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भाजपा नेता शुक्रवार को मिलेंगे सोनिया से

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नयी दिल्ली 14 जून, राष्ट्रपति पद के सर्वसम्मत उम्मीदवार के चयन के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्य शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है । सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू , गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली को इसका सदस्य बनाया । समिति के सदस्य श्रीमती गांधी से मुलाकात के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी के साथ विचार विमर्श करेंगे। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों में भी सरगर्मी तेज हो गयी है । उनके नेताओं की आज यहां बैठक हुयी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने आज अधिसूचना जारी कर दी है। चुनाव 17 जुलाई को होना है । भाजपा नेताओं ने बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश चन्द्र मिश्रा तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल से फोन पर बातचीत की है ।


‘चे’ ग्वेरा -- वो कभी भारत आए थे ??

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बेतरतीब दाढ़ी, सितारे लगी टोपी, मुंह में सिगार और पांव में ऊंचे जूते.. ये आदमी कई पीढ़ियों के ज़हन में है। भले नाम तुरंत याद ना आए तो भी कोई नहीं कह सकता कि मैंने इस आदमी को नहीं देखा। किसी का अंदाज़ा है कि ये कोई पॉप स्टार है तो किसी ने इसे अमेरिकी हीरो बताया। अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन अमेरिकी यूथ में आज खूब पसंद किया जाता है। टीशर्ट, जूते, हेलेमेट, लाइटर.. किसी भी चीज़ पर आप उसके चेहरे का दीदार कर सकते हैं। जाने-अनजाने कई पीढ़ियां उससे वाकिफ रही हैं। ये चे है.. अर्नेस्तो चे ग्वेरा।


अर्नेस्तो ‘चे’ ग्वेरा ने क्यूबा का ना होकर भी वहां हुई सशस्त्र क्रांति में अहम रोल निभाया था। फिदेल कास्त्रो ने सरकार बनाई तो दूसरे देशों से संंबंध स्थापित करने का ज़िम्मा उन्हें ही सौंपा। नेहरू सरकार ने चे को विशेष आमंत्रण भेजा और 30 जून 1959 को वो दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पहुंचे थे। किसी रॉकस्टार सरीखे दिखते चे की अगवानी प्रोटोकॉल ऑफिसर डी एस खोसला ने की थी। 1 जुलाई 1959 को चे और नेहरू की मुलाकात हुई औऱ उन्होंने साथ ही खाना खाया। वो दिल्ली के करीब पिलाना गांव भी गए थे। कमाल ये है कि चे की इस दौरे की जानकारी उन्हें चाहनेवालों को भी नहीं है। लोगों को ये बात हैरान करती है कि वो कभी भारत आए थे। यहां फाइल्स में उनका नाम अर्नेस्ट गेवारा दर्ज है। दिल्ली ही नहीं चे कलकत्ता भी गए और उसके अलावा कई और शहरों में भी। उनके इस दौरे की जानकारियां संजोने का काम किसी ने भी ठीक से नहीं किया। चे के संग्रह में वो तस्वीरें भी हैं जो उन्होंने कलकत्ता की सड़कों पर खींची। वो बंगाल के मुख्यमंत्री से भी मिले थे लेकिन ये बात फिर हैरान करती है कि वामपंथियों तक ने चे के दौरे पर कभी विस्तार से लिखना ज़रूरी नहीं समझा। खैर जब चे क्यूबा लौटे तो अपनी रिपोर्ट कास्त्रो को सौंपी। उसमें उन्होंने भारत के बारे में काफी कुछ लिखा है। सबसे अहम ये है कि खुद हथियार लेकर क्रांति करनेवाले चे ने गांधी के सत्याग्रह के प्रति आदर का भाव प्रकट किया। ओम थानवी के एक लेख के मुताबिक चे ने रिपोर्ट में लिखा- ‘‘जनता के असंतोष के बड़े-बड़े शांतिपूर्ण प्रदर्शनों ने अंग्रेजी उपनिवेशवाद को आखिरकार उस देश को हमेशा के लिए छोड़ने को बाध्य कर दिया, जिसका शोषण वह पिछले डेढ़ सौ वर्षों से कर रहा था।’’ 


के पी भानुमति ने ऑल इंडिया रेेडियो के लिए उनका साक्षात्कार दिल्ली के अशोका होटल में लिया था जहां वो ठहरे थे। चे ने तब उनसे कहा था - ‘आपके यहां गांधी हैं, दर्शन की एक पुरानी परंपरा है। हमारे लैटिन अमेरिका में दोनों नहीं हैं। इसलिए हमारी मन:स्थिति ही अलग ढंग से विकसित हुई है।’ कमाल देखिए कि चे ग्वेरा भारतीयों को युद्ध से दूर रहनेवाला मानते थे। उन्होंने रिपोर्ट में लिखा था - 'भारत में युद्ध शब्‍द वहां के जनमानस की आत्‍मा से इतना दूर है कि वह स्‍वतंत्रता आंदोलन के तनावपूर्ण दौर में भी उसके मन पर नहीं छाया।'अगर चे आज भारत का दौरा करते तो शायद भारत को लेकर उनकी बहुत सी राय बदल जाती। आज चे का जन्मदिन है। 14 जून 1928 को वो अ्रर्जेंटीना में पैदा हुए थे। मानव को बंधन से आज़ाद कराने के लिए उन्होंने घर, पेशा और देश तक छोड़ दिए थे। आखिरकार अपने हिस्से की नौ गोलियां झेलकर वो मुक्त हो गया।




नितिन ठाकुर के फेसबुक वाल से 

गोरक्षा दल लावारिस पशुओं की देखभाल क्यों नहीं करते : नीतीश

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दरभंगा 14 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में गोरक्षा दल बनाने वालों से आज सवालिया लहजे में कहा कि ये दल बिहार से अधिक उत्तर प्रदेश और झारखंड में सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशुओं की देखभाल क्यों नहीं करते। श्री कुमार ने यहां दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में 229.12 करोड़ रुपये की 30 योजनाओं का लोकार्पण और 19 योजनाओं का रिमोट कंट्रोल के जरिये शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, "हम तो गाय पालते हैं। बिहार से अधिक उत्तर प्रदेश और झारखंड में सड़कों पर लावारिस पशु घूमते रहते हैं। प्लास्टिक खाने से हजारों पशुओं की मृत्यु हो रही है। फिर गोरक्षा दल इन लावारिस पशुओं की देखभाल क्यों नहीं करते। हमने तो मुख्य सचिव अंजनी कुमार को निर्देश दिया है कि राजधानी पटना की सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को गौशाला में रखकर उनकी देखभाल की जाये।"मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के लिए जनभागीदारी की अपील करते हुये कहा कि कुछ लोग भले गड़बड़ करें लेकिन अंततः वे पकड़े जायेंगे। उन्होंने कहा कि शराब की अवैध बिक्री में सहयोग देने में सरकारी तंत्र का हाथ रहता है। ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं। कल ही पता चला कि बक्सर में कोई सरकारी मुलाजिम शराब को इधर से उधर कराते थे। कल वे पकड़े गये और जेल भेजे दिये गये। सरकार अपना काम कर रही है लेकिन इतना बड़ा काम अकेले सरकारी तंत्र से नहीं होगा और इसके लिये जनभागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं कि दुनिया में शराबबंदी सफल नहीं हुयी, बिहार में कैसे होगी। इसका जवाब यह है कि यही तो मिथिला और बिहार की खासियत है कि जो कहीं नहीं हो सकता, वह यहां संभव हो सकता है। बाहर से आने वाले लोगों को बताइये कि उतर प्रदेष में भी शराबबंदी लागू कर दीजिये। यदि शराबबंदी बिहार में सफल हो सकती है तो उतर प्रदेश, झारखंड, छतीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं सफल हो सकती। 


श्री कुमार ने कहा कि लोग कहते थे कि बिहार में शराबबंदी से पर्यटकों की संख्या में कमी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें केरल बुलाया गया था तो वहां उन्होंने बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद घरेलू पर्यटकों की संख्या में वर्ष 2015 के मुकाबले वर्ष 2016 में 69 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों की संख्या में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। उन्होंने कहा कि सभी मजहब शराबबंदी के पक्ष में हैं। यह समाज में सद्भाव का प्रतीक है। शराबबंदी से सभी की भावना का सम्मान हुआ है। उन्होंने कहा कि सद्भाव एवं शांति का माहौल रहेगा तो राज्य को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पटना आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शराबबंदी को साहसिक कदम कहा था। उन्होंने कहा कि कम से कम भाजपा शासित राज्यों में तत्काल शराबबंदी लागू की जानी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अब शराबबंदी से आगे नशामुक्ति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि वह बराबर कहते रहे हैं कि आप सचेत रहें और इस बात पर भी नजर रखें कि कहीं शराब छोड़कर लोग किसी दूसरे मादक पदार्थों का सेवन तो नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर जाने के लिये व्यापक अभियान चलाया गया। इस वर्ष 21 जनवरी को मानव श्रृंखला से इसकी शुरूआत हुयी। इसमें दो करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान था लेकिन चार करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि दरभंगा में भी जबर्दस्त भागीदारी हुयी और इसके लिये उन्होंने दरभंगवासियों को बधाई दी। श्री कुमार ने कहा कि अब राज्य सामाजिक सुधार की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ रहा हैं। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध महात्मा गांधी के जन्मदिन 02 अक्टूबर से सशक्त अभियान चलाया जायेगा। यह एक सामाजिक कुरीति है जो समाज को विनष्ट कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में नाटेपन एवं स्टंटिंग की समस्या की बढ़ रही है, जिसका एक कारण बाल विवाह भी है। उन्होंने कहा कि जीविका समूह की महिलायें बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों को सचेत करें। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा समाज के कमजोर तबकों के बीच में भी बीमारी की तरह फैल रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार विकास की योजनाओं के साथ-साथ सात निश्चय की योजनाओं पर अमल करती है और कुरीतियों से भी लड़ती है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में व्यापक कार्य किये गये हैं। बिहार पहला राज्य है, जहां पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपके यहां बाहर से जो प्रवचन के लिये आते हैं तो उनसे कहिये कि पहले अपने यहां पचास प्रतिशत आरक्षण का लाभ महिलाओं को दें। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सात निशचय की सभी योजनाओं को चार साल में क्रियान्वित करना चाहती है ताकि बिहार का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि बिहार की जटिल समस्या पर केन्द्र को ध्यान देना चाहिये और अपने किये हुये वादे को निभाना चाहिये। श्री कुमार ने कहा कि देश में आनुपातिक दृष्टि से बिहार में युवाओं की संख्या सर्वाधिक है, जो राज्य की संपत्ति हैं। युवा आगे बढ़ेंगे तभी वह देश की तरक्की में अहम योगदान दे सकेंगे। सात निश्चय के तहत युवाओं के लिये आर्थिक हल, युवाओं का बल निश्चय लागू किया गया है। उनके लिये स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भता, रोजगार की तलाश करने वालों को कम्प्यूटर ज्ञान, भाषा और व्यवहार कौशल का ज्ञान उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट की दुनिया है, सभी सरकारी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है। युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये 500 करोड़ रुपये का वेंचर फंड बनाया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बाहर नहीं जाना पड़े, इसके लिये हर जिला में इंजीनियरिंग काॅलेज, महिला पाॅलिटेक्निक काॅलेज, जीएनएम काॅलेज, पारा मेडिकल काॅलेज, सभी अनुमण्डलों में आईटीआई और एएनएम काॅलेज, पांच नये मेडिकल काॅलेज के साथ ही सभी मेडिकल काॅलेजों में नर्सिंग काॅलेज आदि खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पटना में तारामंडल बन रहा था तो उसी समय कहा गया था कि दरभंगा और गया में भी तारामंडल बनाया जायेगा, इससे संबंधित सभी प्रक्रियायें पूरी हो चुकी है। जल्द ही काम शुरू होगा। तारामण्डल बनने से बच्चों के बीच वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। आज दरभंगा बाईपास बनकर तैयार हो गया और आज वह समर्पित हो गया। जिला योजना भवन, स्वास्थ्य से संबंधित अनेक योजनायें, प्रेस क्लब, पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन हुआ है। सात निष्चय के तहत नर्सिंग काॅलेज भवन डाॅ. भीम राव अंबेडकर छात्रावास, जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास एवं प्रेक्षागृह तथा अलीपुर में ग्रीड पावर सब स्टेशन का भी आज शिलान्यास कराया गया है। उन्होंने कहा कि दरभंगा कला एवं संस्कृति की भूमि रही है। यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण प्रेक्षागृह होना चाहिये ताकि कलाकारों को ऐसा स्थल मिले, जहां वे अपनी कला का मंचन कर सकें। कार्यक्रम को वित मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, नगर विकास एवं आवास मंत्री सह प्रभारी मंत्री दरभंगा महेश्वर हजारी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डाॅ0 मदन मोहन झा तथा खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर जल संसाधन तथा योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत अन्य विधायक एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बिहार में आदित्यनाथ की कल होने वाली सभा की तैयारी पूरी : राय

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दरभंगा 14 जून, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार में एकबार फिर से अपना परचम लहराने के उद्देश्य से कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दरभंगा में होने वाली सभा की अभूतपूर्व तैयारी पूरी कर ली है। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं उजियारपुर के सांसद नित्यानंद राय ने आज यहां बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री आदित्यनाथ कल एक दिवसीय यात्रा पर बिहार आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कल दरभंगा के राज मैदान में सभा को संबोधित करेंगे और इस दौरान केन्द्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों से लोगों को अवगत करायेंगे। श्री राय ने कहा कि दरभंगा की सभा अभूतपूर्व होगी क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही मिथिलांचल के लोगों ने  इस बार जमकर तैयारी की है । पूरे शहर को झंडा और बैनर से पाट दिया गया है। इसी तरह प्रमुख चौक-चौराहों पर तोरण द्वार बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि दरभंगा जिले की सीमा में प्रवेश करने से पूर्व ही समारोह की झलक दिखाई दे रही है। 

         
प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया और कहा कि लोगों के उत्साह को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कल की सभा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहेंगे । मुख्य समारोह स्थल राज मैदान को भी सजाया और संवारा गया है। रौशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है । भीषण गर्मी को देखते हुए समारोह स्थल के आस पास तथा मुख्य मार्गों पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गयी है । समारोह स्थल के आसपास मीडियाकर्मियों के लिए अलग से व्यवस्था की गयी है। श्री राय ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के साथ बिहार भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डॉ. प्रेम कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और भाजपा के सांसद एवं विधायक भी मौजूद रहेंगे। इस बीच मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ की सभा को देखते हुए दरभंगा जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध किये गये हैं । मुख्य समारोह स्थल और आस-पास के क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के साथ ही गश्त की व्यवस्था गयी है । जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने मुख्यमंत्री की यात्रा के मद्देनजर समारोह स्थल और आस-पास के क्षेत्रों का जायजा लिया। 

नौकरी देने के बदले ललन ने लालू परिवार को दान में दी करोड़ों की जमीन : सुशील

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पटना 14 जून, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के ‘काम के बदले जमीन’ मामले में नया खुलासा करते हुये आज कहा कि श्री यादव की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन दान में देने वाले ललन चौधरी को विधान परिषद में कर्मचारी के पद पर नियुक्त किया गया था। श्री मोदी ने यहां कहा कि श्रीमती राबड़ी देवी और उनकी पुत्री हेमा यादव को करोड़ों रुपये की जमीन दान देने वाले जिस ललन चैधरी को राजद अध्यक्ष श्री यादव मीडिया के सामने हाजिर नहीं कर सके वह केवल गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाला कार्डधारी और खाली समय में उनके खटाल में काम करने वाला ही नहीं था बल्कि विधान परिषद का कर्मी भी है, जिसे श्रीमती राबड़ी देवी के कार्यकाल वर्ष 2005 में सभापति जाबिर हुसैन ने एलडीसी के पद पर नियुक्त किया था। भाजपा नेता ने कहा कि इसी प्रकार हेमा यादव को 70 लाख रुपये की जमीन दान करने वाले हृदयानंद चैधरी की नियुक्ति भी श्री यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल में पूर्व मध्य रेलवे के ग्रुप डी के पद पर 20 जून 2005 को हुई थी जिसके नियुक्ति से संबंधित कागजात का खुलासा भाजपा ने किया है। उन्होंने कहा कि मामला उजागर होने के बाद से खलासी हृदयानंद चैधरी अपने कार्यस्थल से फरार है। 


श्री मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि राजद अध्यक्ष श्री यादव बतायें कि क्या यह सही नहीं है कि ललन और हृदयानंद के नाम पर नौकरी देने के एवज में बेनामी सम्पति लिखवाई गई और फिर उसे बतौर गिफ्ट वापस ले लिया गया। क्या ललन और हृदयानंद श्री यादव के कालेधन और बेनामी सम्पति को सफेद करने का जरिया मात्र बने। उन्होंने कहा कि श्रीमती राबड़ी देवी और हेमा यादव ने ललन और हृदयानंद को क्या आर्थिक मदद की थी। ललन और हृदयानंद ने अपने परिजनों, बच्चों को दान न देकर राजद अध्यक्ष के परिजनों को जमीन दान में क्यों दी। भाजपा नेता ने कहा कि श्री यादव के पुत्र और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बतायें कि ललन और हृदयानंद चैधरी के पैन नम्बर क्या हैं। श्रीमती राबड़ी देवी और हेमा यादव ने दान में मिली करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन का उल्लेख आयकर विवरणी में क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम के अनुसार दान में मिली सम्पति प्राप्तकर्ता की आय होती है तो क्या श्रमती राबड़ी देवी और हेमा यादव ने इस सम्पति के अनुरूप कर का भुगतान किया है। उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने कल यहां जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि श्री यादव के परिवार को जमीन दान देने वालों का सिलसिला अंतहीन नजर आ रहा है। उन्होंने कहा था कि श्री यादव की पुत्री हेमा यादव को गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले ललन चौधरी ने ही केवल 62 लाख रुपये की 7.75 डिसमिल जमीन दान में नहीं दी बल्कि उसी दिन रेलवे के कोचिंग कॉम्पलेक्स स्टोर राजेन्द्रनगर पटना में कार्यरत खलासी हृदयानंद चौधरी ने भी इतनी ही जमीन दान में दी। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 14 जून

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झाबुआ तथा सीमान्त जिलों में डकैती का पर्याय बने 30 हजार का इनामी. कुख्यात डकैत मलखान गिरफ्तार 

झाबुआ । झाबुआ तथा आसपास के सीमान्त जिलों में अत्यंत सक्रिय लूट एवं डकैती की घटनाओं को करने का आदी मलखान पिता जोसफ अमलियार, उम्र 32 वर्ष, निवासी ग्राम पिपलिया थाना कल्याणपुरा, जो कि जिला झाबुआ, दाहोद गुजरात तथा अन्य अनेक जिलों में लूट एवं डकैती के 20 से अधिक घटनाओं में वांटेड था, इसके अतिरिक्त चोरी तथा मारपीट, आम्र्स एक्ट के भी इसके विरूद्ध 10 से अधिक प्रकरण सक्रिय हैं। थाना पेटलावद के अपराध क्रमांक 285/2010 दि. 18.10.2010 को रतलाम के एक कपड़ा व्यापारी एवं उसके परिवार के साथ सनसनीखेज लूट में मलखान को 10 वर्ष का कठोर कारावास हुआ था और वह जेल में बंद था। बाद में सितंबर, 2016 में अंतरिम जमानत पर बाहर आने के बाद मलखान द्वारा अपने पुराने एवं नये साथियों को इकट्ठा कर पुनः लूट और डकैती की घटनाओं में सक्रिय हो गया। थाना कल्याणपुरा पुलिस ने दुर्घटना के प्रकरण में आरोपी मलखान से निसान टेरेनो कार को जप्त किया था। मलखान उस समय अधिक चर्चा में आया, जब चैकी परिसर अंतरवेलिया में जप्तशुदा निसान टेरेनो कार को चैकी में अपने हथियारबंद साथियों के साथ आकर चुरा ले गया, जिस पर थाना कल्याणपुरा में दिनांक 12.11.2016 को अपराध क्रमांक 302/2016 का कायम किया गया था। इसके पश्चात् दिनांक 13 फरवरी को गांव में आने की सूचना पर पुलिस द्वारा पीछा करने पर यह पुलिस पर फायर करके फरार हो गया था, तब पुलिस द्वारा घेराबंदी कर इसके 3 साथियों और दाहोद से चुराई कार बरामद करने में पुलिस को सफलता प्राप्त हुई परंतु मलखान पुलिस पार्टी पर फायर करके भागने में सफल हो गया था। इसके पश्चात् वह भोपाल, रायसेन आदि क्षेत्र में फरारी काट रहा था, छिपता फिर रहा था। फरारी के दौरान ही इसके द्वारा थाना लीमड़ी जिला दाहोद गुजरात में एक व्यापारी के घर पर डकैती डालकर उसकी हत्या कर दी थी, उस दौरान भी यह हत्या, डकैती डालकर वहां से फरार हो गया था। फरारी के दौरान इसने दाहोद में और भी कई चोरी एवं लूट की घटनाएं घटित की। दिनांक 12.5.17 को थाना कल्याणपुरा में ही अपने काका के घर आकर इसने काकी के साथ मारपीट की, जिस पर से इसके विरूद्ध धारा 307 ताहि का अपराध पंजीबद्ध हुआ। वहां से वह बड़ी ढेकल आया एवं एक आदमी का अपहरण कर ले जा रहा था, पुलिस द्वारा पीछा करने पर इसका एक साथी गुजरात से चुराई बोलेरो के साथ में पकड़ा गया, वहां से भी मलखान जंगल में भागने में सफल रहा। दिनांक 9.6.17 को थाना कोतवाली क्षेत्र में कयड़ावद मंदिर के पास मलखान ने अपने साथियों के साथ रेत से भरे ट्राले को लूट लिया, सूचना मिलने पर जिले की पुलिस टीमों द्वारा उसकी घेराबंदी की गई तथा मोद नदी के किनारे नेगड़िया के जंगल में मलखान लूटे हुए ट्रक को छोड़कर भाग गया तथा इसके साथी ढांढनिया जंगल मोद नदी के किनारे घटना में प्रयुक्त व्हाइट स्कार्पियों को छोड़कर भाग गये। स्कार्पियों के इंजिन नंबर-चेचिस नंबर की पतारसी कर संपर्क करने पर पता लगा कि आरोपी मलखान एवं उसके साथियों ने 5 जून, 2017 को आष्टा में एक ड्रायवर के साथ मारपीट कर उसके हाथ बांधकर उसे रोड के किनारे फेंक दिया था एवं मलखान स्कार्पियों लेकर फरार हो गया था। इस घटना पर थाना आष्टा जिला सीहोर में अपराध क्रमांक 460/2017, धारा 394 ताहि का प्रकरण कायम है। इसके अतिरिक्त 25 चोरी एवं लूट के अपराध इसके द्वारा करना स्वीकार किया गया है। इसने जिले के बाहर पच्चीसों अपराध किये हैं, जिसकी सूचना संबंधित पुलिस अधीक्षक को दी जा रही है। थाना रावटी जिला रतलाम क्षेत्र से भी अपराधी मलखान ने एक बोलेरो एवं पिकअप वाहन चुराना पता लगा है। थाना रावटी को भी मलखान एवं उसके साथियों की तलाश थी। आरोपी मलखान का यह कहना है कि लूट का डेढ़ किलो सोना उसके काका हजम कर गये, इस कारण वह उनकी हत्या की फिराक में था। आरोपी मलखान के गंभीर आपराधिक रिकाॅर्ड एवं सक्रियता को देखते हुए अति. पुलिस महानिदेशक इंदौर जोन इंदौर श्री अजय कुमार शर्मा द्वारा आरोपी मलखान कीे गिरफ्तारी पर 30,000/- रू. का ईनाम घोषित किया था। दिनांक 13.6.2017 को मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस टीम द्वारा अपराधी मलखान को गिरफ्तार किया गया। सक्रिय अपराधी की गिरफ्तारी से पुलिस को बहुत बड़ी सफलता मिली है। अपराधी मलखान को पकड़ने में पुलिस टीम में उनि अंजली श्रीवास्तव, उनि राजीव ओशाल, आशुतोष मिठास, सउनि राजेन्द्र शर्मा, आर. 524 मनोहर, 239 बसु, 81 प्रकाश एवं आर. 573 संदीप, आर. चालक 197 आशीष की सराहनीय भूमिका रही है। पुलिस अधीक्षक श्री महेश चंद जैन ने पुलिस टीम को 30,000/- रू. के नगद ईनाम दिये जाने की अनुशंसा कर प्रतिवेदन प्रेषित किया है।

वृक्षारोपण अभियान को लेकर ग्राम-ग्राम की जा रही है बैठके

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झाबुआ । आगामी 02 जूलाई 17 को प्रदेष स्तरीय एवं नर्मदा बेसीन से लगे ग्रामों में 06 करोड पौधें लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबध में सभी सामाजिक संगठनों से इस हेतु कार्य करने का आव्हान किया था। म.प्र.जन अभियान परिषद् झाबुआ द्वारा विभिन्न ग्रामों में ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों के माध्यम से 02 जुलाई को वृक्षारोपण करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिसमें ग्राम मानपुरा, हीरापुर, भगोर और जिले के अन्य ग्रामों में ब्लाक समन्वयक और मेंन्टर्स के मार्गदर्षन में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के छात्र एवं प्रस्फुटन समितियों के माध्यम से पेड लगाने हेतु समन्वय बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान ग्राम में पर्यावरण जागरूकता यात्रा के साथ संगोष्ठि एवं वृक्षारोपण स्थल पर श्रमदान से गड्डे खोदकर पौधा रोपण हेतु तैयार किये जा रहे है। पौधारोपण अभियान मे झाबुआ ब्लाक समन्वयक दयाराम मुवेल, राजेष वैरागी, खुषाला झणिया, पृथ्वी झणिया सहित ग्राम के अनेक लोगो ने ग्राम मानपुरा की मेड़ पर गढ्ढंे खोदे और पौधें लगाने हेतु सभी ग्रामवासियों को प्रेरित किया 

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना जगनाथपुरी यात्रा, 04 जूलाई से 09 जुलाई 2017 तक

झाबुआ ।मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अन्तर्गत दिनांक 04 जुलाई से 09 जुलाई 2017 तक जगनाथपुरी यात्रा निर्धारित की गई है जिसमें यात्रियो की संख्या 125 एवं 3 अनुरक्षक है। इनके आवेदन प्राप्ति की अंतिम दिनांक 22 जून 2017 तक रखी गई है। उक्त यात्रा के आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करे। पूर्व में यदि आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। किन्तु यात्रा नहीं हो पाई है ऐसी स्थिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को केवल यात्रा की सहमति के लिये आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

विशेष आलेख : युवापीढ़ी की निराशा बहुत घातक हो सकती है

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देश की अर्थव्यवस्था भले ही कई देशों के मुकाबले दोगुनी वृद्धि कर रही हो लेकिन युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने के मामले में देश पिछड़ रहा है। रोजगार एवं उद्यम के मोर्चें पर युवा सपनों का बिखरना देश के लिये एक गंभीर चुनौती है। हमें गंभीरता से विचार करना चाहिए कि आखिर ऐसी कौन-सी परिस्थितियां हैं, जो इस पीढ़ी की तरुणाई को मूच्र्छित कर रही है, निराशा का वातावरण निर्मित कर रही है। एक सबल एवं सशक्त राष्ट्र की बुनियाद ही हिलती हुई दिखाई दे रही है। जबकि सरकार ने रोजगार सृजन के लिए मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कई कार्यक्रम चला रखे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि अन्य सरकारी योजनाओं की तरह ये योजनाएं भी कोरा दिखावा है। युवापीढ़ी राष्ट्रीय जीवन की ऐसी सम्पदा हैं कि अगर उन्हें रोज नहीं संभाला जाए या रोज नया नहीं किया जाए तो वे भोंथरा जाती हैं, विकराल हो जाती है, समस्या बन जाती है। कुछ सम्पदाएं ऐसी हैं जो अगर पुरानी हो जाएं तो सड़ जाती हैं। युवापीढ़ी और उनके सपनों को रोज खाद-पानी देने की जरूरत है और इसके लिये जिस तरह के राजनेताओं की अपेक्षा है, आज हमारे पास ऐसे राजनेता नहीं है, जो इस स्थिति से राष्ट्र को बाहर निकाल सके, राष्ट्रीय चरित्र को जीवित रखने का भरोसा दिला सके। युवापीढ़ी की यह निराशा बहुत घातक हो सकती है, होती रही है। महादेवी वर्मा के शब्दों में ‘‘बलवान राष्ट्र वही होता है जिसकी तरुणाई सबल होती है।’’ बेरोजगारी का बढ़ना एवं युवा सपनों का बिखरना देश की दुर्बलता को दर्शाता है। इन स्थितियों पर गंभीरता चिन्तन की अपेक्षा है। क्योंकि सरकारी स्तर पर ही नहीं, बल्कि बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं नामी-गिरामी आईटी और अन्य कंपनियों में जिस रफ्तार से नौकरियों में इनदिनों कटौती देखने को मिल रही है, उससे युवापीढ़ी में निराशा व्याप्त होना स्वाभाविक है। 
हाल ही में आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन की ताजा रिपोर्ट ने बताया है कि देश में पंद्रह से उनतीस वर्ष के तीस प्रतिशत से अधिक युवाओं के पास रोजगार नहीं है। जिन युवाओं ने अपने साधनों से व्यापार की ओर कदम बढ़ाये हैं, उन्हें भी बड़ी कम्पनियों,ं विदेशी फंड की प्रतिस्पर्धा एवं सरकारी की कठोर औपचारिकताओं का सामना करना पड़ रहा है। पूरी दुनिया में सबसे तेज तरक्की करने वाली अमेरिकी कार शेयरिंग स्टार्ट-अप कंपनी ऊबर का माॅडल भारतीय अन्य क्षेत्र की कम्पनियों को लुभा रहा है, वे भारतीय कम्पनियां और ऊबर दोनों ही युवापीढ़ी के लिये गंभीर चिन्ता का विषय बने हुए हंै। क्योंकि इसकी फिलहाल दो वजह है- भारी नुकसान का माॅडल एवं नौकरियों में कटौती। इसके वैल्युएशन को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं। विभिन्न समस्याओं की शिकार इसी कंपनी के वर्किंग मॉडल में भारत की नामी-गिरामी आईटी कंपनियों को अपनी सद्गति नजर आ रही है। ऊबर का वर्किंग मॉडल यह है कि जिन टैक्सियों की सेवाएं वह अपने ग्राहकों को मुहैया करा रही है, वे किसी और की हैं। न ड्राइवर रखने की किचकिच, न गाड़ियों के ईंधन और मेंटिनेंस का झंझट। प्रारंभ में इस माॅडल से जुड़ने वाले युवा टैक्सी ड्राइवरों को बहुत सुकून मिला था, लेकिन अब वे भी कठिनाई को महसूस कर रहे हैं। उन्हें अपने खर्चें पूरे करना ही जटिल महसूस हो रहा है। ऊबर, ओला, फिलीपकार्ट, स्नेपडील, अमेजान जैसी कम्पनियों ने भी भारतीय व्यापार एवं रोजगार की स्थितियों को घूमिल किया है।
देश-विदेश में तमाम संकटों से जूझ रही भारतीय आईटी कंपनियों को लग रहा है कि ऊबर का तरीका अगर वे सॉफ्टवेयर इंजिनियरों को लेकर अपना लें - उन्हें नियमित नौकरी पर रखने के बजाय प्रॉजेक्ट की जरूरतों के अनुरूप ही उनकी सेवाएं लें - तो न सिर्फ उनके स्थायी खर्चे बचेंगे, बल्कि कर्मचारियों से जुड़ी हर तरह की जिम्मेदारी से भी वे मुक्त हो जाएंगी। अभी यह वर्किंग मॉडल सिर्फ पुणे स्थित एक छोटी आईटी कंपनी द्वारा ही अपनाया गया है, लेकिन निकट भविष्य में टीसीएस, इनफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों को भी हम शायद इसी दिशा में बढ़ते देखें। इसके लिए नई पीढ़ी के कुछ प्रतिशत इंजिनियरों की मानसिकता का भी हवाला दिया जा रहा है, जो कहीं बंध कर काम करना पसंद नहीं करते। लेकिन सरकारों और समाज के जिम्मेदार लोगों को यह जरूर सोचना चाहिए कि ये नई पीढ़ी के इंजिनियर अब से दस-पंद्रह साल बाद भी ऐसे ही तो नहीं रहेंगे। कहीं ऐसा न हो कि जब उन पर अपना परिवार चलाने, बच्चे पालने की जिम्मेदारी आए तो उनके पास स्थायी काम और सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कुछ भी न हो! इन स्थितियों को देखते हुए युवापीढ़ी का न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य भी धुंधला ही दिखाई दे रहा है। 
मोदी सरकार युवाओं को लेकर गंभीर है, पूर्व सरकारंे भी जागरूक रही है, यही कारण है कि अनेक रोजगार की योजनाएं संचालित है। बावजूद इसके जिस तेजी से बेरोजगारी की दर में वृद्धि हो रही है उससे साफ है कि देश में बेरोजगारी से निपटने का कोई ठोस रोडमैप नहीं है। यहां उल्लेख करना आवश्यक है कि भारत सरकार ने लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए स्किल इंडिया के जरिए 2022 तक चालीस करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन जिस गति से देश में बेरोजगारी की दर में वृद्धि हो रही है उस हिसाब से कारोबारी प्रशिक्षण की यह उपलब्धि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। आमतौर पर पच्चीस से तीस वर्ष के बीच 95 प्रतिशत नौजवान अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं और फिर रोजगार की तलाश शुरू कर देते हैं। सीआइआइ की इंडिया स्किल रिपोर्ट-2015 बताती है कि भारत में हर साल तकरीबन सवा करोड़ शिक्षित युवा तैयार होते हैं। ये नौजवान रोजगार के लिए सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र, सभी जगह अपनी किस्मत आजमाते हैं। लेकिन सिर्फ सैंतीस प्रतिशत कामयाब हो पाते हैं। चिन्ताजनक स्थिति यह है कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियां सिकुड़ रही हैं, जबकि दूसरी ओर प्राइवेट क्षेत्र में उन्हीं लोगों को रोजगार मिल रहा है जिन्हें कारोबारी प्रशिक्षण हासिल है। देश में सालाना सिर्फ पैंतीस लाख लोगों के लिए कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था है, जबकि हर साल सवा करोड़ शिक्षित बेरोजगार युवा रोजगार की कतार में खड़े होते हैं। विदेशों में भी भारतीय नौजवानों के लिये नौकरियांे पर पहरा लग रहा है, वे भी भारत की ओर ताक रहे हैं।  

युवापीढ़ी के इस तरह सपनों का बिखरना त्रासदी से कम नहीं हैं क्योंकि आज के सपनों में, आने वाले कल के सवालों के गूढ़ उत्तर छिपे होते हैं। हर युवा पीढ़ी सपने देखती है, हर पिछली पीढ़ी से अलग। वह अक्सर एक कदम आगे का सोचती है, इसी नए के प्रति उनके आग्रह में छिपा होता है विकास का रहस्य। कल्पनाओं की छलांग या दिवास्वप्न के बिना हम संभावनाओं के बंद बैग को कैसे खंगाल सकते हैं? सपने देखना एक खुशगवार तरीके से भविष्य की दिशा तय करना ही तो है। किसी भी युवा मन के सपनों की विविधता या विस्तार उसके महान या सफल होने का दिशा-सूचक है। स्वप्न हर युवा मन संजोता है। यह बहुत आवश्यक है। खुली आंखों के सपने जो हमें अपने लक्ष्य का गूढ़ नक्शा देते हैं। लेकिन देश में बेरोजगारी एवं युवा-निराशा की स्थितियां कैसे से नये भारत का निर्माण करने में सहायक होगी? 
रोजगार बढ़ाने के लिए छोटे उद्योगों का विकास सबसे ज्यादा जरूरी है। अर्थशास्त्रियों की मानें तो लघु उद्योगों में उतनी ही पूंजी लगाने से लघु उद्योग, बड़े उद्योग की तुलना में पांच गुना अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। बेरोजगारी केवल आर्थिक समस्या नहीं है। यह एक ऐसा मसला है जो अपराध नियंत्रण और सामाजिक शांति से भी उतना ही वास्ता रखता है। अगर बेरोजगारी बढ़ती ही जाएगी तो तरह-तरह के असंतोष और हिंसा के रूप में फूटेगी। क्योंकि संसार की सबसे बड़ी आबादी हमारे यहां युवाओं की है। पचपन करोड़ के आसपास है। उनमें मेट्रो वर्ग के युवा और उनके जैसे युवा टेंªडसेटर हैं। उनकी नकल गांव, गली, कस्बे तक में है, लेकिन वे सब एकरूप नहीं हैं। एक भूमिका में नहीं हैं। कश्मीर में वे पत्थर फेंकते हैं। छत्तीसगढ़ में वे माओवादी हैं। हिंसक हैं। वे राज्यसत्ता को हिंसक तरीके से उखाड़ फेंकना चाहते हैं। दरअसल हमारी युवा पीढ़ी महज स्वप्नजीवी पीढ़ी नहीं है, वह रोज यथार्थ से जूझती है, उसके सामने भ्रष्टाचार, आरक्षण का बिगड़ता स्वरूप, महंगी होती जाती शिक्षा जैसी तमाम विषमताओं और अवरोधों की ढेरों समस्याएं भी हैं। उनके पास कोरे स्वप्न ही नहीं, बल्कि आंखों में किरकिराता सच भी है। इस गला काट प्रतियोगिता के युग में, क्या महज रोजगार की समस्या के आधार पर पाया जा सकता है, वर्तमान की विदू्रपताओं को चुनौती देकर नया भविष्य गढ़ने का संकल्प-स्वप्न? शायद नहीं, क्योंकि हरेक समय की अपनी चुनौतियां होती हैं, कोई काल हो या कोई परिवेश... युवा आंखों से सपने कौन छीन सका? लेकिन उनके सपनों की अनदेखी अनेक समस्याओं का सबब बन सकती है, इसे गंभीरता से लेना ही होगा।




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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कुंज अपार्टमेंट
25, आई0पी0 एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोन: 22727486

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 15 जून

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विधायक श्री राय ने किया दस्तक अभियान का शुभारंभ
  • एएनएम,आषा को विधायक के हाथांे सौंपी गई दस्तक कीट

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सीहोर 15 जून, विधायक श्री सुदेष राय द्वारा आज 15 जून से 15 जुलाई,2017 तक संचालित दस्तक अभियान का शुभारंभ किया गया। सीहोर शहरी क्षेत्र की समस्त एएनएम को दस्तक कीट का वितरण विधायक श्री राय के हाथों किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता, जिला टीकाकरण अधिकारी डॅा. एम.चंदेल,प्रभारी सिविल सर्जन   डाॅ.एस.एस.तोमर, आरएमओ डाॅ.सुधीर श्रीवास्तव, षहरी टीकाकरण अधिकारी डाॅ. नीरा श्रीवास्तव, डीपीएम श्री धीरेन्द्र आर्य, जिला मीडिया समन्वयक श्री शैलेष कुमार, जिला अस्पताल प्रबंधक श्रीमती संजुलता भार्गव, एलएचव्ही श्रीमती सुषीला सोनी, अर्बन लिपिक श्री हरिओम मेवाड़ा सहित सीहोर शहरी क्षेत्र की समस्त एएनएम,आषा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। दस्तक अभियान का शुभारंभ करते हुए विधायक श्री सुदेष राय ने कहा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बच्चों की सेहत सुधारने का एक बेहतर अवसर है। उन्होंने कहा कि मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने कार्यो को किया जाएगा तो स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाया जा सकता है। श्री राय ने सभी कर्मचारियों से कहा कि दस्तक अभियान मुख्यमंत्रीजी की सोच को बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण अभियान है, आषा है सभी कर्मचारी दस्तक अभियान में लक्ष्य अनुसार उपलब्धि प्राप्त कर जिले को प्रदेष में महत्वपूर्ण स्थान दिलाएंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि 15 जून से निरंतर एक माह तक संचालित होने वाले दस्तक अभियान में आषा,एएनएम घर-घर दस्तक देकर 05 साल तक के बच्चों की पहचान कर निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर दस्त प्रबंधन के लिए ओ.आर.एस.के पैकेट भी घर-घर वितरित करेगी। साथ ही कलेक्टर के निर्देषानुसार 05 वर्ष तक बच्चों में बाल्यकालीन निमोनियां की त्वरित पहचान कर प्रबंधन एवं रेफरल की व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में सभी जरूरी दिषा निर्देष समस्त बीएमओ को जारी कर दिए गए है। 05 साल से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग के नियंत्रण हेतु ओआरएस के उपयोग संबंधी सामुदायिक जागरूकता में बढ़ावा एवं प्रत्येक घर में गृहभंेट के दौरान ओआरएस पहंुचाना पहली प्राथमिकता होगी। सीएमएचओ ने बताया कि एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग एवं फाॅलोअप को दस्तक अभियान के दौरान प्रोत्साहन दिया जाएगा। नमक में आयोाडीन पर्याप्तता की जांच एवं आयोडीन की अल्पता से बच्चोें में होने वाले विकारों के संबंध में सामुदायिक जागरूकता के संबंध में अभियान संचालित किया जाएगा। दस्तक अभियान में स्तनपान को भी प्रमुखता से जोड़ा गया है जिसके अंतर्गत आषा एवं एएनएम घर-घर जाकर षिषु एवं बाल आहार पूर्ति संबंधी समझाईष समुदाय को देगी एवं स्तनपान संबंधी भ्रांतियों में कमी हेतु सामुदाय में जागरूकता लाने के लिए उचित सलाह एवं समझाईष देगी। जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.एम.चंदेल ने बताया कि जिले के 1138 ग्रामों में दस्तक अभियान का संचालन किया जाएगा। करीब 215 उप स्वास्थ्य केन्द्रांे एवं शहरी वार्डों में भी अभियान का सघन संचालन किया जाएगा। जिले में अभियान की सफलता के लिए कलेक्टर के निर्देष पर कुल 286 दलों का गठन किया गया है। जिसमें आष्टा में 59 दल, बुदनी 51, नसरूल्लागंज में 47, ष्यामपुर 39, सीहोर शहरी क्षेत्र 14 तथा आष्टा शहरी क्षेत्र के लिए 11 दलों का प्रमुखता से गठन कर उन्हें अभियान के सफलता की व्यापक जवाबदारी एवं जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभियान की सघन माॅनिटरिंग के लिए ब्लाॅक एवं जिला स्तर से जिम्मेदार अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। प्रतिदिन की लक्ष्य एवं उपलब्धि से राज्य कार्यालय को आॅन लाईन रिपोर्ट के माध्यम से अवगत कराया जाएगां वहीं सघन माॅनीटरिंग के लिए राज्य ंस्तर से भी स्वास्थ्य विभाग,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के आला अधिकारी एवं गैर शासकीय संगठनों के प्रतिनिधि जिले में ग्राम स्तर पर भ्रमण कर अभियान की जमीनी हकीकत से राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों को प्रतिदिन अवगत कराया जाएगा। 

दस्तक अभियान पर निकली जनजागरूकता रैली
  • बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों की पहचान की जाएगी

सीहोर, 15 जून, जिला चिकित्सालय स्थित ट्रामा सेंटर से 15 जून से 15 जुलाई तक संचालित होने वाले बदस्तक अभियान के अवसर पर आज जनजागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली प्रमुख मार्गों से रवाना होकर पुन ट्रामा सेंटर पहंुची। रैली को जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.एम.चंदेंल ने संबोधित करते हुए कहा कि दस्तक अभियान बाल सुरक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण अभियान है। एक माह तक संचालित अभियान में निमोनिया, दस्त रोग, कुपोषण से संबंधित बच्चों को चिन्हांकन कर उपचार किया जाएगा।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि 15 जून से निरंतर एक माह तक संचालित होने वाले दस्तक अभियान में आषा,एएनएम घर-घर दस्तक देकर 05 साल तक के बच्चों की पहचान कर निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर दस्त प्रबंधन के लिए ओ.आर.एस.के पैकेट भी घर-घर वितरित करेगी। रैली के शुभारंभ अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थिात थे।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 15 जून

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मुख्यमंत्री जी की मंशा, पढ़ा लिखा हो मध्यप्रदेश - राज्यमंत्री श्री मीणा
  • ‘‘स्कूल चले हम’’ अभियान का शुभांरभ हर्षोल्लास से

vidisha news
विदिशा, दिनांक 15 जून, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान की मंशा है कि पढा लिखा हो मध्यप्रदेश इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है उक्त आश्य के विचार उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन, राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने ‘‘स्कूल चलें हम’’ अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में व्यक्त किए।  विदिशा विकासखण्ड के ग्राम पालकी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यमंत्री श्री मीणा ने कहा कि शिक्षा के लोकव्यापीकरण को ध्यानगत रखते हुए राज्य में अधिक से अधिक शासकीय स्कूल का संचालन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। विद्यार्थियों को निःशुल्क किताबे, डेªस, साइकिल प्रदाय की जा रही है इसके अलावा छात्रवृत्ति, मध्यान्ह भोजन भी मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे शासन की सुविधाओं का लाभ लेेते हुए स्वंय शिक्षित हो और प्रदेश को शिक्षावान बनाएं। श्री मीणा ने बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को हर रोज स्कूल अनिवार्यतः भेजे और उनकी शिक्षा-दीक्षा पर भी नजर रखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर ने कहा कि गांव के बच्चे प्रतिभावान होते है। उन्हें कुशल मार्गदर्शन मिल जाने से वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति सुगमता से कर लेते है उन्होंने गुरूजनों से कहा कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी से कर आने वाली पीढ़ी को शिक्षावान बनाने में कोई कोर कसर ना छोडे़।विधायक श्री ठाकुर ने कार्यक्रम स्थल पर अपनी विधायकनिधि से तीन स्कूलांे के लिए  टेबिल-कुर्सी देने की घोषणा की तदानुसार ग्राम पालकी के लिए 18 नग, ग्राम ठर्र के लिए तीस और ग्राम भदरबाडा के स्कूल हेतु दस टेबिल कुर्सी देने की घोषणा की। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा हैै। इस प्रकार के अभियान का मुख्य उद्वेश्य कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित ना रहें। इस कार्य में हम सबकी अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बच्चे नियमित स्कूल आए इसके लिए उनके पालकों को भी जागरूकता का परिचय देना होगा। नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि स्कूल जाने और पढ़ने की लालसा जिन बच्चों में होती है वे तो शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ जाते है किन्तु गांव के ऐसे बच्चे जो स्कूल जाने में ज्यादा रूचि नही दिखाते है उन बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंनें कहा कि कोई भी व्यवसाय करने के लिए हमें शिक्षित होना अतिआवश्यक है। आधुनिक युग इलेक्ट्राॅनिक युग है जिसमें शिक्षा की महत्वता स्वयमेव प्रतिपादित हो रही है। शिक्षा के क्षेत्र में गांव के बच्चे पिछड ना पाए इसके लिए सरकार द्वारा हर प्रकार से सहूलियते मुहैया कराई जा रही है। काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा ने कहा कि शिक्षावान समाज की महत्वता अन्य समाज से श्रेष्ठ हो जाती है हमारा गांव शिक्षित, सुशिक्षित हो इसके लिए हमें आगे आना होगा। आने वाली पीढी पूर्ण शिक्षावान हो ताकि जिले और प्रदेश का विकास शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ ना पाए। उन्होंने ग्रामीणजनों से कहा कि वे स्कूलांे के संचालन पर भी नजर रखें। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि शासकीय स्कूल अब निजी स्कूल से कम नही है मेरिट सूची मंे अधिकांशतः शासकीय स्कूलोें के बच्चों ने स्थान हासिल किया है जो इस बात का घोतक है कि लगन और परिश्रम से हम शिक्षा के क्षेत्र में आगे निकल सकते है। उन्हांेने स्कूली बच्चांे से कहा कि वे मन लगाकर पढ़ाई करें। शासन उन्हें हर सुविधा मुहैया करा रही है इसी प्रकार शिक्षकों से उन्होंने कहा कि वे समय पर शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन स्कूलों में करें ताकि बच्चों का लगाव स्कूल के प्रति बढे़। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से स्कूलों पर सतत नजर रखें जिसमें बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं और गुरूजनों की उपस्थिति को शामिल करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी शिक्षक के द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो अविलम्ब जिला प्रशासन को अवगत कराएं। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने योग्य नागरिक बनने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा ने स्कूल चले हम अभियान के तहत प्रवेशोत्सव आयोजन के उद्वेश्यों को रेखांकित किया। 

बच्चो का स्वागत
अतिथियों द्वारा नवप्रवेशीय स्कूूली विद्यार्थियों का तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया।

लाड़ली चली स्कूल की ओर
मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभांवित कुमारी सोहनी आदिवासी भी अब स्कूल की ओर कदम बढाई है। इससे पहले कुमारी सोहनी आंगनबाडी केन्द्र में हर रोज जाती थी। नवप्रवेशीय सोहनी को पालकी की प्राथमिक शाला में कक्षा एक में दाखिला इसी वर्ष कराया गया है। 

सामग्री
सभी स्कूली बच्चों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तके प्रदाय की गई। वही युवा समाजसेवी श्री लोचन सिंह राजपूत के सौजन्य से बच्चों को स्कूली बैग, पानी की बाटल, पेन, पेसिंल, कम्पास इत्यादि सामग्री का वितरण अतिथियों द्वारा किया गया। 

पौधरोपण
अतिथियों द्वारा स्कूल प्रागंण में पौधरोपण कार्य में भी सहभागिता निभाई गई। कार्यक्रम का संचालन कविवर श्री संतोष शर्मा ने किया और आगंतुको के प्रति आभार डीपीसी श्री सुरेश खांडेकर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम स्थल पर श्री संदीप सिंह डोंगर, श्री मनोज कटारे के अलावा स्थानीय प्रतिनिधि, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, तहसीलदार श्री संतोष बिटौलिया के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, ग्रामीणजन और बच्चे मौजूद थे। 
दस्तक अभियान का शुभांरभ

विदिशा, दिनांक 15 जून, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन, राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने ग्राम पालकी के आंगनबाडी केन्द्र में दस्तक अभियान का शुभांरभ बच्चों को दवा पिलाकर किया। इस अवसर पर विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरन सिंह दांगी, विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन, काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा ने भी बच्चों को दवा पिलाने में सहभागिता निभाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बीएल आर्य ने बताया कि  दस्तक अभियान का प्रथम चरण 15 जुलाई तक जिले में क्रियान्वित किया जाएगा। अभियान का मुख्य उद्वेश्य बाल सुरक्षा के लिए सेहत की दस्तक घर-घर तक देना है। उन्होंने बताया कि अभियान अवधि के दौरान पांच वर्ष से उम्र के गंभीर, कुपोषित बच्चों की सक्रिय रूप से पहचान एवं प्रबंधन, बच्चों में गंभीर एनीमिया की स्क्रीनिंग, समस्त बच्चों को विटामिन-ए अनुपूरण के अलावा बच्चों में बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान कर उपचार करना के अलावा दस्त रोग के नियंत्रण हेतु ओआरएस की उपयोगिता को सामुदायिक जागरूकता में बढावा देना है। स्तनपान संबंधी भ्रांतियों को भी अभियान के दौरान दूर करने पर विशेष बल दिया जाएगा।

मत्स्याखेट पर पूर्ण प्रतिबंध 

विदिशा, दिनांक 15 जून, वर्षा ऋतु में मछलियों की वंशवृद्वि (प्रजनन) के दृष्टिकोण से उन्हें संरक्षण देने हेतु जिले में भी 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को क्लोज सीजन अधिघोषित किया गया है इस अवधि में सभी प्रकार का मत्स्याखेट एवं विक्रय, विनिमय, परिवहन पूर्णतः निषिद्व किया गया है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने जारी आदेश का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश मत्स्य विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारियों को दिए है। प्रतिबंधित अवधि के दौरान यदि कोई उल्लघंन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही का प्रावधान मत्स्योद्योग अधिनियम के तहत की जाएगी। 

पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित

स्वर्गीय देवी प्रसाद शर्मा और भैया श्री मिश्रीलाल गंगवाल सद्भावना पुरस्कार के लिए प्रस्तावयुक्त आवेदन पत्र सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा आमंत्रित किए गए है। स्वर्गीय देवी प्रसाद शर्मा पुरस्कर वर्ष 2016-17 के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए है। पुरस्कार एक अपै्रल 2016 से 31 मार्च 2017 तक किए गए कार्यो के आंकलन पर दिया जाएगा। आवेदन पत्र सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल में 20 जून तक जमा किए जा सकते है। भैया श्री मिश्रीलाल गंगवाल सद्भावना पुरस्कार 2016 के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है। विगत पांच वर्षो से निरंतर समाज सेवा के उल्लेखनीय कार्यो को सम्पादित करने वाली संस्थाओं से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए है। जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा के उपरांत दस जुलाई तक सामान्य प्रशासन विभाग को आवेदन प्रेषित किए जा सकते है। उक्त दोनो पुरस्कारों के संबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए कलेक्टेªट, अधीक्षक से कार्यालयीन दिवसों, अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।

दो प्रकरणों में आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने दो प्रकरणों में क्रमशः चार-चार लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि स्वीकृति के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश में उल्लेख है कि शमशाबाद तहसील के ग्राम शहपुरा काॅलोनी की कुमारी लाड़बाई की मृत्यु कुएं में गिरने (पानी में डूबने से) हो जाने के कारण मृतिका के पिता श्री गोविन्दी बंजारा को चार लाख रूपए की तथा ग्राम झिरिया (झिरी) के श्री मोती सिंह राजपूत की मृत्यु पानी में डूबने से हो जाने के कारण मृतक की पत्नी श्रीमती सावित्री बाई राजपूत को भी चार लाख रूपए की अनुदान सहायता आरबीसी के प्रावधानोें के तहत जारी की गई है।

दलहन फसलों का समर्थन मूल्य जारी
   
विदिशा, दिनांक 15 जून, राज्य सरकार द्वारा दलहन फसलों के उपार्जन कार्य हेतु समर्थन मूल्य जारी किया गया है जिसमें प्रत्येक दलहन जिन्स के लिए बोनस राशि 425 रूपए प्रति क्ंिवटल के मान से समर्थन मूल्य में शामिल है। जिले में समर्थन मूल्य पर दलहनी फसलों का खरीदी कार्य तीस जून तक विपणन सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा जिले मे समर्थन मूल्य पर दलहनी फसलों का उपार्जन कार्य सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हो इसके लिए उनके द्वारा नोड्ल अधिकारी भी नियुक्त किए गए है अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा को समस्त खरीदी कार्य का संचालन मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण का दायित्व सौंपा गया है। कलेक्टर श्री सुचारी के द्वारा जिला स्तरीय निगरानी समिति का भी गठन किया गया है। अपर कलेक्टर को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है इसके अलावा सात अन्य सदस्यों को भी शामिल किया गया है। इसी प्रकार खरीदी केन्द्रों में गुणवत्ता हेतु आकस्मिक निरीक्षण के लिए कलेक्टर द्वारा अनुविभाग स्तर पर निरीक्षण दल भी गठित किए गए है। जिला आपूर्ति अधिकारी श्री मोहन मारू ने बताया कि जिले में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी कार्य विदिशा और बासौदा की कृषि उपज मंडी मंे किया जाएगा। मंूग का समर्थन मूल्य 5225 रूपए प्रति क्ंिवटल है। उड़द खरीदी कार्य बासौदा की कृषि उपज मंडी में ही होगा। उडद का समर्थन मूल्य पांच हजार रूपए प्रति क्ंिवटल घोषित किया गया है इसी प्रकार अरहर (तूअर) खरीदी कार्य शमशाबाद कृषि उपज मंडी में किया जाएगा। अरहर का समर्थन मूल्य पांच हजार पचास रूपए है।

एनसीसी शिविर का आयोजन 

एनसीसी ग्रुप भोपाल के सौजन्य से विदिशा के एसएटीआई पाॅलिटेक्निक में 19 जून से एनसीसी केम्प का आयोजन किया गया है। जिसमें विदिशा, भोपाल, होशंगाबाद, रायसेन जिले के लगभग छह सौ एनसीसी कैडेट भाग लेंगे। 

बाल हृदय केम्प का आयोजन 20 को

जिन चिकित्सालय गंजबासौदा में खण्ड स्तरीय निःशुल्क बाल हृदय केम्प का आयोजन बीस जून को किया गया है कि जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बीएल आर्य ने बताय कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एलएन मेडीकल काॅलेज एण्ड जेके हास्पिटल द्वारा निःशुल्क बाल हृदय केम्प आयोजित किया गया है। शिविर में 18 वर्ष तक के हृदय रोग से पीडित बच्चों की निःशुल्क जांच की जाएगी जो भी बच्चे धनात्मक पाए जाएंगे उनका निःशुल्क उपचार हास्पिटल द्वारा किया जाएग। 

बिहार : महिला प्रदर्शनकारी के साथ दुर्व्यवहार की भाकपा ने की निंदा

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पटना, 15 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने पटना में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्षन कर रहे वाम छात्र संगठनों की एक छात्रा को महिला पुलिस की मौजूदगी में एक पुरूष पुलिसकर्मी द्वारा बेषर्मी की हद तक जाकर बुरी तरह से दबोचने की घोर निन्दा की है तथा सरकार एवं पुलिस प्रषासन से संबंधित पुरूष पुलिसकर्मी के विरूद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य दफ्तर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि गलत कार्यों की ओर बिहार पुलिस का मनोबल और कदम लगातार बढ़ते जा रहा है और बिहार सरकार तथा पुलिस प्रषासन इस पर मौन साधे हुए है। कल 14 जून को तो पटना पुलिस की करतूत बेषर्मी की तमाम हदों को पार कर गयी जब महिला पुलिस की मौजूदगी में एक पुरूष पुलिस कर्मी ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्षन कर रहे वाम छात्र संगठनों की एक छात्रा को बुरी तरह अपनी जकड़ में ले लिया तथा पुलिस अफसरों के छुड़ाने के प्रयास के बावजूद वह पुलिसकर्मी छात्रा को छोड़ने को तैयार नहीं हो रहा था। छात्रा यह प्रदर्षन बिहार इन्टरमीडियट के परीक्षाफल में घोटाला के खिलाफ तथा उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए कर रही थी। पटना पुलिस की यह करतूत संबंधित पुरूष पुलिसकर्मी के खिलाफ आउट्रेजिंग मोडेस्टी (षीलहरण) का केस बनता है। अतः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पुलिस प्रषासन एवं बिहार सरकार से मांग करती है कि वह तत्काल संबंधित पुरूष पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर और उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करे। 

मधुबनी : अंधराठाढी में जीविका समूहो द्वारा दो हजार किचेन गार्डेन संचालित।

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अंधराठाढी/मधुबनी ( मोo आलम अंसारी ) अंधराठाढी। प्रखंड में श्रीविधि से दो हजार से अधिक किचेन गार्डेन संचालित हो रहे है। जीविका समूह से जूडी दीदी हरी सब्जी उत्पादन कर आर्थिक स्वावलम्बन की ओर बढ रही है। अंधराठाढी प्रखंड में 1747 जीविका समूह गठित है इनमें 1030 समूहो का बैंक लिंकअप हो गया है। तकरीवन 921 समूहो को परियोजना राशि भी विमुक्त कर दी गयी है।कुल समूहो मे से  740 समूहो को अब तक ऋण राशि मुहैया करा दी गयी है।उपरोक्त जानकारी प्रखंड  परियोजना प्रबंधक विजय कुमार राय ने दी । उन्होने वताया कि कुल 102 ग्राम संगठनो में से 71 ग्राम संगठन का भी बैंक लिकअप हो चुका हैं । पुरे प्रखंड के जिविका समूह तीन संकूलो में बाट दिये गये है। जिविका के कार्या के सफल संचालन वास्ते 147 जिविका मित्र 14 बूक कीपर , 01 मुख्य बूक कीपर और छः बैंक मित्र है। स्थानीय पंजाव नेशनल बेंक में 101 समूह, स्टेट बैंक अंधराठाढी में 96 समूह, इलाहावाद बेंक ननौर में 88 उत्तरविहार ग्रामीण बैंक महरैल मे152, रूद्रपुर में 152 गोनैली में 185अंधराठाढी 178 एवं भटसिमर में 97 जिविका समूहो का खाता संचालित हो रहा है। हाल के दिनो में 76 समूहो के बीच कृा विभाग के सहयोग से बीज उपलब्ध कराया गया है। जिविको पार्जन विशेज्ञ विनोद प्रसाद के मुताविक प्रखंड में किचेन गार्डेन के अलावे मूर्गी पालन भी चल रहा हैं । अंधराठाढी और मदनेश्वर स्थान में मूर्गी पालन का मदर यूनिट हैं । 250 परिवारो के बीच मूर्गी पालन हेतु 25 चूजा उपलव्ध कराये गये हैं । प्रखंड जीविका कार्यालय में परियोजना प्रबंधक के अलावे ,एक जिविकोपार्जन विशेज्ञ ,क्षेत्रीय समन्वयक ,07 कम्यूनीटी कोडिनेटर एवं एक लेखापाल कार्यरत हैं । कहते है परियोजना प्रवंधक  विजय कुमार राय - प्रत्येक परिवार में जीविकोपार्जन का साधन मुहैया कराना जीविका का मूल उदेश्य है। इसका लक्ष्य है कि समुदाय आधारित यह संस्था अपने बलबूते चलने लगे।

बिहार : डी.जी.पी. ने खेद प्रकट किया, कहा शर्मिंदा हैं

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पटना, 15 जून। इंटरमीडिएट काउंसिल की पुस्तिकाओं के पूनर्मल्यांकन की मांग को लेकर विगत 12 जून से धरने पर बैठे छात्र-संगठनों पर लाठीचार्ज और उस दौरान ही एक छात्रा के साथ पुलिस के द्वारा की गई बदसलूकी के बाद बिहार महिला समाज उिन छात्र-छात्राओं से मिली और डी.जी.पी. से बात किया। डी.जी.पी. ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि हम इस घटना के लिए शर्मिंदा हैं एवं उस पुलिसकर्मी की निलंबित कर दिया गया है। किन्तु लगातार जनआंदोलनों और खासकर महिलाओं के साथ दूव्र्यवहार और मारपीट की  घटनाओं को देखते हुए बिहार महिला समाज यह मांग करती है, कि तत्काल में सरकार छात्रों के जीवन से खिलवाड़ न करते हुए उनके मांग स्वीकार करें और भविष्य में सरकार आंदोलनकारियों एवं खासकर महिलाओं के साथ लोकतंात्रिक व्यवहार का कड़ाई से पालन करें।

बिहार : रोजगार सह मार्ग दर्शन मेला में तीन दर्जन युवको को चयनित

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मधुबनी/अंधराठाढ़ी(मोo आलम अंसारी ) जीविका द्वारा आयोजित रोजगार सह मार्ग दर्शन मेला में तीन दर्जन युवको को चयनित किया गया . रोजगार मेला स्थानीय फुल देवी कुशेश्वर झा महा विद्यालय में आयोजित थी . इसमें देश के दो प्रसिद्ध कम्पनी केप्शन और एस आइ एस इसमें शामिल हुए थे . कुल 58 लड़का और 22 लडकियों ने अपना निबंधन करवाये थे . शामिल कम्पनियों में मात्र सुरक्षा गार्डो की पद की मांगे थी . महिलाओ को चयन नही हुई . सभी चयनित प्रतिभागी को प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद भेजा जायेगा . प्रशिक्षण के बाद उन्हे बहल की जाएगी . चयनकर्ता में प्रशिक्ष्ण पदाधिकारी अबधेश कुमार जीविका जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ऋचा गार्गी , रोजगार मार्गदर्शन रौशन कुमार , बीपीएम विजय कुमार राय ,एल एच एस विनोद कुमार राजीव कुमार, रविरंजन ,राजीव कुमार रंजन, रंजित कुमार झा अदि शामिल थे .

मधुबनी : अतिक्रमण ने मधुबनी की हालत बिगाड़ी, जाम से त्रस्त शहर

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मधुबनी किशोर कुमार() 15 जुन,  शहरी क्षेत्र में सड़क जाम की समस्या दिन प्रतिदिन विकराल बनती जा रही है। लचर ट्रैफिक व्यवस्था सड़क जाम पर काबू पाने में अक्षम साबित हो रहा है। शहरी क्षेत्र में सड़क अतिक्रमण की समस्या कम होने के बजाय बढ़ता ही चला गया। शहर के संपूर्ण हिस्सों में सड़क किनारे फुटपाथी दुकानदारों की मनमानी सड़क जाम को बढ़ावा दे रहा है। इस दिशा में करीब चार माह पूर्व पुलिस-पब्लिक जागरुकता अभियान चलाकर शहरी क्षेत्र के अतिक्रमण से मुक्त कराने के दिशा में बेहतर पहल शुरू की गई थी। कुछ दिन चले इस अभियान के बाद फिर से अतिक्रमण की पुरानी स्थिति बन गई। गर्मी के इन दिनों चिलचिलाती धूप के बीच सड़क जाम में फंसे लोगों को निजात मिलता नजर नहीं आ रहा है।

गंगासागर चौक पर अतिक्रमण की समस्या बनी गंभीर
शहर का व्यस्ततम गंगासागर चौक पर अतिक्रमण की समस्या विकराल बन गई है। निजी बस स्टैंड सहित बीएसएनएल कार्यालय, प्रसिद्ध काली मंदिर व सरकारी बस पड़ाव को जोड़ने वाली गंगासागर चौक पर अतिक्रमण के कारण यहां दिन भर जाम की समस्या बनी रहती है। यहां ट्रैफिक पोस्ट का निर्माण कराया गया लेकिन ट्रैफिक पुलिस का अता-पता नहीं रहने से ट्रैफिक पोस्ट पर फुटपाथी दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। यह चौक जाम की समस्या में उलझ कर रह गया है। जिससे कारण दुर्घटना की संभावनाएं भी बनी रहती है। सवाल उठता है कि फुटपाथ नहीं रहने पर आम लोगों को आवाजाही में होने वाली परेशानी के जिम्मेवार कौन है? सवाल है कि अतिक्रमणकारियों के कब्जे से गंगासागर चौक को क्यों नहीं मुक्त कराया जा सका। जिला प्रशासन व नप प्रशासन क्यों मौन साधे हुए है। सड़क अतिक्रमणमुक्त कराने की उठती रही है मांग शहर के गृहणी ममता महतो का कहना है कि गंगासागर चौक को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए नप को आगे आना चाहिए। ताकि जाम की समस्या से छुटकारा मिल सके। प्रवीण ठाकुर का कहना है कि गंगासागर चौक पर ट्रैफिक पोस्ट को खाली कराया जाना आवश्यक है। जाम के कारण बच्चों को साथ लेकर पैदल चलना भी मुश्किल होता है। मंटु मेहता का कहना है कि गंगासागर चौक से स्टेशन चौक जाने वाली सड़क में फुटपाथी बिक्रेताओं के लिए शेड का निर्माण होना चाहिए। इससे जाम की समस्या से निजात मिलेगी। वहीं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने बताया कि शहर में फुटपाथ की जमीन को खाली कराने के लिए विशेष अभियान चलाने पर विचार हो रहा है।

बिहार : सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सौराठ सभा गाना ‘प्रीतम नेने चलू’

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बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के सौराठ सभा पर आधारित गीत ‘प्रीतम नेने चलू हमरो सौराठ सभा यौ’ आजकल सोशल मीडिया पर वायरल है। मिथिला क्षेत्र के निवासी हों या वहां से पलायन किए हुए लोग आजकल इस गाने को सुनते हुए नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि 'सौराठ सभा'में प्राचीन काल से ही दूल्हों की सभा लगती  आई है। यह परंपरा आज भी कायम है लेकिन अब इसकी महत्ता को लेकर बहस तेज हो गई है। मिथिवासियों का मानना है कि यह भारतीय संस्कृति की बचाने की एक कवायद है। दरअसल अब तक पारंपरिक रूप से महिलाएं सौराठ सभा में आने से वंचित रही है और इस गाने के सहारे महिला दहेज विरोधी अभियान में शामिल होने की बात करती नजर आ रही है और आदर्श विवाह पर जोर दिया जा रहा है। इस गाने के प्रसिद्ध लेखक और मिथिलालोक फाउंडेशन के चैयरमैन डॉ. बीरबल झा ने समस्त मिथिलावासियों से अपील की है कि मिथिला की संस्कृति को मजबूत करेने में अपना योगदान दें और सौराठ को विचार-विमर्श का केंद्र बनाएं। इसके लिए उन्होंने अपनी संस्था की ओर से 'चलू सौराठ सभा'अभियान भी शुरू किया है। झा का मानना है कि इस अभियान का उद्देश्य संबंधों की समाजिक शुचिता बनाए रखने के लिए समगोत्री विवाह को रोकना, दहेज-प्रथा का उन्मूलन तथा वर-वधू के सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए वैवाहिक सबंधों को स्वीकृति देना है। इस गाने को ज्योति मिश्रा ने स्वर दिया है

सौराठ सभा है क्या -
1310 में मिथिला के राजा हरिसिंह देव ने मधुबनी शहर से 6 किलोमीटर दूर शास्त्रार्थ के मकसद से 22 एकड़ जमीन सौराठ सभा को दान में दिया दिया था। साथ ही, इसका मकसद यह भी था कि शास्त्रार्थ को आधार बनाते हुए सभा में सुयोग्य वर को सुयोग्य कन्या से परिणय सूत्र में बांधकर सृष्टि निर्माण का उसे हिस्सा बना दिया जाए। हालांकि, हरि सिंह की पहल के बाद मिथिला की विभिन्न दिशाओं में इस तरह की 14 सभाएं लगनी शुरू हुईं ।पहले विपन्नता के कारण लोग पेड़ के नीचे बैठकर ही इस तरह का शास्त्रार्थ किया करते थे और शादियां तय होती थी। स्थानीय लोग बताते हैं कि करीब दो दशक पहले तक सौराठ सभा में अच्छी-खासी भीड़ दिखती थी, पर अब इसका आकर्षण कम होता दिख रहा है। ऐसा माना जाता है कि 1971 में यहां करीब डेढ़ लाख लोग आए थे। उच्च शिक्षा प्राप्त वर इस सभा में बैठना पसंद नहीं करते। इस परंपरा का निर्वाह करने को आज का युवा वर्ग तैयार नहीं दिखता।

क्यों खास है सौराठ सभा-
22 बीघा जमीन पर लगने वाला सौराठ सभा को स्थानीय रूप से 'सभागाछी'के रूप में भी जाना जाता है। मिथिलांचल क्षेत्र में मैथिल ब्राह्मण दूल्हों की यह सभा प्रतिवर्ष ज्येष्ठ या अषाढ़ महीने में सात से 11 दिनों तक लगता है, जिसमें कन्याओं के पिता योग्य वर को चुनकर अपने साथ ले जाते हैं। इस सभा में योग्य वर अपने पिता व अन्य अभिभावकों के साथ आते हैं। कन्या पक्ष के लोग वरों और उनके परिजनों से बातचीत कर एक-दूसरे के परिवार, कुल-खानदान के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करते हैं और दूल्हा पसंद आने पर रिश्ता तय कर लेते हैं। सौराठ सभा में पारंपरिक पंजीकारों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यहां जो रिश्ता तय होता है, उसे मान्यता पंजीकार ही देते हैं। कोर्ट मैरिज में जिस तरह की भूमिका दंडाधिकारी की है, वही भूमिका इस सभा में पंजीकार की होती है।  पंजीकार के पास वर और कन्या पक्ष की वंशावली रहती है। वे दोनों तरफ की सात पीढ़ियों के उतेढ़ (विवाह का रिकॉर्ड) का मिलान करते हैं। जब पुष्टि हो जाती है कि दोनों परिवारों के बीच सात पीढ़ियों में इससे पहले कोई वैवाहिक संबंध नहीं हुआ है, तब पंजीकार रिश्ता को पक्का करने की लिखित अनुमति देते हैं। गौरतलब है कि एक ही ब्लड ग्रुप में शादी करने की सलाह डॉक्टर भी नहीं देते। साथ ही, हिंदू मैरिज एक्ट 1956 के अनुसार भी समगोत्री शादी की मनाही है। शायद यही वजह है कि मैथिल ब्राह्मण एक ही गोत्र व मूल में शादी नहीं करते। इनका मानना है कि अलग गोत्र में विवाह करने से संतान उत्तम कोटि की होती है। इस सभा में विभिन्न गोत्रों के ब्राह्मण एक साथ मौजूद होते हैं।  डॉ. झा का मानना है कि मिथिलांचल में इन परंपराओं का सकारात्मक नतीजा यह रहा कि क्षेत्र में वैवाहिक संस्था हमेशा से मजबूत स्थिति में रही और सामाजिक संबंधों में प्रगाढ़ता बनी रही। हालांकि, आजकल तलाक के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसकी महत्ता समझी जा सकती है। 

आगे क्या?
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डॉ. झा ने बताया कि इस साल सौराठ सभा का आयोजन 25 जून से 3 जुलाई तक होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह ऐतिहासिक स्थल पर्यटन विभाग और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है लेकनि इसे पुनर्जीवित करने की हरसंभव कोशिश की जा रहही है। डॉ. झा ने इसके पुनर्निर्माण पर जोर देते हुए बिहार सरकार से सौराठ सभा स्थल पर एक बहुउद्देशीय सामुदायिक भवन के निर्माण की मांग की है, जिससे इसकी कोई स्थायी पहचान बन सके और इसके माध्यम से मिथिलांचल में दहेज मुक्त विवाह को एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जा सके। यही नहीं, उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सौराठ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग भी की है। इस बार के सौराठ सभा में कुछ विशेष आकर्षण होगा। डॉ. झा ने बताया कि प्रोजेक्टर के सहारे बड़े स्क्रीन पर वर-वधु का परिचय दिखाया जाएगा। साथ ही, यहां तय होने वाली शादियां दहेजमुक्त होंगी। वंशावली के रख-रखाव के लिए डॉ. झा ने बताया कि इसे डिजिटाइज किया जाएगा ताकि भोज पत्र और अन्य पेपर पर लिखे हुए लिपि को नष्ट होने से बचाया जा सके। 25 जून से शुरू होने वाली इस सभा के पहले दिन राज्य के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के शिरकत करने की संभावना है।

पाकिस्तान और चार अन्य देशों से रसायन आयात पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाया गया

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नयी दिल्ली, 15 जून, भारत ने जंग नियंत्रण और पेपर ब्लीचिंग के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले रसायन के पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा तीन अन्य देशों से आयात पर प्रति टन 118 डालर तक का एंटी डंपिंग शुल्क लगाया है। यह शुल्क इस रसायन के घरेलू विनिर्माताओं को सस्ते आयात से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए लगाया गया है। राजस्व विभाग ने बांग्लादेश, ताईवान, कोरिया, पाकिस्तान एवं थाईलैंड से हाईड्रोजन पेरॉक्साइड के आयात पर शुल्क लगाते हुए अधिसूचना जारी की है। उसमें 90 फीसद और उससे अधिक सांद्रता की खाद्य और इलेक्टोनिक श्रेणी अपवाद है। इस शुल्क का दायरा 27.81-117.94 प्रति टन है और यह पांच साल तक प्रभावी रहेगा। इससे पहले नेशनल पेरॉक्साइड लिमिटेड और हिंदुस्तान ओर्गेनिक केमिकल्स ने एंटी डंपिंग एवं संबद्ध शुल्क महानिदेशालय से संपर्क कर एंटीडंपिंग जांच की मांग की थी और हाइड्रोजन पेरॉक्साइड के आयात पर शुल्क लगाने की मांग की थी। जांच के बाद महानिदेशालय ने राजस्व विभाग को अपनी सिफारिश दी थी।

पाकिस्तान से शर्मनाक हार के बावजूद आक्रामक क्रिकेट खेलता रहेगा इंग्लैंड : मोर्गन

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काडर्फि , 14 जून, इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा है कि पाकिस्तान के हाथों चैम्पियंस टाफी में मिली हार के बावजूद उनकी टीम आक्रामक क्रिकेट खेलना जारी रखेगी । पाकिस्तान ने कल इंग्लैंड को आठ विकेट से हराकर पहली बार चैम्पियंस टाफी के फाइनल में जगह बनाई ।अब इंग्लैंड को पहला आइसीसी वनडे खिताब जीतने के लिये विश्व कप 2019 तक इंतजार करना होगा । मोर्गन ने कहा , हमने ग्रुप चरण में बहुत अच्छी क्रिकेट खेली और इसी वजह से ग्रुप में शीर्ष पर रहे । हमने आक्रामक क्रिकेट खेली और आगे भी खेलते रहेंगे ।  उन्होंने कहा , हमने अपने खेल में काफी सुधार किया है और अगले दो साल में हम और बेहतर टीम बनेंगे जब विश्व कप होने वाला है ।नाकआउट क्रिकेट में हालात के अनुकूल ढलना काफी जरूरी होता है ।े मोर्गन ने पाकिस्तान को जीत का श्रेय देते हुए कहा ,उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी की और हालात के अनुसार बखूबी ढल गए । पाकिस्तान के लिये हालात उनके घरेलू हालात जैसे थे लिहाजा ऐसे में उनकी चुनौती काफी कठिन थी । इंग्लैंड के कोच टेवर बेलिस ने कहा ,पूरा श्रेय पाकिस्तान को जाता है जिसने बहुत अच्छी क्रिकेट खेली । हमें 250 या 260 रन बनाने चाहिये थे 

नया टूल बताएगा कि उम्र बढ़ने पर कैसे लगेंगे आप

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लंदन, 15 जून, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया कंप्यूटर टूल तैयार किया है जो यह बता सकता है कि किसी व्यक्ति के नैन-नक्श उम्र के साथ कैसे बदलेंगे। यह खोज लंबे समय से लापता लोगों की तलाश में मददगार साबित हो सकती है। ब्रिटेन में ब्रैडफोर्ड यूनिवसर्टिी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा तरीका विकसित किया है, जो एक तय उम्र में ठोढी, मुंह और माथे के आकार जैसे चेहरे के प्रमुख अंगों को मापता है। यह तकनीक ेप्रीडिक्टिव मॉडलिंगे नामक तरीके का इस्तेमाल करती है और इसे उम्र बढने के हिसाब से लागू किया जाता है। विभिन्न आयु सीमा के दौरान एकत्र किए गए चेहरे के डेटा मशीन को यह बताते हैं कि अलग-अलग उम्र में इंसान कैसे दिखते हैं। शोधकर्ताओं ने डी-एजिंग नामक तरीके का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की बीते दौर की तस्वीरें देखने के लिए किया। इसमें उन्होंने किसी व्यक्ति को कम उम्र का दिखाने के लिए एल्गोरिदम को पीछे की ओर चलाया।

पनामा पेपर जांच पैनल के समक्ष हाजिर हुए शरीफ, तनाव मुक्त दिखे

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इस्लामाबाद, 15 जून, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पमानागेट घोटाला मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित दल के समक्ष आज हाजिर हुए । वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए , इस तरह के पैनल के सामने पेश हुए हैं। न्यायिक अकादमी को अस्थाई तौर पर जेआईटी सचिवालय में तब्दील कर दिया गया है और यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचे शरीफ तनाव मुक्त नजर आ रहे थे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 2500 से अधिक सुरक्षाबल को तैनात किया गया है। शरीफ के साथ उनके बड़े बेटे हुसैन नवाज, पंजाब के मुख्यमंत्री एंव उनके भाई शहबाज शरीफ और दामाद मोहम्मद सफदार मौजूद थे। पूछताछ के लिए इमारत में प्रवेश से पहले शरीफ ने वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं का हाथ हिला कर अभिवादन किया और उनके नारों का जवाब भी दिया। पीएमएल-एन के समर्थक बड़ी संख्या में जेआईटी सचिवालय के आस पास इकट्ठा हुए। उन्होंने पार्टी के झंड़े फहराए और शरीफ के पक्ष में नारे भी लगाए। इससे पहले शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने न्यायिक अकादमी रवाना होने के पहले अपने पिता और उनके प्रमुख सहयोगियों की एक तस्वीर पोस्ट करके ट्वीट किया, ेआज के दिन ने इतिहास रच दिया है और बहु प्रतीक्षित और स्वागत योग्य उदाहरण स्थापित किया है ।े डॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री अकेले जांच दल के समक्ष हाजिर होंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि जेआईटी कितनी देर तक उनसे पूछताछ करेगी। संयुक्त जांच दल :जेआईटी: के प्रमुख वाजिद जिया ने शरीफ को मामले से जुड़े सभी कागजात ले कर आज छह सदस्यीय दल के समक्ष तलब किया । पेशी से पहले प्रधानमंत्री ने सुबह आपने परिजनों और करीबी सहयोगियों से विचार विमर्श किया। शरीफ ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्हें इस्लामाबाद की न्यायिक अकादमी तक उनके साथ जाने अथवा वहां उनको लेने आने के लिए मना किया था। शरीफ :67: के कजाखस्तान से वापस लौटने के बाद उन्हें समन जारी किया गया। शरीफ शंघाई सहयोग संगठन :एससीओ: शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजाखस्तान गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को जेआईटी का गठन किया था और उसे प्रधानमंत्री, उनके बेटे और मामले से जुड़े किसी भी अन्य व्यक्ति से पूछताछ करने का अधिकार दिया था। यह दल धन शोधन मामले की जांच कर रहा है जिसके जरिए लंदन के पॉश पार्क लेन क्षेत्र में चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे। हालांकि शरीफ ने इन आरोपों से इनकार किया है। जेआईटी को 60 दिन में अपनी जांच पूरी करनी है।

एससीओ घोषणापत्र में भारत, पाकिस्तान के द्विपक्षीय मामलों को उठाना है प्रतिबंधित: चीन

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बीजिंग, 15 जून, चीन ने एससीओ में भारत एवं पाकिस्तान का स्वागत करते हुए आज इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि उनके मतभेद समूह की एकता को नुकसान पहुंचा सकते हैं। चीन ने कहा कि घोषणा पत्र में सदस्यों पर उनकी द्विपक्षीय शत्रुता को संगठन में लाने पर रोक लगाई गई है। चीन के सहायक विदेश मंत्री कोंग शियानयू ने समूह के नए सदस्यों के तौर पर दोनों देशों का औपचारिक स्वागत करते हुए यहां एससीओ मुख्यालय में कहा, ेशंघाई सहयोग संगठन :एससीओ: के संस्थापक सदस्य के तौर पर हम भारत एवं पाकिस्तान के सदस्य बनने से खुश हैं।े आठ सदस्यों वाले इस संगठन के अहम सदस्य चीन में संगठन का मुख्यालय है। भारत एवं पाकिस्तान के ध्वजारोहण के लिए इस मुख्यालय में आज एक समारोह आयोजित किया गया। चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले और उनके पाकिस्तानी समकक्ष मसूद खालिद इस समारोह में शामिल हुए। भारत एवं पाकिस्तान को आठ-नौ जून को कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में सदस्य के तौर पर औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। भारत एवं पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाखस्तान, किगर्स्तिान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान इसके सदस्य हैं। अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान एवं मंगोलिया इसके पर्यवेक्षक हैं। समारोह में शिरकत करने वाले कोंग ने संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में सरकारी चीनी मीडिया की इन आशंकाओं को खारिज किया कि भारत एवं पाकिस्तान के प्रवेश से एससीओ की एकजुटता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ेएससीओ के घोषणापत्र में यह प्रावधान है कि द्विपक्षीय संबंधों में शत्रुता संगठन के बीच नहीं आनी चाहिए। मेरा मानना है कि दोनों देश संगठन के इस प्रावधान का पालन करेंगे।े कोंग ने कहा कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच के मतभेदों को बढ़ा - चढ़ा कर नहीं देखना चाहिए।

उन्होंने कहा, ेएससीओ के प्रक्रिया संबंधी अपने नियम हैं। हमारा मानना है कि सभी सदस्य देश इन नियमों का पालन कर सकते हैं।े कोंग ने कहा, ेसदस्य देशों के आपसी हित हमारे मतभेदों से बड़े हैं। हमें देशों के बीच मतभेदों को बढ़ा -चढ़ा कर नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह संगठन और सदस्य देशों के बीच सहयोग के लिए अच्छा नहीं है। सदस्य बनने के बाद, हम सभी एक बड़े परिवार के सदस्य बन गए हैं।े उन्होंने कहा कि चीन का मानना है कि भारत एवं पाकिस्तान के प्रवेश से ेसंगठन में बहुत अच्छा सहयोग सुनिश्चित होगो। कोंग ने कहा, ेक्षेत्र के लिए दोनों देश अहम हैं। चीन, पाकिस्तान और भारत विकास के समान चरण पर है। हमारे सामने समान चुनौतियां हैं। अत: हमारा मानना है कि इस संगठन के जरिए हम इन चुनौतियों से पार पाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।े उन्होंने यह भी कहा कि चीन को एससीओ में भारत की भूमिका को लेकर कुछ अपेक्षाएं हैं। ेहमें उम्मीद है कि भारत इस संगठन में अपनी सदस्यता पर ध्यान देगा।े गोखले ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि एससीओ भारत के लिए अहम है क्योंकि इसमें चीन, रूस और केंद्रीय एशियाई देश शामिल हैं।

यह पूछे जाने पर कि एससीओ भारत एवं पाकिस्तान के मतभेदों को सुलझाने में उनकी क्या मदद कर सकता है, उन्होंने कहा, ेदोनों देशों के पास द्विपक्षीय माध्यम हैं। मैं इसे एक अन्य अवसर एवं मंच के तौर पर देखता हूं। इससे मदद मिलती है क्योंकि इससे संपर्क में आने के अवसर बढ़ जाते हैं। मुझे लगता है कि यह दोनों देशों के लिए अच्छा दिन है।े इस बीच खालिद ने कहा,े हम दोनों क्षेत्र का हिस्सा हैं। जहां तक पाकिस्तान की बात है तो हम क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और एससीओ में सक्रिय साझीदारों के तौर पर मिलकर काम करेंगे ताकि विकास, शांति एवं सुरक्षा के साझा लक्ष्य हासिल किए जा सकें।े भारत एवं पाकिस्तान के बीच विवाद के मुद्दों को सुलझाने में एससीओ की उपयोगिता के बारे में पाकिस्तान के दूत ने कहा, ेमुझे ऐसी उम्मीद है। यह ऐसा बहुपक्षीय मंच मुहैया कराता है, जहां हम दोनों देश मौजूद होंगे। हमारा प्रतिनिधित्व किया जाएगा। बातचीत के अवसर मिलेंगे।े
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