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‘एक देश एक चुनाव’ लागू होने से बंद होगी वोट बैंक की राजनीति : नकवी

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पटना 09 सितंबर, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तुष्टिकरण की राजनीति को विकास की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बताया और कहा कि ‘एक देश एक चुनाव’ प्रणाली लागू किये बिना वोट बैंक की राजनीति समाप्त नहीं हो सकती। श्री नकवी ने आज यहां आयोजित एक कॉन्क्लेव में कहा, “देश के विकास की राह में सबसे बड़ा रोड़ा वोट बैंक की राजनीति है और इसपर रोक लगाने के लिए एक देश एक चुनाव प्रणाली लागू करना ही होगा।” उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले तीन साल में तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण एवं सबके विकास का कार्य किया है।  मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने का प्रयास किया है, एक क्षेत्र चुनाव भी है जहां सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के अलग-अलग समय में चुनाव होने के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य रुक जाता है। ऐसे में एक देश एक चुनाव प्रणाली लागू होना देश की सबसे बड़ी जरूरत है। 


श्री नकवी ने कहा कि ‘नये भारत’ का संकल्प समाज के हर तबके- गरीब, कमजोर, अल्पसंख्यक, पिछड़े- को तरक्की की मुख्यधारा में शामिल करना है। धर्म-जाति से ऊपर उठकर गरीबों, कमजोर तबकों एवं अल्पसंख्यकों का विकास केंद्र की मोदी सरकार का संकल्प है। उन्हाेंने कहा कि ‘सम्मान के साथ सशक्तिकरण’ का रास्ता ही अल्पसंख्यकों के विकास की गारंटी है। पिछले कई दशकों से तुष्टिकरण ने सशक्तिकरण को बंधक बना लिया था लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान हमने तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण का रास्ता अपनाया है, जिसका नतीजा यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यकों का सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण सुनिश्चित हुआ है। श्री नकवी ने कहा कि ‘तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण’ की नीति का लाभ यह हुआ कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सभी अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं को जमीन पर पूरी ईमानदारी से लागू किया है। 

उन्होंने अपने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्न अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में ढांचागत विकास को तेज गति दी गई है। इनमें 248 बहु-उद्देशीय सद्भाव मंडप, 13,624 पेयजल के ढांचे, 27 गुरुकुल प्रकार के आवासीय विद्यालय, 9473 आंगनवाड़ी, 730 हॉस्टल, 1840 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, 97 आईटीआई, 17 पॉलिटेक्नीक, 15 डिग्री कॉलेज, 1163 स्कूल बिल्डिंग का निर्माण पिछले 3 वर्षों में किया गया है। जहाँ तक बिहार का सवाल है, पिछले तीन वर्षों में 142 पेयजल ढांचे, 517 स्वास्थ्य सुविधाओं, 90 आंगनवाड़ी का निर्माण किया गया है और पिछले 6 महीने में 52 सद्भाव मंडप और एक आवासीय विद्यालय को स्वीकृति दी गई है। श्री नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा पिछले 3 वर्षों में एक करोड़ 88 लाख छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां दी गई हैं। इन छात्रवृत्तियों में 52 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को दी जा रही हैं। पिछले तीन वर्षों में 5.2 लाख से ज्यादा युवाओं, जिनमें 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं, को विभिन्न कौशल विकास की योजनाओं के तहत रोजगार पूरक ट्रेनिंग एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराये गए हैं। देश के 100 जिलों में गरीब नवाज़ कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जा रही है, प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियां शामिल हैं। 


उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में दस्तकारों/शिल्पकारों के लिए आयोजित हुनर हाट का माध्यम से एक लाख से ज्यादा हुनर के उस्तादों को मार्किट-मौका मुहैया कराया गया है। ‘पढ़ो परदेश’ योजना के तहत लगभग 2000 छात्र-छात्राओं को विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका दिया गया। फ्री-कोचिंग का लाभ लगभग 34 हजार युवाओं को मिला है। साथ ही 3000 से ज्यादा युवाओं को ‘नई उड़ान’ योजना में सिविल सेवा एवं अन्य सरकारी नौकरियों के लिए आर्थिक सहायता मुहैय्या कराई गई। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार 50 से अधिक अल्पसंख्यक समुदाय के युवा इस वर्ष सिविल सेवा में सफल हुए। उन्होंने कहा कि बिचौलियों-बेईमानों से मुक्त व्यवस्था का नतीजा है कि समाज का हर तबका विश्वास के साथ विकास का एहसास कर रहा है और आने वाले दिनों में राज्य सरकारों के साथ संपर्क-संवाद-समन्वय के माध्यम से विकास की गति को और धारदार बनाया जाएगा। 

काम के आधार पर तय हो सांसद विधायक के वेतन : वरुण गांधी

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पटना 09 सितंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वरुण गांधी ने सांसदों और विधायकों के वेतन में हुई जबदरदस्त बढ़ोतरी पर आपत्ति जताते हुये आज कहा कि केवल काम के आधार पर ही इनके वेतन में वृद्धि होनी चाहिए। श्री गांधी ने यहां आयोजित एक कॉन्कलेव में कहा कि देश की सबसे बड़ी चुनौती गरीबी, असमानता और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचाने की है। उन्होंने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या के बाद उनका नरमुंड लेकर प्रदर्शन करने वाले किसानों का उदाहरण देते हुये कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी के बीच ही विधानसभा सदस्यों ने केवल एक दिन चर्चा कर अपने वेतन में दोगुणा बढ़ोतरी कर ली। सांसद ने कहा कि पिछले 15 साल के दौरान संसद में प्रत्येक वर्ष केवल 60 दिन ही कामकाज हुये। 51 प्रतिशत विधेयक बिना बहस के पारित हुये वहीं 61 प्रतिशत विधेयक बिना सलाहकार समिति को भेजे ही पारित कर दिये गये। उन्होंने कहा कि संसद भवन नीति निर्माण का केंद्र बने न कि केवल राजनीति का। श्री गांधी ने ओडिशा विधानसभा में पारित एक प्रस्ताव का जिक्र करते हुये कहा कि पारित प्रस्ताव के अनुसार, विधानसभा सदस्य प्रत्येक वर्ष 110 दिन काम करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में ओडिशा देश के लिए उदाहरण बन सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार को भी इसका अनुकरण करना चाहिए।


सांसद ने जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही तय करने की वकालत करते हुये कहा कि आज दुनिया की राजनीति कुछ चेहरों के इर्द-गिर्द घूम रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह गलत भी नहीं है क्योंकि चेहरे से उम्मीदें भी जुडी होती है। लेकिन जिस राजनीति की वह बात कर रहे हैं उसके लिए व्यवस्था परिवर्तन जरूरी है। सांसद ने संसद में पार्टी की ओर से जारी होने वाले व्हिप पर भी आपत्ति जताई और कहा, “मैं कुछ मुद्दों पर बतौर सांसद अपनी राय रखना चाहता हूं लेकिन व्हिप जारी होने के कारण यह आशंका भी बनी रहती है कि यदि ऐसा किया तो अगले दिन पार्टी से निष्कासित कर दिया जाउंगा।” उन्होंने कहा कि कुछ विषय पर तो व्हिप जारी हो लेकिन कुछ को सांसदों के विवेक पर छोड़ा जाना चाहिए। श्री गांधी ने देश की राजनीति में महिलाओं के उत्तरदायित्व पर कहा कि लाेकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल 11 प्रतिशत और राज्यों के विधानमंडलों में महज नौ प्रतिशत है। पिछले चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों ने केवल 24 प्रतिशत टिकट महिलाओं के दिये लेकिन इनमें से 14 प्रतिशत ने उसे जीत में तब्दील कर दिया। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े बताते हैं कि अब समय आ गया है कि राजनीति पार्टियों को समझना होगा कि संसद और विधानमंडल में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। 

उपराष्ट्रपति ने रांची के एचइसी में ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी का शिलान्यास किया

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रांची 09 सितम्बर, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज झारखंड की राजधानी रांची के एचइसी में देश की पहली ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी का शिलान्यास किया । श्री नायडू ने देश की पहली स्मार्ट सिटी का शिलान्यास करने के बाद कहा कि यह भव्य भारत की नींव है और यह एक आकर्षक नगरी होगी । उन्होंने कहा कि भव्य भारत के अंग के रूप में इसे देखना चाहिए। उज्ज्वल भविष्य के लिए स्मार्ट सिटी जरूरी हैं । यहां नागरिकों को सभी सुविधाएं मिलेंगी। रहने को मकान, सड़क, सार्वजनिक परिवहन और स्वच्छता के साथ-साथ शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। जहां ये सारी सुविधाएं होती हैं, उसे ही स्मार्ट सिटी कहते हैं । एचइसी में बननेवाला यह शहर कार्बन फ्री जोन होगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड की सरकार 24 घंटे बिजली और पानी की सुविधा देने की ओर बढ़ रही हैं । उन्होंने कहा कि यह काम अकेले सरकार नहीं कर सकती , लोगों को विकास कार्य में सरकार की मदद करनी चाहिए । उन्हें ईमानदारी से टैक्स देना होगा । लोग स्मार्ट सिटी चाहते हैं, लेकिन कोई समय पर टैक्स नहीं देना चाहता । सभी लोग कुछ न कुछ योगदान दें, ताकि देश का विकास हो। श्री नायडू ने कहा कि व्यापारियों और उद्योगपतियों को टैक्स देने के बारे में सोचना चाहिए । जब आप देश में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसका कुछ तो कीमत दीजिये। पुराने जमाने को भूल जाइये, जब बिजली कब आती थी और कब जाती थी, किसी को पता ही नहीं चलता था। सरकार देश को उस दौर से बाहर निकालना चाहती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जनभागीदारी से ही स्मार्ट सिटी का सपना साकार होगा। स्मार्ट सिटी बनाने के लिए स्मार्ट लीडर की जरूरत होती है। जिनके पास कमिटमेंट है, कैलिबर है , वही स्मार्ट सिटी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि नेता केवल विधायक, सांसद, मेयर, पार्षद नहीं बल्कि देश का हर नागरिक नेता है। जब तक सभी लोगों की भागीदारी नहीं होगी, स्मार्ट सिटी नहीं बन सकती। श्री नायडू ने सवालिया लहजे में कहा कि एक स्मार्ट सिटी या 100 स्मार्ट सिटी बनने से क्या होगा। उन्होंने कहा कि दरअसल स्मार्ट सिटी एक लाइट हाउस है। लाइट हाउस समुद्र में जहाज के कप्तान का मार्गदर्शन करता है। स्मार्ट सिटी वही लाइट हाउस है। यह एक मॉडल होगा। लोगों को इससे प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनकी वजह से रांची को स्मार्ट सिटी नहीं मिला बल्कि प्रतिस्पर्धा के माध्यम से रांची ने अपना स्थान बनाया है। इसके लिए यहां की सरकार और अधिकारी अभिनंदन के योग्य हैं। 



उपाराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार चाहती है कि हर शहर में स्मार्ट सिटी बने। इसके लिए मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि जब वह शहरी विकास मंत्री थे, तब प्रधानमंत्री ने उनसे कहा था कि राजनीतिक कारणों से किसी राज्य को स्मार्ट सिटी देने की जरूरत नहीं है, जो स्पर्धा कर सके, उस राज्य को ही स्मार्ट सिटी दें । श्री नायडू ने कहा कि लोक जन भागिदारी (पीपीपी) मॉडल पर स्मार्ट सिटी को बसाया जायेगा, क्योंकि सरकार अकेले इतने पैसे खर्च नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए स्पेशल पर्पज व्हिकल बनाया गया। राज्य सरकार को एक सप्ताह में स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए सीओओ नियुक्त करने की उन्होंने सलाह दी। उन्होंने कहा कि जल्द ही 10 नये स्मार्ट सिटी की घोषणा हो जायेगी। दुनिया आगे बढ़ रही है। टेक्नोलॉजी विकसित हो रहे हैं बावजूद हम पीछे क्यों हैं, इस पर हमें गंभीरता से सोचना होगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री देश को समृद्ध राष्ट्र बनाना चाहते हैं और यह तभी संभव होगा जब देश का हर जनप्रतिनिधिए हर नागरिक भागीदार बने। उद्योगपति पैसे लगायें और ईमानदार लोग टैक्स चुकायें। सरकारें और अधिकारी ईमानदारी से अपना काम करें। 

श्री नायडू ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा और उग्रवाद का कोई स्थान नहीं है। उग्रवाद की घटनाओं की निंदा की जानी चाहिए और किसी भी तरह से इनके पक्ष में बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। लोकतंत्र में बैलेट के माध्यम से सरकारें चुनी जाती हैं और हर किसी को बैलेट पर भरोसा करना चाहिए। बैलेट से ही समस्याओं का निदान होगा इस पर सभी को विश्वास करना चाहिए । मानवाधिकार कार्यकर्ताओ को मानव कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड में उग्रवाद की घटनाओं मे कमी आई है । इसके लिए उन्होंने सरकार को बधाई दी । उपराष्ट्रपति ने यहां विधि-विधान से स्मार्ट सिटी की आधारशिला रखने के बाद स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान का विमोचन भी किया। इससे पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का भारत बनाने में अपना पूरा-पूरा योगदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 तक झारखंड में कोई बेघर नहीं रहेगा । गांव हो या शहर, हर व्यक्ति का अपना घर होगा। उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी की रांची की स्मार्ट सिटी तय समय से पहले बन कर तैयार हो जायेगी। उन्होंने कहा कि आज झारखंड के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की ओर से उपराष्ट्रपति का अभिनंदन किया । 


श्री दास ने कहा कि झारखंड की पहली स्मार्ट सिटी में 24 घंटे बिजली और पानी की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड दुनिया के लिए बाजार बनेगा। झारखंड के लोग कह सकेंगे कि देश में पहला ग्रीन और स्मार्ट सिटी अगर कहीं है, तो झारखंड में है । मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया बनाने पर सरकार का जोर है और स्मार्ट सिटी से लोगों को रोजगार मिलेगा । उन्होंने कहा कि समय से पहले स्मार्ट सिटी बनकर तैयार हो, यह नगर विकास विभाग सुनिश्चित करें। इस अवसर पर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनने से झारखंड के लोगों को रोजगार मिलेगा। स्मार्ट सिटी में स्वच्छता पर विशेष जोर रहेगा,जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नहीं होगी । नये शहर में बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की जायेगी, ताकि झारखंड के बच्चों को पढ़ायी के लिए राज्य के बाहर नहीं जाना पड़े। 

सीबीआई ने सृजन घोटाले में बैंक प्रबंधक से की पूछताछ

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भागलपुर09 सितंबर, बिहार में अरबों रुपये के चर्चित सृजन घोटाले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने आज इस मामले में बैंक प्रबंधक से पूछताछ की । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि सीबीआई की टीम ने भागलपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंधक मिथिलेश कुमार से कई घंटों तक पूछताछ की। इस दौरान ब्यूरो की टीम ने सरकारी राशियों की अवैध निकासी के संबंध में जानकारी ली । सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के बाद बैंक प्रबंधक ने खाता खोलने, चेक जमा करने और समय-समय पर अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा निर्देश से संबंधित प्रतिवेदन सीबीआई को सौंपा । इसके अलावा जिला परिषद के खातों से हुयी अवैध निकासी के मामले में प्रभारी उप विकास आयुक्त ने आज बैंक खात़ों से संबंधित कागजातों के साथ-साथ पूर्व के कई उप विकास आयुक्तों और कर्मचारियों की सूची भी सीबीआई को सौंप दिया । सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की टीम ने वर्ष 2009-2010 के बीच भागलपुर में पदस्थापित जिलाधिकारियों के मोबाइल कॉल्स की पूरी जानकारी यहां के जिलाधिकारी से मांगी है । साथ ही अन्य अधिकारियों का भी ब्यौरा मांगा गया है। 

कांग्रेस के आह्वान पर रांची बंद का मिलाजुला असर

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रांची 09 सितम्बर, झारखंड की राजधानी रांची में जहरीली शराब से 16 लोगों की हुयी मौत के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के आह्वान पर आज रांची शहर बंद का मिलाजुला असर रहा । रांची में बंद के कारण सड़को पर वाहनों का आवागमन आम दिनों की तुलना में कम रहा जबकि कई व्यवसायिक पतिष्ठानें बंद रही । इसके अलावा राजघानी के ज्यादातर स्कूलों को भी ऐहतियात के तौर पर बंद रखा गया था । इस दौरान कही से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। कांग्रेस के इस बंद को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने भी समर्थन दिया था। बंद के मद्देनजर प्रशासन की ओर से शहर के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस बल की तैनाथी की गयी थी । इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, सूर्यकांत शुक्ला, राजेश ठाकुर, रवीन्द्र सिंह एवं रमा खलखो ने कहा है कि बन्द स्वतःस्फूर्त था और इस दौरान जनता का आक्रोश साफ दिखा। जहरीली शराब से और कितनी जानें जायेगी, इसका पता नहीं है । उन्होंने कहा कि झारखंड में भी अब अपहरण उद्योग शुरू है, कानून व्यवस्था तार-तार हो रही है, सरकार के नाक के नीचे अवैध शराब का कारोबार चल रहा है, जहरीली शराब के व्यापार में जिन लोगों की संलिप्तता पाई जाती रही है, उसकी जानकारी प्रशासन को भी है । श्री दूबे ने कहा कि भाजपा मौत पर भी राजनीति से बाज नहीं आ रही है। उत्पात मचाना, कानून तोड़ना आम लोगों को प्रताड़ित करना यह राजनीति भाजपा की है न कि कांग्रेस की । उन्होंने इस ऐतिहासिक बंद की सफलता के लिए राजनीति दलों और संगठनों को धन्यवाद दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि पीड़ितों के साथ खड़ा रहना, उनके हक के लिए संघर्ष करना, जहरीली शराब बेचने पर हो रही मौत को लेकर सड़कों पर उतरना, गिरती कानून व्यवस्था को लेकर बंद बुलाया जाना अगर राजनीति है तो कांग्रेस यह आरोप सहने को तैयार है। लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा। सरकार अगर आज के बंद के बाद भी सावधान नहीं हुई तो संगठन झारखण्ड बंद का आह्वान करेगी और सरकार की विफलता को उजागर करेगी। 

शरद की सदस्यता पर इसी माह फैसला आने की उम्मीद : त्यागी

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पटना 09 सितम्बर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव के.सी.त्यागी ने आज कहा कि पार्टी के बागी राज्यसभा सांसद शरद यादव की सदस्यता पर इसी माह फैसला आने की उम्मीद है । श्री त्यागी ने यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी ने राज्यसभा और चुनाव आयोग दोनों ही फोरम पर श्री यादव के संबंध में अपनी बात रखी है । श्री यादव जो भी पक्ष रख रहे हैं वह कमजोर है । उन्होंने कहा कि श्री यादव की राज्यसभा सदस्यता पर इसी माह फैसला आने की उम्मीद है । जद यू महासचिव ने कहा कि श्री यादव अपनी गतिविधियों के कारण स्वयं को पार्टी विरोधी साबित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि पांच सितम्बर को जद यू के राज्यसभा सांसद आर.सी.पी.सिंह और संजय झा ने उप राष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर श्री यादव की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी । बिहार में महागठबंधन से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाने को लेकर श्री यादव पार्टी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं । श्री यादव लगातार महागठबंधन की वकालत कर रहे हैं और वह महागठबंधन में शामिल पार्टियों के कार्यक्रम में लगातार हिस्सा ले रहे हैं । जद यू की तरफ से चेतावनी के बावजूद श्री यादव राजद की 27 अगस्त को देश बचाओ-भाजपा भगाओ रैली में शामिल हुए थे । 

समस्तीपुर पुलिस ने हथियार के साथ चार सुपारी किलर को गिरफ्तार किया

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समस्तीपुर 09 सितम्बर, बिहार में समस्तीपुर जिले की पुलिस ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता पर पिछले दिनों हुए जानलेवा हमले के मामले में आज बेगूसराय जिले से चार सुपारी किलरों को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक दीपक रंजन ने यहां बताया कि जदयू नेता पर हमले के मामले में पुलिस उपाधीक्षक (सदर) मोहम्मद तनवीर अहमद के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम गठित की गयी थी। उन्होंने बताया कि इसी टीम ने बेगूसराय जिले के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर इस कांड में शामिल सुपारी किलर कन्हैया राम, राम कुमार, शंकर कुंवर और सौरभ वत्स को गिरफ्तार कर लिया। श्री रंजन ने बताया कि अपराधियों के पास से दो पिस्तौल, लोडेड मैगजीन और चार मोबाईल फोन समेत अन्य सामान बरामद किये गए हैं। इन अपराधियों की बेगूसराय, मुजफ्फरपुर और वैशाली पुलिस को कई आपराधिक मामलों में लंबे समय से तलाश थी। उन्होंने बताया कि अपराधियों से पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि जिले के वैनी पुलिस आउट पोस्ट क्षेत्र के वैनी बाजार निवासी एवं जदयू नेता सचिन कुमार और उनके भाई सौरभ कुमार को 29 अगस्त की रात्रि हथियारबंद अपराधियों ने गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। 

बिहार में भारी मात्रा में शराब बरामद, सात गिरफ्तार

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पटना 09 सितम्बर, बिहार में शराबबंदी के बाद से चौकस पुलिस ने आज समस्तीपुर, रोहतास और खगड़िया जिले से भारी मात्रा में देशी-विदेशी शराब बरामद कर सात तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। समस्तीपुर से प्राप्त समाचार के अनुसार, जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के सिमरिया भिण्डी गांव मे छापेमारी कर एक ट्रक से 16 हजार 716 बोतल विदेशी शराब बरामद की गयी। इसके अलावा जिले के बंगरा थाना क्षेत्र के कुबौली राम गांव स्थित पावर हाउस के निकट से पुलिस ने 189 कार्टन में छिपा कर रखी गयी करीब दो हजार लीटर विदेशी शराब जब्त की है। पुलिस ने इस दौरान शराब तस्कर लाल बाबू महतो, मनोज राय, गौरव कुमार और संजीत राय को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने 05 वाहनों को भी जब्त किया है। बरामद शराब हरियाणा से तस्करी के लिये इन ठिकानों पर लाया गया था। डेहरी ऑन सोन से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, रोहतास जिले के डेहरी नगर थाना क्षेत्र के मोहन बीघा रोड पर पुलिस ने एक ट्रैक्टर पर लोड कर धंधेबाज के ठिकाने पर ले जायी जा रही 864 बोतल विदेशी शराब बरामद की है। पुलिस को देखते ही चालक ट्रैक्टर छोड़ फरार हो गया। डेहरी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) अनवर जावेद अंसारी ने बताया कि ट्रैक्टर पर 72 कार्टन में बंद 864 बोतल शराब हरियाणा निर्मित है । उन्होंने कहा कि धंधे में शामिल चालक समेत तस्करों की पहचान हो चुकी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। श्री अंसारी ने बताया कि इसके अलावा इसी थाना क्षेत्र के चूना भट्ठा मोड़ के निकट से कुख्यात अपराधी खुर्शीद आलम उर्फ सांडवा एवं जुम्मन खान को पुलिस ने 20 लीटर महुआ शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि गश्त कर रही पुलिस को चूना भट्ठा मोड़ पर शराब के नशे में धुत खुर्शीद आलम मिला, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार खुर्शीद इससे पूर्व भी हत्या और लूट जैसे मामलों में जेल जा चुका है और वह इन दिनों शराब का धंधा करता था। उसकी निशानदेही पर उसके घर से 20 लीटर महुआ शराब बरामद की गयी। पुलिस ने मौके पर से एक अपराधी जुम्मन खान को भी गिरफ्तार किया है। दोनों अपराधियों को जेल भेज दिया गया है। वहीं, खगड़िया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के आवास बोर्ड कॉलोनी से पुलिस ने 48 बोतल विदेशी शराब बरामद की। मौके से पुलिस ने गृहस्वामी नीतीश कुमार को गिरफ्तार किया है जिससे पूछताछ की जा रही है। 


निजी स्वार्थ के लिए पार्टी तोड़ने का प्रयास : राजीव शुक्ला

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पटना 09 सितंबर, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने बिहार में महागठबंधन से जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के अलग होने के बाद कांग्रेस में टूट को लेकर चल रही अटकलों के बीच आज कहा कि राजनीति में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो निजी स्वार्थ के लिए इस तरह का प्रयास करते हैं। श्री शुक्ला ने यहां आयोजित एक कॉन्कलेव में पार्टी में टूट की अटकलों और इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी को पार्टी की ओर से दी गई चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर कहा, “राजनीति में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो निजी स्वार्थ के लिए इस तरह का प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों से मेरा आग्रह होगा कि कांग्रेस की टिकट पर जीतकर वह विधायक बने हैं इसलिए वह पार्टी के प्रति अपने दायित्वों को समझें।” उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल अपने फायदे के लिए विपक्षी पार्टियों में इस तरह का माहौल बनाता है। सांसद ने जदयू के कांग्रेस में विकल्प बनने की क्षमता नहीं होने के आरोप पर कहा कि केंद्र में 10 सालों तक कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार रही है। ऐसा नहीं है कि पार्टी पिछले 15-20 सालों से निष्क्रिय बनी हुई है। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी विपक्ष का नेतृत्व करेगी, जिससे सत्तारूढ़ दल के लिए मुश्किलें जरूर खड़ी होगी। श्री शुक्ला ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सार्वजनिक कार्यों की अनदेखी कर विदेश दौरे और छुट्टियां मनाने के आरोपों पर कहा कि ऐसा नहीं है कि वह मेहनत नहीं करते लेकिन सत्तापक्ष मीडिया के जरिये विपक्षियों के बारे में दुष्प्रचार करवाता रहता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों को भी कई देशों से बुलावा आता है, जिसमें उनके प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।

बिहार में एसोसिएशन का झगड़ा सुलझे तो होगा क्रिकेट का विकास : राजीव शुक्ला

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पटना 09 सितंबर, इंडियन प्रीमियर क्रिकेट लीग (आईपीएल) के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बिहार में क्रिकेट प्रतिभाओं की हो रही अनदेखी पर आज कहा कि यहां जब तक चार अलग-अलग एसोसिएशन के बीच दावेदारी का झगड़ा नहीं सुलझेगा तबतक खिलाड़ी उभरकर सामने नहीं आ पाएंगे। श्री शुक्ला ने यहां आयोजित एक कॉन्कलेव में कहा, “बिहार में क्रिकेट प्रतिभाओं की कमी नहीं है। खिलाड़ियों के साथ वर्षों से अन्याय हो रहा है। यहां चार अलग-अलग एसोसिएशन हैं, जिनके बीच दावेदारी काे लेकर झगड़ा चल रहा है। अब यदि किसी एक एसोसिएशन के प्रतिनिधि को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की बैठक में बुलाया जाता है तो तीन अन्य एसोसिएशन के लोग उसके खिलाफ शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं। ऐसे में जब तक कोई एक एसोसिएशन नहीं बनेगा तब तक बोर्ड से मान्यता भी नहीं मिलेगी और राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों का भविष्य भी अंधकार में रहेगा।” आईपीएल अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुये कहा कि वहां भी बिहार की तरह ही एसोसिएशन की दावेदारी को लेकर झगड़ा चल रहा था। लेकिन, उन्होंने सबको को मिलाकर एक एसोसिएशन बनाया तो उसे बीसीसीआई से मान्यता भी मिल गई। उन्होंने कहा कि यदि बिहारवासी राज्य के क्रिकेट का विकास करना चाहते हैं तो मिलकर एक एसोसिएशन बनायें ताकि उसे भी मान्यता मिल सके। श्री शुक्ला ने बिहार में आईपीएल का मैच करवाने की मांग पर कहा कि इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप राज्य में आधारभूत संरचना का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैच कराने के लिए 30 से 35 हजार दर्शकों की क्षमता वाला स्टेडियम, दो पांच सितारा होटल, जिसमें कम से कम 300 लोगों की ठहरने की व्यवस्था हो, अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा के साथ ही पिच और अन्य सुविधाओं की जरूरत है, जो फिलहाल बिहार में नहीं है। 

कर्ज माफी किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं : अवस्थी

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नयी दिल्ली 09 सितम्बर, किसानों बीच काम करने वाली सहकारिता क्षेत्र की सबसे बडी उर्वरक कम्पनी इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोअपरेटिव (इफको) ने किसानों की आय बढाने के लिये सरकार द्वारा शुरु किये गये सात सूत्री कार्यक्रम को सही दिशा में उठाया गया कदम बताते हुये आज कहा कि कर्ज माफी उनकी समस्याओं के समाधान का सही तरीका नहीं है 1 इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी ने आज वरिष्ठ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने हरित क्रांति के प्रणेता एम एस स्वामीनाथन से बातचीत करने के बाद 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सात सूत्री कार्यक्रम जारी किया है जिसके प्रभावी क्रियान्वयन से उन्हें समस्यांओं से निजात मिल सकती है  1 उन्होंने कहा कि प्रति बूंद अधिक फसल , कृषि लागत में कमी , खाद्यान्न भंडारण , खाद्य प्रसंस्करण , ई कृषि बाजार , फसल बीमा योजना और बागवानी , एकीकृत कृषि , पशुपालन , मत्स्य पालन , मधुमक्खी पालन एवं मुर्गी पालन से किसानों की आय में काफी वृद्धि की जा सकती है


डा अवस्थी ने किसानों की कर्ज माफी की योजनाओं को खतरनाक बताते हुये कहा कि यह उनकी समूस्याओं का स्थायी समााधान नहीं है 1 कर्ज माफी का सिलसिला भविष्य के लिये घातक हो सकता है 1 इसमें ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि जिन किसानों को कर्ज माफी नहीं मिले उनकी मन:स्थिति खराब होती है1 कुछ किसान अवसाद की स्थिति में आ सकते हैं तथा कई तरह की सामाजिक समस्याएं भी पैदा हो सकती है 1 युवा पीढी के कृषि से विमुख होने के बारे में पूछें जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में कृषि जीवन का हिस्सा रहा है और इसके प्रति बच्चों अभिरुचि पैदा करने के लिये इसे स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिये 1 उनका कहना था कि समय के साथ कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना जरुरी है लेकिन अधुनिक और परम्परागत तरीको को भी जोड़ने की जरुरत है 1 इफको प्रमुख ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों को बागवानी फसलों की खेती पर अधिक ध्यान देना चाहिये और फलों एवं सब्जियों की खेती पर ज्यादा जोर देना चाहिये 1 हिमाचन प्रदेश , जम्मू कश्मीर , उत्तराखंड जैसे राज्यों में फलों की खेती पर जोर दिया जाना चाहिये क्योंकि यहां जलवायु और प्राकृतिक स्थिति इसके अनुकूल है । देश के अन्य राज्यों में सब्जियों की पैदावार को बढाया जा सकता है 1 उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक ढंग से खेती के तरीकों का प्रशिक्षण दिये जाने पर बल देते हुये कहा कि इफको इस काम में भी लगा हुआ है और अब तक देश में तीन करोड़ किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है 1 इसके साथ ही इफको के केन्द्रों पर मिट्टी के नमूनों की नि:शुल्क जांच सुविधा उपलब्ध करायी जाती है1 प्रशिक्षित किसान संतुलित मात्रा में उर्वरकों और कीटनाशकों तथा अच्छे बीज का प्रयोग करते हैं जिसके कारण कृषि लागत में कमी आती है और उत्पादन बढता है

जेठमलानी का वकालत पेशे से संन्यास

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नयी दिल्ली, 09 सितंबर, जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने सक्रिय वकालत के पेशे से संन्यास लेने की आज घोषणा की। देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, विभिन्न राज्यों के महाधिवक्ताओं और अन्य विधि अधिकारियों तथा विधि छात्रों की उपस्थिति में श्री जेठमलानी ने सक्रिय वकालत के पेशे से संन्यास की घोषणा की। न्यायमूर्ति मिश्रा को सम्मानित करने के लिए भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) की ओर से आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, “मैंने वकालत पेशे में अपने जीवन के 76 साल और अध्यापन के क्षेत्र में 77 साल बिताये हैं और अब वक्त आ गया है कि मैं सक्रिय वकालत से संन्यास ले लूं। अब आप मुझे अदालतों में किसी मामले की पैरवी करते नहीं पायेंगे। कुछ और अच्छे काम अधूरे हैं, जिनकी ओर अब मैं अपना ध्यान लगाऊंगा।’’ श्री जेठमलानी ने कहा कि पांच दिन बाद वह 95 वर्ष के हो जायेंगे और अब कुछ समय अन्य कामों में लगाना है। उन्होंने पूर्ववर्ती और मौजूदा सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन सरकारों ने देश को गर्त में पहुंचाया है और इस आेर सोचने का वक्त है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह नया क्या करने जा रहे हैं। उन्होंने न्यायपालिका के प्रति सम्मान जताते हुए कहा कि उन्होंने कानून और राजनीति - दोनों क्षेत्रों में अपने जीवन के महत्वपूर्ण पल बिताये हैं और दोनों को ही बहुत करीब से देखा है। वह बड़ी शिद्दत से कहना चाहते हैं कि उनके दिल में राजनेताओं की तुलना में न्यायाधीशों के लिए अधिक सम्मान है। पूर्व कानून मंत्री ने माहौल को खुशनुमा बनाते हुए कहा, “जजों के प्रति सम्मान और आदर की बात करके मैं कोई मक्खनबाजी नहीं कर रहा हूं, क्योंकि संन्यास लेने के बाद अब मुझे मक्खनबाजी की जरूरत नहीं रह गयी है।” इसके बाद सभागार ठहाकों से गूंज उठा।

सत्ता के खिलाफ बोलने वालों के लिए अच्छे दिन नहीं : मनीष तिवारी

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नयी दिल्ली, 09 सितम्बर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से यह लगने लगा है कि सत्ता के खिलाफ बोलने वालों के लिए आगे अच्छा समय नहीं है। श्री तिवारी ने अपने ब्लॉग में कहा है कि सत्ता के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया करने वालों के लिए आने वाला समय अच्छा नहीं है1 उन्होने कहा कि 2013 के गोवा फिल्म महोत्सव में उन्होंने लेखकों और रचनाकारों को इस स्थिति के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी और उसे वह अब दोहरा रहे हैं कि ऐसे लोगों के लिए समय ठीक नहीं है, खासकर अगले 20 माह का समय अच्छा नहीं है1 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सोशल मीडिया पर यदि गौरी की हत्या पर जश्न मनाने वाले लोगों को फॉलो करते हैं तो हमें यह समझना होगा कि वह सिर्फ उनका समर्थन ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें संरक्षण भी दे रहे हैं1 देश में जो माहौल पैदा किया जा रहा है, उससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि अगले 20 माह में मुक्त विचारों के लोगों को और ज्यादा विपरीत स्थितियों से जूझना होगा। संभव है कि इस दौरान कुछ और गौरी लंकेश देखने को मिलें 

            
श्री तिवारी ने कहा कि राजनेता, पत्रकार तथा सामाजिक कार्यकर्ता का जीवन हमेशा जोखिम भरा होता है लेकिन पिछले तीन साल से देश में ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि जो लोग सत्ता के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं, उन्हें चुनौती दी जा रही है और वे लगातार अभद्रता के शिकार हो रहे है1 अब स्थिति और खराब हो गयी है और सत्ता विरोधी लोगों को अब गौरी की तरह सजा पाने के लिए तैयार रहना चाहिए1 उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि आजादी के बाद देश में नेहरूवाद आया और उदारवारी तथा समावेशी समाज की स्थापना की नींव रखी गयी1 इसमें सौभाग्य यह रहा कि पिछले सात दशक में इन्हीं विचारों की पोषक सरकारें ज्यादा समय तक सत्ता में रहीं लेकिन अब स्थिति बदल रही है1 समावेशी तथा उदारवादी विचारों को नकारा जा रहा है। दुर्भाग्य यह है कि भारतीय जनता पार्टी तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सोशल मीडिया के जरिए हमारे बुनियादी सिद्धांतों को पुनर्परिभाषित करने में लगा है 1 विविधता छोड़कर ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है जिसमें सिर्फ एक धर्म, एक कर प्रणाली और एक आवाज के लिए ही जगह हो
              
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि गौरी का संघर्ष हमेशा उम्मीदों की किरण बना रहा है1 अपने विचारों की अभिव्यक्ति वह क्षेत्रीय भाषा में करती थीं, जो कान्वेंट में पढ़े लिखे लोगों के लिए आसान नहीं है1 गौरी ने नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काम किया और वह दक्षिणपंथी राजनीति की धुर विरोधी रहीं1 उन्होंने कहा कि गौरी क्षेत्रीय भाषा में अपनी बात कहती थीं और उन्हें भी अन्य लोगों की तरह यही भरोसा था कि हमारे लोग संविधान और इसके मूल्यों पर विश्वास करते हैं ,इसलिए सबको अपनी बात करने की आजादी है लेकिन उनका यह विश्वास गलत साबित हुआ है1 श्री तिवारी ने कहा कि आज राजनीति और पत्रकारिता का घालमेल हो गया है1 नकली खबरों का प्रसार और तथ्यों को राजनीतिक हितों के अनुकूल तोड़ मरोड़कर पेश करना सामान्य हो गया है1 राजनीति को कुछ लालची और कुटिल लोगों ने भ्रष्ट कर दिया है और ऐसे लोग पत्रकारिता को भी दूषित कर रहे हैं और जेबी बन गये हैं लेकिन भरोसे की बात यह है कि अच्छे, प्रतिबद्ध और साहसी राजनेताओं की तरह पत्रकारिता में भी साहसी और प्रतिबद्ध लोग हैं ,जो मोदी तथा ट्रम्प राज में भी सच बोलने की हिम्मत रखते हैं

जयपुर के चार थाना क्षेत्रों के कर्फ्यू में आज कोई ढील नहीं

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जयपुर 09 सितम्बर, राजस्थान की राजधानी जयपुर के रामगंज थाना क्षेत्र में हिंसा के बाद शहर के चार थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू में आज रात तक कोई ढील नहीं दी गई। हालांकि स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही हैं। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया के अनुसार कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रण में हैं और स्थिति सामान्य करने के लिए सीएलजी सदस्य एवं जनप्रतिनिधि बातचीत करने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना में एक व्यक्ति की मौत तथा पथराव से बारह लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो घटना के समय मारे गये व्यक्ति का अंतिम संस्कार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर बात को पुलिस पर नहीं डाला जाना चाहिए। पुलिस तो कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अपना काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लग रहा है और बातचीत चल रही है तथा हालात शीघ्र सामान्य होने की उम्मीद हैं। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सत्येन्द्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार एसडीएम को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि देर रात कानून व्यवस्था संबंधी समीक्षा की जायेगी और उसके बाद स्थिति के अनुसार कर्फ्यू में ढील देने के बारे में कोई फैसला लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी द्वारा धक्का-मुक्की करने के मामले की भी जांच की जायेगी और इसके लिए सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया जायेगा। श्री सिंह ने बताया कि तोड़फोड़ एवं आगजनी करने वालों के खिलाफ जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि हालांकि अभी इस मामले में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए पुलिस अधिकारियों और रामगंज इलाके की शांति समिति के सदस्यों के बीच बैठक हुई और इसके बाद इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने लिए लोगों से अपील की गई। पुलिस आयुक्त संजय अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी के साथ अन्याय हुआ है तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, लेकिन कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जयपुर संभागीय आयुक्त राजेश्वर सिंह ने एक आदेश जारी कर इन चार थाना क्षेत्रों में रविवार करीब बारह बजे तक मोबाइल, इंटरनेट, इंटरनेट सर्विसेज पर रोक लगा दी गई हैं। शहर के रामगंज, गलतागेट, माणक चौक एवं सुभाष चौक थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू के दौरान ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है तथा इस दौरान कहीं से भी अप्रिय समाचार नहीं मिले हैं। हालांकि परिजनों के सहमत नहीं होने से मारे गये व्यक्ति के शव का आज पोस्टमार्टम नहीं हो सका। उधर कई सामाजिक एवं जनसंगठनों ने मारे गए व्यक्ति के मामले में आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने, रामगंज थाने के स्टाफ को बर्खास्त करने तथा पूरे मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराने की मांग की है वहीं ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ , भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा अन्य जनप्रतिनिधियों ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की हैं। उल्लेखनीय है कि कल रात एक मामूली मामले को लेकर हुई हिंसा में कई वाहनों को आग लगा दी गई तथा इस दौरान भीड़ को तितर बितर करने के लिए की गई पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि पथराव में पुलिसकर्मियों सहित बारह लोग घायल हो गये।

राजनाथ और महबूबा ने की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा

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श्रीनगर, 09 सितंबर, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से कानून व्यवस्था की स्थिति और घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों समेत अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा की। श्री सिंह राज्य की चार दिवसीय यात्रा पर आज यहां पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि श्री सिंह श्रीनगर पहुंचने के बाद सीधे चेश्मशाही के नेहरू गेस्ट हाउस गए जहां उन्होंने सुश्री मुफ्ती से मुलाकात की। सुश्री मुफ्ती ने केन्द्रीय गृहमंत्री को राज्य की कानून एवं व्यवस्था खासकर घाटी की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया जहां गत एक माह से जारी हिंसा में कम से कम 27 आतंकवादी मारे गए हैं और सुरक्षाबल के कई जवान शहीद हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं ने घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर भी विस्तार से चर्चा की।


श्रीलंका के साथ भारत के रिश्ते महत्वपूर्ण: मोदी

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नयी दिल्ली 09 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि श्रीलंका के साथ भारत अपने रिश्तों को महत्वपूर्ण मानता है तथा इन्हें और सुदृढ़ बनाने का इच्छुक है। श्री मोदी ने यह बात भारत यात्रा पर आये श्रीलंका के विदेश मंत्री तिलक मारापना से कही जिन्होंने आज प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के साथ अपने रिश्तों को भारत बहुत महत्वपूर्ण मानता है। दोनों देशों के बीच संबंध काफी गहरे और व्यापक हैं। भारत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और व्यापक तथा मजबूत करने की इच्छा रखता है। प्रधानमंत्री ने इस साल मई में बैसाक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर उनकी श्रीलंका यात्रा को याद किया और श्री मारापना को श्रीलंका के विदेश मंत्री का पद संभालने के लिए बधाई दी। तीन दिन की भारत यात्रा पर आये श्री मारापना ने इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भी साथ द्विपक्षीय बैठक की और आपसी सहयोग के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

बड़ी कारों, एसयूवी पर जीएसटी उपकर में सात प्रतिशत तक वृद्धि

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हैदराबाद, 09 सितंबर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने मझौली और बड़ी कारों के साथ ही एसयूवी पर जीएसटी उपकर में दो से सात प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी करने कर निर्णय लिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की आज यहां हुई 21 वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद श्री जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि छोटी कारों, हाई ब्रीड कारों और 13 सीटर वाहनों पर जीएसटी उपकर में काेई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मझौली कारों पर जीएसटी उपकर में दो प्रतिशत, बड़ी कारों में पांच प्रतिशत और एसयूवी पर सात प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। इस बढ़ोत्तरी के बावजूद इन वाहनों पर कर का प्रभावी दर जीएसटी लागू होने के पहले के स्तर से कम है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने डोसा बैटर और रेनकाेट जैसे 30 उत्पादों पर जीएसटी दरों में कमी करने करा निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने गत चार जुलाई को एक अध्यादेश जारी कर जीएसटी परिषद को कारों पर कर में 10 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी करने के लिए अधिकृत किया था। परिषद ने 20 लाख रुपये के हस्तशिल्प निर्माताओं को दूसरे राज्यों से उत्पाद बेचने के लिए अस्थाई पंजीकरण कराने में छूट देने का निर्णय लिया है। खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग द्वारा बेचे जा रहे खादी वस्त्रों पर लगने वाले पांच प्रतिशत जीएसटी को भी समाप्त कर दिया गया है। जीएसटी परिषद ने जीएसटीएन पोर्टल में आ रही तकनीकी खामियों की निगरानी के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त परिषद ने जीएसटीएन पोर्टल की तकनीकी खामियों को ध्यान में रखते हुए जुलाई महीने के लिए भरे जाने वाले जीएसटी रिर्टर्नाें की तिथि बढ़ाने का भी निणर्य लिया है। श्री जेटली ने कहा कि जुलाई महीने में जीएसटी से करीब 95 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।

प्रद्युम्न की हत्या मामले में सात दिन में आरोप पत्र: पुलिस

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गुरुग्राम,09 सितम्बर, हरियाणा पुलिस ने कहा है कि रेयान स्कूल के दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में अदालत में सात दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करने का आग्रह किया जायेगा। गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छात्र की हत्या मामले में बस कंडक्टर की संलिप्तता की पुष्टि हो गयी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि कोई और शामिल पाया जायेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी । श्री खिरवार ने बताया कि सुरक्षा खामियों का पता लगाने के लिये एक समिति गठित की गयी है जिसकी रिपोर्ट सोमवार तक आ जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की हर पहलू से जांच करने में जुटी हुई है और उम्मीद है कि जांच पूरी हो जाने के बाद वह सभी को संतुष्ट करने में सक्षम होंगे। गौरतलब है कि गुरुग्राम के रेयान स्कूल के दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की कल स्कूल के शौचालय में चाकू मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस घटना के बाद स्कूल के प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया था। हत्या के आरोप में स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया और उसे अदालत ने तीन दिन की हिरासत में भेज दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया से बातचीत में छात्र की हत्या को जघन्य अपराध बताया और कहा कि रिपोर्ट आने के बाद जो भी कोई इस मामले में दोषी पाया जायेगा,उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। श्री खट्टर ने कहा कि यह बहुत दु:खद घटना है और इससे उन्हें बहुत कष्ट हुआ है। छात्र के परिवार के प्रति पूरी सहानुभूति है। रिपोर्ट आने के बाद यदि कोई तथ्य छूट गया होगा तो सरकार केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने से पीछे नहीं हटेगी। उधर साेहना अधिवक्ता संघ ने छात्र की हत्या के आरोपी का मुकदमा नहीं लड़ने का एलान किया है। इस बीच,केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रवक्ता रमा शर्मा ने कहा है कि छात्र की हत्या के संबंध में स्कूल से दो दिन के भीतर मामले की रिपोर्ट और प्राथमिकी की रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह मृतक छात्र के परिजनों से मिलने गये। उन्होंने प्रद्युम्न के अभिभावकों को भरोसा दिलाया है कि जांच में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जायेगी और जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद वह संतुष्ट होंगे। श्री सिंह ने सीबीआई से जांच की मांग के बारे में कहा कि आम लोगों की आदत हो गयी है और वह हर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस की जांच संतोषजनक नहीं रही और लोग उससे संतुष्ट नहीं हुए तब इस पर बात करेंगे। छात्र की माँ ने कहा कि प्रधानाचार्य जब कल अस्पताल में आये तो उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। अपने बेटे की हत्या की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए मृतक छात्र की मां ने निलंबित प्रधानाचार्य को गिरफ्तार करने की मांग की है। पुलिस ने कहा है कि इस घटना से सबक लेते हुए 15 दिन के अंदर शहर के स्कूलों के सुरक्षा ब्यौरा देने के लिये कहा गया है और 15 दिन के बाद स्कूलों का निरीक्षण शुरू किया जायेगा । पुलिस ने कहा कि दो दिन के भीतर एक व्यापक जांच की जायेगी जिसमें सुरक्षा गार्डों का सत्यापन जैसे पहलुओं की जांच की जायेगी। पुलिस का कहना है कि आरोपी का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं था। स्कूल की सुरक्षा की जांच में लगी निजी एजेंसी के बारे में भी पूरी तहकीकात की जायेगी। 

सिर्फ कोर्ट ट्रायल से नहीं बदलेगा हमारा समाज , परिवार और समाज को भी कसौटी पर कसना होगा

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हाल फिलहाल मुंबई में एक फ्लैट में विदेश में रह रहे बेटे के माँ के कंकाल मिलने की खबर आयी, फिर बक्सर के  डी एम के आत्म हत्या की खबर , फिर गौरी लंकेश की हत्या की खबर और फिर गुरुग्राम के स्कूल में सात साल के बच्चे की हत्या की खबर।  पिछले साल कोटा में इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा में पास होने के बाद बच्ची की आत्महत्या की खबर। देखा जाये तो ऐसी खबरें अब रोज़मर्रा बन गयी हैं। लेकिन फिर भी कोई इनमें सिर्फ राजनीतिक रंग देख पाता है तो कोई सिर्फ पारिवारिक या मनोवैज्ञानिक कारण बताकर आगे निकल जाता है. कोई बेटे पर सारा दोष मढ़ देता है तो कुछ अपराधी को फांसी की सजा देने की सिफारिश में समस्या का समाधान ढूँढ लेते  है और असली वजहों तक जाने का हमारे पास वक़्त ही नहीं होता। स्कूल बस के कंडक्टर को पकड़ लिया जायेगा, सजा सुना दी जायेगी, वह जेल चला जायेगा, ऐसा ही और भी घटनाओं के दोषियों के साथ भी किया जायेगा।  हर घटना का सिर्फ कोर्ट ट्रायल होगा, लेकिन एक भी घंटना के लिए परिवार या समाज को कठघड़े में बिलकुल भी खड़ा नहीं किया जायेगा। हम ये कहाँ जान पाएंगे कि किन वजहों से एक आदमी इतना वहशी हो गया की एक मासूम को गोदते हुए उसके कलेजे से चीत्कार नहीं निकली, कैसे एक व्यक्ति को गोलियों से छलनी करते हुए हत्यारे का दिल नहीं बैठा, क्यूँ  एक माँ फ्लैट के अंदर कंकाल बन गयी और किसी को इसकी भनक तक नहीं मिली। अपनी अमूल्य जिंदगी को कोई कैसे समाप्त कर लिया जिसके पीछे इतने रोने वाले लोग बैठे थे। 


प्रसिद्ध समाजशास्त्री दुर्खेइम ने आत्महत्या के कारणों का जो विस्तृत आनुभविक अध्ययन १९वीं सदी में फ्रांस में किया था, वे सभी कारण महत्वपूर्ण रूप से आज हमारे समाज की वर्तमान परिस्थितियों को बयान कर पा रहे हैं।  उन्होंने सामाजिक संरचना, सांस्कृतिक मानकों एवं मूल्यों जैसे सोशल फैक्ट्स की बात की थी जो व्यक्ति के ऐसे विभिन्न कृत्यों की वजह बनती है। तकनीकी रूप से आधुनिक हो रहे समाज में निश्चित रूप से मीडिया और विशेषकर नयी मीडिया (फेसबुक, वाट्सएप्प) भी व्यक्ति के व्यवहार के महत्वपूर्ण सामाजिक कारण के तौर पर सामने आया है। इसका प्रभाव भी लोगों व्यवहारों पर खूब देखा जा सकता है।उन्होंने अपने अध्ययन में पाया था कि अकेले रहने वाला व्यक्ति ख़ुशी से साथ रह रहे साथियों की तुलना में ज्यादा आत्महत्या करते हैं।  अपने आंकड़ों के आधार पर उनका दावा था कि सामाजिक कारणों से आत्महत्याएं होती हैं न कि सिर्फ व्यक्तिगत और मनोवैज्ञानिक कारणों से। हमारे लिए ये सोचने का वक़्त आ गया है क्यूँ कि तेज़ी से हो  रहे शहरीकरण और तकनीकी विकास ने  एक ऐसा माहौल बनाया है जहाँ हर व्यक्ति अपने आप अकेला महसूस कर रहा है। वह दुविधा में भी  है कि उसे क्या करना चाहिए ? चाहे वह एक बच्चा हो, माँ -बाप हो, एक कोई भी एक आम इंसान।  अपनी भूमिकाओं को लेकर ऐसी दुविधा उत्पन्न हुई है जिसका समाधान किसी को नहीं मिल रहा है और उस स्थिति में तरह तरह के विचलित करने
वाले कृत्य सामने आ रहे हैं।  

दुर्खेइम ने कहा कि जो व्यक्ति समाज से जुड़ा हुआ है और समझता है कि उसके जीवन की कुछ अहमियत है, उसमें आत्महत्या करने की सम्भावना कम होती है, लेकिन जैसे ही यह जुड़ाव कम महसूस होगा उसमें यह भावना प्रबल हो जाएगी।   और मुझे ऐसा लगता है कि ऐसा व्यक्ति जिसमे अपने समाज से जुड़ाव का भाव है , निश्चित रूप से किसी और की हत्या को भी अंजाम नहीं दे पायेगा. क्यूँ कि जुड़ाव का भाव एक सम्मान का भाव देता है और सम्मान का भाव जुड़ने के बाद एक ऐसी जिम्मेदारी का एहसास आता है कि अपनी या किसी और की हत्या करना आसान नहीं रह जाता। दुर्खेइम कहते  हैं कि सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक उथल पुथल का भी समाज और व्यक्ति के दैनिक जीवन पर ऐसा प्रभाव होता है कि व्यक्ति में अपने समाज से दूरी का अहसास आता है जिससे आत्महत्या की भावना प्रबल होती है। बड़े शहरों में ऐसे वारदातों की संख्या बढ़ी है और अपने परिवार और समाज से दूरी इसकी मुख्य वजह बनी है, जहाँ एक परिवार में भी लोगों के पास एक दूसरे के लिए वक़्त की कमी हुई है। तभी मुंबई के फ्लैट में माँ कंकाल बन जाती है और किसी को पता नहीं चलता। कौन जनता है मौत ही हुई या अपने जीवन को अकेलेपन में समाप्त ही कर लिया और फिर भी परिवार और समाज बेखबर ही रहा। और एक वज़ह दुर्खेइम ने बताया सुसाइड का।  अपनी अलग अलग भूमिकाओं के कारण परिवार या समाज से जुड़ा व्यक्ति किसी वजह से, जैसे किसी की मौत या रिटायरमेंट के कारण अपनी अहमियत खो देता है तो आत्महत्या की ओर अग्रसर होता है।  वृद्धों में यह वजह मुखर रूप से सामने आता है। एक वजह ये भी बताया कि समाज बहुत नियामक बन जाये तो भी व्यक्ति खुद को नकारता है और अपना अस्तित्व समाप्त करना चाहता है. ऐसा नियामक हमारे परिवारों में बहुत हावी हो रहा है। जहाँ एक तरफ  डीएम के परिवार के लोग तो दूसरी तरफ बच्चों को नए युग के माता पिता अपने नियमों और इच्छानुरूप एक सांचे में ढालने को आतुर हैं। उस व्यक्ति या बच्चे की इच्छा को अहमियत नहीं दी जा रही और वे  तंग आकर उन परिस्थितियों से जूझने के बजाय अपने जीवन को ही समाप्त कर ले रहे हैं।  और हम हैं कि इन सभी घटनाओं की वज़ह सिर्फ उस व्यक्ति विशेष में देखकर आगे निकल जाना चाह  रहे हैं लेकिन फिर ऐसी ही वारदातों सेसामना हो रहा है। अब हमें रूककर इन कारणों पर  काम करना होगा। अपने आप को कठघड़े में खड़ा करना होगा और सोचना होगा कि परिवार और समाज की इकाई के बतौर हम अपनी भूमिका को कितनी अहमियत दे रहे है।  अपने परिवार, आस -पड़ोस से कितना इतिफाक रखते है, किसी की परेशानियां हमें परेशान करती भी है कि  सिर्फ अफ़सोस जताकर निकलने में माहिर होते जा रहे हैं हम?  तो फिर हम चाहे कितना भी सोच लें कि एक अदद फ्लैट,  गाडी, घर में ढेरों सामान और सिर्फ अपने बच्चों के लिए ढेरों डिग्रियां जुटाकर ही खुशहाल हैं और उन्नति के पथ पर अग्रसर हैं तो दरअसल ये हमारी ग़लतफ़हमी है। अपने ही समाज के इन घटनाओं के लिए हम सब भी कहीं न कहीं जिम्मेवार तो हैं !
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निभा सिन्हा
स्वतंत्र पत्रकार एवं गेस्ट लेक्चरर

रेयान स्कूल के बाहर अभिभावकों का उग्र प्रदर्शन पुलिस ने किया लाठी चार्ज

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नयी दिल्ली/गुरुग्राम 10 सितंबर, गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के अंदर दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की निर्मम हत्या को लेकर स्कूली बच्चों के अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने आज लगातार दूसरे दिन भी उग्र प्रदर्शन किया और स्कूल के शीशे तोड़े और आसपास की दुकानों को अाग लगा दी।प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ जिसमें कुछ मीडियाकर्मियों को भी चोटें आयी हैं।प्रदर्शनकारियों ने स्कूल के बाहर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोपी बताकर एक बस कंडक्टर को गिरफ्तार किए जाने तथा स्कूल की प्रिंसिपल को निलंबित किए जाने की कार्रवाई से अभिभावक संतुष्ट नहीं है और स्कूल का लाइसेंस रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि कहीं कोई बात ऐसी है जिसे स्कूल प्रबंधन छुपा रहा है जिसमें पुलिस और प्रशासन उसका साथ दे रहे हैं। प्रद्युम्न के माता-पिता के साथ ही ज्यादातर अभिभावक इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं। प्रद्युम्न की मां पहले ही कह चुकी हैं कि हो सकता है कि उनके बच्चे ने स्कूल के बाथरूम में कुछ ऐसा देख लिया था जिसे छुपाने के लिए उसकी हत्या कर दी गई। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह आश्वासन दिया है कि बच्चे के हत्यारे को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन अभिभावक किसी भी बात पर यकीन करने को तैयार नहीं है और स्कूल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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