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भ्रष्ट अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा : चौहान

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भोपाल, 08 सितंबर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भ्रष्ट अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाई की जायेगी। श्री चौहान कल यहां मंत्रालय में समाधान ऑनलाइन में शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करने के बाद कलेक्टरों को संबोधित करते हुए यह बाते कही। उन्होंने ने कहा कि सरकार लोगों के हित में काम करने वाली सरकार है। लोक सेवाओं के प्रदाय और शासन की योजनाओं के लाभ से लोगों को वंचित रखने वाले लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने सीसीएफ स्तर के अधिकारी की वेतनवृद्धि रोकने, तहसीलदार, पटवारी, ब्लॉक स्तरीय शिक्षा अधिकारी और कई कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने झाबुआ जिले के मातासुला ग्राम पंचायत गांव की सरपंच कपना सडिया वसुनिया को अपनी पंचायत की पेयजल समस्या के लिये समाधान ऑन लाइन में आने की सराहना की। किसी एक विकास कार्य के लिये एक लाख रूपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की और बताया कि नल–जल प्रदाय योजना स्वीकृत कर दी गई है और इसी गर्मी से घरों में नल से पानी मिलने लगेगा। रतलाम के मथुरी गांव के किसान बद्रीलाल पाटीदार ने मुख्यमंत्री को बताया कि सोयाबीन की फसल नुकसान की शिकायत के बावजूद बीमा कंपनी सर्वे के लिये नहीं पहुँची। कई किसान बीमा दावा राशि मिलने से वंचित रह गये। मुख्यमंत्री ने बीमा कंपनी को तत्काल नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि ऐसे प्रकरणों में किसानों की शिकायत पर तत्काल कार्यवाई करें। उन्होंने सभी कलेक्टरों की निर्देश दिये कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रीमियम राशि जमा करने और बीमा संबंधी अन्य औपचारिकताएं समय पर पूरी हो जाये। फसल हानि के आंकलन के लिये फसल कटाई प्रयोग भी समय पर पूरा करें। इसमें लापरवाही बरतने पर कार्यवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस साल सूखे के संकट से फसल उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसलिये किसानों का फसल बीमा अवश्य करवा लें। उन्होंने कहा कि पानी रोकने का काम प्राथमिकता से करें और इस संबंध में किसानों का भी सहयोग लें।


डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में तलाशी अभियान शुरू

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सिरसा 8 सितम्बर, डेरा सच्चा सौदा के यहां स्थित मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच आज तलाशी अभियान शुरू हो गया। मीडिया खबरों के अनुसार तलाशी के दौरा डेरा मुख्यालय में भारी मात्रा में नगदी मिली है तथा मुख्यालय में संदिग्ध स्थानों पर खुदाई भी की जा रही है। एहतियात के तौर पर आसपास के क्षेत्रों में भारी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और कुछ क्षेत्र में कर्फ्यू भी लगाया गया है। मुख्यालय में मीडिया का प्रवेश भी बंद है तथा डेरा समर्थकों को मुख्यालय के आसपास एकत्रित नहीं होने के आदेश दिये गए हैं। हरियाणा सरकार ने तीन दिन के लिए सिरसा जिले में मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल सेवाएं बंद कर दी हैं। गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह फैसला सिरसा के डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में चल रहे तलाशी अभियान के कारण लिया गया है ताकि जिले में कोई अफवाह नहीं फैलाई जा सकें। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं की उक्त सभी सेवाएं 10 सितंबर तक निलंबित रहेंगी। डेरा से हार्ड डिस्क, कुछ कम्प्यूटर भी जब्त किये गए हैं तथा यहां फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने डेरा मुख्यालय की तलाशी के लिए आदेश दिया था। न्यायालय ने इसके लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के एस पवार को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। उनकी निगरानी में तलाशी अभियान शुरू हुआ। अभियान में अर्धसैनिक बलों के अलावा पुलिस और अन्य कई एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। डेरा मुख्यालय 700 एकड में फैला है। उधर, डेरा की प्रवक्ता विपासना इंसा ने कहा कि डेरा ने हमेशा कानून का पालन किया है। उन्होेंने समर्थकों से शांति बनाये रखने की अपील की।

मै किसी खास समुदाय के लिए काम नहीे करती : ममता बनर्जी

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कोलकाता,08 सितंबर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह किसी खास समुदाय के लिए काम नहीे करती हैं और सभी वर्गाें के कल्याण में विश्वास रखती हैं। सश्री बनर्जी ने कल यहां एक कार्यक्रम में कहा“ कुछ लोगों का कहना है कि मैं अल्पसंख्यक समुदाय को खुश करने में लगी हूं लेकिन राज्य में इसाई,बौद्ध, जैन ,सिख और अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी है। मैं किसी खास समुदाय के लिए काम नहीं कर रही हूं और जिस पद पर अासीन हूं उसके अनुसार सभी वर्गों की देखभाल मेरी जिम्मेदारी है।” उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)शासित राज्यों में कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में मीडिया को निष्पक्ष भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में स्वाइन फ्लू से इतने लोगों की मौत के मामले में मीडिया चुप्पी साधे हुए है और सभी भाजपा शासित राज्यों में मीडिया इसी तरह चुप है। सुश्री बनर्जी ने कहा कि बंगाल में अगर कोई छोटी सी भी घटना हो जाती है तो मीडिया इस मामले को बेवजह तूल देने लगता है।

जब राजनीति के लायक नहीं महसूस करूंगा,उसी दिन छोड़ दूंगा : पर्रिकर

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पणजी,08 सितंबर, गाेवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि जिस दिन वह महसूस करेेंगे कि राजनीति के लायक नहीं हैं उसी दिन राजनीति छोड़ देंगें। श्री पर्रिकर ने कल रात यहां कला अकादमी में मराठी दैनिक लोकमत की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए यह बात कही कि जिस दिन उन्हें महसूस होगा कि वह राजनीति लायक नहीं है उसी दिन राजनति करना छोड़ देंगे और ऐसा करने में एक सेकंड की देरी भी नहीं लगाएंगे। गौरतलब है कि केन्द्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया था लेकिन इस वर्ष मार्च में गोवा में विधानसभा चुनाव के वाद वह प्रदेश की राजनीति में लौट गए और राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला।

मोदी को गुजरात दंगों में क्लिन चिट देने को चुनौती देने वाली अर्जी पर फैसला 26 सितंबर तक टला

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अहमदाबाद, 08 सितंबर, गुजरात हाई कोर्ट ने 27 फरवरी 2002 को राज्य के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाये जाने की घटना के बाद फैले राज्यव्यापी दंगों के मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री (अब प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी को उच्चतम न्यायालय की देखरेख में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दी गयी क्लिन चिट को चुनौती देने वाली दंगा पीडित तथा इसमें मारे गये पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी की याचिका पर अपने फैसले का आज एक बार फिर टाल दिया। हाई कोर्ट की एकल पीठ की न्यायाधीश न्यायमूर्ति (श्रीमती) सोनिया गोकाणी ने सभी पक्षों से इस संबंध में कुछ तकनीकी पूछताछ के बाद मामले की अगली तिथि 26 सितंबर तय कर दी। समझा जाता है कि अदालत उस दिन फैसला सुना सकती है। अदालत में जाकिया के वकील मिहिर देसाई ने आज कहा कि इस याचिका को श्री जाफरी समेत 69 लोगों की मौत से संबंधित 28 फरवरी 2002 के अहमदाबाद गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार के साथ जोड कर देखना ठीक नहीं है। उधर एसआईटी के वकील ने दोहराया कि एसआईटी जांच चूकि उच्चतम न्यायालय की देखरेख में हुई थी और इसे लगभग सभी लोगों ने स्वीकार किया था इसलिए इसकी रिपोर्ट को चुनौती देना सही नहीं है। ज्ञातव्य है कि इस मामले में पिछली कुछ तिथियों से फैसला आने की अटकले लगती रही हैं पर कुछ तकनीकी कारणों से ऐसा नहीं हो पाता है। गुजरात दंगे के आधा दर्जन से अधिक बडे मामलों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने 2012 में अपनी क्लोजर रिपोर्ट में श्री मोदी को क्लिन चिट दे दी थी। इसे दिसंबर 2013 में यहां की एक निचली मेट्रोपोलिटन अदालत ने मान्य रखा था। इसको चुनौती देते हुए श्री मोदी तथा कई अन्य नेताओं, नौकरशाहों समेत 50 से अधिक लोगों को वृहद षडयंत्र का आरोपी बनाने की मांग करते हुए श्रीमती जाफरी ने 18 मार्च 2014 को हाई कोर्ट में विशेष याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई अगस्त 2015 से शुरू हुई थी। उनका आरोप था कि निचली अदालत ने बिना सभी पहलुओं पर विचार किये ही क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था। विवादास्पद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड से संबंधित एक एनजीओ ने भी ऐसे की एक याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट दोनो पर एक साथ सुनवाई कर रही है। ज्ञातव्य है कि गुजरात दंगों के बडे मामलों में से एक यहां स्थित गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में भीड ने श्री जाफरी समेत 69 लोगों को जला डाला था। इस प्रकरण में एसआईटी की एक विशेष अदालत ने पिछले साल 17 जून को 24 दोषियों में से 11 को उम्रकैद, एक को दस साल तथा अन्य 12 जिसमें विश्व हिन्दू परिषद नेता अतुल वैद्य शामिल थे, को सात सात साल की सजा सुनायी थी। इस मामले में कुल 66 आरोपी थे जिनमें से छह की सुनवाई के दौरान मौत हो गयी थी। शेष 36 को अदालत ने बरी कर दिया था। श्रीमती जाफरी ने इस फैसले को भी चुनौती दे रखी है।

भाकपा-माले की राज्य स्थायी समिति की एक दिवसीय बैठक 9 सितंबर को पटना में.

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  • माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य सहित भाग लेंगे वरिष्ठ नेता.

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पटना 8 सितंबर, भाकपा-माले की राज्य स्थायी समिति की एक दिवसीय बैठक कल दिनांक 9 सितंबर को पटना अवस्थित राज्य कार्यालय में होगी. बैठक में भाग लेेने के लिए माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य आज देश शाम पटना पहुंच गये हैं. बैठक में माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा व अमर, वरिष्ठ नेता रामजतन शर्मा, नंदकिशोर प्रसाद, केडी यादव, राजाराम सिंह, महबूब आलम, मीना तिवारी, रामेश्वर प्रसाद, सरोज चैबे, शशि यादव सहित वरिष्ठ पार्टी नेता भाग लेंगे. बैठक में वर्तमान राजीनतिक परिस्थितियों के साथ-साथ बिहार में बाढ़ की स्थिति आदि पर बातचीत की जाएगी.


कल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में होगा चक्का जाम, आपदा प्रबंधन मंत्री से माले प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात.

भाकपा-माले राज्य सचिव ने कहा है कि बिहार सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों के प्रति संवेदनहीन रवैया अपनाया जा रहा है. इसके खिलाफ हमारी पार्टी कल 9 सितंबर को बाढ़ प्रभावित इलाके में चक्का जाम करेगी. इसके पूर्व विधायक सुदामा प्रसाद के नेतृत्व में आज भाकपा-माले का एक प्रतिनिधिमंडल आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री दिनेश चंद्र यादव से मुलाकात करके उन्हें अपना दस सूत्री ज्ञापन सौंपा. इस प्रतिनिधिमंडल में राज्य कमिटी सदस्य उमेश सिंह और कुमार परवेज शामिल थे. भाकपा-माले ने अपने ज्ञापन में कहा है कि  पिछले एक महीने से संपूर्ण उत्तर बिहार में प्रलयंकारी बाढ़ की बर्बादी-तबाही मची हुई है. सैकड़ो लोगों की अकाल मौत हो चुकी है. हजारो पशुधन मारे गये हैं. गरीबों का सारा अनाज बर्बाद हो गया है. झोपड़िया दह-बह गयी हैं तथा अब गांव-गांव में भूखमरी है. चूल्हे नहीं जल रहे व चारा के अभाव में मवेशियों की लगातार मौत हो रही है. लगभग 19 जिले में आम जन-जीवन पूरी तरह ध्वस्त है. यदि सरकार ने बाढ़ पूर्व आवश्यक कदम उठाये होते, तो इस व्यापक तबाही से बचा जा सकता था. बाढ़पीड़ितों के लिए जो राहत अभियान चलाया जा रहा है, वह भी बेहद नगण्य है. इसमें युद्ध स्तर की गति लाने की जरूरत है. 

अत: संकट की घड़ी में हम आपसे निम्नलिखित बिन्दुओं पर अविलंब कार्रवाई की मांग करते हैं:-

1. बाढ़ और उसके बाद की तबाही-बर्बादी कोई सामान्य घटना नहीं है, इसने बिहार की 50 प्रतिशत आबादी के जीवन के बेहद संकट में डाल दिया है. इसलिए हमारी मांग है कि इस विपदा को केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित करवाने के लिए आपकी सरकार द्वारा आवश्यक कदम अविलंब उठाये जायें.


2. बाढ़ की विनाशलीला को देखते हुए तमाम बाढ़ पीड़ितों को 3 माह का राशन व 15 हजार रु. तत्काल उपलब्ध करायी जाए. गरीबों को काम नहीं मिल रहा है. हमारी मांग है कि गरीबों-मजदूरों को मनरेगा की 3 महीने की अग्रिम मजदूरी दी जाए.  मृतक के परिजनों को 10 लाख रु. मुआवजा दिया जाए. हम बटाईदार किसानों सहित सभी किसानों के लिए 15 हजार रु. प्रति एकड़ की दर से फसल मुआवजे की भी मांग करते हैं. पशुधन क्षति का भी उपयुक्त मुआवजा और चारे की मुकम्मल व्यवस्था का ठोस इंतजाम भी किया जाए.

3. राहत अभियान में सरकार ने कई तरह की शर्तें थोप रखी हैं. इसकी वजह से बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचना लगभग असंभव हो गया है. आधार कार्ड, बैंक खाता आदि की अनिवार्यता को समाप्त किया जाना चाहिए, क्योंकि सब के पास उक्त कागजात नहीं है और जिनके पास था भी इस बाढ़ में जब उनका घर ही बर्बाद हो गया, तो वे कागज कहां से लायेंगे? उसकी जगह वोटर लिस्ट व चूल्हा को आधार बनाकर राहत अभियान चलाया जाना चाहिए. सरकार बाढ़ पीड़ितो को या तो कैश दे अथवा बियरर चेक जारी करे.

4. बाढ़ राहत के लिए सरकार द्वारा आधारभूत संरचनाओं को आधार बनाया है. इस आधार पर बाढ़ से हुए नुकसान का सही आकलन नहीं हो सकता. इसमें पशुधन सहित कई चीजों को शामिल नहीं किया जा रहा है. व्यापक पैमाने पर अनाज का नुकसान हुआ है. गरीबों की झोपड़ियां पूरी तरह बर्बाद हो गयी हैं. इसलिए नुकसान का मुआइना व्यक्ति अथवा परिवार के आधार पर किया जाना चाहिए. 

5. बाढ़ पीड़ित लाभार्थियों के चयन में भी व्यापक पैमाने पर भेदभाव की रिपोर्ट मिल रही है. बड़े लोगों के नाम जोड़ दिए जा रहे हैं. खासकर दलित व अकलियत समुदाय जिनका बाढ़ में सर्वाधिक नुकसान हुआ है, उनका नाम सूची से बाहर कर दिया गया है. पश्चिम चंपारण में बाढ़ राहत के लिए 72 घंटे पानी के टिके रहने की शर्त बनाया गया है, जबकि पानी की तेज धार में कुछेक घंटों में ही सबकुछ तहस-नहस कर दिया गया. इसी तरह अररिया में चूल्हा डूबने को शर्त बनाया गया है. हम इन शत्र्तों को खत्म करने की मांग करते हैं. हमारी मांग है कि पहले की तरह सर्वदलीय अनुश्रवण टीम का गांव में गठन किया जाए और टीम लाभार्थियों की सूची बनाए तथा राहत सामग्री पहुंचाने की गारंटी करे. पंचायत स्तर पर सर्वदलीय अनुश्रवण की जो व्यवस्था से कार्यरत थी, वह पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, जिसकी वजह से यह समस्या खड़ी हो रही है.

6. यह देखने में आया है कि पश्चिम चंपारण से लेकर किशनगंज तक जो बिहार का बोर्डर इलाका है, वहां बेहद गरीबी है. जिन लोगों के पास पक्का मकान था, वे तो किसी प्रकार बच गये और अपने सामान को भी बचा लिया. लेकिन जिनकी झोपड़ियां थीं, उनका सबकुछ बर्बाद हो गया. न तो वे अपनी जिंदगी बचा सके न अपना अनाज. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार एक बड़ी योजना के तहत तमाम गरीबों के लिए पक्के मकान का इंतजाम करे.

7. सरकार ने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बकरीद तक आवश्यक मात्रा में राहत सामग्री मिल जाएगी, लेकिन जमीन पर कहीं भी ऐसा नहीं हो रहा है. इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. हमारी मांग है कि कम से कम दशहरे तक सभी बाढ़पीड़ितों को आवश्यक राहत सामग्री, पनुर्वास आदि की व्यवस्था कर दी जाए.

8. बाढ़ की तेज धार की वजह से कई इलाकों में खेत में बालू भर गया है और जमीन कट गयी है. ऐसे खास इलाकों की शिनाख्त कर सरकार को इसका भी मुआवजा देना चाहिए.

9. इस बार का बाढ़ पहले से भिन्न स्वरूप का है. नदियों ने तटबंधों को बराज से काफी पहलेे तोड़ा, इसलिए बाढ़ का पानी नए-नए इलाकों में फैला. बाढ़ से बड़ा इलाका पूरी तरह प्रभावित हुआ. नेपाल में भारी बारिश व तबाही हुई. संभवतः यह हिमालय में आए किसी परिवर्तन की वजह से हो रहा है. सरकार को चाहिए कि नेपाल के साथ मिलकर संयुक्त अध्ययन दल गठित करके आ रहे इस बदलाव का अध्ययन करे और बाढ़ का स्थायी समाधान निकाले. यह बेहद निराशाजनक है कि सांइस और टेक्नोलाॅजी के जमाने में भी हम बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने में असफल साबित हो रहे हैं.

10. हमारी पार्टी ने बाढ़ राहत के लिए जनता के बीच कोष संग्रह अभियान चलाया. नोटों के रूप में प्राप्त राशि से हमारी पार्टी विभिन्न जिलों में राहत कार्य चला रही है. लेकिन करीब 2 लाख की राशि सिक्के के रूप में प्राप्त हुई है, जिसे भेजना संभव नहीं है. हमारी पार्टी का खाता पंजाब नेशनल बैंक के आर.के.एवेन्यू ब्रांच, कदमकुंआ में है. लेकिन बैंक उक्त रेजगारी लेने से इंकार कर बाढ़ पीड़ितों के प्रति संवेदनहीनता प्रकट कर रहा है. यह बेहद निंदनीय है. हम आपसे इसके समाधान के लिए उक्त बैंक को निर्देशित करने की मांग करते हैं.

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 08 सितम्बर

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विधायक श्री राय ने किया क्षय नियंत्रण दवा का शुभारंभ
  • आज से सीहोर सहित मध्यप्रदेष के सभी जिले में उपलब्ध होगी दैनिक दवा पद्धति

राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान के गृह जिले सीहोर से दैनिक पद्धति की गोली का शुभारंभ आज विधायक श्री सुदेष राय द्वारा किया गया। आज से ये दैनिक पद्धति वाली गोलियां मध्यप्रदेष के सभी जिलों के शासकीय चिकित्सालयों में निःषुल्क मिलने लगेगी। इस अवसर पर एक क्योर हितग्राही को दवा खिलाकर सीहोर विधायक श्री राय ने संपूर्ण मध्यप्रदेष के लिए शुभारंभ किया। आज से यह दैनिक दवा पद्धति प्रदेष के सभी शासकीय चिकित्सालयों में निःषुल्क प्रदाय किए जाने के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी। शुभारंभ अवसर पर विधायक श्री सुदेश राय ने कहा कि क्षय नियंत्रण के लिए विभागीय स्तर पर बेहतर कार्य हो रहा है और वे इसे जन अभियान बनाने क्षय नियंत्रण हेतु आम लोगों को जागरूक करने तैयार है। जनजागरूकता से संबंधित सामग्री उनके कार्यालय पहंुचाई जाएं तो वे ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान इसके माध्यम से जन सामान्य को जागरूक करंेगे। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के षिकार अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ही है, जिन्हें शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक परेषानी होती है। इस अवसर पर क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य संचालक डॅा. अतुल खराटे ने कहा क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की समस्त जांचे शासकीय चिकित्सालयों में निःषुल्क की जाती है तथा जांचों पर हितग्राहियों को निजी लैब में पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। उन्हांेने कहा कि क्षय नियंत्रण कार्यक्रम से अब निजी चिकित्सकों को भी जोड़ा जा रहा है, उनके द्वारा लिखी गई जांचे भी शासकीय प्रयोगषाला में निःषुल्क की जाएगी। दवा के शुभारंभ अवसर पर एसटीडीसी संचालक भोपाल डाॅ. कुमार, राज्य दवा स्टोर प्रभारी डाॅ. बाथम  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. गुप्ता, जिला क्षय  नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डाॅ.डी.आर.अहिरवार, जिला कुष्ठ नियंत्रण अधिकारी डाॅ.आनंद शर्मा सहित जिला क्षय नियंत्रण समन्वयक श्री किर्तीसिंह कुषवाहा,उप जिला मीडिया अधिकारी सुश्री उषा अवस्थी, एपीडियोमीलाॅलिजस्ट  डाॅ.रूचिरा उइके,जिला मीडिया सलाहकार श्री शैलेष कुमार,जिला मूल्यांकन अधिकारी     श्री निलेष गर्ग सहित स्वास्थ्य विभाग एवं क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अन्य कर्मचारी एवं अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। शुभारंभ समारोह की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि इस अवसर पर राज्य संचालक डाॅ.खराटे द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई कि क्षय नियंत्रण कार्यक्रम का उपचार पर दैनिक पद्धति से एक ही गोली से हो जाएगा इस गोली में 3-4 प्रकार की भिन्न दवाओं का मिश्रण रखा गया है। पहले की अपेक्षा अब गोलियों की संख्या कम कर दी गई है। जिसके फलस्वरूप रोगी को दवा लेना सुविधाजनक हो जाएगा। उन्हांेने कहा कि इसके अलावा निजी चिकित्सकों द्वारा भी दवा लिखी जाती है तो क्षय नियंत्रण केन्द्रों पर रोगी का समकक्ष उपचार निःषुल्क उपलब्ध हो सकेगा।  सीएमएचओ डाॅ.गुप्ता ने कहा कि चूंकि प्रायवेट सेक्टर में चिकित्सकीय परामर्ष लेने वाले क्षय रोगियों की संख्या भी लगभग उतनी ही है जितनी पब्लिक सेक्टर में उपचारित रोगियों की है। अतएव आज से पूरे मध्यप्रदेष के लिए सीहोर जिले से शुभारंभ की गई दैनिक विधि के क्रियान्वयन के पष्चात आरएनटीसीपी एवं पीपीएस द्वारा दिए जाने वाले उपचार में भी साम्यता स्थापित होगी। शुभारंभ समारोह के अंत में जिला क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी द्वारा आभार व्यक्त किया गया। 


भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु चलाया गया अभियान 

मध्यप्रदेश षासन द्वारा महिलाओं बालिकाओं बच्चों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाए संचालित की जा रही है। साथ ही भिक्षावृत्ति मे लिप्त बच्चों के पारिवारिक पुर्नवास/परिवार में वापसी हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति षिक्षा विभाग के समन्वय से समस्त जिले में 16 अगस्त से 15 सितम्बर 2017 तक भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसके अंर्तगत रेल्वे स्टेषन, बस स्टेड, मंदिरों, प्रमुख चैराहों स्थानों पर सघन अभियान चलाया गया। इसके अंर्तगत कुल 25 बालक/बालिकाओं को भिक्षावृत्ति करने से रोका गया तथा उनके माता पिता को बाल कल्याण समिति जिला सीहोर के समक्ष बुलाकर समझाईश दी गई तथा बच्चों से दोबारा भिक्षावृत्ति करवानें पर किषोर न्याय अधिनियम अंर्तगत सजा का प्रावधान है यह बताया गया। भिक्षावृत्ति रोकनें हेतु गणेष मंदिर, मनकामेष्वर मंदिर सीहोर, तहसील चैराहा तथा शंकर मंदिर आष्टा में अभियान चलाया गया। उक्त टीम में बाल कल्याण समिति, पुलिस विभाग, विषेष किषोर पुलिस ईकाई, महिला सषक्तिकरण विभाग तथा अषासकीय संस्था शामिल थे।

बेलगाडी पर गैसटंकी और मोटरसाइकिल रख किया महंगाई का विरोध
  • युवा कांग्रेस ने रैली निकल कर व्यक्त किया आक्रोश, सौपा ज्ञापन

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सीहोर/ रोजाना बढते पेट्रोल डीजल के भाव, आसमान छूती महंगाई से बदहाल आम जनता, गरीब, और किसान का जीना मुहाल कर दिया है, महँगी होती रसोई गैस सब्सीडी समाप्ति की ओर है, कृषि उपकरण, खाद के दामो ने किसान का जीना मुहाल कर रखा है। इसी तरह केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई जीएसटी से खाद्य सामग्री सहित रोजमर्रा का सामान भी महंगा हो गया है । महंगाई, भ्रस्टाचार और बेरोजगारी की समस्या के बिरोध में युवा कांग्रेस ने आज सीहोर नगर के प्रमुख मार्गो से बेलगाडी रैली निकाली,बेलगाडी रैली के आयोजक युवा कांग्रेस के विदिशा लोकसभा उपाध्यक्ष बिर्जेश पटेल और विधानसभा अध्यक्ष राजीव गुजराती ने बताया की इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओ सहित वरिष्ट कांग्रेस जन शामिल थे, दिनोंदिन बढते पेट्रोल, डीजल के भावो के विरोध में युवा कांग्रेसी बेलगाडी पर मोटर साइकिल रख कर निकले वही दूसरी और बेलगाडी पर रसोई गैस टंकी रख महंगाई का विरोध किया । स्थानीय तहसील चौराहा से प्रारंभ हुई बेलगाडी रैली मेन रोड से बस स्टैंड होती हुई कलेक्टरेट कार्यालय पहुची, जिसमे आक्रोशित युवा कांग्रेसी कार्यकर्ता केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार की नाकामी के विरोध में नारेबाजी करते हुए चल रहे थे ।


बेलगाडी घेरकर विधायक पटेल ने किया महंगाई का विरोध
युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित महंगाई के विरोध में आयोजित बेलगाडी रैली में इछावर विधानसभा के कांग्रेसी विधायक शैलेन्द्र पटेल एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष केलाश परमार ने बेलगाडी पर सवार होकर महंगाई, भ्रस्टाचार, बेरोजगारी और किसानो की समस्या के बिरोध में बेलगाडी घेरकर अपना विरोध दर्ज कराया और कलेक्टरेट कार्यालय पहुचे और राज्यपाल के नाम संबोधित एक ज्ञापन डीपटी कलेक्टर श्री राजपूत को सौपा । विधायक श्री पटेल ने कहा है की बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार ने जनता से बादाखिलाफी की है और महंगाई, बेरोजगारी और भ्रस्टाचार से आम जनता का जीना मुहाल है, मध्य प्रदेश देश का वो राज्य है जहा देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल और डीजल बिकता है यही हाल हमारे प्रदेश में रसोई गैस का है । जिला कांग्रेस अध्यक्ष केलाश परमार ने कहा की एक ओर  जनता दिनोदिन बढती महंगाई से बेहाल है और दूसरी ओर देश आर्थिक मंडी की मार झेल रहा है और बेरोजगारी से युवा परेशान है बीजेपी के केन्द्र और राज्य सरकार हर मोर्चे पर बिफल नज़र आ रही है  ।इस अवसर पर विधायक शैलेन्द्र पटेल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष केलाश परमार के साथ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष अनार सिंह ठाकुर, मनोज पटेल, जफ़र लाला, कमलेश कटारे, रामदयाल परमार,रामनारायण परमार, अमृतलाल पटेल, अहमद खा, लीलाधर पटेल, चंदर सिंह वर्मा, युसूफ मामू, सुनील चंडक, भूपेंद्र सिसोदिया, राजू राजपूत, घनश्याम मीणा, डी पी जनपद, बलबान पटेल, जितेन्द्र परिहार, विवेक राठौर, रमेश राठौर, नरेंद्र खंगराले,महेंद्र परमार, ओम जलोदिया, शमीम अहमद, इरफ़ान बेल्डर, एनएसयुआई जिलाध्यक्ष आनंद कटारिया, हरगोविंद दरबार,आरती खंगराले, इश्वर सिंह ठाकुर, पियूष मालवीय, ओम जलोदिया, सरपंच रघुनन्दन वर्मा,संकर पटेल, जीवन सिंह,अर्जुन परमार, देवसिंह यादव, ओमकार सिंह,संजू परमार, गजराज सिंह, देवराज पटेल, सुरेश डॉक्टर, धर्सिंह राजसाब, राधेश्याम वर्मा, जय सिंह, हेमराज कुशवाहा, अनिल सेन, चेतन शर्मा, मांगीलाल परमार, मोहन वर्मा, संकर लाल परमार, आज़ाद सिंह, अर्जुन पटेल, जमना प्रशाद वर्मा, दिनेश पटेल, मुकेश पटेल, राधेश्याम सेठ,पंकज शर्मा, रजत चौधरी, गजराज परमार, पंडित जी चंदेरी, अर्जुन मेवाडा, सुमित पटेल, मनीष कटारिया, सोनू विश्वकर्मा, मनीष मेवाडा, कमलेश यादव, मोहित किंगर, विनीत त्यागी, बनती इतवादिया, राहुल जलोदिया, कमलेश खाती, सुनील वर्मा, राधेश्याम वर्मा, धूम सिंह परमार, राजेन्द्र राजपूत, सहित बड़ी संख्या में युवा कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु चलाया गया अभियान 

म0प्र0 षासन द्वारा महिलाओं बालिकाओं बच्चों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाए संचालित की जा रही है। साथ ही भिखावृत्ति मे लिप्त बच्चों के पारिवारिक पुर्नवास/परिवार में वापसी हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग,श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति षिक्षा विभाग के समन्वय से समस्त जिले में 16 अगस्त से  से 15 सितम्बर 2017 तक भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके अंर्तगत रेल्वे स्टेषन, बस स्टेड, मंदिरों, प्रमुख चैराहों स्थानों पर सघन अभियान चलाया गया इसके अंर्तगत कुल 25 बालक/बालिकाओं को भिक्षावृत्ति करने से रोका गया तथा उनके माता पिता को बाल कल्याण समिति जिला सीहोर के समक्ष बुलाकर समझाईस दी गई तथा बच्चों से दोबारा भिक्षावृत्ति करवानें पर किषोर न्याय अधिनियम अंर्तगत सजा का प्रावधान है यह बताया गया। भिक्षावृत्ति रोकनें हेतु गणेष मंदिर, मनकामेष्वर मंदिर सीहोर, तहसील चैराहा तथा शंकर मंदिर आष्टा में अभियान चलाया गया। उक्त टीम में बाल कल्याण समिति, पुलिस विभाग, विषेष किषोर पुलिस ईकाई, महिला सषक्तिकरण विभाग तथा अषासकीय संस्था सामिल रहें।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 08 सितम्बर

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भावांतर भुगतान योजना से अवगत हुए

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किसानों को उचित मूल्य प्रदान करने के लिए पायलेट आधार पर खरीफ 2017 के लिए अधिसूचित कृषि उपज मंडी समितियों के प्रागंण में पंजीकृत किसानों द्वारा चिन्हित फसलों के बिक्री की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है। योजना के उद्वेश्य, मापदण्डों, भुगतान प्रक्रिया इत्यादि से अवगत कराने के उद्वेश्य से आज एसएटीआई पाॅलिटेक्निक के सभागृह मंें कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें बताया गया कि किसान भाई बोई गई फसल का पंजीयन 11 सितम्बर से 11 अक्टूबर तक करा सकते है। पंजीयन के लिए किसान स्वंय का आधार कार्ड, समग्र आईडी क्रमांक, भू-ऋण पुस्तिका की छायाप्रति के अलावा बैंक पासबुक की फोटो काॅपी, मोबाइल नम्बर अनिवार्यतः अपने साथ लाएं। पंजीकृत किसानों को कम्यूटराईज्ड रसीद प्रदाय की जाएगी। जिसे लेकर वे चिन्हित मंडियों में अपनी फसल की बिक्री करेंगे। कृषि जिन्स की प्राप्त माॅडल दरो का औसत निकालकर माॅडल विक्रय दर की गणना की जाएगी। दर के अंतर की राशि किसानों के बैंक खातो में सीधे जमा करने की कार्यवाही की जाएगी। कार्यशाला में चिन्हित फसलों, भुगतान प्रक्रिया, योजना के लिए पात्रता, पोर्टल पर जानकारी दर्ज करना, भण्डारण की प्रक्रिया, विभिन्न स्तर पर समितियों का गठन इत्यादि की विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान बताया गया कि जिले में 137 उपार्जन केन्द्रों पर पंजीयन कार्य पुनः किया जाएगा। पूर्व के पंजीयन को मान्य नही किया गया है। कार्यशाला में जिले के समस्त उपार्जन केन्द्रों के प्रबंधक, प्रतिनिधि, कम्प्यूटर आपरेटर के अलावा किसान कल्याण विभाग के उप संचालक, उद्यान विभाग के सहायक संचालक, जिला आपूर्ति अधिकारी, उपायुक्त सहकारिता, सचिव कृषि उपज मंडी, एनआईसी के डीआईओ, स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पाेरेशन के जिला प्रबंधक मौजूद थे।


कलेक्टर द्वारा राजस्व अभियान की समीक्षा

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने जिले में संपादित राजस्व अभियान की समीक्षा आज एसएटीआई के कैलाश सत्यार्थी सभागृह में की। कलेक्टर श्री सुचारी ने संबंधितों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व अभियान के तहत प्राप्त आवेदनों का शत प्रतिशत निराकरण समय सीमा में कराया जाना सुनिश्चित हों। ऐसे प्रकरण जिनका निराकरण जिला स्तर पर किया जाना है। उन तमाम प्रकरणों की जानकारी अविलम्ब अवगत कराई जाए। बैठक में अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं सीमाकंन की राजस्व निरीक्षकवार समीक्षा की गई। इसके अलावा आवासहीनों का सर्वे एवं पट्टा बंटन के लिए क्रियान्वित व्यवस्था की बिन्दुवार जानकारी प्राप्त की गई। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि आबादी भूमि का चिन्हांकन कर घोषित किए जाने वाले प्रस्ताव समय सीमा में तैयार कर अनुमोदित कराए जाएं। उन्होंने चिन्हित हितग्राहियों के अधिकार पत्र अभियान चलाकर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में वितरित किए जाएं। बैठक में वासस्थान दखलकार के हितग्राही के संबंध में भी विचार विमर्श किए गए है। बैठक में बताया गया कि व्यपवर्तन के प्रकरण न्यायालय में दर्ज अनिवार्यतः किए जाए। इस दौरान डायवर्सन, नजूल मांग एवं वसूली, रिकार्ड अद्यतन कार्यवाही के अलावा एनआईसी के भू-नक्शा साफ्टवेयर मेें नक्शा तरमीम की अद्यतन जानकारियां प्राप्त की गई है। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप निःशुल्क खसरा खतोनी का वितरण किया जाना है। इस कार्य से एक भी हितग्राही वंचित ना रहें। उन्होंने मोबाइल एप से गिरदावरी करने, फसल कटाई प्रयोग शत प्रतिशत करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर श्री सुचारी ने बैठक में सीएम हेल्पलाइन एवं जन शिकायत के प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण समाधान पूर्वक करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि जिले में औसत से कम बारिश हुई है अतः राजस्व निरीक्षक, पटवारी अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में सूखा, पेयजल संकट की स्थिति निर्मित ना हो इसके लिए पूर्व में ही कार्ययोजना बनाकर संबंधित विभागों से सम्पर्क कर निदान करने की कार्यवाही क्रियान्वित करें। उन्होंने बताया कि जिले के प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय पर कृषक सम्मेलनो का आयोजन किया जाना है जिसमें किसानों की अधिक से अधिक सहभागिता हो इस कार्य में राजस्व अमला अपने दायित्वों का निर्वहन करें ताकि किसानों को कम पानी की लागत से पैदा होने वाली फसलों की जानकारी, बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सकें। बैठक में भावांतर योजना के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री रविशंकर राय, के अलावा एसएलआर श्रीमती सविता पटेल एवं समस्त राजस्व निरीक्षक, पटवारी मौजूद थे।

अन्त्योदय मेला 15 को लटेरी में

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खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला 15 सितम्बर को लटेरी में आयोजित किया गया है। उक्त मेला शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रागंण में प्रातः 11 बजे से शुरू होगा। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने समस्त विभागों के जिलाधिकारियों को समय पर अन्त्योदय मेला में उपस्थित होने के निर्देश दिए है। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि विभागीय योजनाओं की जानकारी ग्रामीणजनों को दे और योजनाओं के सुपात्र हितग्राहियों को लाभांवित कराने का प्रयास करें वही विभाग से संबंधित प्राप्त आवेदनों का निराकरण शिविर स्थल पर करना सुनिश्चित करें। अन्त्योदय मेला परिसर में पशु चिकित्सा विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोगोपचार केम्प का भी  आयोजन किया जाएगा। वही विभिन्न विभागों के द्वारा विभागीय योजनाओं को रेखांकित करने वाली प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।

पीएम आदर्श ग्रामों का भ्रमण आज

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चिन्हित ग्रामों में से दो ग्रामों का भ्रमण कलेक्टर श्री अनिल सुचारी द्वारा शनिवार को किया जाएगा। नटेरन विकासखण्ड की ग्राम पंचायत रायपुर की प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायत रतनपुरचक्क प्रातः 11 बजे से समीक्षा बैठक आहूत की गई है इसी प्रकार दोपहर दो बजे से कुरवाई पंचायत की ग्राम पंचायत वीरपुर में इस प्रकार की बैठक आयोजित की गई है।कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम में संचालित होने वाली विभागीय योजनाओं की समुचित जानकारी जिसमें लाभंावित होने वाले हितग्राहियों की स्थिति सहित उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है।


पोषण आनंद मेला का आयोजन 

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत एकीकृत बाल विकास विभाग के माध्यम से आज पोषण आनंद मेला का आयोजन जालोरी गार्डन में किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री कल्याण सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाडी कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण जबाबदेंही को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता एवं सहायिका समय पर अपनी सेवाएं देती है तो आधे से अधिक समस्या स्थानीय स्तर पर भी निराकृत की जा सकती है। नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि पौष्टिक भोजन के साथ-साथ व्यायाम से हम कुपोषण जैसी स्थिति पर नियंत्रण पा सकते है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जो कुपोषित है उन पर विशेष नजर रखने की जरूरत है इस कार्य में बच्चों के मां-बाप की भी महती भूमिका है। बच्चों के माता-पिता को कुपोषण क्यों होता है और उससे बचाव की विस्तृत जानकारी दी जाना चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह ने गर्भवती महिलाओं के सम्पूर्ण आहार को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मां स्वस्थ रहेगी तो बच्चा भी स्वस्थ रहेगा। यदि कही बच्चा कमजोर अथवा कुपोषित होता है तो हमें उसका इलाज तत्काल चिकित्सकों के द्वारा कराना चाहिए। कार्यशाला में सप्ताह भर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के संबंध में विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विरजेश शिवहरे ने दी। इस दौरान छात्राओं एवं श्रोताओं के मध्य पौष्टिक थाली प्रतियोगिता, पोषक प्रश्नावली, पौष्टिक व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दीप्ति शुक्ला ने किया और आगंतुकों के प्रति आभार विभाग के सहायक संचालक श्री विवेक शर्मा ने व्यक्त किया। 

नेशनल लोक अदालत आज

जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विपिन बिहारी शुक्ला के मार्गदर्शन में नौ सितम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिले में किया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक प्रकरणों में सुलह हो सकेें, इसके लिए खण्ड पीठो का गठन किया गया है तदानुसार जिला मुख्यालय पर दस, गंजबासौदा में सात, सिरोंज में चार, कुरवाई, लटेरी में क्रमशः एक-एक खण्ड पीठ गठित की गई है। इस प्रकार जिले में कुल 23 खण्ड पीठो का गठन जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में किया गया है। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित अपराधिक, शमनीय  प्रकरण के 497 प्रकरण, धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के 476, मोटर दुर्घटना प्रतिपूर्ति दावा के 220, विद्युत अधिनियम के 709, मेट्रोमोनियल के 382, सिविल के 217 एवं अन्य 321 प्रकरण लोक अदालत हेतु रैफर किए गए है। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में निराकरण के लिए कुल 2782 प्रकरण रखे जाएंगे। प्रीलिटीगेशन प्रकरणों के रूप में बैंक रिकवरी, विद्युत अधिनियम (अशमनीय प्रकरणों को छोड़कर), जलकर से संबंधित कुल 13262 प्रकरण नेशनल लोक अदालत में निराकरण किए जाने हेतु रखे जाएंगे।

राज्य ने साक्षरता अभियान के वाहकों को सम्मानित कर पवित्र कार्य किया- उप राष्ट्रपति

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मुख्यमंत्री की अगुवाई में 2020 तक झारखण्ड पूर्ण साक्षर बनेगा। झारखण्ड में नव साक्षर 32 लाख लोगों में 70 प्रतिशत महिलाओं की संख्या। झारखण्ड के 500 प्रखंड के पूर्ण साक्षर होना महत्वपूर्ण। ज्ञान आधारित युग में शिक्षा जरूरी- राज्यपाल। 1 हजार दिन में 32 लाख निरक्षरों को साक्षर किया गया। हम पढ़ेंगे, पढ़ायेंगे, हमें सम्पूर्ण राज्य की साक्षर बनाना है। देश, राज्य और समाज के उत्थान हेतु आम लोग आगे आयें।




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दुमका-राॅची (अमरेन्द्र सुमन) उप राष्ट्रपति, भारत  वेंकैया नायडू ने कहा कि मुख्यमंत्री की अगुवाई में 2020 तक झारखण्ड पूर्ण साक्षर बनेगा। उन्होंने कहा कि मैं दक्षिण भारत का रहनेवाला हूं मुझे हिंदी नहीं आती थी लेकिन मैंने सीखने की ललक को नहीं छोड़ी। आज मैं हिंदी बोल और समझ सकता हूँ। यही लालसा हमसब में होनी चाहिये और निरक्षरता रूपी अंधेरे को साक्षर रूपी उजाले से रोशन करना है। शिक्षा आत्मनिर्भरता, सशक्तिकरण, शोषण, भ्रष्टाचार और अत्याचार से मुक्ति के लिए जरूरी है। शिक्षा के बगैर स्वयं एवं देश, राज्य और समाज का विकास संभव नहीं है। अगर हमें गरीबी, सामाजिक बुराईयों को दूर करना है तो हमें साक्षर होना होगा। यह कार्य सिर्फ सरकार के भरोसे संभव नहीं है इसके लिये आम लोगों को आगे आकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर शिक्षा का अलख जगाना होगा। माननीय उपराष्ट्रपति शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रभात तारा मैदान धुर्वा में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की 20 प्रतिशत आबादी अनपढ़ है यह हमारे समक्ष चुनौती है। पहले भारत में विदेशों से लोग ज्ञान अर्जन करने आते थे भारत को विश्व गुरु माना जाता था। हमें भारत के विश्व गुरु होने के गौरव को वापस लाना है और देश को पूर्ण साक्षर बनाना है। झारखण्ड सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा 32 लाख लोगों को साक्षर बनाया गया । 500 प्रखंड पूर्ण साक्षर बने यह महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने भारत सरकार के संकल्प को पूरा करने का संकल्प लिया है और 2020 तक राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने का संकल्प लिया है। 

अगर यह कार्य पूरा हुआ तो यह अद्भुत होगा। राज्य के मुख्यमंत्री ने साक्षरता अभियान को गति देने वालों को सम्मानित किया है। यह पवित्र कार्य है। यह अभिमान स्वाभिमान और सम्पूर्ण विकास के लिए है। ऐसे सम्मान समारोह से अन्य लोग प्रेरित होते है और देश हित मे कार्य करते है।  उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस कार्यक्रम हेतु मैंने झारखण्ड आने की इच्छा जाहिर की थी। जिसे राज्य सरकार ने पूर्ण किया। जिन 32 लाख लोगों को विगत तीन वर्षों में साक्षर बनाया गया। उसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की संख्या है यह महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण है। महिलाओं को सम्मान देना देश की परंपरा रही है जिसका निर्वहन हो रहा है। नव साक्षर भाई बहन अपने आस पास रहने वालों को शिक्षा हेतु प्रेरित करें तभी उनका साक्षर होना सार्थक होगा और नई इंडिया और नई झारखण्ड का निर्माण हम कर सकेंगे। आदिवासी बहुल इस राज्य में जब तक सभी साक्षर नही होंगे विकास की परिकल्पना सार्थक नही होगी। साथ ही सबका संघ सबका विकास संभव नही होगा। राज्यपाल  द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ज्ञान आधारित इस युग में शिक्षा जरूरी है इस निमित राज्य सरकार द्वारा लोगों को साक्षर करने हेतु कई योजनाएं संचालित हैं। आदिवासी बहुल इस राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय का शिक्षित होना जरूरी है। पुरुष वर्ग तो साक्षर हो रहें हैं महिलाओं का साक्षर होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।  यह हमारे समक्ष चुनौती है जिसे हम सब की स्वीकार करना है। यह इसलिए भी जरुरी है क्योंकि अगर एक महिला साक्षर होगी तो पूरा परिवार साक्षर होगा। रााज्यपाल द्रौपदी मुर्मू  ने कहा कि शिक्षा का कभी अंत नहीं होता। शिक्षित होकर हम राष्ट्र निर्माण में महती भूमिका अदा कर सकते हैं। ग्रामीण शिक्षा के लिये मुखिया, पंचायत प्रतिनिधि और स्वयं सेवी संस्था ईमानदारी से कार्य करें। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि उप राष्ट्रपति की गरिमामय उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ गयी है। भारत को सिर्फ शत प्रतिशत साक्षर में सिमित नहीं रहना है। सभी अधिकारी, जन प्रतिनिधि और युवा एक शिक्षक की भूमिका निभा सकते है। 


मुख्यमंत्री रघुवर  दास  ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर झारखण्ड की धरती पर उप राष्ट्रपति की उपस्थिति से राज्य गौरव महसूस कर रहा है।  श्री नायडू उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार झारखण्ड आये हैं, उनका राज्य की जनता की ओर से अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर स्वागत है।  श्रीदास ने कहा कि राज्य सरकार ने 1 हजार दिन में 32 लाख लोगों का साक्षर बनाया है। राज्य सरकार सम्पूर्ण झारखण्ड को साक्षर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।  विगत जनगणना में  झारखण्ड की साक्षरता दर 66.41 है जिसमें पुरुष साक्षरता दर  76.84 और महिला साक्षरता दर 55.42 प्रतिशत है। यह आकंड़ा बताता है कि राज्य के समक्ष कितनी बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड नारी शिक्षा की दृष्टि से अभी लक्ष्य हासिल करना है। आदिवासी समाज को भी शत प्रतिशत शिक्षा मिले इसके प्रयास हो रहे हैं। शिक्षा से ही झारखण्ड का विकास पूर्ण होगा। राज्यपाल कस्तूरबा गांधी स्कूल में जाकर शिक्षा हेतु बच्चियों प्रोत्साहित करती रहीं हैं जिससे बालिका शिक्षा में बढ़ावा मिला है।  रघुवर दास ने कहा कि झारखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाना है लेकिन यह सबकी जिम्मेदारी है। सरकार के संसाधन के साथ समाज के सभी लोग मिल कर एक दूसरे को पढ़ाने का काम करें। छुट्टी के दिनों में शिक्षित लोग अशिक्षित को पढ़ाएं। केरल में 100 प्रतिशत साक्षर है। क्या झारखण्ड में ऐसा नहीं हो सकता। सभी से आग्रह है कि शिक्षित लोग अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अशिक्षित को शिक्षा दें। इसे अवसर के रूप में लेकर झारखण्ड के विकास को गति दें।  प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया का सपना जिसमें 2022 तक सब को साक्षर बनाना है। हमें 2020 तक झारखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाने का संकल्प लेने की जरुरत है। सभा को शिक्षा मंत्री  नीरा यादव ने भी संबोधित किया। स्कूली शिक्षा सचिव आराधना पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री नीरा यादव, रांची सांसद रामटहल चौधरी, सांसद राज्यसभ महेश पोद्दार, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, कांके विधायक जीतू चरण राम,  मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, मुख्यमंत्री के सचिव सुनिल कुमार बर्णवाल व अन्य उपस्थित थे। अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर राज्य के विभिन्न जिलों के सम्मानित होने वाले मुखिया में दुमका के जरमुंडी प्रखंड के मुखिया पूनम देवी लातेहार गारू प्रखंड के मुखिया शीला देवी रांची ओरमांझी प्रखंड के मुखिया मीना देवी पश्चिम सिंहभूम के मजगांव की मुखिया तनुजा कुमारी इन गोवा बोकारो के पेटरवार प्रखंड के मुखिया रेखा सिंह थे।

अरवल और मुजफ्फरपुर में पत्रकारों पर हमला निंदनीय: कुणाल

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पटना 8 सितंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने अरवल व मुजफ्फरपुर दोनों जगह पत्रकार समुदाय पर हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में पत्रकारों को हमले का निशाना बनाया जा रहा है. और अब बिहार में भी उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. यह बेहद चिंतनीय है. माले राज्य सचिव ने कहा कि बिहार में जब से भाजपा चेार दरवाजे से सत्ता में आई है, समाज के हर सेक्शन पर हमले बढ़ गये हैं. अपराध में भी भारी वृद्धि हो रही है. हमारी पार्टी इस पर अविलंब रोक लगाने तथा हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग करती है.

विशेष आलेख : जुर्म से नहीं रुकेगी कलमकारों की आवाज

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यह पहली बार नहीं जब किसी पत्रकार, एक्टिविस्ट, लेखक की आवाज शांत करने के लिए हिंसा का सहारा लिया गया हो, इससे पहले लगातार ऐसे जघन्य हत्याकांड होते रहे हैं। खनन माफियाओं का विरोध करने, पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों के काले-कारनामों को उजागर करने समेत सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का बंदरबांट करने वाले बाहुबलियों की करतूत उजागर करने पर पत्रकारों का उत्पीड़न किया गया है। लेकिन बड़ा सवाल तो यही है क्या हर वाकयों की तरह यह भी लिपपोत चिक्कन हो जायेगा या असल गुनाहगार जेल सलाखों के पीछे जायेंगे? हो जो भी लेकिन यह सच है कि इस तरह के घृणित मानसिकता वालों को समझ लेना चाहिए कि प्रेस की आवाज को दबाया नहीं जा सकता 



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गौरी लंकेश सिर्फ और सिर्फ एक पत्रकार थी। वह अपनी कलम के जरिए समाजसेवा से लेकर हर उस पीड़ित, शोषित व मजलूमों की आवाज थी, जो किसी न किसी वजह से उत्पीड़न के शिकार थे। वह हर अराजकता, कुरितियां, भ्रष्टाचार के खिलाफ थी जो समाज को दीमक की तरह खोखला कर रहे थे। यही वजह थी कि उन्होंने नक्सलियों के अधिकारों से लेकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की भी लड़ाई कलम के जरिए लड़ती रही। जैसा कुछ लोग कह भी रहे है कि उन्होंने हाल ही में कुछ नक्सलियों का समर्पण भी करवाया है। हो सकता है उनके द्वारा ऐसा करने से किसी दल का नफा-नुकसान हो रहा हो, किसी की विचारधारा मेल ना खा रही हो तो किसी को नागवार भी लग रहा हो। कुल मिलाकर वे एक-दो नहीं बल्कि कई मसलों की लड़ाई लड़ रही थी। ऐसे में कौन उनसे खफा था, किसने हत्या की या कराई, यह बगैर किसी जांच एजेंसी के नतीजे पर पहुंचे किसी पर आरोप लगा देना उतना ही बड़ा जुर्म है जितना गौरी लंकेश की हत्या का। लेकिन अफसोस है कि ऐसी शख्सियत को कुछ राजनीतिक पार्टियां विचारधारा से जोड़कर उन्हें किसी दल का विरोधी बता रहे है तो कोई दल अपनी विचारधारा से जोड़कर देख रहा है, जो कहीं से भी न्यायसंगत नहीं हैं। मतलब साफ है गौरी लंकेश एक तेज तर्रार पत्रकार थी, उनकी हत्या सिर्फ राजनीतिक दलों के आसपास ही सिमटकर क्यों रह जानी चाहिए। लोकतंत्र का असली अर्थ तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। उस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए क्या समूचे देश को आवाज नहीं उठाना चाहिए। अच्छा तो तब होता जब पूरा देश मांग करता कि सरकार हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटें। जांच कराकर उनका चेहरा बेनकाब करें। क्योंकि इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र को कमजोर करती है, राजनीतिक विद्रोह की खाई को चैड़ा करने में भी सहायक होती है। 

बता दें, गौरी लंकेश की पिछले दिनों बेंगलुरु में उनके घर पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये हमला किस वजह से किया गया, इस बारे में किसी जांच एजेंसी की रिपोर्ट से पहले अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। 1962 में जन्मी गौरी ने पत्रकारिता की शुरुआत बैंगलुरू में एक अंग्रेजी अखबार से की थी। यहां कुछ समय काम करने के बाद वो दिल्ली चली गईं। दिल्ली में भी कुछ साल काम करने के बाद वो दोबारा बैंगलुरू लौट आईं और यहां 9 साल तक संडे नाम की मैग्जीन में काम किया। पत्रकार होने के साथ गौरी एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं। गौरी के पिता पी लंकेश कन्नड़ में ‘पत्रिका‘ नाम से एक साप्ताहिक पत्रिका निकालते थे। पिता के निधन के बाद गौरी इसकी संपादक बनीं। लेकिन साल 2005 में नक्सलियों से जुड़ी एक खबर के चलते गौरी ने ‘पत्रिका‘ छोड़ दी। इसके बाद गौरी ने अपना खुद की साप्ताहिक कन्नड़ गौरी लंकेश पत्रिका निकालनी शुरू की। गौरी ने लंकेश पत्रिका के जरिए ‘कम्युनल हार्मनी फोरम‘ को काफी बढ़ावा दिया। लंकेश पत्रिका को उनके पिता ने 40 साल पहले शुरू किया था और इन दिनों वो इसका संचालन कर रही थीं। लंकेश पत्रिके ने प्रदेश और देश मैं सांप्रदायिकता के खिलाफ जमकर आवाज उठायी. इसके चलते बीजेपी और आरएसएस के लोगों से उनका खुला टकराव चलता रहता था। बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था और अदालत में जीत हासिल की थी। माना जा रहा है कि गौरी के विचार भी डॉ एमएम कलबुर्गी और डॉ पंसारे जैसे ही थे। डॉ कलबुर्गी की भी उनके घर के दरवाजे पर हत्या कर दी गई थी। ये सच है कि गौरी राइट विंग के खिलाफ थीं, पर वो एक ऐसी इंसान थीं, जिन्होंने वाकई कोशिश की थी कि इन लोगों को समझाया जा सके। उन्होंने अपनी आखिरी ट्वीट्स में लिखा था, ‘हम लोग कुछ फर्जी पोस्ट शेयर करने की गलती करते हैं। आइए एक-दूसरे को चेताएं और एक-दूसरे को एक्सपोज करने की कोशिश न करें।‘ अपने अगले ट्वीट में लिखती हैं, ‘मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हममें से कुछ लोग अपने आपसे ही लड़ाई लड़ रहे हैं। हम अपने सबसे बड़े दुश्मन को जानते हैं। क्या हम सब प्लीज इस पर ध्यान लगा सकते हैं।‘ वाकई में उनका लिखा, ट्वीट सही थीं, हम सबको चाहिए कि बिना किसी पर दल विशेष पर आरोप लगाएं निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग करनी चाहिए। 


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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को चाहिए कि वह शीघ्र ही जांच कराकर दोषियों को बेनकाब करें। जहां तक गौरी लंकेश की हत्या पर वामपंथियों के क्रोध का सवाल है तो वह जायज है लेकिन केरल और कर्नाटक में ही नहीं देश भर में हजारों पत्रकारों की हत्याएं हुई तो वे चुप क्यों रहे। बेशक, हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। कर्नाटक की यह घटना पहली नहीं है। कलबुर्गी के हत्यारों को भी अभी तक नहीं पकड़ा जा सका है। वहां सरकार किसकी है। क्या राहुल गांधी या वामपंथी बतायेंगे कि वह सीधे राज्य सरकार को घेरने के बजाय मोदी को ही निशाना क्यों बना रहे हैं? सोशल मीडिया में उन्हें खुलेआम गालियां दी जा रही है, जो गलत है। यह खुशी की बात है कि कर्नाटक सरकार ने लंकेश की हत्या करने वाले का सुराग देने वाले को 10 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। लेकिन कर्नाटक सरकार को यह भी बताना चाहिए कि से अगर गौरी लंकेश नक्सलियों को सरकार की सहमति से सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं? तो उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं कराई गईं। क्योंकि कानून-व्यवस्था कायम रखना राज्य सरकार का काम है। लंकेश के भाई इंद्रजीत ने हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हुए खुद कहा है, जहां तक हमें पता है कि किसी तरह की कोई धमकी उन्हें नहीं मिली थी। सीसीटीवी फुटेज और लंकेश के मोबाइल फोन से ठोस सबूतों की मदद से हत्यारों को पकड़ा जाना चाहिए। अफसोस है कि हत्यारे अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। हालांकि पुलिस अब तक मिले सुरागों के आधार पर कई पहलुओं से छानबीन कर रही है। एक नया एंगिल ये सामने आ रहा है कि कहीं इस हत्या में गौरी से नाराज नक्सलियों का हाथ तो नहीं है? गौरी की मौत की जांच के लिए बनी एसआईटी पत्रकारिता से लेकर नक्सल एंगल तक जांच कर रही है। 

कहा जा रहा है कि गौरी ने कई नक्सलियों को हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया था, जिससे नक्सली उनसे नाराज चल रहे थे। यह अलग बात है कि गौरी लंकेश और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बीच पिछले शनिवार को दो घंटे तक चली एक बैठक भी चर्चा का विषय बनी हुई है। कुछ लोग कह रहे हैं कि गौरी सरकार में हो रही किसी गड़बड़ी पर बड़ा धमाका करने जा रही थीं और मुख्यमंत्री से बैठक उसी सिलसिले में हुई थी। कर्नाटक के राजनीतिक गलियारों में कुछ लोग इस हत्याकांड के पीछे लिंगायत वोटबैंक की राजनीति का हाथ भी देख रहे हैं। कुल मिलाकर गौरी लंकेश की हत्या पर कई अलग-अलग नजरिए से जांच हो रही है। लेकिन बुनियादी सवाल तो अब भी वही बना हुआ है कि गौरी लंकेश के हत्यारे कब पकड़े जाएंगे? क्या अब नेता ही न्यूज चैनलों और अखबारों की संपादकीय नीति भी तय करेंगे? क्या इंसाफ की देवी की तलवार की धार कमजोर पड़ गई है? बेंगलुरु में एक पत्रकार की हत्या हुई या बीजेपी विरोधी पत्रकार की? कोई कैसे इतनी संवेदनशील और सहज महिला से इतनी घृणा कर सकता है? कहीं कोई निजी रंजिश का मामला तो नहीं था? इन सवालों का जवाब अब हर कोई जानना चाहता है। यूं भी हत्या के मामलों को अखबार के पन्नों या टीवी स्टूडियो की चर्चा में निपटा देना कोई समझदारी का काम नहीं है। हत्या के सुराग इकट्ठा करना, आरोपियों की शिनाख्त करना और उन्हें सजा दिलाना पुलिस का काम है। 




(सुरेश गांधी)

बिहार : भाकपा का विभिन्न ज्वलंत सवालों को लेकर राज्यव्यापी जन सत्यग्रह

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पटना, 08 सितम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा 5-6 अक्टूबर को बाढ़-सुखाड़ सहित जनता के विभिन्न ज्वलंत सवालों को लेकर जिला समाहरणालय के समाने राज्यव्यापी जन सत्यग्रह आयोजित किया जायेगा। इस कार्यक्रम की तैयारी में पार्टी पूरी तरह जुटी हुयी है। इस जन सत्याग्रह कार्यक्रम के संदेष को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देष्य से पार्टी की ओर से राज्यव्यापी पदयात्रा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों में पदयात्रा कार्यक्रम 1 सितम्बर से ही शुरू हो गया है, और यह कार्यक्रम 10 सितम्बर तक चलेगा। पार्टी सदस्यों की साढ़े तीन हजार टोलियां सभी जिला में पदयात्रा कर रही है। इन पदयात्रियों में राज्य स्तर और जिलास्तर के नेता भी भाग ले रहे हैं। पदयात्री कंधे पर पार्टी का लाल झंडा लिये हुए गांवों और मुहल्लों में घर-घर जा रहे हैं और लोगों की समस्याओं को नोट कर रहे हैं, जिन्हें लेकर जनसत्याग्रह के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य सरकार पर जन दवाब बनाया जायेगा। इसके साथ ही पदयात्री 5-6 अक्टूबर को होने वाले जन सत्याग्रह कार्यक्रम से संबंधित पर्चे भी लोगों में बांट रहे हैं तथा जन सत्याग्रह में शमिल होने के लिए उनसे अपील कर रहे हैं। आज यहां पार्टी के राज्य कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही गयी है। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि पदयात्री बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ राहत का काम भी कर रहे हैं। बाढ़ में हुए जान-माल की क्षति, मवेषियों की क्षति, ध्वस्त हुए घरों की क्षति तथा खेतों में हुए फसलों के नुकसान के बारे में विस्तृत विवरणी संग्रह कर ये पदयात्री संबंधित जिलाधिकारियों से इसके क्षतिपूत्र्ति की मांग जनसत्याग्रह में करेंगे।

            
मधुबनी, खगड़िया, दरभंगा, समस्तीपुर, जहानाबाद, गया, रोहतास, अरवल औरंगाबाद, पूरब चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सारण, शेखपुरा, वैषाली, षिवहर, नवादा, बक्सर, नालन्दा, मुंगेर, अररिया जिला के फारविसगंज, नरपतगंज, भरगामा आदि जिलों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पदयात्रा के दौरान पार्टी द्वारा आयोजित होने वाले जन सत्याग्रह को व्यापक जन समर्थन मिल रहा है। अनेक जगहों में तो स्थानीय लोग भी पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जन सत्याग्रह अभियान का दूसरा चरण 11 सितंबर को शुरू होगा और 20 सितम्बर को समाप्त होगा। अभियान के इस दूसरे चरण में सात जीप जत्थे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जायेंगे और छोटी-बड़ी सभाओं के माध्यम से आम जनता को 5-6 अक्टूबर को होने वाले जन सत्याग्रह के महत्व और आवष्यकता को बताया जायेगा। प्रत्येक जीप जत्था पर राज्य स्तरीय नेता मौजूद रहेंगे। इन सभी जीप जत्थों को 10 सितम्बर को 3 बजे दिन में पटना स्थित जनषक्ति भवन के प्रांगण से झंडी दिखाकर रवाना किया जायेगा।  5-6 अक्टूबर को राज्य के सभी जिला समाहरणालयों के सामने विषाल जन सत्याग्रह आयोजित किया जायेगा इस जन सत्याग्रह में राज्य के कम से कम एक लाख पार्टी के नेता, कार्यकत्र्ता, हमदर्द एवं अन्य लोग शामिल होंगे। 

मधुबनी : मुख्यमंत्री नीतीश कल मधुबनी में,प्रशासन ने किया निरिक्षण !

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मधुबनी, 08 सितम्बर; जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री शीर्षत कपिल अशोक एवं पुलिस अधीक्षक, श्री दीपक बरनवाल, द्वारा शुक्रवार को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, बिहार के निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम स्थल की तैयारियो का निरीक्षण किया गया। सर्वप्रथम हैलीपैड का निरीक्षण किया गया एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। तत्पश्चात अयाची डीह स्थित प्रतिमा अनावरण स्थल का निरीक्षण किया गया एवं आयोजक मंडल को सारी तैयारियों को आज ही संध्या तक पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा सभा स्थल पर निर्धारित रिफ्रेशमेंट कक्ष एवं सभा मंच का निरीक्षण किया गया एवं सभी संबंधित अभियंता, पदाधिकारी एवं आयोजक मंडल को मंच के साज-सज्जा, पंडाल का निर्माण कार्य आदि आज ही संध्या तक पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री हेतु लगाये जाने वाले कारकेड का रिहर्सल किया गया एवं विधि व्यवस्था बनाये रखने हेतु प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल को ब्रिफिंग करते हुए उनके कर्तव्य से अवगत कराया गया। सभी स्थलो पर तैयारिया संतोषप्रद पाया गया। माननीय मुख्यमंत्री, बिहार श्री नीतीश कुमार का दिनांक-09.09.17 को मधुबनी जिला के पंडौल प्रखंड स्थित सरिसवपाही में भ्रमण कार्यक्रम मिनट-टू- मिनट कार्यक्रम निम्न प्रकार हैः-

11ः10 बजे पूर्वाह्न
पटना से प्रस्थान-सरकारी हेलीकाॅप्टर से
11ः40 बजे पूर्वाह्न
महाराज लक्ष्मेष्वर सिंह महाविद्यालय, सरिसवपाही के प्रांगण निर्मित हैलीपैड पर आगमन। तत्पष्चात सड़क मार्ग द्वारा आयाची डीह के लिए प्रस्थान।
11ः45 बजे पूर्वाह्न
अयाचीडीह आगमन एवं अयाची मिश्र और प्रसव सेविका चमाइन की प्रतिमा का अनावरण।
11ः55 बजे पूर्वाह्न
अयाचीडीह से सड़क मार्ग द्वारा प्रस्थान।
12ः01 बजे अपराह्न
उच्च विद्यालय, सरिसवपाही के परिसर में आगमन एवं स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेना।
13ः30 बजे अपराह्न
कार्यक्रम स्थल से सड़क मार्ग द्वारा प्रस्थान।
13ः35 बजे अपराह्न
महाराज लक्ष्मेष्वर सिंह महाविद्यालय, सरिसवपाही के प्रांगण में निर्मित हैलीपैड पर आगमन एवं हैलीकाॅप्टर द्वारा पटना के लिए प्रस्थान।

माननीय मुख्यमंत्री, बिहार श्री नीतीष कुमार उपरोक्त भ्रमण कार्यक्रम के के मद्देनजर कार्यक्रम स्थल और हैलीपैड, पहूॅच पथ, सभा मंच, प्रतिमा अनावरण स्थल आदि जगहो पर सुरक्षा के कडे़ इंतजाम किये गये है। बडी संख्या में दण्डाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी तथा पुलिस बलो की प्रतिनियुक्ति की गई है। साथ ही बाहरी जिला दरभंगा प्रक्षेत्र से सषस्त्र बल 50, बि.सै.पु-5, पटना से पुरी बैण्ड पार्टी सहित 50, मुजफ्फरपुर जिला से प्रषिक्षु सिपाही 50, समस्तीपुर जिला से प्रषिक्षु सिपाही 50, बेतिया जिला से प्रषिक्षु सिपाही 50,  मोतीहारी जिला से प्रषिक्षु सिपाही 25, एवं मधुबनी जिला बल के पुलिस पदाधिकारी/कर्मी 400 तथा मधुबनी जिला के 300 चैकीदारो की ड्युटी लगाई गई है।

बाढ़ न्यायालय परिसर में दुर्दांत अपराधी की हत्या, दो घायल

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बाढ़ 08 सितंबर, बिहार में पटना जिले के बाढ़ न्यायालय परिसर में अज्ञात अपराधियों ने सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुये आज पेशी के लिए लाये गये दुर्दांत अपराधी गुड्डू सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी तथा इस घटना में दो अन्य घायल हो गये। अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने यहां बताया कि न्यायालय परिसर में अज्ञात अपराधियों ने पेशी के लिये लाये गये कई आपराधिक मामलों में अभियुक्त गुड्डू सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, गोलीबारी में दो अन्य अपराधी घायल हो गये। श्री तिवारी ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि अपराधियों को बाढ़ उपकारा से न्यायालय में पेशी के लिए लाया गया था। अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। 

समस्तीपुर में वाहन लूटेरा गिरोह के चार अपराधी गिरफ्तार

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समस्तीपुर 08 सितंबर, बिहार में समस्तीपुर पुलिस ने पिछले चौबीस घंटों के दौरान अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर अंतर जिला वाहन लूटेरा गिरोह के चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। सहायक पुलिस अधीक्षक (दलसिंहसराय) संतोष कुमार ने आज यहां बताया कि प्राप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुये जिले के अलग-अलग ठिकानों पर की गई छापेमारी में अंतर जिला वाहन लूटेरा गिरोह के चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार अपराधियों में वैशाली जिले के माईलपकड़ी गांव का मंजीत कुमार, दिग्धी गांव का नीरज कुमार बाबा, मुजफ्फरपुर जिले के भगवानपुर डढ़िया का जितेन्द्र सिंह और दामोदरपुर गांव का संतोष राय शामिल है। श्री कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से लूट की पीकअप वैन और स्कॉर्पियो बरामद किये गये हैं। गिरफ्तार लूटेरों की समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना कांड संख्या-149/17 समेत अन्य आपराधिक मामलों में पुलिस को तलाश थी। 


पितरों के मोक्ष के लिए फल्गू तक आने से नहीं रोक पाया समंदर, विदेशियों ने किया पिंडदान

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गया 08 सितंबर, धर्म और सांस्कृतिक स्तर पर बिल्कुल अलग पहचान रखने के बावजूद विदेशी महिला सैलानियों को पूर्वजों की मुक्ति के लिए विश्व में मुक्तिधाम के रूप में विख्यात बिहार के गया में फल्गू नदी के तट पर पिंडदान करने आने से सात समंदर भी नहीं रोक पाया, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के विपरीत होने के बावजूद केवल आस्था का संबल लिये अमेरिका, रूस, यूक्रेन और कनाडा से आयी 20 महिला सैलानियों ने आज फल्गु नदी के किनारे देवघाट पिंडवेदी पर इस विश्वास के साथ पिंडदान और तर्पण किया कि उनके पूवर्जों को मुक्ति जरूर मिल जाएगी। मोक्षस्थली गया जी में पितरों की मुक्ति के महापर्व पितृपक्ष मेला के दौरान देवघाट का नजारा आकर्षक होने के साथ ही सम्मोहक भी था। विदेशी श्रद्धालुओं का एक समूह अपने पितरों की मुक्ति की कामना लिये तर्पण एवं पिंडदान कार्यों में जुटा था। इन श्रद्धालुओं को गयापाल पंडा पुरूपोत्तम लाल कटरियार, गोपाल लाल कटरियार सहित अन्य के नेतृत्व में लोक नाथ गौड़ दास ने पिंडदान करवाया। इन विदेशी पिंडदानियों को पूरे मनोयोग से पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करते देखने के लिए लोगों का हुजूम जमा हो गया था। विदेशी श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्होंने गया में पिंडदान करने से पूर्वजों का मोक्ष मिलने के बारे में काफी कुछ सुना है और इसने उन्हें प्रभावित भी किया है। इससे प्रभावित होकर ही वे यहां आयी हैं। पिंडदानियों में शामिल रूस की क्रिकोव अनतोल्ला ने कहा, “मैं अपने पूर्वज, पति, परिवार और देश में शांति के लिए यहां आयी हूं। गया में पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के मोक्ष के लिए होने वाले पिंडदान और तर्पण के बारे में काफी सुना है। इसने ही मुझे यहां आने के लिए प्रेरित किया।” वहीं, जर्मनी से आयीं अन्ना बैरोन ने कहा, “मेरे परिवार और घर में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। मैंने सुना है कि पूर्वज नाराज होते हैं तो चारों ओर अशांति फैल जाती है। इसलिए मैं अपने इस दुर्भाग्य से छुटकारा पाने के लिए यहां आयी हैं।” उन्होंने कहा कि भारत धर्म और आध्यात्म की धरती है और गया आकर उन्हें आंतरिक शांति की अनुभूति हो रही है। 


गया के जिलाधिकारी कुमार रवि भी पिंडदान के कर्मकांडों को पूरा करने के दौरान इन पिंडदानियों से मुलाकात करने देवघाट पहुंचे। उन्होंने श्रद्धालुओं से पिंडदान के लिए गया पहुंचने से लेकर अन्य कई विषयों के बारे में जानकारी ली। सभी विदेशी पिंडदानियों ने भी जिलाधिकारी के साथ अपने अनुभव बांटते हुए पितृपक्ष मेला के दौरान जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं को सराहा। इस दौरान विष्णुपद मंदिर के निकट स्थित संवास सदन समिति के कार्यालय में जिलाधिकारी ने सभी विदेशी पिंडदानियों के साथ बैठकर काफी देर तक अनेक विषयों पर चर्चा की। श्री रवि ने सभी पिंडदानियों को गया जिला प्रशासन की ओर से पितृपक्ष मेला के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका ‘तर्पण’ भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। मान्यता है कि जो लोग अपना शरीर छोड़ जाते हैं, वे किसी भी लोक में या किसी भी रूप में हों, श्राद्ध पखवाड़े में पृथ्वी पर आते हैं और श्राद्ध एवं तर्पण से तृप्त होते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पिंडदान मोक्ष प्राप्ति का एक सहज और सरल मार्ग है। अंतःसलिला फल्गु नदी के तट पर बसे गया में पिंडदान का काफी महत्व है। गया को विष्णु का नगर माना गया है। यह मोक्ष की भूमि कहलाती है। विष्णु पुराण और वायु पुराण में भी इसकी चर्चा की गई है। विष्णु पुराण के कहा गया है कि गया में पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है और वे स्वर्गवास करते हैं। माना जाता है कि स्वयं विष्णु यहां पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं, इसलिए इसे ‘पितृ तीर्थ’ भी कहा जाता है। एक प्रचलित कथा के अनुसार, भस्मासुर के वंशज में गयासुर नामक राक्षस ने कठिन तपस्या कर ब्रह्मा जी से वरदान मांगा था कि उसका शरीर देवताओं की तरह पवित्र हो जाए और लोग उसके दर्शन मात्र से पाप मुक्त हो जाएं। लोग बिना भय के पाप करने लगे और गयासुर के दर्शन से पाप मुक्त होने लगे। इससे बचने के लिए देवताओं ने गयासुर से यज्ञ के लिए पवित्र स्थल की मांग की। गयासुर ने अपना शरीर देवताओं को यज्ञ के लिया दे दिया। लेकिन, गयासुर के मन से लोगों को पाप मुक्त करने की इच्छा नहीं गई और फिर उसने देवताओं से वरदान मांगा कि यह स्थान लोगों को तारने (मुक्ति) वाला बना रहे। लोग यहां पर किसी की मुक्ति की इच्छा से पिंडदान करें, उन्हें मुक्ति मिले। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला 06 सितंबर मंगलवार से शुरू हुआ था और 20 सितंबर तक जारी रहेगा। मेले में लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन की आेर से व्यापक इंतजाम किये गये हैं। इस बार मेले में 10 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना जतायी गयी है। 

राँची : चार आयकर अधिकारी और एक व्यापारी घूस मामले में गिरफ्तार

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राँची, 08 सितम्बर, केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने आयकर विभाग के चार अधिकारियों और एक व्यापारी को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण आज गिरफ्तार किया। सीबीआई की तरफ से आज दी गयी जानकारी के अनुसार इस मामले में जांच पहले से ही चल रही थी। आयकर विभाग के गिरफ्तार अधिकारी राँची, कोडरमा, हजारीबाग और कारोबारी कोलकाता का रहने वाला है। ब्यूरो ने बताया कि पांचों को रांची स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। गिरफ्तार आयकर अधिकारियों में रांची के आयकर अधिकारी रणजीत कुमार लाल और सुनील कुमार गुप्ता, कोडरमा के तरूण राय और हजारीबाग के विनोद के पाल हैं। गिरफ्तार व्यापरी का नाम संतोष शाह है। ब्यूरो ने बताया कि इन लोगों को आपराधिक साजिश, घूस लेने और दुर्व्यवहार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने इसी वर्ष सात जुलाई को प्रधान आयकर आयुक्त (राँची), अतिरिक्त आयकर आयुक्त (राँची), आयकर अधिकारी (प्रौद्योगिकी) रांची, रांची के ही अन्य आयकर अधिकारी छह निजी लोगों और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों तथा कुछ और अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। यह घूस लेने का गंभीर मामला था। इस संबंध में सीबाीआई ने 23 स्थानों (18 कोलकाता और पाँच रांची) छापे मारे थे जिसमें करीब 3.7 करोड रुपये नगद और 6.6 किलोग्राम सोना, एक फ्लैट के दस्तावेज समेत कुछ और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे। इस सिलसिले में प्रधान आयकर आयुक्त रांची को 12 जुलाई को ही गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में जांच चल रही है और आयुक्त न्यायिक हिरासत में है। 

बिहार में राजग की सरकार बनने के बाद से हत्या का सिलसिला शुरू : राजद

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पटना 08 सितम्बर, बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आज कहा कि प्रदेश में जनादेश का अपमान कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) की सरकार बनने के बाद से लोग खुलेआम कानून को अपने हाथ में लेकर घूम रहे हैं जिसका नतीजा है कि पिछले कुछ दिनों से हत्या का सिलसिला शुरू हो गया है। राजद के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक शक्ति सिंह यादव ने यहां कहा कि प्रदेश में कानून का इकबाल धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है। जब से जनादेश का अपमान कर राज्य में राजग की सरकार बनी है तभी से हत्या, लूट और राहजनी समेत अन्य घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुयी है। उन्होंने कहा कि विधि-व्यवस्था की स्थिति ऐसी हो गयी है कि लोग खुलेआम कानून को अपने हाथ में लेकर घूम रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हत्या का सिलसिला शुरू हो गया है। सभी जिलों में बैंक डकैती और लूट की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज दिनदहाड़े पुलिस की मौजूदगी में पटना जिले के बाढ़ न्यायालय परिसर में अपराधी एक कैदी की हत्या कर फरार हो गया और पुलिस मूकदर्शक बनी रह गयी। राजद प्रवक्ता ने कहा कि घटना के बाद सरकार की ओर से रटा-रटाया जवाब दिया जाता है कि अपराधी कोई भी हो बच नहीं पायेगा। अनैतिक रूप से नवगठित सरकार में मनबढ़ू लोगों का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ गया है जिसके कारण आये दिन हत्या और लूट की घटनाएं हो रही हैं। श्री यादव ने कहा कि कानून के राज का यह मतलब होता है कि लोगों का विश्वास पुलिस पर बढ़े और पुलिस का खौफ अपराधियों में दिखाई पड़े। ऐसा नहीं कि सत्ता का इस्तेमाल सिर्फ विरोधियों को फंसाने के लिये किया जाये। 

रांची में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 16 हुई

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रांची 08 सितंबर, झारखंड की राजधानी रांची में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढकर अब 16 हो गयी है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि रांची आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में ईलाज करा रहे इरफानुल की आज मौत के बाद जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 16 हो गई, जिसमें 15 पुरुष एवं एक महिला शामिल हैं। जहरीली शराब पीने से मरने वालों में वॉलीबॉल के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी और कोच अमित कुमार तथा जैप (झाराखंड आर्म्ड पुलिस) वन के हवलदार अरविंद ठाकुरी भी शामिल है। इसबीच जैप के अपर पुलिस महानिदेशक रेजी डुंगडुंग की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अवैध शराब के कारोबार में जैप के नौ जवान शामिल हैं। इनमें से दो जवान को तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाएगा तथा एक जवान गौतम थपा को जेल भी भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि राजधानी रांची के डोरंडा और सुखदेवनगर थाना क्षेत्र में पिछले सोमवार को जहरीली शराब की घटना हुयी थी और उसके बाद लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ था। 

2020 तक झारखंड बनेगा पूर्ण साक्षर राज्य : उप राष्ट्रपति

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रांची 08 सितम्बर, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास की अगुवाई में झारखंड वर्ष 2020 तक पूर्ण साक्षर राज्य बन जाएगा। श्री नायडू ने यहां अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रभात तारा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में कहा,“मैं दक्षिण भारत का रहनेवाला हूं, मुझे हिंदी नहीं आती थी लेकिन मैंने सीखने की ललक कभी नहीं छोड़ी। आज मैं हिंदी बोल और समझ सकता हूं। यही लालसा हम सब में होनी चाहिये और निरक्षरता रूपी अंधेरे को साक्षरता रूपी उजाले में तब्दील करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने राज्य के विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि उन्हें विश्वास है कि श्री दास की अगुवाई में झारखंड वर्ष 2020 तक पूर्ण साक्षर राज्य बन जाएगा। उप राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा आत्मनिर्भरता, सशक्तिकरण, शोषण, भ्रष्टाचार और अत्याचार से मुक्ति के लिए जरूरी है। शिक्षा के बगैर स्वयं एवं देश, राज्य और समाज का विकास संभव नहीं है। यदि हमें गरीबी, सामाजिक बुराइयों को दूर करना है तो हमें साक्षर होना होगा। यह कार्य सिर्फ सरकार के भरोसे संभव नहीं है इसके लिये आम लोगों को आगे आकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर शिक्षा का अलख जगाना होगा।


श्री नायडू ने कहा कि देश की 20 प्रतिशत आबादी अनपढ़ है, जो बड़ी चुनौती है। पहले भारत में विदेश से लोग ज्ञान अर्जन करने आते थे, भारत को विश्वगुरू माना जाता था। अब भारत के विश्वगुरू होने के गौरव को वापस लाना है और देश को पूर्ण साक्षर बनाना है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा 32 लाख लोगों को साक्षर बनाया गया। 500 प्रखंड पूर्ण साक्षर बने यह महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के संकल्प को पूरा करने के लिए संकल्पित है और वर्ष 2020 तक राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि यदि यह कार्य पूरा हुआ तो अद्भुत होगा। राज्य के मुख्यमंत्री ने साक्षरता अभियान को गति देने वालों को सम्मानित किया है। यह पवित्र कार्य है।यह अभिमान स्वाभिमान और सम्पूर्ण विकास के लिए है। ऐसे सम्मान समारोह से अन्य लोग प्रेरित होते है और देश हित में कार्य करते है। श्री नायडू ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए मैंने झारखंड आने की इच्छा जाहिर की थी। जिसे राज्य सरकार ने पूर्ण किया। जिन 32 लाख लोगों को विगत तीन वर्षों में साक्षर बनाया गया, उसमें 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण है। महिलाओं को सम्मान देना देश की परंपरा रही है जिसका निर्वहन हो रहा है। उन्होंने कहा कि नवसाक्षर भाई-बहन अपने आस पास रहने वालों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें तभी उनका साक्षर होना सार्थक होगा और नये भारत और नये झारखंड का निर्माण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल इस राज्य में जब तक सभी साक्षर नही होंगे विकास की परिकल्पना सार्थक नही होगी। 

इस अवसर पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ज्ञान आधारित इस युग में शिक्षा जीवन के लिए अनिवार्य हो गई है। इसकी अहमियत को ध्यान में रखते हुए सरकार कई योजनायें चला रही है। अधिक-से-अधिक लोग प्राथमिक स्तर पर वर्णमाला ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षा भी ग्रहण करें, केन्द्र एवं राज्य सरकार की यही कोशिश है। उन्होंने कहा कि साक्षरता का अर्थ सिर्फ पढ़ना-लिखना ही नहीं बल्कि यह सम्मान, अवसर और विकास से भी जुड़ा विषय है। दुनिया में शिक्षा और ज्ञान बेहतर जीवन जीने के लिए जरूरी माध्यम है। उन्होंने कहा, “बालिका शिक्षा एवं महिला शिक्षा के सन्दर्भ में मैं यहां कहना चाहूंगी कि एक व्यक्ति का शिक्षित होना उसके स्वयं का विकास है जबकि एक बालिका शिक्षित होकर पूरे घर को संवार सकती है। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि साक्षरता दिवस का मुख्य उद्देश्य जहां नवसाक्षरों को उत्साहित करना है वहीं दूसरी ओर जो लोग साक्षर नहीं है उन्हें साक्षर होने के लिए प्रेरित करना भी है। देश में पुरुषों की अपेक्षा महिला साक्षरता दर कम है। सर्वविदित है कि आज महिलायें विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्राप्त होने पर कई कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। ऐसे में सभी को यह संकल्प लेना होगा कि हर व्यक्ति साक्षर बनें, चाहे वह पुरुष हो या महिला, निरक्षर कोई न रहे। राज्यपाल ने कहा कि बदलते परिवेश में अब शत-प्रतिशत साक्षर भारत तक ही सीमित नहीं रहना है बल्कि पूर्ण शिक्षित भारत की दिशा में एक वेग के साथ आगे बढ़ना है। ऐसा हो सकता है, मुखियागण, पंचायत प्रतिनिधि सभी इस दिशा में समर्पित भाव से कार्य करें। साथ ही नौजवान विद्यार्थी भी एक बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य वंचित एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं का साक्षर न होना हमारे समक्ष बहुत बड़ी चुनौती है। यदि तेजी से विकास करना है तो देश के हर नागरिक को पूरी तरह से साक्षर होना होगा, बल्कि शिक्षित भी होना होगा। 


मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर झारखंड की धरती पर उप राष्ट्रपति की उपस्थिति से राज्य गौरव महसूस कर रहा है। श्री नायडू उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार झारखंड आये हैं,उनका राज्य की जनता की ओर से स्वागत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक हजार दिन में 32 लाख लोगों का साक्षर बनाया है। राज्य सरकार सम्पूर्ण झारखंड को साक्षर बनाने की दिशा में कार्यरत है। विगत जनगणना में राज्य की साक्षरता दर 66.41 प्रतिशत है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 76.84 और महिला साक्षरता दर 55.42 प्रतिशत है। यह आकंड़ा बताता है कि राज्य के समक्ष कितनी बड़ी चुनौती है। श्री दास ने कहा कि आदिवासी समाज को भी शत-प्रतिशत शिक्षा मिले, इसके प्रयास हो रहे हैं। शिक्षा से ही झारखंड का विकास पूर्ण होगा। राज्यपाल कस्तूरबा गांधी स्कूल में जाकर शिक्षा के लिए बच्चियों को प्रोत्साहित करती रहीं हैं जिससे बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य को पूर्ण साक्षर बनाना है लेकिन यह सबकी जिम्मेदारी है। सरकार के संसाधन के साथ समाज के सभी लोग मिल कर एक दूसरे को पढ़ाने का काम करें। छुट्टी के दिनों में शिक्षित लोग अशिक्षित को पढ़ाएं। केरल में साक्षरता दर 100 प्रतिशत है। क्या झारखण्ड में ऐसा नहीं हो सकता। सभी से आग्रह है कि शिक्षित लोग अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अशिक्षित को शिक्षा दें। हमें 2020 तक झारखंड को पूर्ण साक्षर बनाने का संकल्प लेने की जरुरत है। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री नीरा यादव, रांची से सांसद रामटहल चौधरी, राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, विधायक नवीन जायसवाल, जीतू चरण राम, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, शिक्षा सचिव अराधना पटनायक, मुख्यमंत्री के सचिव सुनिल कुमार बर्णवाल सहित अन्य उपस्थित थे। 
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