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जम्मू-कश्मीर विस GST पर चर्चा के बिना अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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श्रीनगर, 17 जून, जम्मू-कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही विपक्ष द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को वर्तमान स्वरूप में लागू करने पर असहमति जताने के कारण आज इस पर चर्चा के बिना अनश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद अध्यक्ष देविंदर गुप्ता ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। राज्यपाल एन एन वोहरा ने राज्य मंत्रिमंडन की सलाह पर जीएसटी पर चर्चा के लिए आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था लेकिन नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रस समेत सभी विपक्षी दलों के वर्तमान स्वरूप में जीएसटी को लागू करने पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी। इसके कारण देश भर में एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की तय अवधि पर जम्मू-कश्मीर में यह लागू नहीं हो पाएगा। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के बीच इस मसले पर किसी किस्म का समझौता होने के बाद राज्यपाल को विधानसभा का सत्र फिर बुलाना होगा। विधानसभा सत्र की शुरूआत से पहले सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने सभी सदस्यों को आश्वासन दिया कि विधानसभा की अनुमति के बगैर जीएसटी लागू नहीं किया जाएगा।


देश में बिछेगा पासपोर्ट केन्द्रों का जाल, 149 और डाकघरों में बनेंगे पासपोर्ट

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नयी दिल्ली 17 जून, सरकार लोगों को पचास किलोमीटर के दायरे में पासपोर्ट सेवा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए देश में पासपोर्ट केन्द्रों का जाल बिछाने जा रही है और इसके लिए 149 और डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केन्द्र बनाने का निर्णय लिया गया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार ने लक्ष्य बनाया है कि लोगों को अपने निवास स्थान के 50 किलोमीटर के दायरे में पासपोर्ट बनाने की सुविधा मिले। इसे देखते हुए देश भर में 149 और डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्द्र बनाने का निर्णय लिया गया है। ये पासपोर्ट केन्द्र दूसरे चरण में बनाये जायेंगे। सरकार ने पहले चरण में 86 डाकघरों में पासपोर्ट सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। पहले चरण के तहत अब तक 52 केन्द्रों ने काम करना शुरू कर दिया है और शेष 34 में इससे संबंधित काम पूरा किया जा रहा है। दूसरे चरण के 149 केन्द्रों के चालू हो जाने के बाद देश में डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्द्रों की कुल संख्या 235 हो जायेगी। ये केन्द्र मुख्य डाकघरों और डाकघरों में बनाये जायेंगे। विदेश मंत्री ने इस मौके पर अपने मंत्रालय के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ,‘अपने देश को जानें’ के बारे में एक वेब पोर्टल का भी उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले युवा भारतीयों के लिए है। इसके तहत इन युवाओं को तीन सप्ताह के टूर पर देश आने का मौका मिलेगा जिससे वे भारत के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर सके।

बेराेजगारी की वृद्धि दर घट रही है : दत्तात्रेय

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नयी दिल्ली 17 जून, विपक्ष के रोजगार के अवसर घटने के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय रोजगार एवं श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंद रहने के बावजूद देश में बेराेजगारी की वृद्धि दर घट रही है। श्री दत्तात्रेय ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि रोजगार के अवसरों का सृजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता है और सरकार सत्ता में आने के पहले दिन से ही इस दिशा में बढ़ रही है। सरकार की मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजीटल इंडिया, प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना और मु्द्रा योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने दावा किया कि देश में बेरोजगारी की वृद्धि दर घट रही है जबकि विश्व स्तर पर इसमें तेजी आ रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ रोजगार के अवसर घटने के आरोप मात्र दुष्प्रचार है। सच्चाई यह है कि देश में बेराेजगारी की वृद्धि दर घट रही है।’’ उन्होेंने कहा कि श्रम ब्यूरो के आंकड़े पूरे परिदृश्य को पेश नहीं करते हैं। श्रम ब्यूराे मात्र आठ क्षेत्रों के आंकड़े एकत्र करता है। इसमें भी केवल उन उद्याेग इकाईयों शामिल किया जाता है जिनमें कम से कम 10 लाेग कार्यरत हों। देश का 98.5 प्रतिशत श्रमबल छोटे उद्याेगों में काम करता है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं में स्व रोजगार पर जोर दिया जा रहा है जो श्रम ब्यूरो के आंकड़ों में शामिल नहीं होता है। श्रम ब्यूरो के हाल में जारी किए आंकड़ों के अनुसार देश औपचारिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर घटे हैं।

केरल शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श राज्य : अंसारी

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नयी दिल्ली ,17 जून, उप राष्ट्रपति डॉ़ हामिद अंसारी ने आज शिक्षा को देश के विकास की बुनियाद बताते हुए कहा कि केरल शिक्षा के जरिये ही देश के एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित हुआ है और उसने जाति प्रथा को तोड़कर समता मूलक समाज की स्थापना की है । डॉ़ अंसारी ने इंडियन सोशल साइंस द्वारा शिक्षा के अधिकार से जुड़े राज्यादेश के दो सौ साल पूरे होने पर आयोजित एक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही । डॉ़ अंसारी ने कहा कि 17 जून 1817 को ट्रावन्कोर की रानी ने सबको शिक्षा देने के बारे में जो राज्यादेश जारी किया था ,उसने राज्य में शिक्षा को लेकर एक नयी चेतना पैदा की जिससे राज्य का सामाजिक विकास हुआ और इस विकास ने आर्थिक नींव को रखने का काम किया । केरल शिक्षा के क्षेत्र में देश का एक आदर्श राज्य बना और इस से जाति प्रथा भी टूटी और एक समता मूलक समाज की भी रचना हुई ।इसके बाद केरल एक ज्ञान आधारित राज्य बना । उन्होंने कहा कि केरल को अब आर्थिक विकास की दिशा में काम करना है और इसके लिए डिजिटल साक्षरता कौशल विकास को बढ़ाना है । उन्होंने कहा कि केरल में प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है और पूंजी निवेश भी काफी हुआ है । केरल मॉडल से सबको सीखने की काफी जरुरत है अौर केरल ने शिक्षा के क्षेत्र में खुद को एक बेहतर मॉडल के रूप में पेश किया है ।

दार्जिलिंग हिंसा में घायल अधिकारी की हालत गंभीर: ममता

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दार्जिलिंग / कोलकाता 17 जून, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आज स्पष्ट किया कि पृथक गोरखालैंड में हिंसा की घटनाओं में गंभीर रूप से घायल इंडियन रिजर्व बल(आईआरबी) के सहायक कमांडेंट किरन तमांग की हालत स्थिर बनी हुई है। सुश्री बनर्जी ने इससे पहले आईआरबी अधिकारी की प्रदर्शनकारियों के हमले में मौत हो जाने की घोषणा की थी। उन्होंने दावा किया कि दार्जिलिंग में सुरक्षा बलों ने गोलीबारी नहीं की है। दार्जिलिंग के 15 विकास मंडलों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के साथ एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में संयुक्त मीडिया कांफ्रेंस को संबोधित करते हुये दार्जिलिंग हिंसा काे पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े उग्रवाद से प्रेरित बताया और लोगों से हिल्स में शांति बहाल किये जाने की अपील की। सुश्री बनर्जी ने कहा कि र्जिलिंग हिंसक गतिविधियों को विराम दिये जाने के बाद हिल्स में किसी से भी वार्ता शुरु करने के लिये तैयार है। उन्होंने कहा, “ जीजेएम ने इलाके में प्रत्येक विकास कार्य रोक दिया है तथा बिजलीघर,बांध, स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो और पुलिस थानों को आग के हवाले कर रही है और ये सब पूर्वनियोजित कृत्य हैं।”

गोरखालैंड आंदोलन की आग में जल रहा दार्जिलिंग, दो गोरखा समर्थकों की मौत

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दार्जिलिंग/कोलकाता 17 जून, पृथक गोरखालैंड आंदोलन को कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से गैरकानूनी करार दिये जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हिंसक घटनाएं थम नहीं रही और सुरक्षा बलों के साथ झड़प में आज दो गोरखा समर्थकों की मौत हो गयी जबकि इंडियन रिजर्ब बल (आईआरबी) के सहायक कमांडेंट किरन तमांग समेत कई सुरक्षाकर्मी एवं आम नागरिक घायल हो गये तथा पांच वाहनों एवं एक पुलिस चौकी में आग लगा दी गयी। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में दार्जिलिंग के 15 विकास मंडलों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के साथ बैठक के बाद राज्य सचिवालय में संयुक्त मीडिया कांफ्रेंस को संबोधित करते हुये दार्जिलिंग हिंसा काे पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े उग्रवाद से प्रेरित बताया और लोगों से हिल्स में शांति बहाल किये जाने की अपील की। प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक सुरक्षा बलों और गोरखा समर्थकों के बीच झड़प में दो गोरखाओं की मौत हो गयी। मृतकों की पहचान विमल शंकर और सुनील राय के रूप में की गयी है। शवों को दार्जिलिंग स्थित सैन्य अस्पताल में रखा गया है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) के सहायक सचिव विनय तमांग ने दावा कि पुलिस की गाेलीबारी में दो युवक भी मारे गये हैं, हालांकि सरकार ने इस दावे का खंडन किया है।श्री तमांग ने कहा , “ पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक दो लोगों की मौत हुई है तथा पांच अन्य घायल हुये हैं। हम अपने लापता महिला एवं पुरुष साथियों की तलाश कर रहे हैं।” दूसरी तरफ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुज शर्मा ने कहा कि पुलिस ने गोलीबारी नहीं की बल्कि मोर्चा समर्थकों ने गोलियां चलाई और सुरक्षा कर्मियों पर बम फेंके। हिंसा की ताजा घटनाओं में आईआरबी के सहायक कमांडेंट गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्हें सिलीगुड़ी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा बहुत से सुरक्षा कर्मी और आम नागरिक भी घायल हुये हैं। गोरखा समर्थकों ने पांच वाहनों और पुलिस की एक चौकी में आग लगा दी। जीजेएम ने दो मृतक कार्यकर्ताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और दावा किया कि वे पृथक राज्य आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले पहले शहीद हैं।

मोदी का शहरी योजना में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान

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कोच्चि, 17 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि शहरी योजना में जनोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाकर आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है, श्री मोदी ने कोच्चि मेट्रो का उद्घाटन करने और उसमें यात्रा करने के बाद कहा, “पिछले तीन वर्ष में मेरी सरकार ने देश के समेकित विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। रेलवे, सड़क और बिजली को प्राथमिकता दी गयी है। ‘प्रगति’ की बैठकों में मैंने आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत की लगभग 175 परियोजनाओं की निजी तौर पर समीक्षा की है। हमने अड़चनों को दूर किया है और इन क्षेत्रों में क्रियान्वयन की औसत दर बढ़ी है। अब हम बुनियादी ढांचे को और उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।” इस मेट्रो परियोजना की कई विशेषताएं हैं। यह आधुनिक सिग्नल प्रणाली ‘कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नलिंग सिस्टम’ के साथ स्थापित पहली मेट्रो परियोजना है। इसके कोचों का निर्माण फ्रांस की आल्सटम कंपनी ने चेन्नई स्थित संयंत्र में किया है जिससे ‘मेक इन इंडिया’ का विजन प्रतिबिंबित होता है। कोच्चि मेट्रो शुरू होने से शहर के सार्वजनिक परिवहन का पूरा नेटवर्क एक प्रणाली के अंतर्गत शामिल हो गया है। इस पूरी प्रणाली की समय सारिणी और टिकट एक जैसे होंगे तथा केंद्रीयकृत कमान एवं नियंत्रण होगा। यह शहर में गैर मोटरचालित परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देने और शहर के अंतिम छोर को भी सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के दायरे में लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

फादर्स डे: पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है..

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कभी नरम तो कभी गरम अंदाज में बच्चों को अनुशासन व व्यावहारिकता का पाठ पढ़ाने वाले पापा ही नई पीढ़ी के सपनों को पंख फैलाने का आसमान देते हैं। इसी खुले आकाश में आज बेटे हो या बेटियां बेहिचक उड़ान भर रहे हैं। इस बदलाव के दौर में पापा एक मजबूत ढाल बन रहे हैं। जी हां, पिता हम सभी को काबिल बनाते हैं। जिंदगी की सही राह दिखाते हैं। हमें खुश रखने के लिए पिता हरेक उपाय करते हैं। बचपन में अनुशासनप्रियता व सख्ती के चलते पिता की बात हमें अच्छी नहीं लगती, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमें पिता की डांट का महत्व का पता चलता है। जीवन की कठिन डगर पर चलने की तैयारी में पिता की बातें काफी महत्व रखती है। मालूम पड़ता है पिता कितने साथ थे और हैं। एक शोध के मुताबिक मां बच्चों की पहली पाठशाला है, तो पिता पहला आदर्श। वे अपने पिता से ही सिखते हैं और उनके जैसा ही बनना चाहते हैं। मतलब साफ है एक पिता हजारों शिक्षकों से अधिक प्रभावशाली होता है। स्कूल और जिंदगी के ज्यादातर शिक्षक किताबी होते हैं। वे सिखाते तो हैं लेकिन उनका सीमित असर होता है। पिता अपने बच्चों के जेहन पर गहरी छाप छोड़ता है। खासकर बेटियों पर। माना जाता है कि फादर्स डे सर्वप्रथम जून के तीसरे संडे जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया। इस साल 18 जून 2017 में फादर्स-डे के 107 साल पूरे हो गए 





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बेशक, पिता मार्गदर्शक है, जो संतान को जीवनभर साये की तरह साथ रखकर सही राह दिखाता है। वह रक्षक-संरक्षक है, जो पल-पल बच्चों के लिए ढाल बनता है। पिता पोषक है, जो परिवार की रीढ़ बनकर जरुरतें पूरी करता है। वह प्रेरक है, जो हमेसा आगे बढ़ाता है। बच्चों का हर दुख वह अपने उपर ले लेता है और अपने हक का सुख बच्चों के नाम कर देता है। मां न हो तो मजबूती से वह दोहरी भूमिका भी निभाता है। खासकर बेटियों के लिए तो वह हीरो है। चाहे वह दशहरें के मौके पर अपने कंधों पर बैठाकर रावण दिखाने ले जाने का हो या अंगुली पकड़ कर मेला घुमाने का। अपने बच्चे को वो सारे लाड़-प्यार, वो गाड़ी पर घुमाना, खाने-पीने की चीजें दिलाकर लाना। बात-बात पर उन्हें टॉफ‍ी-आइस्क्रीम दिलाना, पान खिलाना और उनकी घर जरूरतों को समयानुसार पूरे करते रहना यह एक पिता के बिना कतई संभव नहीं है। या यू कहें हमारी वह हर जिद पूरा करते हैं। पिता अनुशासन प्रिय जरुर होते है, लेकिन ऐसा कभी महसूस नहीं होने देते कि वे बेवजह सख्ती कर रहे हों। वह हमेशा ईमानदार बने रहने की सींख देते है। क्योंकि पिता का अस्ति‍त्व मात्र ही संतान के लिए ब्रह्मांड से भी व्यापक है और सागर से भी गहरा। उनके अनकहे शब्द भी खुद में कई शब्दों को समेटे हैं और उनकी हर एक बात... में अनेक सबक हैं। उनकी परछाई में सुरक्षा की राहत है तो उनके कदमों में जन्नत के निशां...। वैसे भी हर पिता की यही इच्छा होती है कि उसकी संतान नित नई कामयाबी हासिल करती रहे। जीवन के अंतिम मुकाम तक फले-फूले। संतान के चेहरे पर खुशी के लिए पिता कोई कसर नहीं छोड़ता। कहा जा सकता है पिता मात्र एक संबोधन नहीं है, बल्कि पुरुष‘ के कोमल स्वरूप की वो अभिव्यक्ति है जहां चाहे वह बेटा हो या बेटी, दोनो पुष्पित और पल्लवित होती है...। पिता हमेशा उस कुम्हार की तरह होता है, जो ऊपर से आपको आकार देता है और पीछे से हाथ लगाकर सुरक्षात्मक सहयोग। 

शरीर की रक्त धमनियां है पापा 
मां तो हर बच्चे के जीवन की एकमात्र धुरी है, उसका दिल अपने बच्चे के लिए धड़कता है लेकिन दिल भी तो बिना रक्त प्रवाह के काम नहीं कर सकता न? तो उसी दिल को रक्त पहुंचाती है पिता रुपी रक्त धमनी। पिता हमारे जीवन का वो महान शख्स है जो सपने पूरे करने की कोशिश और फिक्र में अपने खुद के सपनों की जमीन बंजर ही छोड़ देता है। पिता के होने से ही बच्चों के सभी ख्वाब और ख्वाहिशंे पूरी होती हैं। पिता प्यार कभी भी हम खुलकर देख नहीं पाते हैं लेकिन अपने बच्चे के जीवन में आई एक हल्की परेशानी पर न जाने कितनी गहरे सिलवटें उभर आती है। जो आंखे कभी आंसू नहीं बहाती उसका दिल जार-जार रोता है, पिता की नमी उसकी आंखों में नहीं दिल में होती है। बेटी की जिंदगी में पहला हीरो उसके पिता ही होते हैं। जिनकी उंगली पकड़कर वो दुनियावी रस्मो-रिवाज सिखती है। पिता पुत्री का रिश्ता दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता होता है।। जब एक पति पिता बनता है तब वह एक आपादमस्तक परिवर्तन से गुजरता है। जीवन के कठोर धरातल पर संतान रुपी फूल खिलते ही पिता का रोल एक माली के जैसा हो जाता है, जो अपने बच्चे की जिंदगी को पालता-पोषता है। एक संरक्षक बनकर उसे दुनिया की भूखी नजरों से बचाता है। जब बेटा बड़ा होता है पिता ही उसके रोल माॅडल होते है। भविष्य में वो खुद को अपने पिता के जैसा ही बनाना चाहता है। साइकालजी आफ फ्रायड के अनुसार बेटी के जीवन में पहला पुरुष उसका पिता होता है और वहीं से उसका अवचेतन मन एक धारणा और काल्पनिक चरित्र बना लेता है, जो हूबहू उसके पिता जैसा ही होता है। यह धारणा व काल्पनिक चरित्र किसी भी स्त्री के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि पिता के बाद हर रिश्ते में वह यही खोजती है। शादी के बाद वही स्त्री अपने पति में भी अपने पिता को ढूंढ़ती है। फिर पति का व्यक्तित्व जितना अधिक पिता से मिलता है उतना ही अधिक उसका अवचेतन मन संतुष्ट रहता है।


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संतान के लिए वरदान है पिता 
पिता का हमारे जीवन में एक कैटेलिस्ट सा ही रोल होता है न? वो खुद हमेसा नेपत्थ्य में रहते हैं, लेकिन अपने संतानों की भलाई और तरक्की के लिए बिना कोई दिखावा करें अपना पूरा जीवन होम कर देते हैं। कहते हैं न कि एक पिता की अहमियत बच्चों के जीवन में सांसों की रवानगी की मानिंद होती है। सांस लेना एक आदत है लेकिन जैसे इस आदत में हल्का सा भी परिवर्तन आएं तो जान पर बन आती हैं। ऐसे ही पिता का होना संतान के जीवन में किसी वरदान से कम है क्या? संतान के जीवन में जितनी जरुरत मां की होती है उतनी ही जरुरत पिता की भी, मां अपने बच्चों में परिवार की सुरक्षित चाहरदीवारी के भीतर संस्कार और दायित्वों का पौधा पल्लवित करती हैं वहीं पिता अपने बच्चों को बाहरी दुनिया में कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रैक्टिकली तैयार करता है। जिस तरह सागर की अपार गहराई में जहाज और नावों को सही रास्ता दिखाने में एक लाइट हास का काम बेहद जरुरी है उसी तरह पिता अपने बच्चों की जिंदगी के गहरे समुन्दर को पार कराने में एक लाइट हाउस ही काम होता है।  

पिता बगैर सपना अधूरा
कहते हैं कि मां दुनिया की अनोखी और अद्भुत देन हैं। वह अपने बच्चे को नौ महिने तक अपनी कोख में पाल-पोस कर उसे जन्म देने का नायाब काम करती है। अपना दूध पिलाकर उस नींव को सींचती और संवारती है। जैसा कि मां का स्थान दुनिया सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। वैसे भी पिता का स्थान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। भले ही पिता एक मां क‍ी तरह अपने कोख से बच्चे को जन्म न दे पाएं। अपना दूध न पिला पाएं, लेकिन सच तो यह है कि एक बच्चे के जीवन में अपने पिता का बहुत बड़ा और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान होता है। जिस घर में पिता नहीं है। उन घरों की हालत दुनिया वाले बदतर से भी बदतर कर देते हैं। पिता न होने का खामियाजा घर की औरत साथ-साथ उसके बच्चों की जीवन भर भुगतना पड़ता है। उसके माता-पिता द्वारा किए गए अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब बच्चों को पूरी तरह चुकाना पड़ता है। बच्चों की देखरेख करने के लिए अगर ‍पिता नहीं है तो उन मासूम बच्चों के सारे लाड़-प्यार, दुलार, पिता क‍ी छांव सबकुछ अधूरा रह जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी के घर में मां नहीं है तो बच्चों की देखरेख ठीक से नहीं हो पाती। ठीक उसी तरह पिता के न होने पर भी बच्चों का वहीं हाल होता है। बच्चों को हर उस जरूरत के लिए तरसना पड़ता है, जिसके वे हकदार होते है। कम उम्र में ही बच्चों को काम में हाथ बंटाना पड़ता है। ना चाहते हुए भी नौकरी करनी पड़ती है। ना चाहते हुए भी अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर काम-धंधे की और कमाई की फिक्र करते हुए इन्कम के नित नए-नए रास्ते खोजना पड़ते है ताकि वो घर का खर्चा बंटाने में मां की मदद कर सकें। वो अपना सारा आराम छोड़कर मां की तरह ‍इस चिंता में घुलते रहते है कि किसतरह अच्छी नौकरी, अच्छा व्यवसाय जमा कर अपने घर को संभाला जाए। अगर घर में पिता होते है तो इन सारी जिम्मेदारियों से बच्चों को काफी हद तक मुक्ति मिल जाती है। फिर उन पर किसी तरह का कोई एक्स्‍ट्रा बर्डन नहीं रहता। वो अपनी मर्जी से घूम-फिर सकते हैं। अपने दोस्तों के साथ पार्टियों में शामिल हो सकते हैं और सारी दुनिया की फिक्र छोड़कर पिता के गोद में सिर रखकर आराम से सो सकते हैं।   यह सब एक मां के राज में संभव नहीं हो पाता। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक सभी को पिता के साथ की जरूर‍‍त होती है। बच्चों के मन में पिता न होने का भय हर समय सताता रहता है। लेकिन क्या करें भगवान के इस फैसले के आगे सभी नतमस्तक होते हैं। उनके फैसले के आगे किसी की नहीं चलती। इसलिए वो मासूम बच्चे पिता की छत्र छाया से वं‍चित होकर मायूसीभरा जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं। हमारे आस-पास भी कई ऐसे परिवार मौजूद हैं, जो इन परिस्थितियों से गुजर रहे होते हैं और हम उनके लिए कुछ नहीं कर पाते। अगर घर में पिता नहीं है तो परिवार वाले, रिश्ते-नातेदार सभी मुंह मोड़ लेते हैं या फिरशर्तों की नोंक पर उन्हें जीवनयापन के लिए मजूबर करते हैं। ऐसे दुख और मायूसीभरा जीवन ईश्वर किसी को भी न दें। संसार के सभी लोगों को माता-पिता का भरपूर प्यार मिलें, ताकि किसी भी बच्चे के मन में उसके पितान होने की मजबूरी न हो और वे अपना जीवन पिता के हरेभरे पेड़ की छांव में सुचारू रूप से अपना जीवन जी पाएं और हर पर खुश रहकर दूसरों को भी खुशियां बांट सकें। 

हर रोज मनाएं फादर्स डे 
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हम सभी सिर्फ एक दिन ‘फादर्स डे‘ मना कर इस दिन से इतिश्री नहीं कर सकते। माता-पिता ही दुनिया की सबसे गहरी छाया होते हैं, जिनके सहारे जीवन जीने का सौभाग्य हर किसी के बस में नहीं होता। इसलिए हम अपनेमाता-पिता का आशीर्वाद लेकर सिर्फ एक दिन ही उन्हें याद ना करते हुए प्रतिदिन उन्हें नमन कर अपना जीवन सार्थक बनाएं क्योंकि माता और पिता दोनों की सहायता से ही जीवन की नैय्या चलती है। अकेले से नह‍ीं...!   

दोस्त भी है पिता 
पिता, यानी वह व्यक्ति जिसने कभी अंगुली थामकर चलना सीखाया। कभी मुश्किल वक्त खुद की सभी परेशानियां भूलकर साथ खड़े नजर आए। जब एक अच्छे दोस्त की जरूरत लगी तो भी वह पास ही खड़े मिले। हर किसी के जुबान पर सिर्फ एक ही शब्द उनके पापा जैसा कोई नहींकृ। पापा कहते हैं कि व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व से होती है। दूसरे के प्रति सरल स्वभाव और मृदुल होने से ही कोई दूसरों पर अपनी छाप छोड़ जाता है। उनकी इस सीख से नए दोस्त बनाता चल रहा हूं। उनके हर खुशी का ख्याल पापा रखते हैं। परिस्थिति चाहे जैसी भी हो बच्चों के प्रति पापा का प्यार मिलता है। यकीनन बचपन तो पापा से ही समृद्ध होता है। 

अलग होते हैं बेटियों के पिता
बदले दौर के साथ पिता और बेटी का संबंध ज्यादा मुखर हुआ है। परिवार एकाकी हुए हैं और ‘बेटियों‘ को ‘पापा‘ मित्र के रूप में मिले हैं। आज के पिता खुलकर अपने बच्चों के साथ खेलते हैं, उन्हें पढ़ाते हैं और खुद बनाकर खिलाने में भी कोई गुरेज नहीं करते। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी ‘पापा और बेटी‘ की घनिष्ठता मानसिक तौर पर बेटी को मजबूत और स्वस्थ बनाती है। चाहे बच्ची के साथ एक्सलेटर पर उलटा चलना हो या वीडियो गेम्स की माथापच्ची हो, बेटियों की ससुराल की कहानियां हों या कैरियरिस्ट बेटी की उपलब्धियां हों, पापा हर क्षण में शामिल होते हैं...। वाकई बेटियों के पिता ममत्व की पराकाष्ठा तक पहुंचते हैं, अपने संवेदनशील व्यावहारिक परिवर्तन से वह स्वयं भी अचंभित रह जाते हैं। सच है, बेटियां अपनी कोमलता और भावनात्मकता अपने पिता में रोपती हैं। धीर, गंभीर और कठोर से दिखने वाले पुरुष भी बेटियों की संगत में भावविह्वल हो ही जाते हैं। यानी एक पिता सिर्फ पिता की भूमिका में ही अपने सारे दायित्वों का निर्वहन कर सकता है। उसके लिए एक मां की भूमिका निभाना काफी कठिन है। दरअसल, पिता-बेटी का रिश्ता स्नेह की उत्कर्षता का पर्याय है, जहां पिता अप्रत्यक्ष तौर पर बेटी के मन में ‘पुरुष‘ का चरित्र गढ़ देता है। बेटी भी पिता द्वारा गढ़े और रचे रेखाचित्र को ही हर रिश्ते में पाना चाहती है। बस यही तो है पिता और बेटी का सर्वोच्च संबंध!

पुत्रों से पिता की उम्मींदे
भारत की संस्कृति में दो बातें मिलती हैं। पिता अपनी संतान के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार रहते हैं। उसी तरह पुत्र भी पिता के आदेश का पालन करने से नहीं चूकते। बदली स्थिति में एक-दो पक्ष इसमें और जुड़े हैं। आज पिता चाहता है कि उसका पुत्र इस वैश्वीकरण के दौर में जहां तक पहुंच सके, पहुंचे। वहीं दूसरा पक्ष यह है कि इसमें गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह आदमी की आकांक्षाओं की उड़ान, आगे बढ़ने की चाह और एक-दूसरे का इस्तेमाल करना है। भले ही वह पिता ही क्यों न हों। 

फादर्स डे मनाने की अवधारणा 
किसी बच्चे के जीवन में उसके पिता की क्या भूमिका होती है शायद ये बताने के लिए एक दिन काफी नहीं है लेकिन पिता के महत्व को सम्मान देने और पिता के स्नेह और समर्पण को सम्मानित करने के लिए पूरी दुनिया में हर साल जून के तीसरी रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। वैसे तो फादर्स डे को की शुरूआत को लेकर कई कहानियां हैं लेकिन, सबसे प्रसिद्ध कहानी सोनारो की है, जो अमेरिका के वाशिंगटन शहर के स्पोकेन में रहा करती थी। कहा जाता है कि सोनारो और उसके भाई-बहनों को उसके पिता विलियम जैक्सन ने अकेले पाला था। साल 1909 के मई महीने में सोनोरो मदर्स डे के मौके पर एक चर्च में कार्यक्रम आयोजित किया गया था जहां मां के बारे में व्याख्यान दिए जा रहे थे तभी सोनारो के दिमाग में ख्याल आया कि जब मदर्स डे मनाया जा रहा है तो फादर्स डे क्यों नहीं? सोनारो अगले साल 5 जून को अपने पिता के जन्मदिन पर फादर्स डे मनाना चाहती थीं और उन्होंने एक पेटिशन भी डाला था कि राज्य में इस दिन को फादर्स डे घोषित करते हुए छुट्टी घोषित की जाए। सोनारो की अपील पर फादर्स डे घोषित करने की पूरी प्रक्रिया हुई और फिर आधिकारिक तौर पर 19 जून 1910 से फादर्स डे मनाया जाने लगा। 

बच्चों की सुरक्षा कवच है पापा 
ऋग्वेद में ‘पिता’ शब्द शिशु पालन कर्ता के रूप में माना गया है। पिता जीवन की बगिया के रखवाले हैं। उनकी छत्रछाया में ही पलकर पुत्र आसमां की बुलंदियों को छू पाते हैं। पिता डग भरना सिखाते हैं। जीवन के पथरीले रास्ते पर चलते हुए गिरने के बाद उठना और मंजिल पाने तक चलते रहने की सीख देते हैं। बुरे-भले की शिक्षा देने वाले पिता ही होते हैं। बचपन में सिखाए अनुशासन भले ही उस दौरान कड़वे लगते हो, लेकिन सफलता की सीढ़ी चढ़ने के साथ ही उसका बेहतर परिणाम देखने को मिलता है। अर्थात पिता न केवल अभिभावक की भूमिका निभाते हैं बल्कि एक दोस्त की तरह भी होते हैं, जो समय-समय पर बेटे या बेटियों को उनकी जरूरतों के मुताबिक कठिन डगर में राह दिखाने का काम करते हैं। कोई भी व्यक्ति पिता के ऋण से उऋण नहीं हो सकता। बच्चों की जिंदगी पर पापा का बहुत बड़ा कर्ज होता है। हम जिंदगी देकर भी उनका कर्ज नहीं चुका सकते। पापा ने अपनी उंगली पकड़ हमें चलना सिखाया। पहली बार जब हम बोले तो सबसे ज्यादा खुश पापा हुए। बीमार हम होते हैं परेशान पापा हो जाते हैं। जिंदगी के हर मोड़ पर हमें पापा की जरूरत है। उनके बिना एक कदम भी चलना मुश्किल है। मेरी खुशी में ही उनकी खुशी बसती है। पापा, वो अनमोल रिश्ता है, जिन्होंने औलाद की खुशी पर अपनी खुशी लुटा दी। खुद तकलीफों की आंधी झेली, मगर हम तक उसका एक झोंका तक नहीं पहुंचने दिया। हमारी जरूरत पूरी करने के लिए कभी चिलचिलाती धूप में जिस्म को झुलसाया तो शीतलहर और मूसलाधार बारिश झेली। अपनी जिंदगी को हमारी जरूरतों पर कुर्बान कर दिया। जिंदगी की जंग से जब उदास हुए तो आकर सिर पर हाथ रखकर कहा, मैं हूं ना..। पापा वो कवच हैं जो बच्चों को सुरक्षित करते हैं। हमारी हर जरूरतों को पूरा के लिए वे कई तकलीफ सहते हैं। पापा के रूप में भगवान ने हमें बहुत बड़ा तोहफा दिया है। हमारी हर छोटी, बड़ी जरूरत के लिए पापा पूरी कोशिश करते हैं। हमारी पूरी जिंदगी पर पापा का अहसान है। वो अगर नहीं होते तो हमारा वजूद नहीं होता। वो हमारे लिए पूजनीय है। अगर पिता के प्रेम को जानना चाहते हैं तो आप कितने भी बड़े क्यों न हो गए हों, एक बार अपने बचपन में लौट आइए और देखिए कि कैसे पिता ने आपको साइकल चलाना सिखाया था, कैसे आपके हर उस सवाल का उन्होंने बड़े ही रोचक ढंग से जवाब दिया था जिन्हें अब सुनकर आप शायद चिढ़ जाते हैं और उनकी बात का जवाब देना.जरूरी नहीं समझते। कैसे वे आपके सामने झुककर घोड़ा या हाथी बन जाया करते थे और आपकी मुस्कान से उनकी पीठ का वह दर्द भी गायब हो जाता था, जो आपके वजन के कारण हुआ था, कैसे आपकी हर छोटी से छोटी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे अपनी जरूरतों से समझौता कर लिया करते थे, आपके होमवर्क और प्रोजेक्ट के लिए कैसे आपके साथ वे भी देर तक जागते और उसे पूरा करवाते थे, कैसे वे आपकी छोटी-सी सफलता को भी जहान की सबसे बड़ी खुशी के रूप में मनाते थे। कैसे वे आपको स्कूल छोड़ने और लेने जाया करते थे और रास्ते में आपकी हर फरमाइश पूरी हुआ करती थी। हर शाम ऑफिस से लौटते हुए कई बार, बिन मांगे ही वे आपकी पसंद की चीजें ले आया करते थे। उनके लि‍ए केवल आपकी खुशी अनमोल थी। अब जरा वापस लौटकर आइए इस दुनिया में और सोचिए कि पिता क्या है। सिर्फ एक पिता या आपको समझने वाला सच्चा दोस्त, आपका सहायक, पालक या फिर खुदा की नेमत। 

पिता नहीं तो अनाथ है बचपन 
मां से भावनाओं का जुड़ाव, तो पिता से समझ का। मां की ममता और करुणाशीलता तो जगजाहिर है, लेकिन कई बार पिता की अनकहे शब्द और जता न पाने की आदत उनके भावों... को ठीक तरह से अभिव्यक्त नहीं कर पाती और हम पिता को जरूरत से ज्यादा सख्त और भावनाविहीन मान बैठते हैं। लेकिन सच तो ये है कि एक मां बच्चे को जितना प्रेम करती है, उतनी ही चिंता पिता को भी होती है। बस फर्क इतना होता है कि मां के प्रेम का पलड़ा भारी होता है और पिता के सुरक्षात्मक रवैये का, जो कई बार बच्चों..को कठोर लगने लगता है। मां हमेशा दुलारती है और पिता हमेशा आपको बनाते हैं, आपके व्यक्तित्व को संवारते हैं। अर्थात पापा वो इंसान है जो कभी प्यार को दर्शाता नहीं है पर मां से भी बढ़कर अपने बच्चों को प्यार करते हैं। मां घर में रोटी बनाती है तो पिता कड़ी धूप में पैसा कमाता है। मां बच्चे को पढ़ाती है तो पिता बच्चे को शिक्षा देता है। एक पिता जितनी कुर्बानी देना आसान बात नहीं। फटे जूते पहन बच्चों को नए कपड़े दिलाता है पिता। लेकिन कभी अपना प्रेम नहीं दर्शाता है पिता। मां लाख बार बोले मेरा बेटा..मेरी बेटी, पर जीवन जीना पिता सिखाता है। पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है, पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है। पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है। पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है पर पिता पालन है, पोषण है, पारिवार का अनुशासन है। पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है। पिता अपदर्शित अनन्त प्यार है पिता है तो बच्चों को इंतजार है। पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं। पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं। पिता से परिवार में प्रतिपल राग है पिता से ही मां का बिंदी और सुहाग है। पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है। पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है। पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है। पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है। पिता एक जीवन को जीवन का दान है। पिता दुनिया दिखाने का अहसान है। पिता सुरक्षा है, सिर पर हाथ है पिता नहीं तो बचपन अनाथ है। तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो पिता का अपमान नहीं, उन पर अभिमान करो क्योंकि मां­बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता और ईश्वर भी इनके आशीशों को काट नहीं सकता। विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है मां­बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है। विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राएं व्यर्थ हैं यदि बेटे के होते मां­बाप असमर्थ हैं वो खुशनसीब हैं मां­बाप जिनके साथ होते हैं। क्योंकि मा­बाप की आशीशों के हजारो हाथ होते है। 

पिता का ख्याल रखना हर संतान का है धर्म 
जमाना काफी तेजी से बदल रहा है। वर्तमान समय में माता-पिता की अहमियत हमारे जीवन से दूर होता जा रहा है। जिसकी सबसे बड़ी मिसाल ओल्ड ऐज हाउस के रूप में हमारे सामने आ रहे हैं। जो माता-पिता पूरी जिंदगी बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए समर्पित कर देते हैं। परंतु, बच्चों की उम्र के साथ उसी की एक झलक, उसका एक स्नेह पाने तक को तरस जाते हैं। हालांकि सभी के साथ ऐसा नहीं होता, मगर वृद्धों के साथ पुत्रों की बेरुखी की चर्चा हमेशा होते रहती है। पिता जो अपनी छोटी-छोटी इच्छाओं को पूरा करने के बजाए अपने बच्चों की बड़ी से बड़ी इच्छाओं को पूरा करने पर कुर्बान कर देता हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि जो पिता अपने जीवन के अंतिम क्षण तक अपनी बच्चों की खुशहाली के प्रति सदैव चिंतित रहा हो उसके हर दुख-दर्द को दूर करना हरेक संतान का नैतिक धर्म है। लेकिन अफसोस है कि अपनी जीवन भर की कमाई बच्चों पर खर्च करने वाले पिता की उपेक्षा हो रही है, जो विकसित समाज के समक्ष गंभीर चिंता का विषय है। घर के अन्य सदस्यों को अन्यत्र रहने के कारण माता-पिता की देखभाल की समस्या बनी रहती है। हमें फादर्स डे पर अपने पिता के कष्टों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए। पिता के इच्छाओं का ध्यान रखना चाहिए। पिता की आज्ञा का पालन करना हम बच्चों का नैतिक जिम्मेवारी है। बच्चों को पिता की सेवा की कसौटी पर खरा उतरना होगा। पिता की इच्छाओं को पूरा करने के लिए हमें हरदम सचेष्ट रहना चाहिए। इसका हमेशा ध्यान में रखना चाहिए, कहीं पिता को उनसे कोई तकलीफ तो नहीं हैं। अर्थात पिता के अरमानों को पूरा करने के लिए किसी भी कष्ट को हंसते हुए झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। पिता की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं।  

अपना क्लोन न बनाएं
पिता को चाहिए कि वह बच्चों को अपना क्लोन न बनाएं। कुदरत के बेमिसाल क्रिएशन की पहचान पर अपनी मानसिकता थोपेंगे तो फिर उनकी खासियत को आप मिटा देंगे। उन्हें संस्कृति, सामाजिकता और नैतिकता का इल्म अवश्य दें लेकिन उनकी पहचान को मोड़ें-तोड़ें नहीं। क्योंकि आपके बच्चे तभी हीरे रह पाएंगे, जब आप अपनी धूल उन पर न लपेटें। खुले आसमान में उन्हें उड़ने दें। गिरने दें। गिरने की चोट और दर्द से वे सीखेंगे। दर्द तराशता है। उन्हें अपाहिज बना देंगे तो आप कब तक बैसाखी बने रहेंगे?






(सुरेश गांधी)

विशेष आलेख : सर्वे भवन्तु सुखिन: का संदेश देता है योग

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वर्तमान में विश्व में जितनी भी ज्ञान और विज्ञान की बातें की जाती हैं, वह भारत में युगों पूर्व की जा चुकी हैं। इससे कहा जा सकता है कि भारत में ज्ञान और विज्ञान की पराकाष्ठा थी, लेकिन यह हमारा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि हम विदेशी चमक के मोहजाल में फंसकर अपने ज्ञान को संरक्षण प्रदान नहीं कर सके। जिसके कारण हम स्वयं ही यह भुला बैठे कि हम क्या थे। भारत की भूमि से विश्व को एक परिवार मानने का संदेश प्रवाहित होता रहा है, आज भी हो रहा है। यह अकाट्य सत्य है कि विश्व को शांति के मार्ग पर ले जाने का ज्ञान और दर्शन भारत के पास है। योग विधा एक ऐसी शक्ति है, जिसके माध्यम से दुनिया को स्वस्थ और मजबूती प्रदान की जा सकती है। 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से आज विश्व के कई भारत के साथ खड़े हुए हैं। यह विश्व को निरोग रखने की भारत की सकारात्मक पहल है।


देव भूमि भारत में वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को आत्मसात करने वाले मनीषियों ने बहुत पहले ही विश्व को स्वस्थ और मजबूत देने का संदेश दिया है। वास्तव में योग में राजनीति देखना संकुचित मानसिकता का परिचायक है। पिछले दो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे विश्व में योग का जो स्वरूप दिखाई दिया, वह अपने आप में एक करिश्मा है। करिश्मा इसलिए क्योंकि ऐसा न तो पहले कभी हुआ है और न ही योग के अलावा दूसरा कार्यक्रम हो सकता है। इतनी बड़ी संख्या में भाग लेने वाले लोगों के मन में योग के बारे में अनुराग पैदा होना वास्तव में यह तो प्रमाणित करता ही है कि अब विश्व एक ऐसे मार्ग पर कदम बढ़ा चुका है, जिसका संबंध सीधे तौर पर व्यक्तिगत उत्थान से है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर भले ही संकुचित मानसिकता वाले लोगों ने विरोध किया हो, लेकिन इसके बावजूद भी योग दिवस पर भाग लेने वालों ने एक कीर्तिमान बनाया है और संकुचित मानसिकता वालों के मुंह पर करारा प्रहार किया है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के योग साधकों के साथ मिलकर योग विद्या को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जो पहल की थी, आज उसके सार्थक परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। अब तीसरा अंतरराष्टÑीय योग दिवस मनाए जाने की तैयारियां पूरे विश्व में हो रही हैं। पिछले दो योग दिवस की सफलता यह प्रमाणित करने के लिए काफी है कि अब विश्व के कई देशों ने स्वस्थ और मजबूती की राह पर अपने कदम बढ़ा दिए हैं। अब विश्व को निरोग बनाने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। वर्तमान में विश्व के अनेक देश इस सत्य से भली भांति परिचित हो चुके हैं कि योग जीवन संचालन की एक ऐसी शक्ति है, जिसके सहारे तनाव मुक्त जीवन की कल्पना की जा सकती है। हम जानते हैं कि विश्व के कई देशों में जिस प्रकार का विचार प्रवाह है, उससे जीवन की अशांति का वातावरण तैयार हो रहा था और अनेक लोग इसकी गिरफ्त में आते जा रहे हैं। विश्व के कई देश इस बात को जान चुके हैं कि योग के सहारे ही मानसिक शांति को प्राप्त किया जा सकता है।

योग दिवस को मिले भारी वैश्विक समर्थन के बाद यह तो तय हो गया है कि विश्व को सुख और समृद्धि के मार्ग पर ले जाने के लिए भारत के दर्शन को विश्व के कई देश खुले रूप में स्वीकार करने लगे हैं। इससे पहले जो भारत विश्व के सामने अपना मुंह खोलने से कतराता था, आज वही भारत एक नए स्वरूप में विश्व के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। विश्व को भारत की विराट शक्ति का अहसास हो चुका है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब से देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से हमारे देश के बारे में वैश्विक दृष्टिकोण में गजब का बदलाव दिखाई दे रहा है। सवाल यह है कि क्या यह बदलाव नरेन्द्र मोदी को देखकर आया है, नहीं। इसका जवाब यह है कि भारत के पास पूर्व से ही ऐसी विराट शक्ति थी, जिसका भारत की पूर्व सरकारों को भारतीय जनता को बोध नहीं था। हर भारतवासी के अंदर शक्ति का संचय है, हम शक्ति को प्रदर्शित नहीं कर पा रहे थे, इतना ही नहीं हम यह भूल भी गए थे कि हमारे अंदर भी शक्ति है। नरेन्द्र मोदी ने जामवंत की भूमिका अपनाकर देशवासियों एवं अप्रवासी भारतीयों के मन में इस भाव को जाग्रत किया कि आप महाशक्ति हैं। जैसे ही नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के मेडीसन एस्क्वायर में भारतीय शक्ति का प्रस्फुटन किया, वैसे ही भारत के नागरिकों के अंदर गौरव का अहसास तो हुआ ही साथ ही विश्व के विकसित देश भारत को अपना समकक्ष मानने लगे।


भारत के दर्शन में एक ठोस बात यह भी है कि भारत में हमेशा सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया वाला भाव ही रहा है। जो भी देश भारत के इस दर्शन से तालमेल रखता हुआ दिखाई देता है, वह कभी दूसरे का अहित सोच भी नहीं सकता। जबकि विश्व के अनेक देश केवल स्वयं का ही हित सबसे ऊपर रखकर दूसरों के हितों पर चोट करते हैं। आतंक फैलाकर अपना वर्चस्व स्थापित करने वाला समाज मारकाट करने की मानसिकता के साथ जी रहा है। ऐसे लोगों का न तो काई अपना है, और न ही कोई परिवार। कई मुस्लिम देशों के नागरिक आज मुसलमानों के ही दुश्मन बनकर मारकाट का खेल खेल रहे हैं। ऐसे लोगों से शांति का बातें करना भी बेमानी है। हमारी सलाह है कि ऐसे लोग भी योग की क्रियाएं अपनाकर शांति के मार्ग पर चल सकते हैं। योग जहां स्वस्थ मानािकता का निर्माण करने में सहायक है वहीं शांति स्थापना का उचित मार्ग है।

सवाल यह आता है कि वर्तमान के मोहजाल में फंसे विश्व के अनेक देश आज किसी भी चीज में राहत नहीं देख रहा है। पैसे के पीछे भाग रहा पूरा विश्व तनाव भरा जीवन जी रहा है। इस तनाव से मुक्ति पाने का एक ही मार्ग है योग को अपनाना। जिसने अपने जीवन में योग को महत्व दिया है, वह इस तनाव से छुटकारा पाने में सफल रहा है। आज सबसे ज्यादा तनाव का जीवन मुस्लिम देशों में दिखाई देता है। वहां केवल मारकाट की भाषा के अलावा कुछ भी नहीं है। इन देशों में हमेशा अशांति का वातावरण दिखाई देता है और सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। सरकार के विरोध में सबसे ज्यादा कार्य मुस्लिम देशों में ही नजर आते हैं। पाकिस्तान में कई बार सरकारों का तख्तापलट जैसे अलोकतांत्रिक कारनामे किए गए। ऐसे में यह कैसे उम्मीद की जा सकती है कि यह देश किसी नियम कायदे कानून के दायरे में अपने जीवन का संचालन कर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि जो देश नियमों की अनदेखी करता है, वह कभी भी प्रगति के मार्ग नहीं जा सकता।

यह इस बात का ध्यान रखना होगा कि आध्यात्मिकता और ध्यान योग के मामले में हम विश्व के सभी देशों से बहुत आगे हैं। इस बारे में दुनिया का ज्ञान भारत के समक्ष अधूरा ही है। भारत को जब तक इस बात का बोध था, तब तक विश्व का कोई भी देश भारत का मुकाबला करने का सामर्थ्य नहीं रखता था। आज इस शक्ति के प्रदर्शन की शुरूआत हो चुकी है, जरूरत इस बात की है कि हम सभी सरकार के कदम के साथ सहयोग का भाव अपनाकर अपना कार्य संपादित करें। आने वाले समय में भारत का भविष्य उज्जवल है।




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डॉ. वंदना सुरेश
102 शुभदीप अपार्टमेंट, कमानीपुल के पास
लक्ष्मीगंज, लश्कर ग्वालियर, मध्यप्रदेश
मोबाइल - 07619089199
(लेखिका स्वतंत्र लेखन करती हैं)

मधुबनी : आगामी 29 जून को होने वाली मछुआ सोसाईटी के लिए पर्चा दाखिल

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अंधराठाढ़ी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी ) आगामी 29 जून को होने बाली मछुआ सोसाईटी की चुनाव के लिए 12 पदों के खिलाफ कुल 31 अभ्यर्थियों ने नामजदगी का पर्चा भरा।  उक्त आशय की जानकारी देते हुए सहायक निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड कृषि पदाधिकारी रामपुकार पासवान ने शनिवार को बताया।  अध्यक्ष पद से बिहारी मुखिया ,चिंटू देवी मनोहर मुखिया  एवं रामकिसुन मुखिया सचिव पद से  राजदेव मुखिया, इनर देवी, फुल कुमारी एवं कृष्णदेव मुखिया के अलावे  सदस्य पदों के लिए 9 महिला और 14 पुरुषो ने अपना नामजदगी पर्चा दाखिल किया। नोमनेशन को लेकर प्रखंड कार्यालय के सामने डॉ शुभचन्द्र झा घर परिसर में कई खेमे में लोग जमा थे।  राजदेव मुखिया बर्तमान सचिव है इससे पूर्व भी सचिव निर्वाचित हो चुके है . जबकी कृष्णदेव मुखिया भी दो बार सचिव रह चुके है . राजदेव मुखिया और कृष्णदेव मुखिया तीसरे वार सचिव पद के प्रत्याशी है . निर्वाचन कार्य में आरडीओ अलोक कुमार शर्मा को निर्वाची पदाधिकारी  बी सी ओ सुजीत कुमार, हिमांशु कुमार बी सी ओ झंझारपुर एवं बी ए ओ रामपुकार पासवान को सहायक निर्वाची पदाधिकारी बनाये  गये हैं  .वतादे की 29 जून को  होने बाली मछुआ सोसाई टी चुनाव का मतगणना 30 जून को निर्धारित है। इस चुनाव की खासियत है की इसमें मात्र मछुआरा पुरुष महिला इसके मतदाता हैं। 

विशेष आलेख : वेबसाइट की आड़ में पत्रकार बनाने का गोरखधंधा।

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पत्रकार बनने का सुनहरा मौका । आवश्यकता है देश के हर जिले में रिपोर्टर, कैमरामैन और ब्योरो की. दिए गए नम्बर पर जल्द से जल्द सम्पर्क करें। ये मै नहीं कह रहा हूं। आज कल धड़ल्ले से खुल रही न्यूज वेबसाइट कह रही हैं। सोशल मीडिया पर मज़ाक बनाकर रख दिया है। जिधर देखो आवश्यकता है। पता नहीं इनको कितनी आवश्यकता होती है। काफी दिनों से whatsaap के ग्रुप में संदेश देख रहा था। आवश्यकता है देश के हर जिले में रिपोर्टर, कैमरामैन की। मैने भी सोचा चलों आवश्यकता की पूर्ति की जाए। तुरंत चैट पर बात करना शुरू कर दिया। मुझे आप के वेब चैनल में रिपोर्टिग करनी है। जवाब आया, अभी किस न्यूज पेपर में हैं, मेरा जवाब था कहीं नहीं बस स्वतंत्र पत्रकार हूं। सवाल पर सवाल धागे जा रहे थे, रिपोर्टर क्यों बनना चाहते हो,  जवाब मे मैने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, मै हमेशा रिपोर्टर बनना चाहता था, पर कहीं से शुरूआत नहीं मिल पाई है। जनाब ने कहा हमारे यहां आप को शुरूआत मिलेगी। मेरी भी खुशी का ठिकाना न रहा आखिर संवाददाता बनने जा रहा था। फटाफट 7 , 8 फोटो भेजी और कहा कि हमारे वेब पोर्टल में ऐसे खबरें चलती हैं। और हमारे साथ जुड़ने के लिए आप को 3000 रूपए जमा करना होगा। जिसमें हम आप को आई कार्ड, अथाँरिटी लेटर, माइक आई डी देगें। साथ ही विज्ञापन में 50 प्रतिशत का कमीशन देगें। चलों ये तो रही उनकी बात। मैने भी कहा कि अगर आप इतना कुछ दे रहे हैं तो ये भी बता दें कि वेतन कितना दे सकते हैं। वेतन का नाम सुनकर उनके पांव तले की जैसे जमीन खिसक गई हो। उन्होनें कह दिया कि वेतन तो नहीं हम दे पाएगें। विज्ञापन का कमीशन ही होगा। सबसे प्यारा जवाब उनका था कि सीखने के लिए अब आप को इतना तो करना होगा। ये कोई पहला वाकया नहीं था। इससे पहले भी मुझे पत्रकार बनाने के लिए 5000 रूपए की मांग की गई थी। 5000 लो और आईडी और लेटर लो। मेरी बदकिस्मती थी कि मुझे ये सब पहले नहीं पता था, वरना लाखों रूपए खर्च कर पत्रकारिता का कोर्स क्यों करता। सस्ते में निपट जाता, 3000 हजार रूपए में या पांच हजार में और बन जाता पत्रकार ।मैने भी पूंछा था कि वेतन तो दोगे नहीं तो न्यूज को कैसे कवर करेगें । तो जवाब भी था कि कमाने के बहुत धंधे है इसमें। मतलब आई कार्ड दिखाकर दलाली करो और मार खाओ। न्यूज की खुल रही लगातार वेबसाइट की आड़ में पत्रकार बनाने का गोरखधंधा बढ़ता ही जा रहा है। पत्रकार बनाने के नाम पर रकम वसूली जा रहा है। ऐसी अनेक वेबसाइट हैं और चैनल है जो पैसे लेकर आई कार्ड, माइक आईडी देते हैं। वेतन के नाम पर विज्ञापन में कमीशन और दलाली करना सिखाते हैं। अच्छा धंधा बन गया है कमाने का। दूसरों के साथ खिलवाड़ का। यही नहीं कुछ अख़बार भी इसी श्रेणी में आते हैं। पैसे लेकर आई कार्ड बना देते हैं और उस आई कार्ड से लोग रौब झाड़ते हैं। अधिकतर गाडियों में प्रेस लिखा मिलेगा। चाहे वह पत्रकारिता कर रहा हो या नही। इससे कोई मतलब नही है। ऐसे संस्थान जो पैसे लेकर प्रेस कार्ड बनाते हैं उनके खिलाफ कार्यवाही की जरूरत है। ऐसा करके वो पत्रकारिता को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। उनकों न ख़बर से मतलब है न ही उस व्यक्ति से उनको मतलब है पैसे से। पैसे दो और प्रेस कार्ड लो।मीडिया के लोगों को भी ऐसे संस्थान के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। अगर आप न्यूज वेबसाइट चला रहे हैं, तो अपने कर्मचारी को वेतन नहीं दे सकते हैं तो उनसे वसूली भी मत करें। लोग  भी बड़े रूतबे में आकर इनके चक्कर में फंस जाते हैं। जितने पैसे का वो कार्ड बनाकर देते हैं उतने में खुद अपनी न्यूज  वेबसाइट शुरू कर सकते हैं। अगर पत्रकारिता का इतना ही शौक है तो। लेकिन पत्रकारिता कौन करना चाहता है। वो तो बस प्रेस कार्ड के दमपर पुलिस चेकिंग में बचना चाहते है, किसी सरकारी दफ़्तर में जाकर रौब दिखाना चाहते हैं। इक बार पुलिस गाड़ी का पेपर चेक कर रही थी इस दौरान एक लड़के की गाड़ी को रोका गया, उसने तुरंत प्रेस कार्ड दिखाया और चला गया। उस लड़के को मै जानता हूं।  बी फारमा की पढाई कर रखा है। मैने पूंछा ये कार्ड कहा से आया तुम्हारे पास तो उसका जवाब कि उसके दोस्त ने बनाया है। जबकि पत्रकारिता से उसका कोई लेना देना नहीं है। अगर बेवसाइट, अख़बार, चैनल ऐसे ही पैसे लेकर प्रेस कार्ड बनाते रहे तो वह दिन दूर नहीं है जब पत्रकार और पत्रकारिता की कोई वैल्यू नहीं रह जाएगी।





liveaaryaavart dot com

रवि श्रीवास्तव (स्वतंत्र पत्रकार)
ईमेल : ravi21dec1987@gmail.com

मधुबनी : शराव के साथ एक धराया . भेजे गये जेल .

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मधुबनी/अंधराठाढ़ी (मोo आलम अंसारी) अंधरा गोठ गाव में शनिवार की देर रात को अंधराठाढ़ी थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी कर 42 बोतल शराब के साथ एक शराव तस्कर को गिरफ्तार किया .बरामद शराब नेपाल निर्मित है . पकरे गये शराव तस्कर अंधरागोठ गांव के राकेश कुमार सदय बताया जाता है. जवकि अबैध शराब ठिकाना पर से ऋषि चौधरी भागने में शफल रहे . फरार वक्ती अंधरा गांव  के गोपाल चौधारी का पुत्र बताया जाता है . चौकीदार के व्यं पर प्राथमिकी दर्ज कर पकड़े गये युवक को जेल भेज दिया गया . दुसरे युवक की तलाश जरी है .

मधुबनी : नैन्सी हत्याकांड में राघवेंद्र व पंकज को दोबारा रिमांड पर लेगी पुलिस

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मधुबनी (किशोर कुमार) नैंसी हत्याकांड के कथित मास्टरमांइड राघवेंद्र झा व पंकज झा को दोबारा रिमांड पर लिया जा सकता है. इससे पूर्व तीन दिनों के रिमांड पर लेकर एसआइटी द्वारा राघवेंद्र व पंकज से की गयी पूछताछ के बाद हत्याकांड से जुड़े साक्ष्यों व पहलुओं की जांच की गयी. इस दौरान कई ऐसी बातें सामने आयी हैं कि फिर से इन दोनों से पूछताछ की जाने की जरूरत पड़ गयी है. एसआइटी जल्द ही इन दोनों को कोर्ट से रिमांड पर लेगी और दूसरे चरण की पूछताछ शुरू की जायेगी. पुलिस का दावा है कि जांच में कई ऐसी बातें सामने आयी हैं, जिससे इस कांड के जल्द ही परदाफाश होने के आसार हैं. सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने अपनी जांच के दायरे को बढ़ाया है़ कई करीबी लोगों से भी नये सिरे से पूछताछ की गयी है. साथ ही, बीते दिनों करीबी लोगों के मोबाइल से मिले मैसेज व लोकेशन के आधार पर जांच का दायरा बढ़ाया गया है. इसमें पुलिस को नैंसी हत्याकांड से जुड़े कई अहम बातें सामने आयी हैं, जिसको लेकर राघवेंद्र व पंकज से पूछताछ की जायेगी


एसपी दीपक बरनवाल ने बताया है कि एसआइटी की टीम के द्वारा दोनों को रिमांड पर लिये जाने की तैयारी की जा रही है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस दिन (25 मई) नैंसी गायब हुई थी और करीबी लोग शादी के रस्म को लेकर निर्मली गये थे. उस दिन कुछ लोगों के मोबाइल का लोकेशन अंधरामठ मिल रहा है, जबकि संबंधित लोगों ने पूछताछ के दौरान बार-बार अपने आप को उस समय निर्मली में होने की बात पुलिस को बताया जा रही है. इसके अलावा भी कई ऐसी बातें हैं, जो मोबाइल की जांच व पूछताछ में करीबी द्वारा दिये गये बयान से मेल नहीं खा रहे. बयान संदेहास्पद हैं. जिस कारण पुलिस का शक लगातार बढ़ता जा रहा है. मालूम हो कि एसआइटी ने इससे पूर्व तीन दिन के रिमांड पर राघवेंद्र व पंकज को लेकर पूछताछ की थी. रिमांड की अवधि समाप्त होने पर बीते सोमवार को कोर्ट में पेश कर वहां से जेल भेज दिया गया था. इधर, नैंसी के परिजन ने एक बार फिर अपनी पुरानी बातों को दुहराते हुए कहा है कि पुलिस असली हत्यारे तक नहीं पहुंच पा रही है. वे लोग अब इस मामले में कुछ भी बताते हैं तो पुलिस उसका अर्थ परिवार के कथित तौर पर हत्या में शामिल होने के नजरिये से ही लगाती है. यहीं कारण है कि पुलिस ने केवल परिजन तक ही अपनी जांच के दायरे को समेट कर रख दिया है. पुलिस को अपनी जांच का दायरा परिवार के अलावा बाहरी लोगों पर भी बढ़ाना चाहिए. वहीँ एसआइटी ने दावा किया कि जल्द होगा कांड का खुलासा क्यूंकि मोबाइल के मैसेजऔर लोकेशन व बयान में मेल नहीं हो रहा.

दुमका : नगर परिषद् उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षद ने गरीबों के बीच संयुक्त रुप से किया वस्त्र वितरण

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  •  ईद के सुअवसर पर उप राजधानी दुमका के वार्ड स0- 18 में 

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) नगर परिषद्, दुमका अन्तर्गत वार्ड संख्या 18 में नगर परिषद् उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल व इस वार्ड की पार्षद अरबी खातून ने ईद पर्व के अवसर पर गरीब व विधवा महिलाओं के बीच संयुक्त रुप से साड़ी व सलवार सूट का वितरण किया । वार्ड संख्या 18 की पार्षद आरबी खातून द्वारा प्रत्येक वर्ष ईद के अवसर पर 100 महिलाओं व  25 पुरुषो के बीच पोशाक/ वस्त्रों का वितरण किया जाता है। इस वर्ष ईद के अवसर पर नगर परिषद् उपाध्यक्ष विनोद कुमार लाल ने भी  भी 100 साड़ी का वितरण कर गंगा-यमुनी तहजीब को अक्षुण्ण बनाए रखने का प्रयास किया। मालूम हो, विनोद कुमार लाल नगर परिषद्, के उपाध्यक्ष, वार्ड सं0-20 के वार्ड पार्षद व पिछले कई वर्षों से समाजसेवी के रुप में उप राजधानी दुमका सहित आसपास के इलाकों में ख्यातिप्राप्त रहे हैं। चाहे हिन्दू धर्मावलम्बियों की बात हो या फिर मुस्लिम, बौद्ध, जैन, इसाई धर्मावलम्बियों की बात। सभी धर्मों का समान आदर करते हुए दुमका जैसे शहर में उनकी लोकप्रियता का ही परिणाम रहा है कि आम-अवाम उन्हें दिल से चाहता है। विदित हो दिन रविवार को आहुत वस्त्र वितरण कार्यक्रम में वार्ड संख्या  4 के वार्ड पार्षद महेश राम चंद्रवंशी, बादल चटर्जी, विश्वजीत साहा, मो0 अंजुम रजा व अन्य मुख्य रूप से उपस्थित थे। 

दुमका : 27 से 29 जून तक आयोजित होगा चांसलर कप बैडमिंटन टूर्नामेंट-डा0 रंजीत सिंह

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सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के तत्वावधान मंे 27 से 29 जून 2017 तक इंडोर स्टेडियम, दुमका में चांसलर कप बैडमिंटन टूर्नामेंट 2017 का आयोजन होगा। इस टूर्नामंेट में मेजबान एसकेएमयू, दुमका  के अलावे रांची विवि रांची, विनोबा भावे विवि हजारीबाग, नीलांबर-पिताम्बर विवि पलामू व कोल्हान विवि चाइबासा की टीमें  भाग लेंगी। टूर्नामेंट के प्रारम्भ से पूर्व सिदो कान्हु मुर्मू विवि बैडमिंटन टीम का चयन ए एस कॉलेज देवघर में 23 व 24 जून को एक चयन प्रतियोगिता आयोजित कर किया जाऐगा, जिसमें विश्वविद्यालय के अधीन सभी महाविद्यालयों के पुरुष व महिला बैडमिंटन खिलाड़ी भाग लेंगे। कुलपति की मौजूदगी में आहुत बैठक में यह निर्णय लिया गया कि चांसलर बैडमिंटन ट्रॉफी 2017 का उद्घाटन मैच 27 जून को प्रातः 9: 00 बजे आरंभ होगा। यह भी निर्णय लिया गया कि इस आयोजन की सफलता के लिये विश्वविद्यालय स्तर पर एक आयोजन समिति गठित की जाएगी। फाइनल मैच बेस्ट ऑफ 3 पर आधारित होगा। मैच के सफल आयोजन हेतु खेल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। खेल के आयोजन के निमित्त एक महत्वपूर्ण बैठक मे भाग लेते हुए जिला खेल-कूद संघ के सचिव उमाशंकर चैबे, सिदो कान्हु मुर्मू विश्व विद्यालय के खेल पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार सिंह, ,जिला बैडमिंटन संघ के सचिव दीपक कुमार झा व जिला कला संस्कृति एवं खेलकूद संघ के कोषाध्यक्ष मदन कुमार,इस अवसर पर मौजूद थे। यह टूर्नामेंट एसकेएमयू, दुमका के कुलपति डा0 मनोरंजन प्रसाद सिन्हा के निर्देश आयोजित करवाया जा रहा है। उपरोक्त की जानकारी विश्वविद्यालय के खेल पदाधिकारी डा0 रंजीत कुमार सिंह ने दी।


‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ का विमर्श : दो विचारधाराओं के अं‍तर्विरोध को समझना सबसे बड़ी चुनौती

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मासिक पत्रिका ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ के तत्‍वावधान में आ‍ज ‘एजेंडा 2019’ को लेकर विमर्श का आयोजन किया गया। विषय था- सामाजिक और वैचारिक सरोकारों की राजनीतिक दिशा क्‍या हो। इसका आयोजन पटना के महुआ बाग (महिला पोलि‍टेक्निक के पास) स्थित शिशु उपवन स्‍कूल में किया गया था। विमर्श को लेकर अपनी बात रखते हुए ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ के संपादक वीरेंद्र यादव ने कहा अगला दो साल वैचारिक संघर्षों का साल रहेगा। एक तरफ केंद्र सरकार के नेतृत्‍व कर रही भाजपा की विचारधारा होगी तो दूसरी ओर भाजपा विरोधी विचारधारा। दोनों धाराओं के बीच सामाजिक और वैचारिक सरोकारों का अंतर्विरोध व्‍याप्‍त है। इस अंतर्विरोध को समझना ही इस समय की सबसे बडी चुनौती है। दोनों ही सामाजिक न्‍याय का लक्ष्‍य हासिल करने की बात करते हैं। पिछला लोकसभा चुनाव तो अतिपिछड़ा प्रधानमंत्री के नाम पर ही लड़ा गया था। लेकिन अगले लोकसभा चुनाव 2019 का एजेंडा बदल रहा है। उन्‍होंने कहा कि एजेंडे की दिशा तय करने में हमारी क्‍या भूमिका होगी। आज का विमर्श इसी बात पर केंद्रित होगा।


विमर्श को आगे बढ़ाते हुए सेवा बिहार के समन्‍वयक राकेश यादव ने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव जमीनी स्‍तर पर हमारे सामाजिक और राजनीतिक दिशा को प्रभावित करेगा। बदलाव की दिशा हमारे पक्ष में हो, इसकी कोशिश हमें करनी चाहिए। एडीआर बिहार के समन्‍वयक राजीव कुमार ने चुनाव सुधारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चुनाव सुधार की प्रक्रिया में एडीआर की बड़ी भूमिका रही है। उन्‍होंने कहा कि 2019 का एजेंडा यह भी होना चाहिए कि चुनाव सुधार को अधिक जनहितकारी बनाया जाये। आपका आईना के संपादक डॉ राम अशीष सिंह ने कहा कि सामाजिक सरोकार और सामाजिक न्‍याय के लिए संघर्ष कर रहे लोगों की माइंडसेट बदलने की जरूरत है। हमें अपनी ही कमजोरियों के विश्‍लेषण की आवश्‍यकता है।

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ विनोद पाल ने कहा कि सामाजिक न्‍याय की धारा कमजोर होगी तो विरोधी पक्ष मजबूत होगा। आज सामाजिक न्‍याय के अंदर की चुनौतियां अधिक मुखर हो रही हैं और उन चुनौतियों को समझने की जरूरत है। समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्‍यक्ष सतीश चंद्र यादव ने कहा कि जब सरकार अल्‍पमत के वोट से बनेगी तो विकास की उम्‍मीद कैसे की जा सकती है। इसके लिए सिस्‍टम बदलने की जरूरत है। अधिवक्‍ता राहुल कुमार, शिक्षक कमलेश और युवजन सभा के प्रदेश प्रवक्‍ता अरविंद कुमार पंकज ने भी अपने विचार व्‍यक्‍त किये। इस मौके पर राजेंद्र सिंह, गजेंद्र कुमार, संजय कुमार, सुनील कुमार, राजकुमार यादव आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के समापन से पहले समन्‍वयक वीरेंद यादव ने आगत अतिथियों का धन्‍यवाद ज्ञापन किया और विमर्श में शामिल होने के लिए आभार भी जताया।

5 राज्यों में वृद्ध और बच्चो को चॉकलेट खिला सच्चा दोस्त परिवार ने पिता स्व. अशोक लुनिया की स्मृति में मनाया फादर्स डे

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उज्जैन : फादर्स डे के उपलक्ष में सच्चा दोस्त समूह के पितृ पुरुष स्व. अशोक जी लुनिया की स्मृति में सच्चा दोस्त परिवार द्वारा पांच राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित पश्चिम बंगाल के 100 से अधिक ब्यूरो प्रतिनिधियों ने फादर्स डे के पूर्व संध्या में वृद्ध एवं बच्चो को चॉकलेट खिला स्व. श्री अशोक जी लुनिया को याद कर मनाया फादर्स डे. 


बागान को सींचने वाला होता है माली, परिवार को सींच सक्षम समृद्ध करने वाले होते है पिता - विनायक 
पिता स्व. अशोक जी लुनिया की स्मृति में सच्चा दोस्त परिवार द्वारा फादर्स डे पर सच्चा दोस्त प्रतिनिधियों को फ़ोन कॉन्फ्रेंस पर सम्बोधित करते हुए विनायक अशोक लुनिया ने कहा की जिस तरह एक बागान को माली सींच समृद्ध बनता है और उसकी फूलो की महक देख खुद महक उठता है वैसे ही पिता अपने बच्चो को पाल पोस कर बढ़ा करते है और समृद्ध बनाते है और उनकी मुस्कराहट से पिता अपने सरे दुःख दर्द भूल जाते है ऐसे होते है पिता. श्री विनायक ने अपने पिता की याद में देश भर के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करने के बाद अपने मित्र शुभ सोनी एवं जैन मीडिया सोशल वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पत्रकार सचिन जी कासलीवाल के साथ उज्जैन स्थित वृद्ध आश्रम पहुंचे जहाँ उन्होंने वृद्धजनों को केडबरी खिला पिता की याद में फादर्स डे मनाया. एवं बुजुर्गों के पैर छू आशीर्वाद लिया. आश्रम मै मौजूद वृद्धजनों ने स्वर्गीय श्री लुनिया की आत्म शांति के लिए कामना की.

बिहार : राज्य परिषद भंग करने की खबर भ्रामक,

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  • कुछ पदलोलुप लोग कर रहे हैं संगठन को तोड़ने की कोषिष, संगठन गुटबाजी का कोई स्थान नहीं, होगी कठोर कार्रवाई 


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पटना:- आज के कुछ अखबारों में संगठन की बिहार इकाई भंग होने की खबर पर  बिहार राज्य परिषद ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। संगठन ने इस खबर को भ्रामक बताते हुए कुछ स्वार्थी, पदलोलुप लोगों की कारस्तानी बताया है।  बिहार इकाई के राज्य अध्यक्ष परवेज आलम एवं सचिव सुषील कुमार ने संयुक्त तौर पर ब्यान जारी कर इन खबरों को प्रतिक्रियावादी एवं भ्रामक बताते हुए कहा कि अभी हाल ही में 16-18 अप्रैल, 2017 को गया में राज्य सम्मेलन हुआ जिसमें राज्य भर के 416 चुने हुए प्रतिनिधियों ने राज्य परिषद एवं पदाधिकारियों का चुनाव किया था। संगठन ने गुटबाजी करने एवं तोड़ने वालों की कोई भी कोषिष कामयाब नहीं होगी इन तत्वों के खिलाफ संगठन सकती से निपटेगा। इन स्वार्थी तत्वों के द्वारा बुलाई गई बैठक अवैध है और 75 सदस्यीय।प्ैथ् बिहार राज्य परिषद में से मात्र 6 सदस्य कल बैठक में उपस्थित थे। संगठन ने गुटबाजी करने वालों पर कारण बताओं नोटिस जारी किया है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 18 जून

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 दिल में तेरा प्यार हे ... वीडियों सीडी का समारोह में हुआ विमोचन
  • गायक विक्रमसिंह डोडिया एवं निमीषा तड़वी ने किया है अभिनय

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झाबुआ। दिल में तेरा प्यार हे .... वीडियों सीड़ी का विमोचन शनिवार को दोपहर 3 बजे स्थानीय एम-2 सभागृह में एक गरिमामय समारोह में हुआ। इस वीडिया सीडी में अभिनय पारा के युवा विक्रमसिंह डोडिया एवं गुजरात की फेमस कलाकार निमीषा तड़वी ने किया है। विमोचन अवसर पर दोनो कलाकारों ने अपने अनुभव भी साझा किए। कार्यक्रम संयोजक डाॅ. अनिल श्रीवास्तव ‘पारा’ ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोजित समारोह में अतिथि के रूप में भाजपा के प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य शैलेष दुबे, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष दीपेष बबलू सकलेचा, जिला सलाहकार मंडल (डीपीए) के अध्यक्ष यषवंत भंडारी, वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. रामषंकर चंचल उपस्थित थे। समारोह का शुभारंभ मां सरस्वतीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर अतिथियों द्वारा किया गया। पश्चात् ‘दिल में तेरा प्यार हे ....’ वीडियो सीडी का दोनो कलाकारों सहित सभी अतिथियों ने मिलकर विमोचन किया।


जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं
इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य शैलेष दुबे ने कहा कि निष्चित ही इस जिले मे ंप्रतिभाओं की कमी नहीं है। मुझे इस बात की खुषी है कि एक छोटे से गांव पारा से फिल्मी कलाकार के रूप में युवा विक्रमसिंह डोडिया उभर रहे है एवं वह जिले का नाम प्रदेष एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी रोषन करे, ऐसी मेरी शुभकामना है। नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने पूरे नगर की ओर से दोनो कलाकारों एवं प्रोड्यूसर प्रकाष बारोड़ तथा डायरेक्टर जेसी पटेल का स्वागत किया एवं दोनो उभरते कलाकारों को अपनी ओर से शुभकामनाएं प्रेषित की।

भरपूर साहयोग की बात की
इस अवसर पर जिला सलाहकार मंडल के अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने बताया कि हम भी साज रंग संस्था के माध्यम से जिले की प्रतिभाओं को निखारने का काम करते है और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुति के लिए प्लेटफाम देते हैै। उन्होंने आषा व्यक्त की कि हमारे पारा नगर का युवा विक्रमसिंह डोडिया दिन दुगुनी एवं रात चैगुनी तरक्की करे एवं अपने परिवार तथा समाज का नाम पूरे देष नहीं विदेष में भी रोषन करे। इस दौरान उन्होंने उनके इस कार्य मंे भरपूर सहयोग देने की भी बात कहीं। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. रामषंकर चंचल एवं भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा ने भी दोनो कलाकारों को अपनी ओर बधाई दी।

दी सीड़ी के बारे में जानकारी
इस दौरान विक्रमसिंह डोडिया ने अपनी इस सीडी के बारे में जानकारी दी एवं उसके गीत भी गुनगुनाएं। इसके साथ ही गुजरात की केमस कलाकारा निमीषा तड़वी ने बताया कि उन्हें इस सीडी में विक्रमसिंह डोडिया के साथ काम करके बहुत ही खुषी हुई एवं हमने मिलकर इसमें एक अच्छा अभिनय प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर प्रोड्यूसर प्रकाष बारोड़ एवं डायरेक्टर जेसी पटेल ने भी आवष्यक जानकारी दी।

ये थे उपस्थित
इस अवसर पर साज रंग संस्था के अध्यक्ष धर्मेन्द्र मालवीय ‘बाबा’, मप्र उपभोक्ता हितैषी मंच के अध्यक्ष जयेन्द्र बैरागी, वरिष्ठ पत्रकारों में श्याम त्रिवेदी, आलोक द्विवेदी, महेष राठौड़, राजेन्द्र सोनी, दौलत गोलानी, राकेष पोतदार, पतंजलि योग समिति के रविराजसिंह राठौर सहित शहर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। समारोह का संचालन बीएसएनएल एम्प्लाईज यूनियन के शरत शास्त्री ने किया एवं आभार शैलेन्द्र राठौर ने माना।

शराब ठेकेदारो मे आमने सामने चली बन्दूक कि गोली  लोगो में दहशत पैदा हूई

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पिटोल । करीब रात्री 9.40 मीनीट पर स्थानीय विदेशी शराब दूकान पर गोली बारी कि घटना हुई जिससे आसपास रहने वाले लोगो में अफरा तफरी मच गई कि कही लुट कि घटना ना हो जाये परन्तू इस गोली बारी का माजरा हि कुछ अलग था यह गोली बारी शराब माफीयाओ कि दूशमनी को लेकर हुई थी राणापुर का शराब माफीया अपने तीन गुर्गाे के साथ यहा के सेल्समेन पर गोली चलाई जिसमे सेल्समेन बाल बाल बच गया। अपने क्षैत्र में शराब खपाने को लेकर गोली बारी करने आये थे। राणापुर के शराब माफीया के गुर्गे गोली चला रहे थे तब वो पिटोल के मेनेजर एवं सेल्समेनो को यह गालीया देते हुए कह रहे थे कि तुम सेठ ओर तुम लोग हमारे क्षैत्र में शराब सप्लाय कर रहे हो इसलिए हम तुम पर सभी लागो को जान से मार देंगे यह कहते हूए गोली चलाई ओर दोनो शराब माफीयाओ के लोगो के आपस मे भीड़ जाने से वहाॅ भगदड़ मच गई। जनता ने दिखाई हिम्मत - जब राणापुर शराब माफीया के गुर्गे गोली चला कर भागने कि कोशीश कर रहे थे तब विदेशी शराब कि दूकान के आस पास रहने वाले लोगो  हिम्मत करके ंघेरा बनाकर बन्दूक चलाने बाले एक शक्स रणबीर  को उसकि 12 बोर कि बन्दूक के साथ पकड़ लिया इसी अफरा तफरी में शराब माफीया ओर उसके 2 गुर्गे अपने बोलेरो वाहन से भागने में सफल हो गये। सस्ते रेट एवं गुजरात एवं आसपास के क्षैत्र में शराब तस्करी को लेकर हुआ विवाद - जहाॅ शराब माफीयाओ ने महंगी शराब को खपीने के लिए अपने अपने क्षेत्र बाट रखे है वही अब आदीवासीे समाज कि शादीयो का सीजन खत्म होने से शराब कि बिक्री कम हो जाने से अब गुजरात एवं ग्रामीण क्षैत्रो मंें अवैघ शराब का परीवहन कर रहै है। राणापुर कस शराब माफीया पिटोल क्षैत्र में रेट कम करके शराब तस्करी कर रहा है वही पिटोल कि शराब दूकान स्थानीय छोटे व्खपारी को महंगा एवं गुजरात दोनो ही जगह शराब माफीया तस्करी करने के लिए सस्ते रेट पर शराब सप्लाय कर रहै है। पुरा जिला सिन्ड़ी केट है केवल राणापुर के ढेकेदार अलग है - वेसे तो पूरे अलग के होने के बावजूद भी सभी ढे़केदारो ने मिलकर सेन्ड़ीकेट होकर अपना व्यवसाय करते है। परन्तू राणापुर क्षैत्र के ढेकेदार द्वारा सिन्ड़ीकेट नही होना यह भी विवाद की एक वजह है। पुलीश भी पहूची मोके पर - पुलीश चैकि मात्र 200 मीटर कि दूरी पर स्थित है विदेशी शराब कि दूकान पर जब हो हल्ला हूआ तब पुलीश भी मोके पर पहुची एवं स्थिती कि गम्भीरता को देखते हुए कुन्दनपुर एवं पुलीश हाइवे पेटोलिंग टिम तथा झाबुआ से भी फोर्स को बूलाया गया। राणापूर के शराब माफीयाओ का पीछा किया  वे हाथ नही परन्तु वे हाथ नही लगे एवं जिसको जनता ने पकड़ा था उसको पूलीश ने गीरफतार किया। तथा झाबुआ से एफ.सी.एल. टिम के सदस्य ड़ाॅ. आर एस मुजान्दा , एफ.सी.एल के वैज्ञानीक ने आरोपी के फिंगर प्रींट लिये एवं घटना के लिए शाक्ष्य एकत्रित किये। इसमें डाॅ. मुजान्दा के साथ दिनेश राठ़ी सहायक के रूप में साथ में थे इस प्रकरण मेें अपराध कि धारा 307 हत्या का प्रयास दर्ज कि गई एवं अपराध दर्ज किया दस मोके पर झामुआ एस.ड़ी.ओ.पी श्री परीहार यादव रा़त्री 12 बजे तक वही पूलीश चैकि पर दल बल के साथ ड़टे रहै तथा पिटोल चैकि प्रभारी नवीन पाठक श्री तत्परता से स्थिती को काबू करते रहै। 


जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ में कडकनाथ मुर्गीपालन समितियो के संचालक मण्डल के पदाधिकारियों/सदस्यों का प्रषिक्षण संपन्न

झाबुआ । आज गुरुवार दिनांक 15.06.2017 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ मे कडकनाथ मुर्गीपालन समितियों के संचालक मण्डल के पदाधिकारियों एवं सदस्यों हेतु प्रषिक्षण आयोजित किया गया, जिसमे मुख्य रूप से बैंक के अध्यक्ष श्री गोैरसिंह वसुनिया, उपायुक्त सहकारिता जिला-झाबुआ/अलीराजपुर श्री जी.एल.बडोले, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पी.एन.यादव एवं पषुपालन विभाग से डाॅ.ए.एस.दिवाकर, डाॅ.अमित दोहरे, भाजपा नेता श्री लक्ष्मण नायक उपस्थित थे । बैंक अध्यक्ष श्री वसुनिया द्वारा संबोधित करते हुवे कहा कि कडकनाथ मुर्गी एवं देषी मुर्गीयों  पर विस्तृत विषलेषण कर कडकनाथ मुर्गे-मुर्गी की विषेषताएं बताई तथा कडकनाथ मुर्गी पालने हेतु तकनिकी जानकारी अति आवष्यक है । कडकनाथ समिति के कार्य हेतु आत्मबल मजबूत होना चाहिये, कडकनाथ मुर्गीपालन कार्य मे महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है ।  अधिक से अधिक महिलाओं को प्रषिक्षित किया जाना चाहिये ।  पुरूष की अपेक्षा महिलाये अधिक मितव्ययी होती है । जो मुर्गे-मुर्गीयों की अच्छे से देखभाल कर लाभ कमा सकती है । श्री वसुनिया द्वारा अमेरिका, जापान एवं भारत देष पर उदाहरण देते हुवे कहा कि हमारे देष का बच्चा उठते ही रोटी मांगता है जबकि अमेरिका एवं जापान मे प्रयोग एवं आवष्किार की बात करते हुए मानसिक रूप से तैयार होकर आगे आना होगा । अधिक उत्पादन होने पर फेडरेषन बनाकर कडकनाथ मुर्गे व मुर्गीयों को बडे शहरों मे विक्रय किये जाने की कार्ययोजना है । उपायुक्त सहकारिता श्री जी.एल.बडोले द्वारा संबोधित करते हुवे कहा कि कडकनाथ मुर्गी उत्पादन हेतु अधिक से अधिक समितियों का पंजीयन हो, ताकि जिले मे सर्वाधिक कडकनाथ मुर्गीपालन का कार्य हो सके । बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पी.एन.यादव द्वारा कहा कि कडकनाथ मुर्गीपालन समितियों को मुर्गीपालन हेतु सर्वप्रथम आवष्यक प्रारंभिक तैयारी हो तथा समिति संचालक मण्डल द्वारा मुर्गीपालन हेतु पूर्ण सहमति हो । सम्पूर्ण प्रोजेक्ट के आधार पर बैंक द्वारा  आवष्यक राषि/ऋणराषि की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी । बैंक द्वारा समितियों को पूर्ण सहयोग किया जायेगा । डाॅ. दिवाकर द्वारा कडकनाथ मुर्गीपालन की प्रथम स्टेज से लेकर आखिरी तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया पर विस्तृत प्रकाष डालकर उपस्थित समस्त पदाधिकारियो/सदस्यों को तकनीकी प्रषिक्षण दिया गया । प्रशिक्षण का संचालन डाॅ. अमित दोहरे द्वारा किया गया एवं आभार श्री ओ.पी.पंवार अंकेक्षक द्वारा प्रकट किया गया।

विधायक द्वय ने किया आठ करोड से अधिक लागत की सडक निर्माण का भूमि पूजन ।
  • झाबुआ एवं जोबट विधानसभा क्षेत्र के कंजावानी- डूंगलवानी तक साढे दस किलोमीटर सडक  बनने से मिलेगी गा्रमीणों को सुविधा 

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झाबुआ ।  गा्रम गा्रम तक सडकों से जोड कर गा्रमीण अंचलों में लोगों को अधिक से अधिक सुविधाये पहूंचाने तथा फलिये फलिये तक आने जाने की सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश की शिवराजसिंह चैहान की सरकार ने कोई कसर बाकी नही रखी है, झाबुआ विधानसभा के कंजावानी से जोबट विधानसभा क्षेत्र के डूंगलावानी तक की सडक निर्माण के लिये यहां क्षेत्रवासियों की मांग को देखते हुए प्रदेश सरकार  ने 10. 5 किलोमीटर लम्बे इस मार्ग के डामरीकरण की स्वीकृति प्रदान करके लोगों की लम्बे समय से चली आरही मांग को पूरा किया है । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने स्वयं कहा है कि गा्रमीण अंचलों के विकास के लिये किसी भी प्रकार से धन की कमी आडे नही आने दी जावेगी तथा प्रत्येक गा्रम में बिजली,पानी एवं सडक की समस्या का पूरी तरह निर्मूलन किया जावेगा ताकि लोगों को सुविधायें एवं राहत मिल सके तथा हर मौसम में वे जनपद एवं जिला मुख्यालय से जुडे रह सकंेे । उक्त उदगार झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल ने रविवार को कंजावानी से डूगलावानी  मार्ग स्थित चैराहे पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जारही 8 करोड 4 लाख की लागत से बनने वाले डामरी करण रोड निर्माण कार्य के भूमि पूजन के अवसर पर कहीं। इस अवसर पर जोबट विधायक माधोसिंह  डावर ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र का विकास होगा तो जिले का विकास होगा और जिले का विकास होगा तो हमारा प्रदेश विकास के मार्ग पर दौडेगा । शिवराजसिंह चैहान जब से मुख्यमंत्री बने से इस अंचल के विकास के लिये उन्होने  करोडो की योजनायें एवं विकासकार्यो को स्वीकृत करके इस अंचल को तेजी से विकसित बनाने में मदद की है । झाबुआ विधानसभा  एवं जोबट विधान सभा दोनों को जोडने वाली यह साढे दस किलोमीटर की डामरीकृत सडक बन जाने पर इस अंचल के रहवासियों को अभी तक जो परेशानिया उठाना पड रही थी उससे मुक्ति मिल सकेगी । झाबुआ एवं जोबट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने जनहित के जो काम किये है उससे लोगों का जीवनस्तर बढा है और लोगों को सरकार की डेढ सौ से अधिक योजनाओं का लाभ मिल रहा है। भूमिपूजन के अवसर पर संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे ने भी विचार व्यक्त करते हुए झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं जोबट विधायक माधेसिंह डावर की प्रसंशा करते हुए कहा कि गा्रमीण क्षेत्रों में आज जो विकास दिखाई दे रहा है वह सब दोनों विधायकों के प्रयासों का परिणाम है। कांग्रेस सरकार के  समय गा्रमीण अंचलों में सडक, पानी बिजली की जो समस्यायें परेशान करती थी उससे अब मुक्ति मिल गई है और गा्रमीण एवं किसान सभी ने सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर अपने आर्थिक स्तर को उंचा किया है ।  भूमि पूजन के अवसर परआलीराजपुर भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश अग्रवाल. ,भानु भुरिया,जिला महामंत्री थावरसिंग भुरिया. आलीराजपुर जिला भाजपा महामंत्री अजय जायसवाल गा्रमीण मण्डल अध्यक्ष सुरसिग हटिला. हरु भुरिया, शेलेन्द्र सोलंकी,सहित बडी संख्या में गा्रमीणजन, पंच, सरपंच एवं गणमान्यजन उपस्थित थे ।

अभिव्यक्ति मंच पर बच्चांे ने बिखेरा जलवा, शहर के साथ बाहर से आए कलाकारों ने भी दी अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति

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झाबुआ। शहर के डीआरपी लाईन स्थित यातायात पार्क में अभिव्यक्ति मंच का 10वां का आयोजन शनिवार रात किया गया। यह आयोजन पुलिस प्रषासन द्वारा संकल्प ग्रुप झाबुआ के सहयोग से हुआ। जिसमें बच्चों ने मंच पर शानदार प्रस्तुति देकर अपना जलवा बिखेरा। कर्यक्रम में अतिथि के रूप में श्रीमती राधा सतोगिया एवं रातीतलाई विद्यालय के मनोज खाबिया तथा महिला एवं परामर्ष केंद्र की प्रभारी श्रीमती तारा मंडलोई उपस्थित थी। शुभारंभ मां सरस्वतीजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर अतिथियों द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना कु. विषाखा ने प्रस्तुत की। पश्चात् अभिव्यक्ति मंच पर झाबुआ के कलाकारों के साथ बाहर से आए कलाकारों ने नृत्य, गायन, नाटक में  अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर सभी को रोमांचित एवं मनमोहित कर दिया। इस अवसर पर मृणाली झरबड़े एवं निहाली चैहान ने अतिथि कलाकार के रूप में अपनी प्रस्तुति दी। उक्त कार्यक्रम करीब 2 से ढ़़ाई घंटे तक चला।

पुरस्कार प्रदान किए गए
कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में डाॅ. चारूलता दवे एवं कु. निधि ठाकुर उपस्थित थी। प्रथम पुरस्कार कु. आर्नी छाजेड़, द्वितीय पुरस्कार रिया नायक एवं तृतीय पुरस्कार जान्हवी एवं सिया को प्रदान किया गया। इस प्रकार प्रोत्साहन पुरस्कार गरिमा, अलंकृति तथा कनिष्ठा व डिम्पल को दिया गया। सभी पुरस्कार श्रीमती तारा मंडलोई की ओर से प्रदान किए गए।

अतिथि एवं निर्णायकों का किया गया सम्मान
अतिथि एवं निणार्यकों का परिचय एवं सम्मान संकल्प ग्रुप की संयोजक श्रीमती भारती सोनी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन मनीष गिरधानी ने किया एवं आभार कार्यक्रम के सह-संयोजक विरेन्द्रसिंह राठौर ‘भईजी’ ने माना। संयोजक श्रीमती सोनी ने बताया कि प्रति सप्ताह होने वाले कार्यक्रम में नामांकन पूर्व ही करवाना होता है। अगले कार्यक्रम के लिए शुक्रवार शाम तक पंजीयन कार्य होगा।

जगन्नाथजी की भव्य रथ यात्रा को लेकर हुई बैठक, सहयोग रात्रि की गई एकत्रित  बैठक 21 को

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झाबुआ। जून को भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन शहर में किया जाएगा। जिसको लेकर शनिवार रात 8 बजे स्थानीय काॅलेज मार्ग स्थित श्री जगदीष मंदिर पर श्री जगन्नाथ रथ यात्रा समिति की बैठक आयोजित हुई। जिसमें समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव देने के साथ ही इस दौरान सहयोग रात्रि भी एकत्रित की गई। बैठक का संचालन करते हुए अष्विन शर्मा एवं रविराजसिंह राठौर ने उपस्थित सदस्यों से यात्रा को किस तरह वृहद रूप प्रदान किया जाए, इसको लेकर सुझाव आमंत्रित किए। इस दौरान समिति से जुड़े एसएस शर्मा, सुनील शर्मा, हिमांषु भट्ट, अतुल शर्मा, सुनिल चैहान, रविराजसिंह राठौर, जितेन्द्र केलवा, अजय सांवरिया, उमेष पांडे, गजराजसिंह चैहान, अष्विन शर्मा, जितेष प्रजापत, भरत सांवरिया, लक्की चैहान, पपीष पानेरी, नितीन भट्ट आदि ने आयोजन का भव्य रूप हेतु सहयोग राषि देने की घोषणा की। समिति के रविराजसिंह राठौर ने बताया कि इस अवसर पर तय किया गया रथ यात्रा में सभी समाज के प्रमुखों को आमंत्रित किया जाएगा। इसको लेकर समिति के सदस्यों सहित समाज के प्रमुखों की अगली बैठक 21 जून, बुधवार को आयोजित होगी। जिसमें आयोजन की अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी। बैठक के अंत में आभार जगदीष पंडा ने माना।

रापी लगाकर की लूट 

झाबुआ । फरि. शांतु पिता अमरसिंह खराडी नि. बददापुरा थाना शिवगढ जिला रतलाम 407 गाडी में परचुन का सामान भरकर झाबुआ आ रहा था कि ग्राम फुटिया सातबिल्ली फाटे के पास अज्ञात 03-04 बदमाश रापी लगाकर पत्थर मारकर गाडी में चढ गये व परचुन सामान कपडे की दो गिठान व एक नोकिया कंपनी का मोबाईल जिसमें सीम लगी लुटकर भाग गये। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 512/17 धारा 394 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

लटठ मार की हत्या 

झाबुआ । आरोपी दिनु पिता मालिया मोरी नि. कागझर, पारू पिता केनसिंग भाबर नि. आम्बा खोदरा ने फरि. ननु पिता बुचा मोरी नि. कागझर के भाई पानसिंह पिता बुचा मोरी नि. कागझर को जमींन के हिस्से की बात को लेकर दोनों आरोपियों ने जान से मारने की नियत से लटठ से पानसिंह के सिर में चोंट पहुचाकर हत्या कर दी। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं 515/17 धारा 302, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध
  
झाबुआ । फरि. दितिया पिता गब्बा भूरिया नि. नारंदा की लडकी मोसम उम्र 13 वर्ष घर से कपडे सिलवाने जाने का कहकर कल्याणपुरा गई थी जिसे संदेही ऐलास पिता वेलसिंह भाबोर नि. नारंदा बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रं. 184/17 धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

हत्या का प्रयास का अपराध पंजीबद्व
       
झाबुआ। फरियादी दिनेश पिता खमनसिंह उम्र 42 साल निवासी गम्हरिया थाना एनटीपीसी खेरा जिला बिहार ने बताया कि आरोपी रणवीरसिंह पिता कमलसिह उम्र 43 साल निवासी मुरैना व उदाभाई निवासी कुन्दनपुर व अन्य-02 ने बोलेरो गाडी लेकर आये व फरि. को तुम लोग हमारी तरफ शराब डालते रहते हो कहकर अश्लील गालिया देकर आरोपी रणवीरसिंह ने फरि. के उपर जान से मारने की नियत से बन्दुक से फायर किया जो फरि. के बैठे जाने से बच गया व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 517/17 धारा 307,294,506,34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मोटर सायकल की टक्कर से मोत

झाबुआ । आरोपी राजु पिता जलिया वसुनिया निवासी राजपुरा ने तेज गति व लापरवाही पूर्वक मो.सा. को चलाकर लाया व बहादुुर पिता रामा भाबोर निवासी टिमरवानी की मो.सा. को टक्कर मार दी जिससे बहादुर की मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रं. 276/17 धारा 304-ए भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 18 जून

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श्रद्वालुओं को असुविधा ना हो का पूरा ध्यान रखा जाएं-कलेक्टर
  • मानोरा मेला तैयारियों की समीक्षा बैठक

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने मानोरा मेला के आयोजन पूर्व की जाने वाली तैयारियों के मद्देनजर की जाने वाली व्यवस्थाओं का आज अंतिम जायजा लिया। मानोरा मेला 24 जून से 26 जून तक आयोजित होगा। मेला के मददेनजर पूर्व की बैठक में उनके द्वारा दिए गए निर्देशो के परिपालन में विभागों के अधिकारियों द्वारा क्रियान्वित गतिविधियों एवं व्यवस्थाओं से अवगत कराया गया। मानोरा के सामुदायिक भवन मंें हुई इस बैठक में विधायक द्वय श्री कल्याण सिंह ठाकुर, श्री निशंक जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी समेत अन्य जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि जिन विभागों के द्वारा गत वर्ष व्यवस्थाओं का क्रियान्वयन किया गया था उन्हें पुनः इस वर्ष जबावदेंही सौंपी जा रही है। जिसका क्रियान्वयन वे बेहतर करें। उन्होंने कहा कि मेला में शामिल होने वाले श्रद्वालुगणों को किसी भी प्रकार की अव्यवस्थाओं का सामना ना करना पडे का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे स्वंय अपने अधीनस्थ अमले के साथ मेला अवधि में मौजूद रहें ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था निर्मित ना हो सकें। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जो दायित्व सौंपे गए है उसका निर्वहन वे पूर्ण ईमानदारी एवं समय सीमा का ध्यान रखते हुए क्रियान्वयन करें। 


अस्थायी दरवाजे
श्रद्वालुओं के लिए मानोरा मुख्य मंदिर मंे प्रवेश हेतु पृथक से दो अस्थायी दरवाजे बनाए जाने का सुझाव प्राप्त हुआ जिस पर मंदिर समिति के सदस्यों ने भी सहमति व्यक्त की है। 

डीपी/बिजली आपूर्ति
मानोरा मंे पृथक से डीपी रखने हेतु विधायक द्वय द्वारा अपनी स्वेच्छानिधि से राशि देने की स्वीकृति प्रदान की। ताकि मेला अवधि में बिजली आपूर्ति सतत बनी रहें। कलेक्टटर श्री सुचारी ने  ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे बिजली की आपूर्ति मेला अवधि में सतत बनी रहे इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं का भी क्रियान्वयन करें। वही आवश्यकता पड़ने पर जनरेटरों की आपूर्ति कराए जाने के निर्देश संबंधितों को दिए गए।  भगवान जगदीश स्वामी रथ के मार्ग के दोनो तरफ इस बार किसी भी प्रकार की दुकान ना लगाई जाए और मेला समिति के द्वारा रूटचार्ट के अनुसार दोनो तरफ के स्थलों को खाली रखने के दिए गए सुझाव पर अमल पर सहमति व्यक्त की गई वही रथ के साथ-साथ अन्य स्थलों पर दान पेटियां लगाने पर भी सहमति व्यक्त की गई। 

सीसी कैमरे 
मानोरा मेला में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए चहुंओर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे जो रात्रि में भी क्रियाशील रहेगे। जिनका नियंत्रण पुलिस कंट्रोल रूम से होगा। पुलिस कंट्रोल रूम शासकीय स्कूल मानोरा के कक्ष में बनाया गया है। 

साफ-सफाई
मेला आयोजन के पूर्व और पश्चात् क्षेत्र में साफ-सफाई का दायित्व निभाने के लिए सफाई दल गठित किए गए है वही मेला अवधि में अस्थाई शौचालय बनाए जाने पर भी सहमति व्यक्त की गई।

पेयजल आपूर्ति
मानोरा मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। इसके लिए विभिन्न स्थलों पर पानी के टेंकर रखे जाएंगे। इसके अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा मानोरा ग्राम के सभी हेण्ड पंपो, नलजल योजनाओं को दुरूस्त किया जा चुका है क्षेत्र के पेयजल के अन्य स्त्रोतांें में ब्लीचिंग एवं क्लोरीन डालने की कार्यवाही भी पूर्ण की जा चुकी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक टेंकर में 24-24 नल टोटियों के माध्यम से भी पेयजल व्यवस्थाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। विभाग का अमला एवं लाइनमैन मेला अवधि में तैनात रहेंगे। 

जल निकासी
मेला परिसर से दूषित जल निकासी के लिए नालियों मेें बडे पाईप डालने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वही मुख्य सड़कों पर वर्षारूपी जल संग्रहित ना हो इसके लिए उनके किनारे भी नालियांे की संरचनाआंे का निर्माण किया जाएगा।

हाॅकर जोन
मानोरा मेला में हाॅकर जोन बनाये गए है मेला प्रागंण में दुकानदारों के लिए दुकानों के आवंटन भूमि पर भी निर्णय लिया गया है। तदानुसार मुख्य मार्ग पर सौ रूपए प्रति स्क्वायर फीट के मान से तथा पीछे की ओर पचास रूपए प्रति स्क्वायर फीट के मान से दुकानों हेतु स्थलों का आवंटन किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि हाइवे रोड के किनारे किसी भी प्रकार से दुकान का संचालन नही किया जाएगा।  

सड़कों पर प्रतिबंध
मानोरा मेला परिसर की सड़कों पर विभिन्न प्रकार की सामग्री के विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। कोई भी व्यक्ति सड़कों पर लेकर सामानो की विक्रय नही करेगा। उक्त कार्यवाही पर नजर रखने के लिए भी दल गठित किए जाएंगे है जो प्रमुख सड़कों पर भ्रमण करते रहेंगे और यदि कोई व्यक्ति सड़कों पर सामान बेचते हुए पाया गया तो उस पर कार्यवाही करेंगे। मेला परिसर की प्रमुख सड़कों से पांच फिट दूर हाॅकर जोन बनाए जाएंगे। 


कंट्रोल रूम
मानोरा के सामुदायिक भवन में सामान्य तथा स्कूल प्रागंण में पुलिस कंट्रोल बनाया जाएगा ताकि कानून व्यवस्था पर सतत नजर रखी जाए। कंट्रोल रूम 24 घंटे क्रियाशील रहेगा। 

यातायात
मेला अवधि के दौरान यातायात व्यवस्था सुगमता से संचालित हो सकें इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएंगी। कोई भी वाहन मुख्य सड़क से मेला परिसर की सड़कों पर प्रवेश नही कर सकेगा जिसमें दो पहिया वाहन भी शामिल हैै। मेला अवधि के दौरान यदि वर्षा होती है तो बडे वाहनों को अटारीखेजडा पर ही रोका जाएगा। अटारीखेजडा से मानोरा तक श्रद्वालुओं को लाने ले जाने हेतु चुनिंदा वाहनों को अनमुति प्रदान की जाएगी। जिन वाहनों को अनुमति दी जाएगी वे वाहन ही उक्त मार्ग पर आना जाना करेंगे। सागर की ओर से आने वाले बडे वाहनों का प्रवेश चैबीस जून से ही वर्जित रहेगा। इसी प्रकार विदिशा की ओर से जाने वाले बडे वाहनों पर भी लागू होगा। 

पार्किंग
मानोरा मेला में आने वाले वाहनो के लिए पृथक-पृथक पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। ग्यारसपुर की ओर से आने वाले वाहन और विदिशा की ओर से आने वाले वाहनो के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाएंगे इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर मुख्य सड़क के एक तरफ फोर व्हीकल एवं टेªक्टर ट्रालियां खड़ी की जाएगी और दूसरी और दो पहिया वाहनों को खड़ा किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर मानोरा के हाई स्कूल में भी टू-व्हीलर पार्किंग की व्यवस्थाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। 

सड़कों की मरम्मत
मानोरा ग्राम को जोड़ने वाली मुख्य एवं सहायक सड़कों पर भी विचार विमर्श किया गया और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए। जिन सड़कों की मरम्मत कराई जानी है उन पर संबंधित विभाग मेला प्रारंभ होने के एक सप्ताह पहले मरम्मत कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए है। 

चिकित्सा व्यवस्था
मेला अवधि में चिकित्सा व्यवस्थाएं चुस्त रहेगी इसके लिए बकायदा चिकित्सक दल एवं एम्बुलेंस मौजूद रहेंगे ताकि यदि किसी श्रद्धालुगणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है तो उन्हें अविलम्ब चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सकें और उन्हें निःशुल्क दवाई दी जाएगी के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को दिए गए। 

फायर बिग्रेड
मेला परिसर में फायर बिग्रेड भी तैनात की जाएगी इसके लिए विदिशा एवं बासौदा नगरपालिका के अधिकारियांे से सतत सम्पर्क कर कार्य पूर्ति की आवश्यक जबावदेंही सौंपी गई है। 

मवेशियों को बांध कर रखें
मेला अवधि के दौरान प्रायः देखने में आया है कि मवेशियों के कारण श्रद्धालुगणों को कई बार असुविधाओं का सामना करना पड़ता है ततसंबंध में क्षेत्र के पशुपालकों से आग्रह किया कि वे अपने पशुओं को नियत स्थलो पर ही बांध कर रखें। 

सांसद द्वारा राशि
स्थानीय सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज के द्वारा मानोरा मेला के लिए बाइस लाख रूपए देने की घोषणा की गई जिससे सुलभ काम्पलेक्स एवं ट्यूबवेल खनन कार्य कराया जाएगा। 

विधायकनिधि
विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर और बासौदा विधायक श्री निशंक जैन ने मानोरा मेला के प्रवेश द्वार के निर्माण हेतु आवश्यक राशि विधायकनिधि से देने की घोषणा की। 

अतिक्रमण
कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेला परिसर में हुए अतिक्रमण को अविलम्ब हटाया जाए जिसमें स्थानीय नागरिको का सहयोग प्राप्त किया जाए। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए कि मानोरा मेला की भूमि का सीमांकन कर मेला समिति को अवगत कराएं। 

सुरक्षा समिति
कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने मानोरा मेला में सुरक्षा के दायित्वों को निर्वहन करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों से कहा कि वे पूर्ण सजगता से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। पुलिस अधीक्षक श्री चैधरी ने बताया कि ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों को विशेष पुलिस के अधिकार मेला अवधि में प्रदाय किए जाएंगे। उन्होंने संबंधितों से कहा वे तैनात स्थलों पर अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी से करें। उक्त कार्य में पुलिस, वन रक्षक एवं ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों को विभिन्न स्थलों पर क्रमशः आठ-आठ घंटे के लिए तैनात किया जाएगा। उक्त बैठक में बासौदा के पूर्व विधायक श्री हरिसिंह रघुवंशी, काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा, ग्यारसपुर जनपद पंचायत के पूर्व द्वय अध्यक्ष श्री रघुवीर सिंह दांगी, श्री छत्रपाल शर्मा के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार चैहान एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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