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वाराणसी में मोदी के लिए नाटक करने से कलाकार का इनकार

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narendra modi
एक कलाकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सांस्कृतिक शाखा संस्कार भारती की तरफ से वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के पक्ष में कराए जा रहे नुक्कड़ नाटक 'नमो नमो मंत्र'में काम करने से इनकार कर दिया है। रंगमंच कलाकार हरिश्चंद्र पाल ने शनिवार को बताया कि लक्ष्य नाट्य कलामंच के साथियों ने 'नमो नमो मंत्र'में अभिनय करने के लिए 17 अप्रैल को बुलाया था। पाल ने बताया, "नाटक में मुझे अरविंद केजरीवाल की भूमिका दी जा रही थी, जिसमें तमाम आपत्तिजनक संवाद थे, जिससे मैं असहमत था।"

पाल ने आगे बताया, "नाटक में केजरीवाल का किरदार किसी सभा में जाने से पहले पूछता है कि अंडे, टमाटर और पत्थर फेंकने वाले लड़कों की व्यवस्था हो गई है?"पाल ने कहा, "इस तरह के संवाद बोल पाना मेरे लिए कठिन था। मेरी आत्मा ने इसकी अनुमति नहीं दी और मैंने नाटक में काम करने से इनकार कर दिया। नाटक में यह दिखाने का प्रयास हो रहा है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर हमले प्रायोजित हैं और पार्टी खुद करा रही है, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं। मैं केजरीवाल को जानता हूं। पैसे के लिए मैं अपनी आत्मा नहीं बेच सकता।"

उल्लेखनीय है कि वाराणसी में मोदी के पक्ष में इस नुक्कड़ नाटक की 20 अप्रैल से लेकर अब तक 26 प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। इस बारे में लक्ष्य नाट्य कला मंच के उपाध्यक्ष अजय रौशन ने कहा कि पाल ने समयाभाव के कारण नाटक में काम करने से इनकार किया था। रौशन ने हालांकि स्वीकार किया कि मोदी के पक्ष में नाटक करने को लेकर संस्था में मतभेद रहा है और आज भी मतभेद है, लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से अंतत: नाटक करने का निर्णय लिया गया।

वाराणसी में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के तहत 12 मई को मतदान होना है। यहां गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) के बीच कांटे की टक्कर है। कांग्रेस के अजय राय, सपा के कैलाश चौरसिया, बसपा के विजय जायसवाल, माकपा के हीरालाल यादव और तृणमूल कांग्रेस की इंदिरा तिवारी भी चुनाव मैदान में हैं।

असम में हमला कायराना कारनामा : प्रधानमंत्री

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manmohan singh
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को असम में हिंसा की निंदा की और कहा है कि ऐसे हमले 'भय और आतंक फैलाने की कायराना कोशिश है।'मनमोहन सिंह ने एक बयान में कहा, "ऐसे हमले हमारे नागरिकों के बीच भय और आतंक फैलाने का कायर प्रयास है। सरकार आतंक के सभी रूपों से लड़ने के प्रति कटिबद्ध है।"

उन्होंने आगे कहा है कि जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है और जो प्रभावित हैं उनके लिए उनके दिल में गहरी संवेदना है। असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक (बीटीएडी) में 1 मई को हिंसा भड़क उठी। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के कार्यकर्ताओं ने कोकराझार और बक्सा जिले के गांवों पर हमला बोल दिया जिसके बाद हिंसा भड़की।

प्रधानमंत्री ने कहा है, "असम के लोगों ने पूर्व में आतंकवादी हमलों का साहस के साथ मुकाबला किया है। आम चुनाव में उन्होंने बड़ी संख्या में मतदान में हिस्सा लिया और मुझे विश्वास है कि वे आतंकवाद का मजबूती से मुकाबला करते रहेंगे।"

असम की हिंसा के लिए मोदी जिम्मेदारः कपिल सिब्बल

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केंद्र सरकार ने असम में हुए सांप्रदायिक हिंसा बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है. केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि मोदी ने देश में सांप्रदायिक माहौल बनाया जिसके नतीजे अब दिख रहे हैं. गौरतलब है कि असम के कोकराझार में हुए असम के दो जिलों कोकराझार और बक्सा में एनडीएफबी (एस) के सशस्त्र उग्रवादियों के गुरुवार से किए गए हमलों में मुस्लिम समुदाय के 27 लोग मारे गए हैं. इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं.

कपिल सिब्बल ने मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, नरेंद्र देश को तोड़ने वाले शख्स हैं. आज की तारीख में उनकी वजह से देश का माहौल खराब हो गया है.

कपिल सिब्बल ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी निगम पार्षद का चुनाव लड़ रहे है. उनकी बातों में कोई तथ्य नहीं होता. उनकी पार्टी भी गैर-जिम्मेदाराना बयान देती है. मोदी जी के गणित के हिसाब से तो वो पीएम भी बन गए हैं, लेकिन वो इतनी सीटें लाएंगे कहां से? 16 मई को सभी सवालों के जबाव मिल जाएंगे.

सिब्बल ने कहा, 'जब मोदी को लगा कि केंद्र जासूसी कांड की जांच करेगी तो राज्य सरकार ने आयोग का गठन कर दिया. लेकिन अभी तक आयोग की एक भी बैठक नहीं हो पाई है. किसी ने (अमित शाह या मोदी) स्नूपगेट से इनकार नहीं किया, बल्कि वो कह रहे हैं कि ये एक लड़की की सुरक्षा के लिए हुआ.'

अदालत ने रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया

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जोधपुर की एक अदालत ने पुलिस को बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया और साथ ही कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ उनकी विवादास्पद हनीमून टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ जांच शुरू की जाए।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने शुक्रवार को जोधपुर के विजय राव की ओर से उनके वकील एम ए राव द्वारा दाखिल इस्तगासे को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। इस्तगासे में मांग की गयी थी कि रामदेव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दलित समुदाय के संबंध में उनकी टिप्पणियों को लेकर उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए।

रामदेव ने पिछले माह यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था कि राहुल गांधी दलितों के घरों में हनीमून और पिकनिक मनाने जाते हैं। इसकी व्यापक निंदा होने के बाद रामदेव ने अपनी टिप्पणियों के लिए खेद जताया था।

कांग्रेस तीसरे मोर्चे को नहीं देगी समर्थन : राहुल

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लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा तीसरे मोर्चे को समर्थन देने की सम्भावनाओं को लेकर अटकलें लगाये जाने के बीच पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी किसी भी मोर्चे को समर्थन नहीं देगी।

अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन राहुल ने संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में इस सवाल पर कि देश में किसी भी दल को सरकार बनाने लायक बहुमत मिलने की सम्भावना नहीं है, ऐसे में स्थितियां बनने पर क्या कांग्रेस तीसरे मोर्चे को समर्थन दे सकती है, राहुल ने ना में सिर हिलाया और कहा हम किसी फ्रंट को समर्थन नहीं देंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस सरकार बनाने के लिये जोड़तोड़ करेगी, उन्होंने दोबारा ना में सिर हिलाया और दावा किया, हम पूरे नम्बर लाएंगे। गौरतलब है कि केन्द्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने हाल में कांग्रेस द्वारा तीसरे मोर्चे को समर्थन देने की सम्भावना व्यक्त की थी। उसके बाद इसकी अटकलें तेज हो गयी थीं। हालांकि बाद में खुर्शीद अपने बयान से पलट गये थे।


तमिलनाडु में बम विस्फोट, चार घायल

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तमिलनाडु के चिदंबरम में एक रिहायशी इलाके में शनिवार को हुए देशी बम धमाकों में चार लोग घायल हो गए। इससे इस मंदिर नगरी में तनाव बढ़ गया है। राज्य में गुरुवार को चेन्नई में काजीरंगा एक्सप्रेस में हुए दो बम धमाकों के बाद हाईअलर्ट लागू कर दिया गया है। रेल धमाकों में एक महिला की मृत्यु हो गई थी।

पुलिस ने कहा कि चिदंबरम में घटना एक दवा की दुकान के ऊपर स्थित एक कमरे में हुई। चार घायल होने वालों में से एक की पहचान अरूल के रूप में हुई है जो एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में काम करता है। धमाके ने अरूल की आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचाया है बाकी तीन को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और वह जांच कर रही है कि कहीं घायल होने वाले शख्स अपने कमरे में देशी बम बनाने में तो शामिल नहीं थे बम निरोधक दल ने भी क्षेत्र का निरीक्षण किया है।

धमाके ने स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है। घटना चेन्नई के रेलवे स्टेशन पर बेंगलूर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में हुए विस्फोट के मात्र दो दिन बाद हुई है। इसमें एक 24 साल की महिला की जान चली गई थी और 14 लोग घायल हो गए थे। राज्य में मई दिवस को हुए विस्फोट के बाद हाईअलर्ट जारी किया गया है।

बिहार : औरंगाबाद मे ओझा कहकर एक व्यक्ति की हत्या , पत्नि के बाल काटे ,

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dalit killed bihar
औरंगाबाद जिले के रिसियप थाना के भरौंधा गांव में आज दबंगों ने ऐसा कारनामा कर दिया जिसे समाज में बर्बर अपराध के रूप में जाना जाता है । गांव के दबंगों ने एक बच्चे कि तबियत खराब हेाने वजह से गांव के ही
बिन्देश्वरी साव के घर में दिनदहाड़े जबरन घुसकर पति पत्नी पर ओझा और डायन होने का आरोप लगाकर जमकर पिटायी की । इतना ही नहीं दबंगों का कहर यहीं नहीं समाप्त हुआ बल्कि उन्होंने बिन्देश्वरी साव की पत्नी गिरिजा देवी के बाल पकड़कर खींचते हुये आंगन तक ले आये और उसके बाल बेतरतीब तरीके से काट डाले । दबंगों के द्वारा बिन्देश्वर को पिटते हुये घर से बाहर निकाला गया और तबतक उसकी पिटायी की गई जबतक जान उसके शरीर से जुदा न हो गयी , बिन्देश्वर की मौत के बाद दबंगों ने उसके शव को घसीटते हुये खेत के बधार में फेंक दिया और आराम से चलते बने । पुरे डेढ़ घंटे तक चले दबंगों के इस बहशीपना को गांव वाले तमाशबीन बन देखते रहे परन्तु किसी ने भी इसे रोकने की जुर्रत नहीं कि । 

dalit women tortured bihar
बताया जाता है कि गांव के चंदुली चैहान का 15 वर्षीय पुत्र धमेन्द्र दो दिन पुर्व घर से गायब हो गया था जिसकी शिकायत रिसियप थाने में पविारवालों ने की थी और इसका आरोप बिन्देश्श्वर के सिर पर मढ़ डाला था । पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुये तहकीकात के लिये गांव पहुंची और इससे संबंधित जानकारी बिन्देश्वर से लेने की कोशिश की परन्तु वह पुरे घटनाक्रम में अपनी संलिप्तता से इनकार चला गया ।परन्तु आज सुबह चंदुली का पुत्र धमेन्द्र गांव में बेहोशी की हालत में मिला जिसे इलाज के लिये सदर अस्पताल औरंगाबाद लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर बताते हुये बनारस रेफर कर दिया । बच्चे की हालत देखकर चंदुली के आंखों में खुन उतर आया और वह अपने 20 समर्थकों के साथ के साथ बिन्देश्वर के घर पहुंचा जिसमें घर की महिलाये भी शामिल थी । 

बिन्देश्वर को देखते ही चंदुली के साथ रहे उसके ही स्वजातीय उसपर पिल पड़े और लाठी डंडों की बौछार कर दी और यह तबतक चलता रहा जबतक बिन्देश्वर की मौत न हो गयी । महिलाओं ने भी पुरूषों का साथ दिया और उनसबों ने भी लाठी डंडे का प्रयोग कर बिन्देश्वर की पत्नी की जमकर पिटाई कि और उसे मरता छोड़ फरार हो गये । इधर गांव में हुये इस दरिंदगी एवं बहशीपना के नंगे नाच की खबर पुलिस को मिली तो दल बल के साथ वह घटनास्थन पहुंची परन्तु पुलिस को वहां सिर्फ बिन्देश्वर की लाश ही मिली जबकि इस घटना को अंजाम देने वाले गांव से फरार हो चुके थे । पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिये अपनी कार्यवाही तेज कर दी है परन्तु गांव के लोगों के द्वारा जुबान न खोलने के कारण पुलिस को अनुसंधान में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । इस मामले में तहकीकात के पहले तक पुलिस ने मीडीया से परहेज करना ही मुनासिब समझा ।


धीरज कुमार पाण्डेय 
औरंगाबाद 
फेसबुक से 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (03 मई)

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मतगणना कार्य हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त

sidhi map
सीधी 3 मई, 2014  लोकसभा निर्वाचन की मतगणना 16 मई को शासकीय संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय सीधी में संपन्न होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री स्वाति मीणा द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2014 की मतगणना हेतु दृढ कक्ष से ई.व्ही.एम. लेकर निर्धारित विधानसभा के टेबिल पर पहुंचाने एवं गणना उपरांत ई.व्ही.एम. को दृढ कक्ष में वापस रखवाने हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इनकी सहायता हेतु सहायक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जारी आदेश अनुसार उक्त कार्य के लिए विधानसभा क्षेत्र चुरहट के लिए श्री रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी नायब तहसीलदार हनुमानगढ़ एवं श्री रामनिवास सोनी नायब तहसीलदार चुरहट को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र सीधी के लिए श्री आशीष अग्रवाल नायब तहसीलदार गोपद बनास एवं श्री रोशनलाल रावत राजस्व निरीक्षक को, विधानसभाी क्षेत्र सिहावल के लिए श्री अनादि पाण्डेय राजस्व निरीक्षक वृत्त देवगवां एवं श्री श्रीकांत दुबे राजस्व निरीक्षक वृत्त अमिलिया को तथा विधानसभा क्षेत्र धौहनी के लिए श्री डी.एस.मांझी नायब तहसीलदार कुसमी एवं श्री बी.के.पटेल नायब तहसीलदार मझौली को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। 
ग्रीष्मकालीन जुताई के लाभ अनेक
सीधी 3 मई, 2014  रबी फसलों की कटाई के पश्चात्  खेत में इतनी नमी रहती है कि गहरी जुताई का कार्य आसानी से हो सके । यही समय सर्वोत्तम समय ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करने का होता है। इस जुताई से कृषि में लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं । इस आशय की जानकारी देते हुए परियोजना संचालक आत्मा श्री संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया की अधिकांश किसान एक निश्चित गहराई पर (6-7 इंच) जुताई करते है। जिससे जल प्रवाह अधिक होता है। ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई (जो लगभग 9-12 इंच तक गहरी होती है) में यही कड़ी परत टूट जाती हैं। परिणामतः वर्षाकाल में ऐसे खेत की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है।  इस तरह जलसंरक्षण को प्रत्यक्षतः बढ़ावा मिलता है। इसी प्रकार खरपतवार, फसल उत्पादन को लगभग 20-60 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। कुछ खरपतवार जैसे-कांस, मोथा, दूध आदि की जड़े काफी गहराई तक रहती है। इनके नियंत्रण का एक कारगर उपाय ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई है, जिसके करने से उक्त ,खरपतवारों की जड़े राइजोम ऊपरी सतह पर आ जाते हैं जो बाद में तेज गर्मी में सूख कर नष्ट हो जातें है। फसल रोगों के रोगजनक एवं कीटों के अण्डें व शंखी मिट्टी में छिपे रहते हैं। गहरी जुताई होने से या तो ये ऊपर आ जाते हैं या गहराई में दबकर मर जातें हैं ऊपर आने पर तेज गर्मी के सम्पर्क में आने से नष्ट हो जाते है। इस तरह से कीट व रोगों का नियंत्रण संभव हो जाता हैं। गहरी जुताई वाले खेत पहली बरसात का सम्पूर्ण पानी सोख लेते हैं जिससे अधिकतम वायुमण्डलीय नत्रजन इन खेतों में अनायस ही आ जाती है। इसके साथ-साथ मृदाक्षण भी गहरे जुते खेतों में कम होता हैं। फलतः पोषक तत्वों का बहाव भी रूकता है। मात्र गहरी जुताई से अनेक लाभ हमारे किसान भाई अर्जित कर सकते हैं। 

मतगणना एजेन्ट क¨ तय स्थान के अलावा अन्य स्थान पर जाने की अनुमति नहीं ह¨गी  

सीधी 3 मई, 2014 भारत निर्वाचन आय¨ग ने ल¨कसभा चुनाव की मतगणना में राजनैतिक दल¨ं अ©र उम्मीदवार के मतगणना एजेन्ट¨ं के प्रवेश अ©र बैठने के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारिय¨ं क¨ दिशा निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश में 16 मई क¨ 29 संसदीय क्षेत्र की मतगणना 51 जिला मुख्यालय पर ह¨गी। निर्वाचन आय¨ग ने मतगणना एजेन्ट¨ं के मतगणना केन्द्र में बैठने के प्रबंध के संबंध में निर्देश दिये हैं। आय¨ग ने कहा है कि वरीयता क्रम के अनुसार एजेन्ट के बैठने की व्यवस्था की जाए। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दल, मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय राजनैतिक दल अ©र अन्य प्रदेश¨ं के मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (जिन्हें मध्यप्रदेश में चुनाव-चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है,) पंजीकृत मान्यता विहीन राजनैतिक दल के उम्मीदवार¨ं अ©र निर्दलीय उम्मीदवार¨ं के मतगणना एजेन्ट क¨ क्रम से प्राथमिकता दी जाएगी। मतगणना एजेन्ट¨ं क¨ आवंटित सीट¨ं के स्थान पर ही बैठने की अनुमति ह¨गी। एजेन्ट अपने निर्धारित स्थान के अलावा काउंटिंग हाॅल में अन्य जगह नहीं आ-जा सकेंगे। मतगणना केन्द्र में केवल अधिकृत व्यक्ति क¨ ही प्रवेश दिया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी क¨ मतगणना के तीन दिन पहले उम्मीदवार¨ं से प्रपत्र-18 में मतगणना एजेन्ट¨ं की सूची द¨ प्रति में प्राप्त करने के लिए कहा गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी किसी कारण से नियुक्त एजेन्ट क¨ प्रपत्र-19 के द्वारा निरस्त या बदल सकेंगे। 

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (03 मई)

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व्यक्तित्व के विकास के साथ रोजगार दे शिक्षा-कलेक्टर

panna news
पन्ना 03 मई 14/कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने उच्च शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कला महाविद्यालय, विधि महाविद्यालय, पालीटेक्निक काॅलेज, आईटीआई, डाईट तथा कन्या महाविद्यालय के पठन-पाठन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले में उच्च शिक्षा के अवसर कम हैं। यहां बडे तकनीकी संस्थान नही हैं। महाविद्यालयों से जो शिक्षा दी जा रही है उसे रोजगारमूलक बनाएं। विद्यार्थी के व्यक्तित्व के विकास के साथ शिक्षा उन्हें रोजगार का अवसर भी प्रदान करें। काॅलेजों में समय की मांग के अनुसार आधुनिक तथा अधिक उपयोगी पाठ्य क्रम प्रारंभ कराएं। काॅलेज भवनों की साफ-सफाई एवं पठन-पाठन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। वर्ष में कम से कम दो बार बडी कम्पनियों को आमंत्रित कर रोजगार मेलों का आयोजन कराएं। इससे विद्यार्थियों को रोजगार का अवसर मिलेगा। बैठक में प्राचार्य छत्रसाल महाविद्यालय टी.आर. नायक ने बताया कि जिले में दो निजी महाविद्यालयों सहित 9 महाविद्यालय संचालित हैं। गुनौर में हालही में महाविद्यालय प्रारंभ किया गया है। इसमें भवन निर्माण के लिए भूमि का चयन करके प्रस्ताव भेज दिया गया है। पन्ना में संचालित कन्या महाविद्यालय का भवन बहुत छोटा है। नवीन भवन निर्माण के लिए स्वीकृति प्राप्त हो गई है। किन्तु इसके लिए शहर से 4 किलो मीटर दूर भूमि आवंटित की गई है। इसे शहर के पास प्रदान करें जिससे कन्याओं को सुविधाजनक शिक्षा की व्यवस्था हो सके। उन्होंने बताया कि दूरवर्ती अध्ययन केन्द्रों का संचालन संबंधित विश्वविद्यालय के माध्यम से किया जा रहा है। काॅलेज में प्रवेश के लिए इस वर्ष से आॅनलाईन सुविधा शुरू की गई है। प्रवेश के लिए 21 मई से 15 जून तक विद्यार्थियों का पंजीयन किया जाएगा। उनके द्वारा दिए गए विकल्प तथा मैरिट के अनुसार उन्हें प्रवेश मिलेगा। कलेक्टर ने आईटीआई की समीक्षा करते हुए कहा कि कौशल विकास केन्द्रों तथा आईटीआई में निर्धारित ट्रेड का प्रशिक्षण नियमित रूप से संचालित करें। प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित विद्यार्थियों को रोजगार का भी अवसर प्रदान करें। इससे प्रशिक्षित युवाओं को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से लाभान्वित कराएं। प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आवश्यक उपकरण की अनिवार्य रूप से व्यवस्था करें। पालीटेक्निक काॅलेज में भी व्यवहारिक प्रशिक्षण के लिए उपकरणों की व्यवस्था करें। इसके लिए तत्काल प्रस्ताव तैयार करें। पवई में स्वीकृत पालीटेक्निक काॅलेज भवन का निर्माण आवंटित भूमि पर बिजली की लाईन होने के कारण नही हो पा रहा है। कार्यपालन यंत्री विद्युत मंडल तत्काल लाईन को भूमि से हटाने की कार्यवाही करें। कलेक्टर ने सभी एसडीएम को तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि गत दिवस नवोदय विद्यालय का निरीक्षण किया गया। वहां की भोजन व्यवस्था में सुधार कराएं। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विद्यालय परिसर में सडक का 15 दिवस में निर्माण कार्य पूरा कराएं। कलेक्टर ने केन्द्रीय विद्यालय की समीक्षा करते हुए कहा कि इस वर्ष कक्षा 9वीं में बडी संख्या में विद्यार्थी फेल हुए हैं। इनके संबंध में शासन से मार्गदर्शन प्राप्त कर प्रावधान के अनुसार इन्हें पुनः परीक्षा का अवसर प्रदान करें। उन्होंने विद्यालय परिसर मे साफ-सफाई के संबंध में भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती भावना बालिम्बे, एसडीएम अशोक ओहरी तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

शाला जाने योग्य प्रत्येक बच्चे का कराए प्रवेश-कलेक्टर
  • मानीटरिंग न करने वाले सीएसी पर होगी कडी कार्यवाही-कलेक्टर

panna news
पन्ना 03 मई 14/कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने स्कूल चले हम अभियान तथा शालाओं की पठन-पाठन व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शाला जाने योग्य प्रत्येक बच्चे को अनिवार्य रूप से शाला में प्रवेश कराएं। ग्राम शिक्षा पंजी में सर्वेक्षण के दौरान दर्ज शत-प्रतिशत बच्चों का शाला में प्रवेश दिलाएं। इन्हें समय पर निःशुल्क पुस्तकें, गणवेश तथा साइकिलें उपलब्ध कराएं। मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता का ध्यान रखें। नये शिक्षा सत्र से नियमित रूप से तथा मीनू के अनुसार मध्यान्ह भोजन का वितरण कराएं। जिला शिक्षा केन्द्र में कार्यरत सभी सीएसी नियमित रूप से भ्रमण करके शिक्षा की गुणवत्ता की निगरानी करें। शालाओं को आवंटित राशि के नियमानुसार उपयोग तथा उपयोगिता प्रमाण पत्र 15 दिवस में प्रस्तुत करें। मानीटरिंग न करने वाले सीएसी पर कडी कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माणाधीन शाला भवनों का निर्माण एक जुलाई तक अनिवार्य रूप से पूरा कराएं। जिन भवनों का निर्माण पूरा हो गया है उन्हे तत्काल हैण्डओव्हर कराएं। माॅडल स्कूल के भवनों का निर्माण भी जुलाई तक अनिवार्य रूप से पूरा कराएं। शिक्षकों की पदोन्नति, क्रमोन्नति तथा उनके अन्य स्वत्वों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करें। इस संबंध में लगातार कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। पेंशन प्रकरण तथा न्यायालयीन प्रकरणों का भी समय पर निराकरण सुनिश्चित करें। उत्कृष्ट विद्यालय एवं माॅडल स्कूल की शिक्षा व्यवस्था को सर्वश्रेष्ठ बनाएं। प्रत्येक स्कूल में उसकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले बोर्ड अनिवार्य रूप से लगवाएं। कई शाला भवन परिसरों में अतिक्रमण हो रहे हैं। सभी एसडीएम 15 दिवस में सभी अतिक्रमण हटाकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। शासकीय भवन और भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को जेल भेजने की कार्यवाही करें। कलेक्टर ने शाला त्यागी बच्चों तथा रोजगार के लिए जिले से बाहर जाने वाले मजदूरों के बच्चों के लिए संचालित छात्रावासों की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में बच्चों को पठन-पाठन के साथ-साथ भोजन एवं आवास की भी बेहतर सुविधा दें। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला परियोजना समन्वयक शिक्षा मिशन को निर्देश देते हुए कहा कि 15 दिन तक सभी प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं की साफ-सफाई एवं पुताई सुनिश्चित करें। प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों की अलग-अलग पहचान सुनिश्चित करने के लिए इनमें अलग-अलग रंगों की पट्टी लगाएं।बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी कमल सिंह कुशवाहा ने मध्यान्ह भोजन योजना, शिक्षकों की पदोन्नति तथा निर्माण कार्यो की प्रगति की जानकारी दी। जिला समन्वयक एस.बी. मिश्रा ने बताया कि बच्चों के शालाओं में शत-प्रतिशत प्रवेश के लिए एक से 5 मई तक प्रत्येक गांव में सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिले से बाहर जाने वाले परिवारांे के बच्चों को छात्रावास की जिला स्तर पर सुविधा देने के लिए 250 सीटर छात्रावास की व्यवस्था की जा रही है। गणवेश, निःशुल्क किताबें तथा साइकिल वितरण की कार्ययोजना बना ली गई है।बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती भावना बालिम्बे ने कहा कि पारधी छात्रावास तथा कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की व्यवस्थाओं में सुधार करें। मध्यान्ह भोजन केवल वास्तविक रूप से उपस्थित बच्चों के अनुसार तैयार कराएं। इसमें लापरवाही बरतने वाले समूहों पर कडी कार्यवाही करें। बैठक में इको क्बल की गतिविधियां, परीक्षा परिणाम, शालाओं में खेलकूंद व्यवस्था की भी समीक्षा की गई। बैठक में एसडीएम अशोक ओहरी, सभी खण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसी, बीएसी तथा एपीसी एवं प्राचार्य उपस्थित रहे। 

लापरवाह समिति प्रबंधक निलंबित

panna news
पन्ना 03 मई 14/गत दिवस कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने बृजपुर खरीदी केन्द्र में समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान किसानों से खरीदे गए गेंहू में भारी मात्रा में अन्य पदार्थ मिले हुए पाए गए। इसे गंभीर अनियमितता तथा कर्तव्यों के प्रति लापरवाही मानते हुए कलेक्टर ने समिति प्रबंधक बृजपुर किशोर कुमार दीक्षित को तत्काल से प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। उन्हें निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जााएगा। उन्होंने महा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक को बृजपुर खरीदी केन्द्र में गेंहू की खरीद के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद की कडी निगरानी की जा रही है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बरतने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।                                     

पत्थर खदान की लीज निरस्त

पन्ना 03 मई 14/पन्ना तहसील के ग्राम सरकोहा में आशीष कुमार मिश्रा को खसरा नम्बर 45 एवं 46 में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में फर्शी पत्थर की खदान एक जनवरी 2006 से 31 अक्टूबर 2016 तक के लिए मंजूर की गई थी। यह खदान 11 नवंबर 2009 को शैलेन्द्र कुमार निवासी धाम मोहल्ला पन्ना को अंतरित की गई थी। पट्टेदार द्वारा वर्ष 2010 से 2013 तक मृतकर की राशि एक लाख 16 हजार 250 रूपये जमा करने तथा अनुबंध की शर्तो का लगातार उल्लंघन करने पर कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने खदान की लीज निरस्त करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने लंबित बकाया राशि की भूराजस्व की तरह वसूली करने के निर्देश एसडीएम पन्ना को दिए हैं। 

मतगणना के लिए अधिकारी तैनात

पन्ना 03 मई 14/खजुराहो संसदीय क्षेत्र में शामिल पन्ना जिले की तीनों विधान सभा क्षेत्रों की मतगणना 16 मई को पालीटेक्निक काॅलेज पन्ना में की जाएगी। इस संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर बालिम्बे ने बताया कि प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में गणना टेबिल तक इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पहुंचाने एवं गणना के बाद उन्हें सीलिंग कक्ष तक पहुंचाने के लिए अधिकारी तैनात किए गए हैं। इनकी सहायता के लिए 7-7 कर्मचारी भी तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि विधान सभा क्षेत्र पवई में टेबिल क्रमांक एक से 7 तक के लिए सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत जी.सी. जैन तथा टेबिल क्रमांक 8 से 14 तक के लिए अधीक्षक भूअभिलेख पी.एल. मरावी को तैनात किया गया है। विधान सभा क्षेत्र गुनौर मे टेबिल क्रमांक एक से 7 तक के लिए सहायक परियोजना अधिकारी आर.के. मिश्रा तथा टेबिल क्रमांक 8 से 14 तक के लिए नायब तहसीलदार कल्दा एस.आर. कारपेन्टर को तैनात किया गया है। विधान सभा क्षेत्र पन्ना में टेबिल क्रमांक एक से 7 तक के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद गुनौर ओ.पी. अस्थाना तथा टेबिल क्रमांक 8 से 14 तक के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पन्ना आनन्द शुक्ला को तैनात किया गया है। श्री बालिम्बे ने तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 5 मई तक निर्वाचन कार्यालय में अपने पासपोर्ट आकार के 2 फोटो उपलब्ध कराने तथा 16 मई को प्रातः 6 बजे शासकीय पालीटेक्निक काॅलेज में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।                 

समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक 6 मई को 

पन्ना 03 मई 14/प्रत्येक सोमवार को आयोजित होने वाली समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक सोमवार 5 मई के स्थान पर मंगलवार 6 मई को आयोजित की जा रही है। यह बैठक प्रातः 10.30 बजे से जिला पंचायत सभागार में शुरू होगी। अपर कलेक्टर चन्द्रशेखर बालिम्बे ने संबंधित अधिकारियों से समयावधि पत्रों के शत प्रतिशत निराकरण की जानकारी के साथ बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।               

जिले में समर्थन मूल्य पर अब तक 2.56 लाख क्विंटल गेंहू की खरीद 

पन्ना 03 मई 14/जिलेभर में 41 केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीद की जा रही है। गेंहू की आॅनलाईन खरीद सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही है। अब तक 4552 किसानों से 256664 क्विंटल गेंहू की खरीद की गई है। खरीदे गए गेंहू के लिए किसानों को 23 करोड 83 लाख 34 हजार 457 रूपये का भुगतान किया जा चुका है। इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती स्वाति जैन ने बताया कि खरीदी केन्द्र पहाडीखेडा में 4561 क्विं., बृजपुर में 8988 क्विं., लक्ष्मीपुर में 16121 क्विंटल, देवेन्द्रनगर में 20078 क्विं., राजापुर में 9028 क्विं., बिरवाही में 16354.50 क्विं, रैगढ में 9063 क्विं, अमानगंज में 12994 क्विंटल, गुनौर में 5618 क्विंटल तथा सलेहा में 2381.50 क्विं. गेंहू की खरीद हुई है। खरीदी केन्द्र पवई में 2754.50 क्विं, करही में 3363 क्विंटल, सिमरिया में 6198 क्विंटल, रैयासांटा में 813.50 क्विंटल, शाहनगर में 1478.50 क्विंटल, बोरी में 7445 क्विंटल, रैपुरा में 9268 क्विंटल, बघवारकला में 1613.50 क्विंटल, बगरोड में 91 क्विंटल अजयगढ में 381 क्विंटल, धरमपुर में 50.50 क्विंटल, विपणन समिति देवेन्द्रनगर में 25812.50 क्विंटल, विपणन समिति गुनौर में 25067 क्विंटल, अजयगढ में 654.50 क्विंटल, बराछ में 3958 क्विंटल, ककरहटी 11016 क्विंटल खरीद हो चुकी है। कमताना में 8374 क्विंटल, द्वारी में 4221.50 क्विं, कृष्णगढ में 3322 क्विं, मोहन्द्रा में 1842.50 क्विंटल, पगरा में 5220 क्विंटल, फतेहपुर में 1281 क्विंटल, झरकुआ में 6630 क्विंटल, बनहरी में 3007 क्विंटल, पिष्टा में 97 क्विंटल, सहकारी समिति महेबा में 8278 क्विंटल गेंहू की खरीद की जा चुकी है। बिसानी में 459 क्विंटल, सुनवानीकला में 4492 क्विं, मुडवारी में 1280.50 क्विंटल, विपणन समिति पवई में 1390 क्विंटल, मलघन में 488.50 क्विंटल की खरीद हुई है। खरीदे गए गेंहू का लगातार परिवहन तथा भण्डारण किया जा रहा है। अब तक एक लाख 99 हजार 112 क्विंटल गेंहू का परिवहन करके भण्डारण कर दिया गया है।

मतगणना कर्मचारियों को मिलेंगे प्रवेश पत्र

पन्ना 03 मई 14/लोक सभा निर्वाचन में खजुराहो संसदीय क्षेत्र में शामिल पन्ना जिले की तीनों विधान सभा क्षेत्रों की मतगणना 16 मई को प्रातः 8 बजे से पालीटेक्निक काॅलेज पन्ना में की जाएगी। मतगणना के लिए तैनात प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा फोटायुक्त प्रवेश पत्र जारी किए जा रहे हैं। इसके लिए सहायक मत्स्य अधिकारी अनिल सिंह परिहार, बीएसई रमाकान्त खरे, लेखापाल रामकृष्ण त्रिपाठी तथा सहायक ग्रेड-3 सुजनकृष्ण बाला को तैनात किया गया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर बालिम्बे ने मतगणना के लिए तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने फोटो जिला निर्वाचन कार्यालय में उपलब्ध करने तथा 13 मई तक अपने परिचय पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। 

निर्माण कार्यो की समीक्षा बैठक 8 मई को

पन्ना 03 मई 14/विभिन्न विभागों से स्वीकृत निर्माण कार्यो की प्रगति की समीक्षा बैठक 8 मई को प्रातः 10.30 बजे से जिला पंचायत सभागार में आयोजित की जा रही है। इसमें कलेक्टर आर.के. मिश्रा निर्माण कार्यो की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करेंगे। बैठक में लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजना, सडक विकास निगम, कृषि विपणन बोर्ड, गृह निर्माण मंडल तथा परियोजना क्रियान्वयन ईकाई द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यो की समीक्षा की जाएगी। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के.के. मिश्रा ने सभी संबंधित अधिकारियों से अद्यतन जानकारी के साथ बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है। 

तीसरे मोर्चे में शामिल करेंगे आप को : करात

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prakash karaat
मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात ने शनिवार को कहा कि आम चुनाव के बाद यदि गैर कांग्रेस-गैर भाजपा सरकार बनाने की संभावना पैदा होती है तो आम आदमी पार्टी (आप) को भी इसका हिस्सा बनाने की पेशकश की जाएगी। माकपा महासचिव ने कहा कि इस बारे में फैसला आप पर निर्भर रहेगा, लेकिन हम उन्हें गैर कांग्रेस-गैर भाजपा दल के रूप में मानते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अपने नेता नरेंद्र मोदी के पक्ष में 'लहर'होने के दावे को खारिज करते हुए करात ने कहा कि ऐसी कोई लहर नहीं है।

यहां अशोक रोड पर इंडियन वूमेन प्रेस कोर्प्स में बातचीत के दौरान करात ने कहा, "हम 11 पार्टियां मैदान में हैं जिन्होंने कांग्रेस या भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं किया है। लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद हम इन दलों को एकजुट करने में सक्षम होंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि तीसरे मोर्चे की सरकार के सत्ता में आने की पूरी संभावना दिखती है जिस पर हम चुनाव के बाद काम करेंगे।

25 फरवरी को माकपा ने 11 क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधियों की दिल्ली में बैठक की थी। इस बैठक में समाजवादी पार्टी, जनता दल (युनाइटेड) भी शामिल हुई थी। इस बात को स्वीकार करते हुए कि देश में 'कांग्रेस विरोधी'भावना काम कर रही है, उन्होंने कहा कि इसे 'नरेंद्र मोदी के पक्ष में लहर'कहकर गलत व्याख्या की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस कथित 'लहर'का केवल उन्हीं जगहों पर भाजपा को लाभ मिलेगा जहां मुकाबला दोनों राष्ट्रीय दलों के ही बीच में हो रहा है। लेकिन इसका लाभ उन राज्यों में जहां क्षेत्रीय दलों की स्थिति मजबूत है, नहीं मिल पाएगा।

रायगढ़ के पास पैसेंजर ट्रेन के चार डिब्बे पटरी से उतरे, आठ की मौत

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मुंबई के रायगढ़ के पास रविवार को सावंतवाड़ी यात्री ट्रेन के चार डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में आठ यात्रियों की मौत हो जाने की खबर है जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को इलाज के लिए समीप के अस्पताल भेजा गया है। 

रिपोर्ट के मुताबिक यह हादसा ट्रेन के एक टनल से बाहर निकलते समय हुआ। हादसे की वजह से कोंकण रेलमार्ग को बंद कर दिया गया है।

पुलिस ने राबड़ी की गाड़ी की तलाशी ली

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बिहार की पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी की हत्या की साजिश रची गई थी. इस मामले में राबड़ी ने मामला दर्ज कराया है. घटना छपरा के सोनपुर की है. राबड़ी ने कहा कि एक काली स्कॉर्पियो उनका पीछा कर रही थी. जो बार-बार उनको ओवरटेक कर रही थी. इस गाड़ी में कुछ लोग सवार थे. जो उनकी हत्या करना चाहते थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार राबड़ी देवी अपना प्रचार खत्म करके लौट रहीं थीं.


उनकी गाड़ी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की गाड़ी से काफी आगे निकल गयी. वहीं कुछ दूरी पर पुलिस ने राबड़ी देवी की गाड़ी को रुकवा कर चेकिंग की. घटना की सूचना मिलते ही लालू वहां पहुंचे. लालू ने पुलिस वालों और एसडीएम को जमकर खरी-खोटी सुनाई. इस मामले को लेकर राबड़ी ने एक एफआइआर दर्ज कराई जिसमें उन्होंने एक काली स्कॉर्पियो पर सवार लोगों पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया है. पुलिस ने काली स्कॉर्पियो को जब्त कर लिया है. गाड़ी पर पश्‍चिम बंगाल का नंबर है.


बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और सारण से आरजेडी उम्मीदवार राबड़ी देवी का कहना है कि वो चुनाव प्रचार के दौरान रोज रात को इस इलाके से होकर गुजरती हैं, लेकिन बीती रात उन्हें जानबूझकर फंसाने और साजिश के तहत हत्या करने की कोशिश की गई. वहीं राबड़ी देवी की गाड़ी की तलाशी लेने वाले पुलिस अफसरों का कहना है कि उन्होंने चुनाव आयोग के निर्देश पर एहतियातन गाड़ी की जांच की थी. मौके पर मौजूद एसडीएम सुधीर कुमार ने कहा अगर प्रशासन की तरफ से राबड़ी देवी के साथ गलत व्यवहार हुआ तो उन्हें इसके लिए खेद है. एसडीएम ने लालू समर्थकों पर प्रशासन के लोगों से मारपीट का आरोप भी लगाया. एसडीएम सुधीर कुमार ने कहा कि वीडियो ट्रैकिंग टीम के साथ मारपीट की गई.

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (03 मई)

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समर्थन मूल्य मे गेंहु बेचने के बाद पैसे के लिए भटक रहे अन्नदाता
  • आधारकार्ड औंर वोटरआईडी नही मिलने से अटका भुगतान

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झाबुआ--- झाबुआ आदिवासी बाहुल्य जिला होकर यहां का अधिकांष आदिवासी किसान अषिक्षित एवं अनपढ़ होकर कानूनी नियमो से बेखबर रहता हैं, ऐसे में षासन द्वारा नित नयें फरमान जारी कर देने से जिले के अन्नदाताओ को भारी परेषानियो का सामना करना पड़ रहा हैं।  मामला हैं जिले मे षासन के निर्देषानुसार समर्थन मूल्य पर सोसायटियो के माध्यम से पंजीकृत किसानो का गेंहु खरीदा जा रहा हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेंहु के लिए बकायदा षासन के निर्देष पर पंजीयन भी हो रहा। लेकिन गेंहु बेचने के बाद गेंहु का भुगतान लेने के लिए किसानो को दर-दर भटकना पड़ रहा हैं। षासन को समर्थन मूल्य में गेंहु देने के बाद अन्नदाता उल्टे परेषान हो गए। भुगतान के लिए किसानो से बैंक वाले अब आधार कार्ड एवं वोटर आईडी कार्ड मांग रहे। औंर तो औंर साथ में उनकी पत्नी के भी आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड मांग रहे हैं। यह स्थिति नवीन पंजीकृत किसानो के साथ पूर्व में पंजीकृत किसानो को  भी आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड के बिना भुगतान नही किया जा रहा हैं। यदि जिम्मेवारो द्वारा आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड की आवष्यकता किसानो को पहले बता देते तो कुछ भी करके व्यवस्था कर लेते हैं, लेकिन अब अचानक क्या करेंगें, जिम्मेवारो की लापरवाही का खामियाजा किसानो केा भुगतना पड़ रहा हैं ? लेकिन जिले के अधिकांष किसानो के आधार कार्ड नही बन पायें हैं। वहीं अब आधार कार्ड बनाना भी बंद हो गया हैं, ऐसे में किसान को षासन को गेंहु बेचना भारी पड़ गया हैं। आधार कार्ड के साथ वोटर आईडी कार्ड भी मांग रहे हैं जबकि जिले के कई किसानो के पास तो वोटर आईडी भी नही हैं। वहीं जिले के कई ग्रामीण किसान तो ऐसे भी हैं जिनके पास न तो आधार कार्ड हैं औंर न ही वोटर आईडी हैं। ऐसे में उन किसानो का क्या होगा तथा उनका भुगतान कैसे होगा ? जबकि बैंक वालो ने आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड अनिवार्य कर दिया। ऐसी स्थिति में अब किसानो को कोई भी विकल्प निकालने के लिए दर-दर भटकना पड़ता हैं तथा अन्नदाता ही अन्न का भुगतान के लिए मुष्किलो में फंस गया हैं।

जिम्मेवारो की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान
ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि जब भुगतान के समय आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड मंागे जा रहे हैं और साथ में उनकी पत्नियो के भी आधार कार्ड व वोटर आईडी कार्ड मांगे जा रहे हैं तो इनकी आवष्यकता गेंहु खरीदी के दौरान किसानो को क्यो नही बताई। यदि जिम्मेवार लापरवाही न बरतते हुए गेंहु खरीदी के दौरान बता दिया होता तो किसान लोग कैसे भी इधर-उधर भटक कर अभी कुछ भी आधार कार्ड अथवा वोटर आईडी कार्ड अथवा दोनो बनवा लेते हैं, लेकिन किसानो को परेषान करने के लिए भुगतान के समय ही आधार कार्ड औंर वोटर आईडी कार्ड मांगना सूझा, ऐसे अब किसान लोग अचानक इनकी व्यवस्था कैसे करेंगें ? जिम्मेवार अधिकारियो की लापरवाही का खामियाजा अब किसानो को भुगतना पड़ रहा हैं ? जिले में पंजीयन के अनुसार गत वर्श झाबुआ जिले मंे करीबन 5698 किसान पंजीकृत किसानो से गेंहु खरीदा गया था। इस बार पंजीकृत किसानो की नवीन संख्या 1686 बढ़कर कुल 7384 हो गई हैं। अभी तक 3971 पंजीकृत किसानो से कुल 26 हजार मैट्रिक टन गेहुं की खरीदी की जा चुकी एवं खरीदी जारी हैं। झाबुआ जिले के अधिकांष किसान जिन्होने षासन के निर्देषानुसार समर्थन मूल्य योजना में अपना गेंहु सोसायटियो को बेच दिया हैं परंतु भुगतान के लिए वे अभी भी दर-दर भटक रहे हैं ? अब सवाल यह उठता हैं कि जिला प्रषासन पंजीकृत किसानो जिन्होने गंेहु बेच दिये हैं, उनके आधार कार्ड औंर वोटर आईडी बनाने की व्यवस्था करेगा अथवा अन्नदाता भुगतान के लिए दर-दर भटकता रहेगा ?

पूर्व कलेक्टर कियावत द्वारा घोटाले में झूठा नाम षामिल करने पर न्यायालय में याचिका दायर की
  • तत्कालीन कलेक्टर श्री षर्मा-जिप सीईओ धुर्वे का छपाई कांड मंे एक औंर घोटाला उजागर

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झाबुआ--- कहने वाले कहते हैं कि पूत के पांव पालने मंे नजर आते हैं औंर भ्रश्टाचार के मामले फाईलो में नजर आते हैं। झाबुआ में पूर्व पदस्थ जिला कलेक्टर जगदीष षर्मा, जिला पंचायत सीईओ धुर्वे एवं इनके साथ 10 अन्य अधिकारियो एवं कर्मचारियो के साथ छपाई मामले में आर्थिक भ्रश्टाचार जांच मंे सिद्ध होने पर न्यायालयीन प्रक्रिया मंे लंबित हैं। पूर्व छपाई मामले में न्यायालयन में लंबित मामला अभी निपटा ही नही के एक ओर घोटाला उजागर हो गया। मामला हैं 11 सूत्रीय कार्यक्रम मंे हुई छपाई घोटाले का तत्संबंध मंे वर्श 2009 मेे झाबुआ जिला पंचायत में 11 सूत्रीय कार्यक्रम मंे प्रपत्र के छपाई मंे हुए घोटाले मंे तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी सुभाश ललवानी, जो वर्तमान मे अलिराजपुर में पदस्थ हैं, ने प्रकरण मंे अपना झूठा नाम षामिल कर दोशी बताने पर जांचकर्ता तत्कालीन अपर आयुक्त श्रीमती राजकुमारी खन्ना, आयुक्त रोजगार गारंटी भोपाल , श्रीमती कलेक्टर जयश्री कियावत जिला झाबुआ एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी झाबुआ के विरूद्ध मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अलिराजपुर न्यायालय मंे धारा 500 एवं धारा 120 बी के अंतर्गत परिवाद दायर कर संबंधितो को उचित दण्ड देने की मांग की हैं। याचिका दायरकर्ता के अनुसार उनके द्वारा नोटषीट पर पूर्व में वंदना प्रिंटिंग झाबुआ से 1.90 पैसे मंे प्रपत्र छपाई का उल्लेख कर इसी दर पर प्रपत्र छपाई की अनुषंसा की गई थी, परंतु बाद में उनकी  अनुपस्थिति में सीधे नोटषीट जिला पंचायत को भेजकर सीधे आदेष दिए गए तथा 1.90 पैसे की बजाय 7 रूपये की दर मंे मनरेगा मद से उक्त छपाई का भुगतान कर दिया गया। गौरतलब तथ्य यह हैं कि छपाई का आदेष देने से लेकर भुगतान प्रक्रिया तक न तो कोई उन्होने कोई टीप लिखी औंर नही कोई हस्ताक्षर हैं। षिकायत होने पर अपर आयुक्त इंदौर श्रीमती राजकुमार खन्ना ने अभिलेखोका सही परीक्षण नही किया गया तथा उनके बयान भी नही लिये गये एवं षिकायत को सही पाना बताया गया। तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत द्वारा भी बिना परीक्षण किये प्रकरण मंे तत्कालीन कलेक्टर जगदीष षर्मा, जिला पंचायत सीईओ जेएस धुर्वे तथा सुभाश ललवानी का नाम षासन को भेजकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की अनुषंसा  की गई। आयुक्त रोजगार गारंटी भोपाल द्वारा तत्संबंध मंे एफआईआर दर्ज करानेके निर्देष दिए गए। उक्त मामले मंे ललवानी ने अपना पक्ष रखने के लिए दस्तावेजो के सबूतो को साथ सर्वसंबंधित अधिकरियो कोकई बार आवेदन भेजकर एवं लीगल नोटिस देकरपुनः सहींजांच करवाकर उन्हे दोश मुक्त करने हेतु निवेदन किया गया। परंतु जिला पंचायत केअधिकारी ने सारे आवेदनो को पूर्वागृह से ग्रसित होने के कारण नस्तीबद्ध कर दिए। अपने वरिश्ठ अधिकरियो की उक्त कार्यवाही से त्रस्त एवं परेषान सुभाश ललवानी ने अंत मंे मजबूर होकर अपनी मानहानि होने तथा उनके खिलाफ आपराधिक शड़यंत्र रचने का अपराध संबंधित परिवाद न्यायालय मंे दायर किया गया। ललवानी का कहना हैं कि ऐसे ही एक  मामले मे उनके द्वारा एक अन्यप्रकरण मंे करीबन मंे 22 लाख का फर्जी भुगतान नही होनेदिया गया था जिससे भी अधिकारी उनसे रूश्ठ थें। नये खुलासे के अनुसार उक्त विभाग मंे छपाईयो के मामलो मंे परत दर परत भ्रश्टाचार की कहानिया बाहर आती जा रही हैं। ललवानी की नोटषीट के अनुसार यदि विभाग 11 सूत्रीय कार्यक्रम के प्रपत्रो की छपाई 1.90 पैसे के हिसाब से करवाता तो उक्त कार्य करीबन 1 लाख 10 हजार मंे पूर्ण हो जाता, परंतु भ्रश्टाचार की भूख औंर आर्थिक धन पिपासा में अधिकारियो को अंधा कर दिया था, जो काम 1 लाख 10 हजार मे हो रहा था, वह काम 4 लाख 20 हजार में 7 रूपये प्रति प्रपत्र की दर से करवाकर 3 लाख 10 हजार का सीधे-सीधे आर्थिक भ्रश्टाचार कर षासन का चूना लगाने में पीछे नही हटे। यदि इसकी भी सुक्ष्म एवं निश्पक्ष जांच हो जाती हैं तो तत्कालीन कलेक्टर जगदीष षर्मा एवं जिला पंचायत सीईओ एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी एक नये झमेले में पड़कर उलझते हुए नजर आयेंगे ?

22 लाख की फाईल कब होगी उजागर

वर्ष 2009 में एक ओर 22 लाख की एक प्रिंट घोटाला हुआ, लेकिन एक अधिकारी की सूझबूझ के चलतें भुगतान रोक दिया गया। एक अधिकारी द्वारा नोटषीट पर टीप लिख दिये जाने से 22 लाख के घोटाले का भुगतान होने से बच गया। परंतु भुगतान तक पहुची हुई फाईल की प्रक्रिया कब, क्यो व किसने तथा किसके ईषारे पर की। भुगतान न होने की स्थिति मंे उक्त प्रक्रिया की जांच क्यो लंबित कर दी गई। क्यो नही हो रही 22 लाख घोटाले की दबी फाईल की जांच, आखिर कब होगी इसकी जांच, ऐसे कई यक्ष प्रष्न 2009 में जिला पंचायत में हुए छपाई मामलो में हुए भ्रश्टाचार की दास्ता की कहानी कहते हुए नजर आ रहे हैं। वर्तमान अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे कि हमारे कार्यकाल का नही हैं, पहले कुछ हुआ होगा हमे पता नही।

सेन समाज की जयंति मनायी

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झाबुआ--- प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रायपुरिया मंडल सेन समाज द्वारा श्री सेन समाज महाराज की 714 वी सेन जयंति बड़े ही हर्षोल्लास व धूम धाम से मनायी गयी। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा संत षिरोमणी श्री सेन जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पष्चात समाज के अध्यक्ष विनित चैहान ने सेन महाराज के जीवन पर प्रकाष डाला तथा उनके द्वारा समाज हित में किये गये कार्यों का उल्लेख किया गया। समाज के नवयुवक अरूण भाटी ने समाजजनों को आहवान किया की सभी एकजुट होकर आगे बढ़े। समय के साथ परिवर्तन समाज को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। कार्यक्रम के अंत में सेन महाराज की आरती समाज के दषरथलाल भाटी द्वारा उतारी गयी। कार्यक्रम में समाज के नवयुवक बध्ंाुओं द्वारा पूरा सहयोग किया गया। इस अवसर पर समाज के सुरेन्द्र पंवार, सुरेष चैहान, जगदीष परमार, आदी उपस्थित थे। आभार प्रदर्षन अरूण भाटी ने माना।

विशाल निःशुल्क नेत्र शिविर आज

झाबुआ--- माॅ जेटा ग्रुप व कंपनी द्वारा विशाल निःशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन रविवार को सहारा मैदान मेघनगर में आयोजित किया गया है। शिविर मंे दिल्ली व इंदौर के अनुभवी डाॅक्टरांे द्वारा निःशुल्क जांच की जाएगी एवं आंखों की बीमारी संबंधित विभिन्न समस्याओं पर निःशुल्क परामर्श दिया जायेगा। शिविर का आयोजन प्रातः 8 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। माॅ जेटा कंपनी के चेयरमेन महेश भूरिया ने बताया कि शिविर आयोजित करने का मुख्य उद्वेश्य गरीब लोगों को निःशुल्क आंखों के उपचार के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं का निराकरण हो सके। श्री भूरिया ने बताया कि शिविर में हेमेंन्द गरवाल, विजय डामोर, ललीत वसुनिया, जसवंत सिंगाड, फिलीप मुणिया, अशोक राठौर, गोपाल गोयल, जेम्स पाॅल, करणसिंह परमार, मुकेश मोरी, भीमचंद भाबोर, कैलाश भूरिया, विक्रम बारिया, राकेश बेहबी आदि का विशेष सहयोग होगा। कंपनी के सभी पदाधिकारियों ने अपील की है कि उक्त शिविर में उपस्थित होकर स्वास्थ्य लाभ लेवें।

मोटर व्हिकल एक्ट मे पांच हजार से ज्यादा की वसूली

झाबूआ-- संपूर्ण जिले में धारा 107,116 जाफौ के तहत् 4 प्रकरण में 09 व्यक्तियो, धारा 110 जाफौ के तहत् 1 प्रकरण में 1 व्यक्तियो के विरूद्ध कार्यवाही की गई। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत् 13 चालान बनाये जाकर 5800/-रू. का समन शुल्क वसूला गया।

छेड़छाड़ का अपराध पंजीबद्ध 

झाबूआ---फरियादिया ने बताया कि वह घर में अकेली थी आरोपी राजू पिता मोहनलाल परमार निवासी मेघनगर आया व बुरी नियत से हाथ पकडकर बलात्कार करने का प्रयास किया। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 83/14 धारा 354-क,454,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (03 मई)

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बिजावर में बाल विवाह रोका गया 

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छतरपुर/04 मई/अक्षय तृतीया के अवसर पर बिजावर तहसील के ग्राम पंचायत अनगौर के तहत कंचनपुरी ग्राम बक्सीपुरवा में आयोजित होने जा रहे बाल विवाह को बाल विकास परियोजना अधिकारी राजकुमार बागरी द्वारा पहुंचकर रूकवाया गया। इस अवसर पर विभाग के संजय यादव एवं मनोज कुमार साहू भी उपस्थित रहे। परियोजना अधिकारी श्री बागरी ने बताया कि कंचनपुरी निवासी हरिराम कुशवाहा की पुत्री संजना कुशवाहा का विवाह नंदगाय, सटई तहसील बिजावर निवासी काशीराम कुशवाहा के पुत्र जगदीश कुशवाहा के साथ होने जा रहा था। वर-वधू की उम्र के बारे में पूछे जाने पर वर ने अपनी उम्र 22 वर्ष, जबकि वधू ने 18 वर्ष बताई, किंतु जन्म प्रमाणीकरण संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। अतः उम्र कम दिखने के कारण विवाह बीच में ही पुलिस बल की सहायता से रोका गया। इस दौरान लड़की की मामी बेटीबाई कुशवाहा द्वारा धमकी देकर गुमराह करने की कोशिश भी की गई, किंतु परियोजना अधिकारी एवं अमले द्वारा बालिग होने के बाद शादी करने की समझाईश देने के बाद दोनों पक्षों द्वारा बात मानकर बाल विवाह न करने का संकल्प लिया गया।    

दुष्कर्मी को 10 साल की कठोर कैद, 12वर्षीय किशोरी के साथ दुराचार का मामला

छतरपुर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती शशिकांता वैश्य की अदालत ने 12वर्षीय मासूम के साथ बलात्कार करने वाले एक 23वर्षीय आरोपी को दोषी करार देकर 10वर्ष की कठोर कैद के साथ 5 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक 28 जून 2013 को पुलिस थाना लवकुशनगर में कचेरनपुरवा निवासी 12वर्षीय किशोरी के पिता ने इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि दोपहर करीब 3 बजे जब उसकी मासूम पुत्री ग्राम गुधौरा स्थित नगरोली हार मेें भैसे चरा रही थी तभी गुधौरा निवासी आरोपी छोटे पाल पुत्र बब्बू पाल ने आकर जबरन उसके साथ दुराचार किया। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी छोटेपाल को गिरफ्तार  किया। थाना लवकुशनगर नगर के तत्कालीन एसआई हरिओम पुरोहित ने विवेचना उपरांत मामला अदालत के सुपुर्द कर दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती शशिकांता वैश्य की अदालत ने 10 माह में ही मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी छोटेपाल को आईपीसी की धारा 376 एवं धारा 4 लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। न्यायाधीश द्वारा धारा 4 में आरोपी को 10 वर्ष की कठोर कैद के साथ 10 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने की सजा सुनाई।

आज फिर जरूरत है, आद्य शंकराचार्यजी की

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भगवत्पाद आद्यशंकराचार्यजी का जिस युग में प्राकट्य हुआ था उसमें धर्म-संस्कृति और परंपराओं के ह्रास और मनमाने व अनुशासनहीन परिवर्तन का दौर व्याप्त हो चुका था, धर्म का अर्थ विकृतियों को प्राप्त हो चुका था और कुत्सित स्वार्थों, भोग-विलास और ऎषणाओं की वैयक्तिक पूर्ति का ऎसा भीषण और भयावह माहौल पैदा हो चला था कि धर्मसंगत और नीतिसंगत व्यवहार पलायन की अवस्था को पा चुका था। 

जो परिस्थितियां शंकराचार्य के अवतरण के समय थी, जिनके कारण भगवान शंकर को जगत पर धर्म रक्षा और तत्वज्ञान के रहस्यों को समझाने के लिए धरा पर अवतरण लेना पड़ा था, तकरीबन वैसी ही स्थितियां आज फिर हमारे सामने हैं। धर्म और मानवी व्यवस्थाओं को अपने स्वार्थों के अनुरूप ढालने के जो षड़यंत्र चल रहे हैं, सिर्फ कुछ घरानों और समूहों को हमेशा शीर्ष पर बिठाये रखने के लिए धनबल, भुजबल और षड़यंत्र बल के आधार पर  क्षेत्रों, भाषाओं और जातियों के नाम पर विभाजनवादी मानसिकता भरी महामारी को हवा मिल रही है, व्यक्ति, परिवार, समाज और देश अपने कत्र्तव्य कर्म को भुलते जा रहे हैं, मानवीय संवेदनशीलता और इंसानियत की गंध गायब होती जा रही है, अखण्ड राष्ट्र के सारे पैमाने बिखर चुके हैं और व्यक्तिवादी मानसिकता ने व्यक्तिपूजा को बढ़ावा देकर समाज और राष्ट्र की अवधारणा को द्वितीयक श्रेणी में ला दिया है।

विश्व गुरु का दर्जा रखने वाले भूभाग के लोगों के भीतर से गुरुत्व के प्रति आदर-सम्मान का क्षरण हो रहा है और हम उन कामों में दिलचस्पी ले रहे हैं जो न भगवान को कभी पसंद रहे हैं, न कभी शंकराचार्य ने इन्हें तवज्जो दी। बल्कि जिन खराब हालातों को सुधारने के लिए शंकराचार्य का अवतरण हुआ, उन्हीं के बराबर की स्थितियां आज हैं लेकिन हम सारे के सारे नपुंसक बने हुए विवशता को बयां करने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। धर्म की अवधारणा समाप्त प्रायः हो गई है और सभी जगह धर्म ने रिलीजन इण्डस्ट्री का स्वरूप ग्रहण कर लिया है जहाँ पुजारियों से लेकर बाबाओं, महंतों, ध्यानयोगियों, पण्डितों, महामण्डलेश्वरों और कर्मकाण्डियों, ज्योतिषियों, तांत्रिकों, मांत्रिकों, साधकों सभी का ध्यान मुद्रार्चन, ऎषणाओं को पूरा करने, अपने घर-आश्रम भरने, भोग-विलासिता के सारे संसाधन जुटाने, शराबियों, मांसाहारियों, गौहत्यारों और पापियों को आशीर्वाद प्रदान करने, उनके यशस्वी दीर्घ जीवन तथा चुनावों में जिताने के लिए धंधेबाज कर्मकाण्डियों के माध्यम से पूजा-पाठ कर दलाली करने, नालायकों, निकम्मों को आशीर्वाद देने जैसे उन कर्मों में सिमटता जा रहा है जिसका समुदाय और देश से दूर-दूर तक का कोई रिश्ता नहीं रहा।

अखण्ड राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधने के लिए शंकराचार्य ने जैसा तीर्थाटन किया, वैसा कोई नहीं कर सका है। उन्होंने चारों दिशाओं में मठों की स्थापना कर सामाजिक व क्षेत्रीय समरसता को स्थायित्व देने का काम किया। इसी प्रकार विभिन्न पूजा पद्धतियों, साधनाओं को सुव्यवस्थित व सार्वजनीन एकीकृत स्वरूप प्रदान किया। उन्होंने चारों कोनों में शंकराचार्य पीठ स्थापित की और धर्म तथा परंपराओं के मूल स्वरूप को उद्घाटित कर शास्त्रार्थ में विश्वविजयी बनकर सनातन धर्म को परिपुष्ट किया और उन सारी विकृतियों तथा धर्म के नाम पर घुस आए घृणित कर्मों और विधर्मियों को सबक सिखाया जो दिशाहीनता दे रहे थे। आज लगभग हालात ऎसे ही हैं जहाँ न कोई धर्म का मूल स्वरूप समझ पा रहा है, न भगवान के प्रति अगाध श्रद्धा और आस्था है, न हमारी सनातन परंपराओं में विश्वास का कोई भाव है। शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठ परंपरा का परवर्ती बाबाओं ने कबाड़ा करके रख दिया है।

आज हमारे यहाँ शंकराचार्यों की भारी भीड़ है, कई भूतपूर्व, निवर्तमान शंकराचार्यों का अस्तित्व है जबकि शंकराचार्य वह पद है जो धर्म का सर्वोच्च शिखर है जहाँ धर्ममूर्ति ही विराजित हो सकता है। पर पिछले कुछ वर्ष से असली शंकराचार्यों को दरकिनार कर जगह-जगह ढोंगी और भोग-विलासी नालायक बाबाओं ने अपने आपको शंकराचार्य घोषित कर रखा है और बेशकीमती एयर कण्डीशण्ड कारों में परिभ्रमण करने लगे हैं, कई शंकराचार्यों ने अपनी रक्षा के लिए कमाण्डो तैनात कर रखे हैं, इनके आश्रमों और उन्मुक्त भोग-विलासी वैभवों का तो कोई पार ही नहीं है।

फिर इन शंकराचार्यों से लेकर बाबाओं, महामण्डलेश्वरों और महंतों के शौक देखिये, मीडिया में समाचारों और तस्वीरों, वीडियो और टीवी कवरेज न हो तो इनका दिन न उगे। कितने ही शंकराचार्य और बाबा ऎसे हैं जो ऎसे-ऎसे लोगों के तलवे चाट रहे हैं जो धर्म के लिए सबसे ज्यादा घातक हैं। धर्म के नाम पर धनसंग्रह  और लोगों की भावनाओं को भुना कर चेले-चपाटियों की संख्या बढ़ाने में इन शंकराचायोर्ं और कथावाचकों का कोई सानी नहीं। इन लोगों ने धर्म को जितना रसातल में पहुंचाया है उतना किसी ने नहीं। करपात्रीजी महाराज और उन जैसी विभूतियों ने गौहत्या रोकने के लिए जो कुछ किया, उसे आज के ये बाबे भुला चुके हैं। इन लोगों को अपनी प्रतिष्ठा, पैसों और विलासिता से ही सरोकार है, समाज और देश जाए भाड़ में, गाये रहे न रहें, धर्म का चाहे जो हश्र हो, इन लोगों को इससे कोई सरोकार नहीं है।

शंकराचार्य ने अपनी कम आयु में ही जो काम कर दिखाया है वह हम जैसे स्वार्थी, घर घूस्सू और नालायक लोग सदियों में भी नहीं कर पाएंगे। एक युवा संन्यासी जितना कुछ कर पाया वह लाखों वर्ष तक यादगार रहेगा। शंकराचार्य के नाम पर जो लोग आयोजन करते हैं, धर्म और शंकराचार्य के जयकारे लगाते हैं, वे सारे के सारे आज कटघरे में हैं। साल भर में एक बार शंकराचार्य का नाम स्मरण कर लेने और उनके व्यक्तित्व व कार्यों का स्मरण करने की औपचारिकता पूरी करने से तो ज्यादा बेहतर यह होगा कि हम धर्म के असली मर्म को समझें और अपने आपको स्वार्थों, मंचों, लंचों, नापाक गोरखधंधों, नालायकों और टुच्चे लोगों के तलवे चाटने और अधार्मिक कही जाने वाली सभी प्रदूषित प्रवृत्तियों से दूर रखें और शंकराचार्य के जीवन से प्रेरणा पाकर धर्म की स्थापना, मानवतावाद के विस्तार तथा धार्मिक ऊर्जाओं को एक सूत्र में बांधकर सामाजिक समरसता, वैभवशाली राष्ट्र और ‘बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय’ के ध्येय को रखकर काम करें।


शंकराचार्य जयन्ती पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ...





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---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com


बिहार : बाजार में धड़ल्ले से आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई बेची जा रही है।

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injection for milkगया। आज भी बाजार में धड़ल्ले से आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई बेची जा रही है। अगर आप दवाखाना में जाकर आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई खरीदना चाहेंगे। तो आप निश्चित मान लीजिए कि वहां से आपको बैरंग लौट जाना पड़ेगा। वहां यह कहा जाएगा कि आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वह केवल अस्पताल चलाने वाले व चिकित्सकों को ही मिल सकता है। तो पशु पालकों को किधर से सूई उपलब्ध हो जाती है? जो कसाई की तरह सूई घोंपने वाले पशु पालकों को किस तरह से सूई उपलब्ध हो जाती है। मानव के शरीर में आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई का महत्वपूर्ण असर पड़ता है। जब प्राकृतिक तौर से गर्भवर्ती महिलाओं का प्रसव पीड़ा मद्विम रहता है।तो उसे जागृत करने के लिए आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगायी जाती है। इस सूई के प्रभाव से गर्भवर्ती महिला शिशु जन्म दे देती है। धरती पर शिशु आने से हमलोग हर्षित हो उठते हैं। मिठाई खाने और खिलाने के फेर में पड़ जाते हैं। 

प्रसव पीड़ा जागृत करने के लिए गर्भवर्ती महिलाओं को एक बार और गौ माता को फेनाने के लिए प्रत्येक दिन दो बार आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगायी जाती है। आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई के प्रभाव से गर्भवर्ती महिला शिशु को जन्म देती है। वहीं गौ माता के जिस्म से दूध निकलने लगता है। थान में दूध लबलबा जाता है। इसी प्रभावशाली वाले दूध का सेवन कर रहे हैं।  हम ही गौ माता से उत्पन्न बाछा और बाछी के बीच में फर्क करते हैं। हम ही बाछा को खिलने और बढ़ने नहीं देते हैं। हम ही किसी तरह से बाछा को मार देने का प्रयास करते हैं। हम ही बाझा के मर जाने के बाद गौ माता को इम्मोशन बनाने के लिए बाछा का खालका तैयार कर देते हैं। हम खालका का चलन गांवघर में देखा जाता है। जो बंद होने के कगार पर है। हम ही गौ माता को दूध दूहने के पहले आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगाकर गाय को फैनाने के लिए तैयार करते हैं। बाजार से दस रू. में सूई लाते हैं। एक फाइल में 20 मिलीलीटर रहता है। दूध दूहने के पहले सूई लगा देते हैं। कोई गाय हाफ एमएल में ही दूध दूहने लायक हो जाती है। कोई एक से दो एमएल सूई देना पड़ता है। यह भी देखा गया कि मात्रः सूई नहीं लेने के डर से ही गाय का दूध उतर जाता है। सूई दिखाओं और दूध पा जाओं की स्थिति बन जाती है। 

 यह पशु पालक खुलेआम गौ माता को आॅक्सीटाॅक्सिन नामक सूई लगा रहा है। वह सुबह-शाम सूई लगाकर दूध दूहता है। उसी दूध को हमलोग सेवन कर रहे हैं। इसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।



आलोक कुमार
बिहार 



विशेष आलेख : पहचान का संकट झेलते शरणार्थी

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  • किसान¨ं के साथ मिट्टी के ब¨झ क¨ कम करती जैविक खेती

एक समय था जब जम्मू कश्मीर के जम्मू जिले के आरएस पुरा तहसील में स्थित सुचेतगढ़ पंचायत के बड़े-बड़े खेत द¨ विर¨धी देश¨ं के लिए जंग का मैदान हुआ करते थे। लेकिन आज ये खेत जैविक कृषि की प्रय¨गशाला बने हुए हैं। भारत पाकिस्तान सीमा से नाममात्र की दूरी पर स्थित 500 परिवार¨ं वाली सुचेतगढ़ पंचायत के निवासिय¨ं के सिर पर सीमापार से ह¨ने वाली ग¨लीबारी की तलवार हमेशा लटकती रहती है, लेकिन उन्ह¨ंने इन मुश्किल परिस्थितिय¨ं से घबराकर हार नहीं मानी बल्कि वे सभी कठिनाइय¨ं का सामना करते हुए कृषि के पारंपरिक तरीक¨ं क¨ अपना कर अ©र रासायनकि खाद¨ं तथा कीटाणुनाशक¨ं क¨ त्याग कर कृषि के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहे हैं। अ©र इस सबकी शुुरुआत ह¨ती है कृषि उत्पाद विकास द्वारा आय¨जित उŸाराखण्ड के एक कृषि जागरुकता भ्रमण से। जम्मू से 35 किमी. दूर सुचेतगढ़ क्षेत्र सवर्¨Ÿाम स्तर का बासमती चावल पैदा करने वाला क्षेत्र है। लेकिन पिछले द¨ दशक¨ं से पैदावार क¨ बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में रासायनिक खाद अ©र कीटनाशक¨ं का प्रय¨ग किया जा रहा था। इससे पैदावार त¨ बढ़ गई लेकिन साथ ही में इसकी लागत भी बढ़ गई जिसने पहले से ही ब¨झ से दबे किसान¨ं क¨ अ©र अधिक दबा दिया। सुचेतगढ़ के सरपंच स्वरन लाल ने बताया कि उन्हंे जैविक कृषि का विचार कृषि जागरुकता भ्रमण के तहत उŸाराखण्ड के द©रे में आया। उन्ह¨ंने कहा, ‘‘उŸाराखण्ड में प्रदर्शित कृषि के नवीनतम अ©र परिष्कृत क्रियान्वयन हमारी कमज¨र अर्थव्यवस्था वाले किसान¨ं के लिए उपयुक्त नहीं थे। किंतु चर्चा के द©रान जैविक कृषि की अवधारणा ने मुझे खासा आकर्षित किया। जैविक कृषि के क्षेत्र में उŸाराखण्ड के किसान¨ं ने काफी सफलताएं हासिल की हैं। मैंने इससे संबंधित सभी जानकारियां इक्ट्ठी की अ©र तय किया कि हम कृषि की इसी विधा क¨ अपनाएंगे।’’ उन्ह¨ंने आगे बताया कि कि शुरुआत में उन्ह¨ंने जैविक तरीक से होने वाली खेती की लाभ-हानि जानने के लिए जमीन के एक छ¨टे से टुकड़े पर प्रय¨ग किया। इसके काफी बेहतर परिणाम भी मिले।
          
पिछले डेढ़ साल¨ं में सर्वेश्वर राइस मिल के संरक्षण में (आरएस पुरा क्षेत्र में जम्मू कश्मीर कृषि विभाग की सहभागिता में जैविक कृषि के प्र¨त्साहन में स्टेकह¨ल्डर) 82 परिवार¨ं क¨ जैविक कृषि के लिए प्र¨त्साहित करने में सफल हुए हैं। परिवार¨ं का ज्यादातर हिस्सा अपने पास रेवड़ रखता है जिनका ग¨बर खाद की तरह इस्तेमाल ह¨ता है। इसके अलावा इस पंचायत के किसान¨ं द्वारा हरा खाद अ©र वर्मीकम्प¨स्ट भी प्रय¨ग किया जा रहा है। पिछले डेढ़ साल¨ं में सुचेतगढ़ पंचायत की कुल 1100 एकड़ कृषि य¨ग्य भूमि में से 350 एकड़ भूमि पर जैविक कृषि की गई। पंचायत के किसान¨ं क¨ उम्मीद है कि अगले साल करीब 300 परिवार और जैविक कृषि की तरफ उन्मुख ह¨ जाएंगें। म©जूदा समय में जम्मू प्रांत के विभिन्न क्षेत्र¨ं में विविध फसल¨ं के लिए जैविक कृषि क¨ प्र¨त्साहित करने के उद्देश्य से जम्मू कश्मीर सरकार के कृषि उत्पादन विभाग द्वारा छह निजि उद्यम¨ं क¨ शामिल किया गया है। आरएस पुरा में सर्वेश्वर राइस मिल ने जैविक कृषि के जरिए 200 एकड़ में गेंहू एवं धान की खेती का लक्ष्य लिया है। जयपुर आधारित सामाजिक संस्था मरारका आॅर्गैनिक, किश्तवाड़ में किसान¨ं क¨ करीब 200 हेक्टयेर भूमि पर केसर उगाने के लिए प्र¨त्साहित कर रही है। ड¨डा जिले के भदरवाह तहसील में उन्ह¨ंने किसान¨ं क¨ 700 हेक्टेयर में राजमा उत्पादन के लिए भी प्र¨त्साहित किया है। इसी तरह एक्टटेक एग्र¨ लिमिटेड रेसाई जिले में प¨नी बेल्ट के किसान¨ं क¨, कठुआ जिले के हीरानगर तहसील, सुधामहादेव अ©र छेननी छेत्र में जैविक कृषि के जरिए सब्जिय¨ं की खेती के लिए प्र¨त्साहित कर रही है। उन्ह¨ंने सब्जिय¨ं की पैदावार के लिए करीब 600 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है।
           
एक बंगलूरु आधारित कंपनी आईसीसीअ¨ए ने संबा एवं उद्यमपुर जिले के मनसर एवं समर¨ली क्षेत्र के किसान¨ं का 350 हेक्टेयर भूमि पर दाल¨ं के उत्पादन के लिए चयन किया है। एक उŸारांचल आधारित कंपनी सुबीदा ने राज©री अ©र पुंछ द¨ जिल¨ं के 400 हेक्टेयर भूमि में दालें, राजमा अ©र मसाले उगाने का लक्ष्य रखा है। इसके अतिरिक्त, इण्डियन पनेसिया लिमिटेड (आईपीएल) ने सनासर अ©र सेरी क्षेत्र में आलू एवं मटर की पैदावार के लिए 350 हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा है। इससे पहले बर्फबारी के समय यूरिया, डीएपी, प¨टाश जैसे खाद¨ं की कमी ह¨ जाती एक थी। किसान¨ं की परेशानिय¨ं के बारे में बताते हुए एक किसान रमेश लाल (34) बताते हैं, ‘‘किसान¨ं क¨ खाद खरीदने के लिए इधर-उधर जाना पड़ता है। कभी-कभी त¨ पंजाब तक जाकर खाद लाना पड़ता है। अ©र यह सब तब ह¨ता है जब खेती का म©सम अपने शिखर पर ह¨ता है। इस सबमें बहुत सारा समय अ©र पैसा भी बर्बाद ह¨ता है।’’ वे बताते हैं कि जैविक कृषि की तरफ मुड़ने का एक बड़ा कारण यह भी है। एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल करीब 350 एकड़ भूमि पर जैविक खेती की जा रही है। लेकिन अभी भी पंचायत में बहुत से ऐसे किसान हैं ज¨ रासायनकि खाद¨ं अ©र कीटनाशक¨ं का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। जैविक खेती कर रहे किसान¨ं ने बताया कि बरसात में तेज बारिश की वजह से अजैविक खेत¨ं में पड़े खाद¨ं अ©र कीटनाशक¨ं का रसायन युक्त पानी जैविक खेत¨ं में आ जाता है जिसकी वजह से फसल¨ं की शुद्धता पर प्रभाव पड़ता है। उन्ह¨ंने आगे कहा कि इस पहल का बड़ा लाभ तभी मिलेगा जब ज्यादा से ज्यादा गांव वाले जैविक खेती शुरु कर देंगे अ©र फसल क¨ सरकार द्वारा जैविक फसल ह¨ेने का प्रमाण-पत्र मिलेगा। कृषि उत्पादन विकास के निदेशक अजय खजूरिया ने कहा,‘‘विभिन्न फसल¨ं मेें जैविक खेती क¨ बढ़ावा देने के लिए हमने छह कंपनिय¨ं के साथ तीन साल के लिए समझ©ता पत्र¨ं पर हस्ताक्षर किए हैं। पहले चरण में हमने समूचे जम्मू प्रांत की कुल 3 लाख 90 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में से प्राय©गिक त©र पर 3,200 हेक्टयर भूमि क¨ लक्षित किया है।’’ ‘‘किसी भी चीज की शुरुआत बहुत मुश्किल ह¨ती है, लेकिन एक बार जब काम शुरु ह¨ जाता है तब फिर वह सबक¨ बहुत आसान लगने लगता है। हमारे पास मार्केटिंग की सुविधाअ¨ं की कमी है लेकिन यह छह कंपनियां राज्य के सभी जैविक किसान¨ं क¨ मार्केटिंग की सुविधा देंगीं । यह प्रय¨ग तीन साल¨ं के लिए हैं अ©र इसका दूूसरा साल शुरु ह¨ चुका है। तीन साल के बाद हमारे जैविक उत्पाद प्रमाणिक ह¨ जाएंगे अ©र एक बार जब इनकी प्रमाणिकता सिद्ध ह¨ जाएगी त¨ हमारे किसान¨ं क¨ खूब मुनाफा मिलेगा क्य¨ंकि दुनिया पर जैविक उत्पाद¨ं की बहुत मांग है।’’

कृषि प्रणाली अनुसंधान केंद्र अ©र शेर-ए-कश्मीर विज्ञान एवं तकनीक कृषि विद्यालय के कृषि विज्ञान प्रभाग के विभागाध्यक्ष, डाॅ दिलीप कचरू ने कहा,‘‘हालांकि जैविक खेती से फसल की पैदावार तुरंत नहीं बढ़ेगी लेकिन यह मिट्टी क¨ स्वस्थ्य रखते हुये अ©र बिना जल स्तर गिराए स्थाई कृषि क¨ प्र¨त्साहित करेगी। अतः हम भविष्य में इसकी सफलता की उम्मीद कर सकते  हैं।’’ क्षेत्र के पर्यावरणीय असंतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए कचरू बताते हैं कि,‘‘आरएस पुरा क्षेत्र की मिट्टी में जैविक काॅर्बन तत्व (अ¨सीसी) 0.45, 0.50 ,0.52 के स्तर तक गिर चुका है, जबकि आदर्श रूप में यह 0.60, 0.80 अ©र 1 ह¨ना चाहिए। घटे हुए अ¨सीसी की वजह से किसान ज्यादा मात्रा में खाद का इस्तेमाल करते हैं ज¨कि पानी अ©र पर्यावरण क¨ प्रदूषित करता है। इसमें आगे बताते हुए वे कहते हैं कि जैविक खेती समान्यतः शुरु में उत्पादन कम देती है लेकिन जैविक खाद के इस्तेमाल से अ¨सीसी स्तर बढ़ने लगता है अ©र छह साल¨ं में अ¨सीसी स्तर बढ़ जाएगा अ©र इसके साथ ही उत्पादन भी। उन्ह¨ंने किसान¨ं क¨ ढांढस बधाते हुए कहा कि एक बार जब जैविक खेती पूरी तरह से अपना ली जाएगी अ©र तब कृषि जगत निश्चित ही किसान¨ं के लिए एक मुनाफाकारी व्यवसाय बन जाएगा।




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अक्षय आज़ाद
(चरखा फीचर्स)

बिहार : महादलितों ने कहा कि विस्थापित होने के पहले पुनर्वासित कर दिया जाए

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पटना। कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल के सामने गंगा सुरक्षा तटबंध के नीचे और श्मशान घाट के नीचे चन्द्रर राम और उनकी पत्नी जितनी देवी रहती थीं। दोनों की मौत हो गयी है। अपने विरासन में श्मशान घाट और मुंह चिढ़ाने वाली झोपड़ी छौड़ गए। इसी झोपडि़यों में डोम महाराज के लोग रहते हैं। यह एरिया उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत के अंदर पड़ता है। इस पंचायत के मुखिया सुधीर कुमार हैं। क्षेत्र के उमा शंकर आर्या, सदस्य,पंचायत समिति,पटना सदर हैं। अब तो मामला गंभीर बन गया है। गंगा किनारे से दीघा लेकर आगे तक सड़क निर्माण होना है। इस रोड का मिलान श्मशान घाट से होकर पटना-दानापुर में करना है। इसके कारण डोम राजाओं के आशियाना पर संकट का बादल मंडराने लगा है। हालांकि नापी करने वाले अधिकारी कह गए है कि आपलोगों को विस्थापित होने के पहले पुनर्वासित कर दिया जाएगा। यह मात्रः सपना ही न रह जाएगा। हकीकत में अंजाम देने की जरूरत है। 

यहां के बाबूराम हैं जो मजदूरी करते हैं। उनका कहना है कि काफी दिक्कत से हमलोग रहते हैं। सरकार के द्वारा विकास और कल्याण की योजना नहीं चलायी जाती है। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है। हमलोग हाॅस्पिटल के सामने पेयजल लाने जाते हैं तो वहां के दुकानदार और टेम्पों चालक विरोध करते हैं। इन लोगों का कहना है कि हमलोग नल लगाए हैं। सो आपलोगों को पानी नहीं भरने देंगे। काफी मुश्किल स्थिति है। कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल वाले भी पड़ोसी प्रेम नहीं दिखाते हैं। एक बाल्टी पानी भी भरने नहीं देते हैं। यहां के मुस्तैत दरबान भगा देते हैं।

बोलते - बोलते बाबूराम बोल गए कि हमलोग सैकड़ों बार चतुर्थवर्गीय श्रेणी का काम मांगने गए। किसी एक लोगों को भी काम पर नहीं रखा गया। यह समझ लीजिए कि बिजली बल्ब के तले अंधेरा की तरह ही है। किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जाता है। यहां के लोगों का कहना है कि हम आवासहीनों को सरकार कम से कम 10 डिसमिल जमीन दें। आजीविका के लिए 1 एकड़ जमीन दें। कारण कि पुश्तैनी धंधा मंदा पड़ गया है। यहां पर शव जलाने का काम बंद हो गया है। गंगा किनारे मृत पशुओं का पोस्टमार्टम करके चमड़ा और हड्डी निकालने का भी विरोध होने से काम पर प्रभाव पड़ रहा है। अभी पटना-दीघा रेलखंड के किनारे झांड़ी में पशुओं का पोस्टमार्टम किया जाता है। 

इस बात से साफ इंकार किया कि हमलोग मृत पशुओं की चर्बी का कारोबार करते हैं। पूर्वज बीस-तीस साल पहले किया करते थे। अब हमलोग नहीं करते हैं। घर और काॅलोनी के शौचालय को सफाई करके मिलने वाली राशि से जीर्विकोपार्जन करते हैं। बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। 



आलोक कुमार
बिहार 

बिहार : मतलबी इंसान के चक्कर में मानव और जानवर

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live aaryaavart dot comगया। ये है पशु पालक भूलइया उर्फ मिथलेश यादव। गवई परिवेष के हैं। जरा गौर से भूलइया के हाथ में देखें। एक पांच सीसी के सूई पकड़े हुए हैं। आखिर पशु पालक के हाथ में पांच सीसी के सिरिंज क्यों है? अब आप समझ गए होंगे। अगर आप नहीं समझे हैं तो जान और समझ लें। मानव में लड़कियों से घृणा किया जाता है। लड़कों को प्यार और दुलार किया जाता है। इसे वंश प्रसार करने वाले माने जाते हैं। तो लड़कियों को दुत्कारा और फटकारा जाता है। इसका मतलब पुरूष और महिलाओं के बीच में असमानता की जाती है। उसी तरह पशु पालकों के द्वारा पशुओं के साथ व्यवहार किया जाता है। अगर गौ माता के गर्भ से बाछी (स्त्रीलिंग) पैदा हुई तो खुशी मनाया जाता है। अगर बाछा (पुलिंग) पैदा हुआ तो मातम मनाया जाता है। गौ माता के थन से बाछी को दूध पीने दिया जाता है। इसकी परवरिश पर अधिक ध्यान और तवज्जों दिया जाता है। बीमार पड़ने पर इलाज करवाया जाता है। इसे वंश प्रसार करने वाली और दूध देने वाली समझी जाती है। 

वहीं गौ माता के थन से बाछा को मुंह ही सटाया जाता है। इसके बाद बाछा को हटा दिया जाता है। यह रस्म अदायगी है जिससे आभास हो कि बाछा दूध पर रहा हैं। गौ माता इस स्नेह में पड़कर फेना जाती है। खुद को गौ माता दूध दूहने लायक बना देती है। इसके बाद पशु पालक दूध दूहने लगते हैं। मतलबी इंसान के चक्कर में मानव और जानवर भी पड़ जाते हैं। इसी दोरंगी नीति के शिकार मानव में बेटी और जानवर में बाछा हो रहे हैं। मानव में बेटी के संदर्भ में कहा जाता है कि आने वाले को आने नहीं देते और आ जाने वाले को जीने नहीं देते। इसी तरह जानवरों में भी किया जा रहा है। बाछा के संदर्भ में कहा जाता है कि हरहाल में मार देना ही है। दूध कम पीने दो और बीमारी होने पर दवा-दारू मत करो। इसी के कारण बाछा की अकाल मौत हो जाती है।  

इसके बाद पशु पालकों के द्वारा गौ माता को भरमाने के लिए मृत बाछा के चमड़े से खालका बनाते हैं। खालको को गौ माता के सामने पेश किया जाता है। अपना संतान समझकर गौ माता प्यार में खालका चाटने लगती है। इसी बीच गौ माता के थन में दूध उतर जाता है। इसके बाद दूध दूहना शुरू कर दिया जाता है। अभी भी इसे खालका चलन गांवघर में होता है। शहर में खालका का चलन बंद हो गया है। अब उसके बदले में सूई ले लिया है। 




आलोक कुमार
बिहार 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (04 मई)

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मोदी की हुंकार से भाजपाईयो में उत्साह,प्रचार में पिछड़ने से कांग्रेस परेशान

modi in uttrakhand
देहरादून, 4 मई । इसे उत्तराखंड से मोदी का लगाव कहे या फिर यहां 2009 में कांग्रेस के क्लीन स्वीप का असर भाजपा पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने यहां रैलियों की झड़ी लगा दी है। प्रदेश की पांच सीटों के लिए नरेन्द्र मोदी अब तक पांच रैलियों को यहां संबोधित कर चुके है। इतना ही नहीं मोदी ने एक ही दिन में राज्य भर में चार रैली को संबोधित कर विपक्षी कांग्रेस को प्रचार अभियान में तो पछाड़ ही दिया है। मोदी की पांच रैलियों की तुलना में कांग्रेस के राहुल गांधी अभी तक मात्र एक ही दिन यहां प्रचार किए है और तीन रैलियों को संबोधित किया। जबकि कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी भी पूरे चुनाव प्रचार के तहत मात्र एक रैली रूड़की में आज संबोधित करेंगी। उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी ने 29 अप्रैल को देहरादून के हरबर्टपुर में पार्टी प्रत्याशी माला राजलक्ष्मी शाह के पक्ष में रैली को संबोधित किया। इसके ठीक चार दिन बाद 03 मई को नरेन्द्र भाई ने राज्य की चार लोकसभा सीटो पर चार अलग अलग जगह रैलियों को संबोधित कर विपक्षी कांग्रेस के संकट को बढ़ा दिया।  मोदी की रैली से भाजपा को जहां संजीवनी मिली है वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में इसको लेकर हड़कंप भी देखा गया। हालांकि बीजेपी ने सभी पांच सीटों पर जो प्रत्याशी उतारे है वे अपने आप में हैवीवेट नेता के तौर पर जाने जाते है बावजूद इसके बीजेपी के रणनीतिकारों ने मोदी लहर का असर दिखाने के लिए मोदी की प्रदेश में पांच रैलियां आयोजित कराई। इसकी तुलना में कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ही कमान संभाले हुए नजर आते है जबकि  पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा अपने बेटे साकेत बहुगुणा के प्रचार तक ही सिमटे नजर आते है। इस तरह देखे तो रैलियों के आयोजन में बीजेपी अभी तक कांग्रेस से आगे निकलती नजर आ रही है। उधर मुख्यमंत्री हरीश रावत की प्रतिष्ठा हरिद्वार सीट पर लगी हुई है जहां से ख्ुाद उनकी धर्मपत्नी रेणुका रावत उम्मीदवार है जबकि उनके सामने प्रदेश के चतुर राजनेता के तौर पर ख्यात पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ताल ठोक रहे है जिससे  मुख्यमंत्री का सरदर्द और बढ़ गया है। नैतिक तौर पर सीएम को अपनी पत्नी के साथ ही चार अन्य सीटों के पार्टी उम्मीदवारों पर भी ध्यान देना आवश्यक है लेकिन सीएम निशंक के चक्रव्यूह को भेद पाने में खासे परेशान है। वे भले ही राज्य के किसी कोने में प्रचार कार्य कर रहे हो लेकिन उनको हरिद्वार की पल पल बदलते घटनाक्रमों और राजनीतिक समीकरणों की जानकारी उनके सिपहसालार रंजीत रावत,राजीव जैन और नंदन सिंह घुघत्याल देते रहते है। 

मोदी के मैदान से सोनिया भरेंगी हुंकार,सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

देहरादून/रूड़की,04 मई,(नि.स)। रूड़की में बीजेपी पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की रैली के ठीक एक दिन बाद उसी मैदान में आज सोनिया गांधी हुकार भरेंगी जहां मोदी शनिवार को गरजकर कर गए है। जी हां कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी हरिद्वार से कांग्रेस उम्मीदवार और मुख्यमंत्री हरीश रावत की धर्मपत्नी रेणुका रावत के समर्थन में रूड़की के लिथो प्रेस मैदान में अब से कुछ ही देर बाद रैली को संबोधित करेंगे। श्रीमती गांधी की रैली को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। हरिद्वार के एसएसपी सदानंद दांते के अनुसार श्रीमती गांधी की रैली को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। उन्होंने बताया कि रैली में आने वाली भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के लिए 05 एएसपी, 09 सीओ,130 एसआई,450 कांस्टेबल,350 होमगार्ड,दो कंपनी दो प्लाटून पीएसी,बम निरोधक दस्ता,डाॅग स्क्वाॅड के साथ ही एसपीजी के एआईजी मनीष कुमार ने भी अपनी टीम के साथ एक दिन पहले ही नगर में डेरा डाल दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार एसपीजी के जवानों ने शनिवार रात से ही रूड़की में डेरा डाल दिया और सुरक्षा के बिंदुओं को लेकर जांच पड़ताल की। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस रैली में बड़ी भीड़ जुटाने का दावा किया है। 

सामाजिक कार्या के लिए केएस चैहान हुए सम्मानित 

देहरादून/चकराता, 4 मई,(निस)। शहीद केसरी चंद स्मारक समिति द्वारा प्रत्येक वर्ष 03 मई को आयोजित होने वाले शहीद मेले में सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए तीन लोगों को आज यहां सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पदमश्री पदमभूषण चण्डीप्रसाद भट्ट ने ने प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया । सम्मानित होने वालों में सूचना विभाग में सहायक निदेशक पद पर कार्यरत के.एस.चैहान को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावा अन्य दो लोगो में रमेश चंद्र एवं बलबीर सिंह राणा को भी उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। पदमश्री पदमभूषण चण्डी प्रसाद भट्ट ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक मेला है और यह शायद विश्व में अपने आप में पहला शहीदी मेला होगा, जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा अन्य प्रदेशों व क्षेत्रों के लोग श्रद्धांजलित अर्पित करने आते है। उन्होंने कहा कि आज हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित भाव से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए कि अपने आस-पास के पर्यावरण को कैसे सुरक्षित व संरक्षित रख सके। उन्होंने शहीद मेले पर सभी लोगो से पर्यावरण बचाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। शहीद केसरी चंद स्मारक समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि समिति द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगो को सम्मानित किया गया है। इनमें सांस्कृतिक, शिक्षा, सामाजिक एवं अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम में भारी संख्या में हिमांचल प्रदेश, रवांई जौनसार, चकराता एवं अन्य क्षेत्रों से लोग शामिल थे। इस अवसर पर चतरसिंह, बारू सिंह चैहन, रणबीर सिंह चैहान सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

न्याय के लिए दर दर भटक रही महिला 

देहरादून,04 मई,(हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ट्रांस जेंडर के अधिकारो को लेकर चिंतित है और उनके लिए रोजगार और शिक्षा में आरक्षण के साथ ही अन्य अवसरों में समानता का आदेश देती है। जबकि लोकसभा के चुनावी उत्सव में देश की आधी आबादी का वोट पाने के लिए सारे नेता दिनरात एक किए हुए है। ऐसे दौर में यदि कोई अबला नारी सताई जाए और सालों से न्याय पाने के लिए दर दर की ठोकरे खाए और उसकी सुनवाई के लिए शासन प्रशासन को फुर्सत न हो तो इसे आश्चर्य के साथ ही अन्याय भी कहा जा सकता है।  जी हां यह अन्याय देवभूमि और जमीन से जुड़े मुख्यमंत्री हरीश रावत के राज्य उत्तराखंड में हो रहा है। जहां एक महिला दहेज उत्पीड़न का शिकार है,उसका चारित्रिक हनन किया जा रहा है,उससे दहेज की मांग की जा रही है उसको प्रताडि़त किया जा रहा है। लेकिन  जिम्मेदार लोगों को उसकी परेशानियों से कोई संवेदना नहीं। उसके साथ अब तक घटे घटनाक्रमोे से स्पष्ट है कि न्याय की लड़ाई लड़ रही इस महिला के आरोपी कानून व्यवस्था को अपनी मुट्ठी में रखते हैं। सन् 2008 से चल रहे भरण-पोषण के मुकदमें में आज तक परडि़ता को न्याय का इंतजार  है। पीडि़ता वृन्दा उपाध्याय पुत्री विपिन उपाध्याय निवासी ननूर खेड़ा नालापानी देहरादून के अनुसार उसकी शादी विशाल शर्मा निवासी कौलागढ़ सैनिक बस्ती, देहरादून से 20 जून 2007 को हुई थी जिसके दो चार दिन बाद से ही उनके पति, सास ,ननद और देवर ने मिल कर  मार पीट की और मायके से पैसे लाने का दबाव बनाया। 30 मई 2008 को विशाल शर्मा (पति) और उसकी मां ने मिल कर पीडि़ता को जान से मारने के कोशीश की और चाय में कुछ नशीला पदार्थ मिला कर खिलाया। विशाल शर्मा पेशे से फौजी था इसलिए उसकी शिकायत आर्मी के  अधिकारियों से की गई जिसके बाद विशाल शर्मा को 40 दिन की कोर्ट गॅार्ड हुई। वहा से निकलने के बाद फिर से उसने पीडि़ता के साथ मार पीट कि जिसके बाद अगस्त 2008 में रायपुर थाने में धारा 498-एध्328ध्323ध्504ध्506ध्120.बी/3/4 के तहत रिर्पोट दर्ज कराई गई। पीडि़ता का आरोप है कि रिपोर्ट के बाद भी विशाल शर्मा और उसके घर वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई और तत्कालीन जांच अधिकारी कुशल पाल सिंह ने उसके घर वालों पर रिर्पोट वापस लेने का और समझौता करने का दबाव बनाया,। बाद में केस कोर्ट में पहुंचा और लड़की ने जब न्यायालय के द्वारा 5000 रूपये प्रति माह गुजारा भत्ता की मांग की तो विशाल ने अपनी गवाही में यह बताया की मैं कुछ भी काम नही करता हूं। लिहाजा मैं लड़की को भरण-पोषण का खर्चा देने में सक्षम नही तब भी न्यायलय ने 2000 रूपये भरण पोषण दिए जाने का आदेश दिया। आरोपी ने 2000 रूपये न्यायलय में जमा करा दिये। लेकिन उसके बाद से उसने कभी पैसा नही दिया।  पुलिस की ओर से कोई जांच ना होने पर पीडिता फिर से न्यायालय की शरण में गई और न्यायलय के आदेश के बाद पुलिस ने धारा 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की पुलिस की तरफ से पुलिस अधिकारी बुटोला को जांच सौपी गई पर कुछ समय बाद ही उनका तबदला हो गया जिसके बाद कुशल पाल सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। लेकिन उस जांच का क्या हुआ यह पीडि़ता को नहीं बताया गया। इस बीच पीडि़ता पुलिस आधिकारियों एवं नेताओं के दरवाजे का चक्कर काट रही है। चुनाव का समय है सारे नेताओं और राजनीतिक दलों को महिलाओं का मत चाहिए लेकिन उनके दुःख दर्द से किसी को कोई मतलब नहीं है। पीडि़ता ने शासन प्रशासन का ध्यान खीचते हुए  न्याय की गुहार की है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 
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