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जन्मदिन के मौके पर मोदी-आबे करेंगे बुलेट ट्रेन परियोजना के लिये भूमिपूजन

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नयी दिल्ली 19 जुलाई, देश की पहली एवं बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा संयुक्त रूप से अहमदाबाद में रखे जाने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मुंबई -अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना जापान की शिन्कान्सेन तकनीक पर आधारित है। दोनों देशों के संयुक्त उपक्रम के तौर पर बनने वाली करीब 97 हज़ार 636 करोड़ रुपये की लागत वाली इस हाईस्पीड ट्रेन परियोजना के लिये जापान वित्तपोषण कर रहा है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का सितंबर के उत्तरार्द्ध में भारत आने का कार्यक्रम है और संयोग की बात है कि श्री माेदी और श्री आबे, दोनों का जन्मदिन सितंबर में ही पड़ता है। श्री मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को और श्री आबे का 21 सितंबर को पड़ता है। सूत्रों के अनुसार ऐसी संभावना है कि इन्हीं तारीखाें के बीच किसी दिन दोनों नेता भारतीय रेल इतिहास के इस सबसे महत्वपूर्ण अध्याय का शुभारंभ करेंगे। दोनों नेता साबरमती में बुलेट ट्रेन के यार्ड का शिलान्यास कर सकते हैं। गौरतलब है कि नवंबर में गुजरात विधानसभा का चुनाव भी हाेना है। मुंबई -अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अध्ययन के लिये जापान एवं भारत के बीच 2013 में करार हुआ था लेकिन भारत ने जापान के साथ इस परियोजना के निर्माण एवं वित्तपोषण का समझौता मोदी सरकार के कार्यकाल में 2015 में किया था। इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार 508 किलोमीटर की हाईस्पीड लाइन का निर्माण 2018 से शुरू हो जायेगा और स्टेशनों एवं अन्य सभी सुविधाओं का निर्माण पांच साल में पूरा हो जायेगा। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक मुंबई का स्टेशन बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स में बनाया जाएगा। बुलेट ट्रेन वहां से सुरंग के रास्ते महानगर से बाहर निकलेगी और धरातल पर कुछ ऊंचाई पर निर्मित पुश्ते पर बनी लाइन पर दौड़ते हुए अहमदाबाद पहुंचेगी।

वहां मुख्य स्टेशन अहमदाबाद रेलवे स्टेशन होगा जहां से यात्री आगे की गाड़ियां पकड़ सकेंगे। साबरमती में गाड़ी का यार्ड बनाया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुंबई में यह लाइन भूमिगत होगी और इसके लिये एक 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी जिसका सात किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। बाकी पूरी लाइन एलिवेटेड होगी ताकि भूमि अधिग्रहण कम से कम करना पड़े। अहमदाबाद और साबरमती में रेल ओवरब्रिज और मेट्रो लाइन की वजह से बुलेट ट्रेन की लाइन के पुल की ऊंचाई 20 मीटर तक होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद और वड़ोदरा के अलावा पूरी लाइन का निर्माण भारतीय कंपनियों से कराया जायेगा जो कुल लंबाई 508 किलोमीटर में से 450 किलोमीटर होगा। कुछ इलाकों में बिजली तथा ट्रैक का काम भी जापानी कंपनी करेगी। मुंबई से अहमदाबाद तक कुल 12 स्टेशन होंगे - मुंबई, ठाणे, विरार, भोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती। इस स्टेण्डर्ड गेज लाइन पर द्रुतगामी सेवा की कुल यात्रा अवधि दो घंटे सात मिनट होगी और हर स्टेशन पर रुकने वाली गाड़ी दो घंटा 58 मिनट में यात्रा पूरी करेगी। गाड़ी की अधिकतम रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा और वास्तविक गति 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। सूत्रों ने बताया कि आरंभ में बुलेट ट्रेन के 10 से 12 रैक जापान से मंगाए जाएंगे। बाद में इन्हे मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बढ़ाया जाएगा। आरंभिक रैक 10 कोच वाले होगें जिनमें 750 लोग यात्रा कर सकेंगे। बाद में 16 कोच वाले रैक परिचालित किये जाएंगे। ये रैक मेट्रो की तर्ज पर इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट की तरह होंगे जो चंद सैकेंड में पूरी गति पकड़ सकेंगे। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2023 में दोनों ओर से रोजाना 35 ट्रेनें चलाईं जाएंगी जिनमें करीब 36 हजार लोग यात्रा कर सकेंगे। बुलेट ट्रेन का किराया मुंबई -अहमदाबाद के बीच शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के किराए के डेढ़ गुने के बराबर होगा। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि बुलेट ट्रेन को इकोनॉमी श्रेणी में चलाया जाए या फिर इकोनॉमी एवं प्रीमियम की मिश्रित श्रेणी में। वैसा होने पर उस हिसाब से किराये में कुछ अंतर तय किया जा सकता है। इस परियोजना की निर्माण लागत 70 हजार 915 करोड़ रुपए होगी जिसमें भूमि की कीमत शामिल है। परियोजना पूरी होने पर यह लागत 97 हजार 636 करोड़ रुपए होगी। परियोजना के लागत लाभ अनुपात चार फीसदी और आर्थिक लाभ अनुपात 11.8 प्रतिशत होगा। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) से भारत को 50 साल की अवधि के लिये 79 हजार 165 करोड़ रुपए का ऋण 0.1 प्रतिशत की दर पर मिलेगा जिसे परियोजना पूरी होने के 15 साल बाद चुकाना शुरू किया जाएगा। समझौते के अनुसार कुछ काम सिर्फ जापानी कंपनियां या उनके एवं भारतीय कंपनियों के संयुक्त उपक्रम ही करेेेंगे। इसके साथ ही कुछ सामग्री जापान से ही खरीदी जाएगी। श्री मोदी ने गत वर्ष नवंबर में जापान यात्रा के दौरान श्री आबे के साथ टोक्यो से ओसाका के बीच शिन्कान्सेन हाईस्पीड ट्रेन से यात्रा की थी और बुलेट ट्रेन बनाने वाली कंपनी कावासाकी के संयंत्र का भी दौरा किया था।


राजनीतिक लाभ के लिए हो रही हैं अल्पसंख्यकों दलितों के खिलाफ घटनायें: आजाद

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नयी दिल्ली 19 जुलाई, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आज आरोप लगाया कि दलितों एवं अल्पसंख्यकों के विरूद्ध आपराधिक घटनाओं को केन्द्र में सत्तारूढ दल की शह पर अंजाम दिया जा रहा है और माहौल खराब किया जा रहा है, श्री आजाद ने देश भर में अल्पसंख्यकों और दलितों की पीट पीट कर हत्या और उनपर अत्याचार की घटनाओं में कथित वृद्धि से उत्पन्न स्थिति पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा दिये गये नोटिस पर अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करते हुये कहा कि पूरे देश में इस तरह की घटनायें हो रही है चाहे वहां किसी भी दल की सरकार है। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जहां इस तरह की घटनायें नहीं हो रही है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ये घटनायें हो रही है और अब इनका धर्म से भी कोई लेनादेना नहीं है। कश्मीर में मुसलमानों ने ही एक मुस्लिम पुलिस अधिकारी की पीट पीट कर हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह की घटनायें होती रही है लेकिन अभी जो घटनायें हो रहीं हैं उनमें सत्तारूढ दल से जुड़े एक संगठन के सदस्य कहीं न कहीं शामिल होते हैं। इस तरह की घटनाओं के खिलाफ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा बयान दिये जाने का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि आपसी सहमति से इन घटनाओं को अंजाम दिया जाता है कि ‘हम बयान देंगें आप अपना काम करो’। यदि यह सहमति नहीं होती तो इस तरह की घटनाओं में गिरफ्तारियां होती। श्री आजाद ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से केन्द्र में सत्तारूढ दल को लाभ हो रहा है। राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इसके जरिये वोट की राजनीति हो रही है। सरकार का काम सुरक्षा करना है लेकिन अब उसकी सहमति से ही इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हिन्दु -मुस्लिम और धर्म की लड़ाई नहीं है बल्कि यह मानवता और इंसानियत की लड़ाई बन गयी है लेकिन सत्तारूढ दल के लिये ये घटनायें वोट की राजनीति बन गयी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से पाकिस्तान या चीन का कोई लेना देना नहीं है। जब तक हमारी अंदुरूनी स्थिति अच्छी नहीं होगी तब तक हम बाहरी तत्वों से कैसे लड़ेंगें। विपक्ष के नेता ने विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि झारखंड इस तरह की घटनाओं का आखाड़ा बन गया है। कभी मृत गाय की चमड़ी उतारने के लिए दलितों पिटाई की जाती है तो कहीं मृत गाय को नहीं हटाने के लिए उनके साथ अत्याचार किया जा रहा है।

किसानों पर चर्चा के लिए समय नहीं लेकिन जीएसटी के लिए रात्रि 12 बजे संसद खुली : राहुल

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बांसवाडा 19 जुलाई, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के वायदे से मुकरने का अरोप लगाते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के पास लोकसभा में किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए भी समय नहीं है लेकिन अमेरिका को जीएसटी कानून दिखाने के लिए रात्रि बारह बजे संसद को खोल दिया। श्री गांधी राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाडा शहर में प्रदेश कांगेस कमेटी द्वारा आयोजित किसान आक्रोश रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सुबह वह लोकसभा गये थे और देश में किसानों की दुदर्शा के लिये केवल दस से पन्द्रह मिनट चर्चा करने का समय मांगा लेकिन उन्हें यह समय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास गरीब, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारियों के दुख दर्द सुनने का समय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले देश की जनता एवं नौजवानों से दो प्रमुख वायदे किये थे। इसमें एक प्रति वर्ष दो करोड़ युवाओं को नौकरियां दी जायेगी तथा प्रत्येक व्यक्ति के खाते में पन्द्रह पन्द्रह लाख रुपये जमा कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि जब मैंने संसद में सवाल उठाया कि कितने लोगों को रोजगार दिया गया तब जबाव मिला कि यह संख्या एक लाख से भी कम हैं।

अखिलेश की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, योगी 2012 से हुई नियुक्तियों की सीबीआई से करायेंगे जांच

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लखनऊ 19 जुलाई, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य लोक सेवा आयोग की 2012 से हुई अब तक की नियुक्तियों की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) से कराने की आज घोषणा की, श्री योगी ने विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा के दौरान सदन में कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की नियुक्तियों में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई है, इसलिए 2012 से अब तक हुई नियुक्तियों की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से करायी जायेगी। जांच होगी, कार्रवाई होगी। हरियाणा के एक मुख्यमंत्री नियुक्तियों में धांधली के आरोप में ही दस वर्षों से जेल में सड़ रहे हैं। गौरतलब है कि 15 मार्च 2012 को मुख्यमंत्री के रुप में समाजवादी पार्टी(सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण किया था। उनकी सरकार पांच साल चली। उनके सरकार के कार्यकाल में आयोग की नियुक्तियों पर कई बार सवाल खड़े हुए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय तक को दखल देना पड़ा था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौजवानों का हक मरने नहीं देंगे। नियुक्तियों में उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा रखी थी। नियुक्तियों के कागजातों में आग भी लगा दिये गये। अब ऐसा नहीं होगा। जांच होगी और दोषी बख्शे नहीं जायेंगे।

वैज्ञानिक आम आदमी की जिंदगी में बदलाव लाने के उपाय खोंजे : मोदी

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नयी दिल्ली 19 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान , प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष को प्रगति और समृद्धि की कुंजी करार देते हुए वैज्ञानिकों का आम आदमी की जिंदगी में बदलाव करने वाले उपाय खोजने का आह्वान किया है, श्री मोदी ने आज यहां केंद्र सरकार के शीर्ष वैज्ञानिक अधिकारियों से मुलाकात के दौरान कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकता यह है कि इनका इस्तेमाल देश की समस्याओं काे हल करने में किया जाय। देश की चुनौतियों से निपटने में वैज्ञानिकों की क्षमता पर भरोसा जताते हुए श्री मोदी ने अधिकारियों से आजादी के 75वें वर्ष 2022 तक के लिए ठोस लक्ष्य निर्धारित करने को कहा।

लीजित्सु बर्खास्त,जेलियांग बने नागालैंड के मुख्यमंत्री

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कोहिमा, 19 जुलाई, नागालैंड में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच नगा पीपुल्स फ्रंट के नेता टी आर जेलियांग ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, राज्यपाल पी बी आचार्य ने श्री जेलियांग को राजभवन में एक सादे समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी, राज्यपाल ने उन्हें 22 जुलाई तक विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने को कहा है, श्री जेलियांग डॉ एस लीजित्सु के स्थान पर मुख्यमंत्री बने हैं जिन्हें राज्यपाल ने बर्खास्त कर दिया। श्री लीजित्सु को आज विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करना था और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। श्री लीजित्सु और उनके समर्थक विधानसभा में उपस्थित नहीं हुए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान श्री जेलियांग अपने समर्थकों के साथ सदन में मौजूद थे। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि डा. लीजित्सु और उनके समर्थकों से फोन पर संपर्क करने की भी कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। अध्यक्ष की ओर से डा. लीजित्सु के सदन में नहीं पहुंचने की जानकारी दिये जाने के बाद राज्यपाल ने श्री जेलियांग को सरकार बनाने का न्योता दिया। श्री जेलियांग ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 47 सदस्यों का समर्थन हासिल होने का दावा किया है। उन्हाेंने कहा कि बहुमत साबित करने के बाद वह अपने मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। गौरतलब है कि राज्यपाल ने डा. लीजित्सु को 15 जुलाई तक बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था जिसके खिलाफ उन्होंने 14 जुलाई को गुवाहाटी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश जारी करके राज्यपाल के निर्देश पर 17 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी। न्यायालय ने कल श्री लीजित्सु की याचिका खारिज कर दी थी। उल्लेखनीय है कि श्री जेलियांग को शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर बड़े पैमाने पर हुए आंदोलन और विरोध-प्रदर्शनों के बाद गत फरवरी में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद डा. लीजित्सु को मुख्यमंत्री बनाया गया था लेकिन उनकी पार्टी नगा पीपुल्स फ्रंट के कई विधायकाें के बागी हो जाने के कारण उनकी कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा था। बागी नेताओं ने श्री जेलियांग को समर्थन देने का दावा किया था।

पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों की सूची में

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वाशिंगटन. 19 जुलाई, अमेरिका ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान को उन देशों की सूची में शामिल कर लिया है जो आतंकवादियों को ‘सुरक्षित पनाहगाह’ उपलब्ध कराता है, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां पाकिस्तान के भीतर जारी है। अमेरिका ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट “कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म” में दावा किया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए सुरक्षित जगह है। रिपोर्ट में दावा किया है पाकिस्तान अपनी धरती पर न सिर्फ आतंकवादियों को पनाह देता है, बल्कि वहां आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

मधुबनी : अन्तरजिला लूटपाट गिरोह का खुलासा, तीन गिरफ्तार

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मधुबनी पुलिस ने तीन शातिर लूटेरों को गिरफ्तार करते हुए अन्तरजिला लूटपाट गिरोह का खुलासा किया है । गिरफ्तार तीनो शातिर लूटेरे मधुबनी के ही हैं पर इनका 10-12 युवकों का गैंग है जो मधुबनी,दरभंगा औऱ सीतामढ़ी जिले में लूटपाट की घटना को अंजाम देता थे । पिछले कुछ महीनों से इनलोगों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा था । बुधवार को मधुबनी के पुलिस अधीक्षक दीपक बरनवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि इन लूटेरे सिर्फ ऐश मौज के लिए लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे । हाल के दिनों में इनलोगों ने दरभंगा,सीतामढ़ी और मधुबनी में बाईक लूट और राहजनी की घटना को अंजाम दिया है । तीनो जिले की पुलिस को इनकी तलाश थी,हालांकि चार दिन पूर्व ही दरभंगा पुलिस ने इसी गिरोह के कई लूटेरों को गिरफ्तार की है । फिलहाल अब भी इस गिरोह के कई शातिर लूटेरे अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है । पुलिस ने लूटेरों के पास से लूटी गई कि सामान भी बरामद किया है ।


विशेष आलेख : कृषि संकट की जड़ें

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आज भारत के किसान खेती में अपना कोई भविष्य नहीं देखते हैं, उनके लिये खेती-किसानी बोझ बन गया है हालात यह हैं कि देश का हर दूसरा किसान कर्जदार है. 2013 में जारी किए गए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के आंकड़े बताते है कि यदि कुल कर्ज का औसत निकाला जाये देश के प्रत्येक कृषक परिवार पर औसतम 47 हजार रुपए का कर्ज है. इधर मौजूदा केंद्र सरकार की तुगलगी हिकमतें भी किसानों के लिए आफत साबित हो रही हैं, नोटबंदी ने किसानों की कमर तोड़ के रख दी है  यह नोटबंदी ही है जिसकी वजह से किसान अपनी फसलों को कौडि़यों के दाम बेचने को मजबूर हुए, मंडीयों में नकद पैसे की किल्लत हुई और कर्ज व घाटे में डूबे किसानों को नगद में दाम नहीं मिले और मिले भी तो अपने वास्तविक मूल्य से बहुत कम. आंकड़े बताते हैं कि नोटबंदी के चलते किसानों को कृषि उपज का दाम 40 फीसदी तक कम मिला. जानकार बताते हैं कि खेती- किसानी पर  जीएसटी का विपरीत प्रभाव पड़ेगा, इससे पहले से ही घाटे में चल रहे किसानों की लागत बढ़ जायेगी. मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी कर देने जैसे जुमले उछालने के आलावा कुछ खास नहीं किया है. आज भारत के किसान अपने अस्तित्व को बनाये और बचाए रखने के लिए अपने दोनों अंतिम हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसके दावं पर उनकी जिंदगियां लगी हुई हैं.एक हथियार गोलियां-लाठियां खाकर आन्दोलन करने का है तो दूसरा आत्महत्या यानी खुद को ख़त्म कर लेने का.



दरअसल यह केवल किसानों का नहीं बल्कि पूरे `कृषि क्षेत्र का संकट है’, यह एक “कृषि  प्रधान” देश की “कृषक प्रधान” देश बन जाने की कहानी है. 1950 के दशक में  भारत के जीडीपी में  कृषि क्षेत्र का हिस्सा 50 प्रतिशत था,1991 में जब नयीआर्थिक  नीतियां को लागू की गयी थीं तो  उस समय जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 34.9 %  था  जो  अब  वर्तमान  में  करीब  13%  के  आस – पास  आ  गया  है.  जबकि  देश  की  करीब  आधी   आबादी  अभी भी खेती पर ही निर्भर  है.  नयी  आर्थिक  नीतियों  के  लागू  होने  के  बाद   से   सेवा  क्षेत्र  में  काफी फैलाव हुआ है जिसकी वजह से आज भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की चुनिन्दा अर्थव्यवस्थाओं में शुमार की जाने लगी है लेकिन सेवा क्षेत्र का यह बूम उसअनुपात में  रोजगार का अवसर मुहैया कराने में नाकाम रहा है.
नतीजे के तौर पर  आजभी भारत की करीब  दो-तिहाई आबादी की   निर्भरता  कृषि  क्षेत्र  पर  बनी  हुई है . इस दौरान परिवार बढ़ने की वजह से छोटे किसानों की संख्या  बढ़ी  है  जिनके  लिए   खेती  करना बहुत मुश्किल एवं  नुकसान भरा काम हो गया  है और  कर्ज लेने की मजबूरी बहुत आम हो गयी है. एनएसएसओ के 70वें दौर के सर्वेक्षण के अनुसार देश  के  कुल   9.02  करोड़  काश्तकार  परिवारों  में  से 7.81 करोड़ (यानी 86.6 फीसदी) खेती से इतनी कमाई नहीं कर पाते  जिससे वे अपने परिवार के खर्चों को पूरा कर सकें. खेती करने की लागत लगातार बढ़ती जा रही है जिससे किसानों के लिए खेती करना लगातार मुश्किल होताजा रहा है. दरअसल खेती का सारा  मुनाफा खेती संबंधी कारोबार से जुड़ी कंपनियां कूट रही हैं,भारत के कृषि  क्षेत्र   में पूँजी अभी भी सीधे तौर पर दाखिल नहीं हुआ है, अगर इतनी बड़ी संख्या में आबादी लगभग जीरो प्रॉफिट पर इस सेक्टर  में  खप  कर  इतने  सस्ते  में  उत्पाद  दे  रही  है  तो  फौरी तौर पर इसकी  जरूरत ही क्या है, इसी के साथ ही किसानी और खेती से जुड़े कारोबार तेजी से फल –फूल रहे हैं . फर्टिलाइजर बीज, पेस्टीसाइड  और  दूसरे  कृषि  कारोबार  से जुड़ी  कंपनियां  सरकारी  रियायतों  का  फायदा  भी  लेती  हैं.  यूरोप  और  अमरीका जैसे पुराने पूंजीवादी मुल्कों के अनुभव बताते हैं  कि इस रास्ते पर चलते हुए अंत  में  छोटे  और  मध्यम किसानों को  उजड़ना पड़ा है क्योंकि पूँजी का मूलभूत  तर्क  ही  अपना  फैलाव  करना  है  जिसके  लिए  वो  नये  क्षेत्रों  की  तलाश  में  रहता  है. भारत  का  मौजूदा  विकास  मॉडल  इसी रास्ते पर फर्राटे भर रही है  जिसकी वजह  देश  के  प्रधानमंत्री  और  सूबाओं  के  मुख्यमंत्री  दुनिया  भर  में  घूम-घूम  कर  पूँजी  को  निवेश  के  लिये  आमंत्रित  कर  रहे हैं, इसके   लिए  लुभावने आफर  प्रस्तुत दिये जाते हैं  जिसमें  सस्ती जमीन और मजदूर शामिल है.


भविष्य में अगर विकास का यही रास्ता रहा तो बड़ी पूँजी का रुख गावों और कृषि की तरफ मुड़ेगा ही और जिसके बाद  बड़ी  संख्या  में  लोग  कृषि  क्षेत्र  छोड़  कर  दूसरे सेक्टर में जाने को मजबूर किये जायेंगें, उनमें से ज्यादातर के पास  मजदूर बनने का ही विकल्प बचा होगा. यह सेक्टोरियल ट्रांसफॉर्मेशन बहुत ही दर्दनाक और अमानवीय साबित होगा. मोदी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ भी चुकी है, इस साल  अप्रैल में नीति आयोग ने जो तीन वर्षीय एक्शन प्लान जारी किया है उसमें 2017-18 से 2019-20 तक के लिए कृषि में सुधार की रूप-रेखा भी प्रस्तुत की गई है.  इस एक्शन प्लान में कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए जिन नीतियों की वकालत की गई है उसमें  न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को सीमित करना, अनुबंध वाली खेती (कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग) के साथ जीएम बीजों को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में निजी कंपनियों के सामने मौजूद बाधाओं को खत्म करने जैसे उपाय  शामिल हैं. कुल मिलाकर पूरा जोर कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाने पर है, यह दस्तावेज एक तरह से भारत में ‘कृषि के निजीकरण’ का रोडमैप है 

हमारे राजनीतिक दलों के लिये किसान एक ऐसा चुनावी मुद्दे की तरह है जिसे वे चाह कर इसलिए भी नज़रंदाज़ नहीं कर सकते  क्योंकि यह देश की करीब आधी आबादी की पीड़ा है जो अब नासूर बन चूका है,विपक्ष में रहते हुए  तो सभी पार्टियाँ  किसानों के पक्ष में बोलती हैं और उनकी आवाज को आगे बढ़ाती हैं  लेकिन सत्ता में आते ही वे उसी विकास के रास्ते  पर  चलने  को मजबूर  होती  हैं   जहाँ  खेती  और  किसानों की  कोई  हैसियत  नहीं  है. सरकारें आती जाती रहेंगीं लेकिन मौजूदा व्यवस्था में  किसान अपने वजूद की लड़ाई लड़ने  के लिए अभिशप्त हैं. सतह पर आन्दोलन भले ही शांत हो गया लगता हो लेकिन  किसानों का दर्द, गुस्सा और आक्रोश अभी भी कायम है.




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जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

दुमका : शिवमय बाबा की नगरी में आस्था का चरमोत्कर्ष पर है, बोलबम के नारों से गुंजायमान है वासुकिनाथ धाम

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) अनेकता में एकता का जबरदस्त मिशाल देखना हो तो बाबा बैद्यनाथ की नगरी से बाबा वासुकिनाथ की नगरी के बीच सड़कों पर गुजरिये। केसरिया रंग से सराबोर बाबा के भक्त कांवर में पवित्र गंगा जल संभाले बोलबम के नारों के साथ  अपने गन्तव्य की ओर लगातार अग्रसर हैं। बाबा के प्रति समर्पित भाव से आस्था का ही परिणाम है कि पथरीली सड़क व पैर में चूभते कंकड़ों के बाद भी तकरीबन 105 किमी की लम्बी यात्रा के बाद भी बाबा वासुकिनाथ धाम तक पहुंचने में वे कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। तनिक भी उन्हें इन रास्तों पर चलने के बाद भी कष्ट का अहसास नहीं होता। मासव्यापी विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का 10 वाँ दिन पूरा हो चुका हैं। श्रद्धालुओं को हर तरह की सुविधा के लिये जिला प्रशासन भी लगातार तत्पर दिखलाई पड़ रहा है। श्रद्धालुओं को बाबा तक पहुंचने में कोई कष्ट न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।  बढ़ती गर्मी में श्रद्धालुओं का सैलाव दिन बुधवार को भी वासुकिनाथ धाम के चारों ओर देखने को मिला। श्रद्धालु मंदिर की ओर लगातार बढ़ते हुए दिख रहे हैं। शिवगंगा में आस्था की डुबकी के साथ ही पूरे मेला क्षेत्र में बोलबम व हर हर महादेव का नारा गंूज रहा है। पूर्वा0 3ः50 में पुरोहित पूजा के बाद से ही बाबा पर जलार्पण शुरू हो गया। पूरा मंदिर परिसर केसरियामय है। कतारबद्ध श्रद्धालु शांतिपूर्ण ढंग से बाबा पर जलापर्ण करते नजर आ रहे थे। महिला व पुरुष सुरक्षा कर्मी प्रत्येक दिन की भांति दिन बुधवार को भी पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पकड़ बनाए दिख रहे थे। श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कराकर सुगमता पूर्वक जलार्पण कराने में सुरक्षा कर्मी लगे हुये थे।  दुमका के उपायुक्त मुकेष कुमार ने मीडिया सेंटर में लगे सीसीटीवी के माध्यम से सभी आवासन केन्द्रों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि आवासन केन्द्रों में प्रतिनियुक्त सूचना सहायता कर्मी श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ख्याल रखें। सभी सूचना सहायता कर्मी षिफ्ट लगाकर ड्यूटी पर तैनात रहे ताकि विश्राम कर रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी रहे। उपायुक्त ने सभी आवासन केन्द्रों में विश्राम कर रहे श्रद्धालुओं को देखा सभी आवासन केन्द्र पूरी तरह से भरा था सभी आवासन केन्द्र में पंखा और लाइट उपलब्ध थी। उन्होंने कहा कि कोई भी श्रद्धालु सड़क पर न सोये इसे सुनिष्चित करें। सभी श्रद्धालु आवासन केन्द्र में ही विश्राम करें। उन्होंने कहा कि इतनी लंबी सफर पैदल चलने के बाद श्रद्धालु वासुकिनाथ पहुंचते हैं। हमें उनकी सेवा करनी है। उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट न हो इसका ध्यान रहे। उन्होंने ने वासुकिनाथ धाम में श्रद्धालुओं के विश्राम के लिये बनाये गये निःषुल्क टेन्ट सिटी पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उपायुक्त ने प्रतिनियुक्त कर्मी को निदेष दिया कि टेंट सिटी में साफ-सफाई एवं सुरक्षा का ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि टेंटे सिटी में लगे सभी सीसीटीवी फूटेज पर ध्यान रखा जाय ताकि किसी भी प्रकार की समस्या में सीसीटीवी फुटेज की मदद ले सकें। उपायुक्त ने मुख्य प्रषासनिक शिविर स्थित स्वास्थ्य षिविर पहुंचकर उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों से दवाई की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को हर जरुरी दवाईयां उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि खत्म हो गयी दवाईयों की आपूर्ति सुनिष्चित करें। ओ आर एस जैसे घोल श्रद्धालुओं को अवष्य दें ताकि उनमें फिर से ए5 नयी उर्जा का संचार हो। मंदिर प्रांगण पहुंचकर उपायुक्त ने विधि व्यवस्था का जायजा लिया एवं सभी सुरक्षा कर्मी को पूरी ईमानदारी पूर्वक श्रावणी मेला के बचे दिनों में अपने कर्तव्य पर रहने का निदेष दिया। इसके उपरांत दुमका के उपायुक्त मुकेष कुमार एवं पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने षिवगंगा के चारों ओर कांवरिया रुट लाइन का निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने सुरक्षा कर्मियों को ड्यूटी के दौरान पूरी ईमानदारी पूर्वक कार्य करने का निदेष दिया। उन्होंने कहा ड्यूटी के दौरान चेयर पकड़कर न बैठे। आपका पूरा ध्यान श्रद्धालुओं पर रहे कोई भी श्रद्धालु दौड़ते हुए मंदिर की ओर न जाये इसका ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के साथ नरमी से पेष आयें ताकि वे यहां से एक अच्छा संदेष लेकर जाये। उन्होंने कहा कि षिवगंगा के चारों ओर कांवरिया रुट लाइन में किसी भी प्रकार की दुकानें नहीं लगनी चाहिये इसका ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि बड़ी तादाद में श्रद्धालु जलार्पण काउंटर के माध्यम से जलार्पण कर रहे हैं। सुरक्षा कर्मी ध्यान रखें कि श्रद्धालु पूरी सुगमता पूर्वक कतारबद्ध होकर जलार्पण कर सके। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की तादाद को देखते हुए विभिन्न जगहों पर जलार्पण काउंटर बनाये गये हैं। नवनिर्मित प्रषासनिक भवन पहुंच उपायुक्त मुकेष कुमार एवं पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने सीसीटीवी फूटेज के माध्यम से पूरे मेला क्षेत्र को देखा। उन्होंने प्रतिनियुक्त कर्मी को निदष दिया कि फुटेज में अगर किसी भी प्रकार की आपत स्थिति दिखायी दे तो इसकी सूचना जल्द से जल्द वरीय अधिकारी को दें। 

दुमका : बासुकीनाथ मंदिर हलचल

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दिन बुधवार को कुल 49, 763 कांवरियों ने फौजदारी बाबा वासुकिनाथ महादेव पर जर्लापण किया 

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श्रावणी मेला महोत्सव के सुअवसर पर बाबा वासुकिनाथ धाम में दिन बुधवार को कुल 49, 763 श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक किया, इनमें शीघ्र दर्शनम् के तहत 1, 394 कांवरियों ने, जलार्पण काउण्टर के माध्यम से 18, 503, श्रद्धालुओं ने व निकास द्वार के माध्यम से  29, 866 कावंरियों ने बासुकिनाथ धाम में बाबा पर जलार्पण किया। 1, 73, 924 रुपया बतौर चढ़ावा प्राप्त हुआ।  इसमें गोलक से 66, 955 रुपया,  जलार्पण काउण्टर से 32, 490 रुपया व  अन्य स्रोतों से 74, 479 रुपये की राशि प्राप्त हुई। कुल 93 ग्राम चांदी का द्रव्य बाबा पर चढ़ाया गया। मंदिर न्यास समिति की ओर से कुल सात अदद् 10-10 ग्राम चांदी के सिक्कों सहित दो अदद् 5-5 ग्राम चांदी के सिक्कों की बिक्री की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाये गये विभिन्न चिकित्सा शिविरों में मेला प्रारंभ होने से लेकर अब तक कुल 25, 756 श्रद्धालुओं की निःशुल्क चिकित्सा करायी जा चुकी है। 19 जुलाई  को कुल 3, 115 श्रद्धालुओं की निःशुल्क चिकित्सा में मुख्य प्रसासनिक शिविर में 767, स्वास्थ्य उपकेन्द्र में 86, स्वास्थ्य शिविर (सूचना मंडप) में 200, स्वास्थ्य शिविर बस स्टैण्ड में 120, वासुकिनाथ रेलवे स्टेशन में 92, रेफरल अस्पताल वासुकिनाथ में 82, राजस्व तहसील कचहरी में 132, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जरमुण्डी में 57, कांवरिया धर्मशाला सहारा में 71, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तालझारी में 135, स्वास्थ्य उपकेन्द्र कटहराटाड़ में 24, स्वास्थ्य शिविर बोगली मंे 40, स्वास्थ्य शिविर मोतिहारा में 107 व स्वास्थ्य शिविर सुखजोरा में 50 श्रद्धालुओं की चिकित्सा व्यवस्था करायी गई।   ओआरएस/इमरजेंसी काउन्टर के 120, चलन्त चिकित्सा वाहन से 83 व टेन्ट सीटी एवं वैक्सीन काउंटर से 949 श्रद्धालुओं ने निःशुल्क चिकित्सा का लाभ प्राप्त किया। 


श्रद्धालुओं का रखें पूरा ख्याल-परिवहन सचिव

वासुकिनाथधाम में बुधवार को भी श्रद्धालु पूरी उर्जा में दिखे, हो भी क्यों न बाबा के नगरी की यही लीला है। कोई भी थका हारा व्यक्ति बाबा की नगरी पहँुचते ही उर्जावान हो जाता है। दुमका के उपायुक्त मुकेष कुमार पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल एवं उनकी पूरी टीम सुबह से ही मंदिर प्रांगण में उपस्थित होकर पूरे विधि व्यवस्था पर नजर बनायें हुये थे। इसी क्रम में परिवहन विभाग के सचिव के0के0 खण्डेलवाल वासुकिनाथधाम पहँुचे। पहँुचकर उन्होंने मेला क्षेत्र में हो रहे गतिविधियों को देखा। उन्होंने कहा कि उपायुक्त मुकेष कुमार एवं पुलिस कप्तान मयूर पटेल वास्तव में धन्यवाद के पात्र हैं जो इतनी संुदर व्यवस्था श्रद्धालुओं को उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं का पूरा ख्याल रखें ताकि यहां से जाने के बाद झारखंड से वे एक अच्छा संदेष लेकर जायें साथ ही अगले वर्ष पूरे परिवार के साथ वापस आयें। शीघ्र दर्षनम् कूपन कटाकर परिवहन विभाग के सचिव के0के0 खण्डेलवाल ने बाबा की पूजा अर्चना किये। इस दौरान परिवहन विभाग के सचिव के0के0 खण्डेलवाल के साथ दुमका के उपायुक्त मुकेष कुमार उप विकास आयुक्त शषिरंजन आदि उपस्थित थे।

बिहार : सीएम ने दिया था जांच का आदेश

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आरा। भोजपुर जिले के एस.पी.क्षत्रनील सिंह ने कहा है कि गलत तरीके से बेच दी गई है चर्च की जमीन। एक ही दिन 13 लोगों के नाम रजिस्ट्री कर दी गयी। रजिस्ट्रार प्रमोद सिंह समेत 22 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज। करोड़ों रूपये का जमीन घपला पर सीएम ने दिया था जांच का आदेश। भोजपुर  कारोबारी कृष्ण कुमार सिंह की हत्या के बाद पुलिस- प्रशासन चौकस हो गया है। भू-माफियाओं पर नकेल कसने को लेकर पुलिस ने कवायद शुरु कर दी है। इसी क्रम में शहर के चर्च की जमीन गलत तरीके से रजिस्ट्री करने एवं करवाने के मामले में 25 लोगों पर नामजद एफआईआर नवादा थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों की माने तो इस मामले में नवादा थाना क्षेत्र के हरी जी हाता मुहल्ला निवासी जनार्दन सिंह, उनकी पत्नी मीना सिंह, जगदीशपुर के हरदिया निवासी आदेश सिंह, नगर थाना के मारुति नगर निवासी अजय कुमार सिंह, जगदीशपुर थाना के हरदिया निवासी बिरेंद्र प्रसाद सिंह, नगर थाना क्षेत्र के बाबू बाजार निवासी अंकु कुमार, उदवंतनगर के कारीसाथ निवासी अमरनाथ सिंह, नगर थाना के मारुति नगर निवासी भूजेन्द्र कुमार सिंह, उनकी पत्नी भावना सिंह, बड़हरा के रामपुर निवासी अशोक कुमार सिंह, उनकी पत्नी पूनम देवी, कोईलवर के सकड्डी निवासी मनीष कुमार सिंह, जगदीशपुर के हरदिया निवासी लल्लू सिंह पर गलत तरीके से जमीन रजिस्ट्री करवाने के मामले में नामजद किया गया है। नवादा थानाध्यक्ष नेयाज अहमद ने बताया कि इस मामले में कुल 22 लोगों पर एफआरआई किया गया है जिसमें 15 लोग जमीन खरीदने वाले हैं। 3 लोग गवाह हैं। 1 पावर ऑफ अटॉर्नी देने वाला, 2 जमीन बेचने वाले तथा एक निबंधन कार्यालय के रजिस्ट्रार हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि केस के वादी वे खुद हैं। कांड के अनुसंधानकर्ता कोईलवर सर्किल इंस्पेक्टर चंद्रशेखर गुप्ता को बनाया गया है। इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है, जिन्हें भी नामजद अभियुक्त बनाया जाएगा। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए आज से छापेमारी अभियान शुरू किया जाएगा।


चर्च की जमीन की अवैध रूप से खरीद-बिक्री में कई रसूखदार शामिल
शहर के बीचोबीच स्थित मेथोडिस्ट चर्च की जमीन पर अवैध तरीके से खरीद-बिक्री करने के मामले में दो महिला समेत 22 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी। रविवार को नवादा थाने के इंस्पेक्टर के बयान पर मामला दर्ज किया गया है।  इस मामले में शहर के कई सफेदपोश का नाम सामने आया है। बता दें कि दर्ज प्राथमिकी के अनुसार इस मामले में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, हाथरस रोड निवासी मोस्ट रेव जॉनसन टी जॉन सहित 22 लोग नामजद किये गये हैं। मामला वर्ष 7 अक्तूबर, 2016 की है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इसी वर्ष निश्चय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री भोजपुर आये थे तो स्थानीय विधायक ने इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर पूरे मामले की जांच सरकार के कमिश्नर आनंद किशोर ने की, जिसके बाद इस मामले में 22 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी। 1967 से ही विवादित थी जमीन, प्रशासन और चर्च के बीच चल रहा था ।

हाइकोर्ट में मामला : इस जमीन को लेकर 1967 से ही मेथोडिस्ट चर्च और प्रशासन के बीच मामला हाइकोर्ट में चल रहा था। हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में ये जमीन चर्च के पक्ष में फैसला सुनाया गया था, जिसके बाद उक्त लोगों ने इस जमीन की रजिस्ट्री करवा ली। इस मामले में हाइकोर्ट के आदेशानुसार भोजपुर के जिलाधिकारी ने इस मामले में संज्ञान लिया। हालांकि प्रशासन का दावा है कि ये जमीन एमएमपी की है। वहीं इसे चर्च वाले अपना जमीन मान रहे हैं। पूरी मामले की जांच बिहार सरकार के कमिश्नर द्वारा की गयी थी। हालांकि इस मामले में इस चर्च के संरक्षक मेथोडिस्ट चर्च द्वारा बिहार सरकार को पत्र लिख कर अवगत कराया गया था, कि इस मामले में फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन की रजिस्ट्री करवायी गयी, जिसके बाद पूरे मामले की छानबीन की गयी. छानबीन में यह पता चला कि पूरे मामले में फर्जीवाड़ा की गयी है। इसके बाद उक्त लोगों पर मामला दर्ज किया गया. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है।

मुख्यमंत्री ने दिया था जांच का आदेश : जनवरी माह में निश्चय यात्रा के दौरान आरा विधायक अनवर आलम ने इस मुद्दे  को उठाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच जिलाधिकारी को सौंपा था।  इसी क्रम में स्थानीय विधायक ने चर्च की जमीन तथा बीबीजान के हाता के जमीन को भू-माफियाओं के कब्जा करने की बात बतायी गयी थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस मामले में जांच टीम गठित कर जांच करवाया था। भोजपुर में चल रहा है सरकारी जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा : भोजपुर जिले में भू माफिया रैयती जमीन छोड़ कर सरकारी जमीन हथियाने में जुट गये हैं। चर्च और बीबी जान का हाता की जमीन भी इसी कड़ी का देन है। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जा रही है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 19 जुलाई

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आजाद सााहित्य परिषद् का ‘आजाद रत्न’ सम्मान समारोह आजाद जयंती पर 23 को
  • समारोह की आमंत्रण-पत्रिकाओं का हुआ विमोचन

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झाबुआ। आजाद साहित्य परिषद् झाबुआ द्वारा वर्ष 2017 में अलंकरण हेतु ‘आजाद रत्न’ सम्मान समारोह का आयोजन 23 जुलाई को आजाद जयंती पर स्थानीय पैलेस गार्डन में किया गया है।। उक्त समारोह की आमंत्रण पत्रिकाओं का विमोचन बुधवार शाम को समारोहस्थल पर किया गया। यह जानकारी देते हुए परिषद् के संरक्षक विरेन्द्र मोदी एवं अध्यक्ष डाॅ. केके त्रिवेदी ने बताया कि यह संस्था का दसवां सम्मान समारोह है। संस्था द्वारा इस अवसर पर जिले के दो वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. रामषंकर चंचल एवं डाॅ. जय बैरागी को ‘आजाद रत्न’ सम्मान 2017 एवं वरिष्ठ रचनाकारों सुरेष समीर, प्रकाष त्रिवेदी, भेरूसिंह चैहान ‘तरंग’, डाॅ. सीमा शाहजी एवं मो. निसार पठान को उनकी सत्त रचना धर्मिता पर साहित्य सजृन सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।


श्री राठौर को विषिष्ट सेवा सम्मान
इस समारोह में शहर के वरिष्ठ समाजसेवी, पर्यावरण संरक्षक एवं साहित्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में अमूल्य योगदान देने पर नीरजसिंह राठौर को विषिष्ट सेवा सम्मान प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम में उज्जैन के प्रसिद्ध अभा टेपा सम्मेलन के प्रर्वतक डाॅ. पिलकेंद्र अरोरा विषिष्ट अतिथि होंगे। अध्यक्षता पुलिस अधभ्क्षक महष्ेाचन्द्र जैन करेंगे। इसके साथ ही इस अवसर पर रचनाकार देवयानी नायक के काव्य संग्रह ‘शब्द पलाष’ का भी विमोचन होगा।

आमंत्रण पत्रिकाओं का हुआ विमोचन
बुधवार शाम 6 बजे आयोजनस्थल पैलेस गार्डन पर समारोह की आमंत्रण पत्रिकाओं का विमोचन जिला आजाद साहित्य परिषद् के मुख्य संयोजक यषवंत भंडारी, अध्यक्ष डाॅ. केके त्रिवेदी, सचिव शरत शास्त्री, संगठन सचिव पीडी रायपुरिया, एचसी टेलर आदि द्वारा किया गया। इस अवसर पर एक बैठक का आयोजन कर समारोह की रूपरेखा भी तैयार की गई एवं आवष्यक विचार-विर्मष किया गया। कार्यक्रम की वृहद स्तर पर तैयारियां जारी है। समारोह में शहर एवं जिले के समस्त साहित्यकारों, संस्कृति कर्मी, षिक्षाविद्, समाजसेवी, वरिष्ठ नागरिकों, पत्रकारों को आमंत्रित किया गया है।

ललीत पारिक अंतर्राष्ट्यि हुमन राईट जिला झाबुआ के अध्यक्ष मनोनीत

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झाबुआ । अंतर्राष्ट्यि हुमन राईट के अखिल भारतीय अध्यक्ष ए.डेविट ने झाबुआ जिला हुमन राईट के जिलाअध्यक्ष पद पर जिले के युवा पत्रकार ललित पारिक को मनोनित किया है। मानव अधिकारों के लिये किये जाने वाले कार्यो की रक्षा के लिये ललित पारिक झाबुआ जिले में संस्था के नियमों के अंतर्गत कार्य करेगें । पारिक की इस नियुक्ति पर भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप सिंह वर्मा,जिला प्रेस क्ल्ब के अध्यक्ष मनेाज मेहता,पत्रकार ओम प्रकाश शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष दौलतराम भावसार सहित ईष्ट मित्रों ने बधाईयां दी है।

राज्य सहायक अध्यापक (गुरूजी) संघ की बैठक सम्पन्न

झाबुआ । राज्य सहायक अध्यापक (गुरूजी) संघ की बैठक का आयोजन 18 जुलाई की शाम झाबुआ मंे किया गया। बैठक मंे झाबुआ एवं अलिराजपुर जिले के समस्त संगठन पदाधिकारी एवं सदस्य सम्मिलित हुऐ। बैठक को संम्बोधित करते हुए संघ के प्रदेश महासचिव एवं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष तेजनारायण द्विवेदी ने विगत सप्ताह भोपाल मंे हुई बैठक एवं संगठन की कार्य योजना के विषय मंे विस्तृत जानकारी दी। जिसमंे मंत्रालय मंे रमेश शर्माजी म.प्र. कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त सुल्तान सिंह शेखावत एवं भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री श्री के.पी. सिंहजी के साथ हुई बैठक की जानकारी दी। द्विवेदी ने बताया कि गुरूजियों की मात्र एक सूत्रीय मांग गुरूजियों को भी शिक्षा कर्मियों, संविदा शिक्षको की भांति गुरूजी के पद पर नियुक्ति दिनंाक से वरिष्ठता प्रदान करना है। इस एक सूत्रीय मांग को लेकर अगले सप्ताह संगठन का प्रतिनिधि मण्डल माननीय मुख्यमंत्रीजी जिनसे मुलाकात करेगा एवं प्रमुख सचिव को अपनी समस्याओं से अवगत करायेंगे। सम्भागीय अध्यक्ष प्रकाश पालीवाल एवं जिलाध्यक्ष सोहन सिंह नलवाया ने गुरूजी से सहायक अध्यापक बने अपने समस्त साथियों से अपील की कि आप लोग ऐसे संगठनो के कार्यक्रमों मंे भाग नहीं ले जो सिर्फ भीड बढ़ाने एवं अपना उद्देश्य हल करने के लिये हमारा उपयोग करते है। कोई भी संविदा शिक्षक शिक्षाकर्मी हमारी वरिष्ठता की मांग को क्यों रखेंगे उन्हें पता है गुरूजियों को गुरूजी पद पर नियुक्ति दिनंाक से वरिष्ठता मिलने पर वो हमसे पीछे हो जायेंगे इसलिये अपनी मांग, अपने संगठन के बैनर तले लडे जिसका एक मात्र उद्देश्य गुरूजियों को वरिष्ठता मिलना हो। अगले सप्ताह माननीय मुख्यमंत्रीजी से मिलने एवं आगामी रणनीति के लिये 23 जुलाई को प्रातः 10 बजे राजगढ़ नाका परिसर झाबुआ मंे बैठक आयोजित होगी जिसमें झाबुआ एवं अलिराजपुर जिले के गुरूजी सहायक अध्यापक संघ के पदाधिकारी एवं समस्त गुरूजी सहायक अध्यापक सम्मिलित होंगे। बैठक मंे सम्भागीय अध्यक्ष प्रकाश पालीवाल, जिलाध्यक्ष सोहनसिंह नलवाया, प्रान्तीय कोषाध्यक्ष सौरभ पोरवाल, संयोजक उदयसिंह बिलवाल, बहादूरसिंह भूरिया, रामसिंह डामोर, कैलाश बिलवाल, रणछोर राठौर, धन्ना हामड, गब्बुसिंह दांगी दिलीप टाक, महेन्द्र चैहान, सिक्का कटारा, नियाज खान, अशोक प्रजापति, दिनेश ठकराला, राजकुमार किराड, कलमसिंह डावर आदि सम्मिलित हुए।

सत्य ही तत्व है और आत्मा ही सत्य है - आचार्य ऋषभचन्द्र सूरीष्वरजी
  • चातुर्मास मंे तप एवं आराधनाओं का दौर जारी

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झाबुआ। परम् पूज्य दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा द्वारा प्रतिष्ठित स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में आचार्य श्रीजी के चातुर्मास के दौरान धर्म एव ंतपस्याओं, सिद्धी तप, अट्ठम, प्रतिदिन आयमिल की आराधना एवं दोपहर में धर्म चर्चा, सुबह एवं शाम को प्रतिक्रमण तथा ज्ञान चर्चा का आयोजन हो रहा है। इसके साथ ही आचार्य श्रीजी द्वारा समाजजनों एवं गुरू भक्तों को प्रवचनों के माध्यम से धर्म के मार्ग से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। बुधवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ऋषभचन्द्र सूरीष्वरजी मसा ने तत्व की व्याख्या की एवं बताया कि तत्व ही सत्य है और आत्मा ही सत्य है। जब तक आत्म तत्व शरीर के भीतर रहता है तब तक हमारा यह शरीर शिव कहलाता है। जैसे ही यह आत्म तत्व शरीर से निकला, यह शिव रुपी शरीर शव बन जाता है । शिव में ज्योति विधमान है। शव सड़ जाता है जब तक शरीर में यह दिव्य ज्योति विधमान रहती है। तब तक यह सत्यरुपी तत्व आत्मा को जीवन यात्रा में आत्म कल्याण हेतु प्रेरित करता है। जीवन में संशय नही रखे।


मंत्रो के प्रयोग आरोग्यता हेतु किए जाते है
आचार्य श्रीजी ने आगे कहा कि श्री नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ ही सबसे पहले हमारे दिमांग में मंत्र शब्द प्रवेश करता है । हमारे जैन शास्त्र में कई विद्याएं आज भी मोजुद है और वे सारी विद्याएं हमारे संयमी पुरुष ग्रहण करके उनका उपयोग संकट के समय ही करते है। जैन मंत्र कीले हुए नहीं है। हमारा समाज विवेकी है और मंत्रों का कभी भी दूरुपयोग नहीं करते है। मंत्रों के प्रयोग आरोग्यता हेतु किये जाते है। हम आराधना के माध्यम से मंत्रों का उपयोग आरोग्यता के लिए करते है। श्रद्धा से प्रेम लोट आता है। अश्रद्धा दुख व शोक का करण बनती है। यदि हमारी भावनाएं जुड़ी है तो वह शब्द मंत्र बन जाया करते है।

परमात्मा ही आत्मा को परमात्मा पद तक ले जाने में सक्षम है
इस अवसर पर मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने धर्मसभा मे श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु की महिमा बताते हुये कहा कि 24 तीर्थंकरों में सिर्फ 23वें तीर्थंकर श्री पाश्र्वनाथ प्रभु की आराधना में अट्ठमतप की आराधना की जाती है। साथ ही भगवान श्री पाश्र्वनाथ प्रभु के 108 और 1008 नाम भी प्रचलन में है। भगवान के नाम गुण की दृष्टि से, क्षेत्र एवं ग्रांम की दृष्टि से प्रतिमा की दृष्टि से देखने में आते है । गुण की दृष्टि से श्री चिंतामणी पाश्र्वनाथ प्रभु, क्षेत्र एवं ग्राम की दृष्टि से श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु, जीरावला पाश्र्वनाथ प्रभु, प्रतिमा की दृष्टि से श्री नवखण्डा पाश्र्वनाथ प्रभु और श्री सहत्रफणा पाश्र्वनाथ प्रभु के नाम से नाम प्रचलित है। ज्ञान प्राप्ति के लिये नमों नाणस्य और तपस्या में सफलता के लिये नमो तवस्य मंत्रों का जाप करना चाहिए, सिर्फ परमात्मा ही आत्मा को परमात्मा पद तक ले जाने में सक्षम है। दूसरा कोई भी तत्व हमारी आत्मा को परमात्मा पद तक नहीं ले जा सकता है। जो श्री पाश्र्वनाथ प्रभु की भक्ति के रस में डुब जाता है उसे पारस अवश्य मिलते है । साथ ही जो प्रभु के हमेशा पास रहता है वह जीवन में कभी निराश नही रहता है ।

75 से अधिक आराधक आराधना में लीन
दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. की पाट परंपरा के अष्टठ्म पटधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद् विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावनतम निश्रा एवं पूज्य मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा., साध्वी श्री रत्नरेखाश्री जी म.सा., साध्वी श्री अनुभवदृष्टाश्री जी म.सा., साध्वी श्री कल्पदर्शिताश्री जी म.सा. आदि ठाणा की सानिध्यता में झाबुआ शहर में वर्षावास 2017 चल रहा है । वर्षावास में 45 दिवसीय सिद्धितप तपाराधना में 70 से अधिक आराधक आराधना में लीन है । इसका लाभ मनोकामना कटारिया परिवार द्वारा लिया गया है। इसी कड़ी में श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ अट्ठमतप तेले की तपाराधना चल रही है इस आराधना में भी 50 से अधिक आराधक तपस्या में हिस्सा ले रहे है । इसका लाभ श्री संतोष नाकोड़ा (देवड़ा) परिवार द्वारा लिया गया है। चातुर्मास में धर्मबिंदु ग्रंथ एवं नल दमयंती कथानक के चरित्र पर भी प्रवचन माला चल रही है।

स्थानांतरण पर गुडमार्निंग क्लब ने उद्योग महाप्रबंधक श्री मोरी को दी आत्मीय बिदाई ।

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झाबुआ । गुड मार्निंग क्लब के  50 से अधिक सदस्यों ने बुधवार को प्रातः 7 बजे स्थानीय चन्द्रशेखर आजाद महाविद्यालय के मेैदान पर जिला उद्योग केन्द्र झाबुआ के महाप्रबंधक अमरसिंह मोरे का रतलाम स्थानान्तर हो जाने पर उन्हे बिदाई दी । इसके पूर्व मंगलवार की रात्री में गुड मार्निंग क्लब के सभी सदस्यों द्वारा सहभोज का आयोजन करके अमरसिंह मोरी का शाल श्रीफल  एवं पुष्पाहारों से स्वागत कर उनके द्वारा गुड मार्निंग क्लब में उनकी सक्रिय एवं सकारात्मक भूमिका के लिये याद करते हुए उन्हे बिदाई दी । इस अवसर पर क्लब के अध्यक्ष महेन्द्रशर्मा ने कहा कि श्री मोरे एक ऐसा व्यक्तित्व थे जिन्होने कभी भी  पद प्रभाव को अहमीयत नही दी तथा अपने मृदु एवं मिलनसार स्वभाव से  सभी के प्रति भ्रातृत्व भावना रखी । सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष एवं क्लब के सदस्य नीरजसिंह राठौर ने भी अपने  उदबोधन में श्री मोरे के स्थानान्तरण पर बिदाई के अवसर पर बोलते हुए कहा कि वे जहां भी रहेगें झाबुआ एवं विशेषकर गुड मार्निग क्लब को याद करेगें । इस अवसर पर कमलेश पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री मोरी को एक मिलनसार एवं सर्वप्रिय व्यक्तित्व बताया ।  इस अवसर पर नवागत उद्योग महाप्रबंधक वीरेन्द्रसिंह का भी गुड मार्निग क्लब के सदस्यों से स्वागत किया तथा उन्हे भी श्री मोरे की तरह गुड मार्निंग क्लब में सहभागी होने का आव्हान किया । अपनी बिदाई के अवसर पर अमरसिंह मोरे ने कहा कि झाबुआ में गुड मार्निग क्लब मे आने के बाद उन्हे पूरी तरह पारिवारिक माहौल मिला, यहा सभी सदस्य आपसी समन्वय के साथ सहयोग करते है तथा  जीवन में मुस्कराते रहो यह महामंत्र मैने यही से प्राप्त किया है । स्वस्थ्य जीवन का सूत्रधारन बताते हुए उन्होने सभी का साधुवाद व्यक्त किया । बुधवार को कालेज मैदान पर बडी संख्या में मार्निग क्लब के सदस्य पहूंचे तथा बिदाई के अवसर पर श्री मोरी के व्यक्तित्व की प्रसंशा की । श्री मोरे बरसों से कालेज मैदान पर गुडमार्निग क्लब के सदस्य के रूप  में मार्निग वाक, योगा एवं अन्य गतिविधियों मे सहभागी होते रहे है ।

तीसरे दिन पार्षद के लिये 2 नाम निर्देशन पत्र दाखिल किये गये

झाबुआ । रिटर्निगं अधिकारी झाबुआ, राणापुर, थांदला, पेटलावद से प्राप्त जानकारी अनुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 के लिए अभ्यर्थियों से नाम निर्देशन पत्र लेने का कार्य सतत जारी है। आज तीसरे दिन पार्षद पद के लिये दो अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किये गये। अभ्यर्थियों से नाम निर्देशन पत्र लेने का कार्य आगामी 24 जुलाई 2017 तक प्रातः 11.00 से अपरान्ह 3 बजे तक किया जाएगा। आज तीसरे दिन झाबुआ नगरपालिका परिषद में पार्षद के लिये वार्ड क्र0 11 से श्रीमती शशि पति धूमसिंह ने एवं थांदला नगरपरिषद में पार्षद के लिए वार्ड क्र0 03 से अक्षय पिता बबलू भट्ट ने, आज नाम निर्देशन पत्र भरा। नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2017 के लिये 25 जुलाई 2017 को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने के लिये 27 जुलाई 2017 को अपरान्ह 3..00 बजे तक का समय नियत किया गया है। निर्वाचन लडने वाले अभ्यथियाॅे की सूची तैयार कर निर्वाचन प्रतीको का आवंटन 27 जुलाई 2017 को अभ्यर्थिता से नाम वापसी के ठीक बाद किया जायेगा। मतदान 9 अगस्त 2017 को प्रातः 7.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक होगा और 12 अगस्त 2017 को मतगणना और निर्वाचन परिणामो की घोषणा की जायेगी।

नगरीय निकाय निर्वाचन के लिये मीडिया प्रतिनिधियो की बैठक संपन्न

झाबुआ । नगरीय निकाय निर्वाचन के संबंध में जानकारी देने के लिये आज मीडिया प्रतिनिधियो की बैठक कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना ने की। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिलीप कापसे, श्रीमती अनुराधा गहरवाल उप संचालक जनसम्पर्क, संयुक्त कलेक्टर श्री अली सहित मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में मीडिया प्रतिनिधियों को आदर्श आचार संहिता, पेड न्यूज, निर्वाचन व्यय तथा विज्ञापन प्रसारण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि अभ्यर्थी को प्रचार वाहन लाउड स्पीकर एव सभा स्थल की अनुमति संबंधित एसडीएम से लेना होगी। सभा स्थल की अनुमति पहले आये पहले पाये के नियमानुसार दी जायेगी। प्रिन्ट मिडिया एवं इलेक्ट्रानिक मिडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के लिये विज्ञापन जिगंल्स इत्यादि की अनुमति जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति द्वारा निर्धारित प्रारूप में दी जाएगी। विज्ञापन/जिगंल्स की अनुमति लेने के लिये पंजीकृत राजनैतिक दल के अभ्यर्थी को प्रस्तावित प्रकाशन/प्रसारण के लिये 3 दिन पूर्व तथा अपंजीकृत राजनैतिक दल एवं अन्य आवेदक को सात दिन पूर्व आवेदन करना होगा। जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति द्वारा आवेदन का निराकरण दो कार्य दिवस के भीतर किया जायेगा एवं निर्धारित प्रारूप में आवेदक को समिति के निर्णय से अवगत कराया जायेगा। किसी व्यक्ति या प्रेक्षक से प्राप्त पेड न्यूज संबंधी शिकायत के संबंध में अभ्यर्थी को रिटर्निग अधिकारी द्वारा नोटिस भेजा जायेगा। नोटिस का जवाब अभ्यर्थी द्वारा 48 घण्टे के भीतर देना अनिर्वाय होगा। निर्धारित अवधि में जवाब न दिये जाने की स्थिति में समिति का निर्णय अंतिम होगा। बैठक में मीडिया के सदस्यो को पेड न्यूज संबंधी संरकुलर, आदर्श आचार संहिता की पुस्तक प्रदाय की गई। बैठक में बताया गया कि अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी को राष्ट्रीकृत बैंक में अपना बैंक खाता अलग से खुलवाना होगा एवं उसी बैंक खाते से निर्वाचन संबंधी व्यय किया जा सकेगा। इस संबंध में सभी राष्ट्रीयकृत बैंको को भी निर्देश जारी कर दिये गये है। अध्यक्ष पद का उम्मीदवार प्रचार-प्रसार के लिये 4 लाख रूपये तक व्यय कर सकेगा।

अभ्यर्थी आॅनलाईन आवेदन पत्र भर कर रिटर्निंग अधिकारी को समक्ष में देवे
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा यह सुविधा सभी कियोस्क सेन्टर/एम.पी.आॅनलाईन/लोक सेवा केन्द्रो को उपलब्ध कराई गई है कि वे अभ्यर्थी का नाम निर्देशन पत्र आॅनलाइन भरकर उसे आॅनलाईन जनरेट कर बिना काटपीट का त्रुटिरहित नाम निर्देशन पत्र की प्रिंट निकालकर अभ्यर्थी को देगे। साथ ही उसके समस्त दस्तावेजो यथा शपथ पत्र को भी स्कैंन कर सकेगे। आॅनलाईन नाम निर्देशन पत्र जनरेट करने से ही वह भरा हुआ कदापि नहीं माना जावेगा। अभ्यर्थी द्वारा आॅनलाईन जनरेट नाम निर्देशन पत्र रिटर्निंग अधिकारी को निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत करना होगा। यह सुविधा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई वेबसाईट पर भी उपलब्ध है जिस पर जाकर अभ्यर्थी स्वयं भी अपना नाम निर्देशन पत्र जनरेट कर सकता है।

जिला स्तरीय एमसीएमसी मीडिया प्रमाणीकरण एवं अनुवीक्षण समिति गठित

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झाबुआ । नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2017 के लिए म0प्र0 राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार स्वतत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन के उद्देश्य की पूति के जिला स्तरीय एमसीएमसी मीडिया प्रमाणीकरण एवं अनुवीक्षण समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिलीप कापसे है एवं सचिव श्रीमती अनुराधा गहरवाल उपं संचालक जनसम्पर्क को बनाया गया है। गठित समिति मीडिया में प्रसारित होने वाले इलेक्ट्रोनिक एवं प्रिंट मीडिया विज्ञापन प्रचार-प्रसार एवं प्रचार सामग्री आदि का परीक्षण कर ने की कार्यवाही करेगी। श्री आर.एस.रघुवंशी डिप्टी कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी मेघनगर अनुभाग मेघनगर को जिला स्तरीय समिति में दल प्रमुख बनाया गया है। श्रीमती अनुराधा गहरवाल जिला जनसम्पर्क झाबुआ एवं श्री सुधीर कुशवाह अन्वेषक जिला पंचायत को मीडिया प्रमुख बनाया गया है। श्री प्रतापसिंह सौलंकी सहायक ग्रेड 03 जिला कार्यालय झाबुआ नगरीय निकाय झाबुआ के लिये आवदेन प्राप्त करेगे। श्री जी.एस. चितौडिया सहा.गे्रड 2 आय.टी.डी.पी.झाबुआ राणापुर नगरीय निकाय के आवेदन प्राप्त करेगे। श्री शंकरसिंह पालीवाल सहायक ग्रेड 3 थांदला नगरीय निकाय के लिए एवं श्री यशवंतसिंह बिलवाल सहायक ग्रेड 3 जिला कार्यालय झाबुआ नगरीय निकाय पेटलावद के लिए आवेदन प्राप्त कर परीक्षण हेतु जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति को प्रस्तुत करेगे। समिति आवेदनो के परीक्षण उपरांत अभ्यर्थियो को विज्ञापन की अनुमति प्रदान करेगी।

हाथीपावा पहाडी के पौधो की देखरेख के लिए हर सप्ताह जायेगे सेक्टर प्रभारी
  • कलेक्टर की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में बनी कार्य योजना

झाबुआ । जिला मुख्यालय पर स्थित हाथीपावा पहाडी पर 9 जुलाई को स्कूली विद्यार्थियों ने एवं नागरिक गणों ने पौधारोपण किया। पौधो को जीवित रखने के लिए अब पहाडी पर निरंतर प्रति सप्ताह स्कूली विद्यार्थी एवं आम नागरिक अपने सेक्टर प्रभारी के साथ जायेगे एवं पौधो की देख रेख करेगे। इस संबंध में आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में सेक्टर प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई एवं कार्ययोजना बनाई गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने की। बैठक में संयुक्त कलेक्टर श्री अली सहित सभी 14 सेक्टरों के प्रभारी उपस्थित थे।

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री गणेश भाभर ने पदभार ग्रहण किया

झाबुआ । सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री गणेश भाभर ने आज 19 जुलाई को झाबुआ कार्यालय में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है।

अपहरण का अपराध पंजीबद्व
        
झाबुआ । फरि. सन्नुबाई पति किसन गेहलोत उम्र 38 साल निवासी मोजीपाडा ने बताया की मेरी लडकी दिपीका गेहलोत उम्र 17 साल घर से झाबुआ बाजार काम करने जाने का कहकर गई थी जो वापस घर नही आयी शंका है कि संदेही आरोपी गोलु पिता सज्जन डाबी निवासी हुडा मोहल्ला झाबुआ ने बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 601/17 धारा 363 भादवि. में पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया

अवैध शराब के अपराध पंजीबद्ध 
      
झाबुआ । आरोपिया संगीता पति कानसिंह भाबोर निवासी छोटी बिजलपुर के अवैध कब्जे से 420 रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रं0 206/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपिया सुकाबाई पति रमेंश भुरिया निवासी छोटी बिजलपुर के अवैध कब्जे से 420 रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रं0 207/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मोटर सायकल चोरी
     
झाबुआ ।  फरि. राधेश्याम पिता कालूजी प्रजापत उम्र 45 साल निवासी करवड़ ने बताया कि अपनी मोटर सायकल क्रं. एमपी-45 एमएफ-0916 को घर के सामने लाॅक लगाकर खड़ी की थी जिसे अज्ञात बदमाश चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं. 338/17 धारा 379 भादवि का प्रकरण पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।

गुम इन्सान का प्रकरण कायम

झाबुआ । फरि. गुलेश पिता मुकेश मेड़ा उम्र 21 साल निवासी छापरी ने बताया कि मेरी पत्नी साजन मेंड़ा 18 साल घर से बिना बताये कही चली गई। प्रकरण में थाना राणापुर में गुम इंसान क्रं. 45/17 में कायमी की गयी।

विशेष : जीएसटी हस्तशिल्प इंडस्ट्री के लिए काला कानून

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उत्पाद शुल्क, सेवाकर तथा व्यापार कर से मुक्त हस्तशिल्प इंडस्ट्री को भी जीएसटी के दायरे में रखा गया है। इससे हस्त निर्मित कालीन उद्योग, बनारसी साड़ी उद्योग, कास्ठकला उद्योग समेत अन्य कुटीर उद्योगों पर भी गत एक जुलाई से जीएसटी लागू है। जीएसटी के बाबत सरकार की सभी दलीलों को समझने परखने के बाद इससे जुडे कारोबारी, बुनकर हतप्रभ है। पूरे इंडस्ट्री में हड़कंप की स्थिति है। उद्योग से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर 12 फीसदी व निर्माण पर 18 फीसदी के साथ बुनकर या यूं कहें कामगारों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाना किसी को रास नहीं आ रहा है। तर्क है कि शीघ्र ही हस्तशिल्प उद्योग को जीएसटी के दायरे से मुक्त नहीं किया गया तो देश की आन बान शान ये कुटीर उद्योग तबाह हो जायेंगे 



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बेशक, इन्हीं उहापोहों व नफान्नुकसान के बीच चाहे वह कारपेट इंडस्ट्री हो या साड़ी, जुट, कास्ठकला, जरदोजी समेत अन्य छोट छोटे कुटीर उद्योगों के कारोबारियों में जीएसटी को लेकर हायतौबा मचा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर भदोही, मिर्जापुर, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़, आगरा, मेरठ, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, पानीपत, जयपुर समेत पूरे देश के हस्तशिल्प कारोबारीजीएसटी के विरोध में सड़कों पर उतर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कारोबारी जीएसटी को काला कानून बताते हुए सरकार से दुहाई दे रहे है हस्तशिल्प उद्योग तबाह हो जायेगा। उद्योग से जुड़े लाखों लोग के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा। विशेषकर कालीन उत्पादन से लेकर पैंकिंग तक दर्जनों हाथों से होकर एक कालीन गुजरता है। ऐसे में कामगारों पर 18 फीसद जीएसटी लगाना न्याय संगत नहीं है। जबकि कालीन उद्योग में अधिकांशतः सूक्ष्म, लधु व मध्यम श्रेणी की इकाइंयां स्थापित हैं, जो इस टैक्स का भार सहन करने में अक्षम हैं। जीएसटी के चलते उत्पादों की लागत में भी वृद्धि होगी जो अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के दौर में कहीं से भी न्याय संगत नहीं हैं। क्योंकि जब लागत बढ़ेगी तो अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कीमत बढ़ेगी, जो अन्य प्रतिद्वंदी देशों के मुकाबले अधिक होगी। ऐसे में उनके उत्पाद धरे के धरे रह जायेंगे। 

गौर करने वाली बात यह है कि जीएसटी से कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार कपड़ा उद्योग, कालीन उद्योग, साड़ी उद्योग, वूल उद्योग आदि हस्तशिल्प उद्योग है। इन उद्योगों को जीएसटी के दायरे में रखने से ये गहरे संकट की चपेट में है। यही वजह है कि इससे जुड़े कारोबारियों का धरना-प्रदर्शन का अंतःहीन शिलशिला जारी है। हस्तनिर्मित धागे पर 18 प्रतिशत कर लगाया है जिसका कुल मांग में 60 प्रतिशत योगदान है। इससे छोटे निर्माताओं का व्यापार लगभग समाप्त हो जाएगा और बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचेगा। कहा जा सकता है तमाम जटिलताओं भरा जीएसटी कानून एक तरह से इंस्पेक्टर राज की स्थापना करने जैसा है। 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की जीएसटी दरों के साथ यह बेहद उलझाऊ भी है। करीब 30 प्रतिशत वस्तुओं पर अधिकतम 28 फीसद की दर घोर अन्याय है। दुनिया की किसी भी अर्थव्यवस्था में इतने भारी भरकम करों वाला जीएसटी कानून नहीं है। बांग्लादेश में यह 15 प्रतिशत, मलेशिया में छह प्रतिशत, सिंगापुर और थाईलैंड में सात प्रतिशत, जापान में आठ प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया में 10 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका में 14 प्रतिशत, ब्राजील, चीन आदि में 17 प्रतिशत है। खास यह है कि जीएसटी कानून के तहत करदाताओं को 37 रिटर्न प्रतिवर्ष भरने होंगे और सभी 36 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापार करने वालों को 1,332 रिटर्न भरने होंगे। छोटे और मध्यम कारोबारियों के लिए इतनी जटिल प्रक्रिया वाला यह कानून उनकी रोजी-रोटी पर कड़ा प्रहार करेगा। जहां तक सरकार की तैयारियों का सवाल है, वह उंट के मुंह में जीरे के समान है। जीएसटी नेटवर्क के तहत लगभग 350 करोड़ इनवॉइस हर महीने भेजे जाएंगे, उसके लिए निविदा प्रक्रिया 15 जून को शुरू की गई। इसकी फाइनेंशियल बिड सात जुलाई को खुली। उसके परीक्षण के लिए अगस्त, 2017 से जुलाई, 2018 की अवधि निर्धारित की गई है। 


खेती में काम आने वाले कीटनाशक, टैक्टर के पुर्जो पर 28 प्रतिशत की दर से कर तय किया गया है। खाद पर 5 प्रतिशत कर लगाया गया है। किसान को इनपुट क्रेडिट का लाभ भी नहीं मिलेगा। वेयरहाउस, कोल्डस्टोरेज और उर्वरकों की ढुलाई इत्यादि पर भी 18 प्रतिशत कर लगाया गया है। सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचक की वस्तुओं को कम करों के दायरे में रखा है ताकि यह संदेश जाए कि जीएसटी के बाद महंगाई कम हुई है। हकीकत यह है कि रोटी, कपड़ा और मकान पर सरकार ने बड़ा प्रहार किया है। शैंपू, वॉशिंग मशीन, क्रेडिट कार्ड के तहत भुगतान, बैंकिंग सेवाएं, बीमा प्रीमियम, हेलमेट, छोटी कारें, शैक्षणिक संस्थान, हास्पिटल, डायलिसिस और ब्लड टेस्ट के साथ वाहनों की ईएमआई, मिनरल वॉटर, सीमेंट इत्यादि पर 18 से 28 प्रतिशत कर लगाया गया है। सरकार द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि 81 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत की कर श्रेणी में रखा गया है जबकि सच्चाई यह है कि जो 43 प्रतिशत वस्तुएं 18 प्रतिशत कर दायरे में हैं वे मूलतः फिनिश्ड गुड्स यानी अंतिम तैयार उत्पाद नहीं हैं। अधिकांश वस्तुएं 28 प्रतिशत कर श्रेणी वाली तैयार वस्तुओं के लिए काम आने वाली हैं। 

सरकार दावा कर रही है कि उसे जीएसटी से जीडीपी का 10.9 प्रतिशत सकल राजस्व प्राप्त होगा अर्थात एक लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर हासिल होगा। अगर यह मान भी लिया जाए कि सरकार अधिक से अधिक लोगों को कर के दायरे में लाकर राजस्व बढ़ा रही है तो फिर करों की इतनी अधिक दर क्यों निर्धारित की गई है? डीजल-पेट्रोल को जीएसटी से बाहर क्यों रखा गया। जबकि सबसे अधिक राजस्व इसी क्षेत्र से मिलता है। आंकड़ों के मुताबिक जब पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी का भार एक लाख 43 हजार 778 करोड़ रूपये था तब उन पर करों के माध्यम से एक लाख 52 हजार 900 करोड़ रुपये प्राप्ति होती थी। आज जब पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी का भार मात्र 27,571 करोड़ रुपये रह गया है तब सरकार करों के रूप में 2,58,443 करोड़ रुपये वसूल रही है। क्या यह उचित नहीं था कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर जनता को राहत प्रदान की जाती? जीएसटी की जीवनरेखा कही जाने वाली इनपुट क्रेडिट व्यवस्था की परिस्थितियां क्या होंगी, जब लगभग 350 करोड़ इनवॉइस हर महीने कारोबारियों द्वारा भेजे जाएंगे। इनवॉइस की जांच में अगर पूर्व में काटे गए कर में से एक रुपया भी माल बेचने वाले ने कर के रूप में कम भरा है तो माल खरीदने वाले व्यापारी को इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। सच तो यह है कि किसी भी देश में इनवॉइस जांच की इतनी जटिल व्यवस्था नहीं है। दक्षिण कोरिया, ब्राजील और चीन जैसे देशों ने इसे लागू करने के तुरंत बाद उससे तौबा कर यह प्रावधान समाप्त कर दिया। 





(सुरेश गांधी)

विशेष आलेख : मरते किसान-मजदूर, मालामाल होते सांसद-विधायक

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बुधवार को राज्यसभा में सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने एक बार फिर सांसदों के वेतन-भत्ते मुख्य सचिव के बराबर करने की मांग को जोरदार तरीके से उठाया तो वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु में खराब फसल और कर्जे से त्रस्त होकर मौत को गले लगाने पर मजबूर हो रहे तथा आत्महत्या कर चुके किसानों के कंकालों को लेकर दिल्ली में किसान प्रदर्शन कर रहे थे वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी ने विधायकों की सैलरी 55000 से बढ़ाकर 1,05,000 रूपये कर पूरे देश की जनता को चैंका दिया कि वह भले ही जनहित की बात करते हों लेकिन उनके निजी लाभ देश और जनता से बढ़कर हैं। चुनावों में राजनैतिक दलों के नेेता एक-दूसरे को भले ही गालियां देते हों और लोकसभा-विधानसभा में भले ही जनहित के मुद्दों को लेकर तोड़फोड़ करते हों लेकिन अपने निजी लाभ के लिये वह एक मंच पर एक साथ खड़े नजर आते हैं। ये जनप्रतिनिधि किस तरह अपनी सुविधाओं के प्रति चिंतित नजर आते हैं इसके दो उदाहरण 19 जुलाई को राज्यसभा दिल्ली तथा तमिलनाडु विधानसभा में सामने आये जब राज्यसभा में सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने सांसदों के वेतन भत्ते प्रमुख सचिव के बराबर करने की मांग उठाई तो दूसरी तरफ तमिलनाडु विधान सभा में किसानों की मौत और प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री ने राज्य के विधायकों के वेतन में 100 प्रतिशत की एक साथ वृद्धि कर दी। दोनों जगह नेताओं ने जता दिया कि वह जनता की समस्याओं के प्रति नहीं अपने निजी लाभों के लिए ज्यादा चिंतित है। सांसद-विधायकों की सुख-सुविधा बढ़ें इससे मुझे या किसी देशवासी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन क्या ये जनप्रतिनिधि जनता-लोकसभा-राज्यसभा-विधान सभा के प्रति जवाब-देह हैं। जनता चुनने के बाद सांसद-विधायकों को 5 साल तक तलाशती रहती है तो संसद-विधान सभाएं भी सूनी-सूनी नजर आती हैं। हां मगर अविश्वास प्रस्ताव या विशेष मौके पर हंगामा होने के समय इनकी चीखें और नंगापन कभी-कभी अवश्य नजर आता है। एक तरफ जनता सांसदों-विधायकों से विकास की बात करती है तो वह धन ना होने का रोना रोते हैं और दूसरी तरफ विकास कार्यों के प्रस्ताव के लिए फुर्सत ना मिलने पर सांसद-विधायक निधि की राशि वापिस लौट जाती है। जबकि एक सांसद को प्रतिमाह 50 हजार के वेतन सहित 1.40 लाख के वेतन भत्ते, आलीशान बंगला, प्लेन, एसी ट्रेन सफर, टेलीफोन सहित अन्य सुख-सुविधाएं भी मिलती हैं। लेकिन इस सबके बावजूद भी इस देश के सांसद देश की सर्वोच्च सस्था संसद भवन और जनता के बीच से गायब रहते हैं। जिन सांसदों को सबसे बेहतर इलाज मिलता है वह बीमारी के बहाने से अवकाश लेकर ऐश-मौज की जिंदगी जीते हैं। इसका खुलासा पिछले दिनों हुआ जिसमें 26 प्रतिशत बीमारी तथा 20 प्रतिशत सांसद अन्य कारणों से गायब रहे जो कुल 46 प्रतिशत था। कहने को तो प्रधानमंत्री मोदी और योगगुरु रामदेव स्वस्थ रहने के लिए योग का संदेश दे रहे हैं इसके बावजूद 16वीं लोकसभा में भाजपा के ही सबसे अधिक सांसद ऐसे हैं, जो अक्सर बीमार रहते हैं। यही वजह है कि वे रोग का इलाज कराने के लिए अवकाश लेकर अक्सर संसद कार्यवाही से अनुपस्थित रहते हैं। हालांकि, संसद से अवकाश लेकर कार्यवाही से गायब रहने वाले सांसदों में अन्य दलों के सांसद भी शामिल हैं, लेकिन इनमें भाजपा के नेता टाॅप पर हैं। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ पांच सांसदों की हाजिरी 100 प्रतिशत है। जबकि 16वीं लोकसभा के 46 ऐसे सांसद हैं, जो सबसे अधिक अवकाश का आवेदन दिये हैं। इन सांसदों में से 34 सांसदों ने सबसे अधिक छुट्टी ली हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार 16वें लोकसभा के 230 दिनों के कार्य दिवस में सांसदों की उपस्थिति 80 फीसदी दर्ज हुई है। इस दौरान 34 सांसदों द्वारा छुट्टियों के 46 आवेदन भी आये। जारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा छुट्टियों के लिए आवेदन बीमारी से संबंधित थी और सबसे ज्यादा भाजपा से 18 छुट्टियों के आवेदन आये हैं। इतना ही नहीं, भाजपा के 18 सांसदों की ओर से बीमारी के नाम पर छुट्टी लेने के अलावा तृणमूल कांग्रेस के 09, कांग्रेस के 04, बीजू जनता दल के 04, एनसीपी के 03, पीडीपी के 02, वाइएसआर कांग्रेस के 02, पीएमके के 01, लोजपा के 01 झामुमो के 01 और सीपीआइ (एम) के 01 सांसद हैं, जिन्होंने सबसे अधिक छुट्टी ली हैं।


करीब 25 सांसदों ने ही 90 फीसदी से ज्यादा बैठकों में भाग लिया। ऐसे सांसदों की संख्या 133 है। पिछले तीन साल के दौरान लोकसभा के 22 सदस्यों ने आधे से भी कम बैठकों में भाग लिया। बुंदेलखंड के बांदा से सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा की उपस्थिति का रिकाॅर्ड 100 प्रतिशत है। उन्होंने 1468 बहसों और चर्चाओं में भाग लिया, जो लोकसभा में सर्वाधिक है। पीएम और कुछ मंत्रियों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि उनके लिए उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करना जरूरी नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह दिसंबर 2016 तक सदन के सदस्य थे। उन्होंने छः प्रतिशत बैठकों में भाग लिया जबकि वर्तमान उ.प्र. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 72 प्रतिशत बैठकों में भाग लिया।  मजे की बात यह भी है कि 16वीं लोकसभा के कई सांसद ऐसे हैं, जो बिना सूचना के ही संसद की कार्यवाही से दो-दो महीने तक गायब रहे हैं, जिस वजह से लोकसभा में उनकी सीटें खाली रहीं। यह आलम तब है, जब संविधान के अनुच्छेद 101 के अनुसार सांसदों को छुट्टी के लिए एक कमेटी को आवेदन देना होता है। उस कमेटी की अनुशंसा पर ही सांसदों को छुट्टी मिलती है। अगर बिना बताये कोई सांसद 60 दिनों तक अनुपस्थित रहे, तो सदन उस सीट को खाली घोषित कर देती है। लेकिन देश का भाग्य-विधाता कहे जाने वाली संसद के सर्वे-सर्वा कहे जाने वाले सांसदो पर कोई नियम-कानून लागू नहीं होता है। इसी तरह राज्य विधानसभाओं की स्थिति है जहां माननीय जनप्रतिनिधि अपना भाग्य और किश्मत स्वयं तय करते हैं। जिसमें ईमानदारी और पारदर्शिता का ढिंढोरा पीटने वाले अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही अपने विधायकों को मालामाल बनाने के लिये एक साथ 1.20 लाख से बढ़ाकर 3.67 लाख करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा दिया है जो अभी मंजूर नहीं हुआ है। जबकि उ.प्र. के तत्कालीन अखिलेश सरकार ने विधायक-मंत्रियों पर मेहरबानियों की बौछार करते हुए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन में 300 प्रतिशत वृद्धि कर दी। सरकारें अपनों पर किस तरह मेहरबान हैं ये इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के तेलंगाना में सबसे ज्यादा 2,50000, दिल्ली में 2,35000, हरियाणा 2,20,000, महाराष्ट्र में 1,70000, बिहार में 1,41000 के वेतन भत्ते विधायक हासिल कर रहे हैं जबकि उन्हें स्वास्थ्य, आवास जैसी अनेक अन्य सुविधाएं भी सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाती हैं। सबसे दिलचस्प पहलू हरियााण में भाजपा की खट्टर सरकार का है जिसने वर्तमान विधायक-मंत्रियों के वेतन भत्तों में तो जबरदस्त वृद्धि की ही बल्कि पूर्व मंत्री-विधायकों को भी वर्तमानों की तरह वेतन भत्ते भी उपलब्ध कराने शुरू कर दिये। जिसे लेकर हाईकोर्ट ने खट्टर सरकार को कड़ी लताड़ लगाई है लेकिन राजनीति की मलाई को खाने के लिये हमाम में सब नंगे नजर आ रहे हैं और वह ‘हम सब एक हैं’ के नारे के सपने को साकार करते हुए जनप्रतिनिधि कम अब स्वार्थप्रतिनिधि बनकर रह गये हैं। यही इनके लिये सच्चा लोकतंत्र है। 


liveaaryaavart dot com

मफतलाल अग्रवाल
(लेखक वरिष्ट पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं।)
संपर्क :08865808521

भदोही : जीएसटी से झल्लाएं कारोबारियों का गुस्सा सड़कों पर फूटा

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  • कहा, तबाह हो जायेगा लाखों बुनकरों को रोजगार देने व विदेशी मुद्रा अर्जित कराने वाला कालीन कुटीर उद्योग 

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भदोही (सुरेश गांधी ) ।कारपेट इंडस्ट्री पर केंद्र सरकार द्वारा 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने के विरोध में बुधवार को भदोही में अभूतपूर्व बंदी रही। बड़ी संख्या में कालीन निर्यातकों, बुनकरों व वूल कारोबारियों ने सड़क पर जुलूस निकाला। जुलूस में शामिल लोग पोस्टर, बैनर व जीएसटी विरोधी स्लोगन लिखी तख्तियां हाथ में लेकर चल रहे थे। भीड़ का यह आलम था कि मर्यादपट्टी से लिप्पन तिराहे तक मानव श्रृंखला बन गई थी। तकरीबन घंटेभर दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन ठप हो गया था। चिलचिलाती धूप के बावजूद कालीन उद्यमी व बुनकरो का गुस्सा इस कदर रहा कि वह लगातार वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। कहा, जीएसटी कालीन उद्योग के लिए काला कानून है। इस काले कानून से न सिर्फ कालीन उद्योग तबाह हो जायेगा, बल्कि लाखों गरीब बुनकरों की दो वक्त का निवाला छिन जायेगा। करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा भारत सरकार की झोली में नहीं आ पायेगा। जुलूस शहर के मर्यादपट्टी एकमा भवन से विभिन्न रास्ते से होता हुआ तहसील पहुंचा, जहां जबरदस्त धरना-प्रदर्शन किया। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम संबोधित मांग पत्र अपर पुलिस अधीक्षक व एसडीएम को सौंपा। 


सभा में सीईपीसी के चेयरमैन महावीर प्रसाद उर्फ राजा शर्मा ने कहा कि कालीन उद्योग कृषि उद्योग की श्रेणी में आता है। अभी तक सरकार द्वारा इस पर उत्पाद शुल्क, सेवा कर, व्यापार कर नहीं लिया जाता था। किंतु केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के तहत कालीन की बिक्री पर 12 व निर्माण कार्यों पर 18 फीसदी कर लगा दिया गया है, जो न्यायोचित नहीं है। इसके चलते उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच जाएगा। सीइपीसी के सीनियर प्रशासनिक सदस्य उमेश गुप्ता ने कहा कि कालीन उद्योग भदोही, मिर्जापुर समेत पूरे पूर्वांचल व दिल्ली, मुंबई, जयपुर, जम्मू कश्मीर आदि क्षेत्रों में फैला है। इस उद्योग में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से तकरीबन बीस लाख से भी अधिक लोग जुडे है। यह उद्योग पांच हजार करोड़ से भी अधिक विदेशी मुद्रा भारत सरकार को अर्जित कराती है। बावजूद इसके सरकार की उपेक्षात्मक रवैये के चलते अन्य उद्योगों के मुकाबले कालीन उद्योग पिछड़ता चला जा रहा है। वैश्विक मंदी के चलते यह उद्योग कुछ ज्यादा ही प्रभावित है। ऐसे में अगर इस उद्योग को जीएसटी के दायरे में लाया जायेगा तो तबाही आ जायेगी। सरकार से मांग है कि कारपेट इंडस्ट्री से जीएसटी को अलग रखा जायें। 

सभा में भारतीय कालीन निर्यात संवर्द्धन परिषद (सीईपीसी), अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा), पूर्वांचल निर्यातक संघ, इंडो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कामर्स वाराणसी, एसिसडा, उद्योग व्यापार मंडल, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार परिषद समेत तमाम संगठनों के सदस्य मौजूद थे। सभा में काका राय ने कहा, सरकार ने मेहनतकश कामगारों को निराश किया है। परंपरागत हस्तशिल्प कालीन कुटीर उद्योग पूरी तरह से विलुप्त होने के कगार पर है। सरकार ने हस्तशिल्प उत्पाद व हाथ से बने हुए कालीनों पर 12 से 28 फीसद जीएसटी लगाकर घोर अन्याय किया है। जीएसटी ने नोटबंदी की तरह देश की अर्थव्यवस्था में अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया है। कामगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार से मांग है कि हस्तशिल्प उत्पाद को जीएसटी से मुक्त रखा जाए। सभा में परिषद के प्रशासनिक समिति के सदस्य उमेश कुमार गुप्ता, फिरोज वजीरी, एकमाध्यक्ष गुलाम शफरुद्दीन अंसारी, मानद सचिव पियुष बरनवाल, असलम महबूब, रवि पाटोदिया, संजय गुप्ता, वासिफ अंसारी, अब्दुल हादी, फजल वजीरी, मो. आरिफ सिद्दीकी, पूर्व विधायक जाहिद बेग, शाहिद अली, शाहिद हुसैन, मुशीर इकबाल, आनंद जायसवाल, श्यामनारायण यादव, संतोष चंद्र गोलछा, जेएस जैन, मनोज सुराना, इम्तियाज अंसारी, राशिद मलिक, हाजी शाह आलम, राशिद बेग, देवा जायसवाल आदि ने संबोधित किया। फिरहाल, जीएसटी के विरोध का आलम यह रहा कि सड़कों पर निर्यातक व बुनकर मजदूर सब एक साथ सड़क पर उतरे। खमरियां, घोसियां, माधोसिंह, गोपीगंज, औराई, ज्ञानपुर सहित जनपद के विभिन्न स्थानों से निर्यातक व कामगार जहां आंदोलन में भाग लेने पहुंचे थे वहीं पड़ोसी जनपद मीरजापुर से भी सैकड़ों की संख्या में लोग आए थे।

शांति एवं अहिंसा के मूल्यों की स्थापना जरूरी: कुलस्ते

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नई दिल्ली, 20 जुलाई, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री फग्गन कुलस्ते ने कहा कि आतंकवाद और हिंसा मानवीय दृष्टि से एक अक्षम्य अपराध है। कोई भी धर्म आतंकवाद जैसे अमानवीय कृत को क्षम्य नहीं मानता। वर्तमान में देश जिन जटिल परिस्थितियों से जूझ रहा है, इन हालातों में शांति एवं अहिंसा जैसे मूल्यों की स्थापना जरूरी है। इसके लिए आचार्य नित्यानंद सूरीजी जैसे संतपुरुषों का मार्गदर्शन बहुत उपयोगी है। श्री फग्गन कुलस्ते वल्लभ स्मारक, जी.टी. करनाल रोड पर संयम तप अर्द्धशताब्दी महोत्सव के अंतर्गत आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। विदित हो कि इस वर्ष गच्छाधिपति श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी के दीक्षा के 50वें वर्ष में प्रवेश के अंतर्गत अनेक कार्यक्रमों की श्रृंखला में यह समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर तप चक्रवर्ती आचार्य श्रीमद् विजय वसंत सूरीश्वरजी, आचार्य श्रीमद् विजय जयानंद सूरीश्वरजी, आचार्य श्रीमद् विजय चिदानंद सूरीश्वरजी, सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजयजी, साध्वी प्रगुणाश्रीजी एवं साध्वी अमितगुणाजी आदि उपस्थित थे। श्री कुलस्ते ने आगे कहा कि आचार्य श्रीमद् नित्यानंद सूरीश्वरजी के संस्कृति उत्थान, राष्ट्रीय एकता, नैतिक मूल्यों के जागरण, नशामुक्त एवं अहिंसक समाज निर्माण, साम्प्रदायिक सद्भावना, संस्कार एवं साधना-संयम की उत्कृष्ट पांच दशक की उपलब्धियां  राष्ट्र के लिए अमूल्य धरोहर है। उन्होंने भगवान महावीर के अहिंसा एवं शांति के संदेश की आवश्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें हिंसा और आतंकवाद के कारणों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने राष्ट्रीय एकता एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए महावीर के सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता व्यक्त की।


इस अवसर पर गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् नित्यानंद सूरीजी ने कहा कि आज अहिंसक जीवनशैली  की जरूरत है। जीवन अहिंसा से ही पवित्र  हो सकता है। आतंकवाद का एकमात्र समाधान अहिंसा ही है। स्वस्थ समाज का आधार भी अहिंसा ही है। जो लोग हिंसा में समस्या का समाधान खोजते हैं वे दिग्भ्रमित एवं गुमराह हैं, ऐसे लोगों को सन्मार्ग की ओर अग्रसर करने के लिए एक सुनियोजित कार्ययोजना बने, तभी अहिंसक समाज का निर्माण हो सकेगा। इस दृष्टि से हमलोग दिल्ली आये हैं, देश की अहिंसक शक्तियों को संगठित करना हमारा लक्ष्य है। गणि राजेन्द्र विजयजी ने कहा कि हिंसा की स्थितियों पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है अहिंसा का प्रशिक्षण। उन्होंने कहा आज हिंसा के प्रशिक्षण के लिए करोड़ों-अरबों रुपये खर्च हो रहे हैं, वहाँ अहिंसा के प्रशिक्षण की कहीं पर कोई योजना नहीं चल रही है। गणि राजेन्द्र विजय ने दुनिया को हिंसा व आतंक से मुक्त कराने के लिए अहिंसा के अनुसंधान पर बल दिया। अखिल भारतीय संयम तप अर्धशताब्दी महोत्सव महासमिति के अध्यक्ष श्री राजकुमार जैन, श्री दीपक जैन, श्री एन. के. जैन, श्री अशोक जैन आदि ने श्री फग्गन कुलस्ते का साहित्य, शाॅल एवं माल्यार्पण के द्वारा स्वागत किया। 

बिहार : पटना विश्वविद्यालय कुलसचिव व कुलानुशासक से मिला ए.आई.एस.एफ.प्रतिनिधिमंडल

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  • यू.जी.सी रेगुलेशन व आर्ट काॅलेज प्राचार्य के मसले पर हुई वार्ता, दोनो ही अधिकारियों ने कार्रवाई का दिया आश्वासन। 

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पटना:-  आॅल इण्डिया स्टूडेन्टस फेडरेशन का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज पटना विश्वविद्यालय कुलसचिव डा. रविन्द्र कुमार एवं कुलानुशासक जी.के. पिल्लई से उन्के कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारीद्वय से कहा कि यू.जी.सी. रेगुलेशन 2016 एकेडमिक काउन्सिल एवं सिंडिकेट से पारित होकर अबतक राजभवन पहुॅंच जाना चाहिए था जिससे राजभवन की स्वीकृति प्राप्त होते ही नए विद्यार्थियों के शोध का रास्ता साफ होता। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पूरं मसले पर पी.यू प्रशासन गंभीर नही है जिसके कारण रिसर्च की इच्छा रखने वाले नए विद्यार्थियों का रासता बंद है, पीआरटी की नई परीक्षा भी बाधित है वही कई विद्यार्थियों का जेआरएफ लैप्स होने के कगार पर है। पीयू कुलसचिव ने इससे संबंधित फाइल कुलपति के यहाॅ लंबित होने की बात कहते हुए शीघ्र ही राजभवन भेजने और राजभवन की स्वीकृति प्राप्त होते ही सारी प्रक्रियाओं को शुरु कराने की बात कही।  आर्ट काॅलेज के प्रभारी प्राचार्य को आर्ट काॅलेज जाने से रोकने की मांग करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने दोनो ही अधिकारियों से कहा कि यदि प्रभारी प्राचार्य पुनः काॅलेज पहुचते हैं तो तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी। बेहतर यह है कि त्रिस्तरीय वार्ता में किए गए वादे को विश्वविद्यालय प्रशासन पूरा करें जिसमें यह तय हुआ था कि प्रभारी प्राचार्य को हटाया जाएगा। उनकी जगह नए प्राचार्य को बनाया जाएगा तथा विश्वविद्यालय प्रशासन स्थाई प्राचार्य की बहाली की प्रक्रिया में आगे बढ़ेगा। नए प्राचार्य के तौर पर प्रो0 अरुण कमल को दो माह के लिए बनाया भी गया लेकिन पुनः उनको हटाकर पुराने प्रभारी प्राचार्य को घर से काॅलेज चलाने के लिए छोड़ दिया गया जबकि प्रभारी प्राचार्य चन्द्रभूषण श्रीवास्तव को छात्र किसी भी सूरत में स्वीकार नही करेगंें। दोनो ही अधिकारियों ने उत्पन्न स्थिति पर च्ंिाता व्यक्त करते हुए छात्रों को भरोसा में लेकर कुलपति के साथ विमर्श कर शीघ्र रास्ता निकालने की बात कहीं। छात्रों का प्रतिनिधिमंडल कुलपति से भी मिलने पहुॅंचा। कुलपति के बैठक में व्यस्त होने के कारण प्रतिनिधिमंडल से वार्ता नही हीे पाई। प्रतिनिधिमंडल में एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार, पीयू सचिव संदीप कुमार, मनीष कुमार एवं शेखर सुमन शामिल थे।  

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 20 जुलाई

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01 अगस्त से अवकाश आवेदन आनलाईन करना होगा

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अब किसी भी शासकीय कर्मचारी को अवकाश का आवेदन या जीपीएफ निकालने का आवेदन आनलाईन ही करना होगा। यह व्यवस्था 01 अगस्त,2017 से लागू हो रही है। अवकाश आवेदन एवं जीपीएफ के आवेदन की प्रक्रिया पेपरलेस होने जा रही है। जिला कोषालय अधिकारी श्री अमन पस्तोर ने बताया कि कोषालय के नये साफ्टवेयर आई.एफ.एम.आई.एस. से वेतन भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ करने के बाद अब 01 अगस्त से कर्मचारियों के अवकाश आवेदन एवं जीपीएफ के आवेदन इसी साफ्टवेयर के माध्यम से आनलाईन लेने की व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके लिए सभी अधिकारी कर्मचारियों को पासवर्ड प्रदान कर दिये गये है। साफ्टवेयर में लाॅगिन के स्थान पर अधिकारी कर्मचारी को अपना एम्‍प्लाई कोड ही भरना है और पासवर्ड के स्थान पर कोषालय से दिया गया पासवर्ड भरना है। कर्मचारी द्वारा इस साफ्टवेयर के माध्यम से अवकाश एवं जीपीएफ के लिए आनलाईन आवेदन करना होगा। एंड्रायड मोबाईल से भी इस साफ्टवेयर का उपयोग कर अवकाश आवेदन दिया जा सकता है। कार्यालय प्रमुख द्वारा अपने लाॅगिन पासवर्ड से अपना पेज खोलने पर उसे दिखाई देगा कि किन-किन कर्मचारियों द्वारा अवकाश के लिए आवेदन दिया गया है और वह साफ्टवेयर में ही अवकाश आवेदन को एप्रूव करेगा। सभी शासकीय कर्मचारियों को 1 अगस्त,2017 से इस नई व्यवस्था से ही अवकाश आवेदन देने कहा गया है। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 20 जुलाई

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कलेक्टर द्वारा तहसील स्तरीय कार्यो का जायजा, जनपद सीईओ को शोकाॅज नोटिस के निर्देश

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आज त्योंदा तहसील का आकस्मिक निरीक्षण किया। तहसील कार्यालय के माध्यम से आमजनो को दी जाने वाली सुविधाओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लंबित आवेदनों की भी समीक्षा उनके द्वारा दी गई है। कलेक्टर श्री सुचारी ने त्योंदा तहसील के दूरस्थ ग्राम बडीबीड के आदिवासियों से संवाद स्थापित कर उन्हें मुहैया कराई जा रही शासकीय योजनाओं की प्रगति की जानकारियां प्राप्त की। ज्ञातव्य हो कि बडीबीड के लगभग 20 से 25 आदिवासी गत दिवस की जनसुनवाई कार्यक्रम में कलेक्टर से सम्पर्क कर ग्राम में हो रही सार्वजनिक और व्यक्तिगत समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया था। कलेक्टर श्री सुचारी ने उन्हें आश्वस्त कराया था कि उनकी तमाम समस्याओं का निदान अविलम्ब किया जाएगा। ततसंबंध में उनके द्वारा जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए गए थे। निर्देशों के अनुपालन में की गई कार्यवाही की समीक्षा कलेक्टर द्वारा स्वंय आज त्योंदा तहसील के सभाकक्ष में की गई। ज्ञातव्य हो कि त्योंदा तहसील के ग्राम कोहना, बैरखेडी एवं बडीबीड के 79 आदिवासी परिवारों के पूर्वज वन क्षेत्र में रह रहे थे जिन्हे शासन के मापदण्ड अनुसार वन भू-अधिकार पत्र प्रदाय किए गए है। इन आदिवासी परिवारों को शासन की अन्य योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत मिल सकें के उद्वेश्य से कलेक्टर द्वारा समीक्षा बैठक आहूत की गई थी। ग्राम के आदिवासियों ने बताया कि उनके टोला में आंगनबाडी केन्द्र नही है ततसंबंध में उप आंगनबाडी केन्द्र खोले जाने हेतु व्यवस्थाएं क्रियान्वित करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारी को दिए गए है। इसके अलावा एक आंगनबाडी केन्द्र जो संचालित हो रही है के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारियां कलेक्टर द्वारा प्राप्त की गई। कलेक्टर श्री सुचारी को अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 42 आदिवासियों को बडीबीड मेें आवास निर्माण हेतु द्वितीय किश्त जारी की जा चुकी है इससे पूर्व 20 आदिवासी परिवारों को इन्दिरा आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण कराया जा चुका है। तीनों ग्रामों में पहुंचमार्ग ना होने की जानकारी प्राप्त होने पर कलेक्टर श्री सुचारी ने वन संरक्षक श्री रविन्द्र सक्सेना से मोबाइल पर सम्पर्क किया और मार्ग बनाए जाने के लिए प्रयास करने की बात कही। वन संरक्षक ने आश्वस्त कराया कि वन समिति के माध्यम से सड़क बनवा दी जाएगी। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि सभी हितग्राहियों को मनरेगा के तहत कूप निर्माण कराया जाए। उन्होंने खाद, बीज वितरण, शैक्षणिक प्रबंध, उचित मूल्य दुकान के संबंध में भी जानकारियां प्राप्त की। तीनों ग्रामो में बिजली आपूर्ति के संबंध में बताया गया कि ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत पोल स्थापित करने की कार्यवाही की गई है ततसंबंध में कलेक्टर श्री सुचारी ने मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षक यंत्री से श्री जोस के पुंजात से मोबाइल पर चर्चा की और कार्य शीघ्र कराने का आश्वासन ग्रामवासियों को दिया। 


जनपद सीईओ को शोकाॅज नोटिस
कलेक्टर श्री सुचारी को ग्राम बडीबीड के आदिवासियों ने अवगत कराया कि ग्राम के पेंशन संबंधी 23 आवेदन विगत 17 दिसम्बर को जनपद कार्यालय में जमा किए गए है जिन पर अब तक स्वीकृति, अस्वीकृति संबंधी कार्यवाही नही की गई है। कलेक्टर श्री सुचारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले सचिव के साथ-साथ बासौदा जनपद सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा को शोकाॅज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है।

छात्रों ने समस्या बताई
त्योंदा हाई स्कूल के छात्रों ने कलेक्टर श्री सुचारी को अपनी समस्याएं बताई। छात्रों ने बताया कि विज्ञान विषय के शिक्षक ना होने के कारण अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा  है पूर्व में अतिथि शिक्षक द्वारा पढाया जा रहा था किन्तु इस वर्ष अब तक अतिथि शिक्षक की भी व्यवस्था नही की गई है। कलेक्टर श्री सुचारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को मोबाइल पर निर्देश दिए कि त्योंदा हाई स्कूल में विज्ञान विषय के शिक्षकों की व्यवस्था की जाए। श्री नेमा ने बताया कि शासन द्वारा अतिथि शिक्षक नियुक्ति के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए जा चुके है। आवेदन आॅन लाइन पोर्टल पर दर्ज किए जा रहे है। कलेक्टर श्री सुचारी ने छात्रों को आश्वस्त कराया कि उनकी समस्याओं का शीघ्र निदान कराया जाएगा।  

जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की बैठक सम्पन्न

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आज मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलो की बैठक आहूत की गई थी। कलेक्टर चेम्बर में हुई जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की इस बैठक में अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एचपी वर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्री रविशंकर राय, के अलावा विभिन्न राजनैतिक दलो के पदाधिकारी मौजूद थे। नगर परिषद शमशाबाद के निर्वाचन हेतु ईव्हीएम मशीनों, आचार संहिता एवं निर्वाचन आयोग के नवीन दिशा निर्देशों से राजनैतिक दलों के पदाधिकरियों को अवगत कराया गया और उन्हें संबंधित आदेशों की प्रतियंा प्रदाय की गई। 

प्रथम जांच
नगर परिषद शमशाबाद के निर्वाचन प्रक्रिया में उपयोग में लाई जाने वाली ईव्हीएम मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच 24 जुलाई से 26 जुलाई तक एसएसएल जैन काॅलेज विदिशा में प्रातः 11 बजे से सांय पांच बजे तक की जाएगी। जिसका अवलोकन राजनैतिक दलों के पदाधिकारी नियत समय एवं तिथियों में उपस्थित होकर कर सकते है।

जिले मंे 383.7 मिमी औसत वर्षा हुई

जिले की तहसीलों में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर गुरूवार की प्रातः आठ बजे दर्ज की गई वर्षा की जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि गुुरूवार को जिले में 21.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि एक जून से आज दिनांक 20 जुलाई तक 383.7 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। उक्त अवधि में गतवर्ष 651.5 मिमी औसत वर्षा हुई थी। ज्ञातव्य हो कि जिले की सामान्य वर्षा 1075.2 मिमी है। गुरूवार को तहसीलवार दर्ज की गई वर्षा तदानुसार विदिशा में 40.2 मिमी, बासौदा में 27.2 मिमी, कुरवाई में 18.4 मिमी, सिरोंज में 16 मिमी, लटेरी में 17 मिमी, ग्यारसपुर में आठ मिमी, गुलाबगंज में 20 मिमी और नटेरन में 25 मिमी वर्षा दर्ज की गई है

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