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विशेष : तीन तलाक पर खुशियों का फैसला

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हर पुरुष अगर इस फैसले को अपने अहं को किनारे रखकर केवल अपनी रूह से समझने की कोशिश करेगा तो इस फैसले से उसे अपनी बेटी की आग़ामी ज़िंदग़ी और अपनी बहन की  मौजूदा हालत सुरक्षित होती दिखेगी और शायद दिल के किसी कोने से यह आवाज भी आए कि इंशाअलाह यह फैसला अगर अम्मी के होते आता तो आज उनके बूढ़े होते चेहरे की लकीरों की दास्ताँ शायद जुदा होती।

  • जो भावना मानवता के प्रति अपना फर्ज निभाने से रोकती हो क्या वो धार्मिक भावना हो सकती है?
  • जो सोच किसी औरत के संसार की बुनियाद ही हिला दे क्या वो किसी मजहब की सोच हो सकती है?
  • जब निकाह के लिए लड़की का कुबूलनामा जरूरी होता है तो तलाक में उसके कुबूलनामे को अहमियत क्यों नहीं दी जाती?

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साहिर लुधियानवी ने क्या खूब कहा है, "वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन,उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा"यहाँ लड़ाई  'छोड़ने'की नहीं है बल्कि  "खूबसूरती के साथ छोड़ने"की है। उस अधिकार की है जो एक औरत का पत्नी के रूप में होता तो है लेकिन उसे मिलता नहीं है।  ग़ौर करने लायक बात यह भी है कि जो फैसला इजिप्ट ने 1929 में पाकिस्तान ने 1956 में बांग्लादेश ने 1971 में( पाक से अलग होते ही),ईराक ने 1959 में श्रीलंका ने 1951 में सीरिया ने  1953 में ट्यूनीशिया ने 1956 में और विश्व के 22 मुसलिम देशों ने आज से बहुत पहले ही ले लिया था वो फैसला 21 वीं सदी के आजाद भारत में 22 अगस्त 2016 को आया वो भी 3:2 के बहुमत से। अगर इस्लाम के जानकारों की मानें तो उनका कहना है कि कुरान में तलाक को बुरा माना जाता है। इसे वैवाहिक संबंध में बिगाड़ के बाद आखिरी विकल्प के रूप में ही देखा जाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तलाक़ का हक़ ही छीन लिया जाए। अगर कभी किसी रिश्ते में तलाक की नौबत आ जाती है तो मियाँ बीवी को इस रिश्ते को खत्म करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाता है ताकि दोनों ठंडे दिमाग से अपने फैसले पर सोच सकें। लेकिन जैसे कि अक्सर होता है कुछ कुरीतियां समाज में कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा अपने स्वार्थ सिद्धि हेतु चीजों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के कारण पैदा की जाती हैं, गलत जानकारियाँ देकर। यहाँ समझने वाली बात यह है कि समाज वो ही आगे जाता है जो समय के अनुसार अपने अन्दर की बुराइयों को खत्म करके खुद में बदलाव लाता है।



इस बार भारतीय मुस्लिम समाज में इस सकारात्मक बदलाव के पहल का कारण बनीं उत्तराखंड की शायरा बानो जिन्होंने ट्रिपल तलाक बहुविवाह और निकाह हलाला पर बैन लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पेटीशन दायर की। यह उन लाखों महिलाओं की लड़ाई थी जिनका जीवन मात्र तीन शब्दों से बदल जाता था।मजहब के नाम पर फोन पर या फिर वाट्स ऐप पर महिला को तलाक देकर एक झटके में अपनी जिंदगी से बेदखल कर दिया जाता था। आज के इस सभ्य समाज में ऐसी कुरीतियों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत के संविधान में हर व्यक्ति को बराबर के अधिकार प्राप्त हैं चाहे वो किसी भी लिंग या जाति का हो। लेकिनकिसी भारतीय महिला को भारतीय संविधान के उसके अधिकार केवल इसलिए नहीं मिल सकते थे क्योंकि वो एक मुस्लिम महिला है? शायरा बानो ने इसी बात को अपने केस का आधार बनाया कि यह उसके समानता के संवैधानिक एवं मूलभूत अधिकारों का हनन है जो उनकी विजय का कारण भी बना। निसंदेह कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक स्तर में सुधार होगा।

सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है लेकिन मूल प्रश्न यह है कि क्या यह फैसला मुस्लिम पुरुषों की सोच भी बदल सकता है? जिस खुशी के साथ महिलाओं ने इस फैसले का स्वागत किया है क्या पुरुष भी उतनी ही खुशी के साथ इसे  स्वीकार कर पाएंगे? सवाल जितना पेचीदा  है जवाब उतना ही सरल है कि हर पुरुष अगर इस फैसले को अपने अहं को किनारे रखकर केवल अपनी रूह से समझने की कोशिश करेगा तो इस फैसले से उसे अपनी बेटी की आग़ामी ज़िंदग़ी और अपनी बहन की  मौजूदा हालत सुरक्षित होती दिखेगी और शायद दिल के किसी कोने से यह आवाज भी आए कि इंशाअलाह यह फैसला अगर अम्मी के होते आता तो आज उनके बूढ़े होते चेहरे की लकीरों की दास्ताँ शायद जुदा होती। अगर वो इस फैसले को मजहब के ठेकेदारों की नहीं बल्कि अपनी खुद की निगाहों से, एक बेटे, एक भाई, एक पिता की नज़र से देखेगा तो जरूर इस फैसले को तहेदिल से कबूल कर पाएगा।






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--डॉ नीलम महेंद्र--

विशेष : दोहरे राजनीतिक चरित्र की निष्पत्ति है चुनावी बाॅण्ड

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भारत के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। आजादी के सत्तर वर्षों के बाद भी हमारे देश में राजनीति की जो दशा और दिशा है, उसे देख कर हताश ही हुआ जा सकता है। निर्वाचन आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने हाल ही में राजनीतिक विसंगतियों पर चिन्ता जाहिर करते हुए  कहा कि किसी भी कीमत पर चुनाव जीतना आज राजनीति का सामान्य लक्षण हो गया है। अगर कोई चुनाव जीत जाता है तो उसने चाहे जितने गलत और चाहे जितने क्षुद्र तरीके अपनाए हों, चाहे जिन हथकंडों का सहारा लिया हो, उसे कुछ भी गलत नजर नहीं आता, उसे कोई अपराध-बोध नहीं सताता, वह मान कर चलता है कि उसके गुनाहों पर परदा पड़ गया है। जबकि लोकतंत्र तभी फूलता-फलता है जब चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हों। दोहरा राजनीति चरित्र लोकतंत्र के लिये सबसे घातक है और ऐसे ही चरित्र की निष्पत्ति है चुनावी बाॅन्ड। चंदा देने वाले कॉरपोरेट ऐसे धारक बॉन्ड खरीद सकते हैं और बिना पहचान बताए राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में दे सकते हैं। चुनावी बॉन्ड आरबीआई जारी करेगा। राजनीतिक पार्टियों को दान देने वाला बैंक से बॉन्ड खरीद सकेगा और दान देने वाला किसी भी पार्टी को बॉन्ड दे सकेगा। राजनीति चंदे पर नियंत्रण एवं उसकी पारदर्शिता कैसे संभव होगी? समस्या और गहरी होती हुई दिखाई दे रही है।


रावत ने लोकतंत्र की कमियों को दिल्ली में एसोसिएशन आॅफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की तरफ से आयोजित राजनीतिक एवं चुनाव सुधार विषयक परिचर्चा उजागर किया। क्या उनकी इस पीड़ा के पीछे राजनीति का दोहरा चरित्र, आपराधिक चरित्र, मूल्यों का अवमूल्यन है? इसके पीछे राज्यसभा के लिए गुजरात में हुए चुनाव का अनुभव भी रहा होगा? या बिहार में जो कुछ हुआ, वह भी लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर ही करता हुआ दिखाई दिया है। जो हो, इस मौके पर उन्होंने पेड न्यूज को ऐसा चुनावी अपराध माने जाने की भी वकालत की, जिसके लिए कम से कम दो साल की सजा होनी चाहिए। रावत ने प्रस्तावित चुनावी बांड के प्रावधान पर आयोग के एतराज को दोहराते हुए जन प्रतिनिधित्व कानून में उस प्रस्तावित संशोधन की भी आलोचना की, जिसके तहत राजनीतिक दलों को छूट होगी कि वे चाहें तो चुनावी बांड के रूप में चंदा देने वालों के नाम न बताएं। रावत की चिंता वाजिब है। बात केवल रावत की चिन्ताओं की ही नहीं है, बल्कि लगातार लोकतंत्र के कमजोर होते जाने की भी है। 

तात्कालिक राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिये दीर्घकालिक मूल्यों को नजरअंदाज कर देना वर्तमान राजनीति संस्कृति का केन्द्रीय भाव बन गया है। राजनीति का अपराधीकरण इसी प्रक्रिया के दौरान हुआ है। पहले सिर्फ कांग्रेस को इसका दोषी समझा जाता था, लेकिन आज शायद ही कोई राजनीति दल इससे बचा हो, जिस पर दाग नहीं लगा हो। एक जमाने में राममनोहर लोहिया कांग्रेस को ‘भ्रष्टाचार की गंगोत्री’ कहा करते थे। लेकिन आज कौन-सी पार्टी है जो सार्वजनिक जीवन में शुचिता का पालन कर रही है? शोचनीय बात यह है कि अब भ्रष्टाचार के दोषी शर्मसार भी नहीं होते। इस तरह का राजनीतिक चरित्र देश के समक्ष गम्भीर समस्या बन चुका है। राजनीति की बन चुकी मानसिकता और भ्रष्ट आचरण ने पूरे लोकतंत्र और पूरी व्यवस्था को प्रदूषित कर दिया है। स्वहित और स्वयं की प्रशंसा में ही लोकहित है, यह सोच हमारी राजनीति मंे घर कर चुकी है। यह रोग राजनीति को इस तरह जकड़ रहा है कि हर राजनेता लोक के बजाए स्वयं के लिए सब कुछ कर रहा है।

सम्पूर्ण राष्ट्रीय परिवेश में घोर निराशा के स्वर सुनाई देते हैं। वजह यह है कि लोगों को रोज राजनीतिक पतनशीलता के दर्शन और अनुभव होते हैं। ऐसा नहीं कि अब राजनीति में अच्छे लोग नहीं बचे हैं, या इसमें कोई भला आदमी अब नहीं आता। राजनीति में अच्छे लोग अब भी हैं और किसी आदर्शवाद से प्रेरित होकर राजनीतिक कर्म का रास्ता अख्तियार करने वाले अब भी मिल जाएंगे। लेकिन वे राजनीति की मुख्यधारा नहीं हैं। जो मुख्यधारा है उसके बारे में आम धारणा यही है कि वह अराजक, पतित और भ्रष्ट है। अधिकतर राजनीतिकों का मकसद बस किसी तरह चुनाव जीतना और सत्ता में जाना हो गया है। चुनाव जीतने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जाता है, और सत्ता में आने पर पैसा बनाने के सारे हथकंडे अपनाए जाते हैं। देश के धन को जितना अधिक अपने लिए निचोड़ा जा सके, निचोड़ लो। देश के सौ रुपये का नुकसान हो रहा है और हमें एक रुपया प्राप्त हो रहा है तो बिना एक पल रुके ऐसा हम कर रहे हैं। भ्रष्ट आचरण और व्यवहार अब हमें पीड़ा नहीं देता। सबने अपने-अपने निजी सिद्धांत बना रखे हैं, भ्रष्टाचार की परिभाषा नई बना रखी है। सत्ता में जाने या किसी और तरह के निजी फायदे के लिए, कभी भी पाला बदल लेना आम हो गया है। ज्यादातर पार्टियां परिवारों की जागीर होकर रह गई हैं। ऐसे में, राजनीति को नैतिक तकाजों की याद दिलाने वाली बात हो, और वह भी निर्वाचन आयोग की तरफ से, तो यह रेगिस्तान के बीच एक नखलिस्तान की तरह ही लगता है।


बीस हजार के नगर चंदे को दो हजार तक सीमित करने एवं चंदे की पारदर्शिता वकालत करने वाली सरकार क्या सोचकर चुनावी बाॅण्ड लेकर आ रही है? चंदे को लेकर अगर प्रस्तावित व्यवस्था लागू हो गई तो हमारी राजनीति को चंदे के जरिए प्रभावित करने की कॉरपोरेट जगत की ताकत और बढ़ जाएगी। एक ताजा अध्ययन बताता है कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में कॉरपोरेट जगत का हिस्सा बढ़ता गया है। अभी कंपनियों के लिए राजनीतिक चंदा दे सकने की एक कानूनी सीमा तय है। जब उन्हें चुनावी बांड के रूप में असीमित चंदा दे सकने की छूट होगी और इसका ब्योरा छिपाए रखने की इजाजत भी होगी, तो राजनीतिक दलों पर किसका अंकुश होगा- जनता और कार्यकर्ताओं का, या धनकुबेरों का? रावत ने ये सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीति में हर ओर और हर स्तर पर हावी विकृतिकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए पार्टियों से लेकर मीडिया और नागरिक जमात तक, सब तरफ से प्रयास होने चाहिए। निहित स्वार्थों के नक्कारखाने में क्या यह आवाज सुनी जाएगी!

राजनीति करने वाले सामाजिक उत्थान के लिए काम नहीं करते बल्कि उनके सामने बहुत संकीर्ण मंजिल है, ”वोटों की“। ऐसी रणनीति अपनानी, जो उन्हें बार-बार सत्ता दिलवा सके, ही सर्वोपरि है। वोट की राजनीति और सही रूप में सामाजिक उत्थान की नीति, दोनों विपरीत ध्रुव हैं। एक राष्ट्र को संगठित करती है, दूसरी विघटित। जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय है तो उनके प्रयत्नों, नीतियों एवं योजनाओं में भी वैसा होता हुआ दिखाई देना चाहिए। कहीं उनकी भी कथनी और करनी में अन्तर न आ जाये?राजनीतिक चंदे को नियंत्रित करते एवं उसे पारदर्शी बनाने की वकालत करते-करते चुनावी बाॅण्ड कहां से आ गया? क्योंकि यहां सवाल दुहरे मानदंडों का उतना नहीं, जितना संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति राजनीतिक वर्ग के रवैये का है। इस समय प्रत्येक राजनीति पार्टी चाहती है कि जब वह सत्ता में हो, उसके ऊपर किसी का अंकुश न हो, न किसी संविधान का, न कानून का, न किसी तरह की लोकतांत्रिक मर्यादा का। ये सब उसे तभी याद आते हैं जब वह सत्ता से बाहर होती है। जैसे की अभी कांग्रेस, सपा, बसपा आदि पार्टियां। अपनी सब बुराइयों, कमियों को व्यवस्था प्रणाली की बुराइयां, कमजोरियां बताकर पल्ला झाड़ लो और साफ बच निकलो। कुछ अणुव्रत आन्दोलन, भारतीय मतदाता संगठन जैसी मानवीय संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं कि प्रणाली शुद्ध हो, पर इनके प्रति लोग शब्दों की हमदर्दी बताते हैं, योगदान का फर्ज कोई नहीं निभाना चाहता। सच तो यह है कि बुराई लोकतांत्रिक व्यवस्था में नहीं, बुरी तो राजनीतिक सोच हैं। जो इन बुराइयों को लोकतांत्रिक व्यवस्था की कमजोरियां बताते हैं, वे भयंकर भ्रम में हैं। बुराई हमारे चरित्र में है इसलिए व्यवस्था बुरी है। हमारा रूपांतरण होगा तो व्यवस्था का तंत्र सुधरेगा।

हमारी राजनीति की कैसी विडम्बनापूर्ण स्थिति है। कोई सत्ता में बना रहना चाहता है इसलिए समस्या को जीवित रखना चाहता है, कोई सत्ता में आना चाहता है इसलिए समस्या बनाता है। जाति धर्म हमारी राजनीति की झुठलाई गई सच्चाइयां हैं जो अब नए सिरे से मान्यता मांग रही हैं। यह रोग भी पुनः राजरोग बन रहा है। कुल मिलाकर जो उभर कर आया है, उसमें आत्मा, नैतिकता व न्याय समाप्त हो गये हैं। नैतिकता की मांग है एवं निर्वाचन आयुक्त के दर्द का हार्द है कि सिफारिश अथवा धन के लालच अथवा राजनीतिक स्वार्थ के लिए हकदार का, गुणवंत का, श्रेष्ठता का हक नहीं छीना जाए। लोकतंत्र को शुद्ध सांसें मिले।

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 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

पटना : प्रभारी प्राचार्य व प्राॅक्टर को छात्रों के आक्रोश का करना पड़ा सामना

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  • प्राॅक्टर के लिखित आश्वासन के बाद छात्र हुए शांत, शाम में कुलपति ने बुलाकर की बात, 1 सितंबर के पहले आर्ट काॅलेज को मिलेंगे नये प्राचार्य, हाॅस्टल की व्यवस्था, पेयजल, ट्वायलेट की व्यवस्था दुरूस्त करने का दिलाया भरोसा, एम॰एफ॰ए॰ की पढ़ाई के लिए सरकार को पत्र भेजने का आश्वासन।

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पटना आर्ट काॅलेज। पटना आर्ट काॅलेज में 15 महीने बाद पहुँचे प्रभारी प्राचार्य चंद्रभूषण श्रीवास्तव को छात्रों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। साथ में पहुंचे पटना वि॰वि॰ प्राॅक्टर जी॰के॰ पिल्लई को भी छात्रों का आक्रोश झेलना पड़ा। दरअसल पिछले वर्ष 80 दिनों चले आंदोलन के बाद त्रिस्तरीय वार्ता में वि॰वि॰ प्रशासन ने प्रभारी प्राचार्य को हटाने एवं केस वापसी का भरोसा दिलाया था। दो माह के लिए प्रो॰ अरुण कमल को प्रभारी प्राचार्य बनाया भी गया था। लेकिन पुनः चंद्रभूषण श्रीवास्तव को प्रभारी प्राचार्य बनाकर घर से ही काॅलेज चलाने के लिए छोड़ दिया गया था। आज अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के प्रभारी प्राचार्य चंद्रभूषण श्रीवास्तव काॅलेज में पहुँचे तो छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। मौके पर मौजूद पीयू प्राॅक्टर ने प्रचार्य को पुनः परिसर में नहीं आने का लिखित आश्वासन दिया और शाम में कुलपति से वार्ता तय करायी तब छात्र शांत हुए।

शाम में पटना वि॰वि॰ कुलपति प्रो॰ रासबिहारी प्रसाद सिंह से आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मिला। प्रतिनिधिमंडल ने प्रभारी प्राचार्य को हटा नये स्थायी प्राचार्य की बहाली, पिछले दिनों किये गये मुकदमें की वापसी, आर्ट काॅलेज में छात्रावास की मरम्मति पेयजल-शौचालय की व्यवस्था छात्रावास एवं काॅलेज में सुदृढ़ करने, काॅलेज में नियमित पढ़ाई व पर्याप्त संख्या में क्लास रूम, एम॰एफ॰ए॰ की पढ़ाई शुरू करने एवं पढ़ाई करा 8वें सेमेस्टर की परीक्षा दिसंबर तक कराने की मांगी की। कुलपति प्रो॰ रासबिहारी सिंह ने 1 सितंबर तक प्राचार्य भेजने, छात्रावासों की मरम्मति, पेयजल-शौचालय की व्यवस्था दुरूस्त करने का भरोसा दिलाते हुए कल काॅलेज में इंजीनियर भेजने की बात कही। एम॰एफ॰ए॰ की पढ़ाई शुरू करने, सरकार को पत्र भेजने की बात कही। वहीं स्थायी प्राचार्य के लिए राजभवन से अंतिम तौर पर स्वीकृति मिलने की स्थिति का जिक्र किया। मुकदमें की समीक्षा करने की बात कही। वहीं कुलपति प्रो॰ सिंह ने नया पीएच॰डी॰ रेगुलेशन की स्वीकृति राज्यपाल के आने के बाद कराने की बात कही। जबकि लाॅ काॅलेज में शुरू में पोट्र्स कोटे का आवेदन जमा नहीं हानेे पर लाॅ काॅलेज प्राचार्य से बात करने का भरोसा दिलाया। प्रतिनिधिमंडल में ए॰आई॰एस॰एफ॰ राज्य सचिव सुशील कुमार, पीयू सचिव संदीप शर्मा, ए॰सी॰एस॰एफ॰ अध्यक्ष रमाकांत उर्फ भगत सिंह, सचिव मुकेश कुमार, नीतेश कुमार, विपिन, विक्की एवं अमित शामिल थे। वार्ता में कुलसचिव रवीन्द्र कुमार, कुलानुशासक जी॰के पिल्लई मौजूद थे। प्रदर्शन में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सह सचिव रंजीत पंडित, जिला सचिव सुशील उमा राज, उपाध्यक्ष जन्मेजय, धनंजय, अंकुर, अविनाश आदि मौजूद थे।

बिहार : जियो हो लालू के लाल, 32 साल से होल्डिंग बैनर लगा रहे हैं, कहा भाई धर्मेन्द्र

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पटना। उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज थे तेजस्वी प्रसाद यादव। 20 माह के बाद विपक्ष के नेता बन गये। महागठबंधन के सीएम नीतीश कुमार पाला बदलकर बीजेपी की गोद में बैठ गये। इसको लेकर लोगों में आक्रोश है। वहीं काम करने के काम करने वाले तेजस्वी फुलफॉम में हैं। कुर्जी में महानायक के रूप में होल्डिंग बैनर में दिखाया गया है। पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया भाई धर्मेन्द्र का है कारनामा। 32 साल से कर रहे हैं। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर- 22 सी की गंग स्थली में रहते हैं भाई धर्मेंद्र। पटना नगर निगम के द्वारा 5 ग्राम पंचायतों का अधिग्रहण किया गया है। पश्चिम दीद्या ग्राम पंचायत, पूर्वी दीद्या ग्राम पंचायत, उत्तरी मैनपुरा,पूर्वी मैनपुरा और पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत।


भाई धर्मेन्द्र पूर्व मुखिया, मैनपुरा ग्राम पंचायत रहे हैं। पंचायत चुनाव होने पर बाद में हार गये। कुर्जी निवासीनिलेश प्रसाद, मैनपुरा ग्राम पंचायत से निर्वाचित होकर  मुखिया बने।मुखियागिरी खत्म होने के बाद भाई धर्मेन्द्र होल्डिंग बैनर मेकिंग में छाने लगे। अल्पसंख्यक ईसाई के याजक और अयाजकों की तस्वीरों के साथ खुद की तस्वीर चमकाने लगे। ख्याल था कि ईसाई समुदाय को मोकामा तीर्थ यात्रा कराकर चुनाव के समय फायदा उठाएंगे। पर ऐसा नहीं हुआ। पटना नगर निगम के चुनाव में वार्ड नं.22 बी से भाई की पत्नी रीता देवी     ( भवे) को चुनावी दंगल में उतारा। निवर्तमान मुखिया निलेश प्रसाद की पत्नी सुचित्रा सिंह जीत गयी। एक फायदा हुआ कि वार्ड नं.22 सी से रजनी देवी विजयी हो गयी। भीतरीयां तालमेल चल रहा था।

अल्पसंख्यकों के हितैषी बनने लगे। वहीं राजद नेताओं की भी लगाये। कुछ माह लगाने के बाद हटा देते हैं। सही कहा जाए तो समय वैज्ञानिक है। ईस्टर,क्रिसमस,छठ,दशहरा,न्यू ईयर आदि पर होल्डिंग बैनर बदल देते हैं। इसे मीडिया वाले भी उठा लेते हैं। लोकल पब्लिक के साथ लोग उत्सुकता से देखते हैं। अभी न्यू होल्डिंग लगाये हैं। इसमें लालू के लाल तेजस्वी यादव को 'हीरो'के रूप में प्रस्तुत किया गया है। जियो हो लालू के लाल।कुर्जी मोड़ पर चार जगहों पर लगाया गया है।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 अगस्त

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सिलिकोसिस बीमारी के बचाव हेतु कलेक्टर ने दिए कडे़ निर्देष 
  • खदानों में कार्यरत श्रमिकों द्वारा मास्क उपयोग किए जाने के निर्देष जारी

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प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के निर्देष पर आयोजित सिलोकोसिस बीमारी से बचाव एवं उपचार संबंधी बैठक में कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री तरूण कुमार पिथोडे़ ने बैठक में उपस्थित जिला खनिज  अधिकारी श्री अषोक सिंघारे एवं जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी व श्रम अधिकारी ए.पी.सक्सेना को कडे़ निर्देष दिए गए। कलेक्टर ने निर्देषित किया कि जिले में संचालित समस्त खदानों तथा के्रसर मषीनों में कार्यरत श्रमिक अनिवार्य तौर मास्क का उपयोग करें इस बात का ध्यान रखा जाएं और संबंधित खदान संचालकों को निर्देषित किया जाएं कि वे श्रमिकों के लिए मास्क उपलब्ध कराएं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं तथा उनके उपचार संबंधी व्यवस्था की निगरानी के लिए प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। सीहोर जिले में सिलिकोसिस बीमारी से बचाव एवं उपचार हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। समिति में जिला श्रम अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला खनिज अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। बैठक में जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी ने बताया कि सिलिकोसिस से पीडित व्यक्तियों की पहचान हेतु मुख्य चिकित्सा एवं एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देष पर ,जिला एवं ब्लाॅक स्तर पर स्वास्थ्य जांच षिविरों का आयोजन किया जाएगा। षिविर पंचायतों के सहयोग से आयोजित किए जाएंगे। इन षिविरों में बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। डाॅ.त्रिपाठी ने बताया कि प्रमुख सचिव के निर्देषानुसार सिलोकोसिस प्रमाणित पीडित तथा परिवार एवं मृतक श्रमिक के आश्रितों को निःषुल्क चिकित्सा उपचार सहायता एवं निःषुल्क दवाईयां प्रदान की जाएगी। इस बीमारी से पीडित की मृत्यु होेने पर आश्रित को 3000/- प्रतिमाह की पारिवारिक पेंषन प्राप्त होगी। बैठक में कलेक्टर द्वारा उर्पिस्थत बीएमओ तथा बीईई को निर्देषित किया कि बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जैसे ही पहचान में आता है तत्काल इस संबंध में सूचित कर उसके पर्याप्त उपचार की व्यवस्था की जाएं।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 अगस्त

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नेशनल लोक अदालत का आयोजन 

जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विपिन बिहारी शुक्ला के मार्गदर्शन में नौ सितम्बर शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है।जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अनीसउद्दीन अब्बासी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि उक्त लोक अदालत में लंबित शमनीय अपराधिक प्रकरण, धारा 138 एनआई एक्ट, बैंक रिकवरी प्रकरण, मोेटर दुर्घटना दावा अधिकरण से संबंधित प्रकरण वैवाहिक विवाद प्रकरण, श्रमिक विवाद प्रकरण, लैण्ड इक्यूप्शन प्रकरण, विद्युत एवं जलकर संबंधी प्रकरण के अलावा सिविल मामलों के अधिक से अधिक प्रकरणों को आपसी सुलह से निराकृत हो सकें इसके लिए प्री-सीटिंग की बैठके जारी है।


नवागत एडीएम ने कार्यभार ग्रहण किया

शासन द्वारा किए गए स्थानांतरण के परिपालन में आज 23 अगस्त को अपर कलेक्टर श्रीमती वन्दना शर्मा ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

तहसीलदार राय को शमशाबाद का भी प्रभार

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने नटेरन तहसीलदार श्री शैलेन्द्र कुमार राय को शमशाबाद तहसीलदार का भी प्रकार सौंपने के आदेश जारी कर दिए है। ज्ञातव्य हो कि शमशाबाद तहसीलदार श्री इसरार अहमद खाॅन का स्थानांतरण अशोकनगर हो जाने के फलस्वरूप श्री खाॅन को विगत दिनों भारमुक्त किया गया है। 

सड़क दुर्घटना के प्रकरणों में आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने हिट एण्ड रन के पांच प्रकरणों में आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। ज्ञात वाहन से मृत्यु होने पर मृतको के परिजनों को 15-15 हजार रूपए की राशि जारी की गई है जिसमें ग्राम मुरैलखुर्द तहसील रायसेन के श्री गुफरान अली की मृत्यु विदिशा में टीलाखेडी कालापाठा में हो जाने के कारण मृतक के पिता श्री चुन्नु अली को, पिपलियाकलां रायसेन के श्री संदीप लोधी की मृत्यु अहमदपुर रोड़ होने के कारण मृतक के पिता श्री बलराम लोधी को तथा कुरवाई तहसील के ग्राम तमोईया की श्रीमती रूकमणी बाई की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो जाने के कारण् मृतिका के पुत्र श्री नेतराम अहिरवार सहित सभी को 15-15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई हैै। अज्ञात वाहन दुर्घटना में गंजबासौदा तहसील के ग्राम शहरवासा निवासी श्री तुलसीराम विश्वकर्मा की मृत्यु हो जाने के कारण मृतक की पत्नि श्रीमती द्रोपती बाई विश्वकर्मा को 25 हजार रूपए की तथा छतरपुर जिले में हरपालपुर के निवासी श्री संदीप सोनी की मृत्यु कुरवाई तहसील के ग्राम लायरा से भगोदा पठार के बीच सडक दुर्घटना में हो जाने के कारण मृतक के पिता श्री नारायण सोनी को दस हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है।

छात्रवृत्ति हेतु आॅन लाइन आवेदन आमंत्रित

भारत सरकार की प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक निःशक्तजन छात्रवृत्ति योजना के तहत सुपात्रो से आॅन लाइन आवेदन आमंत्रित किए गए है। नवीनीकरण संबंधी आवेदन दाखिल करने हेतु 31 अगस्त तथा नवीन आवेदन 30 सितम्बर तक आॅन लाइन स्वीकार किए जाएंगे। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण कार्यालय अथवा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से कार्यालयीन दिवसों में अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती हैै।

जानी-मानी नन्ही गायिका सौम्या शर्मा की देषभक्ति गीतों, भजनों की प्रस्तुति ने बांधा समां 
  • महाकाल मण्डल ने अपने स्थापना दिवस पर किया ‘एक शाम राष्ट्र के नाम‘ विषिष्ट आयोजन 

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विदिषा 23 अगस्त 2017/ वंदन, षिक्षा एवं समाजसेवा को संकल्पित संस्था महाकाल मण्डल के स्थापना दिवस के अवसर पर 21 अगस्त सोमवार को सायंकाल श्री परषुराम चैक पेढ़ी चैराहे पर ‘एक शाम राष्ट्र के नाम‘ देषभक्ति गीतों तथा भजनों का समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम मध्यरात्रि तक जारी रहा। इस अवसर पर सुधि श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ी। इसी अवसर पर विदिषा की विभिन्न क्षेत्रीय प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया। देषभक्ति गीतों तथा भजनों की विषेष मोहक प्रस्तुति सारेगामपा लिटिल चैम्प की सिलवर मेडलिस्ट सहित कलर्स टीवी, स्टार प्लस चैनल और दूरदर्षन के विभिन्न चैनलों पर उच्च स्तरीय उत्कृष्ट प्रस्तुतियां देकर बड़ा स्थान अर्जित कर चुकी जानी-मानी नन्ही गायिका सौम्या शर्मा द्वारा दी गई। इस अवसर पर नगरपालिका परिषद अध्यक्ष मुकेष टण्डन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शषांक भार्गव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर विदिषा विधायक कल्याणसिंह ठाकुर, एनसीपीएल के उद्योगपति एमडी राकेष शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज कटारे, राकेष कटारे, धर्माचार्य पं.सुरेष शर्मा शास्त्री, वरिष्ठ समाजसेवी गोविन्द देवलिया विषिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संजय पुरोहित, विजय चतुर्वेदी, अमिताभ शर्मा, विजय दीक्षित, प्रषांत शर्मा, रविकांत शर्मा आदि विषेष रूप से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर जब सौम्या शर्मा ने देषभक्ति गीत ‘‘ऐ मेरे वतन के लोगों‘‘ प्रस्तुत किया तो समूचा वातावरण राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण हो गया और श्रोतागण भाव-विभोर तथा अभिभूत हो उठे। उन्होंने ‘दिल दिया है जान भी देंगे, सत्यम् षिवम् सुन्दरम्, श्याम तेरी बंषी, एक राधा एक मीरा, ओ माँ तू कितनी अच्छी है तथा वन्दे मातरम् आदि राष्ट्रभक्ति गीत गाकर श्रोताआंे को भक्ति-भावना की गंगा में स्नान कराया, वहीं ‘लागा चुनरी में दाग‘ शास्त्रीय गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर समर्पित सेवा समिति, महाकाल गु्रप, बालाजी सेवा समिति एवं विष्व हिन्दू युवावाहिनी आदि समाजसेवी संगठनों का सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर सौम्या के गुरूजी पं. आषुतोष पाठक ने भी मनभावन गीत प्रस्तुत किए। सिद्धार्थ सोनी, चंदन विष्वकर्मा, कुहू जोषी, नूपुर पचैरी, ऋचा सोनी अंकित अरोरा, मधु पचैरी आदि ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। इस कार्यक्रम से प्रभावित होकर विधायक ठाकुर कल्याण सिंह दांगी ने संगीत कार्यक्रम हेतु अपनी विधायक निधि से 5 हजार रू. की राषि भेंट करने के साथ उत्कृष्ट गायकों को भी प्रोत्साहनस्वरूप राषियां प्रदान करने की घोषणा की। महाकाल मण्डल के अध्यक्ष मयूर पुरोहित, संरक्षक सागर शर्मा, मयंक पुरोहित, अंकित पटेल, अभिषेक शर्मा, सचिव उत्कर्ष शर्मा, उपाध्यक्ष अनिकेत भार्गव एवं रोहित भदौरिया, कोषाध्यक्ष आदर्ष शर्मा ने सबका आभार प्रदर्षन किया। 

दुमका (झारखण्ड) की हलचल 23 अगस्त

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चलन्त लोक अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयेाजन

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झालसा राँची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दुमका के तत्वावधान में दिन बुधवार (23 अगस्त 2017) को सुमेश्वर नाथ मंदिर (सरैयाहाट) प्रांगन में चलन्त लोक अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयेाजन किया गया। इस अवसर पर शिविर में अधिवक्ता विक्रमादित्य पाण्डेय द्वारा जहाँ एक ओर एफआईआर, मोटर अधिनियम, महिला उत्पीड़न, व अन्य से संबंधित जानकारी दी गई वहीं अध्विक्ता मंटू मुर्मू द्वारा मध्यस्था, प्ली, बार्गेंनिंग, के संबंध में विशेष जानकारी दी गईं। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दुमका के सहायक जितेन्द्र मंण्डल ने जिला विधिक सेवा प्राधिकाकर द्वारा दी जाने वाली सहायता व निःशुल्क सुविधाओं से मौके पर मौजूद लोगांे को अवगत कराया। इस शिविर में पंचायत सचिव अजीत कुमार दा, चुड़का मराण्डी, सुधीर कुमार पंडित, दीबू चन्द्र मांझी, रोबिन हेम्ब्रम, राजेश पाठक, रोजगार सेवक राजेश चैधरी, नकुल हरिजन, पीएलवी अजय कुमार यादव, बैजू लाल मुर्मू व न्यायालय कर्मी मो0 खुर्शीद आलम उपस्थित थे। मालूम हो चलन्त लोक अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन कर नियमित रुप से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगांे को विधिक संबंधी जानकारी के साथ-साथ उनमें जागरुकता का कार्यक्रम निरंतर संचालित है। 


डीसी सह डीईओ ने ईआरओ नेट की साॅफटवेयर लांचिंग की

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उपायुक्त दुमका मुकेश कुमार ने दिन बुधवार (23 अगस्त 2017) को सूचना भवन सभागार, दुमका में ईआरओ नेट की साॅफटवेयर लांचिंग की। ईआरओ नेट एक ऐसा प्लेटफाॅर्म है जिससे पूरे देश के सभी निर्वाचक निबंधक पदाधिकारी एक दूसरे से जुड़े रहेंगे। यह पूर्णतः उपयोग हेतु सुरक्षित है तथा निर्वाचन से संबंधित कोई भी पदाधिकारी इसके द्वारा क्लोज माॅनिटरिंग कर सकते हैं। ईआरओ नेट के माध्यम से वोटर अपना आवेदन पूर्णतः आॅन लाईन तथा आॅफलाईन जमा कर सकते हैं। बीएलओ, सुपरवाईजर, एईआरओ, ईआरओ, बीईओ के चेन सिस्टम के माध्यम से प्राप्त आवेदन को निष्पादित किया जायेगा। निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी अपने विधान सभा क्षेत्र के वोटर को किसी अन्य विधान सभा क्षेत्र में स्थांतरण (प्रपत्र-8।) के माध्यम से कर सकते हैं। ईआरओ नेट वेब बेस्ड सिस्टम है जिसके अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति बड़े ही आसानी से अपने आवेदन के बारे में आॅनलाईन जान सकता है। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि समय बदल रहा है लोगों को भी बदलना होगा। डिजिटल इंडिया के दौर में सभी को डिजिटल होने की जरूरत है। मुश्किलें और परेशानियां हैं लेकिन असंभव नहीं। उन्होंने कहा कि डिजिटाईजेषन से कोई भी कार्य जल्द और पारदर्षी तरीके से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ईआरओ नेट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने वोटर कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है तथा आवेदन के बाद वोटर कार्ड की स्थिति को लगातार आॅनलाईन माध्यम से जान सकता है। आॅन लाईन आवेदन से पारदर्षिता बढ़ेगी तथा सारी प्रक्रिया को आॅनलाईन एक्सेस के माध्यम से जाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक वोटर कार्ड नहीं रख सकता है। लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जिनके पास अलग अलग जगहों के वोटर कार्ड हैं। आॅन लाईन हो जाने से डुब्लिकेषन तथा इन सब चीजों पर रोक लगेगी। उपायुक्त ने कहा कि ईआरओ नेट का उद्देष्य इलेक्ट्रोल रोल का प्यूरिफिकेशन करना है। 2019 तक सभी जिलों को आॅप्टिकल फाईवर से जोड़ने की दिषा मंे सरकार लगातार कार्य कर रही है। प्रज्ञा केन्द्र की पहुंच गांव-गांव तक हो चुकी है। कोई भी सुदूर गांव में रहने वाला व्यक्ति भी प्रज्ञा केन्द्र के माध्यम से आॅन लाईन आवेदन कर सकता है। ईआरओ नेट के माध्यम से ना सिर्फ आवेदन बल्कि षिकायतों का भी निष्पादन त्वरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आॅनलाईन आ जाने से आॅफ लाईन को तुरंत बंद नहीं किया जायेगा। वैसे जगह जहां इन्टरनेट की सुविधा नहीं है वहां आॅफ लाईन आवेदन आवेदक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को मेहनत और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। डिजीटल साक्षरता को जन-जन तक पहुँचाने हेतु पीएमजीदिशा कार्यक्रम को एक अभियान के रूप में दुमका जिले में संचालित किया जा रहा है। इस योजना के तहत जिले के 23817 व्यक्तियों का पंजीकरण किया गया है, जो राज्य भर के सभी जिलों में सर्वाधिक है। झारखण्ड के 24 जिलों में दुमका नम्बर 1 पर है। कोई भी कार्य टीम के भावना से करें तो सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने कहा कि जहां चाह है वहां राह है। अनुमंडल पदाधिकारी जयप्रकाश झा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उप निर्वाचन पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, भू अर्जन पदाधिकारी, राजनितिक दलों के प्रतिनिधिगण व  प्रिंट/ इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

विकास कार्यों में कोताही न बरतें-डीसी

समाहरणालय सभागार दुमका में दिन बुधवार (23 अगस्त 2017) को तकनीकी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में डीसी दुमका मुकेश कुमार ने पदाधिकारियों को कई महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए। अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। सरकार की योजनाओं का लाभ समाज में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसका ख्याल रखें। डीसी श्री कुमार ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया की सड़क निर्माण में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि कैंप लगाकर पेंशन एप्लीकेशन जेनरेट करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया कि सुदूर क्षेत्र जैसे बिछिया पहाड़ी ओड़मों में मेडिकल कैंप लगाकर स्वास्थ्य जांच करें। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आमतल्ला में स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण हेतु विभाग को पत्र भेजा गया है तथा जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। साथ ही लालगंज पीएचसी के मरम्मत का कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा। उपायुक्त ने कौशल विकास के क्षेत्र में कार्य करने का निदेष संबंधित अधिकारी को दिया। डीसी ने मनरेगा से निर्माण किये गये डोभा को क्रॉस चेक करने का निदेश संबंधित अधिकारी को दिया। उन्होंने कहा कि फोकस एरिया में विकास कार्यों में तेजी लाएं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि गोपीकांदर, काठीकुण्ड में शौचालय निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है तथा जनवरी 2018 तक पेयजल भी सुनिश्चित कर दी जाएगी। उपायुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि अधिकारी फोकस एरिया में स्वयं जायें तथा वहां चल रहे विकास कार्यों को देखें। उपायुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि रुपे कार्ड, केसीसी अटल पेंशन योजना के लाभुक बनाएं तथा फोकस एरिया के लोगों को भी जोड़ें। उपायुक्त ने कहा कि जरमुंडी में ब्लॉक बिल्डिंग का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी गांव को सामुदायिक पट्टा दिया जाएगा तथा वैसे गांव जहां आंगनवाड़ी केंद्र नहीं है वहां जल्द से जल्द आंगनवाड़ी केंद्र खोला जाएगा। डीसी दुमका ने सभी बैंक अधिकारियों को निदेश दिया कि 1 से 10 तक के सभी सिक्के वैध है अधिकारी कोई भी सिक्का लेने से इनकार ना करें। उपायुक्त ने सभी थोक विक्रेता एवं खुदरा विक्रेता से यह अपील किया है कि वे 1 से 10 तक को कोई भी सिक्का लेने से इनकार ना करें। सिक्का लेने से इनकार करते हुए पकड़े जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। बैठक में दुमका के उप विकास आयुक्त शशिरंजन, निदेशक डीआरडीए दिलेश्वर महतो, सिविल सर्जन विनोद कुमार साहा, समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती एवं विभिन्न विभाग के तकनीकी पदाधिकारी उपस्थित थे।


वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये उपायुक्त ने की जिले के सभी 10 प्रखण्डों की समीक्षा 

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दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये जिले के सभी 10 प्रखण्डों की समीक्षा की। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रखंड स्तर पर चल रहे विकास कार्यों यथा शौचालय निर्माण, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना इत्यादि की समीक्षा उपायुक्त ने की। उपायुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि प्रति सप्ताह वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अब जिलास्तर से प्रखण्डों व अंचलों के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की जायेगी। विडियो काॅन्फ्रेंसिंग में जिलास्तर से उप विकास आयुक्त शशिरंजन, प्रशिक्षु आईएएस, निदेशक, डीआरडीए, चन्द्रषेखर पाण्डेय, परियोजना पदाधिकारी, दुमका आदि उपस्थित थे। 

सृजन घोटाले में ‘बहसबाजी’ से आगे नहीं बढ़ रहा राजद

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कौन है ‘सृजन’ का पालनहार। किसके संरक्षण और जानकारी में होता रहा अरबों का घोटाला। हनुमान की पूंछ की तरह बढ़ता जा रहा है सृजन का दायरा। जिलों की सीमाओं को लांघ रहा है सृजन। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि हमने खुद सृजन के घोटाले का खुलासा किया। समय और तारीख भी बता रहे हैं। लेकिन इस महाघोटाले के खुलासे में 14 वर्ष लग गये। इसमें 12 वर्ष खुद नीतीश कुमार राज्‍य के मुखिया भी रहे हैं।


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सृजन घोटाले के कारण विधानमंडल की कार्यवाही बाधित हो रही है। विपक्ष हंगामा कर रहा है। वेल में शोर-शराबा हो रहा है। विधान मंडल परिसर में नारेबाजी व प्रदर्शन हो रहा है। लेकिन सवाल इससे आगे का है कि विपक्ष के पास सृजन घोटाले को लेकर हाथ में ‘तख्‍ती’ के अलावा क्‍या है। कोई कागजी साक्ष्‍य है क्‍या। अखबारों की कटिंग पर कई दिनों तक सरकार पर हमला कर सकेंगे। मुख्‍य विपक्षी दल राजद का दावा या आरोप गलथेथरी से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। सृजन घोटाले से जुड़ा कोई भी तथ्‍य और साक्ष्‍य राजद के पास नहीं है। राजद प्रमुख लालू यादव या विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्‍वी यादव अब तक पार्टी की ओर सृजन घोटाले में कोई नया तथ्‍य नहीं दे खोज पाएं हैं।


फैक्‍ट फाइडिंग के मामले में राजद कंगाल किस्‍म की पार्टी है। इस संदर्भ में पार्टी के बड़े नेता भी कंगाल हैं। उनके  पास फैक्‍ट के नाम पर गलगेथरी ही होता है। पिछले एक पखवारे से सृजन घोटाला चर्चा में हैं। अखबारों और चैनलों का मुख्‍य विषय है। लेकिन एक पखवारे में राजद अपनी ओर से एक भी फैक्‍ट जारी नहीं कर सका। दरअसल राजद का संगठनात्‍मक ढांचा लालू यादव के परिवार से आगे नहीं बढ़ पाया है और जिम्‍मेवारियों के निर्वाह का ‘ठेका’ भी यही परिवार निभाता है। यही कारण है कि सृजन जैसा बड़ा मुद्दा भी राजद के हाथ से फिसलता जा रहा है। सृजन के मुद्दे पर राजद चूक गया तो सरकार के खिलाफ बड़े मुद्दे का इंतजार उसे लंबे समय तक करना पड़ सकता है।




साभार : वीरेंद्र यादव

बिहार विधानसभा में सृजन मामले को लेकर विपक्ष का हंगामा

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पटना 23 अगस्त, बिहार विधानसभा में आज सृजन मामले को लेकर विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सात मिनट बाद ही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी गयी । विधानसभा में सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के आसन ग्रहण करते ही कांग्रेस के अब्दुर्र रहमान ने सृजन घोटाला के मामले में कुछ कहने की कोशिश की। इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि अभी सदन की कार्यवाही तो शुरू होने दीजिये इसके बाद सभाध्यक्ष ने जैसे ही सभा की कार्यवाही शुरू किये जाने की घोषणा की विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सृजन घोटाला की चर्चा करते हुए कहा कि यह घोटाला जब श्री सुशील कुमार मोदी वित्त मंत्री थे तब उनके कार्यकाल में ही हुआ था। श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार दोनों को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और खजाने को लूटने दिया । श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार और श्री मोदी बतायें कि वर्षो से खजाना लूटा जा रहा था लेकिन उन्होंने सृजन के दुर्जनों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की । दोनों अभी भी दोषियों को बचाने में लगे हैं और उन्हें विदेश भागने में भी मदद कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि श्री कुमार और श्री मोदी के पद पर रहते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है ।


विपक्ष के नेता ने कहा कि सृजन घोटाले का दायरा सिर्फ भागलपुर जिले तक ही सीमित नहीं है। इस घोटाले के बांका, सहरसा और भोजपुर जिले तक फैले होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार अब तक इस घोटाले के तहत खजाने से कितना रुपया निकाला गया है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इस बारे में कोई रिपोर्ट क्यों नहीं दे रही है । इस बीच सभाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अब्दुल बारी सिद्दीकी की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव की सूचना दी गयी है जो नियमानुसार नहीं है । उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि नियमानुसार चर्चा के लिए कोई प्रस्ताव आता है तो उस पर सदन में चर्चा होगी और सरकार भी उस पर जवाब देगी । उन्होंने सदस्यों से प्रश्नकाल होने देने का अनुरोध किया लेकिन राजद समेत विपक्ष के अन्य सदस्य नहीं माने और शोरगुल तथा नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गये । शोरगुल के बीच ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जब सामने सत्तापक्ष में सरकार का खजाना लूटने वाले बैठे है तो सदन कैसे चल सकता है । राजद के ही भाई विरेन्द्र ने कहा कि सत्तापक्ष विपक्ष की बात को नहीं सुन रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है । 

इस पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि यह घोटाला वर्ष 2003 से ही चल रहा था जब श्री तेजस्वी यादव के परिवार के लोग गद्दी पर बैठे थे । उन्होंने कहा कि राजद के लोग सदन में गतिरोध उत्पन्न कर उसे चलने नहीं देना चाहते हैं । राजद सदस्यों के साथ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के सदस्य भी सदन के बीच में आकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे । विपक्ष के सदस्य नीतीश-मोदी खजाना चोर-गद्दी छोड़ के नारे लगा रहे थे । सभाध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया लेकिन सदस्य नहीं माने। सभाध्यक्ष ने सदन को अव्यवस्थित देख सभा की कार्यवाही करीब सात मिनट बाद ही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी। हंगामे के कारण प्रश्नोत्तरकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण समेत भोजनावकाश से पूर्व निर्धारित कोई भी कार्य नहीं हो सका । 

बाढ़ पीड़ितों की मदद के बजाये राजनीतिक रैली का आयोजन संवेदनहीनता : सुशील मोदी

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पटना 23 अगस्त, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य के बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने के बजाये राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से 27 अगस्त को राजनीतिक रैली के आयोजन को उसकी संवेदनहीनता बताया और कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के अन्य वरिष्ठ नेताओं को अपनी छवि बचाने के लिए इस रैली से दूर रहना चाहिए । श्री मोदी ने आज यहां विधानसभा परिसर स्थित अपने कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य में इस बार बाढ़ की तबाही कोशी त्रासदी से भी कहीं ज्यादा है। सरकार अपने स्तर से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और 26 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे । उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब राज्य के 19 जिले में बाढ़ से भीषण तबाही हुई है, पीड़ितों की मदद के बजाये राजनीतिक रैली का आयोजन राजद की संवेदनहीनता को दर्शाता है। इससे यह साफ हो जाता है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को बिहार के लोगों की नहीं बल्कि सिर्फ अपनी बेनामी सम्पत्ति की परवाह है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद की ‘भाजपा भगाओ-देश बचाओ रैली’ भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि बेनामी सम्पत्ति को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत रैली में आने के लिए हामी भरने वाले देश के अन्य वरिष्ठ नेताओं को इससे दूर ही रहना चाहिए क्योंकि बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने के बजाये यदि वह राजनीतिक रैली में हिस्सा लेते हैं तो इससे उनकी छवि धूमिल ही होगी । 


श्री मोदी ने कहा कि श्री लालू प्रसाद यादव ने रैली में 25 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का दावा किया है जो किसी हाल में पूरा होने वाला नहीं है । इसलिए कम भीड़ जुटने पर श्री यादव बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों के नहीं आने का बहाना बनायेंगे इससे बेहतर है कि राजद प्रमुख रैली को रद्द कर दें । इससे वह फजीहत से बच जायेंगे । उन्होंने कहा कि रैली के आयोजन के बजाये श्री यादव और उनके अन्य वरिष्ठ नेताओं को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और पीड़ितों की मदद में अपने लोगों को लगाना चाहिए । उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कोटे से राज्य सरकार के सभी मंत्री बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपने तीन माह का वेतन और विधायक एक माह का वेतन राहत कोष में देंगे । उन्होंने राजद और कांग्रेस के विधायकों से भी बाढ़ पीड़ितों की मदद में आगे आने की अपील की । श्री मोदी ने पत्रकार हत्याकांड में राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी बी आई) की ओर से आरोप पत्र दाखिल होने पर उनके खिलाफ पार्टी की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मो0 शहाबुद्दीन को पार्टी से निष्कासित किया जाना तो दूर अब तक निलंबित भी नहीं किया गया है । उन्होंने कहा कि नई राजनीति शुरू करने का दावा करने वाले श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को मो0 शहाबुद्दीन को पार्टी से निष्कासित कराने के लिए अपने पिता लालू प्रसाद यादव पर दबाव बनाना चाहिए । 

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण 15 मिनट बाद ही परिषद की कार्यवाही स्थगित

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पटना 23 अगस्त, बिहार विधान परिषद में सृजन घोटाले को लेकर विपक्षी सदस्यों के आज भारी शोरगुल और नारेबाजी के कारण कार्यवाही को 15 मिनट बाद ही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी । उप सभापति हारूण रशीद के आसन ग्रहण करते ही कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी ने भागलपुर जिले में हुए सृजन घोटाले का मामला उठाते हुए कहा कि उन्होंने इस पर कार्यस्थगन की सूचना दी है जिसे स्वीकार कर चर्चा करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकारी खजाने से 1500 करोड़ रूपये का घोटाला किया गया है। श्री चौधरी ने कहा कि राज्य के पुलिस महानिदेशक का भी इस संबंध में बयान आया है । इस मामले में गिरफ्तार किये गये भागलपुर समाहरणालय के नाजीर महेश मंडल की पुलिस हिरासत में मौत हुई है । श्री मंडल की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया और आनन फानन में उन्हें जला दिया गया । उन्होंने कहा कि श्री मंडल इस मामले में बड़ा खुलासा करने वाले थे और इसी को देखते हुए पुलिस हिरासत में उन्हें मार दिया गया । 


कांग्रेस सदस्य ने कहा कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश की देखरेख में जांच करवाई जानी चाहिए । भागलपुर के जिलाधिकारी का स्थानांतरण कर सभी बिंदूओ पर जांच होगी तभी सच्चाई का पता चल सकेगा । इस पर उप सभापति ने परिषद की कार्यसंचालन नियामावली के तहत उनके कार्यस्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया । उप सभापति के इतना कहते ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी और शोरगुल करते हुए सदन के बीच में आ गये । राजद के सुबोध राय ने कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की देख रेख में सृजन घोटाला हुआ है । इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है । इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि सृजन मामले में गिरफ्तार महेश मंडल सच्चाई जानता था इसी लिए उसकी पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गयी । सरकार इस मामले को दबाने में लगी है । प्रदेश के लोगों की गाढ़ी कमाई की लूट हुई है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तत्काल इस्तीफा दें । 

शोरगुल और नारेबाजी के बीच ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले अब इस मामले में चुप्पी साध रखी है। जब तक श्री कुमार और श्री मोदी इस्तीफा नहीं दे देते तब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी जायेगी । उन्होंने कहा कि इतने बड़े घोटाले की बिहार पुलिस से जांच करवाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है । नारेबाजी के बीच ही नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के डा.संजीव कुमार सिंह के एक अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दिया जिसे सुना नहीं जा सका । विपक्षी सदस्य ‘खजाना चोर गद्दी छोड़,इस्तीफा करो इस्तीफा करो ’का नारा लगाते रहे । सदन को अव्यवस्थित होते देख उप सभापति ने कार्यवाही को 15 मिनट बाद ही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी । 

सृजन घोटाले में जांच के बहाने साक्ष्य नष्ट करवा रहे हैं नीतीश : लालू यादव

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पटना 23 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर चर्चित अरबों रूपये के सृजन घोटाले मामले की उनके चहेते एवं स्वजातीय अधिकारी जांच के बहाने साक्ष्य मिटा कर इसे दबाने की कोशिश कर रहे हैं । श्री यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार कहा करते थे कि उनके कार्यकाल में कोई घोटाला नहीं हुआ है । श्री कुमार जब वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री थे तब आर्थिक अपराध शाखा के संज्ञान में यह मामला आया था और इसकी जांच भी हुयी थी । उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि इस जांच की रिपोर्ट का क्या हुआ और तत्कालीन अधिकारियों का तबादला किसके कहने पर किया गया । राजद अध्यक्ष ने कहा कि जांच की अनुशंसा करने वाले भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी का आनन- फानन में उस समय तबादला कर दिया जो अपने आप में सवाल खड़ा करता है । उस समय दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें प्रोत्साहित किया गया । उन्होंने कहा कि तत्कालीन जिलाधिकारी के जांच रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है ।



श्री यादव ने कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने वर्ष 2008 की अपनी रिपोर्ट में स्वयंसेवी संस्था सृजन द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमितता को उजागर किया था लेकिन इसे दबा दिया गया । मुख्यमंत्री श्री कुमार स्वयं को इस मामले में बचाने के लिये साक्ष्यों को समाप्त करावा रहे हैं । उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले की विशेष जांच दल (एसआईटी ) को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी है जिसमें श्री कुमार के चहेते एवं स्वजातीय अधिकारी है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि इतने बड़े घोटाले की एसआईटी से जांच संभव नहीं है और सारे सबूतों को नष्ट करने की कोशिश हो रही है । जांच करने वाले अधिकारी स्वयं ही भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहते हुए सृजन के कार्यक्रमों में शामिल हुआ करते थे और ऐसे में उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती । श्री यादव ने कहा कि बिहार में आयी बाढ़ के समय राज्य सरकार का अमानवीय एवं असंवेदनशील रवैया रहा है । बाढ़ से लोगों की मौत हो रही है और मुख्यमंत्री बाढ़ राहत की तैयारी करने के बजाय अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिये जोड़ तोड़ और छवि चमकाने में लगे थे । सरकार बाढ़ से मरने वालों का सही आंकड़ा नहीं दे रही है । उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में यह दिखाया गया है कि पुलिस की निगरानी में किस तरह से बाढ़ पीड़ितों के शवों को नदी में फेका जा रहा है । सरकार से अधिक गैर सरकारी संस्थाएं और कार्यकर्ता राहत एवं बचाव में लगे हैं । राजद अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी की 27 अगस्त को आयोजित होने वाली रैली से लोगों का ध्यान बांटने के उद्देश्य से बिहार दौरे पर आ रहे हैं । हालही में हुए रेल दुर्घटना स्थल पर प्रधानमंत्री को जाने के लिये समय नहीं मिल सका । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राज्य में बाढ़ से हुयी तबाही पर विमर्श करने के लिये नहीं आ रहे हैं बल्कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ हो इसपर विमर्श करने के लिये आ रहे हैं । 

सृजन घोटाले को लेकर तेजस्वी ने विधान मंडल परिसर में दिया धरना

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पटना 23 अगस्त, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने सृजन घोटाले को लेकर आज विधानमंडल परिसर में जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया । श्री यादव ने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के तुरंत बाद विधानमंडल परिसर में जननायक की आदमकद प्रतिमा स्थल के निकट धरना दिया । उनके साथ पार्टी के कई विधायक और नेता भी धरना में शामिल हुए । प्रतिपक्ष के नेता ने मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सृजन घोटाले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए । इस घोटाले की जानकारी सरकार को उस समय थी जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के कार्यकाल में वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2013 तक श्री मोदी वित्त मंत्री थे । उन्होंने कहा कि जानकारी के बावजूद मुख्यमंत्री श्री कुमार और श्री मोदी ने घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की और न ही इसे रोकने के लिये कोई कदम ही उठाया । 


श्री यादव ने कहा कि सृजन घोटाला सिर्फ भागलपुर में ही नहीं बल्कि इसका तार बांका और सहरसा जिला से भी जुड़ा है । सिर्फ भागलपुर में ही जांच कराये जाने से इस मामले के तह तक जाना संभव नहीं है । उन्होंने कहा कि बिहार के सभी जिलों में जांच करायी जानी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि इस तरह का घोटाला और भी कहीं हुआ है या नहीं । उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को पूरा विश्वास है कि अन्य जिलों में भी घोटाले हुए हैं । प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि वह जब भागलपुर गये थे तो सरकार के इशारे पर वहां का जिला प्रशासन उन्हें सभा करने की अनुमति नहीं दी थी । उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि लोगों को सृजन घोटाले की सच्चाई बतायें लेकिन सभा स्थल पर धारा 144 लागू कर उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया । श्री यादव ने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के नेताओं के इस घोटाले में संलिप्तता को लोगों के सामने उजागर करेंगे । उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री श्री कुमार और उप मुख्यमंत्री श्री मोदी इस्तीफा नहीं देंगे तब तक इस घोटाले का निष्पक्ष जांच संभव नहीं है । उन्होंने आरोप लगाया कि घोटाले के साक्ष्य को मिटाया जा रहा है ताकि इसमें संलिप्त लोगों को बचाया जा सके । 

बिहार विधानसभा में विपक्ष के शोरगुल के बीच छह विधेयक पारित

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पटना 23 अगस्त, बिहार विधानसभा में सृजन घोटाले को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2017 समेत छह महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कर दिया गया । भोजनावकाश के बाद सभा की कार्यवाही शुरू होते ही प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल(राजद) ने सृजन घोटाले के मामले में विस्तृत चर्चा के लिये कार्यस्थगन प्रस्ताव की सूचना दी है । उन्होंने कहा कि इसपर तुरंत सदन में चर्चा करायी जानी चाहिए जिसपर सभाध्यक्ष ने कहा कि समय पर इसकी सूचना नहीं दी गयी । इसके बाद सृजन घोटाले पर चर्चा की मांग करते हुए राजद सदस्य सदन के बीच आ गये और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे । सभाध्यक्ष ने हंगामा कर रहे राजद सदस्यों से शांत रहने और अपनी -अपनी सीट पर वापस लौटने का आग्रह किया लेकिन उनपर इसका कोई असर नहीं हुआ । इसी बीच राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि उनकी पार्टी की ओर से दिये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव की सूचना पर तुरंत निर्णय लिया जाना चाहिए और सृजन घोटाला मामले पर चर्चा करायी जानी चाहिए। 


सभाध्यक्ष ने कहा कि वह सृजन घोटाला मामले पर सदन में चर्चा कराने के लिये तैयार हैं । उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विचार- विमर्श कर इस मामले पर चर्चा कराये जाने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा । तभी संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने भी कहा कि विपक्ष यदि नियम के अनुरूप प्रस्ताव लाये तो सरकार इस मामले पर चर्चा के लिये तैयार है । राजद सदस्य सदन में लगातार नारेबाजी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के त्याग पत्र की मांग करते रहे । सभाध्यक्ष के आग्रह करने के बावजूद राजद सदस्य शांत नहीं हुए और नारेबाजी करते रहे। शोरगुल के बीच ही सभाध्यक्ष ने सदन में विधेयक पारित कराये जाने प्रक्रिया शुरू कर दी । राजद सदस्यों के नारेबाजी के बीच ही संबंधित विभाग के मंत्री विधेयक को सदन में पेश किया जिसे पारित कर दिया गया । जिन छह विधेयकों को सदन में पारित किया गया उनमें बिहार विनियोग अधिकाई व्यय ( 1981-82 , 1986-87 , 1989-90 , 1993-94 एवं 1995-96 ) (संख्या -2) विधेयक 2017 ,बिहार कराधान विधि (संशोधन एवं विधि मान्यकरण ) विधेयक 2017 , बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग विधेयक 2017 , बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2017 , बिहार राज्य जल और वाहित मल बोर्ड (निरसन) विधेयक 2017 और बिहार चिकित्सा (संशोधन) विधेयक 2017 शामिल है । इसके बाद सभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को कल तक के लिये स्थगित कर दी । 

बोकारो में रेल पटरी से पांच जिलेटिन स्टीक बरामद

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बोकारो 23 अगस्त, झारखंड में बोकारो जिले के चंद्रपुरा और भंडारीदह स्टेशन के बीच रेल पटरी से आज विस्फोट में इस्तेमाल किया जाने वाला पांच जिलेटिन स्टीक बरामद किया गया है । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि सरकारी रेल पुलिस (जीआरपी) ने चंद्रपुरा और भंडारीदह स्टेशन के बीच रेल पटरी पर रखा गया जिलेटिन स्टीक को बरामद किया है । इस स्टीक का इस्तेमाल विस्फोट के लिये किया जाता है। स्टीक के बरामद होने से डेढ़ घंटा पूर्व ही इस मार्ग से एक ट्रेन गुजरी थी और इसके साढ़े तीन घंटे बाद ही दूसरी ट्रेन के आने का समय था। सूत्रों ने बताया कि जिस स्थान से जिलेटिन स्टीक बरामद की गयी है वहां कुछ जले होने का निशान भी मिला है। पुलिस मामले की छानबीन करने में लगी हुयी है । 


नीतीश ने राहत शिविरों का लिया जायजा, अधिकारियों को दिये निर्देश

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किशनगंज 23 अगस्त, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्य के सर्वाधिक बाढ़ग्रस्त जिलों में से एक किशनगंज जिले में प्रभावितों के लिए लगाये राहत शिविरों का जायजा लिया। सीमांचल के किशनगंज जिले के चकला प्रखंड स्थित मिलिया कॉलेज में बाढ़ की समीक्षा करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने चकला पंचायत के 15 वार्डों के लिए लगाये गए राहत शिविर का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार फ़ूड पैकेट को प्रभावितों के बीच वितरित किया। उन्होंने पीड़ितों के लिए लाये गए दवाइयों सहित पानी का स्टोल का भी जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय पेयजल के इस्तेमाल पर जिलाधिकारी पंकज दीक्षित को फटकार लगायी। साथ ही सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को पूरे जिले में बोतल बंद पानी का इस्तमाल और वितरण करने का निर्देश दिया। शिविर के जायजा के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की।बैठक में बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुल-पुलिया और राहत सामग्री वितरण पर दिशा निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को किसानों के फसल एवं पशु क्षति का यथा शीघ्र सर्वे कर राशि देने का निर्देश दिया। 

भागलपुर में महिला से एक लाख रूपये की लूट

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भागलपुर,23अगस्त, बिहार में भागलपुर शहर के भीड़भाड़ वाले आदमपुर चौक के निकट आज दिनदहाड़े अपराधियों ने हथियार का भय दिखाकर एक महिला से करीब एक लाख रुपये लूट लिया। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि आदमपुर थाना क्षेत्र के सतीशसरकार लेन की रहने वाली प्रीति देवी जब पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से एक लाख रुपये निकाल कर घर लौट रही थी तभी आदमपुर चौक के निकट मोटरसाइकिल पर सवार दो अपराधियों ने उसे हथियार का भय दिखा कर रोक लिया ।इसके बाद थैले में रखे एक लाख रुपये लूट कर फरार हो गये । सूत्रों ने बताया कि इस सिलसिले में संबंधित थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है । अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की जा रही है । 

बवाना विधान सभा सीट पर 45 प्रतिशत मतदान

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नयी दिल्ली 23 अगस्त, उत्तर पश्चिम दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट पर 45 प्रतिशत मतदान हुआ है। दिल्ली चुनाव अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शाम छह बजे तक 45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। कार्यालय ने कहा है पोलिंग दलों के आने पर मतदान प्रतिशत और अन्य सूचनाओं में बदलाव भी हो सकता है। मतदान आज सुबह आठ बजे शुरू हुआ था। वर्ष 2015 में विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप )के टिकट पर जीते वेद प्रकाश ने अप्रैल में इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये। उनके इस्तीफा देने से रिक्त सीट पर उपचुनाव कराया गया। वह उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। कार्यालय ने कहा कि कहीं से किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला। मतदान के दौरान एक बीयू ,एक सीयू और वीवीपैट मशाीनों के खराब होने पर इस बदला गया। मतदान से पहले मॉक ड्रिल की गई जिसमें 5 बीयू और 5 सीयू को बदला गया। माॅक ड्रिल में 34 वीवीपैट भी बदली गई। मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के अनुसार 2015 में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में बवाना क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 8519 की कमी हुई है। कार्यालय के मुताबिक 2015 विधानसभा चुनाव में कुल मतदाता 303108 थे जबकि उपचुनाव में 294282 वोटर रह गये हैं। उपचुनाव में कुल आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। आप की तरफ से रामचंद्र और कांग्रेस की तरफ से तीन बार विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके सुरेन्द्र कुमार प्रत्याशी हैं। उपचुनाव में कोई महिला उम्मीदवार नहीं है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 164114 और महिलाओं की 130143 है। अन्य 25 मतदाता और सेवा मतदाताओं की संख्या 307 थी चुनाव के लिये 67 स्थानों पर 379 मतदान केन्द्र बनाये गये थे एक मतदान केन्द्र पर औसतन मतदाता की संख्या 776 थी। वर्ष 2013 और 2015 के चुनाव में बवाना में मतदान प्रतिशत क्रमश: 61.14 और 61.83 प्रतिशत रहा था। मतों की गिनती 28 अगस्त को अलीपुर के स्वामी श्र्रद्धानन्द कालेज के पुराने भवन में होगी।

गोरखपुर मामले में अदालत ने अब तक की गई उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट मांगी

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लखनऊ 23 अगस्त, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी को लेकर हुई बच्चों की मृत्यु के मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) अथवा न्यायिक जांच कराए जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से अब तक की गई उच्चस्तरीय जांच की रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने अदालत को बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट पर सरकार स्वयं निर्णय ले रही है। न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति दयाशंकर त्रिपाठी की खंडपीठ ने दिलीप कुमार वर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिए। दायर याचिका में कहा गया है कि गोरखपुर के मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण बच्चों की मृत्यु का मामला बहुत गम्भीर है लिहाजा पूरे मामले की जांच सीबीआई अथवा न्यायिक जांच कराई जाय। जनहित याचिका में यह भी मांग की गई है कि पूरे प्रदेश में दवाओं, जांच के संसाधनों एवं उपकरणों की समुचित आपूर्ति की जाय और मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाय तथा मृतक बच्चों के परिवारीजनों को मुआवजा भी दिया जाय। जनहित याचिका पर महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकार द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट आ गई है। अदालत ने अगली सुनवाई 28 अगस्त को नियत की है।

डेरा मामला: पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ छावनी में तबदील

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चंडीगढ़, 23 अगस्त, हरियाणा सरकार ने आज कहा कि सिरसा स्थित डेरा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की साध्वी यौन शोषण मामले में 25 अगस्त को पंचकूला की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत में पेशी और फैसला आने पर अगर स्थिति बिगड़ती है तो इसे सम्भालने के लिये सेना की मदद लेने के साथ कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है। हरियाणा के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम निवास ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य को अर्द्ध सैनिक बलों की आठ और कम्पनियां मिली हैं। इससे पहले केंद्र से 35 कम्पनियां मिली थीं जिन्हें तैनात किया जा चुका है। इसके अलावा 2500 पुलिस कर्मियों का एक अतिरिक्त बल प्रदेश के विभिन्न भागों में तैनाती लगाया गया है। भीड़ का प्रबंधन करने के लिए लगभग 2000 होम गार्ड को भी डयूटी पर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि स्थिति अगर बिगड़ती है तो इसे सम्भालने के लिये सेना भी बुलाई जा सकती है तथा समय और परिस्थितियों के मुताबिक कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है। श्री रामनिवास के अनुसार सरकार ने स्थिति पर नज़र रखने तथा आवश्यक फैसला लेने के लिये दस वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों की एक टीम तैयार की है जिसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न पुलिस नाकों पर जांच के दौरान कुछ वाहनों से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। ऐसे वाहनों को जब्त कर लिया गया है तथा इनके चालकों से पूछताछ की जा रही है।

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