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बिहार की भीषण बाढ़ में 341 की मौत

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पटना 22 अगस्त, बिहार के 19 जिलों में जारी बाढ़ की विभीषिका में अबतक कुल 341 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि गंगा समेत राज्य की आठ प्रमुख नदियां कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, पुनपुन, घाघरा और अधवारा समूह का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण अभी भी 19 जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सहरसा, खगड़िया, सारण, पटना एवं समस्तीपुर बाढ़ की चपेट में हैं। प्रभावित जिलों में मृतकों की संख्या 341 पर पहुंच गई है। सूत्रों ने बताया कि बाढ़ की इस विभीषिका में सबसे अधिक 75 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है। वहीं, मृतकों की संख्या सीतामढ़ी में 36, पश्चिम चंपारण में 36, कटिहार में 26, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और मधुबनी में 23 -23, मधेपुरा एवं दरभंगा में 19-19, सुपौल में 15, गोपालगंज में 14, पूर्णिया में नौ, मुजफ्फरपुर सात, खगड़िया और सारण में छह-छह तथा सहरसा एवं शिवहर में चार-चार पर पहुंच गई है। राज्य में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुये जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 अगस्त को प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही राहत कार्यों का निरीक्षण भी कर रहे हैं। श्री कुमार ने आज पूर्णिया में की जा रही बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही वहां बनायी गयी फूड पैकेटिंग सेन्टर, बाढ़ राहत शिविर, पश राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोईघर का निरीक्षण किया। प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर जारी रखने के लिए जहां 1152 जवान एवं 118 नौकाओं के साथ एनडीआरएफ की 28 टीम, 466 जवान और 92 नौकाओं के साथ एसडीआरएफ की 16 टीम लगी हुई है वहीं 630 जवान और 70 नौकाओं के साथ सेना की सात कंपनियां मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है। 


केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि अभी भी गंगा समेत राज्य की आठ नदियाें का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। वहीं पांच प्रमुख नदियों गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी के जलस्तर का बढ़ना अभी भी जारी है। गंगा नदी साहेबगंज में 68, कोसी बलतारा में 191, कुरसेला में 50, बसुआ में 05, गंडक डुमरियाघाट में 63, बूढ़ी गंडक लालबगियाघाट में 122, अहिरवलिया में 68, सिकंदरपुर में 113, समस्तीपुर में 89, रोसड़ा में 146, खगड़िया में 20, बागमती बेनीबाद में 45, हायाघाट में 23, घाघरा गंगपुरसिसवन में 58, दरौल में 39 और अधवारा समूह का जलस्तर कमतौल में खतरे के निशान से 54, एवं एकमीघाट में 129 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया। केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि क्षतिग्रस्त तटबंधों पर सिंचाई विभाग के अभियंता मरम्मति कार्य के बाद लगातार चौकसी बरत रहे हैं। राज्य के सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में बताया कि बिहार के सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में हल्की वर्षा होने की संभावना है। 

नकली उत्पादों का कारोबार गंभीर समस्या: राजनाथ

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नयी दिल्ली 22 अगस्त, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बौद्धिक संपदा अधिकार कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने पर जोर देते हुए आज कहा कि नकली उत्पादों का कारोबार गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है। श्री सिंह ने यहां ‘राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार क्रियान्वयन कार्यशाला’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि नकली उत्पादों का कारोबार संगठित अपराध के तौर पर उभर रहा है और यह एक गंभीर समस्या है। इस तरह की गतिविधियों से अपराधों और आतंकवादियों को धन उपलब्ध कराया जाता है। इससे अवैध धन को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को बौद्धिक संपदा अधिकारों के संबंध में पूरी तरह से जागरूक और जानकार होना चाहिए। उन्हें इस संबंध में पूरी तरह से प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। इससे बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन रोकने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि लोगों को बौद्धिक संपदा अधिकारों के संबंध में जागरूक तथा सचेत होना चाहिए। उन्होंने देश में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण के लिए एक प्रणाली स्थापित करने पर भी जोर दिया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा देश में नवाचार को बढ़ावा देेने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के सहयोग से पंजाब और तमिलनाडु में दो प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सहयोग केंद्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए बौद्धिक संपदा के संरक्षण के महत्व को समझना चाहिए। तीन दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में देशभर से प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं , जो बौद्धिक संपदा अधिकार कानून को लागू करने के तौर तरीकों पर विचार- विमर्श करेंगे। 

देश भर की नजर अब भोपाल पर, मीटिंग में ही करेंगे फैसला : आरिफ मसूद

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भोपाल, 22 अगस्त, उच्चतम न्यायालय के तीन तलाक पर आज दिए फैसले के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी 10 सितंबर को भोपाल में बैठक की घोषणा के बीच मध्यप्रदेश में बोर्ड की वर्किंग कमेटी के सदस्य आरिफ मसूद ने कहा कि बैठक की तैयारी शुरु कर दी गई हैं और उसी के बाद कोई फैसला होगा। श्री मसूद ने दूरभाष पर यूनीवार्ता से कहा - बोर्ड उच्चतम न्यायालय के पहले फैसले का स्वागत करता है, जहां तक तीन तलाक को असंवैधानिक करने की बात है, उस पर बोर्ड ने वर्किंग कमेटी की बैठक का ऐलान किया है, 10 सितंबर कोे होने वाली बैठक के बाद ही कोई फैसला होगा। - उन्होंने कहा कि न्यायालय ने छह महीने में कानून बनाने संबंधित जो पहला फैसला दिया, वह स्वागतयोग्य है, अदालत ने कानून की लड़ाई में बोर्ड का साथ दिया, लेकिन अब सबकी नजरें भोपाल पर रहेंगी। श्री मसूद के मुताबिक बोर्ड ने उन्हें इस बैठक की जिम्मेदारी सौंप दी है और उन्होंने इसके लिए तैयरियां भी शुरु कर दी हैं। इसके पहले आज सुबह उच्चतम न्यायालय ने बहुमत के अपने फैसले में तलाक-ए-बिदअत (लगातार तीन बार तलाक कहने की प्रथा) को असंवैधानिक करार दिया था। पांच सदस्यीय संविधान पीठ के तीन सदस्यों (न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ) ने तलाक-ए-बिदअत को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह प्रथा गैर-इस्लामिक है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस केहर ने पहले अपना फैसला सुनाते हुए सरकार को तीन तलाक के मामले में कानून बनाने की सलाह दी और छह माह तक तलाक-ए-बिदअत पर रोक लगाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि यदि सरकार छह महीने में कानून नहीं बना पाती है तो उसकी यह रोक जारी रहेगी, लेकिन पीठ में शामिल तीन अन्य न्यायाधीशों ने बाद में अपना फैसला सुनाते हुए तलाक-ए-बिदअत को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया। तीनों न्यायाधीशों ने इस प्रथा को असंवैधानिक और गैर-इस्लामिक करार दिया। न्यायालय के निर्णय के तत्काल बाद बोर्ड ने कहा कि वह फैसले का विधिक अध्ययन कर 10 सितंबर को भोपाल में बैठक में फैसला करेगा। बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लखनऊ में “यूनीवार्ता” को बताया कि 10 सितम्बर को भोपाल में होने वाली बैठक में तीन तलाक के सम्बन्ध में मुल्क के कानून को ध्यान में रखते हुए शरीयत के दायरे में कोई फैसला लिया जा सकता है, हांलाकि इससे पहले उच्चतम न्यायालय के निर्णय का विधिक अध्ययन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक तौर पर बोर्ड का मानना है कि पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये, लेकिन बोर्ड यह भी चाहता है कि मुल्क के कानून का भी पूरी तरह पालन होना चाहिये। दस सितम्बर को भोपाल में इस्लामिक विद्वान और कानूनों के जानकार बैठेगें। मिल बैठकर कोई निष्कर्ष निकालेंगे।

‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम से स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को जोड़ना जरूरी: जितेंद्र

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नयी दिल्ली 22 अगस्त, केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्री जितेन्‍द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ को स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र से जोड़ने पर बल देते हुए आज कहा कि 21वीं सदी के भारत की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक - निजी भागीदारी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। डॉ. सिंह ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि संपूर्ण भारतीय समाज बड़ी तेजी से विकास कर रहा है और भारत भी वैश्विक दुनिया का हिस्‍सा बन रहा है। इसका स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल व्‍यवस्‍था सहित जीवन के प्रत्‍येक क्षेत्र पर प्रभाव पड़ा है। एक ओर मधुमेह और हृदय से जुड़ी बीमारियां ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ रही हैं, जो पहले शहरी आबादी तक सीमित थीं, वहीं दूसरी ओर इलाज के आधुनिक तरीके केवल शहरों और बड़े कस्‍बों तक ही सीमित हैं, जिसके कारण 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी केवल देश की एक तिहाई अस्‍पताल सुविधाओं का ही लाभ उठा पाती है और 60 करोड़ से अधिक लोग देश में किफायती स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल से वंचित हैं। निजी क्षेत्र को महत्‍वपूर्ण बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत जैसे विविधता वाले देश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुविधाएं अभी भी अत्‍यधिक प्रासंगिक है। इसे देखते हुए उन्‍होंने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल संस्थाओं के बीच बेहतर समन्‍वय का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने पूर्वोत्‍तर के अनुभव का हवाला दिया कि जहां उन्‍होंने देश के प्रमुख कॉरपोरेट क्षेत्र के अस्‍पताल समूहों को स्‍थान की व्‍यावहारिकता के आधार पर ओपीडी क्लिनिक या जांच केन्‍द्र अथवा संपूर्ण अस्‍पताल सहित विभिन्‍न स्‍तर के स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल केन्‍द्र स्‍थापित करने के लिए प्रोत्‍साहित किया है। 

नये भारत के निर्माण में सीएससी की होगी महत्वपूर्ण भूमिका : प्रसाद

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नयी दिल्ली 22 अगस्त, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक भूख और उपेक्षा से मुक्त नये भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। श्री प्रसाद ने यहां ढाई हजार से अधिक ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को संबोधित करते हुये कहा कि ये वीएलई बदलाव के दूत हैं और ग्रामीण भारत में क्रांतिकारी बदलाव में इनकी महती भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को इन पर पूरा भरोसा है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में वीएलई द्वारा दी जा रही डिजिटल सेवाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिये ग्रामीण महिलाओं में भी उद्यमशिलता आयी है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाली पांच महिला वीएलई को अमेरिका भेजने और जिला स्तरीय श्रेष्ठ वीएलई को एक लाख रुपये का पुरस्कार दिये जाने की घोषणा करते हुये इस कार्यक्रम में मौजूद सभी वीएलई और अधिकारियों को ‘संकल्प से सिद्धि’ का संकल्प दिया। सीएससी के जरिये विभिन्न प्रकार की सेवायें और उत्पादों की बिक्री के उद्देश्य से इस मौके पर योग गुरू बाबा रामदेव के पतंजिल आयुर्वेद, इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, भारत बिल भुगतान, आधार आधारित भुगतान सेवा डिजि पे और इफको के साथ सीएससी एसपीवी ने करार किये।

नयी पीढ़ी को इस फैसले से काफी लाभ होगा: शायरा बानों

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नयी दिल्ली, 22 अगस्त, तीन तलाक के मुद्दे पर अदालत में याचिका दायर करने वाली शायरा बानो ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले से नयी पीढ़ी की मुस्लिम औरतों को फायदा होगा और उन्हें राहत मिलेगी। उत्तरप्रदेश की शायरा ने एक टी वी चैनेल पर इस मुद्दे पर बहस में भाग लेते हुए कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करती हैं क्योंकि अब नयी पीढी को अपने पतियों द्वारा किये जा रहे अत्याचार से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनके पति ने उन पर काफी अत्याचार किये और जब वह काफी बीमार रहने लगीं तो उन्होंने मुझे तीन तलाक दे दिया। उसके बाद मैं न्याय के लिए भटकती रही और अंत में मुझे न्याय मिला। उन्होंने कहा कि जब पति उन पर अत्याचार करते थे तो ससुराल वालों ने और रिश्तेदारों ने कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में समाज के लोग भी मदद नहीं करते और इससे औरतों का संघर्ष बढ़ जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लोगों ने भी उनकी कोई मदद नहीं की और वे भी आगे नहीं आये। श्रीमती बानाे ने कहा कि जब मेरी तबीयत बहुत ख़राब हुई तो मेरे पति ने मेरा इलाज नहीं करवाया बल्कि मुझे मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर छोड दिया और मेरे घरवालों को फ़ोन कर इसकी सूचना दी तब मेरे घर के लोग मुझे ले गए और मेरा इलाज करवाया ,उससे मैं ठीक हो पायी।

बैंककर्मियों की हड़ताल: लेनदेन बुरी तरह प्रभावित

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नयी दिल्ली 22 अगस्त, बैंकों के निजीकरण और विलय के खिलाफ तथा बैंकों में सभी पदों पर भर्ती, अनुकंपा आधार पर नियुक्ति एवं नोटबंदी के दौरान किये गये अतिरिक्त काम के लिए ओवरटाइम दिये जाने जैसी मांगों को लेकर आज सरकारी बैंककर्मियों की देशव्यापी हड़ताल से बैंकिंग सेवायें बुरी तरह प्रभावित हुयी और आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। दिल्ली तथा इसके आस-पास के इलाकों में हड़ताल के कारण राष्ट्रीयकृत बैंकों की सेवायें ठप रहीं और लोगों काे मुश्किल का सामना करना पड़ा। इस हड़ताल का आह्वान बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के संयुक्त संगठन , यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने किया है। इसमें कर्मचारियों के पांच और अधिकारियों के चार संगठन शामिल हैं । देशभर के करीब दस लाख बैंक कर्मचारियों तथा अधिकारियों के हड़ताल पर रहने से पूरे देश में बैंकिंग गतिविधियां प्रभावित हुयी। हड़ताल का असर बिहार में भी देख गया। कर्मचारी संघों के सह संयोजक एवं बेफी के इकाई अध्यक्ष बी. प्रसाद ने कहा कि सरकारी बैंकों के निजीकरण एवं विलय पर रोक, कॉरपोरेट ऋणों की वसूली समेत बड़े- बड़े दोषी ऋणियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा समेत नौ मांगों के समर्थन में देश के करीब दस लाख बैंककर्मी हड़ताल पर हैं। हड़ताली बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने राजधानी पटना में कई जगहों मौर्य लोक कॉम्पलेक्स ,डाक बंगला चौराहा, आकाशवाणी मोड़, इलाहाबाद बैंक चौराहा के समीप प्रदर्शन किया तथा अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाये। पटना समेत राज्य के पूर्णिया ,सहरसा ,किशनगंज ,गया ,गोपालगंज ,समस्तीपुर ,बेगूसराय,नालंदा, मुंगेर, भागलपुर ,नवादा, शेखपुरा ,आरा समेत सभी जिलों में बैंक बंद हैं। हड़ताल के कारण कोई समाशोधन का कार्य नहीं हुआ । यूनियन का कहना है कि करीब 12 लाख करोड़ रुपये की राशि बैंकों से कर्ज ली गयी थी जिसे कॉरपोरेट घरानों ने चुकाया नहीं है और वे इस राशि को बैंकों को खरीदने में इस्तेमाल करने की साजिश कर रहे हैं जिससे साधारण लोगों को सरकारी बैंकों की सेवा से महरूम होना पड़ेगा।

विपक्षी दलाें ने की पलानीस्वामी से बहुमत साबित करने की मांग

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चेन्नई, 22 अगस्त, अन्नाद्रमुक के दोनों धड़ों के विलय के एक दिन बाद पार्टी के उप महासचिव टीटीवी दिनाकरण के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विपक्षी दलों ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), पट्टालि मक्कल काची (पीएमके), विदुथलाई चिरूथईगल काची (वीसीके) और अन्य दलों ने श्री दिनाकरण और 19 विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद श्री पलानीस्वामी से बहुमत साबित करने की मांग की है। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि श्री दिनाकरण की ओर से समर्थन वापस लेने के बाद सरकार अल्पमत में आ गयी है और राज्य में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा,“ विपक्ष के नेता के तौर पर मैं राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह श्री पलानीस्वामी को विधानसभा में जल्द से जल्द बहुमत साबित करने का निर्देश दे ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त का मौका नहीं मिल सके।” पीएमके की युवा शाखा के नेता एवं लोकसभा सांसद अंबुमणि रामदास ने कहा कि राज्यपाल को विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को तीन दिन के भीतर बहुमत साबित करने का निर्देश देना होगा। उन्होंने कहा कि श्री पलानीस्वामी की सरकार को दिनाकरण कैम्प के 19 और तीन अन्य विधायकाें के समर्थन वापस लेने के बाद नैतिक आधार पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के पास विधानसभा में कुछ 134 सदस्य हैं जिनमें से 22 विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद 112 विधायक बचे गये हैं जबकि सरकार में बने रहने के लिए 234 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम 118 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है। विधानसभा में फिलहाल कुल 233 सदस्य हैं और एक सीट पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद से खाली है। वीसीके के नेता टी तिरुमावलावन और द्रविदड़ कषगम के अध्यक्ष के वीरामणि समेत विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री से बहुमत साबित करने की मांग की। श्री दिनाकरण ने पार्टी के 19 विधायकों के साथ तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव से राजभवन में मुलाकात करके सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्यपाल को सौंपे चार पृष्ठ के पत्र में पलानीस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने जानकारी दी गयी है। अन्नाद्रमुक के विधायक थांगा तमिल सेल्वम ने ट्वीट कर कहा,“हमारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री काे समर्थन नहीं हैं, उन्हें विश्वास मत हासिल करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि श्री पलानीस्वामी के प्रति विश्वास खो देने के कारण समर्थन न करने का निर्णय लिया गया है। श्री पलानीस्वामी पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के सपनों को पूरी तरह दरकिनार करके काम कर रहे हैं। श्री दिनाकरण की ओर से सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा के बाद द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने राज्यपाल से श्री पलानीस्वामी को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश देने की मांग की है। 


तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत नहीं : नकवी

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नयी दिल्ली 22 अगस्त, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तीन तलाक (तलाक-ए-बिदअत) को खत्म करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए आज कहा कि इस सुधार की काफी समय से जरूरत थी । श्री नकवी ने न्यायालय के इस फैसले के संबंध में यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि न्यायालय द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए कोई कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा,“ जब न्यायाधीशों तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया है तो इसके लिए कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा कि न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ में से दो न्यायाधीशों ने ही कानून बनाने की बात कही है, बहुमत ने नहीं। श्री नकवी ने कहा कि इस पर पिछले दो साल से राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई थी और आज न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में इस प्रथा को असंवैधानिक तथा गैर इस्लामिक करार दिया है। यह धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है बल्कि समाज सुधार का मसला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ‘ सुधारों की सरकार’ है। उसने प्रारंभ से ही इस सामाजिक बुराई का विरोध किया और हमेशा लैंगिक समानता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा,“ हमें सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध सख्त रवैया नहीं बल्कि सुधारवादी रुख अपनाना चाहिए।” श्री नकवी ने कहा कि पहले भी सती प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध सुधार कार्य हुए हैं। 

तलाक-ए-बिदअत असंवैधानिक, गैर-इस्लामिक : सुप्रीम कोर्ट

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नयी दिल्ली, 22 अगस्त, उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में तलाक-ए-बिदअत (लगातार तीन बार तलाक कहने की प्रथा) को असंवैधानिक तथा गैर इस्लामिक करार देते हुए निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने बहुमत के फैसले के आधार पर तलाक-ए-बिदअत को असंवैधानिक और गैर-इस्लामिक करार दिया। संविधान पीठ ने अपने 395 पृष्ठ के फैसले में लिखा है, ‘इस मामले में न्यायाधीशों के अलग-अलग मंतव्यों को ध्यान में रखते हुए तलाक-ए-बिदअत अथवा तीन तलाक की प्रथा को (3 : 2 के ) बहुमत के फैसले के आधार पर निरस्त किया जाता है।” न्यायमूर्ति केहर और न्यायमूर्ति नजीर ने तीन तलाक की प्रथा को इस्लाम के अनुरूप बताया, लेकिन न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति जोसेफ और न्यायमूर्ति ललित ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रदत्त समानता के अधिकारों के खिलाफ करार दिया तथा इसे असंवैधानिक एवं गैर-इस्लामिक बताया। मुख्य न्यायाधीश ने अपना तथा न्यायमूर्ति नजीर संयुक्त फैसला सुनाते हुए कहा कि तीन तलाक पाप हो सकता है, लेकिन न्यायालय को पर्सनल लॉ के मामले में दखल नहीं देना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने सरकार को तीन तलाक के मामले में कानून बनाने की सलाह दी और छह माह तक तलाक-ए-बिदअत पर रोक लगाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि यदि सरकार छह महीने में कानून नहीं बना पाती है तो उसकी यह रोक जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा, “सभी राजनीतिक दलों को अपने मतभेद भूलकर नया कानून बनाना चाहिए और ऐसा करते वक्त मुस्लिम संगठनों की आपत्तियों और शरिया कानून को भी ध्यान में रखना चाहिए।” लेकिन न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति ललित और न्यायमूर्ति जोसेफ ने बाद में अपने फैसले में तलाक-ए-बिदअत को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया। तीनों न्यायाधीशों ने इस प्रथा को असंवैधानिक और गैर-इस्लामिक करार दिया। न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा कि तीन तलाक कुरान की भावनाओं के खिलाफ है, इसलिए यह शरिया कानूनों का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “मुख्य न्यायाधीश की इस बात से सहमत होना बिल्कुल कठिन है कि तीन तलाक इस्लाम धर्म का अंदरूनी मामला है।” उन्होंने आगे कहा, “तीन तलाक इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और इस प्रथा को संविधान के अनुच्छेद 25 (मौलिक अधिकारों से संबंधित) का संरक्षण हासिल नहीं है। इसलिए इसे निरस्त किया जाना चाहिए।” उधर न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा कि तीन तलाक को संवैधानिकता की कसौटी पर कसा जाना जरूरी है। तीन तलाक को निरस्त करने के पक्षधर तीनों न्यायाधीशों ने विभिन्न मुस्लिम देशों में तीन तलाक की प्रथा समाप्त किये जाने का हवाला देते हुए कहा कि जब मुस्लिम देशों ने इस प्रथा को समाप्त कर दिया है तो आजाद भारत को इससे मुक्ति क्यों नहीं लेनी चाहिए। पाकिस्तान और बंगलादेश सहित 20 से अधिक मुस्लिम देशों ने इस प्रथा को प्रतिबंधित कर रखा है। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने गत 18 मई को तीन तलाक के मुद्दे पर सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ ने ग्रीष्मावकाश के दौरान मैराथन सुनवाई करते हुए सभी संबंधित पक्षों की व्यापक दलीलें सुनी थी। संविधान पीठ में हिन्दू (न्यायमूर्ति ललित), मुस्लिम (न्यायमूर्ति नजीर), सिख (मुख्य न्यायाधीश) , ईसाई (न्यायमूर्ति जोसेफ) और पारसी (न्यायमूर्ति नरीमन) समुदाय के न्यायाधीशों को रखा गया था। संविधान पीठ तलाक पीड़ित कुछ मुस्लिम महिलाओं और सामाजिक संगठनों की याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।

तीन तलाक पर फैसले का चौतरफा स्वागत

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नयी दिल्ली,22अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विभिन्न दलों के नेताओं ,कानूनी विशेषज्ञों, मुस्लिम समाज की महिलाओं तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक करार दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले को ऐतिहासिक,तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच वाला बताते हुए एकस्वर से इसका स्वागत किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार मिलेगा और यह महिला सशक्तिकरण के लिये एक मजबूत कदम सिद्ध होगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि न्यायालय का एक साथ तीन तलाक बोलने की प्रथा को खत्म करना स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं न्याय के लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं काे बधाई देता हूं।” इसके साथ ही कांग्रेस ने न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक तर्कपूर्ण ,न्यायसंगत तथा प्रगतिशील बताते हुए कहा कि इससे वर्षाें से भेदभाव और शोषण की शिकार मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा होगी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि एक महिला होने के नाते उन्हे आज का फैसला बहुत अच्छा लगा महिलाओं के साथ अन्याय न हो यह सुनिश्चित होना चाहिए। उनके हितों की रक्षा के लिए कानून एक से होने चाहिए। मुस्लिम समुदाय की महिलाओं से जुड़े तीन तलाक के खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो ने फैसले पर कहा कि आज का दिन मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए ऐतिहासिक है। सरकार को इस बारे में जल्दी ही कानून बनाना चाहिए। तीन तलाक की लड़ाई को अंजाम तक ले जाने वाली उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने पिछले साल शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उनकी शादी 2001 में हुई थी। दो बच्चों की माँ बानो को 10 अक्टूबर 2015 को बानो के पति ने तलाक दे दिया था। इसके बाद बच्चों की पढ़ाई और अपना जीवन निर्वाह करने में दिक्कतों को देखते हुए बानो ने न्यायालय में याचिका दायर कर तीन तलाक को चुनौती दी थी। केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को संवैधानिक मूल्यों की जीत बताते हुए कहा कि इसे मुुद्दे को किसी धर्म के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह किसी मजहब से नहीं बल्कि सामाजिक सुधार से जुड़ा मसला है। इस तरह के फैसले की सख्त जरूरत थी हालांकि उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से कोई कानून बनाने की आवश्यकता नहीं है।

आभास नहीं था मैं भाजपा से हाथ मिलाऊंगा: नीतीश कुमार ने किया दावा

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पटना 22 अगस्त, कई लोग यह मान सकते हैं कि भाजपा के साथ आने के नीतीश कुमार के निर्णय पर काम महीनों से नहीं तो सप्ताहों से जरूर चल रहा था लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें स्वयं इसका आभास नहीं था कि वह राजग में वापसी करेंगे तथा भाजपा ने उन्हें समर्थन की पेशकश उस समय की थी जब उन्होंने महागठबंधन से अलग होकर पद से इस्तीफा दे दिया था। कुमार ने 26 जुलाई को लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी तोड़ने के भी प्रयास किये गए थे। कुमार ने कल संवाददाताओं बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि सब कुछ ‘‘जल्दबाजी’’ में हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे इस्तीफा देने के बाद उस दिन जब हमारे पास भाजपा की ओर से पेशकश आयी, मैंने उसे अपने विधायकों के समक्ष रखा जो मेरे अणे मार्ग स्थित आवास पर एकत्रित हुए थे और उन्होंने निर्णय किया कि पेशकश स्वीकार कर लेनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के विधायक तत्काल जदयू विधायकों के साथ बैठक में शामिल हुए जहां उन्हें उनके संयुक्त विधायक दल का नेता चुन लिया गया और उसके बाद उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।कुमार ने दावा किया कि त्वरित गति से होने से वाले घटनाक्रम के बिहार में एक राजनीतिक उथल पुथल में तब्दील होने से पहले ‘‘पर्दे के पीछे एक खेल चल रहा था’’ जिसमें जदयू विधायकों को तोड़ने के लिए ‘‘फुसलाया’’ जा रहा था। उन्होंने किसी पार्टी या व्यक्ति का नाम नहीं लिया लेकिन उनके बयान को इस तरह से देखा जा रहा है कि उनका इशारा राजद की ओर था। कुमार ने कहा, ‘‘जदयू के कई विधायकों को पार्टी से अलग होने के लिए फुसलाया गया....मेरे विधायकों ने सभी प्रलोभन ठुकरा दिये और मुझे बताया कि कौन बड़ी पेशकशों के साथ आये थे।’’ जदयू अध्यक्ष कुमार ने बागी नेता शरद यादव को चेतावनी दी जो बिहार में तीन दलों का महागठबंधन टूटने से नाराज हैं। कुमार ने कहा कि यदि वह पार्टी के निर्देश का उल्लंघन करते हुए राजद की पटना में 27 अगस्त की रैली में शामिल हुए तो वह अपनी राज्यसभा सीट गंवा देंगे।

मैं सेना में फिर से शामिल होने को आतुर : पुरोहित

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मुम्बई 22 अगस्त मालेगांव विस्फोट मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं। पुरोहित ने यहां सत्र न्यायालय के बाहर पत्रकारों से कहा ‘‘ मैं अपनी वर्दी पहनना चाहता हूं। यह मेरी त्वचा की ऊपरी परत है। देश के सर्वश्रेष्ठ संगठन भारतीय सेना की सेवा में फिर से जुड़ने पर मैं बहुत खुश हूं।’’ पुरोहित की जमानत की औपचारिकताएं अभी पूरी होना बाकी हैं। आरोप तय करने को लेकर एक सुनवाई के लिए उन्हें अदालत लाया गया। उन्होंने कहा ‘‘मेरे दो परिवार हैं- सेना और मेरा परिवार जिसमें मेरी पत्नी,मेरे दो बेटे,बहन और मां हैं। मैं उनसे मिलने के लिए बेताब हूं।’’ पुरोहित ने कहा सेना ने ‘‘मेरी इज्जत कम नहीं होने दी’’। उन्होंने कहा ‘‘ सेना की यह परम्परा और प्रकृति रही है कि वह अपने लोगों की इज्जत कम नहीं होने देती। मैंने यह एक बार भी महसूस नहीं किया कि मैं सेना से बाहर हो जाऊंगा।’’ उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई में मदद के लिए अपनी पत्नी की प्रशंसा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ‘‘ (विस्फोटक) आरडीएक्स लगाये जाने का आरोप उन पर लगाने के लिए महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे, पुरोहित ने कहा वह एक संस्थान का हिस्सा है और यदि ये दावे सच्चे होंगे तो उनके ‘‘वरिष्ठ’’ (सेना में) मामले से निपटेंगे।’’ जब उनसे पूछा गया कि वह अपनी परेशानी के लिए किसे दोषी ठहरायेंगे तो अधिकारी ने कहा अपनी तकदीर के अलावा वह किसी को दोष नहीं दे सकते। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में अपनी कथित भूमिका के लिए पिछले लगभग नौ वर्षों से जेल में बंद पुरोहित को शीर्ष अदालत ने कल जमानत दे दी थी। 29 सितम्बर 2008 को मालेगांव में हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी।

कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतरे, 74 यात्री घायल

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 लखनऊ, 23 अगस्त, उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन के 10 डिब्बे पटरी से उतर गये जिसके कारण कम से कम 74 लोग घायल हो गये हैं। हादसे में अभी तक किसी की जान जाने की कोई खबर नहीं है। राज्य में पिछले चार दिनों में यह दूसरी बड़ी ट्रेन दुर्घटना है। मौके पर मौजूद औरैया के पुलिस अधीक्षक संजय त्यागी ने फोन पर ‘‘भाषा’’ को बताया, ‘‘आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस कल देर रात करीब पौने तीन बजे औरैया जिले के पाटा और अछल्दा रेलवे स्टेशन के बीच पटरी पर पलटे एक बालू भरे डंपर से टकरा गयी। इससे ट्रेन के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए और उनमें से एक पलट गया।’’ त्यागी ने कहा, ‘‘दुर्घटना में अभी तक करीब 74 लोगों के घायल होने का अनुमान है। सभी को आसपास के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘घायलों में से दो की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें इटावा रेफर किया गया है।’’ त्यागी के अलावा जिले के पुलिस अधीक्षक समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। दुर्घटना स्थल से घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए औरैया और पड़ोसी इटावा तथा कनौज जिले से एम्बुलेंस को मौके पर भेजा गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें भी भेजी जा चुकी हैं। रेलवे बुलेटिन के अनुसार आज हुए ट्रेन हादसे की वजह से हावड़ा नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को दूसरे मार्ग से भेजा गया है तथा कानपुर नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस समेत सात रेलगाड़ियों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। अप और डाउन लाइन बाधित होने की वजह से करीब 40 लोकल रेल गाड़ियों का मार्ग बदला गया है। सुबह गृह विभाग के सचिव भगवान स्वरूप ने लखनऊ में कहा था कि यह हादसा फाटक रहित रेलवे क्रॉसिंग पर नहीं हुआ बल्कि पटरी के समानांतर सड़क पर लोडर के पलटने की वजह से हुआ है। सुबह उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के एक प्रवक्ता ने कहा था कि हादसे में कम से कम 21 यात्री घायल हुए हैं। जबकि तड़के उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एम सी चौहान ने बताया था कि इस दुर्घटना में कम से कम 50 व्यक्ति घायल हुए हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया है, “कैफियत एक्सप्रेस के लोकोमोटिव से एक डंपर टकरा गया, जिसकी वजह से डिब्बे पटरी से उतर गए। कुछ यात्रियों को चोटें आई हैं और उन्हें निकट के अस्पताल में ले जाया गया है।” उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से हालात पर नजर रख रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर जल्द पहुंचने के आदेश दे दिए हैं। उत्तर मध्य रेलवे सूत्रों ने बताया कि हादसे के समय समर्पित मालभाड़ा गलियारा का काम दुर्घटना स्थल पर चल रहा था। उन्होंने बताया कि डंपर रेलवे का नहीं है। उत्तर मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो गया है और सभी घायलों को निकट के अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया है। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एम सी चौहान और संभागीय क्षेत्रीय प्रबंधक घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। पिछले चार दिनों में प्रदेश में यह दूसरी ट्रेन दुर्घटना है। इससे पहले 19 अगस्‍त को मुजफ्फरनगर में उत्‍कल एक्‍सप्रेस दुर्घटनाग्रस्‍त हो गयी थी। उस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी और 156 यात्री घायल हो गए थे।

सीबीआई के समक्ष पेश हुये कार्ति चिदंबरम

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नयी दिल्ली, 23 अगस्त, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भ्रष्टाचार के एक मामले में आज सीबीआई के समक्ष पेश हुये। उच्चतम न्यायालय ने कार्ति को पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश होने को कहा था। मॉरीशस से धन प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा दी गई मंजूरी के सिलसिले में जांच एजेंसी कार्ति से पूछताछ करना चाहती थी। उस समय उनके पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। आरोप है कि कंपनी जिसका परोक्ष रूप से नियंत्रण कार्ति के हाथ में था उसे आईएनएक्स मीडिया से धन मिला था। आईएनएक्स मीडिया के संचालक इंद्राणी और पीटर मुखर्जी थे। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने कार्ति को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए जून में एक नोटिस जारी किया था जिस पर उन्होंने और वक्त मांगा था। बाद में, देश छोड़ने से रोकने के लिए उनके खिलाफ एक लुक आउट सर्कुलर जारी किया।कार्ति तब मद्रास उच्च न्यायालय पहुंचे जिसने सर्कुलर पर रोक लगा दी। बाद में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान कार्ति ने अदालत से कहा था कि वह सीबीआई के समक्ष पेश होना चाहते हैं। इस पर अदालत ने उन्हें 23 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया । प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की एक पीठ ने कार्ति को पूछताछ के दौरान सीबीआई मुख्यालय में एक वकील को साथ रखने की अनुमति दी थी।


उच्च न्यायालय ने आप को आवंटित बंगला रद्द करने का उपराज्यपाल का आदेश खारिज किया

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नयी दिल्ली 23 अगस्त,  दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में आम आदमी पार्टी को आवंटित बंगला रद्द करने का उपराज्यपाल (एलजी) का आदेश खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई के लिए कोई कारण नहीं दिया गया है। न्यायमूर्ति विभू बखरू ने इस मामले को राजनीतिक पार्टी को सुनने के बाद आठ हफ्ते में तर्कसंगत फैसला लेने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास वापस भेज दिया।अदालत ने कहा कि 12 अप्रैल का आवंटन रद्द करने वाले आदेश में यह नहीं बताया गया कि किस कानून या नियम का उल्लंघन किया गया है। इसने केंद्र सरकार से कहा कि राजनीतिक पार्टियों को परिसर आवंटित करने की अगर नीति है तो उसे समान रूप से लागू करना चाहिए।

रिजर्व बैंक 200 रुपये का नोट जारी करेगा : वित्त मंत्रालय

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नयी दिल्ली 23 अगस्त, सरकार ने आज भारतीय रिजर्व बैंक को 200 रुपये का नोट जारी करने की अनुमति दे दी। इससे छोटे मूल्य के करेंसी नोटों से दबाव कम करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की सिफारिशों के मद्देनजर केंद्र सरकार 200 रुपये का बैंक नोट जारी करने की अनुमति देती है।नया 200 का नोट जल्द चलन में आने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि 200 का नोट छापने की प्रक्रिया शुरू होने से देश में करेंसी की स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी। पिछले साल नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये का नया नोट जारी किया था और साथ ही 2,000 रुपये का नोट पेश किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि 200 रुपये का नोट आने के बाद लोगों को 2,000 रुपये की ऊंचे मूल्य की मुद्रा की वजह से जो दिक्कतें आ रही हैं उन्हें कम किया जा सकेगा। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने 50 का नया फ्लोरेसेंट ब्लू नोट भी पेश किया है।

आतंकियों से संबंध रखने वाले पाक के अधिकारियों पर पाबंदी लगा सकता है अमेरिका :व्हाइट हाउस

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वाशिंगटन 23 अगस्त, व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आंतकियों को लेकर उसके रवैये को लेकर चेताया है और उनके सख्त रुख में हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों से संबंध रखने वाले पाकिस्तानी अधिकारियों पर पाबंदी लगाना शामिल हो सकता है। अधिकारी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ अब तक सामान्य रहा कारोबार अब समाप्त हो चुका है। मीडिया हाउस पोलिटिको ने कल अधिकारी के हवाले से कहा, ‘‘पाकिस्तान को समझना चाहिए कि इन राष्ट्रपति की ओर से, इस प्रशासन की ओर से उन्हें चेताया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका ने वाकई लंबे वक्त से पाकिस्तान के साथ धैर्य रखकर काम किया है। हमें उनसे अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका हक्कानी नेटवर्क समेत आतंकी समूहों पर संभवत: पाबंदियां लगा सकता है जिनके पाकिस्तान सरकार के तत्वों से तार जुड़े हैं। इस तरह के संगठनों के साथ जुड़े किसी पाकिस्तानी अधिकारी पर भी प्रतिबंध लगाये जा सकते हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि रिश्ते सुधारने की जिम्मेदारी अब पाकिस्तान पर है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 22 अगस्त

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नगर पालिका उपाध्‍यक्ष हेतु जिला कांग्रेस कमेटी ने तैयार की रणनीति

झाबुआ । झाबुआ नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस पार्टी की भारी बहुमतों से जीत हुई है। जहां अध्‍यक्ष पद हेतु कांग्रेस पार्टी की उम्‍मीदवार मनुबेन डोडियार भारी बहुमतो से निर्वाचित हुई। वहीं कांग्रेस समर्थित 9 पार्षदों ने अपने.अपने वार्डों में जीत हासिल की। आगामी नगर पालिका कार्यकाल के लिए जल्‍द ही गजट नोटिफिकेशन होगा तत्‍पश्‍चात कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्‍यक्ष सहित पार्षद अपना पदभार ग्रहण करेंगे तथा उसके पश्‍चात ही नगर पालिका के उपाध्‍यक्ष पद हेतु चुनाव होगा तथा नगर पालिका परिषद का प्रथम सम्‍मेलन भी आयोजित किया जाएगा। जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहता एवं प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष अरूण यादव के निर्देशानुसार झाबुआ नगर पालिका उपाध्‍यक्ष पद के चुनाव एवं प्रथम सम्‍मेलन की रूपरेखा बनाने हेतु प्रदेश कांग्रेस कमेटी से भेजे गए पर्यवेक्षक की उपस्थिति में एक विशेष बैठक का आयोजन भी जल्‍द किया जाएगा जिससे अध्‍यक्ष सहित सभी पार्षदों एवं सांसद कांतिलाल भूरिया सहित वरिष्‍ठ कांग्रेस पदाधिकारीयों से विचार.विमर्श कर सर्वस‍हमति से निर्णय लिये जाएंगे तथा पार्टी की ओर से सर्वसहमति से उपाध्‍यक्ष पद हेतु प्रत्‍याशी का चयन किया जाएगा।


इच्छाए अनन्त है उस पर नियंत्रण करने से आत्मा निर्मल बनती हैं

झाबुआ । आज के भौतिक युग में मानव की इच्छाओं को रोक पाना मुश्किल होता है परंतु भवि आत्मा इन पर अंकुश लगा कर धर्म आराधना में रम जाती है पर्वाधिराज पर्युषण के दिनों में तप जप व त्याग से आत्मा को निर्मल कर सिद्धत्व को प्राप्त किया जा सकता है  उक्त विचार धर्मदास स्वाध्याय संघ की सुश्री दिव्यानि वागरेचा ने पर्व के दौरान अनु दरबार मे व्यक्त किये । स्वाध्याय सुश्री आयुषी गांधी ने बताया कि अगर मनुष्य की आत्मा में धर्म रूपी सिम कार्ड नही है तो जिस प्रकार बिना सिम कार्ड के मोबाइल किसी काम का नही वैसा ही मनुष्य भी बिना धर्म के अधूरे है। पर्व के दौरान पूर्णिमा सुराणा । मंजुला घोड़ावत। अंगुरबाला घोड़ावत ने तेले तप की आराधना की। तेरापंथ सभा भवन पर भी उपासिका बहनों के  सानिध्य में धर्म आराधना चल रही है ।अतिथि सत्कार अभय घोड़ावत की तरफ से रखा गया प्रभावना बाबूलाल जी की तरफ से वितरित  की गई।

झाबुआ जिले मे भी कटी महिला की चोटी

झाबुआ । झाबुआ जिले की पेटलावद विकासखण्ड के ग्राम रामपुरिया के तलावपाड़ा में आज सुबह दुर्गा पति पूंजा नाम की महिला की चोटी काटने का मामला सामने आया है हालाकि इस मामले पर लोगो में सवाल बना हुआ है कि यह एक मात्र अफवाह है व कोई बड़ी साजिश या कुछ और. मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार दुर्गा बीती रात अपने घर पर सो रही थी। जब सुबह वह उठी तो उसके पास उसकी कटी चोटी पड़ी थी। दुर्गा के कथनानुसार दो मिनट बाद ही उसे कुछ डर सा महसूस हुआ, जब महिला ने सिर में खुजली जेसा होने पर अपने सिर पर हाथ फेरा तो उसके हाथ मे कटी हुई चोटी आ गई। चोटी कटने के बाद से घर और मोहल्ले में दहशत का माहौल है। महिला वर्तमान समय में होश में है उसकी चोटी कैसे कटी इसकी जानकारी नहीं लग पा रही है। मामला जो भी हो लेकिन क्षेत्र में पहली घटना होने की वजह से पूरे जिले में दहशत और चर्चाओं का माहौल जोरों पर है। जिले में इस मामले के बाद कही न कही महिलाओ और लडकियो में असुरक्षित और डर महूसस कर रही है। हालाकि जिले की पुलिस प्रशासन इस पूरी घटना को जहा शरारत और अफवाह बता रहा है तो पीडित इसे सच व्यान कर रहे है। वह पीडित को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटलावद भी लेकर पहुंचे। चुकी यह मामला देश के अन्य भागो राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली के बाद अब यूपी में मामला सामने आया है। चोटी कटने के इन मामलो में अन्य राज्यों में अब तक किसी भी घटना का खुलासा नहीं हुआ है इस लिये ये सवाल खड़ा है ये साजिस है या अफवाह?


 लूट की दो घटना का पर्दाफाश तीन आरोपी गिरफ्तार 
   
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झाबुआ ।  पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्री महेश चंद जैन ने बताया कि दिनांक 10.08.2017 को फरि. शशांक पिता राजेश तिवारी, उम्र 25 वर्ष, निवासी कुन्दनपुर ने थाने पर बताया था कि रायपुरिया से कल्याणपुरा रोड पर जाते समय ग्राम बरखेड़ा में रोड़ पर रापी लगी होने के कारण गाड़ी का टायर पंचर हो गया, पंचर सुधारने लगे, तभी रात्रि 10ः30 बजे पीछे से सात-आठ व्यक्ति आये व साथी जयंत की गले की चेन व मोबाइल व नगदी 1000/-रू. लूट लिये व फरि. शशांक से 13,000/-रू. लूटकर ले गये, जिस पर थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रं. 222/17 धारा 394 भादवि कायम किया गया। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक द्वारा एस.डी.ओ.पी. झाबुआ के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच व थाना कल्याणपुरा की टीमों को पतारसी हेतु लगाया। लगातार प्रयासो के बावजूद मुखबिर द्वारा सूचना मिलने पर कि पुराना शातिर अपराधी दरू पिता थावरिया भूरिया, निवासी भूतेड़ी व उसके साथी विजय पिता धूमसिंह भाबर, निवासी फत्तीपुरा, पप्पु पिता पांगलिया, निवासी हिम्मतगढ़़, सुनील पिता खुमान भूरिया, जामसिंह पिता जोसर भूरिया, कमरू पिता धनसिंह भूरिया, जितम पिता खुमान भूरिया, सभी निवासी फत्तीपुरा, तथा नाना पिता रामा भूरिया, निवासी भुतेड़ी घटना के समय बरखेड़ा घटनास्थल के पास देखे गये है, तब संदेही दरू व उसके साथियों की तलाश की गई तो यह घटनास्थल से फरार पाये गये। क्राइम बांच की टीम द्वारा लगातार प्रयास कर संदेही विजय पिता धूमसिंह भाबर, निवासी फत्तीपुरा थाना कालीदेवी को पकड़ा तो उसने स्वीकार किया कि दरू के कहने पर हमने रोड़ पर रापी लगाकर लूट की थी। आरोपी विजय से घटना में लूटा गया मोबाइल तथा एक हजार रूपये बरामद किये गये है तथा दूसरे आरोपी पप्पू से 1000/-रू. बरामद किये गये है। शेष आरोपियों की तलाश जारी है। शातिर अपराधी दरू, जो कि पूर्व में भी लूट/डकैती आदि के अपराधों में संलिप्त रहा है, की गिरफ्तारी की सूचना पर 5,000/-रू. का ईनाम घोषित किया गया है। वही एक अन्य लुट के मामले मे पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्री जैन ने बताया कि दिनांक 08.08.2017 को सूचनाकर्ता दिपक पिता गोविन्दराम रायकवार, निवासी बन्धन बैंक रितुराज काॅलोनी ने सूचना दी कि मैं डी.बी.ओ. के पद पर पदस्थ हुॅ। बैंक द्वारा आसपास के लोगों को साप्ताहिक लोन दिया था, जिसकी किश्त लेने ग्राम बडा जुलवानीया सायकिल से गया था, ग्राहको से लोन की किश्त के 20,000/-रू. लेकर पोस मशीन एच.एच.डी. हार्ड से बन्धन बैंक को ट्रांसफर किया तथा जमा रसीदे ग्राहकों को दी। बाद नगदी व एच.एच.डी.हार्ड मशीन लेकर सायकिल से वापस थांदला आ रहा था कि ग्राम बडा जुलवानीया मोड पर दो अज्ञात व्यक्ति उम्र करीब 25,26 वर्ष के मोटर सायकिल से खडे़ मिले, जिन्होंने सायकिल को धक्का देकर गिरा दिया व पोस मशीन का बैग व जैब से नगदी 20,000/-रू. तथा मोबाइल छीन कर ले गये। सूचना पर थाना थांदला में अपराध क्रं. 385/17 धारा 392 भादवि का पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये अज्ञात आरोपी की पतारसी तत्परता से करते हुये आरोपी पितेश पिता वानीया कटारा भील तथा बादरू पिता वानीया कटारा भील, निवासीगण मदरानी भावपुरा फलिया द्वारा लूट करना पता चला। आरोपियों की तलाश हेतु एस.डी.ओ.पी. थांदला द्वारा पुलिस टीम गठित कर आरोपी बादरू को गिरफ्तार कर पुछताछ करने पर 5,000/-रू. तथा मशीन के टुकड़े जप्त किये तथा मशीन में लगी तीन सीम भी जप्त की गई तथा आरोपी पीतेश की तलाश करते नहीं मिला, गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। उक्त घटना का पर्दाफाश करने में थाना प्रभारी थांदला एस.एस. बघेल, उनि हिरालाल मालीवाड, सउनि शिवकुमार कुशवाह, प्रआर. 410 विजय सैन व आर. 260 रूपेश का योगदान सराहनीय रहा। ेउक्त सफलता पर पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्री महेश चंद जैन ने पुलिस टीम को बधाई दी एवं नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।

जनसुनवाई में कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने लिए आवेदन

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झाबुआ । आज 22 अगस्त को शासन के निर्देशानुसार जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में आवेदन कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमना भीडे ने लिये। आवेदको से आवेदन प्राप्त कर संबंधित कार्यालय प्रमुखो को निराकरण के लिये आवश्यक निर्देश दिये गये। महिलाओं एवं बुजूर्गों के आवेदन पहले लिये गये। जनसुनवाई के आवेदनो के निराकरण की प्रक्रिया भी सी.एम.हेल्पलाइन की तरह ही हो गई है। आवेदनों को आॅनलाईन साफ्टवेयर में दर्ज किया गया। जनसुनवाई में प्रकरण के निराकरण की स्थिति बताने के लिए आवेदक का मोबाईल नम्बर दर्ज करना भी अनिवार्य हो गया है। इसलिए आवेदन के साथ आवेदक का मोबाइल नम्बर भी दर्ज किया गया। जनसुनवाई में संगीता पति प्रकाश निवासी ग्राम पिपलोदा छोटा ब्लाक मेघनगर के आवेदन पर नियत समयावधि में कोई कार्यवाही नहीं करने एवं जनसुनवाई के पोर्टल पर आवेदन की स्थिति की जानकारी फीड नहीं करने के कारण कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी पर 200 रू. जुर्माना अधिरोपित किया एवं संबंधित आवेदक संगीता को समक्ष में भुगतान करवाया। सेवानिवृत सहायक अध्यापक श्री सुरेन्द्र कुमार जैन प्राथमिक शाला गेलर बडी क्र.2 विकासखण्ड झाबुआ ने समर्पित अवकाश का शासन के नियमानुसार लाभ दिलवाने के लिए आवेदन दिया। जलिया पिता मडिया निवासी बलवन तहसील झाबुआ ने विद्युत बिल मीटर रीडिंग से अधिक आने की शिकायत की एंव बिल में सुधार करवाने के लिए आवेदन दिया। कालिया पिता रूपा, सलिया पिता पांगला, शंकर पिता जामसिंह निवासी धामनी कटारा तहसील राणापुर ने अंत्योदय योजनांतर्गत सहकारी उचित मूल्य की दुकान से सेल्समेन द्वारा राशन नहीं दिये जाने की शिकायत की एवं सेल्समेन से राशन दिलवाने के लिए आवदेन दिया। विनोद पिता बालू भूरिया, संदीप हिहोर, रवि पिता मगन निवासी किशनपुरी झाबुआ एवं बाबू पिता अनसिंह निवासी ग्राम पानकी तहसील झाबुआ ने इन्दौर पब्लिक सकूल झाबुआ के संचालक द्वारा डीपीसी सर्वशिक्षा अभियान द्वारा जारी आदेश के बाद भी बच्चों को आरटीआई अधिनियम के तहत प्रवेश नही ंदिये जाने की शिकायत की एवं बच्चों को प्रवेश दिलवाने के लिये आवेदन दिया। आवेदक रतन, दिनेश, भवरसिंग, वरसिंग, अनसिंग खुमत, बादरसिंह, रागु, शांतिबाई, बाबू, लखनसिंह, अंतरलाल, भीमसिंह, रणछोड, दिनेश इत्यादि निवासी ग्राम तारखेडी टाण्डा तहसील पेटलावद ने डेम में डूब में गई भूमि का मुआवजा दिलवाने के लिए आवेदन दिया। ग्राम भामल तहसील थांदला के ग्रामीणो ने गांव के फलियों को राजस्व ग्राम घोषित करवाने के लिए आवेदन दिया। अश्विन पिता बाबू रावत निवासी ग्राम नवीन नवापाडा तहसील झाबुआ ने छात्रावास में प्रवेश दिलवाने के लिए आवेदन दिया। शंकर पिता दोलिया निवासी बावडी तहसील झाबुआ ने सिंचाई हेतु लगाये गये विद्युत मोटर कनेक्शन को फ्री करवाने के लिए आवेदन दिया। तोलिया पिता नेवसिंह निवासी ग्राम धमोई तहसील झाबुआ ने स्वीकृत कपिल धारा कूप की शेष राशि का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। सुरेश पिता गणपत निवासी टीचर्स काॅलोनी झाबुआ ने दोनो किडनी खराब हो जाने पर शासकीय योजनांतर्गत ईलाज करवाने के लिए आवेदन दिया।

प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची से छूटे पात्र परिवारो का नाम जोडने के लिए 3 सितम्बर तक शिविर आयोजित किये जायेगे

झाबुआ । कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने जिले के छूटे हुए पात्र हितग्राहियों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में जुडवाने के लिए 3 सितम्बर 2017 तक ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित करने के लिए सीईओं जिला पंचायत को निर्देश दिये। ऐसे हितग्राही जो आवासहीन है एवं जिनके पास कच्चे आवास है वे अपनी ग्राम पंचायत में उपस्थित होकर अपना नाम जुडवा सकते है।

स्कूल/छात्रावास के बच्चों को प्रतिदिन खेल एवं योग गतिविधि करवाये, समयावधि पत्रो की समीक्षा बैठक संपन्न

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झाबुआ । आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री आशीष सक्ेसना ने की। बैठक में सीईओं जिला पंचायत श्रीमती जमना भीडे सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जनसुनवाई, जनशिकायत, सीएम हेल्प लाइन एवं समयावधि पत्रों की समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये। जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए आवश्यक कार्य योजना बनाने के लिए 23 अगस्त को कलेक्टर कार्यालय में जिला अधिकारी, बैंकर्स एवं वेण्डर की संयुक्त बैठक आयोजित कर शौचालय निर्माण की कार्यवाही त्वरित करवाने के लिए सीईओ जिला पंचायत को निर्देश दिये गये। थांदला के बाद अब झाबुआ ब्लाक को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए प्राथमिकता से कार्यवाही की जाएगी। झाबुआ ब्लाक को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए ग्रामवार जिला अधिकारियों की नियुक्ति सुपरविजन के लिए लगाई गई है। जिला अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रो में भ्रमण कर ग्रामीणों को शौचालय निर्माण करने के लिए प्रेरित करने के लिए निर्देश दिये गये। जन अभियान परिषद के मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता पाठयक्रम अंतर्गत अध्ययनरत विद्यार्थी भी शौचालय निर्माण एवं लोगो को खुले में शौच नहीं करने के लिए प्रेरित करेगे।

पलायन वाले परिवार की पंजी कोटवार बनायेगा
टीकाकरण अभियान अंतर्गत टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण करवाने के लिए जो शासकीय सेवक सहयोग करेगे उन्हें शासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। जो परिवार पलायन पर रहेगा उस परिवार की इन्ट्री एक रजिस्टर में कोटवार द्वारा की जाएगी। कोटवार पलायन वाले परिवार के सदस्यों के नाम पंजी में दर्ज करेगा संबंधित परिवार पंलायन पर किस राज्य अथवा शहर में गया है यह पंजी में दर्ज किया जाएगा। पंजी में संबंधित परिवार का मोबाईल नम्बर भी दर्ज किया जाएगा। ताकि अति आवश्यक सेवाओं का लाभ देने के लिए उनसे संपर्क किया जा सके। उन्नत भारत अभियान में जिन ग्रामों को चिन्हित किया गया है वंहा पर वर्मी कम्पोस्ट एवं बाग बाडी शत-प्रतिशत करवाने के निर्देश उप संचालक कृषि को दिये गये। स्कूल एवं छात्रावास के प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन उसकी रूचि अनुसार खेल योग गतिविधि करवाने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने कहां कि स्कूल एवं छात्रावास के प्रत्येक बच्चे की जानकारी के साथ उपस्थिति पंजी में यह दर्ज होना चाहिए कि बच्चा किस खेल को अच्छा खेलता है। हर बच्चा कोई ना कोई खेल अवश्य खेले ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, डीपीसी, डीईओ एवं खेल अधिकारी को निर्देशित किया।

पर्यावरण संरक्षण के लिए मिट्टी से बनी प्रतिमाओं का करे उपयोग,

झाबुआ । प्रतिमाओं के विसर्जन से प्राकृतिक जलस्त्रोतो में होने वाले जल प्रदूषण को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आमजन से अपील की गई है कि आगामी त्यौहारो के दौरान मिटटी से बनी मूर्तियो का ही उपयोग करे, ऐसी मूर्तियाॅ जिन्हे  कलर करने के लिए प्राकृतिक रंगो और गैर विषाक्त रंगो का इस्तेमाल किया गया हो उन्ही मूर्तियो का चयन कर पर्यावरण संरक्षण मे अपना योगदान दे। माननीय उच्चतम न्यायालय  के आदेशानुसार किसी भी प्रकार के रासायनिक और विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूर्णतयाः प्रतिबंधित किया गया है।
विसर्जन से पहले सभी सामग्री बाहर निकाले प्रतिमा विसर्जन से पहले पूजन सामग्री जैसे फल, फुल, नारियल, वस्त्र, आभूषण, सजावट के सामान आदि निकालकर अलग कर लेे। विसर्जन के 24 घंण्टे के अंदर प्रतिमाओं से निकले ठोंस अपशिष्ट जैसे बांस, बल्ली, मिटटी की प्रतिमाओं के हिस्सें आदि को एकत्रित कर उसका निपटान नगरीय ठोंस अपशिष्ट नियम 2000 के प्रावधानो के तहत करने हेतु नगरीय निकायो को निर्देशित किया गया है।

कौशल उन्नयन विकास कार्यक्रम अंतर्गत निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र तथा प्रशिक्षण प्रदाय हेतु संस्थाओं का चयन हेतु आवेदन आमंत्रित

झाबुआ । मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा प्रदेश में कौशल उन्नयन विकास योजना अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को विभिन्न रोजगारोन्मुखी व्यवसायों में प्रशिक्षण हेतु आवेदन पत्र 31 अगस्त तक आमंत्रित किये गये है। योजना से संबंधित विस्तृत विवरण एवं आवेदन पत्र विभागीय वेबसाईट  पर भी उपलब्ध है। प्रशिक्षण हेतु इच्छुक आवेदक अपना आवेदन पत्र निर्धारित अभिलेखों सहित संबंधित जिले के खादी ग्रामोद्योग प्रभारी जिला पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत कर एक प्रति बोर्ड मुख्यालय को प्रेषित करे। प्रशिक्षण हेतु कौशल उन्नयन विकास प्रशिक्षण के नियमों के प्रावधान अनुसार पंजीबद्ध संस्थाएं म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, भोपाल को पूर्ण विवरण सहित अपना प्रस्ताव 31 अगस्त 2017 तक प्रस्तुत कर सकते है।

जिले में अब तक कुल 647.1 मि.मी. औसत वर्शा दर्ज, 24 घण्टो में कुल 17.3 मि.मी. वर्षा दर्ज

झाबुआ । अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ ने बताया कि जिले में 1 जून से आज दिनांक तक कुल 647.1 मि.मी. औसत वर्शा हो चुकी है। जिले में विगत 24 घण्टों के दौरान औसत 17.3 मि.मी. वर्शा दर्ज की गई। विगत 24 घण्टो में झाबुआ तहसील में 4.0 मि.मी., थांदला तहसील में 2.8 मि.मी., रानापुर में 7.0 मि.मी., मेघनगर में 71.0 मि.मी., पेटलावद में 3.8 मि.मी.,रामा में नील मि.मी. वर्शा दर्ज की गई है।

सट्टे का अपराध पंजीबद्ध
     
झाबुआ । आरोपी दिनेश पिता गुलाबचंद धानक व अन्य 02 निवास गण थांदला को अवैध रूप से हारजीत का रूपयें पैसे का दाव लगाकर सट्टा पर्ची लिखते कब्जे से सट्टा पर्ची, लीड, एक मोबाईल व नगदी 3,340 रूपयें जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रंमाक 401/17 धारा 4-क धुत अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चोरी के दो अपराध पंजीबद्ध
     
झाबुआ । फरि. गुलरेज पिता गयासुद्धीन कुरेशी उम्र 35 साल निवासी झाबुआ ने बताया कि अपनी मोटर सायकल क्रमांक एमपी-45 एमके-5687 को घर के सामने खड़ी की थी जिसे अज्ञात बदमाश चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रंमाक 675/17 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। झाबुआ । फरि. धूमसिंह पिता हरसिंह कटारा उम्र 50 साल निवासी झिरनीया कालीदेवी ने बताया कि आरोपी बंटी पिता कन्हैयालाल प्रजापति निवासी झाबुआ ने फरि. की मोटर सायकल क्रमांक एमपी-45 एमजी-3229 को नगरपालिका के सामने से चुराकर भाग रहा था कि फरि. के पीछा करने पर पकड़ कर आरोपी को थाने लाया गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रंमाक 676/17 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

गुम इंसान का प्रकरण कायमे 
     
झाबुआ । फरि. हेमराज पिता तोलिया डामोर उम्र 45 साल निवासी छकतला ने बताया कि मेरी बहन शांतिबाई पति खेलसिंह बिलवाल उम्र 40 साल निवासी अगेरा राखी मनाने आयी थी जो बिना बताये कही चली गई। प्रकरण में थाना कालीदेवी में गुम इंसान क्रंमाक 25/17 में कायमी कि गयी।

विशेष आलेख : विविधता में एकता ही 'शिव 'अर्थात 'भारत 'देश है

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"ॐ नमः शिवाय च का अर्थ है-Salutation To That Lord The Benefactor of all "यह कथन है संत श्याम जी पाराशर का.अर्थात हम अपनी मातृ -भूमि भारत को नमन करते हैं.वस्तुतः यदि हम भारत का मान-चित्र और शंकर जी का चित्र एक साथ रख कर तुलना करें तो उन महान संत क़े विचारों को ठीक से समझ सकते हैं.शंकर या शिव जी क़े माथे पर अर्ध-चंद्राकार हिमाच्छादित हिमालय पर्वत ही तो है.जटा से निकलती हुई गंगा -तिब्बत स्थित (अब चीन क़े कब्जे में)मानसरोवर झील से गंगा जी क़े उदगम की ही निशानी बता रही है.नंदी(बैल)की सवारी इस बात की ओर इशारा है कि,हमारा भारत एक कृषि -प्रधान देश है.क्योंकि ,आज ट्रेक्टर-युग में भी बैल ही सर्वत्र हल जोतने का मुख्य आधार है.शिव द्वारा सिंह-चर्म को धारण करना संकेत करता है कि,भारत वीर-बांकुरों का देश है.शिव क़े आभूषण(परस्पर विरोधी जीव)यह दर्शाते हैंकि,भारत "विविधताओं में एकता वाला देश है."यहाँ संसार में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र चेरापूंजी है तो संसार का सर्वाधिक रेगिस्तानी इलाका थार का मरुस्थल भी है.विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं तो पोशाकों में भी विविधता है.बंगाल में धोती-कुर्ता व धोती ब्लाउज का चलन है तो पंजाब में सलवार -कुर्ता व कुर्ता-पायजामा पहना जाता है.तमिलनाडु व केरल में तहमद प्रचलित है तो आदिवासी क्षेत्रों में पुरुष व महिला मात्र गोपनीय अंगों को ही ढकते हैं.पश्चिम और उत्तर भारत में गेहूं अधिक पाया जाता है तो पूर्व व दक्षिण भारत में चावल का भात खाया जाता है.विभिन्न प्रकार क़े शिव जी क़े गण इस बात का द्योतक हैं कि, यहाँ विभिन्न मत-मतान्तर क़े अनुयायी सुगमता पूर्वक रहते हैं.शिव जी की अर्धांगिनी -पार्वती जी हमारे देश भारत की संस्कृति (Culture )ही तो है.भारतीय संस्कृति में विविधता व अनेकता तो है परन्तु साथ ही साथ वह कुछ  मौलिक सूत्रों द्वारा एकता में भी आबद्ध हैं.हमारे यहाँ धर्म की अवधारणा-धारण करने योग्य से है.हमारे देश में धर्म का प्रवर्तन किसी महापुरुष विशेष द्वारा नहीं हुआ है जिस प्रकार इस्लाम क़े प्रवर्तक हजरत मोहम्मद व ईसाईयत क़े प्रवर्तक ईसा मसीह थे.हमारे यहाँ राम अथवा कृष्ण धर्म क़े प्रवर्तक नहीं बल्कि धर्म की ही उपज थे.राम और कृष्ण क़े रूप में मोक्ष -प्राप्त आत्माओं का अवतरण धर्म की रक्षा हेतु ही,बुराइयों पर प्रहार करने क़े लिये हुआ था.उन्होंने कोई व्यक्तिगत धर्म नहीं प्रतिपादित किया था.आज जिन मतों को विभिन्न धर्म क़े नाम से पुकारा जा रहा है ;वास्तव में वे भिन्न-भिन्न उपासना-पद्धतियाँ हैं न कि,कोई धर्म अलग से हैं.लेकिन आप देखते हैं कि,लोग धर्म क़े नाम पर भी विद्वेष फैलाने में कामयाब हो जाते हैं.ऐसे लोग अपने महापुरुषों क़े आदर्शों को सहज ही भुला देते हैं. 


"भक्ति" :  आचार्य श्री राम शर्मा गायत्री परिवार क़े संस्थापक थे और उन्होंने बहुत ही स्पष्ट शब्दों में कहा था -"उन्हें मत सराहो जिनने अनीति पूर्वक सफलता पायी और संपत्ति कमाई."लेकिन हम देखते हैं कि,आज उन्हीं क़े परिवार में उनके पुत्र व दामाद इसी संपत्ति क़े कारण आमने सामने टकरा रहे हैं.गायत्री परिवार में दो प्रबंध समितियां बन गई हैं.अनुयायी भी उन दोनों क़े मध्य बंट गये हैं.कहाँ गई भक्ति?"भक्ति"शब्द ढाई अक्षरों क़े मेल से बना है."भ "अर्थात भजन .कर्म दो प्रकार क़े होते हैं -सकाम और निष्काम,इनमे से निष्काम कर्म का (आधा क) और त्याग हेतु "ति"लेकर "भक्ति"होती है.आज भक्ति है कहाँ? 

 विकृति  : महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना धर्म में प्रविष्ट कुरीतियों को समाप्त करने हेतु ही एक आन्दोलन क़े रूप में की थी.नारी शिक्षा,विधवा-पुनर्विवाह ,जातीय विषमता की समाप्ति की दिशा में महर्षि दयानंद क़े योगदान को विस्मृत नहीं किया जा सकता.आज उनके द्वारा स्थापित आर्य समाज में क्या हो रहा है-गुटबाजी -प्रतिद्वंदिता .काफी अरसा पूर्व आगरा में आर्य समाज क़े वार्षिक निर्वाचन में गोलियां खुल कर चलीं थीं.यह कौन सी अहिंसा है?जिस पर स्वामी जी ने सर्वाधिक बल दिया था. स्वभाविक है कि, यह सब नीति-नियमों की अवहेलना का ही परिणाम है,जबकि आर्य समाज में प्रत्येक कार्यक्रम क़े समापन पर शांति-पाठ का विधान है.यह शांति-पाठ यह प्रेरणा देता है कि, जिस प्रकार ब्रह्माण्ड में विभिन्न तारागण एक नियम क़े तहत अपनी अपनी कक्षा (Orbits ) में चलते हैं उसी प्रकार यह संसार भी जियो और जीने दो क़े सिद्धांत पर चले.परन्तु एरवा कटरा में गुरुकुल चलाने  वाले एक शास्त्री जी ने रेलवे क़े भ्रष्टतम व्यक्ति जो एक शाखा क़े आर्य समाज का प्रधान भी रह चुका था क़े भ्रष्टतम सहयोगी क़े धन क़े बल पर एक ईमानदार कार्यकर्ता पर प्रहार किया एवं सहयोग दिया पुजारी व पदाधिकारियों ने तो क्या कहा जाये कि, आज सत्यार्थ-प्रकाश क़े अनुयायी ही सत्य का गला घोंट कर ईमानदारी का दण्ड देने लगे हैं.यह सब धर्म नहीं है.परन्तु जन-समाज ऐसे लोगों को बड़ा धार्मिक मान कर उनका जय-जयकारा करता है.आज जो लोगों को उलटे उस्तरे से मूढ़ ले जाये उसे ही मान-सम्मान मिलता है.ऐसे ही लोग धर्म व राजनीति क़े अगुआ बन जाते हैं.ग्रेषम का अर्थशास्त्र में एक सिद्धांत है कि,ख़राब मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है.ठीक यही हाल समाज,धर्म व राजनीति क़े क्षेत्र में चल रहा है.जबसे आर्यसमाज में संघ अनुयायी छा गए हैं आर्यसमाज दयानन्द सरस्वती के मार्ग से भटक गया है और इसी लिए उसमें उपरोक्त विकृति पनप सकीं .


दुनिया लूटो,मक्कर से.
रोटी खाओ,घी-शक्कर से.
   एवं
अब सच्चे साधक धक्के खाते हैं .
फरेबी आज मजे-मौज  उड़ाते हैं.

शिव : ज्ञान -विज्ञान का प्रदाता  : : आज बड़े विद्वान,ज्ञानी और मान्यजन लोगों को जागरूक होने नहीं देना चाहते,स्वजाति बंधुओं की उदर-पूर्ती की खातिर नियमों की गलत व्याख्या प्रस्तुत कर देते हैं.राम द्वारा शिव -लिंग की पूजा किया जाना बता कर मिथ्या सिद्ध करना चाहते हैं कि, राम क़े युग में मूर्ती-पूजा थी और राम खुद मूर्ती-पूजक थे. वे यह नहीं बताना चाहते कि राम की शिव पूजा का तात्पर्य भारत -भू की पूजा था. वे यह भी नहीं बताना चाहते कि, शिव परमात्मा क़े उस स्वरूप को कहते हैं कि, जो ज्ञान -विज्ञान का दाता और शीघ्र प्रसन्न होने वाला है. ब्रह्माण्ड में चल रहे अगणित तारा-मंडलों को यदि मानव शरीर क़े रूप में कल्पित करें तो हमारी पृथ्वी का स्थान वहां आता है जहाँ मानव शरीर में लिंग होता है.यही कारण है कि, हम पृथ्वी -वासी शिव का स्मरण लिंग रूप में करते हैं और यही राम ने समझाया भी होगा न कि, स्वंय ही  लिंग बना कर पूजा की होगी. स्मरण करने को कंठस्थ करना कहते हैं न कि, उदरस्थ करना.परन्तु ऐसा ही समझाया जा रहा है और दूसरे विद्वजनों से अपार प्रशंसा भी प्राप्त की जा रही है. यही कारण है भारत क़े गारत होने का. जैसे सरबाईना और सेरिडोन क़े विज्ञापनों में अमीन सायानी और हरीश भीमानी जोर लगते है अपने-अपने उत्पाद की बिक्री का वैसे ही उस समय जब इस्लाम क़े प्रचार में कहा गया कि हजरत सा: ने चाँद क़े दो टुकड़े  कर दिए तो जवाब आया कि, हमारे भी हनुमान ने मात्र ५ वर्ष की अवस्था में सूर्य को निगल लिया था अतः हमारा दृष्टिकोण श्रेष्ठ है. परन्तु दुःख और अफ़सोस की बात है कि, सच्चाई साफ़ करने क़े बजाये ढोंग को वैज्ञानिकता का जामा ओढाया जा रहा है.

यदि हम अपने देश  व समाज को पिछड़ेपन से निकाल कर ,अपने खोये हुए गौरव को पुनः पाना चाहते हैं,सोने की चिड़िया क़े नाम से पुकारे जाने वाले देश से गरीबी को मिटाना चाहते हैं,भूख और अशिक्षा को हटाना चाहते हैं तो हमें "ॐ नमः शिवाय च "क़े अर्थ को ठीक से समझना ,मानना और उस पर चलना होगा तभी हम अपने देश को "सत्यम,शिवम्,सुन्दरम"बना सकते हैं.आज की युवा पीढी ही इस कार्य को करने में सक्षम हो सकती है.अतः युवा -वर्ग का आह्वान है कि, वह सत्य-न्याय-नियम और नीति पर चलने का संकल्प ले और इसके विपरीत आचरण करने वालों को सामजिक उपेक्षा का सामना करने पर बाध्य कर दे तभी हम अपने भारत का भविष्य उज्जवल बना सकते हैं.काश ऐसा हो सकेगा?हम ऐसी आशा तो संजो ही सकते हैं.

"ओ ३ म *नमः शिवाय च"कहने पर उसका मतलब यह होता है.:-
*अ +उ +म अर्थात आत्मा +परमात्मा +प्रकृति 
च अर्थात तथा/ एवं / और 
शिवाय -हितकारी,दुःख हारी ,सुख-स्वरूप 

नमः नमस्ते या प्रणाम या वंदना या नमन ******

'शैव'व 'वैष्णव'दृष्टिकोण की बात कुछ विद्वान उठाते हैं तो कुछ प्रत्यक्ष पोंगापंथ का समर्थन करते हैं तो कुछ 'नास्तिक'अप्रत्यक्ष रूप से पोंगापंथ को ही पुष्ट करते हैं। सार यह कि 'सत्य 'को साधारण जन के सामने न आने देना ही इनका लक्ष्य होता है। सावन या श्रावण मास में सोमवार के दिन 'शिव'पर जल चढ़ाने के नाम पर, शिव रात्रि पर भी तांडव करना और साधारण जनता का उत्पीड़न करना इन पोंगापंथियों का गोरख धंधा है। 

'परिक्रमा'क्या थी ?: वस्तुतः प्राचीन काल में जब छोटे छोटे नगर राज्य (CITY STATES) थे और वर्षा काल में साधारण जन 'कृषि कार्य'में व्यस्त होता था तब शासक की ओर से राज्य की सेना नगर राज्य के चारों ओर परिक्रमा (गश्त) किया करती थी और यह सम्पूर्ण वर्षा काल में चलने वाली निरंतर प्रक्रिया थी जिसका उद्देश्य दूसरे राज्य द्वारा अपने राज्य की व अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। कालांतर में जब छोटे राज्य समाप्त हो गए तब इस प्रक्रिया का औचित्य भी समाप्त हो गया। किन्तु ब्राह्मणवादी पोंगापंथियों ने अपने व अपने पोषक व्यापारियों के हितों की रक्षार्थ धर्म की संज्ञा से सजा कर शिव के जलाभिषेक के नाम पर 'कांवड़िया'प्रथा का सूत्रपात किया जो आज भी अपना तांडव जारी रखे हुये है। अफसोस की बात यह है कि पोंगापंथ का पर्दाफाश करने के बजाए'नास्तिकवादी'विद्वान भी पोंगापंथ को ही बढ़ावा दे रहे हैं और सच्चाई का विरोध कर रहे हैं।ऐसे ही लोग विविधता और मत- वैभिन्यता का विरोध करते हैं .





---विजय राजबली माथुर---
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