया। बुधवार देर रात तक पुलिस कार्रवाई से बचती रही थी। बैंक ऑफ बड़ौदा की दलेलनगर शाखा में भाजपा के नवाबगंज क्षेत्र के विधायक केसर सिंह और उनके समर्थकों के उपद्रव करने और शाखा प्रबंधक को पकड़कर ले जाने की घटना से बैंक कर्मियों में रोष व्याप्त है। इससे नाराज होकर बैंककर्मियों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने का एलान कर दिया। बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स आर्गेनाइजेशन के बैनर तले हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होने विरोध प्रदर्शन क्रमिक रूप से करेंगे। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस घटना से अवगत कराने का निर्णय लिया गया। 


विनोद खन्ना की याद में अमिताभ ने साझा की कविता

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मुंबई 28 अप्रैल, बॉलीवुड अभिनेता विनाेद खन्ना की निधन से सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को गहरा धक्का लगा है। दोनों का बॉलीवुड मेें याराना किसी से छिपा नहीं रहा और वे हमेशा एक दूसरे के पूरक साबित हुए। ‘हेरा-फेरी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ और ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी सुपरहिट फिल्में में साथ काम करने वाले विनोद खन्ना के निधन से दुखी सीनियर बच्चन ने फेसबुक पर एक कविता शेयर की है। अपने 48 वर्ष के रिश्ते को याद करते हुये बच्चन साहब ने लिखा, “आदर और स्नेह, आज के दिन, जब 48 वर्ष॔ के संबंध को अग्नि की ज्वाला में भस्म होते देखा है, तो आपकी रचना का एक एक शब्द मानव जीवन के सत्य का अदभुत दर्पण है । यदि इजाजत हो तो इसे मैं अपने सोशल मीडिया के मंच पर प्रदर्शित करना चाहूँगा। ” प्रसून जोशी द्वारा लिखी इस कविता के बोल है- “ आश्वस्त हूँ.. सर्प क्यों इतने चकित हो दंश का अभ्यस्त हूँ पी रहा हूँ विष युगों से सत्य हूँ आश्वस्त हूँ ये मेरी माटी लिए है गंध मेरे रक्त की जो कहानी कह रही है मौन की अभिव्यक्त की मैं अभय ले कर चलूँगा ना व्यथित ना त्रस्त हूँ वक्ष पर हर वार से अंकुर मेरे उगते रहे और थे वे मृत्यु भय से जो सदा झुकते रहे भस्म की सन्तान हूँ मैं मैं कभी ना ध्वस्त हूँ है मेरा उद्गम कहाँ पर और कहाँ गंतव्य है दिख रहा है सत्य मुझको रूप जिसका भव्य है मैं स्वयम् की खोज में कितने युगों से व्यस्त हूँ है मुझे संज्ञान इसका बुलबुला हूँ सृष्टि में एक लघु सी बूँद हूँ मैं एक शाश्वत वृष्टि में है नहीं सागर को पाना मैं नदी संन्यस्त हूँ ” विनोद खन्ना के निधन के बाद कल अमिताभ बच्चन सबसे पहले अस्पताल पहुंचने वाले में से एक थे। अमिताभ ‘सरकार 3’ के प्रमोशन के सिलसिले में एक साक्षात्कार दे रहे थे लेकिन जैसे ही उन्हें विनाेद खन्ना के निधन की खबर मिली वह साक्षात्कार को बीच में छोड़कर परिवार को सांत्वना देने के लिए सीधे अस्पताल पहुंचे। वह उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुये। दोनों सितारों ने ‘हेरा-फेरी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ और ‘अमर अकबर एंथनी’ के अलावा परवरिश, जमीर, रेशमा और शेरा, खून पसीना, जैसी फिल्मों में साथ काम किया था। 

विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार में मौजूदा पीढ़ी का एक भी अभिनेता नहीं: ऋषि कपूर

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नई दिल्ली 28 अप्रैल, बालीवुड के मशहूर अभिनेता विनाेद खन्ना के अंतिम संस्कार में मौजूदा पीढ़ी के अभिनेताओं के शामिल नहीं होने से अभिनेता ऋषि कपूर बहुत ही आहत हैं और उन्हें आज के इन “तथाकथित अभिनेताओं ”पर काफी गुस्सा आ रहा है। विनोद खन्ना के साथ कईं फिल्मों में काम कर चुके ऋषि कपूर ने टिवट् करते हुए कहा “ आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को वरिष्ठ कलाकारों का सम्मान करना सीखना चाहिए। यह बहुत ही शर्मनाक है कि इस पीढ़ी का एक भी अभिनेता उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने नहीं पहुंचा। अाखिर ऐसा क्याें, मुझे भी इस बात के लिए तैयार रहना होगा कि मेरी माैत के बाद कोई मुझे कंधा नहीं देगा। बहुत गुस्सा आता है इन तथाकथित अभिनेताओंं पर। इन अभिनेताओं के पास पार्टियोंं में जाने का समय तो था लेकिन विनोद के अंतिम संस्कार में शामिल होने का समय नही।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी नीतू और पुत्र रणवीर कपूर भारत से बाहर होने के कारण अंतिम संस्कार में हिस्सा नहीं ले पाए। उन्होंने यह भी टिवट् किया कि बहुत से चमचे लोग कल रात अभिनेत्री प्रियंका चाेपड़ा की पार्टी में मौजूद थे लेकिन विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले बहुत ही कम थे। गौरतलब है कि काफी लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे विनोद खन्ना का कल निधन हो गया था। 


कुपवाड़ा हमले में शहीद कैप्टन आयुष के परिजन को 30 लाख की सहायता देगी योगी सरकार

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लखनउ 28 अप्रैल, कुपवाड़ा में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए कैप्टन आयुष यादव के परिजन को उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 लाख रपये बतौर सहायता देने का एलान किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आज यहां बताया कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कुपवाड़ा में आतंकवादी वारदात में शहीद हुए कैप्टन आयुष यादव के परिजन के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है। सरकार ने शहीद के परिवार के लिये 30 लाख रपये की मदद का एलान भी किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है। कुपवाड़ा में आतंकवादी एक बड़ी साजिश के तहत आये थे जिसे हमारे फौजियों ने नेस्तनाबूद किया। उसमें हमारे आयुष यादव शहीद हुए। मालूम हो कि कानपुर के जाजमउ निवासी आयुष उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित एक सैन्य शिविर पर कल हुए फिदायी हमले में शहीद हो गये थे। आतंकवादियों ने चौकीबल स्थित पंजगांव में एक बटालियन शिविर पर हमला किया था। सेना ने दो दहशतगदोर्ं को मार गिराकर उनके हमले को विफल कर दिया थ। माना जा रहा है कि हमलावरांे का संबंध दहशतगर्द संगठन जैश-ए-मोहम्मद से है।

‘बाहुबली’ से एक कदम आगे ‘बाहुबली 2’

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bahubali 2नयी दिल्ली 28 अप्रैल, कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? दर्शक पिछले दो वर्ष से जिस सवाल के जवाब इंतजार कर रहे थे, वह आज साल की मच अवेटेड फिल्मों में से एक और ‘बाहुबली 2’ यानी ‘बाहुबली: द कॉन्क्लूज़न’ के रिलीज होने के साथ सामने अा गया। एस.एस राजामौली के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रभास राणा दग्गुबत्ती, अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया , सथ्यराज, राम्या कृष्णन जैसे सितारे है। फिल्म तमिल, तेलुगू, हिन्दी और मलयालम भाषाओं में रिलीज हुई थी। यह फिल्म ‘बाहुबली: द बिगनिंग’ की प्रीक्वल है। 

फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां कटप्पा शिवा यानी महेन्द्र बाहुबली(प्रभास) को यह बताता है कि उसने अमरेन्द्र बाहुबली(प्रभास) को क्यों मारा। अमरेन्द्र बाहुबली का राज्याभिषेक माहिष्मती के राजा के तौर पर होने वाला होता है। रानी शिवगामी (राम्या कृष्णन) के आदेश पर बाहुबली कटप्पा के साथ देशाटन पर निलता है जहां उसकी मुलाकात दूसरे राज्य की राजकुमारी देवसेना (अनुष्का शेट्टी) से होती है और दोनों के बीच प्यार हो जाता है। यहां फिल्म में कुछ कॉमेडी सीन हैं भी है जो आपको हंसने पर मजबूर करेंगे। इसी बीच बाहुबली के सौतेले भाई भल्लालदेव (राणा दग्गुबत्ती) को भी देवसेना के बारे में पता चलता है आैर वह भी उस से शादी करना चाहता है। इस लव ट्राएंगल के साथ फिल्म आगे बढ़ती है। भल्लालदेव अपने पिता बिज्जालदेव (नासिर) के साथ मिल कर बाहुबली के खिलाफ षडयंत्र रच राज्य का राजा बन जाता है । बाहुबली को सजा के तौर पर राजमहल से बाहर निकाल दिया जाता। सिंहासन का वफादार सैनिक कटप्पा बाहुबली की हत्या कर देता है और कहानी फ्लैशबैक से बाहर आती है। जिसके बाद पिता की हत्या का बदला लेने के लिये महेन्द्र बाहुबली भल्लालदेव को चुनौती देता है। हालांकि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, यह बता कर हम फिल्म देखने का आपका मजा किरकिरा नहीं करना चाहते। 

‘बाहुबली से जो उम्मीदें एस.एस राजामौली ने जगायी थीं, उससे बढ़ कर है ‘बाहुबली 2’। कहानी की कसावट के साथ एक्शन, कॉस्ट्यूम और सेट की भव्यता समेत हर मामले में राजमौली ने बारीकी से काम किया है और वह फिल्म में दिखता भी है। दंड संहिता, शपथ ग्रहण और गार्ड ऑफ ऑनर जैसी चीजाें को फिल्म में शामिल कर उन्होंने इसे खास बनाया है। बाहुबली के किरदार में प्रभास और भल्लालदेव के किरदार में राणा दग्गुबत्ती ने कमाल का काम किया है। कटप्पा के किरदार में सथ्यराज भी खूब जमे है, गंभीर किरदार के साथ फिल्म में उनका कॉमिक अंदाज आपको पसंद आयेगा। नासिर ने भी अपने किरदार से बखूबी न्याय किया है। देवसेना के रूप में अनुष्का शेट्टी और महारानी शिवगामी के किरदार में राम्या कृष्णन ने दमदार अभिनय का परिचय दिया। तमन्ना भाटिया के लिये इस फिल्म में करने के लिए कुछ ज्यादा नहीं है। 

फिल्म के हिन्दी संस्करण में सबसे कमजोर पहलू फिल्म के गाने है। हालांकि बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है लेकिन गाने के बोल जुबां पर नहीं चढ़ते। भारतीय सिनेमा की इस सबसे भव्य फिल्म में सब कुछ कमाल का है। बेहतरीन कहानी, दमदार अभिनय और भव्य सेट के साथ-साथ फिल्म में वीएफएक्स का इस्तेमाल भी शानदार तरीके से किया गया है। कमाल के वीएफएक्स के कारण 2डी बनीं यह फिल्म 3डी की तरह लगती है। फिल्म के हर फ्रेम को इतनी बारीकी और खूबसूरती से बनाया गया है कि पर्दे से आपकी नजरें नहीं हटेंगी। हिन्दी में डब होने के बाद भी संवाद दमदार है। इसमें कोई शक नहीं कि तकनीक के मामले में हॉलीवुड फिल्माें को टक्कर देती ‘बाहुबली’ को भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर माना जायेगा। ‘बाहुबली’ से जो उम्मीदें जगी थीं ‘बाहुबली-2’ उससे बढ़ कर है। फिल्म को हमारी तरफ से पांच में से साढ़े चार स्टार (4.5/5)।



विधान परिषद के सभापति पद पर राजद की दावेदारी से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी

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पटना 28 अप्रैल बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने विधान परिषद के सभापति के पद पर दावेदारी ठोकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है । राजद के वरिष्ठ नेता एवं विधायक भाई विरेन्द्र ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी का ही परिषद के सभापति के पद पर दावा बनता है । उन्होंने कहा कि सभापति अवधेश नारायण सिंह को फिर से सभापति बनाने से सत्तारूढ़ महागठबंधन में गलत संदेश जायेगा । वहीं महागठबंधन के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि सभापति श्री सिंह का कार्यकाल बहुत बेहतर रहा है । उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों से विचार करने के बाद ही इस संबंध में कोई अंतिम फैसला लिया जायेगा । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य विनोद नारायण झा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सभापति श्री सिंह सर्वमान्य नेता हैं । उन्होंने कहा कि श्री सिंह दलगत भावना से उपर उठकर काम करते हैं । उल्लेखनीय है कि सभापति अवधेश नारायण का कार्यकाल आठ मई को दस दिन बाद समाप्त हो रहा है । 


बीबी व्यास जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बने

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जम्मू, 28, भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1986 बैच के अधिकारी बी बी व्यास को आज जम्मू कश्मीर का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया । वह बी आर शर्मा का स्थान लेंगे। व्यास को मुख्य सचिव नियुक्त करने का फैसला मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया । निर्वतमान मुख्य सचिव शर्मा अब मुख्यमंत्री के सलाहकार के तौर पर सेवा देंगे। व्यास पिछले एक साल से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के तौर पर काम कर रहे थे। वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह के प्रधान सचिव के तौर पर भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह प्रधान सचिव :वित्त: सहित कई अन्य अहम पदों को भी संभाल चुके हैं।

बम की अफवाह पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को आगरा में रोका गया

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आगरा 29 अप्रैल, उत्तर प्रदेश के आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर आज दिल्ली से विशाखापत्तनम जा रही संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बम होने की अफवाह पर कुछ समय तक अफरातफरी का माहौल रहा। दरअसल, विशाखापट्टनम के लिये दिल्ली से रवाना हुयी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एस-2 कोच के यात्रियों ने एक बर्थ के किनारे की दीवार पर संदिग्ध वस्तु के होने और सीट पर न/न बैेठने की सलाह संबधी चेतावनी लिखी देखी और इसकी सूचना दिल्ली स्थित नियंत्रण कक्ष को दी। दिल्ली की सूचना पर आगरा की रेलवे पुलिस चौकन्नी हो गयी और ट्रेन के कैंट रेलवे स्टेशन पर रूकते ही सुरक्षा बलों ने कोच को अपने कब्जे में ले लिया। रेलवे पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कोच की गहन पडताल करने पर दीवार पर पेन से लिखी चेतावनी महज अफवाह साबित हुयी और ट्रेन को करीब 10 मिनट रोकने के बाद रवाना कर दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

आतंकवाद विश्व, समाज के लिए बड़ा खतरा: अंसारी

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terrorism-a-big-threat-for-world-society विशेष विमान से, 29 अप्रैल, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आतंकवाद को पूरे विश्व और सभी समाज के लिए बड़ा खतरा बताते हुए आज कहा कि इसने महामारी का रूप ले लिया और दुनिया का लगभग हर देश छोटे या बड़े रूप में इससे पीड़ित है। श्री अंसारी ने आर्मेनिया और पोलैंड की पांच दिन की यात्रा की समाप्ति के बाद स्वदेश लौटते समय अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि (सीसीआईटी) के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर कहा कि 1994 में वह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि थे, उस दौरान भारत ने सीसीआईटी पर एक प्रस्ताव पेश किया था लेकिन आतंकवादी की परिभाषा के संबंध में मतभेद होने के कारण इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौते करते समय सभी तरह की कानूनी समस्यायें आती हैं और जो लोग इन्हें आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं, वे कानूनी कायदे बीच में ले आते हैं। इससे कुछ देश को इस तरह के समझौतों में शामिल न होने का बहाना मिल जाता है। श्री अंसारी के साथ यहां सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री गिरिराज सिंह भी थे। श्री अंसारी ने कहा, “आर्मेनिया और पोलैंड-दोनों मैत्रीपूर्ण देश हैं और हम द्विपक्षीय सहयोग में दिलचस्पी फिर बढ़ाने में सफल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आमेर्निया हालांकि छोटा देश है लेकिन वह परम्परागत रूप से भारत के लिए बहुत मैत्रीपूर्ण है। पोलैंड का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मध्य यूरोप में यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत ने उससे व्यापार बढ़ाया है। पोलैंड में भारतीय निवेश और भारत में पोलैंड का निवेश है और विचार विमर्श के दौरान दोनों देशों ने सहयोग के कुछ विशेष क्षेत्रों-स्वच्छ कोयला खनन प्रौद्योगिकी, कृषि उत्पाद और तकनीक तथा रक्षा सहयोग की पहचान की है, जिनमें काम शुरू हो रहा है या जल्दी ही शुरू किया जा सकता है। 

उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने पोलैंड के नेतृत्व से पोलैंड को मेक इन इंडिया कार्यक्रमों में शामिल करने का सुझाव दिया है और उनसे कहा कि पोलैंड सिर्फ विक्रेता होने के बजाय भारत आधारित विक्रेता बन सकता है। उन्होंने कहा कि इस पर पोलैंड की प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रही और आगामी दिनों में पोलैंड के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। द्विपक्षीय लाभ के लिए आर्मेनिया के नवाचारों में संभावनायें तलाशने और भारत के प्रयासों को उनके साथ जोड़ने के सवाल पर श्री अंसारी ने कहा कि यह देखना होगा कि नवाचार कहां और क्या है और वह हमारी जरूरतों में कहां उपयुक्त होगा। पोलैंड के साथ भारत के संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि उसने प्राथमिक बाजारों के रूप में एशिया में कुछ बाजारों की पहचान की है और इनमें भारत भी है। इस प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए दोनों ही देश उत्सुक हैं और कई पहल होने की उम्मीद है। विदेशों में भारत की छवि के बारे में पूछे गये सवाल पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विदेशों में और देश के भीतर भिन्न छवि है और अनेक छवियां होना जीवन की वास्तविकता है। भारत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के माध्यम से मंगल यान भेज रहा है और कई देशों के उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है तो इसके साथ ही गरीबी और असमानता भी हैं लेकिन इन सबके बावजूद यह भी तथ्य है कि भारत सात दशक तक बहुत बड़े पैमाने पर लोकतांत्रिक प्रणाली संचालित करने में कामयाब रहा है। 

केजरीवाल का गलती मानना नया ड्रामा - मनोज

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नयी दिल्ली 29 अप्रैल, दिल्ली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गलती स्वीकार करने को नया ड्रामा बताते हुए कहा है कि राजधानी के लोग अब उन पर विश्वास करने वाले नहीं हैं। गौरतलब है कि श्री केजरीवाल ने निगम चुनावों में पार्टी की करारी हार पर चार दिनों के बाद चुप्पी तोड़ते हुए गलती मानी और कहा कि आम आदमी पार्टी(आप)लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिये काम करती रहेगी। श्री तिवारी ने आज जारी श्री केजरीवाल के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री की गद्दी पर खतरा मंडराने लगा तो माफी मांग ली। ऐसा पहली बार नहीं है। पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। श्री केजरीवाल जानबूझकर गलतियां करते रहे हैं। गत लोकसभा चुनाव, 49 दिन की दिल्ली सरकार के इस्तीफे के बाद और पुलिस वालों को ठुल्ला बोलने पर और अब फिर माफी मांगना नया ड्रामा और स्टंट है। दिल्ली की जनता ही नहीं अब उनकी पार्टी के लोग भी उन पर विश्वास नहीं करते। उधर पार्टी के नेता संजय सिंह ने श्री केजरीवाल के गलती मानने के कदम को साहसिक बताया है। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल पहले भी माफी मांग चुके हैं, यही हमारी पार्टी की खूबसूरती है, जहां गलती या चूक होती है हम उसे मानते हैं और सुधारने की कोशिश करते हैं। श्री सिंह ने कहा,“वर्ष 2013 में 49 दिन की सरकार के इस्तीफा देने के बाद भी हमने जनता से माफी मांगी थी और लोगों ने विधानसभा की 70 में से 67 सीटें हमें दी। पार्टी का पिछले कई दिनों से आत्मचिंतन और आत्म अवलोकन जारी है। संगठन के बारे समीक्षा की जा रही है। जहां-जहां चूक हुई है, उन पर विचार किया जा रहा है। मिश्रा.श्रवण अशोक वार्ता

बाहुबली को रिकॉर्ड ओपनिंग, पहले दिन सौ करोड़ से ज्यादा कमायी

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नयी दिल्ली 29 अप्रैल, भारतीय सिनेमा की सबसे भव्य फिल्मों में से एक ‘बाहुबली 2’ को बॉक्स अॉफिस पर बंपर ओपनिंग मिली है और अनुमान है कि फिल्म ने पहले दिन सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की कामयी कर ली ही है। फिल्म के हिन्दी वर्जन ने बॉलीवुड में पहले दिन की कमायी के रिकाॅर्ड को अपने नाम कर लिया है। फिल्म कारोबार विश्लेषक तरण अादर्श ने ट्वीट किया कि फिल्म के हिन्दी संस्करण ने पहले दिन टिकट खिड़की पर रिकाॅर्ड कमायी करते हुये सुलतान(36.54 करोड़ रूपये) और दंगल (29 करोड़ रुपये) जैसी फिल्माें को पछाड़ दिया है। फिल्म कारोबार विश्लेषक कोमल नहाटा के मुताबिक ‘बाहुबली 2’ ने रिलीज के 41.6 करोड़ रुपये की कमायी की है। यह हिन्दी के अलावा फिल्म तमिल, तेलुगु जैसी भाषाओं में भी रिलीज हुई है और कारोबार विश्लेषकों के मुताबिक फिल्म की पहले दिन की कुल कमायी 105-108 करोड के बीच की है। ‘बाहुबली 2’भारतीय सिनेमा इतिहास में पहले दिन सबसे ज्यादा कमायी करने वाली फिल्म बन गयी है। उम्‍मीद है कि इस वीकेंड तक फ़िल्म 250 करोड़ तक कमा लेगी बाहुबली: द बिगनिंग के रिलीज के लगभग दो साल के लम्बे इंतजार के बाद ‘बाहुबली: द कॉन्क्लूजन’ कल भारत में 6000 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है। फिल्म के साथ साथ लोगों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी यह जानने में थी कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा। एस.एस राजामौली के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रभास, राणा दग्गुबत्ती, अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया, सथ्यराज, राम्या कृष्णन जैसे सितारे है। यह फिल्म 'बाहुबली: द बिगनिंग'की प्रीक्वल है।  


तीन तलाक का राजनीतिकरण नहीं हो ,मुस्लिम महिलायें सोचें:मोदी

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नयी दिल्ली 29 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि तीन तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिये और इस पर मुस्लिम समाज की महिलाओं को सोचना चाहिये । श्री मोदी ने यहां बसवा समिति के बसवाचार्य जयंती कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीन तलाक राजनीति का विषय नहीं है और समस्या के समाधान के लिए खुद मुस्लिम समाज को लडना होगा । उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्ग के लोग एक है और इसी से मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है । यह नीति निर्देशक तत्व है और महिलाओं के हक के लिए सभी को आगे आना होगा तथा इसी से समाज के भीतर से ही बदलाव की शुरूआत होगी । यही सबका साथ सबका विकास का मूलमंत्र है । उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का सशक्तिकरण किया जाना जरूरी है और इसी से समाज की मजबूत नींव की स्थापना होगी । उन्होंने कहा कि बिना किसी भेदभाव के हरेक को घर , 24 घंटे बिजली , हर गांव तक सडक , सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था होनी चाहिये और इसी के लिए वह सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं । 

बिहार : मधेपुरा में ‘विश्‍वासघात सभा’ 3 मई को .

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पटना। बिहार के आम-अवाम का हक मांगने और बेनामी संपत्ति के खिलाफ आवाज उठाने के जुर्म में सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को जेल भेजा गया। इसको लेकर कोई बात नहीं,बिहार के उत्थान और विकास के लिए सैकड़ों  बार जेल जायेंगे। अन्याय के खिलाफ लड़ना है और लड़ेंगे। इसके आलोक में माननीय कोर्ट के आदेश पर जेल से बाहर आते ही फिर से माननीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार की आवाज उठाने लगें है।  बिहार समेत कोसी-सीमांचल-मिथिलांचल की बातें करने लगें है। आगामी 3 मई को मधेपुरा के रास बिहारी हाई स्‍कूल के ग्राउंड में ‘विश्‍वासघात सभा’ होगी। इस सभा में शेर गर्जना कर सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बिहार की पीड़ा बतायेंगे। और तो और कोसी-सीमांचल-मिथिलांचल का जवाब मांगेंगे। साथ ही लाखों लोगों का सवाल है कि पिछले 27 वर्षों में (लालू-नीतीश का शासनकाल) कोसी-सीमांचल-मिथिलांचल को मिला क्‍या ? सांसद पप्पू यादव ने तो सब कुछ छपरा-नालंदा की सत्‍ता के लिए समर्पित कर दिया था, पर इन सबों ने तो कोसी-सीमांचल-मिथिलांचल को ठग ही लिया। कोई ऐसा संगा नहीं जिसको इनलोगों ने ठगा नहीं। ऐसी उपेक्षा हमारे इलाके की भी हुई है भूखमरी-भीखमंगी-बेकारी-बेबसी के सिवाय कुछ बचा ही नहीं। सूबे से पलायन का प्रतिशत बढ़ता ही गया है। एक पैसे का निवेश नहीं आया। तो फिर,सवाल उठता है कि इस विश्‍वासघात को कितने दिनों तक सहे? कोसी-सीमांचल-मिथिला के लोग। अब नहीं सहिए,जग उठिए।  हक छीनने को आगे बढ़िए। सांसद पप्पू यादव  आपके साथ हैं,चाहे सरकार सांसद पप्पू यादव जी को जितनी बार जेल भेज दे।


सांसद पप्पू यादव आप सबों को 3 मई को मधेपुरा में जुटने और विश्‍वासघात के खिलाफ शंखनाद करने को आने का न्‍योता भेज रहे हैं। आपको आना ही होगा। वरना कोसी-सीमांचल-मिथिलांचल के लोग आगे भी विकास की मुख्‍यधारा से काटे जाते रहेंगे। ऐसा अब नहीं होने देना है। जो हक नालंदा-छपरा ने लिया,उसे आज न कल कोसी-सीमांचल-मिथिलांचल के वास्‍ते प्राप्‍त करना ही होगा। बिहार के लोगों से भी माननीय सांसद पप्पू यादव की अपील है। 70 सालों पर विचार करने की जरुरत है ।बुनियादी सुविधाएं भी क्‍यों नहीं मयस्‍सर हुई। हालात और क्‍यों खराब होते गये। सरकारी स्‍कूलों का वजूद शिक्षा देने के मामले में क्‍यों मिट गया। अस्‍पतालों की दुर्दशा क्‍यों हो गई । कर्मियों को समय पर वेतनादि मिलना बंद है। 

बिहार : महादलित को साथ कौन देगा?

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पटना। आरंभ में डाकघरों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान किया गया। महादलित धवताली मांझी को 2012 से सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलना शुरू हुआ। प्रतिमाह 200 रू. भुगतान करने का प्रावधान है। अब अनियमित भुगतान होता है। अब तब महादलित को 10600 रू. भुगतान किया गया। पेंशनर का कहना है कि अंतिम भुगतान 2800 रू. मिला ही नहीं। इसको लेकर डाकघर और जनप्रतिनिधियों के पास जाकर गुहार लगाते लगाते थक गये हैं।  जी हां, यह हाल है एक महादलित मुसहर समुदाय का। जो गांव डिहरा, पंचायत खजुरी, पी.ओ.नौबतपुर, प्रखंड नौबतपुर में रहते हैं। इनका नाम हैं धवताली मांझी। इनका पिताजी का नाम सुखू मांझी हैं। जिनका निधन हो गया है। बुजुर्ग धवताली मांझी का जन्म 1934 में हुआ। जीवन के 83 वसंत देखे हैं। अब वसंत के बदले में पतझर देख रहे हैं। वहीं वर्तमान सरकार की कुशासन वाली व्यवस्था भी देख रहे हैं।  जीवन के अनमोल 78 साल खत्म होने पर जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर नौकरशाहों ने 2012 से सामाजिक सुरक्षा पेंशन देना प्रारंभ किये। अभी 5 साल ही हुआ है। वर्ष 2012 जनवरी से मार्च नहीं मिला। अप्रैल से जून में 1200 रू.मिला। जुलाई से सितम्बर नहीं मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 600 रू.मिला। वर्ष 2013 में जनवरी से मार्च में 600 रू.मिला। अप्रैल से जून 600 रू.मिला। जुलाई से सितम्बर 600 रू.मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 600 रू. मिला। वर्ष 2014 में जनवरी से मार्च नहीं मिला। अप्रैल से जून 1200 रू.मिला। जुलाई से सितम्बर 1200 रू.मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 2000 रू. मिला। वर्ष 2015 में जनवरी से मार्च नहीं मिला। अप्रैल से जून नहीं मिला। जुलाई से सितम्बर 2000 रू.मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 2800 रू. नहीं मिला। कभी डाकघर तो कभी जनप्रतिनिधियों के पास जाते जाते थकहार गये हैं। 


इस बीच डाकघर से पेंशन नहीं भुगतान करने के आदेश आया। इसके आलोक में धवताली मांझी ने बैंक आॅफ इंडिया के निसरपुरा स्थित ब्रांच बैंक में खाता 2 फरवरी 2015 को खुलवाया। इसकी खाता सं. 441118210001037 है। इसके बाद खाता में 24 जून 2015 को पांच सौ रूपये जमा किये। अब पेंशन की राशि पता लगाने ब्रांच बैंक में जाते हैं। भाई पेंशन की राशि आयी है? वहां से डांट और फटकार देने के बाद भगा देते हंै। इस संवाददाता को स्पष्ट रूप से बताया कि पेंशन बुक में वर्ष 2015 के अक्तूबर से दिसम्बर माह तक की 2800 रू. राशि भुगतान नहीं किया गया है। इसको लेकर पंचायत के मुखिया के पास गये। पर बताने को तैयार ही नहीं हैं। अब 83 वर्षीय धवताली मांझी दौड़ते दौड़ते परेशान हैं। गरीब की राशि चाटकर बैठने वाले मौजमस्ती कर रहा है।

विशेष आलेख : अहंकार, अपरिपक्वता और असंवेदनशीलता ‘आप’ को ले डूबी

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जी हां, एमसीडी चुनाव में प्रचार के दौरान सभाओं में जनता को धमकी देते फिर रहे थे, अगर मोदी-मोदी करोंगे तो फ्री का बिजली-पानी बंद कर देंगे। अगर चुनाव हारा तो ईट से ईट बजा दूंगा। उस वक्त तो दिल्ल्ीवासियों ने उनकी धमकी चुपचाप सहन तो करना ली, लेकिन जब मौका मिला ईवीएम से उनकी ही ईट से ईट बजा दी। कहा जा सकता है केजरीवाल जनता के नायक नहीं खलनायक है, जिसका बदला जनता ने ले लिया है। उनके क्रूरता व आरोपों की राजनीति को जनता ने ठुकरा दिया है। मतलब साफ है केजरीवाल की मनमानी, घमंड उन्हें ले डूबी 




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बेशक, अपनी हर नाकामी का ठिकरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर फोड़ने एवं खुद को छोड़ सबकों को बेईमान बताने वाले अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली का जनता ने नकार दिया। परिणाम यह हुआ कि 270 में से मात्र 45 सीटों नी ही जीत मिली। जबकि बीजेपी को 181 व कांग्रेस को 30 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। यानी ‘आप‘ पार्टी के मुखिया एवं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के भरोसे की अगर जमानत जब्त हुई है तो इसके लिए वह खुद जिम्मेदार है, कोई और नहीं। ईवीएम का दोष देना तो सिर्फ और सिर्फ अपनी खींझ निकालना है। जबकि यह लोकतंत्र की बुनियादी मान्यता है कि जब चुनाव नतीजे आ जाएं तो उसके बाद बहानेबाजी छोड़ कर, आरोप-प्रत्यारोप को छोड़कर  जीतने वाली पार्टी और लोगों के जनादेश का सम्मान करना चाहिए। आप पार्टी से निकाले गए योगेन्द्र यादव खुद कहते है ईवीएम से जुड़े सवाल पर अंगूली उठाना लोकतंत्र से मजाक व खतरा दोनों है। बार-बार ईवीएम पर सवाल खड़े करना बहानेबाजी है, यह एक स्वस्थ पार्टी और एक समझदार नेता की पहचान नहीं है। ईवीएम मशीनों में खराबी का रोना रो कर जनता का दिल नहीं जीता जा सकता। जबकि भाजपा की बिहार व पंजाब छोड़ बाकी राज्यों में लगातार प्रचंड जीत ने यह साबित कर दिया है कि आम जनमानस में राष्ट्रवाद एवं श्रीराम मंदिर मुद्दा घर कर गया है। उसके दिलो-दिमाग मोदी राज कर रहे हैं। इस तिलिस्म को तोड़ने के बजाय विपक्ष अपनी ही वजूद की लड़ाई लड़ रहा है। ईवीएम मुद्दा एक शिगूफा है, जो विपक्ष को राष्ट्रपति के समक्ष प्रतिनिधिमंडल भेजने और संसद में हंगामा करने के लिए एकजुट कर सकता है। दिल्ली में भाजपा की जीत में कांग्रेस से ज्यादा ‘आप‘ को सोचना होगा कि क्या पारम्परिक राजनीति का मुकाबला महज नाटकीयता और अहंकार से किया जा सकता है और उससे कोई नई राजनीति पैदा की जा सकती है? 


गौर करने वाली बात यह है कि ‘आप‘ कभी संघ परिवार की मदद से जंतर-मंतर पर तिरंगा लहराकर कांग्रेस विरोधी आंदोलन से पैदा हुई थी और बाद में उसने आंदोलन को खत्म करके पार्टी का रूप देने का फैसला किया, तब देश-दुनिया के तमाम आंदोलनकारियों और बौद्धिकों का उसको समर्थन मिला और उन्होंने इस पार्टी में भारतीय लोकतंत्र में आमूल परिवर्तन की संभावना देखी थी। लेकिन, ‘आप‘ के नेता इतने बौने साबित हुए कि सत्त मिलते ही उन्होंने न सिर्फ सिद्धांत और संगठन निर्माण से पल्ला झाड़ लिया बल्कि उन साथियों से भी किनारा कर लिया, जिन्होंने उनके संघर्ष में अपना बहुत कुछ दांव पर लगा दिया था। सत्ता में आने के बाद भी पार्टी का आंदोलन और टकराव का चरित्र नहीं बदला। शीला दीक्षित को जेल भेजने के वायदे के साथ सत्ता में आई आप ने सरकार बनते ही अपना निशाना कांग्रेस की बजाय बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बना लिया। मोदी पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सारी मर्यादाएं लांघ दीं और उन्हें साइकोपैथ तक करार दिया। सिर्फ पीएम ही नहीं, आम आदमी पार्टी और उसके नेता उपराज्यपाल, मीडिया, दिल्ली पुलिस, चुनाव आयोग तक से लड़ते नजर आए। टकराव की इस राजनीति को दिल्ली की जनता ने ईवीएम मशीन की बटन दबाकर नकार दिया। दिल्ली वालों ने बता दिया कि उसके साथ धोखे व वायदाखिलाफी नहीं चलेगी। दो साल पूरे होने के बावजूद महिला सुरक्षा के लिए पूरी दिल्ली में सीसीटीवी लगवाना, राष्ट्रीय राजधानी को वाईफाई जोन में तब्दील करने, दिल्ली में नए स्कूल, कॉलेज और अस्पताल खोलना, संविदा कर्मचारियों को स्थायी करना जैसे वायदे धरा का धरा ही रह गया। भ्रष्टाचार व बलातकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के बजाय आप पार्टी के विधायक, मंत्री पर ही भ्रष्टाचार व बलातकार से लेकर गुंडागर्दी, जबरन घर-मकान, जमीन कब्जाने के आरोप लगते रहे। कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री मामले में आरोप साबित होने के बावजूद उसे अंतिम समय तक बचाते ही रहे। संदीप तोमर की सेक्स सीडी ने तो जैसे पार्टी की छवि का बेड़ा गर्क कर दिया। इसी तरह भगवंत मान का संसद में आचरण और निलंबन, विज्ञापनों पर भारी भरकम खर्च, सरकारी दावत में 12 हजार रुपये की थाली जैसे मुद्दे ऐसे रहे जिसने आम आदमी और गरीबों की बात कर सत्ता में आई पार्टी की छवि को बिल्कुल बदलकर रख दिया। 

केजरीवाल को मंथन करना चाहिए कि अगर पानी माफ, बिजली का बिल हाफ के बाद हाउस टैक्स खत्म करने का लुभावना लालच देने के बाद भी जनता ने नकार दिया है तो वह खुश नहीं है। पहले पंजाब और गोवा, फिर दिल्ली विधानसभा की राजोरी गार्डन सीट और अब दिल्ली नगर निगम हार इस बात का संकेत है झूठ, फरेब, आरोप की राजनीति नहीं चलेगी। आप के लिए सबसे ज्यादा कष्टकारी बात यह है कि उसका वोट प्रतिशत पिछले विधान सभा चुनाव के मुकाबले करीब करीब आधा ही रह गया है। तब उसके हिस्से में 53 -54 फीसद वोट आया था लेकिन अब उसके हिस्से में 25-25 फीसद ही आ रहा है। आप उन वार्डों में भी हार गयी है जो झुग्गी झोपड़े के लिए जाने जाते हैं। झुग्गी वाले तो अरविंद केजरीलाल को अपना मसीहा मानते थे। आप वहां भी हार गयी है जो मध्यम वर्ग वोटरों के वार्ड जाने जाते हैं। यह वर्ग मुफ्त पानी और सस्ती बिजली बिल के लिए केजरीवाल का शुक्रिया अदा करता रहा है। आप मुस्लिम बहुल वार्डों में भी हारी जो पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को छोड़कर उसके पास चला गया था। यहां तक कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के चार वार्डों में भी आप को हार का सामना करना पड़ा। जबकि भाजपा ने हैट्रिक लगा दी है। तीनों एमसीडी की 270 सीटों में से 181 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में 67 सीटों के साथ रिकॉर्ड जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और वह इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही।  


कहा जा सकता है आम आदमी पार्टी पर जब भी सवाल उठे तो पार्टी नेताओं ने ईमानदारी से उसका जवाब देने की बजाय आक्रामक तरीके से पलटवार करने का रास्ता चुना। उसके नेता टीवी चैनलों पर बहस के दौरान विपक्षी नेताओं के साथ-साथ एंकरों-पत्रकारों से भी उलझते रहे। मीडिया को बिकाऊ बताना उनका पसंदीदा जुमला बन गया। उनके इस आचरण ने विपक्ष का काम आसान कर दिया। चुनाव नतीजों के एक दिन पहले खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ये कहना है कि अगर नतीजे उनके पक्ष में नहीं आए तो वो ईंट से ईंट बजा देंगे अपने आप में दंभ की पराकाष्ठा थी। इसमें कोई शक नहीं कि आम आदमी पार्टी ने पिछले दो साल के अपने कार्यका ल में बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं पर उल्लेखनीय काम किया है लेकिन उसके बावजूद अगर दिल्ली की जनता उसे नकारती जा रही है तो इसका मतलब साफ है कि पार्टी के नेता इन कामों के फायदे जनता तक पहुंचाने में नाकाम रहे हैं। ये सब तब हुआ जब पार्टी ने प्रचार पर भारी भरकम खर्च किया। फिरहाल, आम आदमी पार्टी को एमसीडी चुनाव से खासी उम्मीदें थी। लेकिन दिल्ली की जनता के फैसले ने इनपर पानी फेर दिया है। अपने ही गढ़ में मिली मात के बाद अब अरविंद केजरीवाल के लिए सियासी राह और कठिन हो गई है। अपने जन्म के बाद से ही आम आदमी पार्टी असंतुष्टों का सामना करती रही है। पार्टी से बाहर जाने वाले नेताओं का सिलसिला शायद ही कभी थमा है। इस हार के बाद पार्टी के भीतर दरारें और गहरी हो सकती हैं। कई और नेता हवा का रुख भांपते हुए बीजेपी या कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। अब तक केजरीवाल निर्विवादित तौर पर आम आदमी पार्टी के नंबर-1 नेता रहे हैं। ये मुमकिन है कि इस हार के बाद पार्टी के भीतर केजरीवाल के नेतृत्व और काम करने के तरीकों पर कुमार विश्वास जैसे नेता सवाल उठाएं। पार्टी के नेता भगवंत मान नतीजे आने के बाद पार्टी पर सवाल उठा भी चुके हैं। अन्ना हजारे ने खुद कहा है कि केजरीवाल की कथनी-करनी में अंतर है। आप पार्टी की हार का मुख्य कारण है चुनाव से पहले जनता से जो वादे किए थे उसे पूरा करने के बजाय खुद बंगला, गाड़ी, सैलरी हथियाने लगे। 




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(सुरेश गांधी)

विशेष : वंशवाद से शापित कोंग्रेस

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प्रद्योत कुमार,बेगुसराय। वंशवाद परम्परा को ढ़ोते ढ़ोते भले ही नेताओं के राजनीतिक काँधे ना थके हों पर जनता की आँखें ज़रूर थक गई हैं।क्षेत्रीय राजनीति में लालू यादव ने अपने ही पुत्रों को मंत्री बनाया जबकि उन दोनों से अधिक अनुभवी,राजनीति कुकर्म के विद्वान और अधिक सूझबूझ वाला नेता उनकी पार्टी में मौजूद हैं लेकिन उपमुख्यन्त्री बने लालू यादव के सपूत।सबसे हैरत की बात तो ये है कि इतनी बड़ी बात के ख़िलाफ़ एक भी नेता ने आवाज़ नहीं उठाई इसे कहते हैं पार्टी में ख़ौफ़ का अनुशासन।यही हाल है रामबिलास पासवान की पार्टी लोजपा का हालांकि ये इस तरह की जितनी भी पार्टियां हैं ये पार्टी नहीं बल्कि "सिंडिकेट"हैं।राजनीति में वंशवाद परंपरा की वजह से सबसे ज़्यादा नुकसान देश को हो रहा है,आज जनता के पास विकल्प नहीं होने के कारण एक अच्छी,सुव्यवस्थित और ईमानदार(ईमानदार लिखना बेमानी है)सरकार नहीं चुन पा रही है।आज भाजपा का पूर्णरूपेण "कॉंग्रेसीकरण"हो चुका है तो सवाल ये उठता है कि फिर भाजपा क्यूँ?लेकिन आज कोंग्रेस जिस राह पर चल पड़ी है आने वाले 2019 के चुनाव में जनता फिर अकबकाहट की स्थिति में भाजपा को ही वोट दे देगी और तब कोंग्रेस का अपना अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जाएगा।इससे उबरने और देश हित में सोचने के लिए कोंग्रेस पार्टी को वंशवाद के दलदल से निकलना होगा और इन ढाई वर्षों में कोंग्रेस पार्टी के तमाम शीर्ष नेता को ये गहरी आत्मचिंतन करना होगा कि किस वजह से जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर निकाल फेंका।एक भी कोंग्रेसी नेता ज़मीनी स्तर से काम करते नज़र नहीं आ रहे हैं।उदाहरण के तौर पर आप देख सकते हैं कि सहरसा लोक सभा से अपने काम के बदौलत जीत रही हैं कोंग्रेस की नेत्री रंजीता रंजन,2014 का मोदी लहर भी उनके काम की आस्था से जनता को डिगा नहीं सकी ये बड़ी बात है।ये सच है कि आपको जनता के हक़ के लिए काम करना होगा,कभी सोचा है आपने भ्रष्टाचार में क्यूँ होती है आपकी संलिप्तता,अरे दो वक़्त की रोटी के लिए क्यों करते हो ऐसे कुकर्म,अरे पैसा चाहे जितना कमा लो,लोग जीने के लिए खाते हैं दो वक्त की रोटी ही और ऐसे लोगों यानि पैसे वालों के पास तो उस रोटी को खाने से पहले देखना होता है डॉक्टर के लिखे पर्चे को,रोटी खाने के लिए भी इजाज़त की आवश्यक्ता होती है,फिर किस काम के ये ग़लत पैसे।संभल जाओ कोंग्रेसियों देश की ज़रूरत आप हैं।देश हित में सोचते हुए वंशवादी परम्परा को तोड़ते हुए पार्टी हित में सोचें चूँकि पार्टी है तो आप हैं,आपकी राजनीति है आपका अस्तित्व है।अगर नहीं सम्भले तो 2019 आपके अस्तित्व पर सवाल नहीं खड़ा करेगी बल्कि जनता आपके अस्तित्व को ढूंढेगी।

भाजपा महिला विधायक के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला डीएसपी गिरफ्तार

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गुवाहाटी 29 अप्रैल, सत्तारूढ़ भाजपा की महिला विधायक के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर पुलिस उपाधीक्षक स्तर के एक अधिकारी को आज गिरफ्तार किया गया।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) अनिल कुमार झा ने कहा कि 23वीं असम पुलिस बटालियन में पदस्थापित सहायक कमांडेंट अंजन बोरा को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत मिल गई। बोरा ने अपने फेसबुक पेज पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा की महिला विधायक सचिवालय परिसर के अपने कार्यालय में देह व्यवसाय करती हैं। उन्होंने विधायक का उपनाम लेकर उनकी तरफ इशारा किया था। असम विधानसभा में भाजपा की केवल दो महिला विधायक हैं। इसके बाद भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई और असम पुलिस ने डीएसपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। बोरा सोशल मीडिया पर इस तरह के विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए मशहूर हैं। अधिकारी ने कुछ वर्ष पहले फेसबुक पर एक विवादास्पद पोस्ट डाला था जिस कारण कुछ समय के लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

दुमका : भीषण गर्मी से उप राजधानी दुमका में गहराता जा रहा है पेयजल संकट

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  • डीसी के निदेश पर ड्रिल्ड नलकूपों की हो रही है मरम्मती

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अमरेन्द्र सुमन (दुमका), भीषण गर्मी व तेज धूप से उप राजधानी दुमका का जनजीवन जैसे थम सा गया हो। प्रातः 10 बजे के बाद घर से लोगों का बाहर निकलना दूभर हो गया है। तपिस इतनी की थोड़ी देर तक बाहर रहने के बाद लोग भागे-भागे घर की ओर लौट पड़ते हैं। इस भीषण गर्मी में सबसे अधिक पेयजल का संकट होता है। यद्यपि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक पेयजल की परेशानी से लोगों को मुक्त रखने के लिये सरकारी प्रयास लगातार जारी हैं तथापि ग्रामीण इलााकों में स्थिति यह है कि वाटर लेवल पाताल छू गया है। कुँए व चापानल सूखते जा रहे हैं। नदी, जोरिया, तालाब व चश्मों की स्थित यह है कि वहाँ पानी का दर्शन हो जाए तो बड़ी बात समझी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में अभी भी लोगों को पर्याप्त पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है। लम्बी दूरी तय कर लोग पानी प्राप्त कर पा रहे हैं। उप राजधानी दुमका के शहरी क्षेत्रों में दूधानी, बन्दरजोरी, शिवपहाड़, जरुआडीह, इत्यादि मुहल्लों में पेयजल की भारी किल्लत देखी जा रही है। ग्रामीण इलाकों में मनुष्यों को जहाँ एक ओर पेयजल काफी मशक्क्त के बाद प्राप्त हो पा रहा है वहीं जानवरों के पीने के पानी का अभाव दिख रहा है। पशुओं का चारागाह घासशून्य हो गया है। आदिम जनजाति पहाड़िया व अनूसूचित जनजाति संतालों की बस्ती में पानी का घोर अभाव है। भूईयां, घटवाल, खेतोरी व अनूसूचित जातियों की बस्तियों में भी पेयजलापूर्ति की भारी किल्लत देखी जा रही है। दुमका डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने भीषण गर्मी में पेयजलापूर्ति की किल्लत को दूर करने के लिये विभागीय पदाधिकारियों को कई निर्देश जारी किये हैं। डीसी के निेदेश के आलोक में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमण्डल-2 द्वारा 22 व  25 अप्रैल 2017 को 138 अदद ड्रिल्ड नलकूपों को साधारण मरम्मति द्वारा चालू किया गया है, जिनमें दुमका प्रखंड के निकटवर्ती मांझि स्थान नीचे टोला करमडीह गादिकौरेय, उ0म0वि0 खास मुखरालि हरिपुर, पुराना स्थान खास मुखरालि हरिपुर, प्रा0वि0 पहाड़ टोला सरसरिया हरिपुर, चबुतरा के पास पहाड़ टोला सरसरिा हरपिुर, घाटरसिकपुर हिरपुर, प्रा0वि0 संथाल टोला कुरुवा, कोल टोला में कोल टोला चिताडीह परसिमला, लखिराम टुडू मुखिया टोला बसमता पारसिमला, रोबिन सोरेन तालि टोला बागनल पारसिमला, पुरना राय कुम्हार टोला सिद्धपहाड़ी मुड़भंगा, गोपाल पाल कुम्हार टोला बागनल तालि टोला गागनल पारसिमला, हटिया में सड़क टोला दोमुहानी मुड़भंगा, सीताराम भंडारी भंडारी टोला नेरुवापहाड़ी दरवापुर, काली मंदिर हरणाकुण्डी रोड पुराना दुमका, काली मंदिर सरकारीबाॅध मुड़जोड़ रानीबहाल, बजरंगबली थान सड़क टोला मुड़जोड़ रानीबहाल, बलाई मिर्धा मिर्धा टोला मुड़जोड़ रानीबहाल, लैम्स कार्यालय सड़क टोला मुड़जोड़ रानीबहाल, कालि मंदिर बागति टोला रानीबहाल, हरिकिसन सिंह हरिजन टोला रानीबहाल, अनंत खयरा मुस्लिम टोला लखिकुण्डी शामिल थे। मसलिया प्रखंड के निकटवर्ती मोटु हेम्ब्रम हारोरायडीह, मोतीलाल हेम्ब्रम खास पलासील हारोरायडीह, फोगो सोरेन प्रधान टोला पलासी हरोरायडीह, राजेष सोरेन प्रधान टोला हारोयडीह, स्कुल परिसर खास नवासार धोबनाहरिणहबाल, स्कुल परिसर खास लहरजोरिा गोलबंधा, उमेष मोहली खास आमजोड़िया नयाडीह, स्कुल परिसर खास पारडंगाल नयाडीह, जगदीष दास खास संथाली कुसुमडीह कंुजबोना, रामेष्वर भगत भगत टोला खैरबनी नयाडीह, प्राधन घर के सामने गोविन्द टोला खैरबनी नयाडीह, कन्हाई चन्द्र दास बंगाली टोला  बेलियाजोड़, फोजे मुर्मू नीचे टोला सरमुण्डी आमगाछी, आनंद हेम्ब्रम उपर टोला सरमुण्डी आमगाछी, पहाड़िया स्कुल पहाड़िया टोला हारोयडीह, पहाड़िया स्कुल पहाड़िया टोला हरोरायडीह, थाना परिसर मसलिया रांगा, थाना परिसर मसलिया रांगा, सलाय मुर्मू पलास टोला विक्रमपुर धोबनाहरिणबहाल, करबरी हाॅसदा स्कुल टोला विक्रमपुर धोबनाहिरणबहाल। जामा प्रखंड के निकटवर्ती तेजु महतो खास मकुनी पलासी, जगलाल राय खास तीनघरा आसनसोल कुरुवा, गोपाल मिस्त्री खास तीनघरा आसनसोल कुरुवा, रघुनाथ राउत खास गरगरिया आसनसोल कुरुवा, साधु पुजहर खास गरगरिा आसनसोल कुरुवा, आॅगनबाड़ी केन्द्र खास गरगरिया आसनसोल कुरुवा, बजरंगबली थान खास दुधानी आसनसोल कुरुवा, किषन मंडल खास दुधानी आसनसोल कुरुवा, तपन पंडित खास दुधानी आसनसोल कुरुवा, सुभाष पुजहर खास सिकटिया, आॅगनबाड़ी केन्द्र खास अम्बाटीकर सिकटिया, मानकी कॅुवर खास करहैया तपसी, जर्नादन राउत खास करहैया तपसी, आॅगनबाड़ी केन्द्र खास करहैया तपसी, सामू हेम्ब्रम बदरा टोला चिगलपहाड़ी, अजीत हेम्ब्रम कमार टोला चिगलपहाड़ी, बबलू मराण्डी सड़क टोला चिगलपहाड़ी, गोकूल मंडल मंडल टोला नौनी चिगलपहाड़ी, लिबू मिर्धा मिर्धा टोला नौनी चिगलपहाड़ी, परमेष्वर मंडल खास नौनी चिगलपहाड़ी, बजरंगबली थान खास सकड़ीगली चिगलपहाड़ी, अनिल चंद मंडल खास सकड़ीगली चिगलपहाड़ी, सामुदायिक भवन खास सकड़ीगली चिगलपहाड़ी, छोटू मुर्मू संथाली टोला करहैया तपसी, प्रा0वि0 खास उबैचा तपसी, आॅगनबाड़ी केन्द्र खास उबैचा तपसी।रामगढ़ प्रखंड के निकटवर्ती महाप्रसाद राय खास चिहुटिया भतुड़िया बी, दिपू मराण्डी खास कांजवे, गाजी राउत खास राजाबाॅध भतुड़िया बी, विष्वनाथ लायक खास मोचीखमार भालसुमर, जीतु माल खास मोचीखमार भालसुमर, नाग मंदिर खास ओरतारा सिल्ठा ए, सुर्दषन कॅुवर खास ओरतारा सिल्ठा ए, जलधर मिर्धा बदरा टोला कुषमहाहा धोवा, षिवानंद राय खास मयुरनाथ  पथरिया, महालाल मुर्मू खास खरगाखिल भालसुमर, लखीराम मुर्मू खास खरगाखिल भालसुमर, राजेष कॅुवर खास पिण्डारी कांजवे, स्कुल परिसर सैजा टोला अमरपुर, रावण मुर्मू खास भदवारी भतुड़िया ए, रावण मुर्मू खास भदवारी भतुड़िया ए, पानु घर के पास खास ठाड़ीहाट, धनेष्वर राय खास गंडक लाढ़ीहाट, काली मदिर खास ठाढ़ीहाट, काली मंदिर खास ठाढ़ीहाट, बाबुराम मुर्मू खास कंनियाजमाय काॅजवे, प्रधान मांझी खास ठाढ़ी भालसुमर, सुबास हाॅसदा खास ठाढ़ी भालसुमर, कटकी राय खास आमजोल नौखेता, काली मंदिर सिंदुरिय बोड़िया। 


जरमुण्डी प्रखंड के निकटवर्ती बसंत मुर्मू हरला डंगाल (मेन रोड) हरिपुर, डुमा मराण्डी हरला डंगाल (मेन रोड) हरिपुर, देवनारायण बास्की खास मोहुलबना राजसिमरिया, आॅगनबाड़ी केन्द्र खास मोहुलबना राजसिमरिया, धनंनजय मांझी खास मोहुलबना  राजसिमरिया, सुदीन राय खास दौलतपुर सिंहनी, डीलर घर के पास खास दौलतपुर सिंहनी, उ0प्र0वि0 खास दौलतपुर सिंहनी, षिबू सोरेन खास सिमरा सिंहनी, देवेन्द्र राउत खस दामुसिंहा सिंहनी, गुरुदयाल राय खास घोरमारा ठेकचाघोंघा, काली मंदिर खास बबनडीहा चमराबहियार, जमुना प्रसाद राउत खास बबनडीहा चमराबहियार, पंचायत भवन खास पतुलीडाबर, स्वा0 उपकेन्द्र खास मण्डलडीह पुतलीडाबर, सचीन राउत खास करमा जोंका, राधाकान्त मांझी खास बलाथर ठेकचाघोंघा, उ0प्र0वि0 सिंगाजोर बोगली ठेकचाघोंघा, तिरु कॅुवर खास कन्हैयापुर चमराबहियार, संतु कापरी खास सरंगपानी हथनामा, बाबुलाल कापरी खास बसमाता हथनामा, सभा भवन खास लखना बरमसिया, सुबोध यादव खास लखना बरमसिया, सरेष यादव खास लखना बरमसिया, प्रफुल यादव खास लखना बरमसिया, गणेष पहाड़ीया पहाड़िया टोला कानीजोर बरमसिया। सरैयाहाट प्रखंड के निकटवर्ती रासबिहारी कॅुवर खेतोरी टोला उपर चकुआ चन्दुबथान, फुलेष्वर राउत कोयरी टोला तितमोह नवाडीह, गणेष पासी पासी टोला बरहेट दिग्धी, बद्री सोरेन संथाल टोला भतुड़िया माथाकेषो, डोमन मंडल नीचे टोला बेलीढाब धोनी, हाट पर उपर टोल नोनिया धोनी, राम प्रसाद मड़ैया तांती टोली मालदाहा केन्दुआ, भौजी दास हरिजन टोला पथरीय चरकापाथर, विनोद यादव यादव टोला मंडलडीह, गणेष मांझी राय टोला महेषजोड़ा धनवै, म0वि0 बीच टोला बहिराडीह धनवै, झारु लेया पहाड़िया टोला बनारस धनवै, प्रा0वि0 हाट टोला हथगढ़ हॅसडीहा, बालिका उच्च विद्यालय हाट टोला हथगढ़ हॅसडीहा, किरण राय घटवाल टोला चतरामोड़ धनवै, प्रा0वि0 यादव टोला पहरीडीह मटिहानी, उ0प्र0वि0 उपर टोला सुग्गी कोरदाहा, आॅगनबाड़ी केन्द्र हाजरा टोला कुरमाटाॅड़ दिग्घी, बाले हाजरा हाजरा टोला कुरमाटाॅड़ दिग्घी, उ0म0वि0 माल टोला अम्बाटीकर रकसा, महेन्द्र सिंह गोड्डा रोड हॅसडीहा आदि शामिल थे।
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